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लोगों को अक्सर लगातार "आइडियल" बॉडी टाइप के अजीब या अनरिएलिस्टिक और संभावित तौर पर नुकसानदेह इमेज के बारे में बातें करते पाया गया है। ये बातें आपके लिए अपने शरीर को स्वीकार करना, प्यार करना और अपने शरीर के साथ में कॉन्फिडेंट फील करना मुश्किल बना सकता है, जो बहुत क्रिटिकल है। इस बात को भी सीखना बहुत जरूरी है कि आपका शरीर फिजिकली क्या कर सकता है और अपनी इन क्षमताओं के साथ में आपको कम्फ़र्टेबल होना है। फिलोसोफ़र Baruch Spinoza के अनुसार, मनुष्य "जानता नहीं हैं कि एक शरीर क्या कर सकता है," बिना प्रयोग किए कोई भी इंसान ये कभी नहीं जान पाएगा कि उसका शरीर असल में क्या करने योग्य है। [१] साइकोलॉजिस्ट नोट करते हैं कि इस बात में अंतर है कि लोग अपने शरीर को कैसे महसूस करते हैं और उनके शरीर कैसे काम करने में इस्तेमाल करते हैं। [२] अपने शरीर को स्वीकार करने के लिए, जरूरी है कि आप अपने शरीर के इन दोनों ही पहलुओं के साथ में खुद को अवगत करा लें।

विधि 1
विधि 1 का 5:

अपने यूनिक शरीर को स्वीकार करना (Appreciating Your Unique Body)

