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अगर आपको कभी किसी नाटक, वेशभूषा, या शरारत के लिए रोने का ढोंग करने की ज़रूरत पड़ी होगी, तब आपको पता ही होगा, कि जब आप चाहते हों, तब उस समय आँखों को लाल और इर्रीटेटेड (irritated) दिखाना कितना कठिन काम होता है। अपनी आँखों को लाल करना एक असिद्ध विज्ञान है; और चाहे आप एक ही तरीका क्यों न अपनाएँ, मगर हर बार एक ही परिणाम मिलना बहुत कठिन होता है। मगर, आँखों में इर्रीटेशन पैदा करने और अपने आपको रोने का छलावा देने के लिए कुछ स्मार्ट, सुरक्षित तरीके अपनाए जा सकते हैं अथवा अगर आवश्यक हो तब मेकअप लगाने जैसे व्यावहारिक तरीकों का भी इस्तेमाल किया जा सकता है, जिससे ऐसे अच्छे परिणाम मिलना संभव हो सकता है, जिनका पूर्वानुमान भी हमेशा नहीं लग पाता है।

विधि 1
विधि 1 का 4:

हानि के बिना अपनी आँखों में इर्रीटेशन उत्पन्न करना

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  1. एक प्याज़ छीलिए और उसके छोटे टुकड़े को आँखों के नीचे रगड़िए: ऐसी कौन सी सस्ती, व्यापक रूप से उपलब्ध चीज़ है जो मिनटों में किसी की आँखों में आँसू ला कर उन्हें लाल कर सकती है? यह कोई हालमार्क कार्ड नहीं है, यह है मामूली प्याज़! प्याज़ सिंपरोनेथियल-एस-ऑक्साइड (syn-propanethial-S-oxide) नामक एक रासायनिक इर्रीटेंट पैदा करता है, जो आँखों में आँसू लाता है और उन्हें लाल करता है। [१] प्याज़ छीलने और काटने से आम तौर पर आपकी आँखें पनिया जाती हैं, मगर उन्हें लाल करने के लिए लंबे एक्स्पोज़र (exposure) की ज़रूरत होगी। जब आँखों को लाल दिखाना हो तब आँखों के नीचे कई बार रगड़ने के लिए बीच का हिस्सा या थोड़ा सा छिला हुआ भाग रख लीजिये।
    • तथाकथित "मीठे" प्याज़ (जैसे कि, विदालिया प्याज़) से बचिए, क्योंकि इनसे आम तौर पर उतना इर्रीटेशन और जलन नहीं होती है। सबसे बढ़िया परिणामों के लिए, ज़ोरदार महक वाले सफ़ेद या पीले प्याज़ का इस्तेमाल करिए। [२]
    • धीरे-धीरे असर करने के लिए, प्याज़ के कुछ टुकड़ों को टिशू या रुमाल पर रखिए और उस रुमाल को अपनी आँखों के नीचे मलिए। इस बैरियर (barrier) से आपकी आँखें प्याज़ के सीधे कांटैक्ट (contact) में आने से बच जाती हैं, मगर इर्रीटेंट का असर तब भी होगा ही, बशर्ते कि टिशू का मैटीरियल (material) बहुत मोटा न हो।
    • अगर आप रोना दिखाने का ढोंग कर रहे हैं, तब इस असर को बढ़ाने के लिए, इसको अपने नथुनों के नीचे भी घिसने का प्रयास करिए जिससे नाक बहने को बढ़ावा मिल सके।
