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हो सकता है की आपको एक इवेंट के उद्देश्य और नतीजों का आंकलन कर के ये पता करना है की वह सफल हुआ की नहीं और उसके बाद एक इवेंट रिपोर्ट भी लिखनी है | ये लोगों और कम्पनीज के लिए एक अहम् तरीका है ये जानना का की उनके द्वारा आयोजित इवेंट में कुछ बदलाव की ज़रुरत तो नहीं | कई तरीके हैं ये जानने की आपकी इवेंट रिपोर्ट ज्यादा सफल है | ये तब ज्यादा मायने रखता है जब आपको एक और इवेंट आयोजित करना है!

विधि 1
विधि 1 का 3:

इवेंट रिपोर्ट ओर्गानायिज़ करना

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  1. हर ऑडियंस के लिए प्रेजेंटेशन स्टाइल और फॉर्मेट निर्धारित करें: इवेंट रिपोर्ट बाउंड, स्टेपलड, एमेलड, पीडीऍफ़, पॉवर पॉइंट प्रेजेंटेशन इत्यादि हो सकती हैं | [१]
    • ये ध्यान दें की इवेंट रिपोर्ट साफ़ सेक्शनस में ओर्गानायिज़ की गयी है | आपको ये पता करना है की उसके नतीजे उसके उद्देश्य के मुकाबले में कैसे रहे | इवेंट के मुख्य नतीजों की सम्मरी (Summary) लिखें |
    • इवेंट रिपोर्ट को स्पोंसर और ऑडियंस की ज़रूरतों और रूचि के मुताबिक लिखें | ये देखें की स्पोंसर के ऑब्जेक्टिव क्या हैं | कुछ हद तक, स्पोंसर ही इवेंट रिपोर्ट की मेन ऑडियंस हैं | वह ये जानना चाहते हैं की इवेंट को स्पोंसर करने में कुछ फायदा हुआ की नहीं | सो ये देख लें की वह क्या जानना चाहते हैं और उनके मतलब के मुद्दे क्या हैं |
    • उस इवेंट रिपोर्ट को इवेंट और स्पोंसर की विशेषताओं के मुताबिक भी लिखें | सिर्फ रंगों और नंबर मिला कर रिपोर्ट नहीं लिख डालें | इवेंट रिपोर्ट के लिए और ऑडियंस में शामिल हैं सीनियर एग्जीक्यूटिव और फाइनेंशीयल मेनेजरस |
  2. ऐसी सारी जानकारी ट्रैक करें जिसकी आपको पूरे इवेंट के दौरान ज़रुरत पड़ी हो: आप अपनी याददाश्त पर निर्भर नहीं रहना चाहेंगे |
    • इवेंट से पहले, उसके दौरान और उसके बाद सभी इनफार्मेशन को ट्रैक करने से एक ज्यादा स्पेसिफिक, और अंत में असरदार इवेंट रिपोर्ट तैयार होगी | इसके इलावा ये आपको सब कुछ एक बेहतरीन तरीके से एकत्रित करने में मदद करेगा | [२]
    • डाटा कलेक्शन एक लगातार प्रक्रिया है, और हो सके तो ज़रुरत पड़ने पर ज्यादा से ज्यादा लोगों (हो सके तो इंटर्नस) से डाटा कलेक्ट करवाएं | मतलब ये है की आपको इवेंट के अंत में रिपोर्ट लिखने के लिए इंतजार नहीं करना पड़े | [३]
  3. इवेंट रिपोर्ट्स के साथ एक मुसीबत ये होती है की वह सिर्फ एजेंडा को बार बार पेश करने और तारीफ वाली बातें करने के इलावा कुछ और नहीं करते | ऐसा नहीं करें | इसके बजाय, सभी अहम् मुद्दों को सोच विचार कर और पारखी नज़र से देखें |
    • इवेंट की कुछ ऐसी हाईलाइट देखें जिनके बारे में आप विस्तार में बात करना चाहेंगे | ये देख लें की कौन सी तीन चीज़ें सबसे बेहतरीन थीं, और कौन सी तीन सबसे ज्यादा चौंकाने वाली | [४]
    • आर्टिकल में ऐसे बेकार की बातें नहीं जोड़ें, जैसे लंच मेनू या मुख्य स्पीकर की पूरी प्रेजेंटेशन की विस्तार से लिखी सम्मरी | आपको सिर्फ उन बातों को दिखाना है जिनसे फर्क पड़ता है |
विधि 2
विधि 2 का 3:

अपनी रिपोर्ट में सही कंटेंट डालना

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  1. इवेंट रिपोर्ट में एक एग्जीक्यूटिव सम्मरी ज़रूर शामिल होनी चाहिए और वह पूरी रिपोर्ट का एक संक्षिप्त वर्ज़न होता है | एग्जीक्यूटिव सम्मरी को एक इंट्रोडक्शन की तरह समझ लें | [५]
    • आप दो रिपोर्ट क्रिएट कर सकते हैं- एक एग्जीक्यूटिव सम्मरी उन लोगों के लिए जो इवेंट के नतीजे में रूचि रखते हैं, और एक बढ़ी विस्तार से लिखी रिपोर्ट उन के लिए जो इवेंट के सेटिंग अप और स्पोंसरिंग में शामिल थे |
    • एग्जीक्यूटिव सम्मरी में, आप सिर्फ मुख्य उद्देश्य और नतीजों के बारे में बात करना चाहेंगे | एग्जीक्यूटिव सम्मरी छोटी होनी चाहिए- सिर्फ एक या दो पेज | उसमें वह मुख्य बातें होनी चाहिए जो इवेंट के दौरान घटित हुईं, और डाटा का संक्षिप्त आंकलन भी |
  2. खाली नंबर पेश कर देने से ज्यादा असरदार होता है स्टैटिस्टिकल ट्रेंड्स दिखाता हुआ एक चार्ट पेश करना |
    • अगर इवेंट में कोई नया प्रोडक्ट लॉन्च हुआ है, आप उसका एक फोटो शामिल कर सकते हैं | इवेंट की वास्तविक फोटो इवेंट रिपोर्ट को इल्लसट्रेट करने में मदद कर सकते हैं | साईट पर स्पोंसर की मोजूदगी के फोटो लेकर रिपोर्ट में डालने की कोशिश करें | फिर से, ये काम इवेंट ख़त्म होने तक इंतजार नहीं कर सकता है |
    • आप सैंपल, उत्पादों और अन्य ओन साईट उदाहरणों को भी शामिल कर सकते हैं | ये बताइए की कितने लोगों को स्पोंसर कूपन इत्यादि मिले हैं | ये बताएं की मीडिया, ऑडियंस और स्पोंसर में इस इवेंट को कितना ओन साईट या ऑफ साईट एक्सपोज़र मिला है |
  3. सभी एडवरटाइजिंग और मीडिया एक्सपोज़र के बारे में लिखें: आप ये देखना चाहेंगे की निश्चित किये गए उद्देश्यों के मुकाबले जो मीडिया सामने आया वो कितना था |
    • सर्कुलेशन फिगर और एडवरटाइजिंग रेट पता करने के साथ ऐसे प्रिंट ऐड और आर्टिकल ढूँढें जिनमें स्पोंसर के नाम और ऐड शामिल हुए |
    • टेलीविज़न एडवरटाइजिंग, पब्लिक सर्विस अनाउंसमेंटस, रेटिंग और रेट कार्ड वैल्यू, और न्यूज़ कवरेज को शामिल करें |
    • रेडियो, रेट कार्ड एडस, एड्स और प्रमोशनस की वैल्यूज, ऑडिटेड रिपोर्ट्स, इत्यादि को शामिल करना नहीं भूलें |
  4. इवेंट के उद्देश्यों को लेकर एक स्टेटमेंट जारी करें: ये बहुत ज़रूरी है की आप इवेंट के उद्देश्यों को उसके नतीजों से जोड़ें, तो ये ध्यान दें की आप इस बात की याद रखें की इवेंट का शुरूआती उद्देश्य क्या था और उसमें से कितना पूर्ण हो गया |
    • आप अपने इवेंट प्रोग्राम की लिस्टिंग भी शामिल कर सकते हैं | आप ये भी बता सकते हैं की इवेंट में कब, कौन अहम् पार्टिसिपेंटस थे | हांलाकि ऐसे सेक्शनस को छोटा ही रखें | [६]
