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अगर आपकी पत्नी प्रेग्नेंट है तो उसके शरीर में हो रहे बदलावों के कारण वो बहुत से दर्द और खिंचाव झेल रही होती है | अच्छी बात यह है कि एक सूथिंग मसाज उसकी परेशानी में थोड़ी राहत दे सकती है | इसके अलावा, मसाज से उसकी सूजन कम हो सकती है, उसे होने वाली एंग्जायटी में भी आराम मिल सकता है और हो सकता है कि आपकी पत्नी का प्रसव भी ज्यादा स्मूदली हो जाए | [१] निश्चित ही, आपको अपनी पत्नी और होने वाले बच्चे को सुरक्षित रखते हुए कुछ स्पेशल सावधानियां रखनी होंगी, जैसे, अपनी पत्नी को करवट से लिटायें और डीप-टिश्यू मसाज की जगह पर हलके स्ट्रोक देते हुए मसाज करें और पहली तिमाही में मसाज करने से बचें |

विधि 1
विधि 1 का 2:

अलग-अलग एरिया में मसाज करें

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  1. अपनी पत्नी को तकिये का सहारा देकर करवट से लिटायें: आपकी पत्नी के लिए मसाज की सबसे सुरक्षित और कम्फ़र्टेबल पोजीशन है कि वे अपने सिर और पैर को तकिये का सहारा देकर एक करवट से लेट जाएँ | इससे उनके यूटेराइन लिगामेंट पर खिंचाव नहीं पड़ेगा | आप उनके घुटनों के बीच भी तकिया रख सकते हैं जिससे उनके पैरों और कूल्हों को गद्दी का सहारा मिल सके और अगर उनके घुटने थोड़े मुड़े हों और थोड़े से छाती की ओर रहें तो उन्हें और भी ज्यादा आराम मिलेगा | [२]
    • अपनी पत्नी को उनके कम्फर्ट लेवल का अंदाजा लगाने दें और अगर उन्हें जरूरत हो तो तकिये के साथ उन्य उनकी पोजीशन में थोड़े एडजस्टमेंट करने में उनकी मदद करें |
    • आपकी पत्नी को पीठ के बल नहीं लेटना चाहिए, विशेषरूप से अगर उनकी प्रेगनेंसी का चौथा महिना चल रहा हो तो | ऐसा करने से बड़ी ब्लड वेसल्स पर प्रेशर बनता है जिससे आप्किक पत्नी का ब्लड प्रेशर कम हो सकता है और इसके कारण बेबी के लिए ब्लड सप्लाई कम हो सकती है | [३]
    • मसाज के लिए थोड़ी झुकी या थोड़ी लेटी हुई पोजीशन असरदार हो सकती है | उदाहरण के लिए, आप अपने पेट की और एक तकिया लगा सकते हैं और फिर उस पर अपनी पत्नी को टिका सकते हैं जिससे उसकी पीठ को तकिये का सहारा मिल जाए | और जब आप विशेषरूप से उसकी गर्दन और स्कैल्प की मसाज कर रहे हों तो वो अपने सिर को आपकी छाती से टिकाकर भी रेस्ट कर कर सकती है | लेकिन, अगर आप उसकी कन्धों और पीठ की मसाज कर रहे हैं तो उसे संभवतः थोडा आगे की ओर झुकना पड़ेगा |
    • आपकी पत्नी भी बेड की ओर जमीन पर घुटने टेककर बैठने की कोशिश कर सकती है | इसके बाद, अगर उसे आरामदायक लगे तो वो अपने हाथों से बेड का सहारा ले सकती है | [४]
  2. स्ट्रेस से सम्बंधित टेंशन में राहत देने के लिए अपनी पत्नी के कन्धों और गर्दन की मसाज करें: अपनी पत्नी के एक कंधे को उस जगह पर थामे जहाँ कन्धा गर्दन से जुड़ता है और इसके बाद अपने हाथ को खिसकाते हुए उसके स्कल या खोपड़ी के बेस तक ले जाएँ | जहाँ भी मसल्स टाइट फील हो रही हों, वहां हल्का प्रेशर लगाने के लिए अपने हाथ के बेस या फिन्गर्स के पैड का इस्तेमाल करें | जब मसाज हो जाए तो दूसरी साइड इसे रिपीट करें | [५]
    • आपकी पत्नी की बैठी हुई पोजीशन में यह एक बेहतर मसाज होती है |
    • आप अपने हाथों से उसके हाथों के बाहर की ओर ऊपर और नीचे भी मसाज कर सकते हैं |
    • उसकी स्पाइन के प्रत्येक साइड अपने अंगूठों को ऊपर और नीचे ले जाएँ, विशेषरूप से उसके स्कल के बेस पर जहाँ उसकी गर्दन कन्धों से मिलती है |
    एक्सपर्ट टिप

