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इस्नोफिल का उच्च स्तर (जिसे इस्नोफिलिया भी कहा जाता है) काफी चिंताजनक हो सकता है लेकिन यह आमतौर पर शरीर में इन्फेक्शन के लिए होने वाला नेचुरल रिस्पांस होता है | इस्नोफिल एक प्रकार की श्वेत रक्तकणिकाएं (WBCs) हैं जो शरीर में इंफ्लेमेशन करके इन्फेक्शन से लड़ने में मदद करती हैं | अधिकतर केसेस में, मुख्य कारण का इलाज़ करने पर इस्नोफिल लेवल कम हो जाता है | ऐसा कहा जाता है कि साफ़, हेल्दी लाइफस्टाइल और एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाओं से असामान्य रूप से बढ़ा इस्नोफिल स्तर कम किया जा सकता है |
चरण
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अपने जीवन से स्ट्रेस कम करें: स्ट्रेस और एंग्जायटी इस्नोफिलिया की कंडीशन पैदा करने में सहायक होते हैं | थोड़े समय तक रिलैक्स होने से इस्नोफिल के स्तर को कम करने में मदद मिल सकती है | अपने डेली रूटीन में स्ट्रेस के कॉमन कारणों का पता लगायें | अगर संभव हो तो तनाव पैदा करने वाले ट्रिगर्स के सम्पर्क में न आकर तनाव को कम करें | [१] X विश्वसनीय स्त्रोत Mayo Clinic स्त्रोत (source) पर जायें
- मैडिटेशन , योग और मसल्स रिलैक्सेशन जैसी तकनीकों से आपको तनाव या परेशानी के समय में रिलैक्स होने में मदद मिल सकती है |
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किसी जाने-पहचाने एलर्जन्स के सम्पर्क में आना कम करें: इस्नोफिल्स काउंट बढ़ने का सबसे कॉमन कारण एलर्जी होती हैं | एलर्जन्स से रिएक्शन करने पर और ज्यादा इस्नोफिल्स प्रोड्यूस होती हैं | अपनी एलर्जी का इलाज़ करें और शरीर में इस्नोफिल्स को मैनेज करने में मदद के लिए सभी ट्रिगर्स से दूर रहें | [२] X रिसर्च सोर्स
- हे (Hay) फीवर के कारण इस्नोफिल लेवल बढ़ सकता है | बाज़ार में मिलने वाली एंटीहिस्टामिन दवाओं जैसे बेनाड्रिल(benadryl) या क्लारिटिन (claritin) लेकर हे फीवर का इलाज़ करें जिससे शरीर में इस्नोफिल का लेवल कम हो सके |
- उदाहरण के लिए, अगर आपको कुत्तों से अल्लेरी है तो जितना हो सके, कुत्तों के सम्पर्क से दूर रहें | अगर अपने किसी ऐसे दोस्त के घर जाएँ जिसने कुत्ता पाला हो तो उसे कहने कि आपके आने पर कुत्ते को दूसरे कमरे में रखे |
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अपने घर को साफ़ रखें: कुछ लोगों को धूल से एलर्जी होती है और उसके रिएक्शन के कारण इस्नोफिल्स बढ़ जाते हैं | इससे बचने के लिए, जितना हो सके, अपने घर को साफ़ रखें | कम से कम सप्ताह में एक बार घर के कोनों में बनने वाले धूल के कणों को साफ़ करें | [३] X रिसर्च सोर्स
- कुछ लोगों पर परागकणों का भी इसी तरह का इफ़ेक्ट हो सकता है | अपनने घर में आने वाले परागकणों से बचने के लिए हाई पॉलेन (pollen) सीजन में घर के दरवाजे और खिड़कियाँ बंद रखें |
