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अपने पीसी (PC) को सिक्योर रखना, उसमें मौजूद पर्सनल, बिजनेस और फाइनेंशियल इन्फोर्मेशन को सुरक्षित रखने के लिए बहुत जरूरी होता है। अच्छी बात ये है, कि अगर आप सही कदम उठाते हैं, तो आपके कंप्यूटर को सिक्योर कर पाना काफी आसान होता है। सिक्योर पासवर्ड्स और वेरिफिकेशन प्रोसेस का इस्तेमाल करना, दूसरे इंसान या प्रोग्राम के लिए आपके नाम से धोखा देना और आपकी इन्फोर्मेशन को एक्सेस कर पाना मुश्किल बना देगा। प्रोटेक्टिव सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करना भी हैकर, वायरस या मलिशस (malicious) सॉफ्टवेयर के लिए आपके पीसी में दाखिल हो पाना मुश्किल बना देगा। प्रोटेक्टिव प्रोग्राम्स के साथ, एंक्रिप्शन और सेफ प्रैक्टिस का इस्तेमाल करना भी इन्टरनेट का इस्तेमाल करते वक़्त, आपके डेटा को सुरक्षित रखने में मदद करेगा।

विधि 1
विधि 1 का 4:

सिक्योर पासवर्ड प्रोटेक्शन सेट करना (Setting up Secure Password Protection)

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  1. अपने विंडोज (Windows) अकाउंट के लिए “Two-step Verification” ऑप्शन ऑन कर दें: अपना वेब ब्राउज़र ओपन करें और माइक्रोसॉफ़्ट वेबसाइट पर अपने अकाउंट पर लॉगिन करें। पेज में सबसे ऊपर मौजूद सिक्योरिटी सेटिंग्स ऑप्शन को देखें और मेन्यू एक्सेस करने के लिए, उस पर क्लिक करें। एक्सपांड हुआ सिक्योरिटी मेन्यू पॉप अप होने के बाद, “Two-step Verification” लिखे हुए ऑप्शन की तलाश करें। इसे चालू करने के लिए, बटन पर क्लिक करें। [१]
    • https://account.microsoft.com/profile पर अपने अकाउंट पर साइन इन करें।
    • टू-स्टेप वेरिफिकेशन सिस्टम आपके लिए ये पता लगाने का एक और तरीका एड कर देता है, कि आपके अकाउंट को आप ही इस्तेमाल कर रहे हैं, जो आपके पीसी के लिए एक और लेवल की सिक्योरिटी एड कर देता है।
    • टू-स्टेप वेरिफिकेशन सिस्टम सेटअप करने के लिए आपको आउटलुक (Outlook) या किसी दूसरे विंडोज एप का इस्तेमाल करने की जरूरत नहीं होगी।

    सलाह: सेकंड वेरिफिकेशन एड करने के लिए, आपको एक डिवाइस या ईमेल की जरूरत पड़ेगी, जिस पर माइक्रोसॉफ़्ट आपको एक कोड भेजेगा, जिसे आप, आप ये साबित करने के लिए इस्तेमाल करेंगे कि ये आप ही हैं। अगर आप टेक्स्ट के जरिए कोड पाना चाहते हैं, तो अपना फोन नंबर एंटर करें या फिर अगर आप ईमेल के जरिए एक्सेस कोड पाना चाहते हैं, तो आपका ईमेल एड्रेस टाइप कर दें।

