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कई महिलाओं में थोड़ी सी स्पॉटिंग या हलकी ब्लीडिंग प्रेगनेंसी का पहला संकेत हो सकती है | हालाँकि प्रत्येक प्रेगनेंसी में ऐसा नहीं होता बल्कि यह ब्लीडिंग यूटेरस की लीनिंग में फ़र्टिलाइज्ड एग स्थापित (इम्प्लांट) होने के कारण हो सकती है क्योंकि इस समय छोटी-छोटी शिराएँ टूट जाती हैं | इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग और पीरियड की शुरुआत के बीच अंतर करना काफी मुश्किल हो सकता है लेकिन इसका पता लगाने के लिए कुछ स्पष्ट रूप से दिखाई देने वाले अंतर पर ध्यान देना होगा | उदाहरण के लिए, इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग में पीरियड में होने वाली ब्लीडिंग की तुलना में काफी कम ब्लीडिंग होती है जो बहुत थोड़े से समय के लिए होती है | आप प्रेगनेंसी के दूसरे प्रारंभिक लक्षणों पर भी नज़र रख सकते हैं लेकिन इस बात को जानने का सबसे सुरक्षित उपाय हैं- प्रेगनेंसी टेस्ट करना और डॉक्टर को दिखाना |

विधि 1
विधि 1 का 3:

कॉमन इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग के लक्षण देखें

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  1. ऐसी ब्लीडिंग पर नज़र रखें जो आपके अनुमानित पीरियड से कुछ दिन पहले ही शुरू हो जाए: इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग आमतौर पर गर्भधारण (कंसीव) करने के बाद 6 से 12 दिन में होती है | इसका मतलब यह है कि यह ब्लीडिंग आपके अनुमानित अगले पीरियड की डेट से एक सप्ताह में हो जाएगी | [१]
    • जो ब्लीडिंग पीरियड की संभावित डेट से पहले या बाद में होती है, उसकी इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग होने की संभावना बहुत कम होती है, लेकिन यह असंभव नहीं है | इम्प्लांटेशन में लगने वाला समय अलग-अलग हो सकता है |

    टिप : अगर आपके पीरियड्स रेगुलर रहते हैं तो उन्हें ट्रैक करके पता कर सकते हैं जिससे आपको जानकारी रहे कि अगले पीरियड्स संभवतः कब शुरू होंगे । अगर आपको यह मालूम ही न हो कि मासिकचक्र कितने दिन का है तो यह पता लगाना काफी मुश्किल हो सकता है कि यह ब्लीडिंग इम्प्लांटेशन की वजह से है या पीरियड शुरू होने से ।

  2. पीरियड्स में ब्लीडिंग लाइट पिंक या ब्राउन कलर से शुरू होती है लेकिन धीरे-धीरे यह एक दिन या उससे ज्यादा समय में ही डार्क रेड होने लगती है | लेकिन इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग पिंक या ब्राउन ही बनी रहती है | [२]
    • याद रखें, इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग सभी महिलाओं में एक जैसी नहीं दिखाई देती | कुछ केसेस में, ज्यादा डार्क रेड कलर भी दिखाई दे सकता है जो पीरियड की शुरुआत होने जैसा लगता है | [३]
    • अगर आपको ब्राइट रेड ब्लीडिंग हो या आपको लगता हो कि आप प्रेग्नेंट हैं तो डॉक्टर को जल्दी से जल्दी दिखाएँ | वे आपकी ब्लीडिंग के सीरियस कारण का पता लगाने या पहचानने में आपको मदद कर सकते हैं |
  3. अधिकतर केसेस में, इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग बहुत लाइट एक्चुअल ब्लीडिंग की तुलना में स्पॉटिंग से थोड़ी ही ज्यादा होती है | इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग में आपको ब्लड के कोई क्लॉट या धक्के नहीं दिखाई देंगे | [४]
    • आपको ब्लड का लगातार होने वाला हल्का बहाव दिखाई दे सकता है या फिर आपको अपने अंडरवियर या टॉयलेट पेपर से पोंछते समय कभी-कभी खून के धब्बे दिखाई दे सकते हैं |
  4. इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग की एक और विशेषता यह है कि यह कुछ घंटों से लेकर लगभग तीन दिन तक अपेक्षाकृत कम समय के लिए होती है | जबकि पीरियड थोड़े लम्बे चलते हैं जो औसतन तीन से सात दिन तक का समय होता है (हालाँकि यह समय हर महिला के लिए अलग-अलग हो सकता है) | [५]
    • अगर ब्लीडिंग तीन दिन से ज्यादा बनी रहे, भले ही वो सामान्य की तुलना में लाइट हो तो ये पीरियड की ब्लीडिंग हो सकती है |
  5. ब्लीडिंग बंद होने के कुछ दिनों बाद होम प्रेगनेंसी टेस्ट करें: आपको कई अलग-अलग कारणों से वेजाइनल ब्लीडिंग हो सकती है | इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग की सुनिश्चितता के लिए होम प्रेगनेंसी टेस्ट करना सबसे बेहतर होता है | इनमे से अधिकतर टेस्ट अलगे पीरियड के संभावित पहले दिन के कुछ दिनों बाद लगाने पर बेहतर कम करता है इसलिए ब्लीडिंग बंद होने के कम से कम तीन दिन के बाद ही टेस्ट लगायें |Take [६]
    • आप किसी भी फार्मेसी से होम प्रेगनेंसी टेस्ट किट खरीद सकते हैं | अगर आप कोई एक किट नहीं खरीद सकते तो ऑनलाइन कोई नजदीकी क्लिनिक या हेल्थ सेंटर सर्च करें जो फ्री प्रेगनेंसी टेस्ट करते हों | [७]
विधि 2
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प्रेगनेंसी के दूसरे संकेत भी चेक करें