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कम एसिडिक फूड्स वाली हेल्दी डाइट लें: सीने में जलन या एसिड रिफ्लक्स होने पर शरीर में इस्नोफिल काउंट बढ़ सकता है | संतुलित, हेल्दी डाइट इस कंडीशन से बचने के लिए बहुत जरुरी होती है | ऐसे फूड्स चुनें जिनमे फैट कम हो जैसे, लीन मीट, साबुत अनाज और ताज़े फल और सब्जियां | एसिडिक फूड्स खाने से बचें जैसे, तले हुए फूड्स, टमाटर, अल्कोहल, चॉकलेट, मिंट, लहसुन, प्याज़ और कॉफ़ी | [४] X विश्वसनीय स्त्रोत Mayo Clinic स्त्रोत (source) पर जायें
- ज्यादा वजन होने पर भी एसिड रिफ्लक्स और हाई इस्नोफिल काउंट होने के चांसेस बढ़ जाते हैं | अगर आप ओवरवेट हैं तो रिस्क कम करने के लिए वज़न घटाएं |
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5धूम्रपान छोड़ें और कम से कम अल्कोहल लें: धूम्रपान छोड़ने से इस्नोफिल का हेल्दी लेवल पाने में मदद मिल सकती है | जबकि, अल्कोहल और इस्नोफिल के बीच इस तरह के कोई प्रमाण उपलब्ध नहीं हैं |लेकिन इसका उपभोग कम करने से निश्चित ही फायदा होता है | [५] X विश्वसनीय स्त्रोत PubMed Central स्त्रोत (source) पर जायें
- जब भी स्मोकिंग छोड़ें , सपोर्ट लें और कोई दृढ़ योजना बनायें |
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डेली विटामिन D इन्टेक बढायें: जिन लोगों में विटामिन D लेवल कम होता है, उनमे इस्नोफिल काउंट ज्यादा होने की संभावना बढ़ जाती है | [६] X विश्वसनीय स्त्रोत Science Direct स्त्रोत (source) पर जायें विटामिन D लेने के दो तरीके होते हैं - सप्ताह में कम से कम दो बार धूप में 5 मिनट (बहुत लाइट कॉम्प्लेक्सन वले लोगों के लिए) से लेकर 30 मिनट (ज्यादा डार्क कॉप्लेक्सन वाले लोगों के लिए) तक बैठें | अल्टरनेटिवली, आप विटामिन D3 सप्लीमेंट ले सकते हैं | [७] X रिसर्च सोर्स
- धूप से विटामिन D लेने के लिए घर से बाहर धूप में रहें | विटामिन D UVB रेज़ से आता है जो ग्लास से अंदर नहीं जा पातीं इसलिए धूप वाली खिडकियों (sunny window) से धूप लेने पर कोई फायदा नहीं होगा |
- बादल छाये रहने पर रेज़ कम हो जाती हैं इसलिए बादल छायें रहने पर थोडा ज्यादा देर तक बाहर समय बिताएं |
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सूजन कम करने के लिए अदरक का इस्तेमाल करें: अदरक को सूजन कम करने के रूप में जाना जाता है | हालाँकि यह स्टडीज में भी जाहिर हो चुका है कि अदरक से इस्नोफिल कम हो जाती हैं | अदरक वाली चीज़ें रोज़ लें या इसके फायदे लेने के लिए अदरक की चाय बनाक्र पियें [८] X विश्वसनीय स्त्रोत PubMed Central स्त्रोत (source) पर जायें
- आपको कई ग्रोसरी स्टोर्स पर जिंजर टी मिल सकती हैं | एक कप में टी बैग डालें और उसके ऊपर गर्म पानी डालें | अब कुछ देर तक भाप में रखने के बाद पियें |