    • बस यह ध्यान रहे कि घिसने वाला धुआँ आपकी आँखों में सीधे न जाये, चूंकि इससे बहुत तकलीफ़ हो सकती है।
  2. एक तरीका जो करीब-करीब ऊपर दिये गए मेन्थोल तरीके जैसा ही है, उसमें पिपरमेंट के तेल का इस्तेमाल होता है। बिलकुल वैसे ही प्रभाव के लिए, बस सीधे उन्हीं तरीकों का इस्तेमाल करिए; दोनों आँखों के नीचे थोड़ा सा लगा लीजिये; तेल से उठने वाला धुआँ आँखों को इर्रीटेट करेगा। जैसा कि ऊपर कहा जा चुका है, तेल को आँखों में मत जाने दीजिये, चूंकि इससे आँखों में जलन होगी और बहुत देर तक तकलीफ़ बनी रहेगी।
    • पिपरमेंट का तेल अधिकांश उच्च स्तर के ग्रोसर्स (grocers) के यहाँ, विशेष भोजन वाली दुकानों में, और स्वास्थ्य भोजन वाली दुकानों में मिल सकता है। हालांकि, अगर आपके पास यह पहले से न हो, तब सस्ता तरीका यही है कि आप मेन्थोल या प्याज़ का इस्तेमाल करें, क्योंकि पिपरमेंट का तेल आम तौर पर महंगा पड़ता है।
  3. अगर आपको लाल आँखें अभी के अभी चाहिए, तब भी चिंता मत करिए; आपको बिना किसी खास चीज़ का इस्तेमाल किए वे वैसे ही मिल सकती हैं। बस जितनी देर तक हो सके, उतनी देर तक आँखें खोले रहिए, पलक झपकाने की इच्छा को तब तक दबाये रखिए जब तक कि तकलीफ़ बहुत अधिक न हो जाये। चूंकि पलकें झपकाना, आईबॉल्स (eyeballs) अच्छी तरह से चिकना बनाए रखने का एक प्राकृतिक तरीका है, इसके बिना आईबॉल्स सूखने लगती हैं। [३] जब ऐसा होता है तब आँखों में अक्सर जलन होती है, उनमें सूजन हो जाती है, वे लाल होती हैं और अक्सर पनिया जाती हैं। [४] बस यह ध्यान रखिए कि इसमें बहुत तकलीफ़ हो सकती है!
    • इसे और प्रभावी बनाने के लिए आँखें खुली रखते समय रोशनी की तरफ देखते रहिए। मगर बहुत तेज़ रोशनी या सूरज का इस्तेमाल मत करिएगा, चूंकि इससे आँखों को दीर्घकालीन नुकसान या अंधापन तक हो सकता है।
  4. आँखें लाल करने का एक तरीका जो फ़िल्मों और टीवी में अक्सर इस्तेमाल किया जाता है, वह है हाथों की मुट्ठी बांध कर उससे आँखों के आसपास के क्षेत्र को मलना। इस तरह किया जाने वाला मामूली इर्रीटेशन वैसे ही लक्षण उत्पन्न करेगा जैसे कि प्याज़ या दूसरे इर्रीटेंट्स करते हैं; अर्थात लाल, पनियाई हुई आँखें। [५] अगर आप इस तरीके का इस्तेमाल कर रहे हैं, तब ध्यान रहे कि बहुत हल्के दबाव का इस्तेमाल करिएगा। आँखों के आइरिस (iris) और कॉर्निया (cornea) जैसे महत्वपूर्ण भाग बहुत कोमल होते हैं, इसलिए अपनी आँखों को लाल करने भर के लिए इनको नुकसान मत पहुंचा दीजिएगा।