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  1. इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग के साथ माइल्ड क्रेम्प्स भी होते हैं जो पीरियड की तुलना में थोड़े लाइट होते हैं | ये क्रेम्प्स पेट के निचले हिस्से में हलके दर्द के रूप में होते हैं या फिर आपको चिकोटी काटने, खिंचाव वाले या झनझनाहट वाले सेंसेशन फील हो सकते हैं | [८]
    • अगर आपको शार्प पैन या इंटेंस क्रेम्प्स हों और पीरियड न आया हो तो डॉक्टर को दिखाकर संभावित सीरियस कारणों का पता लगाएं |
  2. छूने पर दर्द करने वाले, आकर में बड़े हुए ब्रैस्ट को चेक करें: प्रेगनेंसी के शुरूआती दौर में ब्रैस्ट में बदलाव होना बहुत ही कॉमन संकेत होता है | इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग के समय के आसपास ही आप ब्रैस्ट में पीड़ा, भारीपन, सूजन या छूने पर दर्द अनुभव कर सकती हैं | ये सामान्य से कहीं ज्यादा बड़े दिखाई दे सकते हैं | [९]
    • ब्रैस्ट में होने वाली ओवरऑल टेंडरनेस (छूने पर दर्द) के अलावा आप नोटिस करेंगी कि निप्पल स्पर्श के प्रति असामान्य रूप से सेंसिटिव हो जाते हैं | [१०]
  3. गर्भावस्था के प्रारंभिक कॉमन लक्षणों में थकान होना भी शामिल है | रातभर अच्छी तरह से सोने के बाद भी आपको बहुत ज्यादा नींद आती रहती है या आप सामान्य की तुलना में बहुत जल्दी थक जाती हैं | [११]
    • गर्भावस्था के प्रारंभिक चरण में होने वाली थकान काफी सीवियर हो सकती है जिससे काम करना या रोजमर्रा की एक्टिविटी करने में भी परेशानी हो सकती है |
  4. इसे “मॉर्निंग सिकनेस” कहते हैं जिसमे मितली और खाने से अरुचि हो जाती है और यह दिन या रात के किसी एक समय तक ही नहीं रहती, बल्कि हर समय बनी रहती है | हालाँकि ये लक्षण प्रेगनेंसी के लगभग एक महीने में सेट हो जाते हैं लेकिन आप इससे पहले भी नोटिस कर सकती हैं | [१२]
    • हर किसी प्रेग्नेंट महिला को ये सभी लक्षण नहीं होते इसलिए ये पेट की परेशानियाँ न होने पर खुद की प्रेगनेंसी को अनुमान न लगाएं |
    • आपको कोई ख़ास फ़ूड या स्मेल मितली लाने या भूख कम करने के लिए ट्रिगर का काम कर सकता है |
  5. गर्भावस्था के शुरुआती दौर में होने वाले रैपिड हार्मोन चेंजेस आपकी भावनाओं को प्रभावित कर सकते हैं | [१३] अगर आपको फिजिकली प्रेगनेंसी के लक्षण दिखाई दे रहे हों तो अपने इमोशनल और मेंटल लक्षणों पर भी नज़र रखें | जैसे:
    • मूड बदलते रहना
    • बिना किसी कारण के दुखी होना या रोना
    • चिडचिडापन और एंग्जायटी
    • एकाग्रता में परेशानी
  6. गर्भावस्था के शुरूआती दौर में हार्मोन्स में होने वाले तुरंत बदलावों से आप खुद को बीमार अनुभव कर सकते हैं जिसके कारण सिरदर्द, चक्कर आना या बेहोशी आने जैसे लक्षण होने लगते हैं | आपको शरीर का तापमान थोडा बड़ा हुआ भी फील हो सकता है जिससे आपको लग सकता है कि आपको जुकाम या फ्लू होने वाला है | [१४]

