हर किसी को अपनी ज़िंदगी में कभी-न-कभी तो उदासी (sadness) का सामना करना पड़ता है। स्टडीज़ से पता चलता है कि उदासी की भावना, हमें महसूस होने वाली बाकी की भावनाओं से ज्यादा समय तक बनी रहती है, ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि हम अपना ज़्यादातर समय इसी के बारे में सोचने में बिताया करते हैं। उदासी भरे विचारों के बारे में लगातार सोचते रहना या बार-बार उन्हें अपने मन में लेकर आना और उन्हें महसूस करना अक्सर आपको आपकी उदासी की भावना पर काबू पाने से रोक लेते हैं। [१] X विश्वसनीय स्त्रोत PubMed Central स्त्रोत (source) पर जायें ऐसे कई तरीके हैं, जिनकी मदद से आप इस तरह के मुश्किल दौर से निकलने में मदद पा सकते हैं।
चरण
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जी भर के रोएँ: कुछ स्टडीज़ से ऐसा पता चलता है कि रोने से हमारे शरीर में एंडोर्फ़िंस (endorphins) नाम के नेचुरल “अच्छा महसूस कराने वाले (feel-good)” एक केमिकल के रिलीज होने की वजह से शरीर पर एक आरामदायक प्रभाव पड़ता है। रोना आपके पैरासिम्पेथेटिक (parasympathetic) नर्वस सिस्टम को भी एक्टिव कर सकता है, जो आपके शरीर को तनाव और आघात से उबरने में मदद करता है। [२] X विश्वसनीय स्त्रोत PubMed Central स्त्रोत (source) पर जायें
- कई सारी स्टडीज़ से पता चला है कि रोना हमारे दर्द को दूसरों तक पहुंचा देता है, इसी वजह से ये किसी भी चीज से निपटने एक बहुत अच्छा तरीका होता है। इसके अलावा, ये दूसरों को भी आपको सपोर्ट करने के लिए एंकरेज कर सकता है। [३] X विश्वसनीय स्त्रोत PubMed Central स्त्रोत (source) पर जायें
- डॉ. विलियम फ्रे (Dr. William Frey) का ये आइडिया की रोना शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालता है, मीडिया में बहुत पॉपुलर है। ये सच भी हो सकता है, लेकिन रोने की वजह से निकलने वाले टॉक्सिन्स या जहरीले पदार्थों की मात्रा बहुत कम होती है। ज़्यादातर आँसू तो वापस जाकर आपकी नेजल केविटी में ही सोख लिए जाते हैं।
- एक स्टडी ऐसा बताती है कि रोने के बाद में आपको कैसा फील होता है, ये ज़्यादातर इस बात के ऊपर निर्भर करता है कि आपके कल्चर में रोने को किस प्रकार से देखा जाता है। अगर आपके कल्चर में (या यहाँ तक कि आपकी फैमिली में भी) रोने को एक शर्मनाक बात की तरह माना जाता है, तो फिर रोने से आपको कोई फायदा नहीं मिलेगा। [४] X विश्वसनीय स्त्रोत PubMed Central स्त्रोत (source) पर जायें
- अगर आपको रोना आ ही नहीं रहा है, तो जबरदस्ती में भी रोने की कोशिश न करें। भले ही कुछ चर्चित धारणाओं के अनुसार किसी उदासी वाले पल के बाद में न रोने को अनहेल्दी माना जाता है, लेकिन ऐसा नहीं है। जबर्दस्ती में रोना, असल में आपको उस चीज से उबरने से रोक भी सकता है।
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एक्सरसाइज करें: कई सारी स्टडीज़ से पता चलता है कि एक्सरसाइज से एंडोर्फ़िंस और ऐसे दूसरे केमिकल भी रिलीज होते हैं, जो उदासी से लड़ने में आपकी मदद कर सकते हैं। एक स्टडी से पता चला कि जिन लोगों ने 10 हफ्ते तक मॉडरेट या मीडियम एक्सरसाइज की उन्होने दूसरे एक्सरसाइज नहीं करने वाले लोगों के मुक़ाबले ज्यादा एनर्जी महसूस की, पॉज़िटिव इंसान बन गए और शांत भी हो गए। इसके साथ ही, डिप्रेस फील कर रहे लोगों में एक्सरसाइज के फायदे और भी ज्यादा पाए गए। [५] X विश्वसनीय स्त्रोत PubMed Central स्त्रोत (source) पर जायें
- एक्सरसाइज से आपको किसी एक खास लक्ष्य के ऊपर ध्यान लगाने का मौका भी मिल जाएगा। ये आपके मन को आपकी उदासी से हटाने में भी मदद कर सकता है।
- ऐसा नहीं है कि एक्सरसाइज के फ़ायदों को देखने के लिए आपको मैराथन में दौड़ने निकल जाना है या फिर हर समय जिम में ही रहना है। यहाँ तक कि गार्डनिंग और वॉकिंग के जैसी हल्की एक्टिविटी से भी पॉज़िटिव असर दिखना शुरू हो जाता है।
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मुस्कुराएँ: कई सारी स्टडीज़ से पता चलता है कि फिर चाहे आप अंदर से दुखी ही क्यों न हों, ऐसी स्थिति में भी मुस्कुराना, आपको बेहतर महसूस करने में मदद कर सकता है। [६] X विश्वसनीय स्त्रोत Association for Psychological Science स्त्रोत (source) पर जायें डुशेन (Duchenne) स्माइल्स या ऐसी स्माइल, जिसमें आपकी आँखों की मसल्स के साथ में आपके मुंह के करीब की मसल्स भी इंगेज होती हैं, उनका आपके मूड के ऊपर एक पॉज़िटिव प्रभाव पड़ता है। [७] X विश्वसनीय स्त्रोत PubMed Central स्त्रोत (source) पर जायें इसलिए अगर आप दुखी महसूस कर रहे हैं, तो स्माइल करने की कोशिश करें। फिर चाहे शुरुआत में आपको हंसी न भी आ रही हो, लेकिन ये आपको और भी पॉज़िटिव महसूस करने में मदद कर सकता है। असल में, ऐसी 19 प्रकार की स्माइल हैं, जिन्हें आप परफ़ोर्म कर सकते हैं।
- रिसर्च से भी इसका ठीक उल्टा प्रभाव पता चलता है: कि ऐसे लोग जो अपना मुंह बनाए रहते हैं, वो लोग हमेशा अपना मुंह नहीं बनाए रहने वाले लोगों के मुक़ाबले ज्यादा नाखुश महसूस करते हैं। [८] X रिसर्च सोर्स
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म्यूजिक सुनें: म्यूजिक सुनना आपको आराम और रिलैक्स फील करा सकता है। आपने म्यूजिक सुनने को क्यों चुना, ये भी आप क्या सुन रहे हैं की तरह ही मायने रखता है। आपके पसंद के किसी एक “ब्यूटीफुल, लेकिन एक उदास” क्लासिकल म्यूजिक को सुनना भी लोगों को उनकी अपनी उदासी से उबरने में मदद कर सकता है। [९] X रिसर्च सोर्स [१०] X रिसर्च सोर्स
