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जो लोग सामाजिक परिस्थितियों में नेचुरली मजाकिया बने रहते हैं, उन्हें कई लाभ मिलते हैं | [१] X रिसर्च सोर्स [२] X रिसर्च सोर्स कई स्टडीज में दर्शाया गया है कि हास्य-परिहास से सोशल एंग्जायटी कम होती है, टेंशन कम करने में मदद मिलती है और कई सारे सकारात्मक इमोशनल और साइकोलॉजिकल इफेक्ट्स होते हैं | [३] X रिसर्च सोर्स [४] X रिसर्च सोर्स इसके अलावा, ऐसा देखा गया है कि विनोदी स्वाभाव के लोग ज्यादा सफल होते हैं | [५] X रिसर्च सोर्स लेकिन, जरुरी है कि यह विनोदी स्वाभाव नेचुरली सहज व्यवहार और सरलता से आये | अगर ह्यूमर या हास्य जबरदस्ती और अजीब ढंग से आता है तो सामाजिक परिस्थिति पर नकारात्मक प्रभाव डालता है |
चरण
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खुद को खोलने के साथ शुरुआत करें!: बहुत ज्यादा ईमानदार और संकोची बने रहना, दूसरे लोगों के सम्बंधित नेचुरल परिहास को डेवलप करने और उसे बातचीत में लाने के बीच अवरोध का काम करता है | याद रखें, हंसी संक्रामक होती है इसलिए अगर आप अपने स्वाभाव को खुला हुआ और मजाकिया बनाये रखते हैं तो लोग भी हंसने के लिए तैयार होंगे | अगर जरूरत पड़े तो ख़ामोशी को ख़त्म करने के लिए आप दूसरों की पहल को फॉलो कर सकते हैं |
- ज्यादा से ज्यादा मुस्कुराने और हंसने की कोशिश करें | [६] X विश्वसनीय स्त्रोत Mayo Clinic स्त्रोत (source) पर जायें
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अपने और अपने जीवन की सोच को लेकर सहज रहें: हर व्यक्ति की अपनी जिन्दगी के बारे में राय (opinion) होती है और कई केसेस में, ये राय ही दूसरों के लिए परिहास बन सकती हैं | जो लोग नेचुरली मजाकिया होते हैं, वे आमतौर पर उनमे और उनकी राय में भी कोई न कोई परिहास खोजने की कोशिश करते हैं | अगर आप बहुत ज्यादा ईमानदार या संकोची हैं तो इस तरह की चीज़ों में से हास-परिहास खोजना बहु मुश्किल हो जायेगा | [७] X रिसर्च सोर्स
- खुद के बारे में दूसरों के साथ कोई शर्मिंदगी वाली स्टोरी शेयर करने के बारे में सोचें | लेकिन, सावधान रहें, इस तरह आत्म-हीनता वाले जोक्स आपको या दूसरों को असहज अनुभव करा सकते हैं | कोई ऐसा मुद्दा चुनें जो सुनने में अच्छा लगे |
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रोजमर्रा की चीज़ों में से परिहास खोजें: कई कॉमेडीयंस कॉमिक मटेरियल खोजने के लिए अपने चारो ओर की दुनिया पर फोकस करते हैं | जबकि दूसरे, उनके भूतकाल के अनुभवों जैसे उनके बचपन के या भूतकाल के रिश्तों का इस्तेमाल, लोगों को हंसाने के तौर पर करते हैं | [८] X रिसर्च सोर्स हर दिन कोई ऐसी पांच मजेदार चीज़ों को नोटिस करने का लक्ष्य बनायें जो आप्क्के साथ घटित हुई हों | इस तकनीक से, आप सांसारिक स्थिति में भी हास-परिहास देखना शुरू कर देंगे जिसे हर कोई पसंद करेगा | [९] X रिसर्च सोर्स
- रोजमर्रा की जिन्दगी के बेतुके और अजीब पहलू में से भी प्रेरणा और मटेरियल खोजने की कोशिश करें | क्या आपने किसी पॉपुलर म्यूजिक, फैशन, हॉलिडे और हाल ही में हुए इवेंट में कोई अजीब चीज़ देखी?