    • ये कोशिश करें की आप ज्यादा समय इवेंट के नतीजों को लिखने और उनकी चर्चा करने में बिताएं और ये भी बताएं की क्या वो लिखित उद्देश्यों को हासिल कर पाए | वास्तविकता से नहीं हटें, और जो चीज़ें नहीं हुईं उन्हें ढकने का प्रयत्न नहीं करें |
  5. इवेंट रिपोर्ट में फाइनेंशीयल इनफार्मेशन शामिल करें: ये ज़रूरी है की आप ये बताएं की इवेंट का बजट कितना था और उसमें से कितना खर्च हो गया (या वापस मिल गया) | ध्यान से बजेटेड खर्चों का असल खर्चों की तुलना शामिल करना नहीं भूलें, साथ ही उन बातों को भी ज़ाहिर करें जो सही से हो गयी और वो भी जहाँ सुधार की ज़रुरत है | [७]
    • आपको सभी खर्चे लिखने होंगे, जैसे मार्केटिंग और प्रमोशनल गतिविधियाँ, स्टाफ के खर्चे और स्पोंसोर्शिप खर्च | एक विस्तार से लिखा बजट शामिल करना अच्छा विचार है | फाइनेंशीयल मेनेजर और सीनियर एग्जीक्यूटिव ऐसे सबूत देखना चाहेंगे जो नतीजों को मजबूती देते हैं |
    • रेवेनियू की एकाउंटिंग शामिल करें, जैसे फीस, स्पोंसोर्शिप्स, और एक्स्हिबिट्स | पर ध्यान रहे की आप रेवेनियू की तुलना रेवेनियू प्रोजेक्शन से कर रहे हैं | किस से तुलना की है? ये पूछना एक अच्छा सवाल है |
  6. ऐसे स्टेटिस्टिक्स शामिल करें जो पढ़ने वालों के लिए मान्य हों: आप ऐसी रिपोर्ट नहीं लिखना चाहेंगे जिसमें सिर्फ खुश करने वाली जानकारी भरी हुई है | जितने लोगों ने इवेंट अटेंड किया एक ऐसी स्टेटिस्टिक् है जो आपको शामिल करना चाहिए | ऐसा डाटा जो नापा जा सके उसे लिखना एक अच्छा विचार होता है |
    • और स्टेटिस्टिक्स और डाटा जो आप लिख सकते हैं वो सेलस लीड्स जेनेरेटेड का नंबर और किसी एक बूथ पर आये मेहमानों का नंबर भी | डाटा देने से आपकी इवेंट रिपोर्ट पर भरोसा किया जा सकता है | शामिल होने या भाग लेने वाले लोगों की जानकारी दें | इसमें डेमोग्राफिकस, अटेंडेंस फिगर्स और ऑडियंस रिसर्च रिजल्ट (जैसे खरीदने की आदतें) शामिल करें |
    • ये भी बताएं की कितने लोगों ने स्पोंसर कैंपेन का जवाब दिया और, चैरिटेबल संस्थाओं को कितना डोनेशन किया गया है | आर्थिक असर और एम्प्लोयीज़ की मोजूदगी के बारे में भी लिखें |
  7. आपके रिपोर्ट में स्टेटिस्टिक्स होनी चाहिए, पर मुद्दे पर जवाब देने के लिए आप इंसानों की राय भी शामिल कर सकते हैं |
    • पार्टिसिपेंटस और इवेंट टीम मेम्बर के कोटस (Quotes) और फीडबैक शामिल करें ताकि इवेंट के सफल या असफल होने का आंकलन सिर्फ इवेंट रिपोर्ट लिखने वाला नहीं कर रहा हो | इससे रिपोर्ट ज्यादा वजनी बनेगी |
    • साथ में थर्ड पार्टी रिसर्च को भी शामिल करें | मीडिया एक्सपोज़र पर कीमत लगाना एक उदाहरण है की थर्ड पार्टी क्या रिसर्च कर सकती है |
    • स्पेस और सेट अप का आंकलन करें: आपको थोड़ा समय लोकेशन और सेट अप की उपयोगिता को दूसरे की नज़रों से देखने में बिताना चाहिए | ये बताएं की कैसे कांफ्रेंस, इवेंट इत्यादि ने स्पेस का इस्तेमाल किया |
विधि 3
विधि 3 का 3:

अपनी इवेंट रिपोर्ट को फायिनलायिज़ कीजिये

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  1. कोशिश करें की रिपोर्ट को इवेंट के बाद जितनी जल्दी हो सके पब्लिश कर दें | ध्यान से उसे अपने कैलेंडर पर शेडयूल कर दें ताकि ऐसा हो पाए | कुछ लोग कहते हैं की इवेंट रिपोर्ट 30 दिन के अंदर इशू हो जानी चाहिए, पर कुछ कहते हैं की कुछ दिनों के भीतर कर दिया जाना चाहिए | [८]
    • जो भी डेडलाइन हो, उसका पालन ज़रूर करें | हो सकता है की आप रिपोर्ट किसी एजेंसी के लिए लिख रहे हैं और उसे किसी एक क्लाइंट ने इसके लिए कमीशन किया है | सभी रिक्वेस्ट पर गौर फरमायें | [९]
    • मुख्य बात है की आपके ऑडियंस एक विस्तृत और समय से मिलने वाली रिपोर्ट की उम्मीद करती है | इसलिए समय ले कर उसे सही से विस्तृत बनाएं, लेकिन इतना इंतजार भी नहीं करें की वह पुरानी हो जाये |
  2. ये देख लें की आपकी इवेंट रिपोर्ट में ग्रामर सही हो और कोई स्पेल्लिंग, पंक्चुएशन और कोई प्रूफिंग गलतियाँ नहीं हों |
    • ये ध्यान रहे की आपके सभी जवाब गहरायी से दिए गए हों | एक लिखने का अच्छा नियम है ये तकनीक “शो, डोंट टेल (show, don’t tell)”| इसका मतलब ये की रिपोर्ट में लिखे गए जनरल पॉइंट्स के समर्थन में कुछ और स्पेसिफिक उदाहरण दिए जाएँ |
    • अपने ऑडियंस को नहीं भूलें, और ये देख लें की आपकी राइटिंग फॉर्मल और प्रोफेशनल लग रही है | इवेंट रिपोर्ट कोई कैजुअल डॉक्यूमेंट नहीं है; ये एक ज़रूरी डॉक्यूमेंट है और उससे पता चलता है की क्या इवेंट पर पैसा खर्च करना कारगर साबित हुआ, इसलिए ज़िम्मेदार लहजे में बात करें |

सलाह

  • आपको जितने पिक्चर चाहिए उनसे ज्यादा लें | बाद में इतनी सारी आप्शन आपको सही लगेंगी |
  • जब आपको लीडरज़ या प्लेन्नर्स से कोट चाहिए, तो सबसे पहले उनके पास नहीं जायें | वह तब भी रहेंगे जब इवेंट ख़त्म हो चुका होगा, इसलिए भीड़ में मोजूद लोगों से पहले बात करें; वो बाद में सबसे पहले गायब हो जायेंगे | इसके इलावा, अगर कोई स्पीकर/ लीडर व्यस्त है तो उसे परेशान नहीं करें; वह बाद में सवालों के लिए मोजूद रहेंगे |
  • कोट लेते समय, बात करते रहें और स्वाभाविक तरीके से तब तक सवाल पूछते रहें जब तक वह ये नहीं बताये की उसे वहां कैसा लगा |
  • जितने कोट ज़रूरी हों उनसे ज्यादा लें | बाद में इतनी सारी आप्शन आपको सही लगेंगी |
  • अच्छे पिक्चर इवेंट में हो रही गतिविधियाँ और लोगों की प्रक्रिया दिखा सकते हैं |
  • पूरी चीज़ की पिक्चर लेने की कोशिश करें, जिसमें भीड़ और स्पीकर की तस्वीर साथ में हो | इससे पढ़ने वाले को पता चलेगा इवेंट कितना बढ़ा था |

चीजें जिनकी आपको आवश्यकता होगी

  • एक डिजिटल कैमरा
  • एक नोट पैड

विकीहाउ के बारे में

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