- हालांकि, ऐसा म्यूजिक सुनना भी एक अच्छा विचार नहीं होगा, जिससे आपको किसी उदासी भरी परिस्थित या अनुभव की याद आए। रिसर्च से पता चलता है कि ये आपकी उदासी को और भी बदतर बना देता है। ऐसा म्यूजिक चुनना, जो आपको अच्छा लगता है, आपकी उदासी को कम करने का सबसे ज्यादा प्रभावी तरीका होता है। [११] X रिसर्च सोर्स
- अगर आपके स्ट्रेस के पीछे की वजह आपकी उदासी है, तो ब्रिटिश एकेडमी ऑफ साउंड ने साइंस के मुताबिक “दुनियाभर की सबसे रिलैक्सिंग म्यूजिक” की एक प्लेलिस्ट तैयार करके रखी है। इन सॉन्ग्स में में एना (Enya), एयरस्ट्रीम (Airstream), मार्कोनी यूनियन (Marconi Union) और कोल्डप्ले (Coldplay) के म्यूजिक शामिल हैं।
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गुनगुने पानी से शॉवर लें या नहाएँ: रिसर्च से पता चलता है कि शारीरिक गर्माहट का एक आरामदायक प्रभाव होता है। एक गरम या गुनगुना शॉवर लेना आपको रिलैक्स फील करने में मदद करेगा। ये आपकी उदासी की भावना को भी कम करने में मदद कर सकता है। [१२] X रिसर्च सोर्स
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अपनी भावनाओं को स्वीकारें: उदासी महसूस होना नॉर्मल है और ये हेल्दी भी हो सकती है। रिसर्च से पता चलता है कि इंसान की मानसिक स्थिति को सही रखने के लिए जरूरी है कि उसे मिली-जुली और नेगेटिव भावनाएं महसूस हों। [१३] X रिसर्च सोर्स काफी सारी स्टडीज़ से ऐसा दिखता है कि वो लोग, जो माफी मांगते हैं या अपनी भावनाओं को दबाकर रखते हैं, वो लोग असल में उनकी नेगेटिव फीलिंग को और भी ज्यादा बढ़ा रहे होते हैं।
- अपने इमोशन्स के लिए खुद को जज किए बिना, उन्हें पहचानने की कोशिश करें। ऐसा सोचना बड़ा आसान है कि “इसमें कोई बड़ी बात नहीं है, मैं क्यों इसकी वजह से इतना दुखी हो रहा हूँ??” इसकी बजाय, आपकी ये भावनाएं जिस भी कारण से हैं, उसे स्वीकारें। ये उन्हें मैनेज करने में आपकी मदद करेगा। [१४] X रिसर्च सोर्स
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खुद को डिस्ट्रेक्ट करें: स्टडीज़ से पता चलता है कि अपनी उदासी की भावना के बारे में बार-बार सोचना या फिर बार-बार फिर से उसी भावना को महसूस करते रहना, रिकवरी की राह में रुकावट बन जाता है। [१५] X रिसर्च सोर्स खुद को अपनी उदास भावनाओं का जाप करते रहने से रोकना या डिस्ट्रेक्ट करना, उससे उबरने में आपकी मदद कर सकेगा। [१६] X विश्वसनीय स्त्रोत PubMed Central स्त्रोत (source) पर जायें
- करने के लायक एक ऐसी चीज की तलाश करें, जिससे आपको खुशी मिलती हो। ऐसे काम करना, जिन्हें करके आपको बहुत अच्छा लगता हो, उदासी से उबरने में आपकी मदद कर सकता है, फिर चाहे आपका उन्हें करना का मन भी न हो। [१७] X रिसर्च सोर्स वॉक पर निकल जाएँ। एक आर्ट क्लास लें। एक नई हॉबी की तलाश करें। क्लासिकल गिटार प्ले करना सीखें। चाहे जिस भी चीज से आपको आनंद मिलता हो, बस वही करें।
- फ्रेंड्स के साथ में बातें करें। अपने करीबी लोगों के साथ में बात करना, आपके शरीर में ऑक्सीटॉसिन (oxytocin) के प्रॉडक्शन को बढ़ा देता है। एक मूवी देखने जाएँ, कॉफी पिएं या फिर ब्लाइंड डेट पर चले जाएँ। स्टडीज़ से पता चलता है कि लोगों से दूर रहना, डिप्रेशन के लक्षणों को और भी बदतर कर देता है, जिसमें उदासी के लक्षण भी शामिल हैं। [१८] X विश्वसनीय स्त्रोत PubMed Central स्त्रोत (source) पर जायें
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माइंडफुलनेस की प्रैक्टिस करें: माइंडफुलनेस अपने अनुभव को पहचानने और खुद को जज किए बिना उन्हें स्वीकारने के ऊपर आधारित होती है। रिसर्च से पता चलता है कि माइंडफुलनेस की प्रैक्टिस करना असल में उदासी के लिए आपके ब्रेन के रिस्पोंस को बदल सकता है। साथ ही ये उदासी से भी तेजी से उबरने में मदद कर सकता है। [१९] X विश्वसनीय स्त्रोत PubMed Central स्त्रोत (source) पर जायें
- क्योंकि माइंडफुलनेस में प्रेजेंट में या अभी जो भी पल है, उसी के ऊपर फोकस किया जाता है, इसलिए ये आपको किसी बात की रट लगाए रखने से रोक लेता है।
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मेडिटेशन करें या ध्यान लगाएँ : माइंडफुलनेस मेडिटेशन, माइंडफुलनेस की एक कॉमन टेक्निक है। कई सारी स्टडीज से पता चला है कि माइंडफुलनेस मेडिटेशन किसी नेगेटिव विचार के लिए आपके ब्रेन के रिस्पोंस को कम कर सकते हैं। [२०] X विश्वसनीय स्त्रोत PubMed Central स्त्रोत (source) पर जायें
- माइंडफुलनेस मेडिटेशन डिप्रेशन और एंजाइटी (anxiety) के लक्षणों को भी कम कर सकता है।
- एक बेसिक माइंडफुलनेस मेडिटेशन में करीब 15 मिनट का समय लगता है और ये आपके स्ट्रेस, चिंता और उदासी को दूर करने में मदद कर सकता है। [२१] X रिसर्च सोर्स एक शांत, कम्फ़र्टेबल जगह की तलाश करें। एक चेयर पर या फिर अपने पैरों को क्रॉस करके फर्श पर बैठें। अपने टाइट कपड़ों को ढीला करें और खुद को कम्फ़र्टेबल करें।
- फोकस करने के लिए अपनी साँसों को चुनें। ये फिर साँस लेते समय अपने सीने के उठने और दबने के ऊपर फोकस करना हो सकता है या फिर हवा के आपकी नाक तक पहुँचने की सेन्सेशन को महसूस करना हो सकता है।अपने पूरे ध्यान को बस इसी एक चीज के ऊपर लगा दें।
- अपनी नाक से धीरे से साँस अंदर खींचें। अपने लंग्स में हवा जाने पर अपने पेट को रिलैक्स रखें और उसे फूलने दें। फिर धीरे से अपने मुंह से साँस बाहर करें।
- जब तक कि आप आपके फोकस को बनाए रख सकें, तब तक साँस लेना जारी रखें। आपको महसूस होने वाले सेन्सेशन को नोटिस करें। इसमें आपके कपड़ों की आपकी स्किन के ऊपर की फीलिंग या फिर आपके दिल की धड़कनें शामिल हैं।