    Will Fuller

    सर्टिफाइड मसाज थेरेपिस्ट
    विल फुलर, सैन फ्रान्सिस्को, कैलिफोर्निया में काम करने वाले एक सर्टिफाइड मसाज थेरेपिस्ट और वेलनेस एजुकेटर हैं। विल ने कैलिफ़ोर्निया यूनिवर्सिटी, सैन फ्रान्सिस्को (UCSF) के स्पोर्ट्स और रिक्रिएशन सेण्टर में काम करने के साथ, इंग्लैंड, केन्या, और कुवैत में पढ़ाया है, और अब Chiro-Medical Group से संबद्ध हैं। विल डॉ. मीर स्नाइडर द्वारा खोजे गए फ़िज़िकल रिहैबिलिटेशन प्रोग्राम में ट्रैनिंग प्राप्त हैं। उन्हें स्पोर्ट्स साइंस में बैचलर्स की डिग्री और हैम्पटन यूनिवर्सिटी से फिजिकल एजुकेशन में पोस्ट-ग्रेजुएट सर्टिफिकेट ऑफ़ एजुकेशन एजुकेशन प्राप्त है।
    Will Fuller
    सर्टिफाइड मसाज थेरेपिस्ट

    जब आप मसाज करें तो आपका उद्देश्य यह होना चाहिए कि टेंशन फिर से वापस न आये, बल्कि उससे छुटकारा ही मिल जाये । कोई मसाज थेरापिस्ट आपको सिखा सकता है कि इस तरह के टेंशन पैटर्न को वापस लौटने से रोकने के लिए सॉफ्ट टिश्यू मोबलाइजेशन, फोम रोलिंग, स्ट्रेचिंग और सेल्फ मसाज का इस्तेमाल किस तरह किया जा सकता है ।

