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अंगूठे में काफी सरल, साफ़ फ्रैक्चर से लेकर जॉइंट के साथ मल्टीपल फ्रैक्चर तक किसी भी रेंज में फ्रैक्चर हो सकते हैं जिन्हें रिपेयर करने के लिए सर्जरी की जरूरत पड़ती है | चूँकि अंगूठे में इंजुरी होने पर खाना खाने से लेकर काम करने तक कई तरह की परेशानियाँ जीवनपर्यंत तक बनी रह सकती हैं इसलिए अंगूठे में चोट लगने पर इसे गंभीरता से लेना चाहिए | [१] [२] टूटे हुए अंगूठे (Broken Thumb) के लक्षणों को जानें और चोट से सही तरीके से रिकवरी करने के लिए जरुरुई ट्रीटमेंट ऑप्शन्स के बारे में भी जानकारी लें |

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टूटे हुए अंगूठे की पहचान करें

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  1. अपने अंगूठे में होने वाले सीवियर दर्द पर ध्यान दें: अंगूठा टूटने के बिलकुल बाद ही सीवियर पैन होना नॉर्मल होता है | दर्द इसलिए होता है क्योंकि अंगूठे की हड्डियों के चारों ओर नर्व्स होती हैं | जब हड्डी टूटती है तो आसपास की नर्व्स को इर्रीटेड या कंप्रेस करती है जिसके कारण दर्द होता है | अगर चोट लगने के तुरंत बाद आपको सीवियर पैन न हो तो हो सकता है कि अंगूठा न टूटा हो | [३]
    • अंगूठे को मोड़ने की कोशिश करने पर या किसी चीज़ से टच होने पर भी सीवियर पैन होगा |
    • आमतौर पर, दर्द उस जगह पर ज्यादा होता है जहाँ अंगूठा बांकी के हाथ से जुड़ता है (अंगूठे और तर्जनी के बीच की वेबिंग (webbing) के नज़दीक) जो चिंता का मुख्य कारण होता है और इस तरह की चोट से काफी कॉम्प्लिकेशन्स होते हैं |
  2. चोट लगने वाली जगह पर होने वाली किसी भी विकृति पर नज़र रखें: अगर आपका अंगूठा नॉर्मल दिखे तो भी आपको नज़र रखना चाहिए | क्या यह विषम कोण पर मुड़ता है या किसी और ही तरह से मुड़ता है? आपको यह भी चेक करना चाहिए कि इस जगह पर कोई हड्डी आगे निकलकर स्किन से बार तो नहीं आ रही है | अगर आपको इनमे से कोई भी लक्षण दिखाई दें तो आपके अंगूठे के टूटने की संभावना ज्यादा होती है | [४]
    • अंगूठे पर नील (bruise) भी होंगे जो संकेत देते हैं कि अंगूठे के टिश्यू में कैपिलरी टूटकर खुल गयी हैं |
  3. अगर टूटे हुए अंगूठे को हिलाने पर सीरियस और सीवियर पैन होता है | हड्डियों को कनेक्ट करने वाले लिगामेंट भी सही तरीके से काम नहीं कर पायेंगे जिससे अंगूठे को हिलाना काफी मुश्किल हो सकता है | [५]
    • विशेषरूप से, चेक करें कि क्या आप अपने अंगूठे को पीछे की ओर मूव कर पा रहे हैं | अगर बिना किसी दर्द के आप अंगूठे को पीछे ले जा सकते हैं तो हड्डी टूटने की बजाय स्प्रेन (मोच आने) की संभावना ज्यादा होती है |
  4. अंगूठे में फील होने वाले सुन्नपन, झनझनाहट या शीतलता पर ध्यान दें: नर्व्स कंप्रेस होने पर दर्द के साथ ही अंगूठे में सुन्नपन भी हो सकता है | अंगूठे में ठंडक अनुभव होना भी शुरू होने लगेगी | ऐसा इसलिए होता है क्योंकि टूटी हुई हड्डी या बहुत सारी सूजन के कारण वो सभी ब्लड वेसल्स ब्लॉक हो सकती हैं जो अंगूठे और उसके आसपास के टिश्यू में ब्लड लाती हैं | [६]
    • अगर अंगूठे को बहुत कम ब्लड मिलता है या ब्लड नहीं मिलता तो वे नीले होने लगते हैं |
  5. अंगूठे के आसपास के हिस्सों में सीवियर सूजन होने पर नज़र रखें: जब हड्डी टूटती है तो इंफ्लेमेशन के कारण आसपास के हिस्से सूज जाते हैं | चोट लगने के पांच से दस मिनट के बाद अंगूठे पर सूजन आना शुरू हो जाती है | अंगूठे पर सूजन आने के बाद इसमें स्टिफनेस (जड़ता) आने लगती है | [७]
    • अंगूठे में सूजन आने पर इसके पास वाली अंगुली भी प्रभावित होने पगेगी |
विधि 2
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अंगूठे का आंकलन करने के लिए डॉक्टर से मिलें