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दवाओं के कॉम्बिनेशन में सूजन कम करने के लिए हल्दी का इस्तेमाल करें: कुछ सिचुएशन में हल्दी भी इस्नोफिल्स कम कर सकती है | हल्दी (जिसे कर्कुमिन के नाम से भी जाना जाता है) के एंटी-इंफ्लेमेटरी लाभ पाने के लिए हल्दी के हायर डोज़ वाले कैप्सूल लेने चाहिए | ध्यान रखें कि हल्दी थोड़ी महंगी होती है इसलिए किफायत से इस्तेमाल करें | [९] X विश्वसनीय स्त्रोत PubMed Central स्त्रोत (source) पर जायें
- इसे एक से दो महीने तक लें और अगर लाभ न मिले तो लेना छोड़ दें |
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फुल एग्जामिनेशन के लिए डॉक्टर के पास जाएँ: कई कंडीशन के कारण इस्नोफिलिया हो सकता है जिसमे ब्लड डिसऑर्डर, एलर्जी, डाइजेस्टिव डिसऑर्डर, कोन्नेक्टिवे टिश्यू डिसऑर्डर, पैरासाइट या फंगल इन्फेक्शन शामिल होते हैं | कारण का पता लगाने के लिए डॉक्टर आपके ब्लड और स्किन का सैंपल ले सकते हैं | बहुत ही कम केसेस में, वे स्टूल टेस्ट, CT स्कैन या बोनमेरो टेस्ट्स कराते हैं | [१०] X रिसर्च सोर्स
- जब ब्लड या टिश्यू में ल्यूकेमिया (Leukemia) जैसे ब्लड डिसऑर्डर या डिजीज के कारण इस्नोफिल लेवल बढ़ जाता है तो उसे प्राइमरी इस्नोफिलिया कहते हैं |
- सेकेंडरी इस्नोफिलिया ब्लड डिसऑर्डर की बजाय मेडिकल कंडीशन जैसे अस्थमा, GERD या एक्जिमा के कारण होता है |
- हाइपरइस्नोफिलिया में बिना किसी विशेष कारण इस्नोफिल काउंट बहुत बढ़ जाता है |
- अगर इस्नोफिलिया के कारण आपके शरीर के कुछ हिस्सों में प्रभाव दिखाई दे रहा हो तो आपको स्पेसिफिक टाइप की एस्नोफिलिया डायग्नोज़ हो सकती है | इसोफगस इस्नोफिलिया (esophagus esnophilia- आहारनली का इस्नोफिलिया) आपकी आहारनली को प्रभावित करता है जबकि इसोफिलिक अस्थमा (esophilic asthma) फेफड़ों को प्रभावित करता है |
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एलर्जी टेस्ट कराने के लिए किसी एलर्जी स्पेशलिस्ट (allergist) के पास जाएँ: चूँकि एलर्जी के कारण अधिकतर इस्नोफिल्स बढ़ जाते हैं इसलिए डॉक्टर आपको एलर्जिस्ट के पास रेफेर करेंगे | एलर्जिस्ट एक पैच टेस्ट करेंगे जिसमे वे कॉमन एलर्जन्स की थोड़ी सी मात्रा को आपकी स्किन में डालेंगे और रिएक्शन को देखेंगे | वे ब्लड सैंपल भी ले सकते हैं और उससे एलर्जी टेस्ट .लगाकर देख सकते हैं | [११] X रिसर्च सोर्स
- अगर एलर्जिस्ट को लगता है की आपको फ़ूड एलर्जी है तो वे आपको एलिमिनेशन डाइट पर रख सकते हैं | आपको कुछ विशेष फूड्स खाना बंद करना होगा और वापस उन्हें एक समय में एक ही बार अपनी डाइट में लेना होगा | एलर्जिस्ट आपका ब्लड टेस्ट करके कुछ ख़ास फूड्स से इस्नोफिल्स बढ़ने के बारे में भी पता लगायेंगे | [१२] X रिसर्च सोर्स
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कॉर्टिकोस्टेरॉयड मेडिकेशन लें: आज के समय के कॉर्टिकोस्टेरॉयड ही ऐसी मेडिकेशन हैं जिनका इस्तेमाल डायरेक्टली हाई इस्नोफिल काउंट को कम करने के लिए किया जाता है | स्टेरॉयड हाई इस्नोफिल्स के कारण होने वाले इंफ्लेमेशन को कम कर सकते हैं | इस्नोफिलिया के कारण के आधार पर डॉक्टर आपको पिल्स या इनहेलर ले सकते हैं | इस्नोफिलिया के लिए डॉक्टर द्वारा दी जाने वाली सबसे कॉमन स्टेरॉयड है- प्रेड्निसोन (prednisone) | दवाएं लेने के लिए हमेशा डॉक्टर के निर्देशों का पालन करें | [१३] X रिसर्च सोर्स