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  1. पता करें कि आपको किस चीज से असल में खुशी मिलती है: अपने सबसे खुशी वाले पलों की एक लिस्ट बनाएँ। इसमें जितनी हो सके, उतनी ज्यादा डिटेल शामिल करें, जैसे कि आप किसके साथ में हैं, आप क्या कर रहे हैं, आप कहाँ हैं, बगैरह। रिफ्लेक्ट करें कि इन सभी में क्या कॉमन है। क्या ये उस टाइप के लोग हैं, जिनके साथ में आप रहना चाहते हैं? आपको कितनी एक्साइटमेंट महसूस होती है? या फिर केवल सेटिंग, जैसे कि प्रकृति के करीब या एक बड़ी सिटी में रहना? जब आप उन कंडीशन को महसूस कर लेते हैं, जिनके अंदर बीते समय में आपके शरीर ने सबसे ज्यादा खुशी महसूस की, फिर आगे भी इसी तरह की परिस्थिति में ज्यादा से ज्यादा टाइम स्पेंड करने की कोशिश करें।
    • हर एक इंसान का शरीर अलग होता है, जिसका मतलब कि आपको पहले कई बार एक्सपेरिमेंट करना और पता लगाना होगा कि आपको किस चीज से सबसे ज्यादा खुशी मिलती है। [३] रिसर्च से पता चलता है कि बहुत कम लोग ही हैं, जो उनके मौजूदा हालातों के साथ में खुद को एक खुश इंसान की तरह डिस्क्राइब करते हैं, शायद इसलिए क्योंकि वो पूरी तरह से इस बात से अवगत नहीं होते हैं कि उन्हें किस बात से खुशी मिलती है। सबसे पहले उन सभी समय के बारे में सोचकर शुरुआत करें, जब आपको आप खुश लगे।
  2. एक यूनिक बॉडी स्ट्रक्चर और केमिस्ट्री होने का एक हिस्सा ये मानना है कि आपको इस सच को समझना है कि आपका शरीर नेचुरली कुछ चीजों को दूसरों से बेहतर तरीके से करेगा। जैसे, अगर आपकी ऊंचाई की ग्रोथ मैक्सिमम 5 फुट (1.5 m) 2 इंच है, तो उम्मीद है कि आप NBA में एक वर्ल्ड क्लास सेंटर नहीं बन पाएंगे। लेकिन, आप एक अच्छे हॉर्स जॉकी जरूर बन सकते हैं। अपने शरीर को स्वीकार करने का मतलब कि आपको इस बात को स्वीकार करना है कि आपका शरीर दूसरों के मुक़ाबले किसी एक्शन को ज्यादा बेहतर तरीके से कर सकता है। वो एक्टिविटीज़ क्या हैं, उन्हें पता लगा पाने में थोड़ा टाइम लग सकता है।
    • अगर आप श्योर नहीं हैं कि वो एक्टिविटीज़ क्या हैं, जिनके लिए आपका शरीर नेचुरली सूट करता है, तो खुद को उन चीजों को करने के साथ में एक्सपेरिमेंट करें, जिनमें आपने कभी सोचा भी नहीं कि आपको इन्टरेस्ट हो सकता है। योगा या पॉटरी की एक क्लास लें। एक इंप्रोवाइजेशनल परफ़ोर्मेंस मीटिंग अटेण्ड करें। ठीक जैसे कि Spinoza ने कहा, अगर आप किसी चीज को कर नहीं लेते, तब तक आप जान नहीं पाएंगे कि आपका शरीर क्या कर सकता है।
  3. जानें कि आप आपके शरीर और अपीयरेंस के बारे में क्या पसंद करते हैं: यहाँ तक कि टेरिबल बॉडी इमेज वाले लोग भी अपने शरीर में ऐसी किसी न किसी चीज को ढूंढ ही लेते हैं, जिन्हें वो पसंद करते हैं। जरूरी है कि आप आपकी अच्छी क्वालिटीज़ को प्यार करना और एप्रिशिएट करना सीख लें, जिनमें फिजिकल क्वालिटीज़ भी शामिल हैं। खुद को ऐसी क्वालिटीज़ के साथ में न सोचते रहें, जो आपको परेशान करती हैं, केवल पॉज़िटिव पर ही फोकस करें।
    • जैसे, आप शायद अभी अपनी थाई या जांघों को लेकर नाखुश रह सकते हैं—शायद इसलिए क्योंकि आपको लगता है कि ये बहुत मोटी हैं—लेकिन इसे भी पॉज़िटिव नजरिए से देखने की कोशिश करें। आप शायद चाह सकते हैं कि आपकी जांघें जरा पतली हो जाएँ, लेकिन ये आपको पहाड़ियों पर आसानी से चढ़ाने का काम शानदार तरीके से करेंगी। या, आप ऐसा स्सोच सकते हैं कि आपके पैर बहुत कमजोर हैं, लेकिन आप उन कुछ ही लोगों में से एक हैं, जो स्किनी जींस को पहन सकते हैं।
  4. इसका मतलब कि आप जो भी हैं, उसमें कोई बदलाव नहीं करना है या उन क्वालिटीज़ पर फोकस न करें, जिन्हें आप पसंद नहीं करते हैं। अपने शरीर को एंजॉय करना सीखें - आप किस तरह से मूव होते हैं, फील करते हैं और आसपास रहते हैं। आप किस तरह से दिखते हैं, को भूल जाएँ, खासतौर से अगर आपके शरीर में प्रेग्नेंसी, बच्चे के जन्म, चोट या किसी मेडिकल कंडीशन के बाद के बदलाव आ रहे हैं। आप अभी जैसे भी हैं, उसे लेकर बहुत नरमी बरतें।
    • खुद को डाइट करने के लिए फोर्स न करें, बशर्ते आपके डॉक्टर ने ही ऐसा करने का न कहा हो। अपने शरीर की आवाज सुनना सीखें और जो चाहें, उसे कम्फ़र्टेबल मात्रा में खाएं। खुद पर न खाने का दबाव मत बनाएँ या आप जितना खाते हैं, उसके लिए खुद को परेशान न करें। [4]
विधि 2
विधि 2 का 5:

अपने शरीर के बारे में नेगेटिव विचारों को अवॉइड करना सीखना (Learning to Avoid Negative Thoughts about Your Body)

