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जिमनास्टिक्स, डांसिंग और फिगर स्केटिंग (figure skating) जैसे स्पोर्ट्स के लिए आपकी कमर का फ्लेक्सिबल होना बहुत जरूरी है। फ्लेक्सिबिलिटी (flexibility) को सिर्फ धीरे-धीरे समय के साथ ही बढ़ाया जा सकता है और ऐसा करना आपके बॉडी टाइप के हिसाब से आपके लिए एक चुनौती भी हो सकता है। फ्लेक्सिबिलिटी को बढ़ाने का सबसे अच्छा तरीका है अपनी कमर और उन मसल्स को स्ट्रेच करना, जो आपकी कमर के साथ मिलकर काम करती हैं। बहुत सारे योगा पोज़ में इस तरह की स्ट्रेच शामिल हैं।

ध्यान रहे: कोई नया वर्कआउट प्रोग्राम शुरू करने से पहले किसी फिजिशियन से बात करें; जो किसी और के लिए सही है वो आपके लिए नुकसानदेह भी हो सकता है। इन पोज़ को करने से पहले प्रोफेशनल लोगों की सलाह लें, क्योंकि आपको इंजरी से बचने के लिए कुछ रूल्स (rules) को फ़ॉलो करना जरूरी है। इन स्ट्रेचेस को करने से पहले वार्म-अप करना बिल्कुल न भूलें, क्योंकि बॉडी को बिना ढीला किए इन्हें करने से आपको इंजरी हो सकती है।

विधि 1
विधि 1 का 3:

योग से कमर की फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ाना

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  1. पेट के बल लेट जाएं, अपने घुटने मोड़ें और पैरों का मुंह ऊपर छत की ओर कर लें, और इसके बाद अपनी एंकल्स या टखनों को पकड़ लें। अपने कंधों और एब्स को स्ट्रेच करते हुए, हाथों और पैरों को उठाएं। [१]
    • पोज़ को 20-30 सेकंड तक होल्ड करके रखे, और सांस छोड़ते हुए पिछली पोजीशन पर वापस आ जाएं।
    • आप ज्यादा बेहतर रिजल्ट्स के लिए पोज़ को कई बार कर सकते हैं।
    • एक बार आपकी बॉडी इतनी स्ट्रेचिंग के लिए एडजस्ट (adjust) हो जाए, इसे आगे बढ़ाते हुए अपने पैरों के अंगूठों को पकड़ें। इससे आपके पैर और ज्यादा ऊपर की तरफ खिंचेंगे और इस्तेमाल हो रही मसल्स और भी स्ट्रेच होंगी।
  2. किसी बिल्ली की तरह चार पैरों पर आ जाएं, और पैरों को हिप्स की चौड़ाई पर रखें। सांस लेते हुए अपने सिर को ऊपर उठाएं और छत की ओर देखें, साथ ही अपनी नाभि को दबाकर नीचे की ओर लाएं। कुछ साँसों के लिए इस पोजीशन को होल्ड करके रखें। सांस छोड़ते वक़्त अपना सिर नीचे लाएं और अपनी चिन या थोड्डी को अपनी चेस्ट पर लगाएं और कमर को ऊपर उठाएं। इस पोज़ को भी कुछ साँसों तक होल्ड करके रखें। [२]
    • कमर को और भी ज्यादा स्ट्रेच करने के लिए, अपने हाथों को धीरे-धीरे स्लाइड करते हुए तब तक आगे ले जाएं जब तक आपके हाथ और आपकी चेस्ट जमीन पर न लगे।
  3. पेट के बल लेट जाएं अपनी कोहनियों को मोड़े हुए हाथों को अपने किनारे रखें। जैसे-जैसे आप सांस अंदर लेंगे, वैसे-वैसे अपने हाथों को सीधा करते हुए, अपनी अपर (upper) बॉडी को उठाएं और सिर को पीछे की ओर मोड़ें। ध्यान रहे कि आपकी कमर के नीचे का हिस्सा ज़मीन से चिपका होना चाहिए। [३]
    • अपने पैरों और थाई या जांघों की मसल्स को टाइट करके रखें।
    • पोजीशन को कम से कम 40 सेकंड तक होल्ड करके रखें और पोज़ के दौरान अपनी मसल्स को स्ट्रेच होने दें।
    • एक बार आप इस पोज़ के साथ कम्फ़र्टेबल हो जाएं, आप अपने पैरों को उठा सकते हैं और सिर को पीछे ले जाकर अपने पैर के अंगूठों से मिला सकते हैं।
    एक्सपर्ट टिप