- इन सेन्सेशन को पहचानें, लेकिन इन्हें जज न करें। अगर आप खुद को भटकता हुआ महसूस करें, तो फिर से अपनी साँसों पर फोकस करना शुरू कर दें।
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योगा या ताई ची (tai chi) करें: योगा और ताई ची से स्ट्रेस कम होता और मूड बेहतर होते पाया गया है। हो सकता है कि ऐसा, इस तरह की एक्सरसाइज में “सेल्फ-अवेयरनेस (self-awareness)” या खुद के ऊपर ध्यान लगाने की क्रिया की वजह से होता है। कई सारी स्टडीज़ से पता चलता है कि ताई ची से शारीरिक और मानसिक दर्द से राहत पाने में मदद मिल सकती है। [२२] X रिसर्च सोर्स [२३] X विश्वसनीय स्त्रोत PubMed Central स्त्रोत (source) पर जायें
- दूसरे लोगों के साथ मिलकर क्लास लेना भी शायद अकेले एक्सरसाइज करने के मुकाबले ज्यादा आराम दे सकता है।
विधि 3
विधि 3 का 5:
किसी दुख या लॉस का सामना करना (Dealing with Grief and Loss)
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जानें किन वजहों से दुख महसूस हो सकता है: उदासी की भावना उस समय महसूस होती है, जब आप से कोई चीज छूट जाती है या फिर आपका कोई अपना आप से दूर हो जाता है। अलग-अलग लोगों को किस तरह से दुख महसूस होता है, ये उनके ऊपर ही डिपेंड करता है, लेकिन दुखी होना, किसी लॉस का एक नेचुरल रिएक्शन होता है। कुछ कॉमन टाइप के लॉस में, ये शामिल हैं: [२४] X विश्वसनीय स्त्रोत PubMed Central स्त्रोत (source) पर जायें [२५] X रिसर्च सोर्स
- किसी अपने या करीबी इंसान जैसे कि किसी फ्रेंड, रिश्तेदार या फिर रोमांटिक पार्टनर का खोना
- जानना कि आपका कोई करीबी किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहा है
- किसी रिश्ते का खत्म होना
- अपने पालतू जानवर का खोना
- किसी टेस्ट या एक्जाम में कम मार्क्स आना
- घर छोड़कर जाना या फिर नए घर में शिफ्ट होना
- जॉब या बिजनेस का छूट जाना
- किसी जरूरी या सेंटीमेंटल चीज का खो जाना
- फिजिकल एबिलिटीज़ का खोना
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दुख के नेचुरल रिएक्शन को पहचानें: हर कोई दुख या लॉस के लिए अपने अलग तरीके से रिएक्ट करता है। दुखी होने का ऐसा कोई पहले से तय तरीका नहीं है, केवल जिसे ही “सही” माना जाए। लॉस के कुछ रिएक्शन में, ये शामिल हैं: [२६] X विश्वसनीय स्त्रोत PubMed Central स्त्रोत (source) पर जायें
- मानने से इन्कार करना (Disbelief): किसी लॉस को मानना या स्वीकार कर पाना मुश्किल होगा। आपके मन में शायद ऐसे विचार आ सकते हैं, “ऐसा कुछ नहीं है” या फिर “मेरे जैसे लोगों के साथ में ऐसा नहीं होता।”
- कन्फ़्यूजन (Confusion): किसी लॉस के तुरंत बाद में आपको किसी चीज के ऊपर कोंसंट्रेट करने में मुश्किल होगी। आपको शायद चीजें भूलने लग जाना या फिर अपने विचारों और भावनाओं को सही तरीके से एक्स्प्रेस करने में भी मुश्किल होगी।
- नम्बनेस (Numbness) या सुन्न हो जाना : दुख मनाने की शुरुआती स्टेज पर आपको शायद नम्ब होने की भावना महसूस हो सकती है। ये शायद आपके ब्रेन का आपको एकदम से सब-कुछ फील करने से रोके रखने का एक तरीका हो सकता है।
- चिंता (Anxiety): किसी लॉस के बाद में, खासतौर से अचानक हुए किसी लॉस के बाद चिंतित, नर्वस या फिर परेशान महसूस करना बहुत नेचुरल सी बात है।
- रिलीफ़ (Relief) इस इमोशन से लोगों को काफी शर्मिंदगी महसूस होती है, लेकिन ये भी एक नेचुरल रिस्पोंस ही है। आप शायद इस बात को लेकर रिलीफ़ फील कर सकते हैं कि आपका करीबी, जो काफी समय से एक दर्दनाक बीमारी से जूझ रहा था, अब जाकर उसे शांति मिली है। इस भावना के लिए खुद को जज न करें। [२७] X विश्वसनीय स्त्रोत PubMed Central स्त्रोत (source) पर जायें
- शारीरिक लक्षण (Physical symptoms): किसी के जाने के बाद आपको शायद कई तरह के अलग-अलग शारीरिक लक्षण महसूस हो सकते हैं। इसमें साँस न आना, सिरदर्द, मितली, कमजोरी और थकान शामिल हैं। आपको शायद सोने में भी मुश्किल हो सकती है या फिर आप शायद सारा समय बस नींद ही नींद भी महसूस कर सकते हैं।
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अपनी फीलिंग्स को जज न करें: ऐसे लोग, जिनकी कोई चीज या फिर पालतू जानवर खोया है, उनके लिए इस बात को शर्म महसूस करना कॉमन होता है, जैसे कि उन्हें इस तरह के लॉस के लिए “दुख नहीं मनाना चाहिए”। [२८] X विश्वसनीय स्त्रोत PubMed Central स्त्रोत (source) पर जायें इस तरह के “चाहिए वाले” स्टेटमेंट्स से बचने की कोशिश करें और अपने दुख को स्वीकार करें। ऐसी कोई चीज या और भी कुछ, जिसकी आप वैल्यू करते हैं, उसके खोने का दुख मनाने में कोई खराबी नहीं।
- कुछ रिसर्च से पता चला है कि अपने किसी करीबी पालतू जानवर की मृत्यु से भी ठीक किसी फैमिली मेम्बर के खोने के जितना ही दर्द होता है। [२९] X रिसर्च सोर्स
- हमारे देश में तो नहीं, लेकिन अमेरिका जैसे देश में तो एक “पैट लॉस हॉटलाइन (Pet Loss Hotline)” सेवा भी है। जिसमें ये लोगों को किसी बीमार जानवर के साथ होने वाली परेशानियों के साथ में निपटने, अपने दुख को संभालने और किसी नए पालतू जानवर को प्यार करने का तरीका सिखाते हैं। इस काम के लिए वहाँ पर एक हेल्पलाइन नंबर सर्विस भी उपलब्ध है।
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दुख मनाने की स्टेज या क्रम को समझें: लगभग हर किसी को दुख की ये पाँच स्टेज महसूस होती हैं: नकारना (denial), नाराजगी, बार्गेनिंग (bargaining) या उसे कुछ और ही मानना, डिप्रेशन और स्वीकृति। [३०] X विश्वसनीय स्त्रोत PubMed Central स्त्रोत (source) पर जायें जरूरी नहीं है कि हर किसी को ये इसी क्रम में महसूस हों। कुछ लोगों के लिए, दुख इन स्टेजेज़ का एक ऐसा साइकिल बना देता है, जो समय के साथ खुद-ब-खुद कम होने लग जाता है। [३१] X रिसर्च सोर्स