    • इसके अलावा, यह ध्यान रहे कि आप अपनी आँखें बंद रखें और उनको सीधे छूने से बचें। सीधे आँखें छूने से आपके हाथ से बैक्टीरिया आपकी आईबॉल्स (eyeballs) में ट्रांसफ़र हो सकते हैं (दैनिक कामों से हाथों में लाखों बैक्टीरिया आ सकते हैं), जिससे बहुत ही पीड़ादायक इन्फेक्शन हो सकता है। [६]
  5. क्लोरीन पूल के लिए बढ़िया सैनीटाइज़र (sanitizer) होती है, मगर उसी आँखों के लिए इर्रीटेंट भी माना जाता है, हालांकि कुछ सूत्र इसके लिए अन्य रसायनों को दोषी मानते हैं। [७] [८] मगर एक बात स्पष्ट है कि क्लोरीनेट किए हुये पूल में बिना गॉगल्स (goggles) के जाने से आपकी आँखें पफ़ी (puffy) हो सकती हैं और उनमें सूजन आ सकती है (हालांकि आम तौर पर यह नुकसान गंभीर या दीर्घकालीन नहीं होता है)। अगर आप पानी के अंदर लंबे समय तक अपनी आँखें खोले रहेंगे तब इसका प्रभाव और भी बढ़ सकता है। यह ध्यान रहे कि आपको गॉगल्स नहीं पहनना है, चूंकि गॉगल्स के कारण आपकी आँखें पूल का असर होने से बच जाएंगी।
    • खारे पानी के पूल्स भी इस काम के लिए ठीक होते हैं। हालांकि, कुछ नेत्र स्वास्थ्य संसाधन यह दावा करते हैं कि खारा पानी क्लोरीन से कम इर्रीटेट करता है, इसलिए इसका असर शायद कम हो सकता है। [९]
  6. हालांकि यह समाधान बहुत से लोगों के लिए आदर्श नहीं होगा (ख़ासकर उन लोगों केलिए जिन्हें किसी कारण से अगले दिन "शार्प (sharp)" और केन्द्रित रहने की ज़रूरत होती हो), नींद नहीं लेने से अगली सुबह, आम तौर पर आपकी आँखें लाल और रक्तरंजित हो जाती हैं। [१०] बशर्ते कि आपको उसकी आदत न हो जाये, एक पूरी रात की नींद नहीं लेने से आपके स्वास्थ्य पर कोई बहुत नाटकीय प्रभाव नहीं पड़ने वाला है।
    • हालांकि, आप नहीं चाहेंगे कि बार-बार नींद नहीं लेने की आदत पड़ जाये, चूंकि इसका आपके स्वास्थ्य पर बड़े दुष्प्रभाव पड़ सकते हैं; जिनमें शामिल हो सकते हैं: कॉग्निटिव (cognitive) क्षमता में कमी, सेक्स की इच्छा में कमी, और लकवा तथा हृदयाघात जैसे गंभीर रोगों का बढ़ा हुआ जोखिम। [११]
    • याद रखिए कि जब आप थके हुये या नींद में हों तब कभी भी ड्राइव नहीं करना चाहिए। चूंकि नींद की कमी से आपके रिफ़्लेक्स (reflex) धीमे पड़ जाते हैं और आपकी पल भर में निर्णय लेने की क्षमता आपको सड़क पर एक खतरनाक जोखिम बना देती है। ऑस्ट्रेलिया के एक अध्ययन में यह पाया गया कि 24 घंटे जगे रहने वाले लोगों में इमपेयरमेंट (impairment) का स्तर उतना ही हो जाता है जितना रक्त अल्कोहल कन्सेंट्रेशन (concentration) .10 से होता है (अधिकांश देशों में वैध सीमा लगभग .08 होती है)। [१२]
विधि 2
विधि 2 का 4:

मनोवैज्ञानिक नीतियों का इस्तेमाल करना

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  1. अपने एक दुखी या डिप्रेस्ड (depressed) मनःस्थिति में ले आइये: "झूठ-मूठ रोने" के लिए अपनी मर्ज़ी से आँखों को लाल और पनियाया हुआ बनाना सीखना वास्तव में एक चुनौतीपूर्ण काम हो सकता है; पेशेवर अभिनेताओं को भी अक्सर इसके लिए संघर्ष करना पड़ता है। हालांकि ऐसा करने का कोई "सही" तरीका तो नहीं है, मगर कुछ मनोवैज्ञानिक तरकीबें इसमें बड़ी मदद कर सकती हैं। एक बढ़िया नीति तो यह है कि कुछ ऐसी स्मृतियों पर फ़ोकस किया जाये जो दुखद हों, जैसे कि किसी निकटस्थ परिजन की याद करना, जिसकी मृत्यु हो चुकी हो, आपके जीवन का कोई ऐसा पल जब आपको शर्मिंदा होना पड़ा हो, या आपके जीवन का कोई भय या जीवन की कोई प्रमुख चिंता। चाहे इन अनुभवों को महसूस करना कितना ही अप्रिय क्यों न हो, आपके विचार जितने ही निराशाजनक और डिप्रेस करने वाले होंगे, उतने ही अच्छी तरह से वे आपको रोने के मनोभाव में पहुँचने में मदद करेंगे।
    • ये कुछ और उदाहरण हैं जिनके बारे में शायद आप सोच सकते हैं: रूमानी ब्रेक-अप, हाल की बहसें, काम की परेशानियाँ, वह समय जब आपके मित्रों या परिवार ने आपको धोखा दिया हो, वे लोग जो आपके जीवन से बाहर चले गए हैं, वह समय जब आप अपने या अपने किसी करीबी के लिए बहुत भयभीत रहे हों।
    • अगर आप स्वयं को यह आश्वस्त कर सकें कि आपको छोड़ कर आपके सभी परिचितों का "जीवन ठीक ठाक चल रहा है," तब यह सोचने से आपको और भी मदद मिलेगी। निराशा और हताशा की भावनाएँ जगाने की कोशिश करिए; अपने मन में सोचिए और खुद को बताइये, "बस यही है; मैं कभी भी सफल और खुश नहीं हो पाऊँगा।" मगर, यह सुनिश्चित कर लीजिये कि जब दुखी होने का ढोंग करने की ज़रूरत समाप्त हो जाए, उसके बाद कभी भी अपने को इसी मनोभावना में न पड़े रहने दिया जाये। आप यह तो कभी नहीं चाहेंगे कि आप सचमुच में डिप्रेस हो जाएँ।
  2. दूसरे शब्दों में न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय के एक अभिनय अध्यापक का कहना है, उस अभिनेता को, जो रोने का ढोंग करने की कोशिश कर रहा हो “उस खास टेक्स्ट या पल की विशेषता अपने में समाहित कर लेनी चाहिए जो उसके लिए खास या व्यक्तिगत हो, ताकि बात उसके लिए उतनी ही न रह जाये जितनी उससे कही गई है, बल्कि वह उसकी अपनी आंतरिक गोपनीय इच्छाओं, अपने डर के बारे में अधिक हो जाये।” [१३] दूसरे शब्दों में, खुद को इतना दुखी करने के लिए, जिससे रुलाई आ जाये, अपने को ऐसे विचारों में खो दीजिये जिनमें आपके सबसे गहन, भयानक डर और राक्षस छुपे बैठे हों। चाहे ऐसा सचमुच नहीं भी हो, मगर अपने मन को विश्वास दिलाने का प्रयास करिए कि आपको रोने का ढोंग इसलिए करना है क्योंकि सारी बात आपके ही आकलन के संबंध में हैं। गहराई में जा कर अपने अन्तर्मन के सबसे भयानक राक्षसों को ढूंढ निकालिए।