    Laila Ajani

    फिटनेस ट्रेनर
    लैला अजानी एक फिटनेस ट्रेनर और Push Personal Fitness की संस्थापक हैं, यह एक पर्सनल ट्रेनिंग संस्थान है, जो सैन फ्रांसिस्को के बे एरिया में स्थित है। लैला को प्रतिस्पर्धी एथेलेटिक्स (जिमनास्टिक, पावर लिफ्टिंग और टेनिस), पर्सनल ट्रेनिंग, डिस्टेंस रनिंग और ओलंपिक लिफ्टिंग में विशेषज्ञता हासिल है। लैला National Strength & Conditioning Association (NSCA), USA Powerlifting (USAPL) द्वारा प्रमाणित हैं और वह एक Corrective Exercise Specialist (CES) हैं।
    Laila Ajani
    फिटनेस ट्रेनर

    अपने स्ट्रेटचेस को करने की कोशिश करते रहें, चाहे आप इसे पूरी तरह से न भी कर पाएं। अगर आप अपनी कमर के रेंज ऑफ मोशन (range of motion) बेहतर बनाना चाहते हैं, तो आप जो भी पोजीशन में जाना चाहते हैं उसमें पहुंचने के लिए हर दिन स्ट्रेच करें। अगर आप इसे पूरी तरह से न भी कर पाएं, अपनी बॉडी से इसे बार-बार करने की कोशिश करते रहें, और ऐसे करते हुए आपकी फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ जाएगी।

  4. हाथों और घुटनों पर आ जाएं और हील्स या एड़ियों का मुंह बाहर करते हुए अपने पैर के अंगूठों को चिपकाएं। अब अपने हाथों को चलाते हुए धीरे-धीरे आगे ले जाएं और कमर को पैरों के ऊपर ही रखें। जब आपके हाथ आपके आगे पूरी तरह से एक्सटेंड (extend) हो जाएं, उसके बाद अपने माथे को नीचे की ओर ले जाएं।
    • सांस अंदर और बाहर लेते हुए इस पोज़ को दो मिनट तक होल्ड करके रखें। सांस अंदर लेने से आपकी बॉडी और स्ट्रेच होगी, जो आपकी कमर की मसल्स के लिए फायदेमंद है।
  5. अगर आपकी कमर अकड़ी हुई नहीं है, तो आप इसे आसानी से कर सकते हैं। अपने घुटनों पर आ जाएं, और पैरों को कंधे की चौड़ाई जितना खोलें। अब अपने हिप्स को आगे ले जाएं, और स्ट्रेच होने तक पीछे झुकें। आप चाहें तो इसे करने में अपने हाथों का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। अपने हाथों को अपने पीछे रखें, और धीरे-धीरे नीचे जाते हुए अपनी हथेलियों को अपने पैरों के तलवों पर लगाएं। [४]
    • अपनी कोहनियों को अपने पीछे खींचें और अपने पेट और चेस्ट के ऊपर के एरिया को ऊपर उठाएं। इससे आपकी चेस्ट खुल जाएगी और आपकी कमर अच्छे से स्ट्रेच होगी।
    • अगर आप पीछे झुकककर अपने पैरों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं, तो अपनी कमर को सपोर्ट देने के लिए किसी एक्सरसाइज बॉल, योगा ब्लॉक या किसी और प्रॉप (prop) का इस्तेमाल करें।
विधि 2
विधि 2 का 3:

फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ाने के लिए कमर को स्ट्रेच करना