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खुशमिजाज़ स्वाभाव वाले दोस्तों या परिचितों से मिलें: हम सभी के पास ऐसे दोस्त होते हैं जो हमेशा हमें हंसाते हैं | आपको क्या लगता है कि कौन सी चीज़ है जो उन्हें फनी बनाती है? जब आप उन्हें देखें तो ध्यान दें कि उन्हें कौन सी चीज़ फनी बनाती है | क्या उनकी बात करने की टोन, बॉडी लैंग्वेज, कंटेंट, सामान्य व्यवहार या कोई और चीज़ है जो उन्हें नेचुरली फनी बनाती है | अगर आप पता लगा लें कि कौन सी चीज़ उन्हें फनी बनाती है तो आपको भी नेचुरली फनी बनने का संकेत मिल जायेगा |
- फनी लोगों के बीच ज्यादा समय बिताने की आदत डाले और खुद भी फनी स्टोरी या चुटकुला शेयर करें | [१०] X विश्वसनीय स्त्रोत Mayo Clinic स्त्रोत (source) पर जायें
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कॉमेडिक स्टाइल पर रिसर्च करें: अलग-अलग तरह के लोगों पर कई भिन्न-भिन्न कॉमेडिक स्टाइल अच्छी लगती हैं | कुछ लोगों को व्यंग्यपूर्ण और मजाकिया बातें पसंद आती हैं जबकि कुछ लोग चुटकुलों में मजा लेते हैं | इसके अलावा, कुछ लोगों को फनी एक्शन देखकर मजा आता है | ये सभी फनी बनने की जानी-मानी विधियाँ हैं लेकिन नेचुरली फनी बनने के लिए बेहतर होगा कि कोई ऐसी चीज़ चुनें जो आपकी पर्सनालिटी पर फिट हो | [११] X रिसर्च सोर्स
- वास्तविक कॉमेडी फनी लोगों की पर्सनल स्टोरीज पर आधारित होती हैं जिन्हें बाधा-चढ़ाकर बताया जा सकता है और नहीं भी |
- रुखे मिज़ाज (dry humor) में कोई एक्सप्रेशन और सच्चाई नहीं होती लेकिन मटेरियल अपनेआप में काफी मजेदार होता है |
- अतिशयोक्तिपूर्ण कॉमेडी में किसी बात को बड़े पैमाने पर बढ़ा-चढ़ाकर बताया जाता है |
- व्यंग्यात्मक कॉमेडी में जोक (joke) का मतलाब उसके वास्तविक रूप से बिलकुल विपरीत होता है |
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फनी बने रहने की प्रैक्टिस करें: कुछ कहकर या करके हर दिन किसी न किसी व्यक्ति को हंसाने का लक्ष्य बनायें | अच्छा सेंस ऑफ़ ह्यूमर रातोंरात प्रकट नहीं होता और प्रोफेशनल कॉमेडियंस को भी अपनी यूनिक स्टाइल डेवलप करने में कई साल लग जाते हैं | शुरुआत छोटे स्तर से करें, धीरे-धीरे आप भी आम बातचीत में नेचुरली फनी बने रहने का रास्ता खोज लेंगे | [१२] X रिसर्च सोर्स
- अगर आपको कोई चीज़ फनी लगती है तो उसे शेयर करने में डरें नहीं | हालाँकि दूसरे लोग हर बार आपके मजाक को समझ पायें, ये जरुरी नहीं है लेकिन आप उनके रिएक्शन का इस्तेमाल अपनी स्टाइल, कंटेंट और टाइमिंग को सुधारने के लिए कर सकते हैं |
- जो चीज़ आपको हंसाती है, उसे दूसरों से भी शेयर करें | अगर आपको कोई चीज़ मजेदार लगती है तो उसे अपने उस दोस्त के साथ शेयर करें जिसके बारे में आपको लगता है कि उसे भी इसमें मजा आयेगा |
- किसी मूवी, टेलीविज़न शो, बुक या कॉमिक स्ट्रिप का कोई फनी एपिसोड शेयर करें |
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अपने श्रोताओं को फील करें: ध्यान रखें कि आप किस तरह के लोगों को संबोधित कर रहे हैं और उन्हें कौन सी चीज़ हंसाएगी | याद रखें, चूँकि आपको लगता है कि कोई चीज़ बहुत फनी है, जरुरी नहीं कि आपके आसपास के लोगों को भी वो फनी लगे | लोगों को हंसाने से पहले आपको अपनी ऑडियंस को समझना पड़ेगा |
- ध्यान रखें कि ह्यूमर उम्र के साथ बदलता जाता है | [१३] X रिसर्च सोर्स ज्यादा उम्र के लोगों को सेक्सुअल या आक्रामक टाइप के ह्यूमर पर बहुत कम हंसी आती है जबकि युवा इसकी काफी सराहना कर सकते हैं |
- ध्यान रखें, इनसाइड जोक्स, विशेषरूप से ग्रुप स्टोरीज या प्रैक्टिकल जोक्स शेयर करने के लिए क्लोज फ्रेंड्स ही बेहतर होते हैं | आप नहीं चाहेंगे कि कोई कॉन्टेक्स्ट समझ न आने के कारण बीच में ही छोड़कर चला जाए |
- जब तक आपके एकसमान व्यूज शेयर न हों, धर्म या राजनीति पर जोक करने से बचें | [१४] X रिसर्च सोर्स