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  1. इस बात को महसूस करें कि आप नेगेटिव विचारों में कितना टाइम स्पेंड कर सकते हैं: नेगेटिव विचारों से आपकी सेल्फ-इमेज में कोई सुधार नहीं आता है। आप आपके शरीर के बारे में सोचने में अक्सर कितना सोचते हैं, उसके बारे में एक्टिवली रिफ्लेक्ट करने में एक या दो दिन का टाइम स्पेंड करें। आप आपके शरीर के बारे में कितनी बार कुछ नेगेटिव सोचेंगे या कुछ कह सकेंगे? आपके मन में कितनी बार पॉज़िटिव विचार आएंगे? उम्मीद हैं कि आप पॉज़िटिव से ज्यादा क्रिटिकल होंगे।
    • एक डायरी में, नोट पैड में टैली करने के बारे में विचार करें या फिर इस काम के लिए अपने फोन का इस्तेमाल करें। जब भी हो सके, अपने साथ में एक नोटबुक लेकर चलें और आपके मन में जो भी नेगेटिव विचार आएँ, उन्हें तुरंत उसमें लिखते जाएँ। इसमें ये भी शामिल करें कि क्या आपके नेगेटिव विचार आप जैसा दिखना चाहते हैं, से संबन्धित हैं या नहीं। दिन के आखिर में, आप एक अकेले दिन में कैसे आपके महसूस किए बिना ही अपने बारे में कितना नेगेटिव सोचते हैं।
  2. नेगेटिव विचारों को पॉज़िटिव विचारों से रिप्लेस करें: भले ही शुरुआत में ये मुश्किल हो सकता है, लेकिन अपने शरीर को स्वीकार करना एक जरूरी हिस्सा है। जैसे ही आप अपने मन में नेगेटिव विचार आना शुरू हों, इसे अपने बारे में किसी पॉज़िटिव बात के साथ में रिप्लेस करें। [5] खुद को पॉज़िटिवली सोचने की एक आदत में ढलने का पूरा टाइम दें।
    • कुछ पॉज़िटिव विचारों को सोचने के साथ में हर दिन की शुरुआत करने की कोशिश करें। जब भी आपको खुद के बारे में क्रिटिकल महसूस होना शूरु होने लग जाए, खुद को सारा दिन इन्हीं विचारों की याद दिलाते रहें। जैसे, आप ऐसा कह सकते हैं, "अपने इस नए हेयरकट से मुझे अपने बारे में जो भी महसूस हो रहा है, वो मुझे बहुत पसंद आ रहा है।"
  3. नेगेटिव मीडिया इमेजेस के अपने एक्सपोजर को लिमिट करें: ऐसी टेलीविज़न शो, मूवीज, मैगजीन्स या ब्लॉग से बचने या इन्हें लिमिट करने की कोशिश करें, जो शरीर के अनरिएलिस्टिक ये नेगेटिव रूप को दिखाया जाता है। खुद को याद दिलाएँ कि इन्टरनेट और मैगजीन्स सब्स्क्रिप्शन पर सरकुलेट होने वाली ज़्यादातर फ़ोटोज़ को इस तरीके से ऑल्टर किया जाता है ताकि मॉडल्स को खूबसूरती जगत और सेक्सुएलिटी के स्टैंडर्ड्स के साथ में मैच करता हुआ दिखाया जा सके। [6]
    • साइकोलॉजिस्ट पिछले 20 साल से बढ़ते जा रहे इस ट्रेंड को लेकर काफी चिंतित हैं, जिनमें इमेजेस शरीर को कैसा दिखना चाहिए के लिए अनरिएलिस्टिक आइडियल को दर्शाना शामिल है। खुद को असल दुनिया के किसी भी रेफरेंस के बिना इस तरह के दिखावे में मत उलझने दें।
  4. ऐसे थेरेपिस्ट की तलाश करें, जो कोग्निटिव-बिहेवियरल थेरेपी (Cognitive-Behavioral Therapy/CBT) का इस्तेमाल करें: साइकोलॉजिस्ट के द्वारा यूज किए जाने वाली कई CBT टेक्निक्स थेरेपी की तरह लक्ष्यों का इस्तेमाल करके वास्तविकता और शॉर्ट-टर्म पर फोकस करती हैं। [7] भले ही CBT के लिए एक थेरेपिस्ट के पास में जाना सबसे ठीक होता है, लेकिन आप अपने आप से भी इसकी प्रैक्टिस कर सकते हैं। जब आप आपके बारे में नेगेटिव विचारों को महसूस करता पाएँ, खुद को रोकें, एक गहरी साँस लें और अपने भरोसे के लिए सबूतों को लोकेट करने की कोशिश करें। क्या किसी ने कभी भी आप से आपके शरीर के इस पहलू को एक कमी की तरह बताया है? अगर हाँ, तो वो इंसान केवल आपको ठेस पहुंचाने की कोशिश कर रहा है या शायद शायद एक मजाक बनाने की कोशिश में है?