  3. अपनी पत्नी की पीड़ादायक मसल्स में राहत देने के लिए उन्हें मलें और गूथें: जब आपकी पत्नी करवट से लेटी हो तो उसकी स्पाइन के दोनों ओर अपनी हथेलियों को रगड़ें | उन सभी एरिया पर ध्यान दें जो विशेषरूप से टाइट फील हो रहे हों और इसके बाद उन एरिया को अपने हाथों के बेस या अंगूठे से आटे की तरह गूथें और उसकी पीठ पर ऊपर और नीचे चलायें | [६]
    • आप उसकी कमर को अपनी मुट्ठी से भी धीरे-धीरे प्रेस कर सकते हैं |
    • जैसे-जैसे आपकी पत्नी का पेट बढ़ता जायेगा, वो बहुत सारा नया प्रेशर भी बनाता जायेगा जिससे विशेषरूप से दिन के अंत में कमर दर्द शुरू हो सकता है |
    • उसके पार्श्वों की मसाज करने से बचें क्योंकि इन एरिया में प्रेशर पड़ने से वहां गुदगुदी या दर्द हो सकता है |
  4. अपनी पत्नी के स्कैल्प की प्यार भरी मसाज करके उसे रिलैक्स करें: अप्पने दोनों हाथों को पत्नी के सिर के पास, उसके कानों के बिलकुल पीछे रखें | अपने हाथों को धीरे-धीरे सर्कुलर मोशन में या तो एकसमान डायरेक्शन में या विपरीत दिशा में मूव करें | अपने हाथों को उसकी हेयरलाइन की ओर ऊपर ले जाएँ और नीचे गर्दन तक लायें | आप उसके स्कैल्प पर हल्का दबाव बनाने के लिए अपनी फिंगर टिप्स का इस्तेमाल कर सकते हैं | [७]
    • जब आपकी पत्नी का बांकी शरीर भारी और असुविधाजनक फील कर रहा हो तो स्कैल्प मसाज से सच में काफी राहत मिल सकती है | और इससे आप बेहतर रूप से अपना प्यार भी जता सकते हैं |
  5. अपनी पत्नी के पैरों और पंजों को मलें जिससे उसे दर्द और सूजन में आराम मिल सके: एक गर्भवती महिला के पैर और पंजे अक्सर सूज जाते हैं और उनमे दर्द होता है, विशेषरूप से प्रेगनेंसी के अंतिम चरण में | उसके पैरों पर अपनी फ्लैट हथेली को ऊपर और नीचे लाते हुए मसाज करें और अपने पूरे हाथ से उसके पैर के बॉटम और टॉप तक टखनों तक सभी जगह मसाज करें | इसके बाद, अपने अंगूठों से उसके टखनों, एडियों और उसके पंजों के गोल हिस्सों के नजदीक हलके सर्किल बनाते हुए मसाज करें | [८]
    • आप उसके पैर की प्रत्येक अंगुली को भी धीरे-धीरे खींच सकते हैं या अपनी फिंगर को उसके पैरों की अँगुलियों के बीच रखकर मल सकते हैं |
    • अपनी पत्नी की एडी और टखने की हड्डी के बीच किसी भी तरह का प्रेशर लगाने से बचें | इस एरिया में प्रेशर पॉइंट्स होते हैं जो कांट्रेक्शन उद्दीप्त कर सकते हैं |
विधि 2
विधि 2 का 2:

सुरक्षा उपायों का पालन करें

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  1. अपनी पत्नी की प्रेगनेंसी की पहली तिमाही में दौरान मसाज करने से बचें: पहली तिमाही बहुत नाजुक होती है जिसमे गर्भपात होने की सम्भावना सबसे ज्यादा होती हैं इसलिए यूटेराइन लिगामेंट्स पर पड़ने वाले किसी भी तरह के प्रेशर से बचना चाहिए | इसलिए दूसरी तिमाही शुरू होने या प्रेगनेंसी के 13 वें सप्ताह तक इंतज़ार करना चाहिए | [९]
    • इसके अलावा, मसाज से आपकी पत्नी को चक्कर आ सकते हैं या बीमारी जैसा फील हो सकता है, ,विशेषरूप से अगर वो मोर्निंग सिकनेस जैसे लक्षणों से जूझ रही हो तो |
    • कई प्रोफेशनल मसाज थेरापिस्ट पहली तिमाही के दौरान प्रिनेटल मसाज ऑफर नहीं करते | बल्कि अगर आपको कोई ऐसा व्यक्ति मिलता है जो ऐसा करता है तो सुरक्षा की दृष्टी से पहली तिमाही खत्म होने तक इंतज़ार करना ही बेहतर होगा |
  2. अह्ग्र आपकी पत्नी को कोई मेडिकल परेशानी हो तो उनके डॉक्टर से पूछें कि क्या मसाज कराना उनके लिए सही है: बल्कि दूसरी तिमाही में पहुँचने के बाद ही उसे मसाज करने के बारे में सोचें और उनके डॉक्टर से पूछें | अगर आपको पत्नी को पहले से डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, पेटदर्द या ब्लीडिंग जैसी कोई मेडिकल परेशानी चली आ रही हो जो उसकी प्रेगनेंसी में रुकावट पैदा कर सकती हो तो यह और भी ज्यादा जरुरी हो जाता है | डॉक्टर आपको बता सकते हैं कि उनके लिए मसाज कराना कब सुरक्षित रहेगा | [१०]
    • कुछ ऐसी कंडीशन भी होती हैं जिनमे मसाज नहीं कराना चाहिए जैसे अगर आपकी पत्नी को बुखार हो, वायरस इन्फेक्शन हो या सीवियर मोर्निंग सिकनेस हो |
  3. इससे न केवल आपकी पत्नी और बच्चे को असुविधा होगी बल्कि पत्नी की यूटेराइन लिगामेंट पर भी प्रेशर पड़ेगा | इससे प्रेगनेंसी में जटिलताएं आ सकते हैं जिनमे गर्भपात भी शामिल हैं इसलिए बेहतर होगा कि इससे पूरी तरह से दूर ही रहा जाए | [११]
    • एपीआई पत्नी के पेट को सहलाना पूरी तरह से सुरक्षित होता है | लेकिन अपने हाथ फ्लैट रखें और बहुत ही हल्का दबाव डालें | इससे विशेषरूप से 24 सप्ताह के बाद आपको बच्चे के मूवमेंट भी फील हो सकते हैं |
  4. डीप प्रेशर की बजाय लम्बे स्ट्रोक्स का इस्तेमाल करें: प्रेगनेंसी के दौरान डीप टिश्यू मसाज बुहत ज्यादा इंटेंस और असुविधाजनक हो सकती है इसलिए अपने हाथ फ्लैट रखने की कोशिश करें और अपने मोशन स्मूथ और मजबूत रखें | इसके अलावा, जोर से मसाज करने से खून के थक्के भी घुल जाते हैं जिनसे प्रेग्नेंट महिला को विशेषरूप से जोखिम होता है | [१२]
    • उदाहरण के लिए, अपनी पत्नी के पैरों को जहाँ विशेषरूप से खून के थक्के बनने की आशंका होती है, जोर से मरोड़ने की बजाय आप अपने हाथों से पैर की मसल्स को ऊपर से नीचे की ओर सहला सकते हैं |
    • पूरी मसाज करने के लिए अपनी पत्नी से पूछें की क्या कोई ऐसा एरिया है जहाँ वे थोडा ज्यादा प्रेशर लगवाना चाहती हैं या थोडा अआसानी से मसाज करवा सकती हैं |
  5. मसाज के दौरान किसी भी एसेंशियल आयल का इस्तेमाल न करें: लैवेंडर जैसे कुछ एसेंशियल ऑयल्स के बारे में माना जाता है कि ये प्रेगनेंसी के दौरान सुरक्षित होते हैं | लेकिन, एसेंशियल ऑयल्स का इफ़ेक्ट बच्चे पर भी पड़ता है इसलिए इनसे दूर ही रहना बेहतर है | [१३]
    • बिना खुशबू वाले मसाज ऑयल्स या लोशन का इस्तेमाल करने से मसाज के दौरान होने वाले घर्षण को कम किया जा सकता है |
  6. अगर आपकी पत्नी को चक्कर, परेशानी या कांट्रेक्टशन हों तो मसाज रोक दें: मसाज से शरीर पर व्यापक रूप से असर पड़ता है जिसमे ब्लड सर्कुलेशन बढ़ना और एंडोर्फिन रिलीज़ होना भी शामिल है | इससे विशेषरूप से प्रेग्नेंट महिला में अनुमान न लगाए जा सकने वाले रिएक्शन हो सकते हैं क्योंकि उनकी बॉडी में लगातार बदलाव हो रहे होते हैं | अगर आपकी पत्नी को चक्कर या मितली फील हो, परेशानी अनुभव हो या उसे अचानक से संकुचन होने लगें तो मसाज रोक दें और उसे ज्यादा कम्फ़र्टेबल फील कराने पर ध्यान दे |
    • उदाहरण के लिए, आप उनकी बैठने और तकिये का सहारा देकर रेस्ट करने के मदद कर सकते हैं और इसके बाद आप उन्हें एक ग्लास पानी दे सकते हैं जिससे वे रिलैक्स हो सकें |
    • अगर आपकी पत्नी की कंडीशन एक घंटे के अंदर ठीक न हों या उनके कांट्रेक्टशन बढ़ते जाएँ तो उनके डॉक्टर को कॉल करें और उनसे सलाह लें | वे आपको अपने क्लिनिक पर लाने की सलाह देंगे या सुरक्षा की दृष्टी से हॉस्पिटल ले जाने के लिए कहेंगे |

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