- लोगों को ज्यादा कम्फ़र्टेबल और पॉजिटिव फील कराने के लिए हास-परिहास का इस्तेमाल करें, कभी भी किसी व्यक्ति को उसकी बनावट के लिए छोटा न दिखाएँ या उसकी आस्था पर आघात न करें | [१५] X रिसर्च सोर्स
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स्टोरी या जोक सुनाने पर समय पर ध्यान दें: प्रोफेशनल कॉमेडियंस कहते हैं कि टाइमिंग ही सबकुछ है और यह किसी भी कॉमिक डिलीवरी की कुंजी है | [१६] X रिसर्च सोर्स कोई भी स्टोरी या जोक और ज्यादा फनी तभी बनते हैं, जब स्टोरी सुनाने वाला ड्रामा और पूर्वानुमान बनाने के लिए पंचलाइन से तुरंत पहले थोडा सा पॉज लेता है | आप पंचलाइन के बाद थोड़ी देर तक हंसने का इंतज़ार कर सकते हैं लेकिन इस तरह से लोगों को पता ही नहीं चलेगा कि आपने जोक सुनाया है या नहीं | इसी दूसरे टॉपिक पर आने से पहले अपनी ऑडियंस को हंसने के लिए हमेशा थोडा समय दें |
- अगर आपको कोई चीज़ फनी लगती है तो इसे बताने में बहुत ज्यादा देर न लगाएं | उस पल को रोक लें |
- दूसरी ओर, अगर व्यंग्यात्मक या फनी कमेंट्स को बातचीत के बीच लाया जाता है तो यह तुरन्त कहने पर ही बेहतर काम करता है |
- अपनी स्टोरी छोटी और सिंपल रखें क्योंकि बहुत ज्यादा बैकग्राउंड या बहुत साड़ी स्पर्शरेखा (अपने मुद्दे से बिलकुल अलग लाइन) ऑडियंस का ध्यान भंग कर देंगी |
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अपने खुद के खर्चों पर जोक बनायें: जब आप खुद को कॉमेडी का टारगेट बनाते हैं तो लोग बहुत एन्जॉय करते हैं | इससे उन्हें कम्फ़र्टेबल फील कराने में मदद मिलेगी और उन्हें आसानी से आप पर और उन पर हंसी आएगी | इसके कारण, लोग हंसना शुरू करेंगे और सोशल एंग्जायटी कम होगी |
- किसी और के बारे में शुरुआत में ही जोक बनाने की सिफारिश नहीं की जाती |
- अगर आप किसी ऐसे व्यक्ति के साथ हैं जो लोगों को हंसाने के काबिल है तो खुद पर जोक बनाने के बाद आप उन पर भी हल्का-फुल्का जोक करके मजाक कर सकते हैं | लेकिन ध्यान रखें कि ऐसा करते हुए बहुत ज्यादा आगे न बढ़ें अन्यथा इससे यह हल्का-फुल्का मजाक किसी बेहूदा स्थिति में बदल जायेगा |
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ऐसे जाने-माने विषयों को टारगेट करें जिनसे कोई हानि न हो: आधिकारिक लोगों जैसे पॉलिटिशियन, सेलेब्रिटी या (भूतपूर्व) बॉस पर मजाक करना आमतौर पर सुरक्षित होता है | लेकिन उन लोगों के खर्चों पर मजाक न बनायें जो फिजिकली या मानसिक रूप से असक्षम हैं या डाइवोर्स, मृत्यु, बीमारी या सेक्सुअल असाल्ट जैसे कठिन एक्सपीरियंस से जूझ रहे हों |
- एक अनुभवसिद्ध नियम यह है कि पंच उठाना है, गिराना नहीं | पॉवर की पोजीशन वाले लोगों या सत्ता पर मजाक बनायें, जैसे; बदमाश या धमकाने वालों पर | कम पॉवर वाले लोगों या उनके समूहों (जैसे; उत्पीड़न झेल रहे लोगों का समूह) पर मजाक बनाए से पंच गिर जाता है | पंचिंग अप से यथास्थिति को चुनौती मिलती है लेकिन पंचिंग डाउन इसे बढ़ा देता है |
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पुराने जोक बार-बार सुनाने और याद कराने से बचें: अच्छी तरह से रटे-रटाये जोक्स जैसे हाथी और चींटी वाले जोक्स या अनुचित जोक्स सुनाने से लोग आपके सेंस ऑफ़ ह्यूमर से दूर चले जायेंगे | इसके अलावा, टीवी पर या ऑनलाइन सुने जोक्स रटे हुए और अस्वाभाविक लगेंगे | केवल अपनी ऑब्जरवेशन वाले जोक्स ही सुनाएँ |
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वर्कप्लेस पर खुद को लोगों से जोड़ने के लिए हास्य का इस्तेमाल करें: याद रखें, खुद को बहुत ज्यादा गंभीरता से लेने पर सच में आपके सहयोगियों के साथ आपके रिश्ते खराब हो सकते हैं | सफल लीडर बनने के लिए अच्छी हास्य भावना (sense of humor) के साथ स्ट्रोंग वर्क एथिक का संयोजन होना जरुरी होता है | [१७] X रिसर्च सोर्स वर्कप्लेस पर फनी बने रहने से, आप वहां अपनी धाक जमा सकते हैं !
