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पिछले कुछ वर्षों में ऐन्ड्रॉइड टैबलेट्स ने एक लंबा सफर तय किया है और अब इसमें वो सारे गुण हैं जो इंडस्ट्री के लीडर आई-पैड में हैं। कुछ मामलों में तो ऐन्ड्रॉइड टैबलेट ऐसे कार्य कर सकता है जो आई-पैड भी नहीं कर सकता। ऐन्ड्रॉइड टैबलेट को स्टार्ट करना थोड़ा चुनौतीपूर्ण हो सकता है लेकिन एक बार आप अपने गूगल एकाउंट से लॉग-इन कर लेते हैं तो चीजें स्पष्ट होनी शुरू हो जाती हैं। ऐन्ड्रॉइड अपनी विशाल लाइब्रेरी की मदद से लगभग सभी कार्य कर सकता है।

विधि 1
विधि 1 का 5:

बॉक्स से बाहर निकालना और चार्ज करना

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  1. जब आपको अपना टैबलेट पहली बार मिलता है तो इसे ऑन करने से पहले आपको कुछ कार्यवाही करनी होती है। इस दिशा में पहला कदम नए ऐन्ड्रॉइड टैबलेट को बाक्स से बाहर निकालना होता है ताकि यह ज्ञात हो सके इसके साथ और क्या-क्या उपकरण, ऐक्सेसरीज आदि मिले हैं।
    • यदि आपने एक नया टैबलेट खरीदा है तो बाक्स में आम तौर पर आपको टैबलेट के साथ एक यूएसबी केबल, एक चार्जर, एक यूजर मैनुअल और एक वारंटी कार्ड मिलते हैं।
    • यूजर मैनुअल निकाल लें और उसे ध्यान से पढ़ें ताकि आप उपकरण और टैबलेट के मूल कार्य पद्धति से अपने आपको अवगत करा सकें।
  2. वैसे तो यह संभव है कि आपका ऐन्ड्रॉइड टैबलेट बाक्स में से निकलने पर इतना चार्ज्ड हो कि आप उसे ऑन कर सकें फिर भी यह सलाह दी जाती है कि आप उसे प्रयोग में लाने से पहले पूर्ण रूप से चार्ज कर लें।
    • अपने ऐन्ड्रॉइड टैबलेट को चार्ज करने के लिए यूएसबी केबल को या तो किसी वाल-चार्जर में लगाएँ और या फिर किसी कंप्यूटर के यूएसबी पोर्ट में। केबल के दूसरे सिरे को टैबलेट के निचले हिस्से में स्थित माइक्रो यूएसबी पोर्ट में लगाएँ। यदि वाल-चार्जर के माध्यम से आप टैबलेट को चार्ज करेंगे तो आम तौर पर यह कंप्यूटर के यूएसबी पोर्ट की तुलना में अपेक्षाकृत जल्दी चार्ज हो जाएगा।
    • यदि आप नहीं जानते हैं कि कौन से केबल से चार्ज करना है तो यूजर मैनुअल पढ़ें।
  3. एक बार डिवाइस पूरी तरह से चार्ज हो जाये तो इसे ऑन करने के लिए, इस पर लगे “पॉवर” बटन को लगभग 3 सेकेंड तक दबाना होगा। इसे तब तक दबाये रखें जब तक स्क्रीन पर कोई संदेश न दिखने लगे।
    • आपके ऐन्ड्रॉइड टैबलेट के टॉप पर या उसके दाहिनी ओर आम तौर पर दो बटन होते हैं। लंबा बटन वाल्यूम कंट्रोल के लिए और छोटा बटन पावर/ स्लीप के लिए होता है।
विधि 2
विधि 2 का 5:

प्रारम्भिक सेट-अप करना

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  1. जब आपका टैबलेट पहली बार ऑन होता है तो आपको इसे सेट-अप करने के लिए क्रम से कई कार्य करने पड़ते हैं। इस प्रक्रिया में सबसे पहले आपको भाषाओं की सूची में से किसी एक भाषा का चुनाव करना होता है। अपनी भाषा को चुनने के लिए लिस्ट को उंगली से स्वाइप करें और ड्राप-डाउन मेन्यू को टैप करें।
    • जब यह हो जाये तो “नेक्स्ट’ (Next) पर टैप करें।
    • नोट करें कि ये निर्देश, जिस टैबलेट को आप सेट-अप कर रहे हैं उसके अनुसार, अलग भी हो सकता है। विभिन्न मॉडेल्स और उत्पादों की सेटिंग-अप प्रक्रिया अलग-अलग होती है।
  2. भाषा का चुनाव कर लेने के बाद टैबलेट के स्क्रीन पर आपके रेंज में उपलब्ध वाई-फाई नेटवर्क्स की एक सूची दिखेगी। उस सूची में से आपको अपना वाई-फाई नेटवर्क खोजना पड़ेगा। यदि आपका अपना वाई-फाई नेटवर्क स्क्रीन पर नहीं नहीं दिख रहा है तो अपने राउटर के और नजदीक जाएँ और स्क्रीन पर दिख रहा “रिफ्रेश लिस्ट” बटन दबाये।
    • जिस वाई-फाई नेटवर्क से आप जुड़ना चाहते हैं उस पर टैप करें। यदि यह एक सुरक्षित नेटवर्क होगा तो आपको जुड़ने से पहले अपना पासवर्ड एंटर करने के लिए प्राम्प्ट किया जाएगा। स्क्रीन पर दिख रहे की-बोर्ड को प्रयोग करके अपना पासवर्ड एंटर करें।
    • पासवर्ड एंटर करने के बाद जुड़ने के लिए “कंटिन्यू” (Continue) बटन पर टैप करें।
    • किसी वायरलेस नेटवर्क से जुड़ने के सम्बन्ध में और अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए यह गाइड देखें।
  3. वैसे तो इसे स्वतः ही सेट हो जाना चाहिए परंतु यदि टैबलेट में यह सेटिंग अपने आप नहीं हुई है तो आप उसे ऐडजस्ट कर सकते हैं। जारी रखने के लिए “नेक्स्ट” पर टैप करें।
  4. आम तौर पर टैबलेट के नियमों और शर्तों को पढ़ने और उनसे सहमति प्रदान करने के लिए आपको प्राम्प्ट किया जाएगा। नियमों को यह जानने के लिए पढ़ें कि, मैन्यूफैक्चरर के अनुसार, आप टैबलेट के साथ क्या कर सकते हैं और क्या नहीं। जारी रखने के लिए “नेक्स्ट” पर टैप करें।
  5. चूंकि ऐन्ड्रॉइड का निर्माण गूगल के द्वारा किया गया है इसलिए ऐन्ड्रॉइड से संबन्धित बहुत से कोर (core) अनुभव जैसे गूगल प्ले स्टोर और जी-मेल इंटीग्रेशन के लिए आपको अपने गूगल एकाउंट के साथ लॉग-इन करने की आवश्यकता पड़ेगी। इस स्टेज पर आकर ऐन्ड्रॉइड टैबलेट आपको अपने वर्तमान गूगल एकाउंट के साथ साइन-इन करने को कहेगा या एक नया गूगल एकाउंट बनाने को कहेगा। आपके द्वारा अपने एकाउंट का विवरण एंटर करने के बाद, साइन-इन प्रक्रिया में कुछ मिनट लगेंगे।