- अगर डॉक्टर आपके इस्नोफिलिया के कारण को समझ न पा रहा हो तो शुरुआत में आपको कम डोज़ में कॉर्टिकोस्टेरॉयड दिए जा सकते हैं | इसके बाद, वे आपकी कंडीशन में होने वाले सुधार पर नज़र रखेंगे | [१४] X रिसर्च सोर्स
- अगर आपको पैरासाइट या फंगल इन्फेक्शन हो तो कॉर्टिकोस्टेरॉयड न लें | स्टेरॉयड लेने से कंडीशन और ख़राब हो जाएँगी |
- अगर आप ओरल प्रेड्निसोन ले रहे हैं और तीन सप्ताह से भ ज्यादा समय से ले रहे हों तो इसे अचानक लेना बंद न करें | इसे धीरे-धीरे कम करने के लिए डॉक्टर की सलाह लें |
- अगर डॉक्टर आपको स्थानीय हाई पोटेंसी वाले स्टेरॉयड दे रहे हैं तो एक समय में दो सप्ताह से ज्यादा इस्तेमाल न करें |
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अगर आपको पैरासाइटिक इन्फेक्शन है तो उसे दूर करें: पैरासाइटिक इन्फेक्शन में पेटदर्द, डायरिया, मितली, उल्टियाँ, गैस/ब्लोटिंग, थकान या बिना किसी कारण के वज़न कम होने जैसे लक्षण होते हैं | पैरासाइट से मुक्ति पाने के लिए और इस्नोफिल्स के लेवल को नार्मल करने के लिए डॉक्टर आपको विशेषरूप से पैरासाइट को मारने वाली दवाएं देंगे | डॉक्टर आपको कॉर्टिकोस्टेरॉयड नहीं देंगे क्योंकि इनसे कुछ पैरासाइटिक इन्फेक्शन और बढ़ जाते हैं | [१५] X रिसर्च सोर्स
- पैरासाइट का इलाज आपके इन्फेक्शन के आधार पर अलग-अलग हो सकता है | कई केसेस में, डॉक्टर पिल्स देते हैं जिन्हें रोज़ लेना होता है |
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अगर आपको इसोफेजियल इस्नोफिलिया ( esophageal eosinophilia) है तो डॉक्टर से एसिड रिफ्लक्स के लिए दवाएं लें: आपको इस्नोफिलिया एसिड रिफ्लक्स, गेस्ट्रोइसोफेजियल रिफ्लक्स डिजीज (GERD) के कारण हो सकता है | इसोफेजियल इस्नोफिलिया के कन्फर्मेशन के लिए डॉक्टर EGD स्कोप जैसे टेस्ट कराते हैं जो एक प्रकार का स्कोप होता है जिसे इसोफेगस (आहारनली) में डाला जाता है और बायोप्सी की जाती है | डॉक्टर इस कंडीशन को ठीक करने के लिए आपको प्रोटोन-पंप इन्हिबिटर (PPI) जैसे नेक्सियम (nexium) या प्रेवासिड (prevacid) दे सकते हैं | [१६] X रिसर्च सोर्स
- इसोफेजियल इस्नोफिल्स से इसोफेजियल कैंसर होने की रिस्क बढती नही है | बल्कि इससे खाना फंसने के कारण इसोफेजियल स्ट्रिक्चर (मार्ग संकरा होना) की रिस्क बढ़ जाती है |
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अगर आपको इस्नोफिलिक अस्थमा है तो रेस्पिरेटरी ट्रीटमेंट कराएं: डॉक्टर आपको कॉर्टिकोस्टेरॉयड इनहेलर या बायोलॉजिकल मेडिकेशन जिसे मोनोक्लोनल एंटीबाडी कहा जाता है, दे सकते हैं | आपकी ब्रोंकियो थर्मोप्लास्टी भी की जा सकती है | इस प्रोसीजर के दौरान डॉक्टर आपके मुंह या नाक में एक प्रोब डालते हैं जो आपके एयरवेज़ को गर्म करता है जिससे उन्हें आराम दिया जा सकता है | [१७] X रिसर्च सोर्स
