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हिप मिसअलाइनमेंट एक सीरियस मेडिकल इशू है, जिसकी वजह से बहुत ज्यादा दर्द और स्ट्रेंड हैमस्ट्रिंग (strained hamstrings), इलियोटिबियल बैंड सिंड्रोम (iliotibial band syndrome), और पटेला-फेमरल सिंड्रोम (patella-femoral syndrome) हो सकता है। [१] हालांकि इसके लिए डॉक्टर के द्वारा स्पेसिफिक ट्रीटमेंट प्रिस्क्राइब किया जाना चाहिए, ऐसी कई एक्सर्साइज़ हैं, जिनके जरिए आप दर्द को कम और मसल्स को मजबूत कर सकते हैं।

विधि 1
विधि 1 का 4:

प्रॉब्लम को पहचानना (Figuring Out the Problem)

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  1. पहले कंफर्म कर लें, कि आपके हिप्स मिसअलाइन्ड हैं: एक डॉक्टर ही है, जो एकदम सही ढ़ंग से इसे पता लगा सकता है और सेल्फ-डाइग्नोसिस की सलाह नहीं दी जाती है। अगर आप आपके डॉक्टर तक नहीं जा पा रहे हैं या फिर आप पता करना चाहते हैं, कि आपको किस तरह के डॉक्टर के पास जाना चाहिए, तो फिर मिसअलाइनमेंट के एक परेशानी होने की जांच करने के लिए कुछ एट-होम टेस्ट्स करने पड़ेंगे। भले ही आप निश्चित रूप से इसके पीछे का कारण जानते हों, फिर भी एक जानकार फिजीशियन के पास नहीं जाने का कोई विकल्प नहीं है और आपको इसे प्रायोरिटी (प्राथमिकता) बना लेना चाहिए।
  2. हिप मिसअलाइनमेंट तीन अलग-अलग एरियाज में दर्द पैदा कर सकता है। अगर आपको इनमें से किसी एक या ज्यादा जगहों पर दर्द महसूस होता है, तो फिर आपकी हिप सच में मिसअलाइंड है:
    • हिप्स: ये तो एकदम स्पष्ट लग रहा होगा, लेकिन हिप पेन के कई अलग-अलग टाइप्स होते हैं, जिनके होने की वजह भी अलग-अलग होती हैं। आईने के सामने खड़े होकर, धीमे-धीमे लेफ्ट से राइट मूव होकर दर्दभरे या सूजन वाले जोइंट्स की पहचान या उन्हें महसूस करने की कोशिश करें।
    • लोअर बैक: हिप मिसअलाइनमेंट हाइपर-एक्सटेंशन से और एब्डोमेन (पेट) और लोअर बैक में मसल्स की टेंशन से जुड़ा हुआ होता है। इन मसल्स के साथ की प्रॉब्लम, लोअर बैक में बहुत या जोरदार दर्द के रूप में प्रकट हो सकती हैं।
    • घुटने: हिप मिसअलाइनमेंट की वजह से आप आपके शरीर के किसी एक साइड पर बहुत ज्यादा वजन रखना शुरू कर सकते हैं। उस साइड का घुटना एक्सट्रा वजन और स्ट्रेस हैंडल करने लायक नहीं रह जाता है, जिसकी वजह से दर्द होता है। [२]
  3. ये एक सिम्पल टेस्ट है, जिसे आप मिसअलाइनमेंट के स्पष्ट लक्षणों को देखने के लिए घर पर खुद ही कर सकते हैं। फॉर्म-फिटिंग क्लॉथिंग पहनना, इस स्टेप को आसान बना देती है।
    • आईने के सामने नंगे पाँव खड़े हो जाएँ या फिर आपके किसी फ्रेंड से आपकी पिक्चर लेने का बोलें। स्ट्रेट लेकिन रिलैक्स्ड खड़े होने की कोशिश करें।
    • आपके शरीर के बीच से लेकर सीधे नीचे तक एक स्ट्रेट लाइन जाते हुए इमेजिन करें।
    • अब, अपने कंधों के पास में एक दूसरी लाइन इमेजिन करें, जो कि पहली लाइन के एकदम पर्पेंडीकुलर है।
    • मिसअलाइनमेंट के कॉमन साइन के लिए फोटो को एग्जामिन करें। आपकी पेल्विस को दूसरी लाइन के पेरेलल होने के बजाय, डायगोनल नजर आना चाहिए या फिर एक पैर को दूसरे पैर से जरा छोटा नजर आना चाहिए। फिर से, इसे भी एक डाइग्नोसिस की तरह नहीं लिया जा सकता, लेकिन ये आपके लिए, अपने डॉक्टर को देने लायक इन्फोर्मेशन बनने में जरूर मददगार साबित होगा।
    • प्रोफ़ाइल (एक साइड) में खड़े होकर, फिर से इसी प्रोसेस को रिपीट करें। आपको आपके लोअर बैक में एक बढ़ा हुआ कर्व और पेट में उभार (लेकिन जरूरी नहीं, कि वो फेट हो) नजर आ सकता है। ये एक एंटीरियर पेल्विक टिल्ट (anterior pelvic tilt) की तरफ इशारा करता है। [३]
  4. मिसअलाइनमेंट के दूसरे खास कारणों को पहचानें और उन्हें करेक्ट करें: कभी-कभी इम्प्रोपर हिप अलाइनमेंट का एक ईजी-टू-स्पॉट मूल कारण होता है, जिसे आप आसानी से फौरन फिक्स कर सकते हैं।
    • एक्सर्साइज़ के बाद में भरपूर स्ट्रेचिंग नहीं करना। वक़्त के साथ-साथ, बहुत ज्यादा टाइट मसल्स जोइंट्स को खींच सकती हैं और उन्हें मिसअलाइनमेंट में ले आ सकती हैं।
    • गलत पोस्चर। हमेशा सीधे खड़े होने और बैठने की दिशा में काम करें।
    • एक हैवी शोल्डर बैग लेकर चलना। हर जगह एक-समान तरीके से डिस्ट्रीब्यूट करने वाले बैक पैक का यूज करें।
    • सही शूज नहीं पहनना। अगर आपके आर्क बहुत हाइ हैं (जो कभी-कभी हाइ हील्स पहनने की वजह से हुआ करते हैं) या फिर बहुत लो हैं, तो ये भी आपके हिप्स में मिसअलाइनमेंट ला सकता है।
विधि 2
विधि 2 का 4:

कमजोर मसल्स को मजबूती देना (Strengthening Weak Muscles)

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  1. इस एक्सर्साइज़ के नाम से कंफ्यूज मत हो जाएँ। एक पेल्विक टिल्ट एक्सर्साइज़ आपकी पेल्विक मसल्स को अच्छी तरह से मजबूती देते हुए आपके पेल्विक टिल्ट मिसअलाइनमेंट को करेक्ट करने में मदद करती है।
    • अपने घुटनों को मोड़कर जमीन पर सीधे लेट जाएँ। आपके आर्म्स, अपर बैक, लोअर बैक, हैड और पैरों के सोल (तलवे), इन सभी को जमीन को टच करना चाहिए। [४] अगर आप प्रेग्नेंट हैं, तो फिर जमीन पर लेटने की बजाय दीवार के सामने अपनी पीठ को रखना एक सेफ विकल्प होगा। [५]
    • अपनी लोअर बैक को जमीन या दीवार के तरफ प्रैस करते हुए, अपनी एब्डोमिनल मसल्स सिकोड़ लें। नॉर्मली साँस लेते हुए इस पोजीशन को करीब 6 से 10 सेकंड्स तक बनाए रखें। [६]
    • इस एक्सर्साइज़ को डेली आठ से 12 बार तक रिपीट करें। [७]
  2. अपने कमजोर हिस्से पर प्रोन हिप एक्सटेंशन्स (prone hip extensions) प्रैक्टिस करें: ये एक्सर्साइज़ आपके पैरों और लोअर बैक की मसल्स को एक-समान रूप से मजबूत करने में मदद करती है। एक बार जब आप इस एक्सर्साइज़ को बिना किसी दर्द के करना शुरू कर लें, फिर अपने रूटीन में एंकल वेट्स एड कर लें। ये एक्सर्साइज़ प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए रिकमेंड नहीं की जाती है। [८]
    • अपने हिप्स के नीचे पिलो (तकिये) रखकर, पैरों को सीधे अपने पीछे फैलाकर फेस नीचे करके लेट जाएँ।
    • अपने ग्लूट्स (glutes) को सिकोड़ लें और अपने पैरों को धीरे-धीरे तब तक ऊपर उठाएँ, जब तक कि आपकी थाई जमीन से ऊपर न उठ जाएँ।
    • अपने पैरों को धीरे से नीचे ले आएँ।
    • डेली छह से आठ रिपीटीशन्स के साथ शुरू करें, धीरे-धीरे डेली 12 तक पहुँच जाएँ। इस एक्सर्साइज़ को वीक में दो से तीन बार रिपीट करें।
  3. ये एक्सर्साइज़ आपके अपर लेग और लोअर बैक के बाहरी साइड्स को मजबूती देती है। आगे बढ़ते हुए अपने रूटीन में एंकल वेट्स एड करें।
    • अपने आर्म से बने क्रुक के ऊपर अपने सिर को रखते हुए,अपने मजबूत हिस्से के बल पर लेट जाएँ।
    • सपोर्ट पाने के लिए, अपने मजबूत साइड की हिप और घुटने को हल्का सा सामने की ओर मोड़ें।
    • अपने कमजोर साइड के पैर को सीधा करें और अपने पैर को धीमे से जमीन से 45 डिग्री के एंगल पर उठाएँ।
    • पैर को धीमे से नीचे लेकर आएँ और बाकी के हिस्से को 2 सेकंड्स के लिए रोके रखें।
    • छह से आठ रिपीटीशन्स के साथ शुरू करें और धीरे-धीरे डेली 12 तक पहुँच जाएँ। इस एक्सर्साइज़ को वीक में दो से तीन बार रिपीट करें।
विधि 3
विधि 3 का 4:

टेंशन को स्ट्रेच करना (Stretching Away Tension)

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  1. इलियोटिबियल बैंड कनेक्टिव टिशू का एक पीस होता है, जो आउटर पेल्विस से चलते हुए, आपके पैर के नीचे के साइड और आपके घुटने तक जाता है। आपके पेल्विस का मिसअलाइनमेंट, एक्सर्साइज़ के दौरान इस बैंड में सूजन पैदा करता है। [९] अगर आप प्रेग्नेंट हैं, तो इस स्ट्रेच को मत करें, क्योंकि आपके सेंटर ग्रेविटी में आया बदलाव, आपको गिरा सकता है। [१०]
    • सपोर्ट के लिए दीवार के सामने खड़े हों।
    • एक पैर को दूसरे के पीछे क्रॉस करें।
    • क्रॉस किए हुए पैर के हिप को दीवार की तरफ झुका दें।
    • जैसे ही आपको स्ट्रेच फील हो, रुकें और अपनी पोजीशन को 30 सेकंड्स के लिए होल्ड करके रखें।
    • 30 सेकंड्स के लिए रेस्ट करें और साइड्स बदलते रहें: एक साइड पर दो रिपीटीशन्स करें। इस स्ट्रेच को एक बार मॉर्निंग में या फिर सोने से पहले या फिर एक्सर्साइज़ के बाद करें।
  2. सीट साइड स्ट्रेडल स्ट्रेच (seat side straddle stretch) परफ़ोर्म करें: ये स्ट्रेच ग्लूट्स को टार्गेट करते हुए, आपके आउटर हिप के मसल को स्ट्रेच करती है।.
    • पैरों को दूर-दूर फैलाकर, अपनी पीठ को जितना ज्यादा हो सके, स्ट्रेट और लंबा रखते हुए बैठ जाएँ।
    • अपने कंधों को (लेकिन हिप्स को नहीं) एक पैर की तरफ टर्न कर लें और फैले हुए पैर के ऊपर झुकते हुए, अपने हिप्स की तरफ झुकें। आपके दोनों बट्ट चीक्स (butt cheeks) के जमीन पर बने हुए होने की पुष्टि करते जाएँ।
    • उस पोजीशन को 30 सेकंड्स के लिए होल्ड करके रखें।
    • दूसरी साइड पर स्ट्रेच करने से पहले 30 सेकंड्स के लिए रेस्ट करें। डेली हर एक साइड पर टोटल 2 रिपीटीशन्स (दोनों के लिए कुल मिलाकर चार) करें।
  3. इस टाइप के स्ट्रेच पोस्टीरियर हिप मसल्स को बैलेंस करेंगे। ये प्रेग्नेंट वुमन के लिए सेफ हैं और इसे प्रेग्नेंसी से जुड़े हुए हिप के दर्द से राहत पाने में मदद के लिए रिकमेंड किया जाता है।
    • अपनी पीठ पर लेट जाएँ। आपके घुटनों को मुड़ा हुआ और आपके पैरों को जमीन पर एकदम फ्लेट होना चाहिए।
    • अपनी लोअर बैक को फ्लोर पर प्रैस किए हुए रखकर, एक घुटने को अपनी चेस्ट के करीब ले आएँ।
    • इस पोजीशन को 30 सेकंड्स के लिए होल्ड करके रखें।
    • रिलैक्स करें और अपने पैरों को नीचे ले आएँ।
    • दूसरे पैर के साथ रिपीट करने से पहले, 30 सेकंड्स का रेस्ट करें। इस स्ट्रेच को दिन में एक या दो बार परफ़ोर्म करें। मॉर्निंग में सबसे पहले या सोने के ठीक पहले स्ट्रेच करने का सही टाइम रहता है या फिर एक्सर्साइज़ के ठीक पहले इसे करें। [११]
विधि 4
विधि 4 का 4:

प्रोफेशनल हेल्प तलाशना (Seeking Professional Help)