    क्या आप जानते हैं ? कई बार नेसल कंजेशन गर्भावस्था का शुरुआती लक्षण होता है । इस अवस्था में नासामार्गों में ब्लड फ्लो बढ़ जाता है । [१५]

विधि 3
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मेडिकल डायग्नोसिस कराएं

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  1. अगर आपको असामान्य स्पॉटिंग हो रही हो तो डॉक्टर को दिखाएँ: भले ही आपका प्रेगनेंसी टेस्ट पॉजिटिव आया हो या नहीं, अगर पीरियड के अलावा स्पॉटिंग होती है तो डॉक्टर को दिखाना बहुत जरुरी होता है | अपने डॉक्टर या गायनेकोलिजिस्ट से अपॉइंटमेंट लें जिससे वे आपको एक्सामिन कर सकें और ब्लीडिंग के संभावित कारणों का पता लगा सकें | [१६]
    • इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग के अतिरिक्त वेजाइनल ब्लीडिंग कई तरह की दूसरी कंडीशन का लक्षण हो सकती है | जैसे, हार्मोन असंतुलन, इन्फेक्शन, सेक्सुअल इंटरकोर्स से होने वाली उत्तेजना या किसी तरह का कैंसर | [१८]
    • अगर ब्लीडिंग बहुत ज्यादा हो रही हो और आप जानती हों कि आप प्रेग्नेंट हैं तो डॉक्टर को दिखाना बहुत जरुरी हो जाता है | घबराएं नहीं क्योंकि हो सकता है कि चिंता का कोई कारण न हो |

    टिप: हालाँकि पीरियड्स के बीच होने वाली वेजाइनल ब्लीडिंग के कुछ कारण काफी सीरियस होते हो सकते हैं लेकिन घबराने की जरूरत नहीं है

  2. जब डॉक्टर से मिलेंगे तो वे आपसे आपकी ओवरऑल हेल्थ और अनुभव होने वाले दूसरे लक्षणों के बारे में पूछेंगे और वे आपसे वर्तमान में सेक्सुअली एक्टिव होने के बारे में भी सवाल पूछेंगे | आप उन्हें पूरी जानकरी दें जिससे वे सबसे सटीक डायग्नोसिस बना सकें | [१९]
    • वर्तमान में आप जो भी दवाएं लेती हैं, उनकी जानकारी भी डॉक्टर को दें जैसे, हार्मोनल बर्थ कण्ट्रोल पिल्स क्योंकि इनके कारण पीरियड्स के बीच ब्लीडिंग या स्पॉटिंग हो सकती है |
  3. भले ही आपने घर पर प्रेगनेंसी टेस्ट किया हो, तो भी डॉक्टर की क्लिनिक पर यह टेस्ट कराना बेहतर होगा | वे ब्लीडिंग या दूसरे लक्षणों के कारण के रूप में प्रेगनेंसी कन्फर्म करने या उसका पता लगाने में आपकी मदद कर सकते हैं | डॉक्टर को बताये कि आपको लगता है कि आप प्रेग्नेंट हो सकती हैं और आप टेस्ट करना चाहती हैं | [२०]
    • डॉक्टर प्रेगनेंसी के टेस्ट के लिए आपकी यूरिन और ब्लड सैंपल ले सकते हैं |
  4. अगर आपका प्रेगनेंसी टेस्ट नेगेटिव आये या डॉक्टर को ले कि कोई और वज़ह है तो वे आपके और भी कुछ टेस्ट करायेंगे | इसी तरह से वे प्रजनन अंगों के स्वास्थ्य का परीक्षण करने के लिए संभवतः फिजिकल और पेल्विक एग्जामिनेशन भी करना चाहेंगे | इसके अलावा, वे निम्नलिखित टेस्ट कराने की सिफारिश करेंगे: [२१]
    • सर्वाइकल कैंसर या सर्विक्स में दूसरी असामान्यताओं को चेक करने के लिए पेप स्मीयर
    • सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज को चेक करने के लिए टेस्ट्स
    • थाइरोइड प्रॉब्लम (thyroid problem) या पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) जैसी हार्मोनल या एंडोक्राइनल परेशानियों को चेक करने के लिए ब्लड टेस्ट्स |

सलाह

  • हर किसी को प्रेगनेंसी होने पर इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग अनुभव नहीं होती | बल्कि, यह केवल एक तिहाई समय तक ही होती है | [२२] अगर आपको कोई स्पॉटिंग नहीं हुई लेकिन दूसरे लक्षण जैसे मितली, थकान या पीरियड मिस होने जैसे लक्षण हों तो भी आप प्रेग्नेंट हो सकती हैं |

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