    • साइकोलॉजिस्ट ऐसा मानते हैं कि ज़्यादातर मामलों में, अगर आपके मन में खुद के लुक को लेकर कोई अनरिएलिस्टिक उम्मीद है, तो आपको एक डिस्टोर्टेड बॉडी इमेज (distorted body image) हो सकती है। जरूरी है कि आप जब अपनी थॉट प्रोसेस में किसी भी अनरिएलिस्टिक उम्मीद को आता हुआ पाएँ, तब उसे नोटिस करें, ताकि आप मजबूत जानकारी के साथ में इन आइडियल को चेंज कर सकें। [११]
  5. आप पहले से ही अपने साथ में ठीक से बर्ताव करना सीखने पर काम कर रहे हैं और अपने खुद के पॉज़िटिव आस्पेक्ट्स पर फोकस कर रहे हैं, लेकिन आपको अपनी लाइफ में मौजूद दूसरे नेगेटिव लोगों के बारे में भी आकलन कर सकते हैं। क्या आपको आपके फ्रेंड्स और फैमिली से आलोचना का सामना करना पड़ रहा है? क्या ये आप से कहते हैं कि आपको वजन कम करने की जरूरत है, अलग तरीके से ड्रेस करने का कहते हैं या फिर अपने बालों को चेंज करने का कहते हैं? अगर ऐसा है, तो जरूरी है कि आप इन नेगेटिव इन्फ़्लुएन्स (negative influences) की पहचान करने के तरीके सीख लें।
    • एक बात का ख्याल रखें कि शायद आप आपके फ्रेंड्स और फैमिली को ठीक वैसे ही अपनी लाइफ से पूरा अलग नहीं कर पाएंगे, जैसे कि आप ऑनलाइन शॉपिंग करना या अपने फेवरिट शो को देखना नहीं छोड़ पाएंगे। फिर भी, अगर वो आपको बॉडी-शेम करते हैं या अगर वो आपके लिए कुछ ज्यादा ही हार्ष या क्रिटिकल हो रहे हैं, तो आपको रिस्पेक्टफुल होने की इच्छा रखना होगी, फिर भी उनके बिहेवियर या शब्दों ने आपको किस प्रकार से ठेस पहुंचाई को लेकर उनके साथ में एक अच्छा डिस्कसन करने की जरूरत पड़ेगी।
  6. जब आप नई एक्टिविटीज़ ट्राई करें, उन लोगों से बात करें, जिन्हें आप नॉर्मली इग्नोर कर देते या शर्मा के जिनसे आप दूर हो जाते। अजनबियों से बात करना शायद शुरुआत में आपको अनकम्फ़र्टेबल महसूस हो सकता है, लेकिन आप इसे जितना ज्यादा करते हैं, आप इसमें उतना ही बेहतर होते जाएंगे। कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप शुरुआत में इसमें कितना अनकम्फ़र्टेबल फील करते हैं, एक बात का ध्यान रखें कि खुद को दूसरों से अलग रखना और भी ज्यादा बदतर हो सकता है, कुछ रिसर्च से ऐसा पता चलता है कि आगे जाकर ये ओबेसिटी की तरह घातक हो सकता है। [9] जरूरी है कि आप नए लोगों के साथ में बात करने में थोड़ा ज्यादा कम्फ़र्टेबल हो जाएँ, खासतौर से तब जबकि आपके आसपास के लोग आपकी बॉडी इमेज के साथ में सपोर्टिंग न हों या जो पॉज़िटिव इन्फ़्लुएन्स न हों।
    • ब्रेन रिसर्च सजेस्ट करती है कि लोग जिन्हें प्यार करते हैं, वो ब्रेन केमिस्ट्री से हाइली इन्फ़्लुएन्स होते हैं, जिसका मतलब कि आप जरूरी नहीं है कि आप हमेशा उसी तरह के इंसान के प्यार में पड़ें, जिन्हें आपने आपके लिए इमेजिन किया है। [१३] ये करीबी दोस्ती बनाने के लिए भी सही हो सकता है। जरूरी है कि आप खुद को ऐसे लोगों से घेर लें, जो आपको सपोर्ट करते हैं और आपकी सेल्फ-डिस्कवरी को भी प्रेरित करता है। अगर आप अपने साथ में ऐसे लोगों को घेर लेंगे, जो आपको और आपकी डिस्कवरी को स्वीकार करते हैं, तब आपके लिए अपने शरीर को स्वीकार करना और आपके किसी भी रिएलिस्टिक आइडियल को चैलेंज करना आसान बना देगा। [11]
विधि 3
विधि 3 का 5:

पॉज़िटिव पर फोकस करना सीखना (Learning to Focus on the Positive)

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  1. आलोचनाओं की तरफ ध्यान देने की बजाय, आपको मिलने वाले कॉम्प्लिमेंट को एंजॉय करें। दूसरे लोगों के कॉम्प्लिमेंट के कंटेन्ट पर ध्यान दें और उन्हें याद रखें। उन्हें लिख लें ताकि आप खुद को बाद में याद दिला सकें, खासतौर से डार्क मोमेंट में।
    • दूसरे लोगों के कॉम्प्लिमेंट को नकारने की बजाय, या फिर खुद को ये कंविन्स करने की बजाय कि वो आपके साथ में पोलाइट हैं, उनके शब्दों को सुनें और भरोसा करें कि वो आपको परेशान नहीं कर रहे हैं। ऐसा मान लें कि दूसरे लोग आपको उनका ऑनेस्ट असेसमेंट (honest assessments) दे रहे हैं। उनके पॉज़िटिव विचारों को ग्रेसफुली स्वीकार करें।
  2. आपको आप में सबसे अच्छा जो लगता है, उसकी हमेशा पहचान करते रहें: हर बार जब भी आप खुद को अपने शरीर के बारे में या इसके किसी आस्पेक्ट के बारे में कुछ भी नेगेटिव सोचते हुए महसूस करें, खुद को अपने शरीर के बारे में ऐसा कुछ याद दिलाएँ, जो आपको अच्छा लगता है। अपने बारे में 10 पॉज़िटिव चीजों की एक लिस्ट बनाएँ, जिसमें अपने अपीयरेंस से जुड़ी किसी भी बात को शामिल न करें। इस लिस्ट में बार-बार एड करें।
    • ये आपके बारे में शानदार आस्पेक्ट को समझना और एप्रिसिएट करना शुरू करने में आपकी मदद करेगा। आप महसूस करेंगे कि आपका शरीर आपकी खूबियों का मात्र एक हिस्सा ही है। [12]
  3. अगर आप आपका ज़्यादातर समय आईने के सामने बिताया करते हैं, तो एक नियम बना लें कि आप जब भी उसमें देखेंगे, तब आप आपके बारे में कोई भी नेगेटिव बात नहीं बोलेंगे। बल्कि, आईने का इस्तेमाल आपको नजर आने वाली पॉज़िटिव चीजों की पहचान करने के लिए करें। अगर आप अभी भी आईने के साथ में स्ट्रगल कर रहे हैं, तो कुछ समय के लिए उसे कहीं और ले जाएँ। स्टडीज़ से पता चलता है कि ऐसा करने से आपके अपने लुक की बजाय, अपने रिश्तों या अपने केरियर पर ध्यान देने की संभावना ज्यादा बढ़ जाएगी। [13]
    • आईने के सामने पॉज़िटिव अफर्मेशन या पॉज़िटिव विचारों को कहें: जब आईने के सामने खड़े हों, तब अपने आप से कहें, "आप खूबसूरत हैं!", "आप अमेजिंग हैं," बगैरह। [14] ये शायद आपको फोर्स या जबर्दस्ती में बोलने जैसा लग सकता है और शायद शुरूआत में आप जो भी खुद से कह रहे हैं, उसे मानेंगे भी नहीं, लेकिन एक्सपर्ट्स बताते हैं कि ये प्रोसेस—जिसे वो कोग्निटिव बिहेवियर थेरेपी कहते हैं —ये समय के साथ असल में बहुत सही काम करती है।
विधि 4
विधि 4 का 5:

लक्ष्य बनाना और बदलाव करना (Setting Goals and Making Changes)