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  1. पाइक स्ट्रेच (pike stretch) को करते हुए अपनी कमर को सीधा रखें: पैरों को बिल्कुल अपने आगे सीधे रखे हुए बैठ जाएं। अपने हाथों को स्ट्रेच करके ऊपर की ओर खींचें। उसके बाद आराम से आगे झुकें, और अपने पैरों तक पहुंचने की कोशिश करें। इससे आपकी हैमस्ट्रिंग (hamstrings), पैरों की मसल्स और कमर को स्ट्रेच होती है। [५]
    • यहाँ पर हमारा मकसद पैरों तक पहुंचना नहीं है लेकिन अपनी कमर को सीधा और स्ट्रेच करना है। कुछ लोग अपनी कमर को सीधा करने की बजाय अपने पैरों तक पहुंचने पर फोकस करने की गलती कर देते हैं। ये कमर की एक्सरसाइज है न कि अपने पैर को पकड़ने का कोई गेम।
    • अपनी फॉर्म (form) को ठीक करने के लिए प्रॉप्स का इस्तेमाल करें। आप अपनी फॉर्म को बदलने के लिए थेरा बैंड (Thera bands), रोल्ड टॉवल (rolled up towels), और बेल्ट को आप अपने पैरों पर लपेट सकते हैं।
    • इसके अलावा, आप पाइक स्ट्रेच को खड़े होकर भी कर सकते हैं। सीधे खड़े हो जाएं, आगे की ओर झुकें और ज़मीन को छूने की कोशिश करें। कम से कम इतना झुकें कि आपको अपनी कमर और पैरों में स्ट्रेच महसूस होगा।
  2. घुटनों को मोड़ कर बैठ जाएं, और पैरों को अपनी बॉडी के नीचे लेफ्ट साइड में रखें। अपने एंकल्स या टखनों को अपने लेफ्ट हाथ से पकड़ें और राइट हाथ को ऊपर उठाएं। सांस लेते वक्त, अपने राइट हाथ को पूरी तरह से ऊपर एक्सटेंस (extend) करें। सांस बाहर छोड़ते वक़्त अपनी कमर की मसल्स और कमर से ऊपर के हिस्से को स्ट्रेच करें। [६]
    • इस पोज़ को 20-30 सेकंड के लिए होल्ड करें, और उसके बाद इसे कुछ बार रिपीट करें।
    • इसे अलग-अलग साइड से करना न भूलें, दूसरी बार अपने पैरों को बॉडी के नीचे राइट साइड में रखें और लेफ्ट हाथ को ऊपर एक्सटेंड करें।
  3. सीधे लेट जाएं, और घुटनों और हाथों को कंधों की चौड़ाई पर रखें, इसके बाद अपने हिप्स को ऊपर उठाएं। अपने घुटनों को मोड़ें और पैरों के तलवे सीधे जमीन पर रखें। अपने सिर के बस थोड़ा ही ऊपर हाथों को भी रख लें और हाथों और पैरों को मदद से अपनी बॉडी को जितना ऊपर आप आराम से उठा पाएं उतना उठाएं। उसके बाद इसे कुछ मिनट तक होल्ड करें, और सांस लेते रहें। [७]
    • अगर आप चाहें, तो आप अपनी बॉडी को सपोर्ट देने के लिए अपने हिप्स के नीचे योगा ब्लॉक जैसे किसी प्रॉप को भी रख सकते हैं। लेकिन ऐसा करके इस एक्सरसाइज से आपकी कमर को कम मजबूती मिलेगी।
विधि 3
विधि 3 का 3:

स्प्लिट स्ट्रेचेस (Split Stretches) करें

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  1. अपने लेफ्ट घुटने को नीचे झुकाएं और अपने राइट पैर को ठीक अपने आगे रखें। जैसे आम स्प्लिट्स का कोई आसान तरीका हो। दोनों हाथों से अपने राइट पैर को छूने की कोशिश करें और अपने घुटने को अपने माथे से छूने की कोशिश करें। इस पोज़ को कम से कम 15 सेकंड तक होल्ड करने की कोशिश करें।
    • अपने लेफ्ट हाथ को अपनी बॉडी के ऊपर लाएं और अपने राइट पैर को छूने की कोशिश करें। इस पोजीशन को होल्ड करें, उसके बाद आप जितना राइट मुड़ सकें उतना मुड़ें और फिर होल्ड करें।
    • आपकी सभी मसल्स एक दूसरे के साथ मिलकर काम करती हैं – इसलिए बाकी मसल्स (जैसे पैरों की और पेट की) को स्ट्रेच करने से आपकी बैक की फ्लेक्सिबिलिटी अच्छी होगी। एब्स और साथी मसल्स को स्ट्रॉन्ग (strong) बनाने से आप और भी ज्यादा पोज़ और स्ट्रेचेस कर पाएंगे और अपनी कमर की फ्लेक्सिबिलिटी को और भी बढ़ा पाएंगे।
  2. लंज (lunge) पोजीशन में आएं और अपनी कमर को नीचे पुश (push) करें। अगर आपको दर्द हो, तो थोड़ा सा कम लंज करें। दोबारा पिछली पोजीशन पर आ जाएं, और अपने अगले पैर को स्ट्रेच करें। अपने अगले पैर के घुटने पर माथे को लगाने की कोशिश करें – आपको अपनी हैमस्ट्रिंग में स्ट्रेच महसूस होगा। [८]
    • इस पोजीशन से, धीरे-धीरे नीचे होकर स्प्लिट्स पोजीशन में जाने की कोशिश करें। अपने आप को बिना चोट पहुंचाए आप जितना नीचे जा सके उतना जाएं और इस पोजीशन को 30 सेकंड तक होल्ड करें।
  3. स्ट्रेचेस को अपनी जरूरत के हिसाब से एडजस्ट करें: ये याद रखें कि अपनी बॉडी को स्ट्रांग बनाने के लिए हर मसल को बनाना जरूरी है – इसलिए अपनी कमर को स्ट्रांग और फ्लेक्सिबल बनाने के लिए बाकी मसल्स को भी स्ट्रांग बनाने की जरूरत है। अगर आप स्प्लिट्स को पूरी तरह से नहीं कर पा रहे, या अपने पैर के अंगूठों तक पूरा नीचे नहीं पा रहे, तो कोई बात नहीं। आप स्ट्रेचेस की जितनी प्रैक्टिस करेंगे आप उतना ही फ्लेक्सिबल बनते जाएंगे। [९]
    • जिन स्ट्रेचेस की आप ठीक से हैंडल नहीं कर सकते, उसे करने के लिए अपने ऊपर बहुत ज्यादा जोर न डालें। अपने आप को इंजुरी देने में कोई फायदा नहीं।


सलाह

  • स्ट्रेचिंग को धीरे-धीरे शुरू करना बहुत जरूरी है ताकि आपकी मसल्स में जकड़न न आए।
  • यह चुन लें की आपके लिए सबसे अच्छी स्ट्रेचेस कौन सी हैं और आप उन्हें कितनी बार करना चाहेंगे। अगर आप उसी स्ट्रेच को हर दिन करते रहेंगे तो बोर हो जाएंगे। इसे थोड़ा सा बदलते रहें तक आप उसे बीच में ही न छोड़ दें।
  • जब अपनी कमर को स्ट्रेच करें, किसी साफ और सॉफ्ट जगह में रहें। अगर आप ऐसी स्ट्रेच करेंगे जिसमे गिरने का खतरा हो, तो कम से कम आप किसी सॉफ्ट जगह पर गिरेंगे - न कि किसी चुभने वाली चीज पर।
  • अगर आपको उल्टा होने में, और कमर को मोड़ते वक़्त चक्कर आते हैं, तो ध्यान रखें कि आपको पानी की कमी न हो और सांस न रोकें; नहीं तो आपको और भी ज्यादा चक्कर आएंगे।
  • अपने आप पर ज्यादा जोर न डालें, हर किसी को पूरी स्पिलट्स और बेहतर फ्लेक्सिबिलिटी पाने का मौका अलग-अलग टाइम पर मिलता है।
  • कमर को मोड़ने वाली या उसके जैसी और एक्सरसाइज करने पर चक्कर आना आम बात है, यहां तक कि अगर आप हाइड्रेटेड (hydrated) हैं और सांस नहीं रोक रहे हैं तब भी। लेकिन अगर ऐसा लंबे समय तक हो तो पोज़ की इंटेंसिटी (intensity) कम कर दें और डॉक्टर के पास जाएं।

चेतावनी

  • ये मत सोचिए कि बिना दर्द के कोई फल नहीं मिलेगा। अगर स्ट्रेचिंग से आपकी कमर में दर्द होता है तो उसे उसी वक़्त रोक दें। एक्सरसाइज के बाद थोड़ी जकड़न आना अलग बात है, लेकिन दर्द से आपकी फ्लेक्सिबिलिटी को कोई फायदा नहीं होगा।
  • कोई नया एक्सरसाइज या स्ट्रेचिंग रूटीन शुरू करने से पहले किसी फिजिशियन से जरूर बात करें।

विकीहाउ के बारे में

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