    • Breaking Bad प्रसिद्धि वाले, समालोचकों द्वारा प्रशंसित अभिनेता, ब्रायन क्रैंस्टन ने इंटर्व्यूज़ (interviews) के दौरान बताया है कि कैसे उसके अंदरूनी भयों ने उसे ऐसे ठोस प्रदर्शन देने में उसकी सहायता की है, जिनमें उसने किसी प्रताड़ित मनःस्थिति वाले व्यक्ति को दिखाया है। उस दृश्य के बारे में बताते हुये, जिसमें वह चरित्र एक युवा महिला चरित्र की मृत्यु देखता है, क्रैंस्टन ने कहा: "मेरी अपनी बेटी के चेहरे ने उसकी जगह ले ली, तो बस मुझे सीधे लगा... वह बस एक लड़की है – वह मेरी बेटी भी हो सकती थी।"
  3. लाल, आँसू भरी आँखें, सदैव दुख का परिणाम नहीं होतीं। कभी कभी ऐसे लक्षण तीव्र निराशा और क्रोध की भावनाओं की वजह से भी आ जाते हैं, विशेषकर तब, जबकि वे आपके किसी करीबी के कारण पैदा हुई हों। अगर आपको केवल दुख के कारण रुलाई आने में दिक्कत हो रही हो, तब सही परिणाम पाने के लिए उसमें ढेर सारा क्रोध भी मिला लीजिये। जैसे कि, शायद आप अपने जीवन की किसी ऐसी वर्तमान परेशानी के बारे में सोचना चाहें जो आपके लिए बहुत निराशाजनक हो, जैसे कि कोई परिजन जिसका व्यवहार आत्म-विध्वंसक हो और जो आपकी सलाह मानता ही न हो।
    • बस कुछ और उदाहरण जिनके संबंध में शायद आप सोचना चाहें: ऐसे समय जब किसी पुरस्कार या पदोन्नति के लिए आपको "नज़रअंदाज़" कर दिया गया हो, ऐसे समय जब आपके किसी उच्चाधिकारी द्वारा आपके साथ अनुचित व्यवहार किया गया हो, और ऐसे समय जब आपने सामाजिक अन्याय को झेला हो या वे आपके सामने हुये हों।
  4. अपनी सहायता के लिए मूविंग मीडिया (moving media) का इस्तेमाल करिए: फट पड़ने की पूरी प्रेरणा अपने अंदर से नहीं आती है; कभी-कभी बाहरी मदद बहुत काम आती है। यह वह नीति है जिसका इस्तेमाल, अभिनेता अक्सर भावनात्मक दृश्य में उचित मनःस्थिति में आने के लिए तथा ऐसे व्यक्ति की भूमिका निभाने के लिए जो अत्यंत मानसिक तनाव की स्थिति से गुज़र रहा हो, दोनों ही के लिए करते हैं। यहाँ पर, मूवीज़, किताबें, गीत, या कला के अन्य रूप जिनसे गहन दुख या निराशा की प्रेरणा मिले, बहुत प्रभावी हो सकती हैं; नीचे ऐसे कुछ विचारों की सूची है जिनसे शुरुआत हो सकती है, मगर ऐसे तो और भी बहुत सारे हैं।
    • मूवीज़: The Notebook , The Green Mile , The Fault In Our Stars , Titanic , Dumbo , Up , Come and See (रूसी फ़िल्म)
    • किताबें: ' The Kite Runner , The Giver , Wuthering Heights , The Idiot , Harry Potter की बाद वाली कोई भी किताब, कोई भी किताबें जिन पर फिल्में बनी हों।
    • गीत: Yesterday (बीटल्स), The Needle and the Damage Done (नील यंग), Brenda's Got a Baby (टुपक शकूर), Bad Religion (फ्रैंक ओशन), एलियट स्मिथ का कोई भी गीत।
  5. यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि चाहे आप दुखी होने पर आसानी से रो सकते हों, तब भी इस सेक्शन में दी गई नीतियाँ पालन करने में, इसी लेख में दी गई अन्य तरकीबों की तुलना में अधिक कठिनाई हो सकती है। अपने आपको इतना दुखी करना उसी तरह बहुत कठिन हो सकता है कि आप रोने लगें, जैसे कि खुद को गुदगुदी करना। यहाँ तक कि ए-श्रेणी के अभिनेताओं के लिए भी रोने की "इच्छा कर रोना" बहुत कठिन हो सकता है, इसलिए अगर ये मनोवैज्ञानिक नीतियाँ आपके काम न आयें तब दूसरी तरकीबों का इस्तेमाल करने लिए तैयार रहिए।
विधि 3
विधि 3 का 4:

लाल आँखों का "ढोंग करना"

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  1. अगर आपसे नहीं होता है, तब ढोंग कर लीजिए! चाहे आपको बिलकुल अच्छा ही क्यों न लग रहा हो, कुछ ऐस्थेटिक (aesthetic) तरकीबों का इस्तेमाल करके आप अपनी आँखों को वैसा ही लाल और सूजा हुआ दिखा सकते हैं जैसी कि आप अभी-अभी रो चुके हों। चूंकि इन तरकीबों से आपकी आँखों में इर्रीटेशन नहीं होता है, इसलिए ये ऊपर बताए गए तरीकों से कहीं अधिक आरामदेह होती हैं। जैसे कि अपनी आँखें लाल दिखाने के लिए आप मेकअप की इस तरकीब का इस्तेमाल कर सकते हैं: [१४]
    • अपनी आँखों के चारों ओर लाल आईलाइनर (eyeliner) के बिन्दु लगाइए। आप लाल आई शैडो (eye shadow) या लाल लिप लाइनर (lip liner) का भी इस्तेमाल कर सकते हैं, मगर अपनी आँखों के आसपास उसे लगाने से पहले यह सुनिश्चित कर लीजिये कि जो लिप लाइनर आप इस्तेमाल कर रहे हैं वह आँखों के निकट लगाने लायक पर्याप्त कोमल हो। नीचे वाली पूरी लिड (lid) पर बिन्दु लगाइए। लाल रंग को और भी प्रभावी बनाने के लिए, आप ऊपर वाली लिड पर भी बिन्दु लगा सकते हैं।
    • रूई के फाहे या मेकअप स्मज स्टिक (makeup smudge stick) का इस्तेमाल करके लाइनर को त्वचा पर फैला लीजिये। आँखों को लाल दिखाने के लिए, आपको उनकी लिड्स के चारों ओर दबी हुई "लाल" शैडो फैलानी पड़ेगी। ओरिजिनल (original) लाइनों या बिन्दुओं में से कुछ भी नहीं दिखना चाहिए, इसलिए तब तक फैलाते रहिए जब तक कि आपको ओरिजिनल बिन्दु दिखने बंद न हो जाएँ। इसमें 2-3 मिनट तो लग ही जाएँगे।
  2. आँखों में "लाली" का प्रभाव दिखाने के लिए विशेष तौर से बने ऐसे कॉन्टैक्ट पहनना एक और आसान तरीका है जिनमें लाली होती है या नसें बनी हुई होती हैं। मगर, इनके साथ, ऐसे कॉन्टैक्ट ही पहनिएगा जो आपकी आँखों की "सफ़ेदी" को लाल दिखाएँ, न कि आपकी आँखों की पुतली को (वह भाग जो आम तौर पर नीला, हरा या भूरा होता है)। अगर आप पुतली लाल दिखाएंगे तब तो आप वैम्पायर या डीमन (demon) जैसे दिखेंगे, और वैसे व्यक्ति नहीं लगेंगे जो अभी-अभी रोया हो।
    • कुछ थिएट्रीकल कंपनियाँ मूवीज़ और स्टेज प्रोडक्शन्स के लिए विशेष तरह के कस्टम क्राफ़्टेड (custom-crafted) कॉन्टैक्ट लेंस बनाते हैं, इसलिए अगर आप उच्च स्तर की चीज़ खरीदना चाहें तो वहाँ से ख़रीदारी कर सकते हैं। वैसे, ये सस्ते नहीं होंगे; पेशेवर गुणवत्ता के लेंस आसानी से 100 डॉलर से अधिक कीमत के हो सकते हैं।
  3. अगर आप स्टेज या फ़िल्म प्रोडक्शन के लिए ढोंग कर रहे हैं, तब अच्छा यह होगा कि प्रभाव को अधिक वास्तविक दिखाने के लिए आंसुओं को भी साथ में लाया जाये और उसके लिए ऊपर दी गई तरकीबों का भी इस्तेमाल किया जाये। इस परिस्थिति में, आप शायद एक "टियर स्टिक" खरीदना चाहेंगे, जो कि एक ऐसा टूल (tool) है जिसका कुछ अभिनेता इस्तेमाल करते हैं, और जो कि केवल एक सेमीसॉलिड जेल (semisolid gel) या वैक्स (wax) की स्टिक होती है जिसमें मेंथोल होता है। टियर स्टिक आम तौर पर लिपस्टिक जैसी एक ट्यूब होती है और उसे आँखों के नीचे लगा कर रगड़ना होता है, जिससे मेंथोल की भाप आँखों में आँसू लाने के लिए उत्प्रेरित करती है।
    • यह ध्यान रखिएगा कि टियर स्टिक का "एक्टिव इंग्रीडिएंट (active ingredient)" मेंथोल होता है, और यह बिलकुल वैसे ही मेंथोल की तरह काम करता है, जैसे कि ऊपर दिये गए सेक्शन में मेंथोल करता है।
विधि 4
विधि 4 का 4:

जानना कि किससे बचें

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  1. काली मिर्च, मेस (mace) जैसे बहुत मजबूत इर्रीटेंट्स का इस्तेमाल मत करिए: आश्वस्त करने वाली लाली लाने के लिए आँखों के लिए गंभीर जोखिम लेने का विचार अच्छा "कभी भी नहीं" होता है। तीव्र रासायनिक इर्रीटेंट्स जैसे मेस (काली मिर्च का स्प्रे) और प्राकृतिक चीज़ें, जैसे तेज़ मिर्च जैसा अपनी आँखों में ऐसा कुछ भी, कभी भी मत डालिए जिससे गंभीर इर्रीटेशन हो। पर्याप्त मात्रा में, इन चीज़ों के कारण स्थाई नुकसान, यहाँ तक कि अंधापन भी हो सकता है।
  2. अगर आप किसी ऐसे तरीके का इस्तेमाल कर रहे हैं जिसमें आँखों में लाली लाने के लिए उसके आसपास की त्वचा को रगड़ना हो, तब यह ध्यान रहे कि आप किसी भी हाल में आईबॉल को न छूएँ। चाहे आप उसको चोट न भी पहुंचाएँ, तब भी आप अपने हाथों से बैक्टीरिया तो आईबॉल में ट्रांसफर कर ही देंगे, जिससे इन्फेक्शन हो सकते हैं (जैसा कि ऊपर वाले सेक्शन में बताया गया है)। यह जोखिम तब और भी बढ़ जाता है जबकि अपने उसके पहले किसी ऐसी चीज़ को छुआ हो जिसमें बहुत सारे बैक्टीरिया हों (जैसे कि डोरनॉब (doorknob))। [१५]
    • इसके अलावा, चूंकि आपकी आईबॉल्स इतनी नाज़ुक होती हैं, उनको सीधे छूने से उनमें चोट लग सकती है। अपनी आँख में लगी हल्की सी खरोंच भी बहुत कष्टदाई होती है, जबकि गंभीर चोटों (जैसे कि कॉर्निया में इर्रीटेशन) के लिए तो बाकायदा इलाज की ज़रूरत पड़ सकती है।
  3. आँखें लाल करने के लिए गांजे का इस्तेमाल मत करिएगा: हम सभी ने पहले भी यह सुना है; कि गांजे के इस्तेमाल से हास्यास्पद रूप से आँखें लाल हो जाती हैं। हालांकि यह सच है, मगर आँखें लाल करने के लिए गाँजा पीना (या खाना) ठीक नहीं है। अगर आप अभिनय की दृष्टि से लाल आँखें चाहते हैं, तब यह जान लीजिये कि गांजे के नशे के कारण होने वाली मदहोशी से आपको उचित, और विश्वसनीय प्रदर्शन प्रस्तुत करने में कठिनाई हो जाएगी। इसके अलावा गांजे का सेवन कानूनन अपराध है, जिसमें स्थानीय कानूनों के आधार पर साधारण से कठोर सज़ा तक मिल सकती है।

सलाह

  • अगर आप शावर से नहा रहे हों, तब थोड़ा सा शैंपू आँखों में जाने दे कर देखिये; इससे लाली तो आ जाएगी, मगर कुछ देर तक आँखें खोलने में भी कठिनाई हो जाएगी।
  • अगर आप पूल तरकीब का इस्तेमाल कर रहे होंगे, तब जितनी देर हो सके उतनी देर पानी में आँखें खोले रखने की कोशिश करके देखिये।

चेतावनी

  • अपनी आँखों में रासायनिक इर्रीटेंट सीधे मत जाने दीजिये। आपकी आँखों में उस इर्रीटेंट को निकालने के लिए पानी आता है, और यह एक प्राकृतिक, स्वस्थ प्रतिक्रिया है, चूंकि ये रासायनिक इर्रीटेंट आँखों तक को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं।
  • मेंथोल को आँखों के निकट मत मलिए। इससे त्वचा में सूजन आ सकती है और आपकी आँखों में पानी आ सकता है।

विकीहाउ के बारे में

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