आम प्रारंभिक दिनों में दक्षिण-पूर्व एशिया में पाया जाने वाला एक बहु-उपयोगी फल है जो कि अब उष्ण-कटिबंधीय क्षेत्र जैसे कि दक्षिणी अमेरिका, मेक्सिको और कैरीबियन में भी पाया जाता है। आप आम को ऐसे ही खा सकते हैं, या फिर सलाद, स्मूदी, चटपटी चटनी और विभिन्न प्रकार के व्यंजन बनाने में आम का समावेश कर सकते हैं। आमों में पोटैशियम, बीटा-कैरोटीन, विटामिन A तथा C, और रेशे (fibre) प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। इस फल में पाया जानेवाले एंजाइम पाचन क्रिया को सुचारू रूप से चलने में मदद करते हैं। आम हरे, पीले तथा नारंगी रंगों में पाए जाते हैं। जबकि कुछ लोग कच्चे तथा स्वाद में कसैले आम खाना पसंद कर सकते हैं, किन्तु यह फल पूरी तरह पकने के पश्चात् ही मीठा और अच्छा लगता है। आमों को पकाने के लिए नीचे दिए गए तरीकों को अपना सकते हैं।
चरण
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आम को पेपर-बैग या न्यूज़-पेपर में पकाएं: आमों से भरे पेपर-बैग को रात भर के लिए किचन प्लेटफॉर्म पर रखकर छोड़ दें और सवेरे जांचे कि वे कितने पके हैं। पेपर- बैग में ढके हुए आम ईथीलीन मुक्त करते हैं, जो कि एक गंधहीन गैस है तथा आमों के पकने की प्रक्रिया को तेज करती है। [१] X रिसर्च सोर्स जब आमों से फल जैसी सुगंध आने लगे तथा वे हलके से दबाने पर दब जाएँ तो इन्हें पेपर-बैग से बाहर निकाल कर खाया जा सकता है।
- जब आप आमों को पेपर-बैग या न्यूज़-पेपर की मदद से ढकें तो इस बात का खयाल रखें कि बैग पूरी तरह से बंद नहीं है, क्योंकि इसमें से कुछ गैस तथा हवा को बाहर निकलने के लिए खुली जगह की आवश्यकता होती है और इससे आमों में फफूंद भी नहीं लगती। [२] X रिसर्च सोर्स
- आमों के पकने की प्रक्रिया को तेज करने के लिए इस बैग में एक सेव या केला डाल दें। ईथीलिन प्रसारित करने वाले फलों को बैग में डालने से ईथीलिन की मात्रा में वृद्धि होगी तथा इससे जल्द ही आप रसीले आम प्राप्त सकेंगे।
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एक कच्चे चावल या मक्के के दाने से भरी बोरी में आम को दबा दे: भारत में यह पुराने समय से अपनाई जानेवाली तरकीब है जहाँ माताएं चावल की बोरी में कच्चे आमों को छुपा देती हैं जिससे आम पकने की प्रक्रिया तेजी से होती है। मेक्सिको में भी इसी तरह की एक तरकीब अपनाई जाती हैं जहाँ चावल के बजाय मक्के के दाने से भरी बोरी में आमों को दबाया जाता है। इस क्रिया द्वारा आम एक या दो दिनों में पक जाते हैं जब कि प्राकृतिक रूप से पकने में ये चार से पांच दिन लेते।
- इस तरीके से आमों को पकाना तथा पेपर-बैग में आम पकाने के पीछे समान कारण है: चावल या मक्के के दाने ईथीलीन गैस को आमों के आस-पास से बाहर नहीं निकलने देते तथा आमों के पकने की प्रक्रिया में यह ईथीलीन गैस तेजी लाती है।
- यह उपाय इतना कारगर है कि इससे कभी कभी आमों के ज्यादा पकने की संभावना हो जाती है। इसलिए आमों को चावल या मक्के में दबाने के बाद हर 6 से 12 घंटो में इन्हें जांचते रहें। इस तरह से समय समय पर आमों का ध्यान रखकर आप पके हुए रसीले आम पा सकेंगे।
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कच्चे आमों को सामान्य तापमान पर किचन प्लेटफ़ॉर्म पर रखें: इस कार्य के लिए कुछ समय तथा धैर्य की जरुरत है। दुसरे ही फलों की तरह आमों के पकने में भी कई दिन लगते है लेकिन इस विधि द्वारा आप प्राकृतिक रूप से आम के रसीले गुदे को खा सकते हैं। आम में से जब अच्छी फलों वाली खुशबु आने लगे तथा ये दबाने पर दब जाये तो इन्हें खाने के लिए उपयोग में लाया जा सकता है।
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सबसे विश्वसनीय परिणाम के लिए आमों को सूंघ कर पता लगाएं: डंठल के तरफ के हिस्से से आम को सूंघें। यदि इसकी गंध भारी फलों जैसी, कस्तूरी की तरह हो तो यह पका है। यदि आप इस गंध को पाने की कोशिश करें तथा सफल न हों तो आम पके नहीं हैं।
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आम सूंघने के बाद इन्हें हलके से दबाएँ: आम को हलके से दबाएँ। यदि यह नर्म हो तथा आसानी से दब जाये तो यह पक गया है। स्पर्श करने पर पके हुए आम आडू (peach) या अवोकेडो की तरह प्रतीत होते हैं। यदि आम कड़े हैं तथा दबाने पर दबते नहीं हैं तो वे अब भी कच्चे हैं।
