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अधिकतर बच्चे 10 से 18 महीने की आयु के बीच चलना सीख जाते हैं | [१] लेकिन वहां तक पहुँचने के लिए उन्हें क्रॉलिंग से खुद को ऊपर खींचने तक का सफ़र तय करना पड़ता है | याद रखें की सभी बच्चे अलग होते हैं, तो ये भी हो सकता है की आपके बच्चे को चलना सीखने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़े या वो यूँ ही अचानक चलना शुरू कर दे | अपने बच्चे को चलना सीखने के ख्याल से वाकिफ कराने के लिए बहुत सारा प्रोत्साहन और अभ्यास काम में आता है |

विधि 1
विधि 1 का 4:

बच्चे को खड़ा होने में मदद करना

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  1. बच्चे को आपके पैरों पर अपने पैर रख कर गोद में उछलने दें: इससे उनके पैरों की मांसपेशियां मज़बूत होंगी, ख़ास तौर से अगर वो क्रॉल करना सीख रहे हैं या अपने को खुद से खड़ा करने का प्रयत्न | [२]
    • आपको उन्हें ये भी दिखाना होगा की पैर कैसे मोड़े जाते हैं | साथ ही पैरों को मोड़ने का अभ्यास कराएं ताकि वो खड़े होने और बैठने की मोटर स्किल को सशक्त कर सकें |
  2. 5 से 6 महीने की उम्र के करीब, अपने बच्चे को बाउंसी चेयर ला दें जो उसके पैरों की मांसपेशियों को मजबूती प्रदान करना शुरू कर दे | [३]
    • बच्चे को वॉकर (walker) दिलाने से परहेज़ करें क्योंकि कुछ पेडीट्रीशिय्न बच्चों के लिए वॉकर के प्रयोग को गलत बताते हैं | शोधों से पता चला है की ऐसा करने से बच्चे की मोटर डेवलपमेंट पिछड़ सकती है और उसे पीठ की समस्या भी हो सकती है | ये सुरक्षा के लिहाज़ से भी सही नहीं हैं, क्योंकि वॉकर्स उलटे हो कर सीड़ियों से नीचे गिर सकते हैं | [४]
    • वॉकर्स के इस्तेमाल पर कई देशों में प्रतिबन्ध लगा है और आपको अपने देश की स्थिति जान लेनी चाहिए | [५]
  3. बच्चे को खड़े होने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए खिलोनों का प्रयोग करें: कोई खिलौना बच्चे की पहुँच से दूर, थोड़ा ऊपर, या ऐसे स्थान पर जहाँ पहुँचने के लिए उसे उठाना पड़े, रखें | [६]
  4. एक बार आपका बच्चा खुद से खड़ा होना सीख ले तो उन्हें वापस बैठना भी सिखाएं: अधिकतर बच्चे अपने पैरों पर खड़ा होना तो सीख जाते हैं, लेकिन उससे पहले नीचे वापस बैठना नहीं सीखते हैं, तो इसलिए खड़े होने के बाद वो मदद के लिए रोये तो परेशान नहीं हों | [७]
    • जब वो रोने लगें तब उन्हें उठाने के बजाय, उनके घुटने मोड़ कर उन्हें नीचे बैठना सिखाएं | साथ ही ये भी ध्यान दें की ऐसा करते समय जब तक वो बैठ ना जाएँ उनके वजन को आप सहारा दे रहे हैं |
विधि 2
विधि 2 का 4:

अपने बच्चे को क्रूज करने में (cruising) मदद करना

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  1. अपने फर्नीचर को ऐसे लगायें की आपका बच्चा आराम से क्रूज कर सके: क्रूजिंग का अर्थ है जब आपका बच्चा अन्य सामान जैसे फर्नीचर और वस्तुओं का सहारा लेकर चलने लगे | अपने फर्नीचर को एक सीधी लाइन में लगा लें, और ये भी ध्यान दें की ये सभी वस्तुएं चाइल्ड प्रूफ हों | इससे आपका बच्चा आसानी से सहारा लेकर चल पायेगा | [८]
    • एक बार आपका बच्चा क्रूज़ करना शुरू करे तो अपने घर को फिर से चाइल्डप्रूफ कर सें, क्योंकि अब वह ऊँचाई तक पहुँचने लगेंगे, जो की नयी मुसीबतों को जन्म दे सकता है | [९]
    • जब बच्चा क्रूज़ करे तो उसके सामने अपनी उँगलियों करके उन्हें सहारा दें ताकि वो फर्नीचर को छोड़ आपके हाथ थम सके | जल्दी ही, वह आपको एक हाथ से पकड़ रहे होंगे या शायद हाथ को भी छोड़ कर चलना सीख जायेंगे | [१०]
  2. अपने बच्चे के लिए एक पुश टॉय जैसे छोटी शौपिंग कार्ट, या पिंट साइज़ का लॉन मोअर ले आयें, ताकि वो आपके बच्चे को क्रूजिंग करने में सहारा दे | जैसे वो चलना सीखे उसे ऐसा करने से नियंत्रण मिलेगा, उसका संतुलन सही रहेगा, और आत्मविश्वास में भी वृद्धि होगी | [११]
    • अगर बच्चा खुद से क्रूज़ करना सीख रहा है, तो ऐसे टॉय से शुरू करें जिसमें पहिये नहीं हों | एक बार आपको विश्वास हो जाए की आपका बच्चा मज़बूत और बढ़ा हो गया है, तो पहिये के साथ पुश टॉय शुरू कर सकते हैं | [१२]
    • ये ध्यान दें की पुश टॉय मज़बूत है, या उसमें ऐसा बार या हैंडल है जिसकी पकड़ तगड़ी है, और पहिये बढे हों, क्योंकि इससे टॉय के उल्टा हो कर गिरने की सम्भावना कम हो जाती है | [१३]
  3. बच्चे को अपनी उँगलियों को पकड़ने दें और इसके साथ ही उसे खड़ा करें, ताकि वो सिर्फ अपना ही वज़न संभाल रहा हों | जैसे आप उनकी बाहों को सहारा दें उन्हें चलने दें | [१४]
    • बच्चा जितना जायदा समय अपने पैरों की एक्सरसाइज करने में लगाएगा, उतना ही जल्दी ही वह खुद से चलना सीख लेंगे |
    • खड़े होते समय अपने बच्चे को सहारा देने से उन्हें अपने पैर सीधे करने में आसानी होगी और वो बाद में फिर उन्हें मोडेंगे नहीं | पैरों को मोड़ना बच्चा जब तक 18 महीने का होता है बंद हो जाना चाहिए, पर कई बार कुछ बच्चों के लिए ये 3 साल तक भी रह सकता है | [१५]
  4. अधिकतर सभी बच्चे माँ बाप को खुश करने की, और उसके बदले तारीफ, तालियों इत्यादि को पाने की अंदरूनी इच्छा के साथ पैदा होते हैं | इसलिए जब वो खड़े होने या क्रूज़ करने की कोशिश कर रहे हों तो उन्हें समर्थन या तारीफ दे कर उन्हें बताएं की वो बढ़िया काम कर रहे हैं | [१६]
  5. घर में चलने के लिए वाल्किंग शूज़ (walking shoes) नहीं खरीदें: अपने छोटे शैतान के लिए जूतों की लाइन लगाने की ज़रुरत नहीं है, क्योंकि उसके लिए सबसे उत्तम यह है की वो जूते ही नहीं पहने | [१७]
    • जब तक घर के अन्दर के फर्श उसके लिए साफ़ और सुरक्षित हैं, उन्हें नंगे पाँव (या, अगर आप चाहे तो, नहीं उतरने वाले मोज़े) ही चलने और खोज बीन करने दें क्योंकि ऐसा करने से उनके पैरों और एड़ियों की मांसपेशियां मज़बूत होती है, पीठ विकसित होती है, और संयम और संतुलन बेहतर होता है |
    • अगर आपका बच्चा बाहर चलने वाला है, तो ये देख लें की उसके जूते हलके और फ्लेक्सिबल हों | लम्बे बूट्स या हाई टॉप स्नीकर्स से बचें क्योंकि एड़ियों को ज्यादा सहारा देने से आपके बच्चा की आगे बढ़ने की क्षमता प्रभावित हो सकती है |
  6. अगर बच्चा आपसे सहारा नहीं चाहता हो तो उसे खड़े या चलने के लिए ऐसा करने के लिए मजबूर नहीं करें: इससे उनके मन में डर बैठ सकता है और वो चलने या खड़े होने में देर लगा सकते हैं | [१८]
    • कई बच्चे तब चलते हैं जब वो स्वयं तैयार हों, इसलिए वो 18 महीने या उससे ज्यादा, का भी हो जाए तो भी घबराएं नहीं | [१९]
विधि 3
विधि 3 का 4:

बच्चे को चलने में मदद करना

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  1. बच्चे को अपने दोनों पैरों पर खड़े होने के लिए प्रेरित करने के लिए, बैलेंसिंग को एक मस्ती वाला गेम बनाएं, और उसमें बहुत सारी तारीफ और प्रेरणा शामिल करें | [२०]
    • धरती पर बच्चे के साथ बैठें और उसे उठ कर खड़े होने में मदद करें | फिर, जोर से ये गिनें की बिना गिरे वो कितने मिनट तक खड़ा रहता है | हर बैलेंसिंग की कोशिश के बाद ताली बजा कर उनकी तारीफ़ करें |
  2. बच्चे को बैठेने के बजाय, खड़े हो कर चलने के लिए प्रेरित करें: ऐसा करने के लिए उन्हें बैठे रहने की स्थिति की बजाय खड़े होने वाली अवस्था में बिठाएं | [२१]
  3. कमरे के एक तरफ खड़े हों और उसे अपनी तरफ आने के लिए प्रेरित करें: इससे बच्चे में पहले कदम लेने का आत्मविश्वास आएगा और वह जोश से ऐसा कर पायेगा |
  4. आपके छोटू राम के लिए उसके पहले कदम बहुत बड़ी बात है, इसलिए जब वो ऐसा करे तो दिखाएं की आप भी उसके जैसे खुश और जोश में हैं | [२२]
    • जैसे वो चले उसको प्रोत्साहन देने से उसको लगता है की वह सही जा रहा है और इससे उसका आत्मविश्वास प्रबल होता है |
  5. जोर से गिरने या बीमारी के बाद अगर आपका बच्चा फिर से क्रॉल करने लगे तो घबराएं नहीं | एक ही समय पर वो और चीज़ों पर जैसे आसान भोजन खाना, नाम लेना इत्यादि सीखने की कोशिश कर रहा है, तो इसलिए हो सकता है वो कुछ हफ्ते या एक महीने तक चलने की कोशिश बंद कर दे | [२३]
    • कुछ बच्चे शुरू में क्रॉलिंग में ज्यादा सहज महसूस करेंगे इसलिए हो सकता है वो चलने से पहले क्रॉल/ वाल्क दोनों करें | [२४]
  6. जब तक दुर्घटना का डर ना हो, अपने बच्चे को गिरने दें: जब आपका बच्चा चलने लगे, तो वो उठेगा, गिरेगा और तब ही अपनी चलने की क्षमता को बेहतर बना पायेगा | इसके इलावा, कई बच्चे गहरायी का अंदाज़ा नहीं लगा पाते हैं, इसलिए वो चीज़ों तक सही से पहुँचने के बजाय उनमें टकरा कर गिर जाते हैं | [२५]
    • जब तक आपका घर एक चलने वाले बच्चे के लिए सुरक्षित और चाइल्ड प्रूफ्ड है और आप उस पर अपनी नज़र बनाये हुए हैं, तो उसके गिरने और उठने को लेकर चिंता में नहीं आयें | हो सकता है गिरने के बाद वो रोयें, पर वो चोट लगने से ज्यादा चिड़ने से होता है |
    • उनका डायपर उनके गिरने से होने वाली चोट के असर को कम रखेगा, और हो सकता है वो अपनी चोटों को आपसे पहले भूल भी जाए | जैसे वो चलना सीखे उसके हर बार गिरने पर ध्यान देने की ज़रुरत नहीं है |
विधि 4
विधि 4 का 4:

बच्चे को चलते समय सहारा देना

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  1. अपने बच्चे की प्रगति को और बच्चों से नहीं मिलाएं: सभी बच्चे एक प्रकार के नहीं होते हैं, तो अगर आपका एक निर्धारित उम्र तक नहीं चले तो परेशान नहीं हों | किसी एक स्तर पर पहुँचने के लिए, जैसे चलने में, बच्चे को कितना समय लगेगा वो अलग वज़न और चरित्र की विशेषताओं पर भी निर्भर होता है | ये ध्यान रखें की चलने का दिया गया समय अंदाज़न है और ये हर बच्चे के लिए समान नहीं हो सकता है | [२६]
    • कुछ बच्चे जो प्रीमेचयूर पैदा होते हैं उन्हें फुल टर्म पर पैदा हुए बच्चों के तौर से सभी माइलस्टोन तक पहुँचने में मुश्किल होती है | [२७]
    • इसके इलावा, कई बार बच्चों को आपकी उँगलियाँ छोड़ अपने पहले कदम लेने में डर लगता है | इसलिए ये ज़रूरी है की आप चलना सीखते समय बच्चे को समर्थन और सहारा दें और बिना वजह उन पर ज्यादा दबाव या तनाव ना डालें |
  2. अगर ऐसा लगे की बच्चे को फ्लैट फीट है तो घबराएं नहीं: ऐसा इसलिए, क्योंकि ये सिर्फ उनके शरीर का फैट है जो उनके पैरों को मोटा कर रहा है | दो या तीन साल की उम्र तक, ये पैरों पर मोजूद अधिक “मोटापा” घट जायेगा और आप उनके पैरों की स्वाभाविक आकार को देख पाएंगे | [२८]
    • उनके पैर अन्दर को भी मुड़ सकते हैं, बिलकुल आधे चन्द्रमा की तरह, जो की एक और बच्चों से जुड़ी समस्या है | समय के साथ, उनके पैर सीधे हो सकते हैं |
  3. इस बात की तसल्ली रखें की आपके बच्चे के पिजन टॉड फीट (Pigeon toed feet) अपने आप सीधे हो जायेंगे: इस समस्या को आम तौर पर “टोइंग इन (toeing-in)”, भी कहते हैं और ऐसा पैर आपके बच्चे के पैर के शिन की हड्डियों के अन्दर मुड़े होने की वजह से उत्पन्न टिबिअल टोर्ज़न (tibial torsion) का नतीजा होता है | [२९]
    • ये आपके बच्चे के पहले कदम लेने के छः महीने के अन्दर ठीक हो जाएगा |
    • अगर आपके बच्चे के छः महीन बाद भी पिजन टॉड फीट हैं, तो अपने पेडियाट्रिशियन से समस्या के समाधान के लिए स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज पूँछें |
  4. अपने बच्चे के पैर को जांचें और देखें की क्या वो उन्हें सीधा कर पा रहे हैं: कुछ बच्चे अपनी पैरों की उँगलियों के बल इसलिये चलते हैं, क्योंकि इससे उन्हें बैलेंस बनाने में आसानी होती है | ये एक आम आदत है और अपने आप चली जाएगी, पर बहुत कम मामलों में, ये आपके बच्चे के पैरों या एड़ी में मांसपेशियों में कसाव का नतीजा भी हो सकती है | [३०]
    • अगर बच्चा तीन साल की उम्र के बाद भी खुद से अपने पैरों को सीधा नहीं कर पाता है, या वो अभी भी अपने पैरों की उँगलियों के बल चलता है तो पेडियाट्रिशियन को बताएं, क्योंकि ये संभवतः डेवलपमेंट का मुद्दा हो सकता है |
  5. अगर बच्चा बार बार गिरे, या उसके पैर अकड़ते हों, या वो लगातार एक तरफ को गिरते हैं तो उसके पेडियाट्रिशियन से राय लें: ये शायद संभावित नर्व, जॉइंट या स्पाइनल समस्याओं के संकेत हो सकते हैं | [३१]
  6. जैसे आपका बच्चा चलने में सहज महसूस करने लगे उसे नयी चीज़ें समझने दें: जैसे उनमें आत्मविश्वास बढेगा और वो सपाट, समतल सतहों पर चलने में सहज महसूस करने लगेंगे, उन्हें कठिन इन्क्लायिन या असमान सतहों पर भी चलने दें | ये नये वातावरण बच्चे के संतुलन बनाने की क्षमता को बेहतर करेंगे | [३२]
  1. http://www.brillbaby.com/teaching-baby/physical-development/baby-crawling-walking/learning-to-walk.php
  2. http://www.whattoexpect.com/first-year/first-steps/
  3. http://www.healthguidance.org/entry/15090/1/How-to-Teach-a-Child-to-Walk.html
  4. http://www.whattoexpect.com/first-year/first-steps/
  5. http://www.healthguidance.org/entry/15090/1/How-to-Teach-a-Child-to-Walk.html
  6. http://www.whattoexpect.com/first-year/first-steps/
  7. http://www.healthguidance.org/entry/15090/1/How-to-Teach-a-Child-to-Walk.html
  8. http://www.whattoexpect.com/first-year/first-steps/
  9. http://www.babycentre.co.uk/x556547/how-can-i-encourage-my-14-month-old-to-walk
  10. http://www.babycentre.co.uk/x556547/how-can-i-encourage-my-14-month-old-to-walk
  11. http://www.parents.com/baby/development/walking/help-baby-learn-to-walk/#page=8
  12. http://www.parents.com/baby/development/walking/help-baby-learn-to-walk/#page=9
  13. http://www.parents.com/baby/development/walking/help-baby-learn-to-walk/#page=9
  14. http://www.whattoexpect.com/first-year/first-steps/
  15. http://www.parents.com/baby/development/walking/help-baby-learn-to-walk/#page=10
  16. http://www.whattoexpect.com/first-year/first-steps/
  17. http://www.babble.com/baby/teaching-baby-walk/
  18. http://www.healthguidance.org/entry/15090/1/How-to-Teach-a-Child-to-Walk.html
  19. http://www.whattoexpect.com/first-year/first-steps/
  20. http://www.whattoexpect.com/first-year/first-steps/
  21. http://www.whattoexpect.com/first-year/first-steps/
  22. http://www.whattoexpect.com/first-year/first-steps/
  23. http://www.brillbaby.com/teaching-baby/physical-development/baby-crawling-walking/enjoying-the-journey.php

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