- ये स्टेज कोई तय क्रम में नहीं चलती हैं। ये आपको नहीं बताएँगी कि आपको कैसा फील करना चाहिए। इन्हें आप जो भी फील कर रहे हैं, उसे पहचानने और उसका सामना करने के लिए इस्तेमाल करें। अपने दुख मनाने के तरीके के लिए कभी भी गिल्टी मत फील करें।
- ये स्टेज शायद अलग-अलग स्टेज की तरह भी नहीं नजर आएंगी। आपको शायद कई सारी स्टेज शायद एक-दूसरे के साथ में भी महसूस हो सकती हैं। कुछ स्टेज तो शायद आपको महसूस भी नहीं होंगी। लॉस के लिए ऐसा कोई भी नॉर्मल एक अकेला एक्सपीरियंस नहीं होता, जिसे महसूस किया जाए। आपके दुख का अनुभव जैसा भी है, वो आपके लिए नेचुरल और यूनिक है। [३२] X रिसर्च सोर्स
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नकारने की भावना को पहचानें: नकारना, किसी भी बुरी खबर को सुनने पर होने वाला सबसे पहला रिएक्शन होता है। [३३] X विश्वसनीय स्त्रोत PubMed Central स्त्रोत (source) पर जायें यह अक्सर सुन्नता की भावना के रूप में प्रकट होता है। इसमें शायद “ये सच नहीं है,” “मैं इसे नहीं सुन सकता,” या फिर “मुझे कुछ नहीं हुआ” जैसा शामिल होता है।
- इस तरह से डिनायल या नकारने की भावना महसूस होते समय मन में “ये सब एक सपना है” एक कॉमन विचार होता है।
- सुन्न या सदमे में रहने को आपको “किसी की परवाह नहीं है” की तरह मत समझ लें। किसी चीज को नकारना, आपके मन का किसी नई परिस्थिति में एडजस्ट होने के दौरान आपको किसी तीव्र भावना से बचाकर रखने का एक तरीका होता है।हो सकता है कि आप किसी की पूरी जी-जान से भी फिक्र करते हैं, और उसके बाद भी आप सुन्न सा या डिनायल जैसा रिएक्ट करते हैं।
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नाराजगी की पहचान करें: नाराजगी भी लॉस का एक और दूसरा नेचुरल रिएक्शन है। [३४] X विश्वसनीय स्त्रोत PubMed Central स्त्रोत (source) पर जायें ये फीलिंग शायद “ये सही नहीं हुआ” या “मेरे साथ ऐसा क्यों हुआ?” की भावना के साथ में आ सकती है। हो सकता है कि आप अपने लॉस का सारा दोष डालने के लिए किसी और की या किसी चीज की तलाश भी करें। नाराजगी एक फीलिंग का एक कॉमन रिस्पोंस हैं, जैसे कि आपका स्थिति के ऊपर से काबू ही चला गया। इसके साथ ही ये इस फीलिंग का भी एक कॉमन रिस्पोंस है, जैसे कि आपको कोई नुकसान पहुंचा है।
- अगर आपको उदासी महसूस हो रही है, तो किसी एक ग्रीफ काउंसलर और/या सपोर्ट ग्रुप से बात करें। आपके लिए खुद से अपनी नाराजगी को कंट्रोल कर पाना मुश्किल हो सकता है। [३५] X विश्वसनीय स्त्रोत American Psychological Association स्त्रोत (source) पर जायें ऐसे में आपका किसी ऐसे इंसान से बात करना जरूरी है, जो आपकी नाराजगी को जज तो नहीं करेगा, लेकिन इससे उबरने में मदद कर सकता है।
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बार्गेनिंग या ऐसा होता, तो कैसा होता वाली भावना की पहचान करें: बार्गेनिंग के विचार और भावना शायद कभी-कभी शुरुआती लॉस के काफी समय के बाद महसूस हो सकते हैं। [३६] X विश्वसनीय स्त्रोत PubMed Central स्त्रोत (source) पर जायें ये विचार शायद आपने “ऐसा किया होता,” तो ऐसा न होता जैसे हो सकते हैं। आप शायद बेहद ज्यादा गिल्टी फील कर सकते हैं। आप शायद खुद को एक बार फिर से वापस अतीत में जाकर और इस लॉस को रोकने के लिए चीजों को अलग तरीके से करते हुए भी खुद को फील कर सकते हैं।
- इस स्टेज के दौरान भी हेल्प की तलाश करना जरूरी होता है। ये आपकी गिल्ट की फीलिंग को नहीं हल कर सकता है। आप शायद खुद को शांत करने में कामयाब भी नहीं हो सकेंगे। एक मेंटल हैल्थ प्रोफेशनल से बात करें या फिर एक ग्रीफ सपोर्ट ग्रुप की तलाश करें।
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डिप्रेशन को पहचानें (Recognize depression): डिप्रेशन भी लॉस का एक सबसे ज्यादा कॉमन रिएक्शन होता है। [३७] X विश्वसनीय स्त्रोत PubMed Central स्त्रोत (source) पर जायें ये केवल कुछ ही समय के लिए भी रह सकता है या फिर इससे उबरने में काफी लंबा समय भी लग सकता है। आप जब डिप्रेशन से जूझ रहे हों, उस दौरान प्रोफेशनल मेंटल हैल्थ की तलाश करना बहुत जरूरी होता है। अगर इसका इलाज न किया जाए, तो डिप्रेशन अक्सर और भी ज्यादा बदतर हो जाता है। डिप्रेशन के लक्षणों में, ये शामिल हैं:
- थकान
- सोने के पैटर्न में गड़बड़ी
- गिल्ट, मायूसी या बेकार महसूस करना
- डर और उदासी महसूस करना
- दूसरे लोगों से कोई भी संपर्क न महसूस होना
- सिरदर्द, क्रेम्प्स, मसल में दर्द और शरीर में दर्द महसूस होना
- उन चीजों से भी खुशी न मिलना, जिनसे आपको हमेशा मिला करती थी
- आपके “नॉर्मल” मूड में बदलाव (अचानक से ज्यादा चिढ़ना शुरू होना, सनकपन जैसा महसूस होना)
- खाने के पैटर्न में गड़बड़ी
- सुसाइड करने के विचार आना या प्लान करना [३८] X विश्वसनीय स्त्रोत National Institute of Mental Health स्त्रोत (source) पर जायें
- किसी दुख की वजह से होने वाली उदासी और क्लीनिकल डिप्रेशन के बीच में अंतर कर पाना बेहद मुश्किल होता है। ऐसे लोग, जो दुख में होते हैं, उन्हें शायद इनमें से सारे ही लक्षण महसूस हो सकते हैं। हालांकि, हालांकि, अगर कोई इंसान सुसाइड करने के बारे में सोच रहा है या फिर सुसाइड करने का प्लान कर रहा है, तो उसके क्लीनिकली डिप्रेस होने के चांस ज्यादा रहते हैं। अगर आपके मन में भी सुसाइड करने के ख्याल आ रहे हैं, तो जरा भी समय बर्बाद किए बिना, तुरंत मेडिकल हेल्प की तलाश करें।
