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एक विडियो गेम डिजाईन करना कोई छोटा काम नहीं है, लेकिन अगर आपके पास कोई ऐसा आईडिया है जो इतना अच्छा है कि उसपर काम नहीं करना बेवकूफी होगी तो शुरुआत करने के लिए अभी से अच्छा कोई समय नहीं होगा | इंडिपेंडेंट डेवलपमेंट का विकास हर जगह होने की वजह से किसी गेम को क्रिएट करना पहले से कहीं आसान और सस्ता हो चुका है | अपने सपनों का गेम डिजाईन और क्रिएट करने के लिए इस गाइड को फॉलो करें और फिर इसे दुनिया के साथ शेयर करें |

विधि 1
विधि 1 का 7:

फाउंडेशन बनाना

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    अपनी शैली (genre) का चयन करें: जहाँ हर सफल गेम अपनेआप में अनोखा है, वहीँ करीब-करीब हर गेम किसी ना किसी खास शैली में फिट है | आप ये निर्णय ले लें कि आप किस तरह का गेम क्रिएट करना चाहते हैं और फिर देखें कि आपकी चुनी हुई शैली के दूसरे गेम क्या करते हैं | कुछ कॉमन शैलियां हैं:
    • आर्केड गेम्स (Arcade games)
    • शूटर्स (Shooters)
    • पज़ल्स (Puzzles)
    • प्लेटफोर्मर्स (Platformers)
    • रेसिंग (Racing)
    • एडवेंचर्स (Adventures)
    • एंडलेस रनर्स (Endless runners)
    • आरपीजी (RPGs)
    • फर्स्ट पर्सन शूटर (First person shooter)
    • स्टोरी/माँगा ड्रिवेन जेआरपीजी (Story/Manga driven JRPG)
    • टावर डिफेंसेज (Tower Defenses)
    • हॉरर (Horror)
    • फाइटर्स (Fighters)
    • कॉमेडी (Comedy)
    • सर्वाइवल (Survival)
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    अपने प्लेटफार्म का चयन करें: आपके गेम का डेवलपमेंट किस तरह से हो रहा है, इसपर आप जो प्लेटफार्म चुनते हैं उसका बहुत ज्यादा प्रभाव पड़ता है | गेम किस तरह कंट्रोल किया जाएगा यह प्लेटफार्म ही मैनेज करता है | स्मार्टफ़ोन के गेम सामान्यतया टच (touch) और टिल्ट (tilt) पर आधारित होते हैं, और पीसी (PC) के गेम कीबोर्ड और माउस का यूज करते हैं, और कंसोल गेम गेमपैड्स का |
    • इन सभी नियमों के अपवाद भी हैं, लेकिन किसी खास कण्ट्रोल मेथड के अनुसार गेम डिजाईन करना आपके लिए हमेशा आसान रहेगा |
    • अगर आप एक आईफ़ोन (iPhone) गेम बनाना चाहते हैं तो आपको इसे किसी मैक (Mac) कंप्यूटर से किसी एप्पल स्टोर को सबमिट करना पड़ेगा |
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    सबसे पहले प्रेलिमिनरी डिजाईन लिखें: यह कम-से-कम एक पेज का होना चाहिए, लेकिन यह आप जो गेमप्ले एक्सपीरियंस क्रिएट करेंगे उसका हार्ट होगा | यह आपके गेम के आधारभूत सिद्धांतों (fundamental concepts) को रखेगा और आपको ये दिखायेगा कि आपका आईडिया किसी विडियो गेम को क्रिएट करने के लिए सच में प्रैक्टिकल है या नहीं |
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    एक कोर फिलोसफी के साथ शुरुआत करें: यह स्टेटमेंट गेम के पीछे के प्रेरक बल की तरह काम करेगा | ये बहुत ही साधारण से स्टेटमेंट हैं जिनसे आपका गेम जो है उसके हार्ट तक पहुंचा जा सकता है | यह सुनिश्चित करने के लिए कि आपका गेम अभी भी इसके आधारभूत लक्ष्यों को प्राप्त कर रहा है, इस स्टेटमेंट को बार-बार दोहरायें | कोर फिलोसफी के कुछ उदाहरण हैं:
    • गेम किसी स्पेस स्टेशन इकॉनमी को असंतुलित (simulate) कर देता है
    • यह गेम आपको किसी लिविंग कार की तरह प्ले करने देता है
    • यह गेम प्लेयर की अनैच्छिक क्रियाओं (reflexes) को टेस्ट करने के लिए है
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    अपने गेम की विशेषताओं (features) को लिखें: आपके गेम के फीचर इसे उस शैली के अन्य गेमों से अलग करते हैं | अपने विचारों और सिद्धांतों को लिखकर शुरुआत करें | इन विचारों और सिद्धांतों को क्रियाशक्ति से प्रेरित (action-driven) वाक्यों में बदल दें | 5 से 15 विशेषताओं के लिए शूट करें | उदाहरण के लिए:
    • कांसेप्ट: स्पेस स्टेशन कंस्ट्रक्शन |
    • फीचर: अपना खुद का पर्सनल स्पेस स्टेशन बनायें और मैनेज करें |
    • कांसेप्ट: ग्रहिकाओं (asteroids) के कारण क्षति
    • फीचर: पर्यावरण संबंधी खतरों जैसे ग्रहिकाएँ, सूरज की तेज रौशनी, और धूमकेतु इत्यादि, के कारण जीवित रहने के लिए संघर्ष करना |
    • अगर आप पहले से ही अपने गेम की विशेषताओं को लिख लेते हैं तो बाद में डिजाईन डॉक्यूमेंट बनाते समय आप हर विशेषता को बढ़ा-चढ़ाकर लिख सकते हैं | पहले से विशेषताओं की लिस्ट बना लेने का सबसे बड़ा लाभ ये है कि आपका प्रोजेक्ट अपने लक्ष्य पर केन्द्रित रहता है और ऐसा नहीं होता है कि इसमें नए-नए विचार धीरे-धीरे जुड़ते रहें मतलब ये “फीचर-क्रीप (feature-creep)” नहीं बनता है |
    • इन विशेषताओं को तबतक दोहराते रहें जबतक आप इस बात से पूरी तरह संतुष्ट नहीं हो जाएँ कि आपका गेम वैसा ही बन रहा है जैसा आप इसे बनाना चाहते थे |
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    एक ब्रेक लें: प्रेलिमिनरी डिजाईन को किसी ड्रावर में रख दें और इसके बारे में एक से दो सप्ताह के लिए सोचना बंद कर दें | आप इसकी तरफ दोबारा एक नए दृष्टिकोण के साथ जाना पसंद करेंगे | ऐसा करने से आप ये निर्धारित कर सकेंगे कि इस प्रोजेक्ट में समय लगाना वास्तव में ठीक रहेगा या नहीं |
विधि 2
विधि 2 का 7:

डिजाईन डॉक्यूमेंट लिखना

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    सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं की डिटेल्स देखें: डिजाईन डॉक्यूमेंट आपके विडियो गेम की रीढ़ की हड्डी है | यह आपके गेम की प्रक्रिया के प्लाट, सेटिंग, एस्थेटिक डिजाईन और अन्य पहलुओं का विस्तृत विवरण रखता है | इस डॉक्यूमेंट का फॉर्मेट इसके कंटेंट के जितना महत्वपूर्ण नहीं है |
    • डिजाईन डॉक्यूमेंट तब बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाते हैं जब आप प्रोग्रामरों और कलाकारों की किसी टीम को मैनेज कर रहे होते हैं | ये सुनिश्चित करें कि डॉक्यूमेंट एंड यूजर्स के लिए नहीं बल्कि प्रोग्रामरों और कलाकारों की सुविधा के हिसाब से बनाया गया हो | असपष्ट बातें ना लिखें बल्कि गेम की किसी भी प्रक्रिया को किस तरह काम करना है, इसका विस्तृत वर्णन दें |
    • हर गेम का डिजाईन डॉक्यूमेंट नहीं होता है और दो डिजाईन डॉक्यूमेंट कभी भी एकदम एक जैसे नहीं दिखेंगे | इन चरणों को गाइडलाइन की तरह यूज़ करें लेकिन अपने डॉक्यूमेंट को गेम की जरूरतों के हिसाब से बदलने में ना झिझकें |
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    टेबल ऑफ़ कंटेंट्स (table of contents) बनायें: इसमें गेम का हरेक पहलू सम्मिलित होना चाहिए | एकमात्र चीज जो सम्मिलित नहीं होनी चाहिए वो है स्टोरी | हाँ, अगर स्टोरी गेम की क्रियाविधि से मूलभूत रूप से जुड़ी हुई हो तो इसे भी टेबल ऑफ़ कंटेंट्स में होना चाहिए | [१]
    • टेबल ऑफ़ कंटेंट्स को उसी तरह एप्रोच करें जैसे आप किसी गेम मैन्युअल को करते हैं | विस्तृति भागों (sections) से शुरुआत करें, जैसे कैरक्टर क्रिएशन (Character Creation), कॉम्बैट (Combat), और मेन इंटरफ़ेस (Main Interface), और इसके बाद इनमें से हरेक खंड/भाग को उपखंडो (subsections) में बांटकर विस्तार करें |
    • टेबल ऑफ़ कंटेंट्स को गेम के लिए आउटलाइन की तरह समझें | आप टेबल की हरेक एंट्री के लिए ज्यादा विस्तार में जायेंगे |
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    अपने डॉक्यूमेंट के हर सेक्शन को भरें: जब आपका टेबल पूरा तैयार हो जाए, तब क्रियाविधियों का विस्तार करना शुरू करें | विस्तार में जाने के लिए अच्छी तरह समय लगायें ताकि जब आप प्रोग्रामिंग की शुरुआत करें आपको कोई कंफ्यूजन नहीं हो | हर क्रियाविधि का स्पष्ट वर्णन किया हुआ होना चाहिए ताकि जब इसके कार्यान्वयन का समय आये तो कोई भी कंफ्यूजन ना हो |
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    इसे खुद रन करें या अपनी टीम के किसी और सदस्य से चलवायें: गेम डिजाईन एक बहुत सहयोगपूर्ण प्रक्रिया (collaborative process) हो सकती है और ये आपके एप्रोच पर निर्भर करता है | दूसरे लोगों के परिज्ञान (Insight) से आपको अपने गेम को फोकस्ड रखने में मदद मिल सकती है और हो सकता है आपके गेम के ऐसे पहलुओं की तरफ इशारा किया जाए जिसके बारे में पहले सही तरीके से सोचा नहीं गया हो |
विधि 3
विधि 3 का 7:

प्रोग्राम करने की शुरुआत करना

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    इंजन के विषय में निर्णय लें: इंजन गेम का असली आधार है | इसमें ऐसे बहुत से टूल होते हैं जिनसे गेम क्रिएट करने में मदद मिलती है | अगर इंजन पहले से मौजूद हो तो किसी गेम को क्रिएट करना बहुत आसान हो जाता है और इस काम में बहुत कम समय लगता है, लेकिन अगर आपको एकदम शुरुआत से गेम को बनाना पड़े तो आपको बहुत ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी और ज्यादा समय भी लगाना पड़ेगा | इस तरह के बहुत सारे इंजन हैं जो इंडिपेंडेंट डेवेलपरों के लिए डिजाईन किये गए हैं |
    • इंजन ग्राफ़िक्स (graphics), साउंड (sound), और एआई (AI) को मैनिपुलेट करने की प्रक्रिया को काफी आसान बना देते हैं |
    • अलग-अलग तरह के इंजनों की अपनी अलग-अलग विशेषतायें और कमियां होती हैं | कुछ 2डी (2D) ग्राफ़िक्स के लिए ज्यादा सही होते हैं, तो अन्य इंजन 3डी (3D) ग्राफ़िक्स के लिए बनाये गए होते हैं | ऐसे कई गेम डेवलपमेंट टूल हैं जिन्हें आप किसी कोडिंग एक्सपीरियंस के बिना भी यूज़ कर सकते हैं | लोकप्रिय (Popular) इंडिपेंडेंट डेवलपमेंट इंजनों में ये सम्मिलित हैं:
      • गेममेकर (GameMaker) स्टूडियो – यह सबसे ज्यादा लोकप्रिय 2डी (2D) गेम इंजनों में से एक है |
      • यूनिटी – यह एक 3डी (3D) इंजन है जो इसकी पोर्टेबिलिटी और उपयोग करने में आसानी के कारण लोकप्रिय है |
      • आरपीजी मेकर वीएक्स (RPG Maker VX) – यह एक स्क्रिप्टिंग इंजन है जो 2डी आरपीजी (2D RPG) के लिए डिजाईन किया गया है जो ट्रेडिशनल जेपीआरजी (JRPG) स्टाइल है |
      • अनरियल डेवलपमेंट किट (Unreal Development Kit) – यह एक ऐसा 3डी (3D) इंजन है जिसे कई तरह से उपयोग किये जाने के लिए अनुकूल बनाया जा सकता है |
      • सोर्स (Source)– यह एक बहुत लोकप्रिय 3डी (3D) इंजन है जो लगातार अपडेट और मॉडिफाई होता रहता है |
      • प्रोजेक्ट स्पार्क (Project Spark) – यह एक ऑप्टीमाइज़्ड 3डी (3D) इंजन है जो एवरेज यूजर को संबोधित करता है |
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    अपने इंजन को समझें या किसी ऐसे को ढूंढें जो आपके इंजन को समझता हो: आप कौन से इंजन का चयन करते हैं, इस बात के आधार पर आपको बहुत सारी प्रोग्रामिंग करने की जरूरत पड़ सकती है | चाहे आप साधारण-से-साधारण इंजन का प्रयोग करें लेकिन उसे कैसे मैनिपुलेट करना है, ये समझने में समय लगेगा ही | अगर आप प्रोग्रामिंग करने में सक्षम नहीं हैं तो इसके लिए या तो आपको पहले प्रोग्रामिंग सीखनी पड़ेगी या किसी को हायर करना पड़ेगा |