  2. आपके द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले एप्स को सिक्योर करने के लिए एक ऑथेंटीकेटर एप (authenticator app) डाउनलोड कर लें: अपने स्मार्टफोन या टेबलेट के लिए एक ऑथेंटीकेटर एप डाउनलोड कर लें, ताकि आपको हर बार आपके द्वारा अकाउंट या कोई एप के एक्सेस किए जाने की पुष्टि करने के लिए, टेक्स्ट मेसेज या ईमेल के जरिए हर बार कोड पाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। एप के ऊपर उन सारे एप्स को एड कर लें, जिन्हें आप इस्तेमाल करते हैं, ताकि आप आसानी से खुद को वेरिफ़ाई कर सकें और अपने एप्स को बचाए रख सकें। [२]
    • पॉपुलर ऑथेंटीकेटर एप्स में Google Authenticator, Authy, और LastPass के नाम शामिल हैं।
    • सिक्योरिटी की एक और लेयर बनाने के लिए, अपने ऑथेंटीकेटर एप में अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स को भी एड कर लें।
  3. अपने पासवर्ड का ट्रेक रखने के लिए एक पासवर्ड मेनेजर का इस्तेमाल करें: पासवर्ड मेनेजर न सिर्फ आपके पासवर्ड को स्टोर और उनका ट्रेक रखते हैं, ये आपको, आप जब भी किसी नई वेबसाइट या एप के ऊपर साइन अप करते हैं, तब आपको एक स्ट्रॉंग और यूनिक पासवर्ड को जनरेट और इस्तेमाल भी करने देते हैं। जब आप लॉगिन करें, तब आप आपके पासवर्ड जनरेटर को लाकर, अपने पासवर्ड को कॉपी कर और उसे लॉगिन बॉक्स में पेस्ट कर सकते हैं। [३]
    • कुछ पासवर्ड मेनेजर ब्राउज़र एक्सटैन्शन के साथ में आया करते हैं, जो ऑटोमेटिकली आपके पासवर्ड्स में फिल हो जाती है।
    • पॉपुलर पासवर्ड मेनेजर में, LastPass, 1Password, और Dashlane के नाम शामिल हैं।
    • कुछ पासवर्ड मेनेजर को डाउनलोड करने के लिए आपको मासिक (monthly) या वार्षिक (yearly) सब्स्क्रिप्शन फीस भरना होगी।
  4. टू-स्टेप वेरिफिकेशन एक्टिवेट करने के लिए आपके फोन को आपके गूगल अकाउंट पर एड करें: गूगल 2-Step Verification नाम का टू-फ़ैक्टर ऑथेंटीकेशन सिस्टम का इस्तेमाल करता है, जो आपके अकाउंट को और भी ज्यादा सिक्योर बना देता है। ब्राउज़र में अपने अकाउंट की सिक्योरिटी सेटिंग्स पर जाएँ और उसे एक्टिवेट करने के लिए, अपने स्मार्टफोन को अपने अकाउंट पर एड कर लें। आपको एक टेक्स्ट, फोन कॉल या फिर ऑथेंटीकेटर एप के जरिए एक कोड मिलेगा। [४]
    • अब इन्टरनेट से कनैक्टेड न होने के दौरान, आपके लिए एक वेरिफिकेशन कोड जनरेट करने के लिए, 2-Step Verification एक्टिवेट करने के बाद अपने एप स्टोर से Google Authenticator एप डाउनलोड कर लें।
  5. टू-फ़ैक्टर ऑथेंटीकेशन सेटअप करने के लिए अपनी फेसबुक सेटिंग्स को चेंज करें: अपने फेसबुक अकाउंट को और भी सिक्योर बनाने के लिए, अकाउंट सेटिंग्स के अंतर्गत मौजूद “Security and Login” मेन्यू पर जाएँ। आप आपके ऑथेंटीकेशन के सेकंड फॉर्म को किस तरह से पाना चाहते हैं, इसे सिलेक्ट करने के लिए “Two-Factor Authentication” के राइट साइड में मौजूद “Edit” को क्लिक करें। आप टेक्स्ट मेसेज के जरिए या फिर ऑथेंटीकेटर एप का इस्तेमाल करके कोड को पा सकते हैं। [५]
    • आपका फेसबुक अकाउंट, आपकी ऐसी कई पर्सनल इन्फोर्मेशन से भरा हुआ होता है, जिन्हें आप सुरक्षित रखना चाहते हैं, लेकिन ये हैकर्स या मैलवेयर (malware) के द्वारा आपके पीसी तक पहुँचने का एक रास्ता भी होती है।
विधि 2
विधि 2 का 4:

प्रोटेक्टिव सॉफ्टवेयर इस्तेमाल करना (Using Protective Software)

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  1. अपने पीसी को प्रोटेक्ट करने के लिए एंटीवायरस सॉफ्टवेयर (Antivirus Software) इन्स्टाल कर लें: एंटीवायरस सॉफ्टवेयर एक सिक्योरिटी यूटिलिटी है, जिसे आपके पीसी को वायरस, स्पाइवेयर, मैलवेयर और दूसरे ऑनलाइन खतरों से बचाने के लिए डिजाइन किया गया होता है।क्वालिटी एंटीवायरस सॉफ्टवेयर को खरीदा और आपके पीसी पर इन्स्टाल किया जाना होता है। [६]
    • पॉपुलर एंटीवायरस सॉफ्टवेयर में Avast, AVG, McAfee, और Symantec शामिल हैं।
    • अपनी सॉफ्टवेयर सेटिंग्स को वायरस और मैलवेयर को ऑटोमेटिकली स्कैन करने के लिए सेट करें, ताकि आप आपके पीसी को उनसे एकदम बचाए रख सकें।
    • कई सारे प्रोग्राम्स, जब आप इन्टरनेट पर ब्राउज़ कर रहे होते हैं, उस वक़्त एड्स और स्पेम को ब्लॉक करके भी आपके पीसी को सेफ रख सकते हैं।
  2. इन्टरनेट से इन्फोर्मेशन को फिल्टर करने के लिए अपने फायरवॉल (firewall) को एनेबल करें: फायरवॉल एक ऐसा प्रोग्राम है, जो गलत, नुकसान देने वाले प्रोग्राम्स को ब्लॉक करने के लिए, आपके इन्टरनेट कनैक्शन से आने वाली इन्फोर्मेशन को मॉनिटर करता है। अपने पीसी के कंट्रोल पैनल (control panel) पर जाएँ और “System and Security” मेन्यू ओपन करें। Windows Firewall शॉर्टकट पर क्लिक करें और उसके ऑन होने की पुष्टि कर लें।
    • आपका बिल्ट-इन (पीसी पर पहले से मौजूद) फायरवॉल भी किसी एंटीवायरस फायरवॉल के जितना ही अच्छा होता है। [७]
    • जब आप फायरवॉल को ऑन कर रहे हों, तब आपके इन्टरनेट से कनैक्ट रहने की पुष्टि जरूर कर लें।
    • अगर आप शॉर्टकट नहीं ढूंढ पा रहे हैं, तो System and Security मेन्यू के सर्च बार में “firewall” टाइप करें।

    सलाह: अगर आपके पास में एक ऐसा एंटीवायरस सॉफ्टवेयर है, जिसमें एक फायरवॉल शामिल है, तो फिर इसी का इस्तेमाल करें, ताकि ये आपके एंटीवायरस प्रोग्राम के साथ में अच्छी तरह से काम करे।

  3. मैलवेयर-रिमूवल (malware-removal) प्रॉडक्ट्स का इस्तेमाल करके अपने पीसी को क्लीन करें: फायरवॉल एक ऐसा एंटीवायरस प्रोग्राम है, जिसे आपके कंप्यूटर को किसी भी खतरे की चपेट में आने से रोकने के लिए डिजाइन किया जाता है, लेकिन ये आपके कंप्यूटर के, एक बार वायरस या मैलवेयर की चपेट में आने के बाद, उन्हें निकाल नहीं सकती है। किसी अटेक या इन्फेक्शन के बाद अपने सिस्टम को क्लीन करने के लिए एक एंटी-मैलवेयर प्रोग्राम का इस्तेमाल करें। सॉफ्टवेयर डाउनलोड कर लें और गड़बड़ प्रोग्राम का पता लगाने के लिए बार-बार स्कैन (periodic scans) करते रहें। [८]
    • पॉपुलर मैलवेयर-रिमूवल प्रॉडक्ट्स में Spybot Search & Destroy and Malwarebytes Anti-Malware के नाम शामिल हैं।
    • स्पाईवेयर, मैलवेयर और वायरस की जांच करने के लिए, रेगुलर स्कैन्स शेड्यूल करें।
विधि 3
विधि 3 का 4:

अपने डेटा को एंक्रिप्ट करना (Encrypting Your Data)

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  1. अपने पीसी को सिक्योर करने के लिए एक HTTPS कनैक्शन का ही इस्तेमाल करें: हायपर ट्रांसफर प्रोटोकॉल सिक्योर (Hypertext transfer protocol secure या HTTPS) एक एंक्रिप्ट किया हुआ वेबसाइट कनैक्शन है, जिसे आपका ब्राउज़र आपके द्वारा किसी भी वेब पेज को एक्सेस करने या देखने के दौरान इस्तेमाल करता है। अगर आप आपके ब्राउज़र के एड्रेस बार में, आपके द्वारा देखी जाने वाली वेबसाइट के एड्रेस की शुरुआत में “https:” देखते हैं, तो आप जान सकते हैं, कि आप जिस वेबसाइट को देख रहे हैं, वो एक HTTPS कनैक्शन का इस्तेमाल कर रही है। [९]
    • ज़्यादातर वेबसाइट एक HTTPS कनैक्शन का इस्तेमाल करती हैं, जो आपके पीसी को वायरस और मैलवेयर से ज्यादा सुरक्षित रखेगा।
  2. आपके जीमेल पेज के द्वारा हमेशा ही एक सिक्योर HTTPS कनैक्शन का इस्तेमाल किए जाने की पुष्टि करने के लिए, टॉप-राइट कॉर्नर में मौजूद गियर (gear) आइकॉन पर क्लिक करें। “General” नाम के टैब तक स्क्रॉल करें। जनरल मेन्यू में, हमेशा HTTPS कनैक्शन इस्तेमाल करने वाले ऑप्शन को चुनें। [१०]
    • आपकी जीमेल सेटिंग्स सेव हो जाएंगी, इसलिए अब जब भी आप उसे इस्तेमाल करेंगे, टैब आप एक HTTPS कनैक्शन का इस्तेमाल कर रहे होंगे।
    • आपके जीमेल में आपके बारे में कई सारी पर्सनल और जरूरी इन्फोर्मेशन मौजूद होती है, इसलिए उसे एक HTTPS कनैक्शन का इस्तेमाल करके सेफ रखें।
  3. अपने फेसबुक (Facebook) को एक HTTPS कनैक्शन इस्तेमाल करने के लिए सेट करें: आपकी फेसबुक सेटिंग्स को HTTPS कनैक्शन यूज करने के लिए बदलने के लिए, आपकी स्क्रीन के टॉप राइट कॉर्नर में मौजूद डाउन एरो पर क्लिक करें और फिर “Account Settings” ऑप्शन सिलेक्ट करें। आपके अकाउंट सेटिंग्स के मेन्यू में, मेन्यू को सामने लाने के लिए “Security” लिखे हुए ऑप्शन को क्लिक करें। “Secure Browsing” सेक्शन में, सेटिंग्स को चेंज करने के लिए “Browse Facebook on a secure connection (https) when possible” पर क्लिक करें। [११]
    • फेसबुक अकाउंट का इस्तेमाल करके वायरस और मैलवेयर आपके पीसी में दाखिल हो सकते हैं।
  4. आपके ब्राउज़र के लिए HTTPS Everywhere एक्सटैन्शन इन्स्टाल करें: अगर आप गूगल क्रोम (Google Chrome), ओपेरा (Opera) या फायरफॉक्स (Firefox) को आपके वेब ब्राउज़र की तरह इस्तेमाल करते हैं, तो फिर आप एक ऐसे एक्सटैन्शन को एड कर सकते हैं, जो आपके द्वारा कभी भी पेज पर विजिट करते वक़्त ऑटोमेटिकली एंक्रिप्टेड कनैक्शन को रिक्वेस्ट करेगा। अगर पेज HTTPS कनैक्शन को सपोर्ट करता है, तो आपका ब्राउज़र ऑटोमेटिकली एक एंक्रिप्टेड कनैक्शन का इस्तेमाल करेगा। आपके ब्राउज़र पर एड करने के लिए एक्सटैन्शन (extension) डाउनलोड करें। [१२]