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  1. अगर आपको लगता है कि आपका अंगूठा टूट गया है तो आपको इमरजेंसी रूम जाना चाहिए जिससे प्रोफेशनल इसका सही डायग्नोसिस कर सकें | अगर आप बहुत ज्यादा देर तक इंतज़ार करते रहेंगे तो टूटी हुई हड्डी के कारण आने वाली सूजन इतनी बढ़ जाएगी कि हड्डी को फिर से उसकी जगह पर लाने में काफी परेशानी हो सकती है | इसका मतलब यह है कि आपका अंगूठा परमानेंटली मुड़ा हुआ रह जायेगा | [८]
    • इसके अलावा, बच्चों का अंगूठा टूटने पर उनकी ग्रोथ प्लेट्स डैमेज होने के कारण उनकी ग्रोथ परमानेंटली प्रभावित हो सकती है |
    • अगर आपको लगता है कि अंगूठे में लगी चोट मामूली सी मोच (स्प्रेन या लिगामेंट मुड़ना) है, फ्रैक्चर नहीं तो भी आपको एकदम सटीक डायग्नोसिस के लिए डॉक्टर को दिखाना चाहिए | इसके अलावा, कुछ सीरियस स्प्रेन को रिपेयर करने के लिए हैण्ड सर्जन को दिखा सकते हैं | आपको किसी मेडिकल प्रोफेशनल को दिखाकर फाइनल डायग्नोसिस और ट्रीटमेंट डिसिशन पर पहुंचना चाहिए | [९] [१०]
  2. पहले दिए गये लक्षणों के बारे में सवाल पूछने के अलावा, डॉक्टर आपके अंगूठे का फिजिकल एग्जामिनेशन भी कर सकते हैं | वे आपके दूसरे हाथ के स्वस्थ अंगूठे से इंजुर्ड अंगूठे की मूवमेंट और स्ट्रेंथ की तुलना करके टेस्ट कर सकते हैं | दूसरे टेस्ट भी कर सकते हैं जैसे अंगूठे के की कमजोरी को चेक करने के लिए अंगूठे पर दबाव डालने से पहले अंगूठे से लेकर तर्जनी की टिप को टच करना | [११]
  3. डॉक्टर आपके अंगूठे के कई एंगल्स से X रे कराने के आर्डर दे सकते हैं | इससे न केवल डायग्नोसिस कन्फर्म होगा बल्कि डॉक्टर को भी स्पष्ट रूप से पता चल सकेगा कि अंगूठे में कितने फ्रैक्चर हैं जिससे वे सबसे बेहतर ट्रीटमेंट ऑप्शन्स पर विचार कर पाएंगे | X-रेज़ के एंगल्स में शामिल हैं: [१२]
    • लेटरल: हाथ को उसके पार्श्व (साइड्स) में रखकर लेटरल व्यू लिया जाता है जिसमें अंगूठा ऊपर रहता है |
    • ऑब्लिक: हाथ को उसकी साइड्स पर झुकाने पर ऑब्लिक X-रे व्यू आता है जिसमे अंगूठा ऊपर की ओर रहता है |
    • AP व्यू: हाथ को समतल पोजीशन में ऊपर की ओर रखकर AP व्यू में X-रे लिया जाता है |
  4. डॉक्टर से कंप्यूटेड टोमोग्राफी (CT) स्कैन कराने के लिए पूछें: CT स्कैन को कंप्यूटराइज्ड एक्सियल टोमोग्राफी (CAT) स्कैन भी कहा जा सकता है | CT स्कैन में X-रेज़ और कंप्यूटर का इस्तेमाल किया जाता है जिससे शरीर के अंदर के बॉडी पार्ट्स (आपके अंगूठे के केस में भी) की इमेज को बनाया जाता है | इस तरह से डॉक्टर आपके फ्रैक्चर के बारे में और उसे बेहतर तरीके से फिक्स करने के बारे में बता सकते हैं | [१३]
    • अगर आप प्रेग्नेंट हैं तो डॉक्टर को बताएं क्योंकि CT स्कैन के कारण फ़ीटस को नुकसान पहुँच सकता है |
  5. डॉक्टर से अपने अंगूठे के फ्रैक्चर के टाइप के बारे में पूछें: जरुरी टेस्ट कराने के बाद डॉक्टर आपके अंगूठे के स्पेसिफिक टाइप के फ्रैक्चर को डायग्नोज़ करेंगे | इससे उपलब्ध ट्रीटमेंट ऑप्शन्स की जटिलता का निर्धारण किया जा सकेगा | [१४]
    • एक्स्ट्रा-आर्टिकुलर फ्रैक्चर वे फ्रैक्चर होते हैं, जिनमे अंगूठे में मौजूद दो हड्डियों में से एक हड्डी लम्बाई में जॉइंट से अलग खिसक जाती है | चूँकि ये काफी पेनफुल होते हैं और इन्हें हील होने में छह सप्ताह का समय लगता है इसलिए इन फ्रैक्चर में कोई भी सर्जिकल एप्रोच की जरूरत नहीं होती | [१५]
    • इंट्रा-आर्टिकुलर फ्रैक्चर वास्तव में जॉइंट में होने वाले फ्रैक्चर होते हैं जिनमे यथासंभव रिकवरी के बाद जॉइंट में ज्यादा से ज्यादा मूवमेंट लाने के लिए अधिकतर सर्जिकल इंटरवेंशन की जरूरत होती है | [१६]
    • अंगूठे में इंट्रा-आर्टिकुलर फ्रैक्चर होने पर सामन्यतः दो तरह के फ्रैक्चर होते हैं- बेनेट्स फ्रैक्चर (bennetts fracture) और रोलान्डो फ्रैक्चर (rolando’s fracture) | दोनों में ही, अंगूठे के फ्रैक्चर (संभवतः डिसलोकेट होने) के साथ कार्पोमेटाकार्पल जॉइंट (हाथ के सबसे नज़दीक वाला अंगूठे का जॉइंट) भी प्रभावित हो जाता है | [१७] इन दोनों तरह के फ्रैक्चर में मुख्य अंतर यह है कि रोलान्डो फ्रैक्चर में तीन या उससे ज्यादा बोन फ्रेग्मेंट्स शामिल होते हैं जिन्हें फिर से अपनी जगह पर लाने की जरूरत होती है | बेंनेट फ्रैक्चर में कभी-कभी ही सर्जरी करानी पड़ती है जबकि रोलान्डो फ्रैक्चर में सर्जरी करानी बहुत जरुरी होती है | [१८] [१९]
विधि 3
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टूटे हुए अंगूठे का इलाज़ करें