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फ्रेंड्स और फैमिली से मदद की तलाश करें: अपने करीबी लोगों से अपने दुख के बारे में बात करने से भी मदद मिल सकती है। अपनी उदासी की भावना को दूसरों के साथ में शेयर करना आपको कम इंटेन्स फील करने में मदद कर सकता है। [३९] X विश्वसनीय स्त्रोत PubMed Central स्त्रोत (source) पर जायें
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खुद को टाइम दें: लॉस की वजह से होने वाली उदासी से उबरने में शायद थोड़ा ज्यादा टाइम लग सकता है। धैर्य रखें और साथ में नरमी से पेश आएँ। आपके लिए शायद दुख की आखिरी स्टेज “एक्सेप्टेन्स (acceptance)” तक पहुँचने में काफी समय लग सकता है। हर किसी को दुख महसूस होता है और वो उससे अलग-अलग तरीके से भी और अलग-अलग समय में रिकवर करते हैं, इसलिए जब तक कि आप पूरी तरह से तैयार नहीं हो जाते, तब तक आगे बढ़ने के लिए खुद के ऊपर दबाव न बनाएँ। [४०] X विश्वसनीय स्त्रोत PubMed Central स्त्रोत (source) पर जायें
विधि 4
विधि 4 का 5:
क्लीनिकल डिप्रेशन को पहचानना और उससे निपटना (Recognizing and Handling Clinical Depression)
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क्लीनिकल डिप्रेशन को “उदासी की भावना” के साथ में कंपेयर करें: क्लीनिकल डिप्रेशन उदासी या “अच्छा महसूस नहीं होने” की भावना से भी कहीं आगे होता है। ये एक सीरियस मेंटल हैल्थ इशू है, जिसके लिए ट्रीटमेंट कराना जरूरी होता है। डिप्रेशन कभी भी अपने आप से ठीक नहीं होता है। [४१] X विश्वसनीय स्त्रोत National Alliance on Mental Illness स्त्रोत (source) पर जायें
- उदासी एक नेचुरल ह्यूमन इमोशन है। ये किसी लॉस के रिस्पोंस के रूप में जन्म लेती है। ये कुछ अजीब सा या अनकम्फ़र्टेबल फील करने की वजह से भी महसूस हो सकती है। उदासी या “बुरा महसूस करना” आमतौर पर समय के साथ में अपने आप कम हो जाता है। ये अक्सर एक हमेशा बनी रहने वाली एक फीलिंग नहीं होती है। उदासी शायद आती और जाती रह सकती है। ये आमतौर पर किसी खास अनुभव या मौके की वजह से सामने आती है।
- क्लीनिकल डिप्रेशन उदासी से भी आगे होता है। ये एक ऐसी फीलिंग नहीं है, जिससे लोग बस सीधे “उबर जाते हैं।” ये मुश्किल से ही कभी समय के साथ में कम होती है। ये आमतौर पर लगभग हमेशा या लगातार बनी रहने वाली भावना होती है। ये शायद किसी खास मौके या अनुभव की वजह से सामने नहीं आएगी। ये शायद एक ऐसी भावना होगी, जो आपकी डेली लाइफ में रुकावट डालना शुरू कर देगी। [४२] X विश्वसनीय स्त्रोत PubMed Central स्त्रोत (source) पर जायें
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क्लीनिकल डिप्रेशन के लक्षणों को पहचानें: क्लीनिकल डिप्रेशन शायद अलग-अलग लोगों में अलग-अलग तरह से नजर आ सकता है। आपको शायद इस डिसऑर्डर के सारे लक्षण न दिखाई दें। ये लक्षण आमतौर पर आपकी डेली लाइफ एक्टिविटीज़ में खलल डालते हैं और शायद इनसे काफी ज्यादा स्ट्रेस या काम बिगड़ने शुरू हो सकते हैं। अगर आपको बार-बार इनमें से पाँच या ज्यादा लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो आपको शायद क्लीनिकल डिप्रेशन हो सकता है: [४३] X विश्वसनीय स्त्रोत PubMed Central स्त्रोत (source) पर जायें
- सोने की आदतों में बदलाव
- खाने की आदतों में बदलाव
- ध्यान लगा पाने में या फोकस करने में मुश्किल होना, “कुछ भी समझ न आना”
- थकान या एनर्जी की कमी
- उन चीजों में इन्टरेस्ट में कमी, जिन्हें आप पहले पसंद किया करते थे
- चिड़चिड़ापन या बेचैनी
- वजन का कम होना या बढ़ना
- निराशा, हताशा या बेकार होने जैसी फीलिंग
- बिना वजह ही शरीर में दर्द, पीड़ा, क्रेम्प्स और भी दूसरी तरह के शारीरिक लक्षण
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डिप्रेशन के पीछे की वजह को जानें (what causes depression): डिप्रेशन के पीछे की वजहें तो काफी हैं और रिसर्चर्स अभी तक इसके काम करने के पीछे की असली वजह का पता नहीं लगा पाए हैं। किसी घटना की वजह से आपके ब्रेन के द्वारा डर और स्ट्रेस को हैंडल करने के तरीके में बदलाव आ सकता है। कई स्टडीज़ से ऐसा पता चलता है कि क्लीनिकल डिप्रेशन पर जेनेटिक्स का भी प्रभाव पड़ता है। ज़िंदगी के बदलाव, जैसे किसी करीबी इंसान का चला जाना या फिर डिवोर्स या तलाक से गुजरना, ये मेजर डिप्रेशन के पीछे की वजह बन सकते हैं। [४४] X विश्वसनीय स्त्रोत National Alliance on Mental Illness स्त्रोत (source) पर जायें
- क्लीनिकल डिप्रेशन एक कॉम्प्लेक्स डिसऑर्डर है। ये कभी-कभी आपके ब्रेन में मौजूद न्यूरोट्रांसमीटर्स जैसे कि सेरोटोनिन (serotonin) और डोपमाइन (dopamine) में किसी मुश्किल की वजह से भी सामने आ सकता है। [४५] X रिसर्च सोर्स दवाइयों से शायद इन केमिकल्स को रेगुलेट किया जा सकता है और डिप्रेशन को भी खत्म किया जा सकता है।
- सब्सटेन्स अब्यूस (Substance abuse) या मादक पदार्थों का गलत इस्तेमाल, जैसे कि शराब का दुरुपयोग और नशीली दवाओं का इस्तेमाल भी डिप्रेशन से जुड़ा होता है। [४६] X विश्वसनीय स्त्रोत PubMed Central स्त्रोत (source) पर जायें
- स्टडीज़ से पता चलता है कि लेस्बियन, गे और बाईसेक्सुअल लोगों के डिप्रेशन से जूझने की संभावना काफी ज्यादा होती है। ऐसा सोशल और पर्सनल सपोर्ट सिस्टम की कमी की वजह से हो सकता है। [४७] X विश्वसनीय स्त्रोत American Psychological Association स्त्रोत (source) पर जायें
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अपने डॉक्टर से बात करें: अगर आपको डिप्रेशन के ऐसे लक्षण महसूस हो रहे हैं, जो आपकी डेली लाइफ में रुकावट डाल रहे हैं, तो अपने फिजीशियन से इसके बारे में बात करके देखें। वो आपको एक एंटीडिप्रेसेंट मेडिकेशन (antidepressant medications) प्रिस्क्राइब कर सकते हैं, जो आपके ब्रेन में आपके मूड को प्रभावित करने वाले हॉर्मोन्स को रेगुलेट कर सकते हैं। [४८] X विश्वसनीय स्त्रोत PubMed Central स्त्रोत (source) पर जायें