    सलाह: आपके एक्सटैन्शन इन्स्टाल करने के बाद, ब्राउज़र विंडो के कॉर्नर में मौजूद आइकॉन को क्लिक करके, उसके ऑन होने की पुष्टि कर लें।

  5. VPN सर्विसेस का इस्तेमाल करके, अपने वाई-फ़ाई कनैक्शन को प्रोटेक्ट करें: अगर आप पब्लिक वाई-फ़ाई कनैक्शन पर या किसी ऐसे कनैक्शन पर साइन इन करते हैं, जो आपका नहीं है, तो इसकी वजह से आपके पीसी पर हैकर्स, वायरस और मैलवेयर का अटेक हो सकता है। एक वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (Virtual Private Network या VPN) आपकी इन्फोर्मेशन को एंक्रिप्ट करता है और आपके पीसी को सिक्योर रखता है, ताकि आप सुरक्षित रूप से ब्राउज़ कर सकें। [१३]
    • आप Tunnel Bear, Cyber Ghost, या ProtonVPN जैसे पॉपुलर VPN को सब्सक्राइब कर सकते हैं।
    • कई सारे VPN की एंक्रिप्शन सर्विसेस का इस्तेमाल करने के लिए मंथली फीस भी देना पड़ती है।
    • ऐसे फ्री VPN की तलाश करें, जिन्हें आप भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
विधि 4
विधि 4 का 4:

सेफ प्रैक्टिस फॉलो करना (Following Safe Practices)

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  1. सुरक्षित रहने के लिए जरूरी है, कि आपके पीसी पर सारे लेटेस्ट टूल्स और अपडेट्स मौजूद हों। कंट्रोल पैनल में Windows Update ऑप्शन पर जाएँ और “Check for Updates” क्लिक करें। मौजूद किसी भी अपडेट को इन्स्टाल करने का ऑप्शन चुनें। [१४]
    • कुछ अपडेट्स को पूरा होने में करीब एक घंटे तक का वक़्त लग सकता है, खासतौर से तब, जबकि आपने आपके पीसी को काफी समय से अपडेट न किया हो।
    • अपडेट होने के बाद अपने कंप्यूटर को रिस्टार्ट करें, ताकि की गई अपडेट्स प्रभाव में आ सकें।
  2. फिर चाहे आपको आया हुआ ईमेल आपकी जान-पहचान वाले किसी इंसान की तरफ से ही क्यों न आया हो, ये “स्पिर फिशिंग (spear phishing)” नाम की एक ट्रिक भी हो सकती है, जो आपके ईमेल और पीसी तक पहुँचने के लिए, खुद को आपके कांटैक्ट्स में से ही किसी एक की तरह दर्शाता है। किसी भी अटेचमेंट पर राइट-क्लिक करें और फ़ाइल के सेफ होने की पुष्टि करने के लिए फ़ाइल को मेन्यूअली स्कैन करने का ऑप्शन चुनें। [१५]

    सलाह: ऐसे लोगों या कंपनी से ईमेल में आए हुए अटेचमेंट्स को कभी भी न खोलें, जिन्हें आप जानते नहीं।