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  1. अपने शरीर को पूरी तरह से स्वीकार करने और उसके साथ में खुश रहने का एक हिस्सा ये भी हो सकता है कि आप आखिर में इसके कुछ आस्पेक्ट में चेंज करेंगे। जैसे, इसका मतलब अगर आप ओवरवेट हैं, तो आप वजन कम करने की उम्मीद कर सकते हैं। लेकिन, एक बात का ख्याल रखें कि स्केल पर मौजूद नंबर केवल एक पहलू है और आपकी ओवरऑल हैल्थ का एक इंडिकेटर है। सुनिश्चित करें कि आप शेड्यूल करते और रेगुलर फिजिकल एक्जाम शेड्यूल करते रहते हैं, जिसमें आपको आपके सारे नंबर (वजन, ब्लड प्रैशर, ब्लड शुगर, कोलेस्ट्रॉल बगैरह) को जान सकें। ऐसा करने से आपको आपकी हैल्थ की एक ओवरऑल पिक्चर मिल जाएगी और आप अपने डॉक्टर के साथ मिलकर आपके सारे हैल्थ से जुड़े लक्ष्यों को डिस्कस कर सकें।
    • मुमकिन है कि आपको हेल्दी रहने के लिए वजन बढ़ाने या घटाने की जरूरत होगी, लेकिन आपको स्ट्रेंथ, फ्लेक्सिबिलिटी और एण्ड्योरेंस (endurance) को भी पाने का लक्ष्य रखना चाहिए।
  2. लक्ष्य के नेगेटिव की ओर फोकस करने की बजाय, पॉज़िटिव को हाइलाइट करें। जैसे, अगर आप एक वर्कआउट नियम की शुरुआत करना चाहते हैं, तो अपने लक्ष्यों को इस तरह से फ्रेम करने से बचें कि आपको कितने किलो वजन कम करने की जरूरत है। बल्कि, अपने लक्ष्यों को पॉज़िटिव बनाने की कोशिश करें, जैसे कि "मैं इस तरह से वर्कआउट करूंगा, कि मैं रुके बिना ही 2 माइल तक दौड़ लगा सकूँ," या "फिर मैं अपने वॉकिंग प्रोग्राम को इस तरीके से बनाने वाला हूँ, ताकि मैं अपने डैड के साथ ऊंची पहाड़ी पर हाइक करने के लिए फिट बन सकूँ।
    • अगर आप जिसे पाना चाहते हैं उसके बारे में या फिर बेहतर बनने के बारे में सोचेंगे, तो आपके सफल (अपने लक्ष्यों को हासिल करने और अपने बारे में बेहतर महसूस करने, दोनों ही मामले में) होने के चांस बेहतर हो जाएंगे।
  3. ऐसी फिजिकल एक्टिविटीज़ करें, जिन्हें आप एंजॉय करते हैं: ऐसी एक्टिविटीज़ और एक्सरसाइज प्रोग्राम चुनें, जिन्हें आप मजेदार और एंटर्टेनिंग पाते हैं और इन्हें केवल आपके शरीर के ऊपर इनसे होने वाले बदलावों के बारे में सोचकर मत स्वीकार कर लें। बल्कि, नई एक्टिविटीज़ को ट्राई करने में कुछ समय बिताएँ और जिन्हें लेकर आप सच में बहुत एक्साइटेड हैं, उन्हें पूरा करें। जैसे, अगर आपको योगा करना पसंद है, तो उसे ही करें, फिर भले ही आपको ऐसा भी क्यों न लगता हो, कि अच्छा दिखने के लिए आप अभी ओवरवेट हैं। तकरीबन कोई भी फिटनेस प्रोग्राम को अलग-अलग साइज वाले और फिटनेस लेवल वालों के जरिए अपनाया जा सकता है।
    • अगर आप दूसरे लोगों के सामने काम करने को लेकर सेल्फ-कॉन्शस हैं, तो प्राइवेट लेसन लेने के बारे में, किसी करीबी फ्रेंड के साथ में मिल के काम करने या फिर घर पर वर्कआउट करने के बारे में सोचें। आपको आपकी लाइफ को कैसे बिताना चाहिए, इसका फैसला किसी और के द्वारा नहीं बताया जाए, इसे लेकर सावधान रहें।
  4. कपड़ों, मेकअप या हेयर स्टाइल को इस आधार पर चुनने से बचें, कि आप आपके जैसे बॉडी टाइप वाले इंसान के ऊपर किसे ठीक मानते हैं या फिर फैशन मैगजीन किसे सबसे खूबसूरत बताती है। ऐसे कपड़े चुनें, जो आपकी पर्सनेलिटी को रिफ्लेक्ट करें जो कम्फ़र्टेबल हों और जो आपकी लाइफ़स्टाइल और एक्टिविटीज़ पर फिट होते हैं।
    • कपड़े की स्टाइल और फिटिंग की एक बड़ी वेराइटी को ट्राई करके देखें। अगर आप आप आपकी बॉडी टाइप के ऊपर अच्छी दिखने वाली स्टाइल को पहनकर खूबसूरत और कॉन्फिडेंट फील करते हैं, तो फिर उसे ही पहनें, लेकिन केवल इसलिए क्योंकि आप उसे पसंद करते हैं, न कि इसलिए क्योंकि आपको ऐसा लगता है कि आपको ऐसी ही स्टाइल पहनना चाहिए। [15]
विधि 5
विधि 5 का 5:

सभी चीजों को नजरिए में लेकर चलना (Keeping Things in Perspective)

