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जब बहुत ज्यादा कर्णमल (वैक्स) कानों में जमा होने लगते हैं तो आपके कान बंद हो जाते हैं। वैसे तो बैक्टीरिया तथा कर्णमैल कानों के संरक्षण के लिए शरीर की सुरक्षा प्रणाली का महत्वपूर्ण हिस्सा है, फिर भी “ज्यादा” कर्णमल (वैक्स) कानों के लिए ठीक नहीं है तथा इसका असर आपकी सुनने की क्षमता पर पड़ता है।

विधि 1
विधि 1 का 2:

घर पर साफ़ करें

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  1. यह सुनिश्चित कर लें कि आपके कानों में कोई संक्रमण तथा कान के परदे में छेद नहीं है: क्योंकि इन अवस्थाओं में अपने कानों को साफ़ करना काफी जोखिम भरा हो सकता है, इसलिए जरा सा संदेह होने पर भी इन उपायों को कभी “न करें”, बल्कि तुरंत डाक्टर से परामर्श करें। कानों में संक्रमण के ये लक्षण हैं: [१]
    • बुखार
    • उल्टी और दस्त
    • दोनों कानों से हरा या पीला बहाव
    • कानों में तेज तथा सतत दर्द
  2. कर्णमैल या खोंट (वैक्स) नरम करने के लिए अपने से घोल बनाइये: आप मेडिकल स्टोर से कार्बामाइड पेरोक्साइड घोल (solution) खरीद सकते हैं या आप स्वतः इसे बना सकते हैं। नीचे दिए गए किसी एक विकल्प को गर्म पानी में मिलाइये।
    • एक या दो टी-स्पून 3-4% हाइड्रोजन पेरोक्साइड घोल
    • एक या दो टी-स्पून मिनरल आयल
    • एक या दो टी-स्पून ग्लिसरीन
  3. यदि आपके पास एप्लीकेटर नहीं है तो सीधे ही आप इस घोल की बूंदों को अपने कानों में डाल सकते हैं। परन्तु एप्लीकेटर होने पर यह प्रक्रिया आसान और साफ़ सुथरी हो जाती है।
    • एक लम्बी प्लास्टिक सिरिंज (सुई), रबर बल्ब सिरिंज या एक आय ड्रॉपर को इस कार्य के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। [२]
    • एप्लीकेटर में इस घोल को भरिये। इतना घोल खींचकर भरिये जिससे एप्लीकेटर आधे से ज्यादा भर जाए।
  4. सफाई की प्रक्रिया बेहतर कार्य तभी करती है जब आपकी कर्ण-नलिका लम्बवत अवस्था में हो। इसलिए सफाई वाले कान को ऊपर की ओर रखें।
    • यदि हो सके तो एक ओर लेट जाएं। अपने सिर के निचे एक तौलिया रख लें जिससे अतिरिक्त द्रव सोखा जा सके।
  5. प्याले से इस घोल को अपने कानों में उडेलें, या एप्लीकेटर की मदद से कुछ इंच दूर से कर्ण-नलिका में डालें।
    • यदि आप हाइड्रोजन पेरोक्साइड इस्तेमाल कर रहें हैं तो इसकी बूंदें कानों में उड़ेलते ही आपको सनसनाहट सुनाई देगी। चिंता मत कीजिये, यह सामान्य बात है!
    • यदि चाहें, तो आप किसी और व्यक्ति की मदद से यह प्रक्रिया कर सकते हैं। इससे कानों में इस द्रव के आसानी से पहुचने में सुविधा होती है।
  6. अपने सिर को थोड़ी देर तक एक ओर झुका कर रखें ताकि कर्णमैल पिघल जाये। पाँच से दस मिनट इसके लिए पर्याप्त हैं।
    • यदि आपने हाइड्रोजन पेरोक्साइड का उपयोग किया है तो इस घोल को तब तक काम करने दीजिये जब तक सनसनाहट की आवाज बंद ना हो जाये।
  7. अपने कान के नीचे एक खाली कटोरी रखें या अपने कानो में रुई के फाहे (कॉटन-बॉल) लगाएं। अपने सिर को थोड़ा सा झुकाएं, और सारे तरल को बह जाने दें।
    • इस बात का ध्यान रहे कि रुई के फाहे आपके कानों में अंदर न जाने पाए — इसे हलके से कानों के बाहर की तरफ दबायें जिससे ये तरल को सोख ले।
  8. जब कर्णमैल (वैक्स) नर्म हो जाये तो रबर के बल्ब लगी सिरिंज में गुनगुना पानी भरकर उसे कानों पर बहा दें। हलके से गुनगुने पानी की फुहार कर्ण-नलिका पर छोड़ें। जिद्दी कर्णमैल या छोटी कर्ण-नलिका के लिए बल्ब लगी सिरिंज की जगह गुनगुना पानी भरी हुई एनिमा बोतल ठीक रहेगी।
    • कर्ण-पालि (earlobe) को ऊपर और बाहर की तरफ खींचें जिससे कर्ण-नलिका खुलने में मदद मिलेगी।
    • इसे सिंक, टब, या और किसी बर्तन पर करें: यह एक मैली प्रक्रिया है तथा इसमें काफी मात्रा में मैल के टुकड़े निकल सकते हैं।
  9. अत्याधिक कर्णमैल की वृद्धि होने पर आपको इस प्रक्रिया को दोहराने की आवश्यकता हो सकती है पर इसे एक दिन में चार से पाँच बार से अधिक मत कीजिये।
    • अपने कानों के तरल को अक्सर ना बहाएँ। इससे आपके कान के पर्दों तथा कर्ण-नलिका को भारी नुकसान पहुँचने की संभावना होती है।
  10. जब आप अपने कानों को धो लें तो कानों पर एक तौलिया रखें और अपने सिर को एक ओर झुका कर पानी बहा दें। कान के बाहर की ओर हलके से तौलिये से थपकी दें, फिर यही प्रक्रिया दुसरे कान पर दोहराएँ।
विधि 2
विधि 2 का 2:

औषधीय उपचार

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  1. यदि आप कानों के अवरोध को अपने से ठीक न कर पायें तो डाक्टर से मिलें। वे आपको चन्द सेकेंड में यह बता देंगे कि आपके कानों में कर्णमैल के कारण अवरोध हुआ है, और त्वरित प्रक्रिया द्वारा कान का मैल निकलने में मदद होगी। आप नीचे दिए गए लक्षण अनुभव कर सकते हैं: [३] :
    • लागातार कान में दर्द
    • धीमा सुनाई देना
    • कानों में कुछ भरे हुए होने का अहसास
  2. लम्बे अवधि की कर्णमैल (वैक्स) की समस्या से निपटने के लिए डाक्टर आपको कार्बामाइड पेरोक्साइड युक्त ओवर-द-काउंटर दवा लेने की सलाह दे सकते हैं, जिसे हर चार से आठ सप्ताह बाद इस्तेमाल करना होता है।
    • कार्बामाइड पेरोक्साइड युक्त कुछ प्रचलित ब्रांड हैं: Murine, Debrox, इत्यादि।
    • आपके डाक्टर आपको पर्ची द्वारा trolamine polypeptide oleate या Cerumenex युक्त ईयर-ड्रॉप लेने की सलाह दे सकते हैं। [४]
  3. वैक्स के कारण कम अवरोध होने पर आपके डाक्टर बल्ब लगी सिरिंज द्वारा आपके कान की सफाई कर सकते हैं, तथा ज्यादा अवरोध होने पर “क्युरेट (curette)” के इस्तेमाल से वैक्स निकाल सकते हैं। [५] या फिर सक्शन (खींचाव) द्वारा भी इसे किया जा सकता है। इससे जरा सी भी पीड़ा नहीं होती तथा कुछ मिनटों में आपके कान सुरक्षित रूप से पूरी तरह साफ़ हो जाते हैं—और आपकी सुनने की क्षमता में सुधार होता है।
  4. यदि आपको बारंबार कष्टप्रद कर्णमैल जमाव की समस्या है तो अपने डाक्टर से बात करें या फिर किसी आँख, नाक तथा गला रोग विशेषज्ञ (ENT) को दिखाएँ।