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आमों की परिपक्वता जांचने के लिए इनके रंगों से अनुमान न लगाएं: यद्यपि कई प्रकार के पके आम गहरे पीले रंग के होते हैं फिर भी सारे पके आम रंग में गहरे पीले नहीं होते। [३] X रिसर्च सोर्स इसलिए आम पके हैं कि नही यह जानने के लिए इनके रंग पर न जाएं, बल्कि इसके लिए गंध और स्पर्श द्वारा जाँच करें।
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यदि आम की सतह पर काले धब्बे दिखें तो इनसे घबराएं नहीं: कुछ लोग आम पर जरा सा धब्बा दिखने पर ही इन्हें ख़राब समझने लगते हैं पर धब्बे होने का मतलब यह नहीं कि आम ख़राब हो गए हैं, जबकि ये आम के ख़राब होने की प्रक्रिया की शुरुआत को दर्शाते हैं। चूँकि आम बहुत जल्द ख़राब होते है इसलिए इन काले धब्बों को इसकी खराबी से जोड़ा जाता है पर यह धब्बे आमों में शर्करा की मात्रा में बढ़त होने के कारण पड़ते हैं। [४] X रिसर्च सोर्स
- यदि ये काले धब्बे विशेष रूप से नर्म हैं तो आम को काट कर इसे भीतर से जांचे कि कहीं यह हिस्सा पारदर्शी तो नज़र नहीं आ रहा है, क्योंकि यह आमों के ख़राब होने का संकेत है, और इन्हें फेंक देना चाहिए।
- यदि किसी आम के सही होने पर संदेह हो तो अपनी इन्द्रिय क्षमता का इस्तेमाल करें: यदि आम से ठीक खुशबु आ रही है, इसकी सतह तनी है तथा रंग भी रुचिकर है तो यह आम खाने लायक है।
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जब आम पक गए हों तो इन्हें रेफ्रीजिरेटर में रख दें: रेफ्रीजिरेटर में रखने पर आमों को ढंकने की कोई जरुरत नहीं है। आमों को रेफ्रीजिरेटर में रखने पर इनके पकने की गति कम हो जाती है। पूरी तरह पके आमों को रेफ्रीजिरेटर में पांच दिनों तक रख सकते हैं।
- आमों को पकने से पहले रेफ्रीजिरेटर में कभी ना रखें। दुसरे उष्ण-कटिबंधीय फलों की तरह आम को रेफ्रीजिरेटर में पकने से पहले कभी भी नहीं रखना चाहिए, क्योंकि ठंड से आम की पकने की क्षमता को पूरी तरह नुकसान पहुँच सकता है।
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यदि चाहें तो पके आम को छीलकर काट लें: इस छीले, कटे आम को हवाबंद डिब्बे में रख दें, तथा इस हवाबंद डिब्बे को कुछ दिनों के लिए रेफ्रीजिरेटर में रख सकते हैं। यदि इस तरह कटे हुए आम को हवाबंद डिब्बे में फ्रीजर में रखा जाये तो इसे छः महीने तक खाया जा सकता है।
प्रजाति | विशेषता | स्वाद |
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हापूस
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आम की सबसे प्रसिद्ध प्रजाति, गहरे पीले रंग का | रुचिकर, मीठा स्वाद [५] X रिसर्च सोर्स |
चौंसा
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आम को यह नाम मशहूर मुस्लिम शाशक शेर शाह सूरी के नाम पर मिला है, उत्तरी भारत में पाया जाता है | बहुत मीठा, रसीला, पोषक |
दसहरी
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भारत में पाए जाने वाले आम की सबसे प्राचीन प्रजाति, उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक उत्पादन | बहुत मीठा |
लंगड़ा
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इस प्रजाति के पूर्वज वाराणसी में पाए जाते हैं, और यह मुख्य तौर पर हरियाणा, बिहार, पश्चिम बंगाल में पाया जाता है | रेशेयुक्त, खास स्वाद के साथ |
केसर
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आमरस बनाने के लिए सबसे अच्छा, गुजरात में मूल उत्पत्ति | बहुत तीव्र सुगंध और उत्कृष्ट स्वाद |
सलाह
- आकार में गोल आम के भीतर का गुदा पतले तथा लम्बे आम के मुकाबले कम रेशेदार होता है।
- आम की परिपक्वता का अनुमान इसके रंग के आधार पर न लगाएं। इसकी गंध तथा नरमी को परिपक्वता निर्धारित करने के लिए जांचें।
चेतावनी
- कच्चे आमों को रेफ्रीजिरेटर में न रखें। कच्चे आम रेफ्रीजिरेटर की ठंड में पक नहीं पाएंगे।
चीजें जिनकी आपको आवश्यकता होगी
- आम
- पेपर-बैग
- सेव
- हवा-बंद डिब्बा
- रेफ्रीजिरेटर
रेफरेन्स
- ↑ http://www.scientificamerican.com/article/origin-of-fruit-ripening/
- ↑ http://lifehacker.com/267512/ripen-green-tomatoes-with-newspaper?comment=1637291:1637291
- ↑ http://www.mango.org/how-choose-mango
- ↑ http://www.tonytantillo.com/producetips/fruits/mangoes.html
- ↑ http://www.tropicalfruitnursery.com/mango/haden-mango.shtml