- अपने सारे लक्षणों को ईमानदारी के साथ अपने डॉक्टर से शेयर करने का ध्यान रखें। एंटीडिप्रेसेंट मेडिकेशन के कई प्रकार उपलब्ध हैं। आपके लक्षण आपके डॉक्टर को ये तय करने में मदद करेंगे कि आपके लिए कौन सी दवाई सबसे ज्यादा मददगार होगी।
- आपके शरीर की केमिस्ट्री शायद दवाई के लिए एकदम अलग तरह से भी रिस्पोंड कर सकती है। आपके लिए सही काम करने वाली दवाई की तलाश करने से पहले आपको और आपके डॉक्टर को शायद अलग-अलग तरह के एंटीडिप्रेसेंट्स को ट्राई करके देखने की जरूरत पड़ेगी। अगर आपको लगता है कि किसी दवाई से कुछ महीने के बाद भी आपको कोई फर्क नहीं पड़ रहा है, तो अपने डॉक्टर से इस बारे में बात करें। [४९] X विश्वसनीय स्त्रोत PubMed Central स्त्रोत (source) पर जायें
- अपने डॉक्टर से बात किए बिना कभी भी एंटीडिप्रेसेंट मेडिकेशन को बदलने या उन्हें लेना बंद करने की कोशिश न करें। इसकी वजह से सीरियस हैल्थ और मूड इशू हो सकते हैं। आपके डॉक्टर एक दूसरे प्रभावी ट्रीटमेंट की तलाश करने में और उसे जारी रखने में आपकी मदद कर सकेंगे। [५०] X विश्वसनीय स्त्रोत PubMed Central स्त्रोत (source) पर जायें
- अगर आपको अभी भी आपकी एंटीडिप्रेसेंट मेडिकेशन से तकलीफ हो रही है, तो फिर एक साइकेट्रिस्ट (मनोरोग विशेषज्ञ) से मिलने का विचार करें। साइकेट्रिस्ट एक मेडिकल डॉक्टर है, जिसने साइकेट्रिक या मानसिक हैल्थ की मुश्किलों में ट्रेनिंग की होती है। ये शायद आपके लिए एक सही इलाज की तलाश करने के लिए आपकी दवाइयों को चेंज करने में मदद कर पाएंगे।
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मेंटल हैल्थ प्रोफेशनल से मदद की तलाश करें: क्योंकि डिप्रेशन के पीछे कई पहलुओं का प्रभाव होता है, इसलिए जरूरी है कि आप किसी प्रोफेशनल से मदद की तलाश करें। एक मेंटल हैल्थ प्रोफेशनल आपके इमोशन्स को समझने में और उन्हें सही तरीके से नेविगेट करने में मदद कर सकता है। ऐसे ट्रीटमेंट, जिनमें एंटीडिप्रेसेंट मेडिकेशंस के साथ में साइकोथेरेपी भी शामिल होती है, वो अक्सर दवाई अकेले लेने के मुक़ाबले ज्यादा असरदार होते हैं। [५१] X विश्वसनीय स्त्रोत PubMed Central स्त्रोत (source) पर जायें
- डिप्रेशन के बारे में दो आम अवधारणा मौजूद हैं। सबसे पहली ये कि “आपको इससे दूर भागने या भूलने की कोशिश करना चाहिए।” दूसरी ये कि मेडिकल हेल्प लेना कमजोरी की निशानी है। ये सच नहीं हैं। ये मानना कि अपनी हैल्थ को मेनेज करने के लिए आपको मदद की जरूरत है, ये स्ट्रेंथ और सेल्फ-केयर की निशानी है। [५२] X रिसर्च सोर्स
- कई तरह के मेंटल हैल्थ प्रोफेशनल मऊद हैं। साइकेट्रिस्ट और साइकेट्रिक नर्स प्रैक्टिसनर्स ही आमतौर पर वो हैं, जो आपको दवाई प्रिस्क्राइब कर सकते हैं। ये आपको थेरेपी भी प्रोवाइड कर सकते हैं।
- साइकोलॉजिस्ट के पास में साइकोलॉजी (क्लीनिकल, एजुकेशनल, काउंसलिंग) की फील्ड में डॉक्टरेट की डिग्री रहती है और थेरेपी में स्पेशलाइज ट्रेनिंग रहती है। ये आमतौर साइकेट्रिस्ट के मुक़ाबले सस्ते होते हैं, लेकिन ये बाकी के दौरे ऑप्शन से महंगे होते हैं।
- लाइसेन्स्ड क्लीनिकल सोशल वर्कर्स के पास में सोशल वर्क के लिए मास्टर्स की डिग्री होती है। ये साइकोथेरेपी सर्विसेज ऑफर कर सकते हैं। ये आप ही की कम्यूनिटी में मौजूद दूसरे ऑप्शन की तलाश करने में भी मदद कर सकते हैं। LCSWs (Licensed Clinical Social Worker) अक्सर कम्यूनिटी हैल्थ क्लीनिक्स में और यूनिवर्सिटी हैल्थ सेंटर्स में काम करते हैं।
- लाइसेन्स्ड मैरिज और फैमिली थेरेपिस्ट के पास में कपल्स और फैमिली से जुड़ी मुश्किलों को हैंडल करने की ट्रेनिंग होती है। ये शायद अकेली साइकोथेरेपी भी प्रोवाइड कर सकते हैं या शायद नहीं भी।
- लाइसेन्स्ड प्रोफेशनल काउंसलर के पास में काउंसलिंग में मास्टर की डिग्री होती है। इन्हें आमतौर पर मेंटल हैल्थ सर्विसेज ऑफर करने में ट्रेनिंग प्राप्त रहती है। LPCs (Licensed Professional Counselor Supervisor) अक्सर कम्यूनिटी हैल्थ क्लीनिक्स में काम करते हैं।
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अपने इंश्योरेंस प्रोवाइडर को कांटैक्ट करें: अगर आपने हैल्थ इंश्योरेंस कराया है, तो अच्छा होगा कि आप अपनी इंश्योरेंस कंपनी को कॉल करके, उनके द्वारा कवर किए जाने वाले आपके एरिया में मौजूद अच्छे हैल्थ प्रोवाइडर्स के बारे में पता करें। कुछ इंश्योरेंस कंपनीज के लिए फिजीशियन के रेफरल की जरूरत होती है। ज़्यादातर कंपनी केवल कुछ खास प्रोवाइडर्स के ट्रीटमेंट्स को ही कवर करती हैं। [५३] X विश्वसनीय स्त्रोत PubMed Central स्त्रोत (source) पर जायें
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अपनी फैमिली और फ्रेंड्स के टच में रहें: सोशल रिलेशनशिप से हट जाना, डिप्रेशन का एक कॉमन लक्षण होता है। हालांकि, अगर आप अपने करीबी लोगों से मिलते रहते हैं, तो इससे आपको काफी बेहतर महसूस हो सकता है। ये आपको सपोर्ट और प्यार भी दे सकते हैं। [५४] X विश्वसनीय स्त्रोत PubMed Central स्त्रोत (source) पर जायें
- हो सकता है कि आपको शायद किसी से मिलने या उनके साथ में इंटरेक्ट करने की “इच्छा न महसूस” हो। लेकिन फिर भी खुद को किसी भी तरह से ऐसा ही करने के लिए प्रेरित करना जरूरी होता है। खुद को दूसरों से अलग रखा आपके डिप्रेशन को और भी बदतर बना सकता है।