  3. एक्सट्रा सिक्योरिटी के लिए, आपकी ईमेल में इमेजेस को डिसेबल कर दें: कुछ नुकसान पहुंचाने वाले प्रोग्राम्स आपके ईमेल और पीसी पर एक्सेस पाने के लिए, कुछ लूपहोल्स का इस्तेमाल कर सकते हैं। अनचाहे सॉफ्टवेयर को दूर रखने के लिए, आपको आने वाले मेसेज में मौजूद इमेजेस को डिसेबल कर दें। अपनी ईमेल पर अकाउंट सेटिंग्स पर जाएँ और फिर इमेजेस डिस्प्ले करने से पहले आप से पूछने वाले ऑप्शन को चुन लें। [१६]
    • जीमेल में, स्क्रीन के अपर-राइट कॉर्नर में मौजूद सेटिंग्स ऑप्शन को क्लिक करें। मेल सेटिंग्स चुनें और “Ask before displaying external content” बॉक्स पर क्लिक करें।
  4. मैलवेयर को ब्लॉक करने के लिए एक नॉन-एडमिनिस्ट्रेटर विंडोज (non-administrator Windows) अकाउंट का इस्तेमाल करें: अगर आपने बना कोई सेटिंग्स चेंज किए, अपने पीसी को सेटअप किया है, तो आप शायद एक एडमिनिस्ट्रेटर अकाउंट इस्तेमाल कर रहे हैं, जो आपके पीसी को अटेक होने की संभावना में खड़ा कर देता है। User Accounts मेन्यू में “Manage another account” ऑप्शन को चुनें और एक नया अकाउंट बना लें। जब आप अकाउंट बनाएँ, तब “Standard user” ऑप्शन सिलेक्ट करें। [१७]
    • स्टैंडर्ड अकाउंट इस्तेमाल करना, आपके पीसी के लिए एक एक्सट्रा लेवल सिक्योरिटी एड कर देता है।
  5. उन कुकीज़ (cookies) को अपने ब्राउज़र पर से क्लियर कर दें, जिनकी अब आपको कोई जरूरत नहीं: कुकीज़, आपके लिए साइट्स को ब्राउज़ करना आसान और तेज बनाने के लिए, वेबसाइट्स के द्वाराआपकी और आपके ब्राउज़र के बारे में इन्फोर्मेशन को जमा करके रखने का एक तरीका होता है, लेकिन इन्हें हैकर्स और खतरनाक सॉफ्टवेयर के द्वारा भी इस्तेमाल किया जा सकता है। अपनी ब्राउज़र सेटिंग्स पर जाएँ और वहाँ मौजूद हर उन कुकीज़ को क्लियर कर दें, जिनकी आपको कोई जरूरत नहीं है। [१८]
    • कुछ वेबसाइट्स के लिए कुकीज़ का होना मददगार होता है, इससे आपको किसी एक साइट पर बार-बार जाने पर, अपनी इन्फोर्मेशन को बार-बार एंटर नहीं करना पड़ता है।
  6. उन वेबसाइट्स से बचकर रहें, जिनके एड्रेस में HTTPS नहीं होता: अगर कोई वेबसाइट आपको संदेहजनक लग रही है या फिर वो आप से पर्सनल इन्फोर्मेशन एंटर करने का कहती है, तो अपने पीसी को संभावित खतरे से सेफ रखने के लिए उस पर जाने से बचकर ही रहें। अगर वेब एड्रेस में HTTPS नहीं है, तो ये किसी भी वेबसाइट के सेफ नहीं होने का एकदम स्पष्ट संकेत होता है। [१९]
    • जरूरी नहीं कि वो सारी वेबसाइट्स, जिनके वेब एड्रेस में HTTPS नहीं होता, वो खतरनाक ही हों, लेकिन ये एंक्रिप्ट नहीं होती हैं, इसलिए अपनी सुरक्षा की दृष्टि से, इनमें किसी भी तरह की पर्सनल या फाइनेंसियल इन्फोर्मेशन मत डालें।

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