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  1. ओर्थोपेडिक सर्जन आपके X-रेज़ और दूसरे टेस्ट देखेंगे और बेहतर ट्रीटमेंट देने में मदद करेंगे | वे फ्रैक्चर के टाइप (इंट्रा या एक्स्ट्रा आर्टिकुलर) का पता लगायेंगे और इसके साथ ही उनकी जटिलताओं का भी (बेनेट फ्रैक्चर है या रोलान्डो फ्रैक्चर है) | [२०]
  2. अपेक्षाकृत सीधे-सरल केसेस (जैसे एक्स्ट्रा-आर्टिकुलर फ्रैक्चर) में डॉक्टर बिना सर्जरी के हाथों से ही फ्रैक्चर हुए फ्रेग्मेंट्स को रिप्लेस कर सकते है | [२१] फ्रेग्मेंट्स को फिर से जगह पर लाने से पहले वे एनेस्थीसिया देंगे |
    • इस मेथड (जिसे क्लोज्ड रिडक्शन मेथड की तरह माना जाता है) में डॉक्टर एक फ्लोरोस्कोपी (लगातार चलने वाला रियलटाइम X- रे) का इस्तेमाल करते हुए टूटे हुए हिस्से को खींचकर उसी सही जगह पर लाते हैं | [२२]
    • याद रखें कि रोलान्डो फ्रैक्चर को, विशेषरूप से जहाँ हड्डियाँ कई सारे पीसेस में बिखर गयी हो, उन्हें एकसाथ स्क्रू या पिन करने के लिए, भी इस मेथड से इलाज़ किया जाता है जिसमे सर्जन अंगूठे की बेस्ट एबिलिटी के लिए फ्रेग्मेंट्स की मोल्डिंग कर देते (जिसे ओपन रिडक्शन भी कहा जाता है) | [२३]
  3. इंट्रा-आर्टिकुलर फ्रैक्चर (जैसे बेनेट्स और रोलान्डो फ्रैक्चर) के लिए ओर्थोपेडिक्स आमतौर पर सर्जरी कराने की सलाह देंगे | विशेष प्रकार की सर्जरी, फ्रैक्चर की जटिलता के आधार पर तय की जाएगी | इसके टिपिकल ऑप्शन्स में शामिल हैं: [२४] [२५]
    • फ्लोरोस्कोपी का इस्तेमाल करते हुए फ्रेग्मेंट्स को फिर से जगह पर लाने के लिए स्किन के जरिये वायर डाले जाते हैं (जिसे एक्सटर्नल फिक्सेशन कहा जाता है) | यह ऑप्शन विशेषरूप से बेनेट्स फ्रैक्चर में अपनाया जाता है, जहाँ फ्रेग्मेंट्स एक-दूसरे के काफी नज़दीक आ जाते हैं |
    • सर्जन आपके अंगूठे की हड्डी को अपनी जगह पर बिठाने के लिए आपके हाथ को खोलकर हड्डी में एक छोटा स्क्रू या पिन रखेंगे | इसे इंटरनल फिक्सेशन कहा जाता है |
    • सर्जिकल ऑप्शन में होने वाले प्रभावी कॉम्प्लिकेशन्स हैं; नर्व या लिगामेंट इंजुरी, स्टिफनेस और आर्थराइटिस की रिस्क बढ़ जाना | [२६]
  4. भले ही आपका केस सर्जिकल या नॉन-सर्जिकल हो, डॉक्टर आपके अंगूठे को स्थिर रखने के लिए उसे एक स्पीका कास्ट (spica cast) में रखेंगे और रिकवरी पीरियड के दौरान सभी फ्रेग्मेंट्स को सही जगह पर रखेंगे |
    • दो से छह सप्ताह तक इस कास्ट को क्लोज़र के साथ पहनने के लिए तैयार रहें क्योंकि छह सप्ताह तो लग ही जाते हैं | [२७]
    • इस दौरान डॉक्टर आपको फॉलो-अप के लिए बुला सकते हैं |
  5. कास्ट या प्लास्टर में बिताएं समय सीमा और प्लास्टर खुलने के बाद हाथ की मोबिलिटी के आधार पर डॉक्टर आपको किसी फिजिकल या ऑक्यूपेशनल थेरापिस्ट को दिखालने की सलाह दे सकते हैं | थेरापिस्ट इम्मोबीलाइजेशन पीरियड (immobilization period) के दौरान अकड़ी हुई मसल्स को फिर से स्ट्रेंथ देने के लिए कई सारी फ्लेक्स (मोड़ने वाली) और ग्रिप (पकड़ने वाली) एक्सरसाइज कराएँगे | [२८]