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  1. अगर सभी लोग एक जैसे दिखने लग जाएंगे, तो दुनिया तो फिर काफी बोरिंग हो जाएगी। खुद को दूसरों के साथ में कंपेयर करने की कोई बात ही नहीं, फिर चाहे वो इंसान एक सेलिब्रिटी हो या फिर आपके सामने बैठने वाला आपका क्लासमेट। बल्कि, खुद को आपने समय के साथ जिस भी प्रकार से प्रोग्रेस की है, उसी बेसिस पर कंपेयर करें, अब जबकि आपने अपने खुद को रिएलिस्टिक गोल्स बना लिए हैं। जैसे, आप शायद अपने बारे में ऐसा सोच सकते हैं कि आपने पिछले कुछ सालों के मुक़ाबले अपने अपीयरेंस में काफी सुधार किए हैं।
    • अपने साथ में धैर्य रखना और दयाभाव के साथ में रहना न भूलें। थी वैसे ही खुद को भी इतनी कठोरता के साथ में जज या ट्रीट न करें, जैसे आप आपके फ्रेंड को या किसी और को नहीं करते। [16]
  2. इस बात को समझें कि तकरीबन हर कोई हर समय पॉज़िटिव बॉडी इमेज को मेंटेन रखने के लिए स्ट्रगल करता है और उतार-चढ़ाव होना भी नॉर्मल है। लेकिन, आपको ईमानदारी के साथ में इस बारे में विचार करना चाहिए कि आपको एक काउन्सलर, डॉक्टर या मेंटल हैल्थ प्रोफेशनल के पास जाने की जरूरत है या नहीं। [17] इस बात के कई संकेत हैं, कि आपके शरीर से जुड़े मुद्दे बहुत गंभीर हैं और उन्हें प्रोफेशनल हेल्प की जरूरत है। खुद से ये बातें पूछें: [18] [19]
    • क्या आप आपके बारे में आ रहे नेगेटिव विचारों को कंट्रोल नहीं कर पा रहे हैं? क्या आप अपनी कमियों के बारे में सोचने में घंटों बिता दे रहे हैं?
    • क्या आपकी अपने अपीयरेंस को लेकर उदासी आपके जीवन के साथ में इंटरफेयर कर रही है? जैसे, क्या आपने लोगों के सामने कुछ बोलने जाने से बचना शुरू कर दिया है? क्या आपको जज किए जाने के ख्याल की वजह से काम पर जाने में डर लगने लगा है?
    • क्या आप अपने दिन का ज़्यादातर समय आईने के सामने बिताते हैं और/या खुद को हद से ज्यादा ग्रूम करते हैं?
    • क्या आप खुद को दूसरों के साथ कंपेयर करना बंद नहीं कर पा रहे हैं? क्या आपने फोटो लेने से बचना शुरू कर दिया है?
      • इस बात को समझें कि अगर आप इनमें से किसी भी बात से जूझ रहे हैं, तो आपके लिए आपके शरीर को स्वीकार करने की जरूरत ज्यादा बढ़ जाती है। शायद आप संभावित रूप से बॉडी डाइस्मोर्फिक डिसऑर्डर (Body Dysmorphic Disorder) या BDD से जूझ रहे हैं, जिसके लिए आमतौर पर प्रोफेशनल हेल्प की जरूरत होती है। अगर बिना इलाज किए छोड़ दिया जाए, तो BDD की वजह से सुसाइड जसे विचार और व्यवहार की शुरुआत हो सकती है। [20] भले आपको BDD डाइग्नोज न भी किया गया हो, लेकिन इस बात को जान लें कि आपे आप में जूझते रहने की बजाय, मदद और सलाह की तलाश करने में कोई बुराई नहीं है।
  3. ऐसी प्रोफेशनल हेल्प की तलाश करें, जो आपके लिए उपयोगी हो: बात जब प्रोफेशनल हेल्प लेने की होती है, तब आपके पास में इसके लिए कई ऑप्शन होते हैं। आप एक मेंटल हैल्थ थेरेपिस्ट से मिल सकते हैं और/या एक वन-टू-वन थेरेपी ले सकते हैं। या, आप चाहें तो एक जरा कम फॉर्मल स्ट्रक्चर एक्सपीरियंस के लिए एक लोकल सपोर्ट ग्रुप की तलाश कर सकते हैं। ऐसे कुछ ऑनलाइन सपोर्ट ग्रुप भी हैं, जहां आप ऐसे दूसरे लोगों के साथ में रिश्ता बना सकते हैं, जो भी उनके शरीर के बारे में काफी नेगेटिव विचारों के साथ में जूझ रहे हैं।
    • जरूरी बात ये है किऐसे दूसरे लोगों से सपोर्ट की तलाश करना है, जो आपके अपने बारे में नजरिए को जज नहीं करेंगे। इनके पास में शायद आपको देने के लिए कुछ मददगार सलाह भी रहेंगी।
  4. इस बात का ख्याल रखें कि बॉडी इमेज केवल हेल्दी सेल्फ इमेज का मात्र एक हिस्सा ही है: जरूरी है कि आप अपने शरीर को स्वीकार करना शुरू कर लें और उम्मीद से अपने शरीर को प्यार करने लग जाएँ, लेकिन इस बात को महसूस करना भी बहुत जरूरी है कि आपकी अपनी कीमत को, आप कैसे दिखते हैं के जरिए डिफ़ाइन नहीं किया जा सकता है। [21]
    • जब आप आपकी पसंद के, आप जिसे प्यार करते हैं और/या जिसकी आप सबसे ज्यादा रिस्पेक्ट करते हैं, के बारे में सोचते हैं, तब आपके मन में कौन सी क्वालिटीज़ सबसे पहले आती हैं? क्या आप अपनी या दूसरों की वैल्यू फिजिकल क्वालिटीज़ के जरिए करते हैं या उनके केरेक्टर या पर्सनेलिटी ट्रेट्स या गुणों के आधार पर आप उनकी वैल्यू करते हैं? [22]