    • यह आपके टीम-बिल्डिंग फेज की शुरुआत होगी | अगर आप प्रोग्राम करने में सक्षम नहीं हों तो पहला वर्कर जिसे आप हायर करेंगे वो एक प्रोग्रामर होना चाहिए | बाद में आप आर्ट और साउंड की चिंता कर सकते हैं | प्रोजेक्ट को आगे जारी रखने से पहले आपको एक वर्किंग प्रोटोटाइप बनाना पड़ेगा |
    • इंडिपेंडेंट डेवलपरों की एक बहुत बड़ी कम्युनिटी है जिसके साथ आपको जुड़ना चाहिए | लोग प्रोजेक्टों को कई अलग-अलग कारणों और पैसों के लिए ज्वाइन करते हैं | इस जगह पर एक दमदार गेम डिजाईन डॉक्यूमेंट सच में काफी काम आता है क्योंकि यह ये दर्शाता है कि आप अपने आईडिया के लिए कमिटेड हैं |
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    एक प्रोटोटाइप बनायें: आपने जिस इंजन का चयन किया है उससे जब आप परिचित हो चुके हों तब गेम का प्रोटोटाइप बनायें | ये प्रोटोटाइप गेम की कोर फंक्शनैलिटी के लिए एक बेसिक टेस्ट की तरह काम करेगा | प्रोटोटाइप के लिए आपको ग्राफ़िक्स या ऑडियो की जरूरत नहीं पड़ेगी बल्कि साधारण प्लेसहोल्डर जैसे क्यूब या कोई स्टिक फिगर और एक छोटे से टेस्ट एरिया से आपका काम चल जायेगा | [२]
    • प्रोटोटाइप को परिष्कृत (refine) करें ताकि इसे प्ले करना मजेदार काम बन जाए: ऐसी कोई भी चीज जो सही काम नहीं कर रही हो या जो ठीक ना लगे उसकी क्रियाविधि को फिर से विकसित करें या परिष्कृत करें | अगर प्रोटोटाइप प्ले करने में मनोरंजक नहीं हो तो फाइनल गेम भी शायद मनोरंजक नहीं होगा |
    • हमेशा ऐसे कुछ फीचर होंगे ही जो वैसे तो बनाने और यूज़ करने के लिए आसान प्रतीत होंगे लेकिन जब गेम बनाने की बात आएगी तो ये काम नहीं करेंगे | क्या काम कर रहा है और क्या नहीं, ये देखकर जब आप गेम के कई फीचरों में सुधार करते हैं तो प्रोटोटाइप के कई बार बदलने की आशा रखें |
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    गेम कंट्रोल को भी परिष्कृत करें: गेम की सबसे बेसिक फंक्शनैलिटी ये है कि किसी प्रकार के कण्ट्रोल इनपुट से प्लेयर गेम से इंटरैक्ट करे | इस बात को सुनिश्चित करने के लिए प्रोटोटाइप का प्रयोग करें कि कण्ट्रोल उतने परफेक्ट हैं जितने वो हो सकते हैं |
    • बुरी तरह इम्प्लीमेंट किये हुए गेम कंट्रोलों के कारण प्लेयर चिढ़ सकते हैं | अगर गेम के कण्ट्रोल परफेक्ट तरीके से एक्सीक्यूट होते हैं तो ये प्लेयर के कौशल के लिए उसे ईनाम मिलने की तरह होगा |
विधि 4
विधि 4 का 7:

गेम के खास गुणों (Assets) को क्रिएट करना

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    अपने प्रोजेक्ट की जरूरतों पर विचार करें: आपके प्रोजेक्ट के स्कोप के आधार पर आपकी आर्ट संबंधी जरूरतें काफी अलग हो सकती हैं | कुछ गेम सिर्फ साधारण आकारों (shapes) और रंगों (colors) से बनते हैं जबकि अन्य गेमों में बहुत ही जटिल संसार दिखाया जाता है जिसके लिए साउंड डिज़ाइनरों और कलाकारों की बड़ी-बड़ी टीमें मेहनत करती हैं | अपने गेम के खास गुणों के विषय में प्रैक्टिकल होकर सोचे और जरूरत के हिसाब से ही लोगों को हायर करें |
    • ज्यादातर इंडिपेंडेंट गेम छोटी-छोटी टीमों द्वारा क्रिएट किए जाते हैं और कई बार सिर्फ एक ही व्यक्ति द्वारा भी क्रिएट किये गए होते हैं | अगर आप अकेले ही गेम को क्रिएट कर रहे हैं तो इस बात को समझ लें कि इसे बनने में काफी समय लग सकता है, खासकर जब आप सारे एसेट्स खुद ही क्रिएट कर रहे हों |
    • डेवलपमेंट कम्युनिटियों द्वारा शेयर किये गए कई फ्री-टू-यूज़ एसेट्स ऑनलाइन भी उपलब्ध हैं | इनका आप उपयोग कर सकते हैं लेकिन हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि आप जिस भी रिसोर्स को यूज़ करें, इससे किसी के कॉपीराइट का उल्लंघन ना हो |
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    कुछ आर्ट आप रफ़ तरीके से ड्रा करें: गेम की जो सुन्दरता प्लेयर देखेगा मतलब इसके विजुअल एस्थेटिक (visual aesthetic) के विषय में सोचते हुए आपको पहले आर्ट को प्रोटोटाइप में इम्प्लीमेंट करना होगा और फिर प्रोटोटाइप का विस्तार करके गेम को सही तरीके से क्रिएट करना होगा |
    • ऐसे बहुत सारे स्टाइल हैं जिनका आप प्रयोग कर सकते हैं | पिक्सेल आर्ट उन स्टाइलों में से एक कॉमन स्टाइल है जो इंडिपेंडेंट डेवलपरों द्वारा इम्प्लीमेंट किये गए हैं | ऐसा इसलिए है क्योंकि पिक्सेल आर्ट सामान्यतया सबसे तेज और सस्ता आर्ट देता है और परिणाम के तौर पर गेम भी अच्छा ही दिखता है | [३]
    • अगर आपके पास ज्यादा समय और मैनपॉवर है तो आप किसी 3डी (3D) आर्ट के प्रयोग के विषय में सोच सकते हैं | किसी एक व्यक्ति की टीम से बेसिक 3डी (3D) मॉडलिंग संभव है लेकिन ज्यादा काम्प्लेक्स डिटेल्स के लिए काफी ज्यादा समय लगेगा | 3डी मॉडलों में मॉडल के ऊपर टेक्सचर की भी जरूरत पड़ती है |
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    गेम के वर्ल्ड, या स्ट्रक्चर को डिजाईन करें: एकबार जब आपके पास उपयोग में लाये जाने के लिए कुछ आर्ट उपलब्ध हो जाए, आप गेम को खुद ही कंस्ट्रक्ट कर सकते हैं | आपके गेम के स्टाइल के आधार पर आपको लेवल या प्लेयिंग एरिया क्रिएट करने की जरूरत पड़ सकती है | अगर आप कोई पजल गेम बनाते हैं तो आप अपने खुद के पजल भी डिजाईन कर सकते हैं |
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    अपने आर्ट एसेट्स को डेवेलप करें: आपके आर्ट स्टाइल के आधार पर, ऐसे बहुत सारे प्रोग्राम हैं जिनका प्रयोग आप अपने आर्ट एसेट्स क्रिएट करने के लिए कर सकते हैं | उनमे से कुछ सबसे ज्यादा लोकप्रिय प्रोग्राम हैं:
    • ब्लेंडर (Blender) – यह ओपन सोर्स प्रोग्राम सबसे ज्यादा लोकप्रिय 3डी मॉडलिंग प्रोग्रामों में से एक है | आपको ऐसे अनगिनत ऑनलाइन टुटोरिअल मिल जायेंगे जो ये बताते हैं कि इस प्रोग्राम को कैसे यूज़ करना है |
    • फोटोशॉप (Photoshop) – यह प्रोग्राम टेक्सचरिंग प्रोसेस के साथ-साथ ज्यादातर 2डी आर्ट क्रिएट करने के लिए भी उपयोगी है | यह मंहगा है, इसलिए इसके लिए पैसों की व्यवस्था करना आपके लिए एक समस्या हो सकती है | अगर ऐसा है तो जीआईएमपी (GIMP) को ट्राई करें जो फोटोशॉप का फ्री, ओपन सोर्स विकल्प है | इसमें ज्यादातर फंक्शनैलिटी फोटोशॉप जैसी ही है |
    • पेंट.नेट (Paint.net) – यह पेंट शॉप प्रो का एक ओपन सोर्स विकल्प है और यह आपको आसानी से फ्री 2डी आर्ट क्रिएट करने देता है | यह प्रोग्राम 2डी पिक्सेल आर्ट ग्राफ़िक्स क्रिएट करने के लिए विशेष रूप से उपयोगी है |
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    अपने ऑडियो एसेट्स को रिकॉर्ड करें: गेम प्ले करते समय प्लेयर गेम में डूब सके, ऐसे प्रभाव के लिए साउंड डिजाईन की विशेष भूमिका होती है | आपके पास म्यूजिक हो या नहीं लेकिन आप साउंड इफेक्ट्स का प्रयोग कब और कैसे करते हैं, और जो संवाद बोले जा रहे होते हैं, ये सारी चीजें किसी प्लेयर को गेम से कनेक्ट करती हैं |
    • आपको बहुत सारे फ्री ऑडियो रिकॉर्डिंग और म्यूजिक क्रिएशन सॉफ्टवेर ऑनलाइन अवेलेबल मिल सकते हैं | अगर आपका बजट टाइट हो या आप इंडिपेंडेंट रूप से काम कर रहे हों तो इनके प्रयोग के विषय में सोचे |
    • अपने घर के आसपास उपलब्ध चीजों से अपने खुद के साउंड इफेक्ट्स क्रिएट करें |
विधि 5
विधि 5 का 7:

इन सब को एक साथ रखना

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    अपने गेम को जितना हो सकते उतना प्ले करें: जैसे ही आप गेम के हर पहलू का निर्माण कर लें, इसे प्ले करके ये सुनिश्चित करें कि ये प्लेयर को कनेक्ट करने और उसका मनोरंजन करने में सक्षम है | अगर कोई एरिया या आईडिया कमजोर या गलत तरीके से इम्प्लीमेंट किया हुआ लगे तो इसे परिष्कृत करें या हटा दें | जब आपके सारे लेवल, पजल, या प्ले एरिया पूरे हो जाएँ, तो गेम को अच्छी तरह खेल के ये सुनिश्चित कर लें कि ये आरंभ से लेकर अंत तक मनोरंजक है |
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    अपनी कोर फिलोसफी पर ध्यान केन्द्रित कर के रखें: डेवलपमेंट प्रोसेस के दौरान आपको लगातार यह चेक करते रहना चाहिए कि आपका गेम आपकी कोर फिलोसफी के अनुसार डेवेलप हो रहा है या नहीं | ये सुनिश्चित करें कि आप अपने फीचर लिस्ट से जुड़े हुए हों और ज्यादा चीजों के जुड़ते जाने के कारण आप उलझन में नहीं फंस रहे हों |
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    पॉलिश, पॉलिश, पॉलिश: बार-बार अपने आर्ट, साउंड, और गेम डिजाईन को चेक करें ताकि कमियों को दूर कर सकें और अपने गेम के खास स्टाइल को सामने ला सकें | आपकी तेजी से पॉलिश कर सकने की क्षमता सबसे ज्यादा उस आर्ट स्टाइल पर निर्भर करेगी जो आपने प्रयोग के लिए चुना है |
विधि 6
विधि 6 का 7:

गेम को टेस्ट करना

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    बग हंटिंग शुरू करें: जब आपके पास आरंभ से अंत तक बिना बाधा के काम करने वाला एक गेम उपलब्ध हो जाये, तब समझिये कि इसकी त्रुटियाँ ढूँढने का काम शुरू करने का समय आ गया है | ज्यादा से ज्यादा लोग आपके गेम को प्ले कर सकें, इसके लिए अपने गेम के दोषों को ढूंढकर उन्हें दूर करना आपके लिए बहुत जरूरी है |
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    ऐसे एक्शन परफॉर्म करें जो आप सामान्य अवस्था में ट्राई नहीं करते: जिस भी तरीके से कोई प्लेयर गेम के साथ इंटरैक्ट कर सकता है वो आपको ट्राई करके देखने की जरूरत है | यह भी सुनिश्चित करें कि आपके गेम के नियमों को नजरअंदाज करने या तोड़ने की संभावना ना रहे और इसके लिए आप खुद बार-बार इन नियमों के विरूद्ध एक्शन करके ट्राई करें |
    • बग टेस्टिंग में बहुत ज्यादा समय लग सकता है, यहाँ तक कि जितना समय गेम को क्रिएट करने में लगा है उससे ज्यादा भी | इसलिए टेस्टिंग के लिए आप जितने ज्यादा लोगों की मदद ले सकें आप उतनी ज्यादा त्रुटियों को ढूँढने और दूर करने में सफल हो सकेंगे |
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    आपको बग फिक्सिंग किस तरह करनी है, इसके लिए प्रायोरिटी सेट करें: अगर आपके पास बहुत सारी त्रुटियों की एक लंबी लिस्ट है और उन्हें दूर करने के लिए सीमित समय है तो ये सुनिश्चित करें कि आप सबसे पहले ज्यादा गंभीर, और गेम को रोक देने वाली त्रुटियों को दूर कर सकें | उदाहरण के लिए, अगर कोई ऐसा बग था जो स्कोर-बेस्ड गेम में प्लेयर को अनलिमिटेड हाई स्कोर बनाने दे रहा था तो आप ये जरूर सुनिश्चित करना चाहेंगे कि उस बग को तुरंत फिक्स कर दिया जाये |
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    दूसरे लोगों को गेम प्ले करते हुए देखें: अपने गेम को ट्राई करवाने के लिए कुछ दोस्तों को बुलाएं | अब इस बात को ध्यान से देखें कि वो गेम की चुनौतियों का सामना किस तरह से करते हैं, और वो आपके गेम वर्ल्ड से किस तरह इंटरैक्ट करते हैं | इस बात की पूरी संभावना बनती है कि वो ऐसी चीजें करेंगे जो करने की शायद आपने पहले कभी कल्पना नहीं की होगी |
विधि 7
विधि 7 का 7:

अपने काम को रिलीज़ करना

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    कम्पाइल किये हुए प्रोग्रामों को रिलीज़ करने के क्या नियम हैं ये जानने के लिए अपने इंजन को चेक करें: हर इंजन खास प्लेटफार्मों को ही सपोर्ट करता है और कुछ को अलग प्लेटफार्मों पर रिलीज़ करने के लिए अलग लाइसेंसों की भी जरूरत पड़ती है | उदाहरण के लिए, गेम स्टूडियो के साथ आप विंडोज और मैक ओएस X (Mac OS X) के स्टैण्डर्ड वर्जनों पर रिलीज़ कर सकते हैं लेकिन मोबाइल वर्जनों पर रिलीज़ करने के लिए आपको प्रो वर्जन में अपग्रेड करना पड़ेगा और एक्स्ट्रा फी देनी पड़ेगी |
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    अपने गेम का प्रचार करें: जब आप बहुत जल्दी ही गेम को रिलीज़ करने वाले हों तब लोगों को थोड़ा आकर्षित करने की कोशिश करें | लोकप्रिय गेमिंग फोरमों (gaming forums) पर अपने गेम के एक्शन मोड के कुछ स्क्रीनशॉट और विडियो क्लिप पोस्ट कर दें | गेमिंग न्यूज़ साइटों को कांटेक्ट करें और उन्हें ये इनफार्मेशन दे दें कि आपका गेम जल्दी ही रिलीज़ होने वाला है | आपके गेम को कैसे एक्सेस करना है, इसकी कितनी कीमत होगी, और आपके गेम का संक्षिप्त विवरण, ये सारी इनफार्मेशन भी निश्चित रूप से दे दें |
    • प्रोडक्शन के दौरान एक कंपनी वेबसाइट भी क्रिएट कर लें ताकि आपके अनुयायी (followers) बनने शुरू हो जाएँ | अपने गेम के लिए एक फोरम की होस्टिंग करना प्रशंसकों को एक-दूसरे से बात करने का मौका देने का एक शानदार तरीका है, और अगर आप नियमित रूप से अपने साईट को अपडेट करें तो आप लोगों का ध्यान ज्यादा आकर्षित कर पायेंगे |
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    डिस्ट्रीब्यूशन सर्विस के विषय में निर्णय लें: कुछ इंडिपेंडेंट डेवलपर गेम को अपनी खुद की वेबसाइट पर होस्ट करना पसंद करेंगे, लेकिन हो सकता है कि आपसे होस्टिंग फी के रूप में काफी ज्यादा पैसों की डिमांड की जा रही हो, और कुछ होस्ट उतना लोड सपोर्ट भी नहीं कर सकते हैं जो किसी सफल गेम के लिए जरूरी है | इंडिपेंडेंट गेमों को पीसी और मैक ओएस एक्स पर रिलीज़ करने के लिए कुछ लोकप्रिय आउटलेट हैं:
    • स्टीम (Steam)
    • देसुरा (Desura)
    • हम्बल स्टोर (Humble Store)
    • जीओजी (GOG)
    • मोबाइल गेमों को सामान्यतया उनके प्रत्याशित स्टोरों से रिलीज़ किया जाता है जैसे एप्पल एप्प स्टोर (Apple App Store), गूगल प्ले स्टोर (Google Play Store), इत्यादि | यही बात कंसोल गेमों के लिए भी लागू होती है जैसे एक्सबॉक्स लाइव (Xbox Live), प्लेस्टेशन नेटवर्क (PlayStation Network), इत्यादि |
    • अलग-अलग सर्विस के लिए आपके गेम की सेल में से आपको अलग-अलग अंश देने पड़ेंगे | इसलिए किसी भी सर्विस को लेने से पहले ये जरूर पता करें कि वो सर्विस आपके लिए ठीक है या नहीं | बहुत सारी सर्विसों के सेल्स रिप्रेजेन्टेटिव होते हैं जिनसे आप सीधे-सीधे गेम डेवलपर के रूप में बात कर सकते हैं |
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    अपने गेम को सपोर्ट करें: एकबार जब आपका गेम रिलीज़ हो जाता है तो इसे जितनी ज्यादा हो सके वित्तीय सहायता दें और त्रुटियों का समाधान (bug fixes) और ज्यादा कंटेंट भी ऑफर करें | डिजिटल डिस्ट्रीब्यूशन का युग होने का मतलब ये है कि गेम पहले से कहीं ज्यादा तेजी से अपडेट किये जा सकते हैं | जैसे ही ज्यादा-से-ज्यादा लोग आपके गेम को एक्सेस करने लगेंगे, इसके अनगिनत बग रिपोर्ट किये जायेंगे | इन्हें फिक्स करने के लिए आप जितनी जल्दी कुछ कर सकते हैं, करें |

सलाह

  • गेम क्रिएट करने का कोई एक खास तरीका नहीं होता है | इस गाइड को विवरण (overview) की तरह समझें और किसी ऐसे प्रोसेस से जुड़े रहें जो आपके हिसाब से बेस्ट है |
  • रातोंरात लाखो-करोड़ों कमा लेने की उम्मीद लगाकर ना बैठें | आपको गेम क्रिएट करने की लगन होनी चाहिए और इस प्रोसेस से अगर पैसे बनते हैं तो इसे वेलकम बोनस की तरह समझना चाहिए |
  • आपको ऐसे भी लोग मिलेंगे जो ये मानने को तैयार ही नहीं होंगे कि आप ये काम कर सकते हैं, लेकिन जबतक आप गेम बनाने को लेकर गंभीर हैं, इस बात की पूरी संभावना है कि आप ये कर सकते हैं |

चेतावनी

  • इस बात का ध्यान रखें कि कोई मान्यताप्राप्त संगठन आपके गेम को ऐसी रेटिंग ना दे दे जिससे रिटेलर और ऑनलाइन स्टोर आपके गेम को बेचने से कतराने लगें |
  • आपकी राह में बाधाएं तो आती रहेंगी लेकिन आपको इनसे घबड़ाना नहीं चाहिए | एक अच्छा गेम क्रिएट करने में काफी समय लगता है, लेकिन आपके प्रयासों का परिणाम आपको अच्छा ही मिलता है |

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