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  1. अगर आप हैल्थकेयर तक जा सकते हैं, तो एक क्वालिफाइड मेडिकल प्रोफेशनल आपकी हिप अलाइनमेंट प्रॉब्लम्स को डाइग्नोज करने के लिए बेस्ट पर्सन रहता है। अगर आपको सूजन या दर्द महसूस हो रहा है, तो आपके डॉक्टर आपको मदद के लिए एक करेक्ट और सेफ दवाई प्रिस्क्राइब कर सकते हैं। अगर आपकी प्रॉब्लम्स, आपके डॉक्टर के विशेषज्ञता के क्षेत्र से बाहर हैं, तो आपको एक स्पेशलिस्ट के पास भेजा जा सकता है।
  2. आपके डॉक्टर शायद आपको एक फिजिकल थेरेपिस्ट के पास रिफ़र कर सकते हैं। एक फिजिकल थेरेपिस्ट आपको गाइडेड एक्सर्साइजेस और स्ट्रेच के माध्यम से मोबिलिटी (गतिशीलता) वापस पाने में मदद करेगा। आपके फिजिकल थेरेपिस्ट आपको शायद एक ऐसा रूटीन भी दे सकते हैं, जिसे आप आपके घर पर कर सकें। [१२] [१३]
  3. सीरियस प्रॉब्लम्स को ठीक करने के लिए सर्जरी करा लें: हिप अलाइनमेंट इशू को एक्सर्साइज़ या दवाइयों के जरिए ठीक नहीं किया जा सकता है, इसके लिए मेडिकल सर्जरी जरूरी होती है। सर्जन्स पेरिसेटैबुलर ओस्टियोटॉमी (periacetabular osteotomy) नाम की प्रोसीजर मेन आसानी से मूव कर सकने के लिए, हिप सॉकेट और जाइंट के शेप और अलाइनमेंट को आल्टर कर सकते हैं। [१४]
    • अगर आपकी हिप बहुत गंभीर रूप से डैमेज हो चुकी है, तो एक सर्जन आर्थोस्कोपी, (arthroscopy), जो कि एक हल्की सी इन्वेसिव (invasive) सर्जिकल प्रोसीजर है, के जरिए आपकी हिप को पूरी तरह से रिसर्फ़ेस या रिप्लेस कर सकते हैं। [१५]

सलाह

  • अगर आपको सीरियस या क्रोनिक पेन है, तो हिप प्रॉब्लम को खुद से ट्रीट करने की कोशिश करने से पहले हमेशा ही डॉक्टर से जरूर कंसल्ट कर लें।
  • पैरों में मौजूद मसल्स और बोन्स की एब्नॉर्मलिटी भी हिप मिसअलाइनमेंट का एक और सोर्स होता है।
  • सारी स्ट्रेन्थनिंग और स्ट्रेचिंग एक्सर्साइज़ को हमेशा ही एक कार्पेट पर या एक्सर्साइजिंग मैट के ऊपर परफ़ोर्म किया जाना चाहिए। हार्ड फ्लोर्स आपके दर्द को बढ़ा सकते हैं।
  • वैसे तो पैरों की लंबाई में अंतर बहुत ही कम देखा जाता है, लेकिन इनकी वजह से होने वाली हिप मिसअलाइनमेंट को इन एक्सर्साइजेज़ के जरिए ट्रीट किया जाना मुमकिन नहीं है।
  • अगर आप एक रनर हैं, तो फिर झुकी हुई हार्ड सर्फ़ेस (जैसे एक रोड) पर दौड़ना अवॉइड करें, क्योंकि इसकी वजह से मिसअलाइनमेंट हो सकता है।
  • अगर किसी डॉक्टर या फिजिकल थेरेपिस्ट के द्वारा आप को इसे करते रहने की सलाह न दी गई हो, तो अगर दर्द और भी बदतर होते जा रहा है, तो इन एक्सर्साइजेज़ को करना अवॉइड ही करें। [१६]
  • जब तक कि आपकी हिप अच्छी तरह से अलाइन न हो जाए, तब तक हाइ-इम्पेक्ट, हाइ-रिपीटीशन एक्सर्साइजेज़ को करना अवॉइड करें। [१७]
  • कभी-कभी प्रेग्नेंसी की वजह से भी सिम्फिसिस प्यूबिक डाइफंक्शन (symphysis pubic dysfunction) नाम की की स्पेशल टाइप का हिप मिसअलाइनमेंट भी हो सकता है। हॉरमोन रिलैक्सिन लिगमेंट्स को लूज करता है, जो बेबी को बर्थ केनल से बड़ी आसानी से पास होने देता है। कभी-कभी लिगमेंट्स बहुत ज्यादा रिलैक्स करते हैं, जिसकी वजह से जाइंट इंस्टेबिलिटी और दर्द होता है। पेल्विक टिल्ट (Pelvic tilt) एक्सर्साइजेज़ और पेल्विक सपोर्ट बेल्ट इस प्रॉब्लम से निपटने का एक तरीका होते हैं। [१८] [१९]
  • वजन कम करना भी हिप प्रॉब्लम्स को कम कर सकता है। [२०]

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