सलाह

  • नहाने के बाद कान साफ़ करें। इससे काफी आसानी होती है क्योंकि नहाने के बाद कर्णमल (वैक्स) नर्म हो जाता है।
  • यदि आप एशियाई पीढ़ी के हैं तो आपके कर्णमल शुष्क प्रकार के होने की ज्यादा संभावना है। इसलिए घोल को अपने कानों में उड़ेलने से अधिक फायदा नहीं होगा। इस तरह के कर्णमल (वैक्स) ईयर-बड से निकाले जा सकते हैं जो आसानी से मेडिकल स्टोर में उपलब्ध होते हैं। ईयर-बड एक छोटी लकड़ी होती है जिसमे दोनों ओरे रुई के फाहे कसकर लगे होते हैं। सावधानी से ईयर बड की मदद से कर्ण-नलिका से वैक्स निकालिए, इस बात का ध्यान रखें कि ईयर-बड ज्यादा भीतर ना जाये। चूँकि इस प्रकार के कर्णमल (वैक्स) कम मात्रा में बनते हैं, इन्हें अपने हाथों से आसानी से निकाला जा सकता है, या फिर इस कार्य के लिए आप किसी की मदद भी ले सकते हैं।
  • यदि आप इनमें से किसी जानकारी से अवगत नहीं हैं तो डाक्टर से परामर्श करें।
  • यदि आपकी कर्ण-नलिका हाइड्रोजन पेरोक्साइड के इस्तेमाल से शुष्क हो जाती हो तो कुछ तेल की बूंदें (बेबी आयल या मिनरल आयल) कानों में डाल दें।
  • ज्यादा ईयर-बड के इस्तेमाल से कान के वैक्स की सतह अनावृत हो जाती है जिससे बैक्टीरिया संक्रमण की संभावना होती है।
  • ज्यादा तकलीफदेह कर्णमल (ईअर-वैक्स) के लिए ENT (कान, नाक, गला) विशेषज्ञ से परामर्श करें।
  • हाइड्रोजन पेरोक्साइड का इस्तेमाल कभी न करें यदि आपके कान के परदे में छेद हों।
  • ENT (कान, नाक, गला) विशेषज्ञ के अनुसार, ईयर-बड का इस्तेमाल आखिरी विकल्प होना चाहिए। ईयर-बड से कान की सफाई ज्यादा समस्या उत्पन्न कर सकती है। इसके बजाय गीले कपड़े से बाहरी कान को पोंछें या नहाते समय कानो को बाहरी ओर से खंगालें।
  • अपने कानों को गुनगुने पानी में भीगे कपड़े से पोंछें।

चेतावनी

  • यदि आपके कानों में संक्रमण हुआ है या आपके कान के परदे में छेद हो तो कुछ भी घरेलु उपचार करने से पहले अपने डाक्टर से परामर्श करें, नहीं तो आप अपने कानों को भारी नुकसान पहुंचा सकते हैं।
  • 12 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए कोई घरेलु उपचार ना करें।
  • हाइड्रोजन पेरोक्साइड तकनीक का सप्ताह में अधिक से अधिक एक या दो बार इस्तेमाल करें।
  • ईयर-बड का इस्तेमाल अत्याधिक सावधानी से करें। ईयर-बड कान के परदे में छेद होने का बड़ा कारण होते हैं, जिसे ठीक करने के लिए सर्जरी की आवश्यकता होती है।

चीजें जिनकी आपको आवश्यकता होगी

  • कर्णमल (वैक्स) नर्म करने वाला घोल
  • प्लास्टिक और रबर बल्ब वाला सिरिंज या आय-ड्रॉपर
  • टिश्यू, रुई, या तौलिया
  • गुनगुना पानी

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