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हास्य भावना के साथ सहयोगियों के साथ बांड बनायें: ह्यूमर या हास्य भावना का इस्तेमाल नेगेटिव सिचुएशन को फैलाकर और पॉजिटिव फीलिंग्स को जनरेट करके ग्रुप के सामंजस्य को बढ़ाने में कर सकते हैं | आप अपने ह्यूमर का इस्तेमाल, उन चीज़ों पर ध्यान आकर्षित कराने के लिए कर सकते हैं जो आपके और सहयोगियों या बॉस में कॉमन हों | [१८] X रिसर्च सोर्स इससे आपको वर्कप्लेस पर दोस्त बनाने में मदद मिलेगी और वर्कप्लेस काफी कम्फ़र्टेबल बन जायेगा |
- अगर आप किसी व्यक्ति के साथ मिलकर पहली बार काम कर रहे हैं और आपको समालोचना करना हो या किसी विवादस्पद आईडिया या प्लान को सपोर्ट कर रहे हैं तो ह्यूमर या हास्य भावना वो बेहतरीन उपाय साबित हो सकता है जिससे प्रदर्शन या सुपीरियरटी दिखाए बिना उनका ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर सकते हैं | [१९] X रिसर्च सोर्स
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कार्यस्थल पर हास्य करते समय सावधानी रखें: आपको खुशमिजाज या फनी रूप में उभरकर सामने आना है, न कि निष्क्रिय आक्रामक या स्पष्ट आक्रमक रूप में | आपको लोगों पर अपनी पकड बनाये रखनी है और उनका ध्यान अपनी ओर आकर्षित करना है लेकिन इसलिए नहीं कि वे आपको आक्रमक समझें | वर्कप्लेस पर, एक तरह की "लो कॉमेडी (low comedy)" से बचें क्योंकि यह काफी रिस्की होती है | [२०] X रिसर्च सोर्स
- ऐसे जोक्स न सुनाये जो बहुत ज्यादा आक्रमक लगें, इनमे शामिल हैं; शारीरक बनावट या बौनापन, उत्पीडित समूह (जैसे महिलाएं और माइनॉरिटीज), फिजिकल या मेंटल डिसेबिलिटी और शारीरिक कार्यों का रिफरेन्स और सेक्स |
सलाह
- ध्यान रखें कि आपके साथ उपस्थित लोगों को पता हो कि आप कब फनी हैं और कब सीरियस |
- याद रखें, कोई भी परफेक्ट नहीं होता | हास्य खोजने से न केवल आपको शर्मिंदगी या अजीब सिचुएशन से बाहर आने में मदद मिलेगी बल्कि आपके आसपास के लोगों को भी काफी राहत अनुभव होगी |
- उचित-अनुचित के बारे में तय करते समय सही जजमेंट का इस्तेमाल करें | [२१] X विश्वसनीय स्त्रोत Mayo Clinic स्त्रोत (source) पर जायें
- टीवी में कॉमेडी देखें और पता लगाएं कि वे किस तरह से उनके वातावरण या सोशल सिचुएशन के प्रति हास्य के साथ किस तरह से व्याख्या करते हैं और प्रतिक्रिया देते हैं | उनकी डिलीवरी स्टाइल को कॉपी करने की कोशिश करें और ऑडियंस के रिस्पोंस को नोट करते जाएँ |
- बहुत ज्यादा व्यंग्यात्मक जबाव देने या किसी ख़ास "तकिया कलाम" को बार-बार दोहराने से बचें |
- एक ही जोक या स्टोरी को दोबारा सुनाने से बचें |
- हास्य तनाव से राहत पाने का सबसे अच्छा तरीका है लेकिन यह समझना भी जरुरी है कि कब सीरियस होना है |
- मूर्खतापूर्ण एक्ट न करें क्योंकि हो सकता है कि यह सिर्फ आपको फनी लगे अन्यथा आपको थोड़ी सी "घटिया किस्म की हंसी" के लिए शर्मिंदगी उठानी पड़ सकती है या नीचा देखना पड़ सकता है |
रेफरेन्स
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