- ब्रोंकियो थर्मोप्लास्टी के समय आपको बेहोश भी किया जा सकता है | लेकिन इस प्रोसीजर से रिकवर होने में कुछ घंटे ही लगते हैं |
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अगर आपको हाइपरइस्नोफिलिया है तो इमैटिनिब (imatinib) के लिए डॉक्टर से सलाह लें: हाइपरइस्नोफिलिया के कारण इस्नोफिलिक ल्यूकेमिया जैसे ब्लड कैंसर हो सकते हैं | इस रिस्क को कम करने के लिए, आपको इमैटिनिब दी जा सकती है | यह आपके हाइपरइस्नोफिलिया का इलाज़ करेगी और इसके साथ ही कैंसर सेल्स की ग्रोथ को धीमा कर देगी | डॉक्टर मॉनिटर करते रहेंगे कि कोई ट्यूमर तो नहीं बन रहा है | [१८] X रिसर्च सोर्स
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इस्नोफिलिया के क्लिनिकल ट्रायल को ज्वाइन करें: वर्तमान में इस बात की ज्यादा जानकारी नहीं है कि इस्नोफिल लेवल को क्या ज्यादा प्रभावित करता है | क्लिनिकल ट्रायल मे हिस्सा लेने के लिए इस्नोफिलिया से ग्रसित लोगों की जरूरत होती है जिससे एनवायर्नमेंटल कारणों की स्टडी की जा सके और नए ट्रीटमेंट ऑप्शन्स खोजे जा सकें | चूँकि ये अनटेस्टेड ट्रीटमेंट होते हैं इसलिए क्लिनिकल ट्रायल में शामिल होने पर कुछ रिस्क होती हैं | ऐसा कहा जाता है कि आप ऐसा ट्रीटमेंट खोज पाएंगे जो आप पर काम करेगा | [१९] X विश्वसनीय स्त्रोत Mayo Clinic स्त्रोत (source) पर जायें
- आप https://clinicaltrials.gov/ पर क्लिनिकल ट्रायल को खोज सकते हैं |
सलाह
- इस्नोफिलिया आमतौर पर दूसरी मेडिकल कंडीशन के लिए टेस्ट करने पर मालूम चलता है | वर्तमान में इस्नोफिलिया के कोई भी जाने-पहचाने लक्षण नहीं हैं क्योंकि इसके प्रत्येक टाइप के कारण अलग-अलग रेंज के लक्षण हो सकते हैं |
- अगर आपको हाइपरइस्नोफिलिया डायग्नोज़ हो चुका था तो डॉक्टर आपके ब्लड और हार्ट की रेगुलर मॉनिटरिंग कराने की सिफारिश कर सकते हैं |
रेफरेन्स
- ↑ https://www.mayoclinic.org/diseases-conditions/eosinophilic-esophagitis/basics/alternative-medicine/con-20035681
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- ↑ https://healthfully.com/lower-eosinophils-7510497.html
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- ↑ https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/18692598
- ↑ https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/22053741
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- ↑ https://www.fammed.wisc.edu/files/webfm-uploads/documents/outreach/im/handout_elimination_diet_patient.pdf
- ↑ https://emedicine.medscape.com/article/199879-treatment
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