सलाह

  • अपने आईने पर ऐसे नोट्स पोस्ट कर लें, जो आपकी अच्छाई या आप में मौजूद अच्छे गुणों के बारे में बता सके। ऐसे कुछ नोट्स शामिल करने से भी न कतराएँ, जिनमें आपके वो फिजिकल नोट्स शामिल हों, जिन्हें आप एप्रिसिएट करते हैं (जैसे कि, "आपकी चीकबोन्स बहुत शानदार हैं"), लेकिन इस बात का भी ख्याल रखें कि आप ऐसे कुछ नोट्स भी पोस्ट करें, जो आपके लुक से संबन्धित नहीं।
  • एक स्ट्रॉंग सपोर्ट सिस्टम जरूरी है, क्योंकि इससे आपको किसी ऐसे इंसान की तरफ से आपकी बॉडी इमेज के बारे में सलाह मिल जाएंगी, जिन पर आप भरोसा करते हैं। आप चाहें तो जब आपके मन में नेगेटिव विचार आएँ, तब इन्हें वापस रेफर कर सकते हैं।
  • आप नई डाइट या फिर एक्सरसाइज प्रोग्राम को शुरू करने के बारे में जो भी फैसला करते हैं, उसके बारे में अपने डॉक्टर के साथ में जरूर डिस्कस करें और आपके शरीर में किसी भी बड़े या अचानक आने वाले बदलाव के लिए भी जिम्मेदार रहें।
  • हर कोई अलग होता है, फिर इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपका शेप और साइज क्या है। कुछ लोग डिफरेंट साइज और शेप को डिफरेंट पाते हैं।

रेफरेन्स

  1. Spinoza, B. (1677). Ethics. Everyman Classics, translation by G H R Parkinson, 1989. (Note, Prop. II, Part III)
  2. Gallagher, S. (2005). How the body shapes the mind. Oxford; New York: Clarendon Press.
  3. Kate, H. (2013). Positive Psychology And The Body: The Somatopsychic Side To Flourishing: The somatopsychic side to flourishing. McGraw-Hill Education (UK).
  4. http://psychcentral.com/lib/accepting-your-body/
  5. http://www.bulimiahelp.org/articles/22-ways-love-and-accept-your-body-just-way-it
  6. http://www.huffingtonpost.com/vivian-diller-phd/photoshop-body-image_b_891095.html
  7. http://psychcentral.com/lib/demystifying-treatment-for-body-dysmorphic-disorder/
  8. Veale, D., Gournay, K., Dryden, W., Boocock, A., Shah, F., Willson, R., & Walburn, J., (1996). Body Dysmorphic Disorder: A Cognitive Behavioural Model and Pilot Randomized Controlled Trial. Behaviour Research and Therapy, 34, 717-729
  9. http://www.slate.com/articles/health_and_science/medical_examiner/2013/08/dangers_of_loneliness_social_isolation_is_deadlier_than_obesity.html

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