सलाह

  • चाहें हड्डी टूटी हो या मोच आई हो, हॉस्पिटल जाना और अपने अंगूठे की सही तरीके से केयर करना ही सबसे बेहतर होता है |

चेतावनी

  • चूँकि इस आर्टिकल में टूटे हुए अंगूठे से सम्बंधित मेडिकल इनफार्मेशन दी गयी है इसलिए इसे मेडिकल एडवाइस के तौर पर न लें | सही डायग्नोसिस के लिए हमेशा डॉक्टर को दिखाएँ और किसी भी सीरियस इंजरी के लिए ट्रीटमेंट ऑप्शन जानें |
  • अगर आप प्रेग्नेंट हैं तो X-रे कराने से पहले डॉक्टर को बता दें | नवजात बच्चे X-रे के प्रति काफी सेंसिटिव होता है इसलिए अपने अंगूठे की हड्डी के टूटने या न टूटने के निर्धारण के लिए इस मेथड को न आजमायें |

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रेफरेन्स

  1. Brian Carlson MD and Stephen Moran MD. American Society for Surgery of the Hand, May June 2009 Volume 34 Issue 5 945-952
  2. Skinner, H, Current Diagnosis and Treatment of Orthopedics 5th Edition, Chapter 9, Hand Surgery, 2008
  3. Ashkenaze DM, Ruby LK. Metacarpal fractures and dislocations. Orthop Clin North Am 1992; 23:19.
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  5. http://orthoinfo.aaos.org/topic.cfm?topic=a00011
  6. Stark, C. D., & Bowers, E. S. (2010). Living with sports injuries. New York: Facts On File.
  7. http://orthoinfo.aaos.org/topic.cfm?topic=a00011
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  9. Wheeless, Wheeless Textbook of Orthopaedics Rolandos fracture, 10, 2012
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  13. J, Leggit, Acute Finger Injuries Part II, Fractures, Dislocations and Thumb Injuries, American Family Physician, March 1 2006 73 (5) 827-834
  14. C, Wheeless, Wheeless Textbook of Orthopaedics Rolandos fracture, 10, 2012
  15. C, Wheeless, Wheeless Textbook of Orthopaedics Rolandos fracture, 10, 2012
  16. Brian Carlson MD , Steven Moran MD, Thumb Trauma : Bennetts, Fracure, Rloando’s fractrues, and Ulnar Collateral Ligament INjuries, American Society for Surgery of the Hand, May June 2009 Volume 34 Issue 5 945-952
  17. http://www.eatonhand.com/complic/text10.htm
  18. http://orthoinfo.aaos.org/topic.cfm?topic=a00011
  19. J, Leggit, Acute Finger Injuries Part II, Fractures, Dislocations and Thumb Injuries, American Family Physician, March 1 2006 73 (5) 827-834

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