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अच्छी तरह से खाएं: आप बस अपनी डाइट को बदलकर डिप्रेशन से "राहत" नहीं पा सकते हैं। हालांकि, आप चाहें तो ऐसी चीजें खाने का फैसला जरूर कर सकते हैं, जिनसे आपको बेहतर फील करने में मदद मिल सके। [५५] X विश्वसनीय स्त्रोत PubMed Central स्त्रोत (source) पर जायें
- कॉम्प्लेक्स कार्ब्स (complex carbs) चुनें। साबुत अनाज (Whole grains), ब्राउन राइस, बीन्स और दाल कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट्स के अच्छे सोर्स होते हैं। ये कार्ब्स आपको लंबे समय तक भरा हुआ महसूस कराते हैं और आपके ब्लड शुगर लेवल्स को मेनेज करने में हेल्प करते हैं।
- शुगर और सिम्पल कार्ब्स का सेवन करने से बचें। ये आपको कुछ समय के लिए “भरा हुआ” महसूस करा सकते हैं, लेकिन क्रेश डाइट करना आपके लक्षणों को और भी बदतर बना सकता है।
- फल और सब्जियाँ खाएं। फलों और सब्जियों में विटामिन C और बीटा केरोटीन (beta-carotene) के जैसे काफी ज्यादा न्यूट्रीएंट्स पाए जाते हैं। ये एंटी-ऑक्सीडेंट्स उन फ्री रेडिकल्स से लड़ने में मदद कर सकते हैं, जो बॉडी फंक्शनिंग को डिस्टर्ब कर सकते हैं। अपने ज़्यादातर खाने में फ्रेश फ्रूट और सब्जियाँ शामिल करने की कोशिश करें। [५६] X विश्वसनीय स्त्रोत PubMed Central स्त्रोत (source) पर जायें
- भरपूर प्रोटीन का सेवन करें। कई स्टडीज़ से पता चलता है कि ज्यादा प्रोटीन का सेवन करना आपकी अलर्टनेस को बढ़ा सकता है। ये आपके मूड को भी बेहतर बनाने में मदद कर सकता है। [५७] X रिसर्च सोर्स
- ओमेगा-3 फेटी एसिड्स (Omega-3 fatty acids) को शामिल करें: इन फेटी एसिड्स को नट्स, अलसी और सोयाबीन के जैसे ऑयल में और साथ ही हरी पत्तेदार सब्जियों में पाया जाता है। इन्हें टूना, सैल्मन और सार्डिन्स के जैसी फेटी फिश में भी पाया जाता है। कुछ रिसर्च से पता चलता है कि फेटी एसिड्स का सेवन करने से डिप्रेशन के खिलाफ एक हल्का प्रोटेक्टिव प्रभाव पैदा होता है।
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अच्छी नींद लें: डिप्रेशन अक्सर आपकी सोने की आदतों को बदल देता है। हर रात करीब आठ घंटे की नींद लेना बहुत जरूरी होता है। रेगुलर टाइम पर सोने जाना और सोने जाने से पहले टीवी के सामने से हट जाने के जैसी सोने की अच्छी आदतें बनाने की कोशिश करें। [५८] X विश्वसनीय स्त्रोत PubMed Central स्त्रोत (source) पर जायें
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एक्सरसाइज करें: अगर आप डिप्रेशन में हैं, तो आपको शायद बाहर जाने और एक्सरसाइज करने का मन नहीं होगा। हालांकि, स्टडीज़ से ऐसा पता चलता है कि एक्सरसाइज करना आपके मूड को बेहतर बना सकता है। हर दिन कम से कम 30 मिनट की मॉडरेट फिजिकल एक्टिविटी करने का लक्ष्य रखें। हफ्ते में कम से कम दो बार स्ट्रेंथ-ट्रेनिंग करना भी मददगार हो सकता है। [६१] X विश्वसनीय स्त्रोत PubMed Central स्त्रोत (source) पर जायें
- कुछ रिसर्च ऐसा सजेस्ट करती हैं कि अगर आप रेगुलरली एक्सरसाइज करते हैं, तो आपके डिप्रेस होने के चांस कम होंगे। [६२] X रिसर्च सोर्स
- ऐसे लोग, जो मोटे होते हैं, उनके डिप्रेस होने की संभावना और ज्यादा होती है। साइंटिस्ट इसके कनैक्शन को पूरी तरह से नहीं समझते हैं, लेकिन एक्सरसाइज मोटापे और डिप्रेशन को कम करने में मदद कर सकती है।
विधि 5
विधि 5 का 5:
सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर या SAD को पहचानना और हैंडल करना (Recognizing and Handling Seasonal Affective Disorder)
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सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर की पहचान करें: सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर या SAD एक तरह का डिप्रेशन है, जो बदलते सीजन की वजह से होने वाले बायोकेमिकल इम्बैलेंस की वजह से होता है। कुछ लोकेशन में, आमतौर पर जो इक्वेटर से दूरी पर होते हैं, वहाँ पर बारिश और ठंड के महीने में सूरज की रौशनी कम पड़ती है। ये आपके शरीर की केमिस्ट्री को बदल सकता है और ऐसे कुछ लक्षण पैदा कर देता है, जो भी लगभग क्लीनिकल डिप्रेशन की तरह ही रहते हैं। [६३] X रिसर्च सोर्स इन लक्षणों में, ये शामिल हैं: [६४] X विश्वसनीय स्त्रोत PubMed Central स्त्रोत (source) पर जायें
- कम एनर्जी या थकान
- ध्यान लगाने में मुश्किल
- भूख का बढ़ना
- अकेले या सबसे छिपकर रहने की चाहत
- बिगड़ा हुआ नींद का पैटर्न, बहुत ज्यादा नींद आना
- SAD आमतौर पर 18 और 30 वर्ष की उम्र में शुरू होता है।
- अगर आप SAD से जूझ रहे हैं, तो आपको कार्बोहाइड्रेट के सेवन की बढ़ी हुई इच्छा महसूस हो सकती है। [६५] X रिसर्च सोर्स इसकी वजह से वजन बढ़ना शुरू हो जाता है।
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प्रोफेशनल ट्रीटमेंट की तलाश करें: SAD का इलाज भी ठीक क्लीनिकल डिप्रेशन के इलाज की तरह होता है। SAD का इलाज करने में आमतौर पर एंटी-डिप्रेसेंट मेडिकेशंस और प्रोफेशनल थेरेपी ही काफी मददगार होती हैं। [६६] X विश्वसनीय स्त्रोत Cleveland Clinic स्त्रोत (source) पर जायें
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लाइट थेरेपी (light therapy) ट्राई करें: लाइट थेरेपी आपके शरीर की इंटरनल क्लॉक को रेगुलेट कर सकती है। लाइट थेरेपी डिवाइस को आप कई सारे रिटेलर्स से और ऑनलाइन भी खरीद सकते हैं। लाइट थेरेपी लैम्प को 10,000 Lux का (Lux लाइट की इंटेन्सिटी को दर्शाता है) होना चाहिए। [६७] X विश्वसनीय स्त्रोत Cleveland Clinic स्त्रोत (source) पर जायें