    • आप चाहें तो अपने गूगल एकाउंट के साथ साइन-इन करना स्किप भी कर सकते हैं परंतु ऐसा करने से आप टैबलेट के बहुत सारे फंक्शन्स में ऐक्सेस नहीं कर पाएंगे और उनका लाभ उठाने से वंचित रह जाएँगे। आपका टैबलेट आपको एक नया गूगल एकाउंट बनाने के लिए अनुमति देगा या आप चाहें तो उसे आन-लाइन भी बना सकते हैं।
    • कुछ टैबलेट्स, जैसे कि सैमसंग गैलेक्सी, आपसे उनके अपने एकाउंट के साथ भी साइन-इन करने के लिए कहेंगे। इससे आपको की अपनी विशिष्ट सेवाओं, जैसे बैक-अप प्रोग्राम में भी ऐक्सेस मेलेगी। गूगल एकाउंट की तरह ये मैन्यूफैक्चरर के एकाउंट्स भी मुफ्त होते हैं।
    • यदि आपके पास एक जी-मेल, एक यू-ट्यूब एकाउंट या एक गूगल+ प्रोफाइल है तो आपके पास एक गूगल एकाउंट अवश्य होगा।
  6. आपके साइन-इन कर लेने के बाद आपको अपना “बैक-अप” और “रिस्टोर प्रेफेरेंस” सेट करने के लिए कहा जाएगा। आप अपना गूगल सेटिंग अपने नये टैबलेट पर रिस्टोर कर सकते हैं जो आपके लिए बहुत ही लाभदायक होगा, यदि आपके पास एक दूसरा ऐन्ड्रॉइड डिवाइस भी है। आप अपने टैबलेट को “आटोमेटिकली बैक-अप टु योअर गूगल एकाउंट” के लिए सेट कर सकते हैं ताकि आप भविष्य में अपनी सेटिंग्स को आसानी से रिस्टोर या ट्रांसफर कर सकें।
  7. अगला स्क्रीन आपको अपना लोकेशन प्रेफरेन्स को सेट करने के लिए कहेगा। वाई-फाइ लोकेशन इनेबल करने से ऐप्स, आपके वाई-फाइ कनेक्शन की मदद से, आपका लगभग सही लोकेशन ढूंढ लेंगे। ज्यादा सही लोकेशन जानने के लिए आप “जीपीएस लोकेशन ट्रैकिंग” को भी इनेबल कर सकते हैं। यह गूगल मैप्स के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है।
  8. कुछ टैबलेट्स के साथ, अन्य सर्विसेज, एक बंडल के रूप में आते हैं जो आपसे अभी साइन-इन करने के लिए कह सकते हैं। उदाहरण के लिए, बहुत से सैमसंग गैलेक्सी टैबलेट्स के साथ मुफ्त “ड्रापबाक्स स्टोरेज” (Dropbox storage) की सुविधा मिलती है जिसके लिए आपको एक एकाउंट बनाना पड़ेगा। विभिन्न टैबलेट्स के साथ अलग-अलग आफ़र्स के बंडल आते हैं।
  9. टैबलेट सेटिंग का अंतिम कदम आम तौर पर डिवाइस को नाम देना होता है। ये वो नाम है जो आपके डिवाइस के किसी नेटवर्क से जुड़ने पर दिखाई पड़ेगा या जब आप अपने डिवाइस को आन-लाइन मैनेज करेंगे।
विधि 3
विधि 3 का 5:

इंटरफेस से परिचित होना

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  1. होम-स्क्रीन आपके टैबलेट का मुख्य-स्क्रीन होता है। इसमें ही ऐप्स (apps) और विजेट्स (widgets) होते हैं जो वास्तव में मिनिएचर ऐप्स होते हैं और सीधे आपके स्क्रीन पर ही चलते हैं (उदाहरण के लिए मौसम या घड़ी)। आप दाहिने या बाएँ किसी भी ओर स्वाइप करके एक होम-स्क्रीन से दूसरे में जा सकते हैं।
  2. होम-स्क्रीन पर पहले से ही बहुत से ऐप्स मौजूद होते हैं। आप ऐप्स आइकॉन पर प्रेस और होल्ड करके ऐप्स को इधर-उधर भी कर सकते हैं। यदि आप अपने इन्स्टाल्ड ऐप्स की सूची में से कुछ ऐप्स को होम-स्क्रीन में जोड़ना चाहते हैं तो आप "ऐप्स” (Apps) बटन पर टैप करके “ऐप-ड्रायर” को खोलें। सूची में उपस्थित किसी भी ऐप को प्रेस करके होल्ड करें और उसे अपने होम-स्क्रीन पर ले जाएँ।
    • अपने होम-स्क्रीन से किसी ऐप को हटाने के लिए संबन्धित ऐप आइकॉन पर प्रेस करके होल्ड करें और उसे खींच कर स्क्रीन के टॉप पर स्थित “ट्रैश कैन” (trash can) में डाल दें। इससे ऐप केवल आपके होम-स्क्रीन से हट जाएगा, अन-इन्स्टाल नहीं होगा।
  3. सेटिंग्स मेन्यू को ओपन करने के लिए अपने होम-स्क्रीन या ऐप-ड्रायर में उपस्थित “सेटिंग्स” आइकॉन पर टैप करें। यहीं पर आप अपने डिवाइस की सेटिंग्स या एकाउंट्स के लिए सभी सेटिंग्स को ऐडजस्ट कर सकते हैं।
  4. गूगल सर्च फंक्शन को ओपन करने के लिए गूगल-सर्च-बार पर टैप करें। आप अपने आन-स्क्रीन की-बोर्ड के मदद से सर्च-विंडो में टाइप कर सकते हैं। आपके सर्च टर्म्स से मैच करती हुई किसी भी चीज को खोजने के लिए, गूगल सर्च, आपके डिवाइस और इन्टरनेट में सर्च करेगा।
  5. जो भी ऐप्स इन्स्टाल्ड हैं उनमें से किसी को भी आप उसके आइकॉन पर टैप करके रन कर सकते हैं। आप एक ही समय में कई ऐप्स रन कर सकते हैं। खुले हुए ऐप्स में से किसी एक ऐप से दूसरे ऐप में जाने के लिए “मल्टी-टास्क बटन को प्रेस करें। इससे सभी खुले हुए ऐप्स की एक सूची ओपन हो जाएगी जिससे आप आसानी से एक खुले हुए ऐप से दूसरे में जा सकते हैं।
  6. अपने होम-स्क्रीन के किसी भी खाली जगह पर प्रेस करके होल्ड करें। इससे एक सूची दिखेगी जिसमें से विजेट्स (widgets) को सेलेक्ट करें और फिर जिस विजेट को आप होम-स्क्रीन में जोड़ना चाहते हैं उसे खोजने के लिए सूची को ब्राउज़ करें। विजेट को सेलेक्ट कर लेने के बाद, होम-स्क्रीन में उस जगह को चुनें जहां आप उसे रखना चाहते हैं। विजेट्स कई साइजेज़ में आते हैं।
    • आप गूगल-प्ले-स्टोर से और भी विजेट्स को जोड़ सकते हैं। विजेट्स हर उस फंक्शन के लिए उपलब्ध होते हैं जो आप सोच सकते हैं और वे इस तरह से डिजाइन किए गए होते हैं कि आप द्वारा बिना कोई अन्य ऐप खोले आपको आवश्यक सूचना तुरंत दे देते हैं।
विधि 4
विधि 4 का 5:

टैबलेट के बेसिक फंक्शन्स का प्रयोग करना

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  1. यदि आपने अपने गूगल एकाउंट के साथ साइन-इन किया है तो आपका एकाउंट स्वतः ही ई-मेल ऐप से जुड़ जाएगा। अपने ई-मेल मेसेजेज़ को ब्राउज़ करने के लिए आप इस ऐप को ओपन कर सकते हैं। यदि आपके पास एक से अधिक ई-मेल एकाउंट हैं तो आप उन्हें भी जोड़ सकते हैं ताकि आपके सभी ई-मेल एक ही जगह पर उपलब्ध हो जायें।
    • यदि आप ई-मेल में मुख्य रूप से जी-मेल का प्रयोग करते हैं तो जी-मेल ऐप डाउनलोड भी कर सकते हैं।
  2. गूगल सर्च टूल को ओपन करने के लिए होम बटन को स्वाइप करें। आप टॉप पर स्थित बार में अपना सर्च-शब्द/वाक्यांश एंटर कर सकते हैं जिसके बाद आपके सामने, सर्च-बार के नीचे, उन सूचनाओं के कार्ड्स आ जायेंगे जिन्हें गूगल आपके लिए उपयोगी समझता है।
  3. आपके टैबलेट का मैन्यूफैक्चररकौन है इसके आधार पर आपके डिवाइस में “इंटरनेट” ब्राउज़र या “क्रोम” ऐप मौजूद हो सकता है । ये दोनों ही आपको टैबलेट पर इंटरनेट ब्राउज़ करने देंगे। ये ब्राउजर्स आपके कंप्यूटर पर एक वेब-ब्राउज़र की तरह ही कार्य करते हैं, अर्थात किसी भी वेबसाइट पर जाने के लिए बस टॉप पर स्थित बार में ऐड्रेस एंटर करना होता है।
    • यदि आप कई वेबसाइट्स एक साथ ही ऐक्सेस करना चाहते हैं तो सबसे उपर, दाहिनी ओर स्थित बटन पर टैप करके नए विंडोज खोल लें। जब एक से अधिक टैब ओपन हो तो आप टॉप-राइट बटन को दुबारा प्रेस करके सभी ओपन टैब्स को देख सकते हैं।
  4. यदि आपके टैबलेट पर कोई म्यूजिक उपलब्ध है तो “प्ले-म्यूजिक” ऐप उसे स्वतः ही ढूंढ लेगा। किसी भी अन्य ऐप की तरह “प्ले-म्यूजिक” ऐप भी ऐप-मेन्यू से ऐक्सेस किया जा सकता है, इसके लिए आपको बस “प्ले-म्यूजिक” आइकॉन पर टैप करना होगा।
    • एक बार आप प्ले-म्यूजिक ऐप में पहुँच जाते हैं तो आप देखेंगे कि उसका ले-आउट “प्ले स्टोर” ऐप से काफी मिलता जुलता है। टॉप पर आपको वही सर्च-फंक्शन और एकाउंट-बटन मिलेंगे। इन टॉप पर स्थित बटन्स के नीचे आपको अपने सारे एलबम्स की सूची मिलेगी जो स्क्रीन पर किसी टाइल्स की तरह दिखाई पड़ेंगे।
    • हर टाइल में नीहित म्यूजिक की सूची को ओपन करने के लिए उस टाइल पर प्रेस करें या वर्टिकली स्थित तीन ग्रे बिन्दुओं (gray dots) को प्रेस करें ताकि आप उन विकल्पों में ऐक्सेस कर सकें जिनसे आप म्यूजिक को एक प्ले-लिस्ट में शामिल कर सकें या तुरन्त प्ले करे सकें।
    • प्ले-म्यूजिक ऐप किसी भी गाने को, जिसे आपने अपने टैबलेट में ट्रांसफर किया है या अन्य किसी म्यूजिक को जिसे आपने गूगल प्ले स्टोर से खरीदा है, प्ले कर सकता है। आप चाहें तो स्पाटिफाई प्रीमियम (Spotify Premium) की तरह, मासिक फीस देकर गूगल म्यूजिक लाइब्रेरी में अन-लिमिटेड ऐक्सेस के लिए साइन-अप कर सकते हैं।
    • यदि आपको प्ले म्यूजिक ऐप पसंद न हो तो आप अन्य म्यूजिक-स्ट्रीम ऐप्स जैसे स्पाटिफाई (Spotify), पेंडोरा (Pandora) या रेप्सोडी (Rhapsody) डाउनलोड कर सकते हैं।
विधि 5
विधि 5 का 5:

नए ऐप्स इन्स्टाल करना

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  1. यह आइकॉन एक शॉपिंग बैग की तरह दिखाई पड़ता है जिसे आपके होम-स्क्रीन पर होना चाहिए। यह गूगल-प्ले-स्टोर ओपन कर देगा जहां से आप ऐप्स, गेम्स, म्यूजिक, बुक्स, मूवीज तथा और भी बहुत कुछ डाउनलोड कर सकते हैं। गूगल-प्ले-स्टोर, बाइ-डिफाल्ट ऐप्स सेक्शन ओपन कर देगा।
  2. पहले जब आप स्टोर ओपन करेंगे तो आपको कई तरह के फीचर्ड ऐप्स और गेम्स दिखाई पड़ेंगे। इनको ब्राउज़ करके देखें कि इनमें से कोई आपका ध्यान आकर्षित कर पाता है या नहीं।
  3. 3
    कैटेगरीज़ को देखें: आप टॉप फ्री (Top Free), टॉप पेड (Top Paid), टॉप ग्रासिंग (आल-टाइम) (Top Grossing (all-time) तथा और भी कैटेगरीज़ देख सकते हैं। इससे आपको इस बात की अच्छी जानकारी मिल सकती है कि अन्य लोग क्या प्रयोग करते हैं।
  4. किसी विशिष्ट ऐप को खोजने के लिए स्क्रीन के टॉप पर स्थित सर्च-बार का प्रयोग करें। जैसे ही आप सर्च-वर्ड टाइप करते हैं, सभी संभावित परिणाम आपके सामने दिखने लगेंगे।
  5. एक बार जब आप कोई ऐप सेलेक्ट कर लेते हैं तो उसके बाद आप उसके विस्तृत विवरण को रिव्यू कर सकते हैं। यदि आप निर्णय कर लेते हैं कि आप उस ऐप को चाहते हैं तो आप उसे खरीद सकते हैं (यदि उसका मूल्य लगता हो) और उसके बाद आप उसे अपने डिवाइस पर डाउनलोड कर सकते हैं। एक बार ऐप इन्स्टाल और डाउनलोड हो जायेगा तो वह आपके ऐप-ड्रायर और होम-स्क्रीन पर दिखने लगेगा।
    • यदि आप कोई ऐप खरीदना चाहते हैं तो आपको अपने गूगल एकाउंट के साथ किसी भुगतान विधि को जोड़ने की आवश्यकता पड़ेगी या फिर आपको कोई गूगल गिफ्ट कार्ड री-डीम करना पड़ेगा।
  6. ऐसे लाखों ऐप्स उपलब्ध होते हैं जिसमें से आप अपने पसंद का ऐप चुन सकते हैं, इसलिए ऐप चुनने का कार्य भी आपके लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। कुछ इस तरह के ऐप्स होते हैं जिनसे सभी को कुछ न कुछ लाभ होता है इसलिए उन्हीं से शुरूआत कर सकते हैं।
    • फाइल मैनेजर – आई-पैड की तुलना में ऐन्ड्रॉइड-आपरेटिंग-सिस्टेम आपको अपने अंदर बहुत ज्यादा चीजों में ऐक्सेस प्रदान करता है। फाइल-मैनेजर ऐप को डाउनलोड करने से आप अपने टैबलेट में किसी भी फाइल को देख सकते हैं, मूव कर सकते हैं, कापी कर सकते हैं और डिलीट भी कर सकते हैं। "ईएस फाइल मैनेजर” (ES File Manager), ऐन्ड्रॉइड के लिए उपलब्ध सबसे प्रचलित और शक्तिशाली फाइल मैनेजर्स में से एक है।
    • वीडियो स्ट्रीमिंग – कहीं भी आते-जाते वीडियो देखने के लिए टैबलेट बहुत अच्छा डिवाइस है इसलिए इसकी इस खूबी का लाभ उठाने के लिए आप कुछ ऐप्स जरूर पाना चाहेंगे। इनमें से अधिकतर ऐप्स पाने के लिए आपको सब्स्क्रिप्शन देना पड़ सकता है परंतु हो सकता है कि इन्हें आप पहले से ही अपने किसी और डिवाइस पर प्रयोग कर रहे हों। नेट्फ़्लिक्स (Netflix) और हुलु (Hulu) को निश्चय ही चेक करें परंतु अन्य वीडियो स्ट्रीमिंग विकल्प भी उपलब्ध हैं।
    • क्लाउड स्टोरेज – चूंकि अधिक से अधिक कार्य “क्लाउड”´ या “आन-लाइन” किए जा रहे हैं इसलिए डेडिकेटेड-क्लाउड-स्टोरेज ऐप की आवश्यकता बढ़ती जा रही है। चूंकि आप एक ऐन्ड्रॉइड टैबलेट प्रयोग कर रहे हैं इसलिए आप गूगल ड्राइव अवश्य इन्स्टाल करना चाहेंगे (यदि पहले से ही इन्स्टाल्ड न हो तो)। इससे न केवल आपको अपने 15 जीबी स्टोरेज में पूर्ण ऐक्सेस मिल जाएगा बल्कि आप गूगल डॉक्स, शीट्स और प्रेजेंटेशन को बना भी सकते हैं और एडिट भी कर सकते हैं। “ड्रापबाक्स” (Dropbox) के पास भी एक टैबलेट ऐप होता है जो आपको अपने स्टोर्ड फाइल्स में आसानी से ऐक्सेस प्रदान करता है।
    • वेब-ब्राउज़र – यदि आपके टैबलेट में “इंटरनेट” या “ब्राउज़र” वेब-ब्राउज़र पहले से ही इन्स्टाल्ड है तो आपको इसे किसी ज्यादा शक्तिशाली वेब ब्राउज़र से प्रतिस्थापित करने की इच्छा हो सकती है। गूगल क्रोम के पास एक कई फीचर्स से युक्त टैबलेट वर्जन उपलब्ध है जो आपको अपने डेस्क-टॉप वर्जन में उपलब्ध सारे बुकमार्क्स, लॉग-इन्स और सेव किए गए पासवर्ड्स से सिंक (sync) करने देता है। ऐन्ड्रॉइड के लिए फायरफाक्स (Firefox) भी उपलब्ध है जो डेस्कटॉप वर्जन से उतनी ही आसानी से सिंक (sync) करने देता है।
    • मेसेजिंग – चूंकि आपके टैबलेट पर कोई सेल्यूलर सिग्नल उपलब्ध नहीं होता है इसलिए ज्यादा संभव है कि उसमें एसएमएस मेसेजेज़ (SMS messages) भेजने की भी सुविधा उपलब्ध नहीं होगी परंतु आप मेसेजिंग ऐप्स को इन्स्टाल कर सकते हैं जो आपको किसी से भी और कहीं भी चैट करने देगा। स्काइप (Skype), ह्वाट्स-ऐप (WhatsApp), स्नैप-चैट (Snapchat), और गूगल हैंग-आउट्स (Hangouts) जैसे कई प्रोग्राम ऐन्ड्रॉइड टैबलेट के लिए उपलब्ध हैं।

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