- इसकी पुष्टि के लिए एक बार लैम्प के मेनुफ़ेक्चरर से बात करके पता कर लें कि लैम्प को SAD का इलाज करने के लिए बनाया गया है या नहीं। कुछ लाइट बॉक्स को अल्ट्रावॉयलेट लाइट को छोड़कर किसी तरह की स्किन से जुड़ी बीमारी के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है और इनसे आपकी आँखों पर नुकसान पड़ सकता है।
- लाइट थेरेपी आमतौर पर सेफ रहती है। हालांकि, अगर आपको बाइपोलर अफेक्टिव डिसऑर्डर है, तो कोई भी लाइट थेरेपी शुरू करने से पहले आपको अपने डॉक्टर से बात कर लेना चाहिए।
- लाइट थेरेपी की वजह से ऐसे लोगों को और भी मुश्किल हो सकती है, जिन्हें ल्यूपस (lupus), स्किन कैंसर या फिर किसी तरह की आँखों से जुड़ी समस्या हो। [६८] X विश्वसनीय स्त्रोत National Health Service (UK) स्त्रोत (source) पर जायें
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ज्यादा धूप लें: नेचुरल सनलाइट के सामने आना आपके मूड को बेहतर बना सकता है। अपने घर के पर्दे और खिड़कियाँ खोलें, हो सके तो थोड़ा समय घर के बाहर भी बिताएँ। [६९] X विश्वसनीय स्त्रोत PubMed Central स्त्रोत (source) पर जायें
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ठंड के दिनों का आनंद लें: जब भी हो सके, तो ठंड के मौसम का आनंद लेने की कोशिश करें। अगर आपके घर में ठंड से बचने के लिए आग जलायी जाती है, तो आग के सामने बैठें। थोड़े मार्शमेलो रोस्ट करें। हॉट कोको (बेशक लिमिट में ही) पिएं। [७०] X विश्वसनीय स्त्रोत PubMed Central स्त्रोत (source) पर जायें
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एक्सरसाइज करें: ठीक क्लीनिकल डिप्रेशन की तरह ही, आप एक्सरसाइज करके SAD के लक्षणों को भी कम कर सकते हैं। अगर आपके आसपास का माहौल ठंड वाला है, तो फिर स्कीइंग या स्नोशूइंग (snowshoeing) के जैसे किसी ठंड वाले स्पोर्ट्स में हिस्सा लें। [७१] X विश्वसनीय स्त्रोत PubMed Central स्त्रोत (source) पर जायें
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नेचुरल रेमेडीज़ का इस्तेमाल करके देखें: किसी भी तरह की नेचुरल रेमेडी का इस्तेमाल करने से पहले हमेशा एक बार अपने डॉक्टर से इसके बारे में बात जरूर करें। कुछ तरह की रेमेडीज़ किसी मौजूदा बीमारी के लिए इस्तेमाल किए जाने वाली दवाइयों के काम में रुकावट डाल सकती हैं या फिर दूसरी तरह की मुश्किलें पैदा कर सकती हैं।
- अपनी नींद को रेगुलेट करने के लिए मेलटोनिन (melatonin) लेकर देखें: अगर SAD की वजह से नींद लेने में कोई तकलीफ होगी, तो मेलटोनिन सप्लिमेंट्स आपके नींद के साइकिल को रेगुलेट करने में मदद कर सकते हैं। [७२] X विश्वसनीय स्त्रोत PubMed Central स्त्रोत (source) पर जायें
- सेंट जॉन्स वॉर्ट (St.John’s wort) लेकर देखें। इस बात के कुछ सबूत है कि सेंट जॉन्स वॉर्ट कुछ माइल्ड डिप्रेसिव लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है। सेंट जॉन्स वॉर्ट किसी भी प्रिस्क्रिप्शन मेडिकेशन के असर को सीमित कर सकता है, जिसमें बर्थ कंट्रोल पिल्स, हार्ट मेडिकेशंस और कैंसर की दवाएं शामिल हैं। [७३] X रिसर्च सोर्स सेंट जॉन्स वॉर्ट को ट्राईसाइक्लिक्स (tricyclics) या दूसरी तरह के एंटी-डिप्रेसेंट मेडिकेशंस के साथ में नहीं लिया जा सकता है। इसकी वजह से शायद सेरोटोनिन सिंड्रोम (serotonin syndrome) हो सकता है। सेंट जॉन्स वॉर्ट को डॉक्टर की सलाह के बिना कभी न लें।
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धूप वाली जगहों पर घूमने जाएँ: अगर आप एक ऐसी जगह पर रहते हैं, जहां पर ठंड के दिनों में बहुत कम नेचुरल धूप आती है, तो अपने विटामिन D के लेवल को बूस्ट करें, जो SAD को रोकने में मदद कर सकता है। [७४] X विश्वसनीय स्त्रोत PubMed Central स्त्रोत (source) पर जायें किसी धूप वाली जगह पर छुट्टियाँ मनाने जाएँ। गोवा और कैरिबियन के जैसी धूप वाली जगह, जहां पर ठंड के दिनों में भी धूप देखने को मिल जाती है, वहाँ घूमने जाएँ।
सलाह
- दूसरे लोगों के लिए जो चीज मायने रखती है, उसमें उनकी मदद करें। ज़्यादातर समय आप जब लोगों की मदद करते हैं, तो वो खुशी आप तक पहुँच जाती है। किसी की मदद करना, अपने खुद के चेहरे पर मुस्कुराहट लाने का सबसे अच्छा तरीका होता है।
- रिलैक्सेशन के लिए और मजे करने के लिए टाइम निकालना खुद को बेहतर फील कराने के लिए जरूरी होता है।
- अगर आप धार्मिक या आध्यात्मिक हैं, तो फिर अपने धर्म से भी लाभ पाएँ। ये आपकी उदासी को कम करने में मदद कर सकते हैं।
- हमारे पॉज़िटिव और खुश रहें। जबर्दस्ती में हर बात को दिल पर लेने से बचें। कुछ पाने की बजाय हमेशा लोगों को खुशी देने का मन रखें।
चेतावनी
- अपने डॉक्टर से बात किए बिना एंटीडिप्रेसेंट मेडिकेशंस को बदलें या लेना बंद न कर दें। ऐसा करने से आपको कुछ बहुत सीरियस मेडिकल इशू का सामना कर पड़ सकता है या शायद सुसाइड से जुड़े विचारों का सामना भी करना पड़ सकता है।
- अगर आपकी उदासी आपको खुद को या फिर दूसरों को नुकसान पहुंचाने के लिए मजबूर करती है, या फिर अगर आपको सुसाइड से जुड़े ख्याल आ रहे हैं या आप इसका प्लान कर रहे हैं, तो तुरंत मेडिकल हेल्प की तलाश करें। ऐसे कई रिसोर्स हैं, जिन तक आप पहुँच सकते हैं। +91 98204 66726 (AASRA), +9183768 04102 (Fortis) ये 24/7 चालू रहने वाले नेशनल सुसाइड प्रिवेंशन हेल्पलाइन के नंबर हैं। इसके अलावा आप चाहें तो 100 (पुलिस) नंबर जैसी इमरजेंसी सर्विस पर भी कॉल करके मदद मांग सकते हैं। [७५] X विश्वसनीय स्त्रोत National Suicide Prevention Lifeline स्त्रोत (source) पर जायें
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