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यदि आपने अपने स्कूल का प्रधान या मॉनिटर बनने के लिए एप्लाइ किया है या फिर आप पहले से ही मॉनिटर हैं तो फिर आपको यह पता होना चाहिए कि कैसे आप बेहतर मॉनिटर या प्रिफ़ेक्ट (prefect) बन सकते हैं | तो अब अच्छा प्रधान बनने के लिए सबसे पहले आपको यह ध्यान रखना जरूरी है आपका काम आपके स्कूल के टीचर और वहाँ पढ़ने वाले बच्चों की मदद करना है | आपके स्कूल के नियमों का अनुसरण कर के और जरूरत पड़ने पर लोगों की मदद कर के आप स्टूडेंट्स के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत करें और यह सुनिश्चित करें कि एक मॉनिटर होने के नाते आप अपने सभी कर्तव्य अच्छे से निभा रहे हैं |

विधि 1
विधि 1 का 3:

बेहतर उदाहरण प्रस्तुत करें

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  1. आप हमेशा अपने गुस्से और परेशानी को अन्य स्टूडेंट्स के सामने कंट्रोल में रखने का प्रयास करें | उनके लिए एक मिसाल बनकर अपनी आशावादिता और शिष्टाचार का प्रदर्शन करने से आपको विपरीत परिस्थिति में भी सफलता मिलेगी |
    • जैसे कि, यदि स्कूल के किसी प्रोग्राम में होने वाला डांस केंसिल होने के कारण स्टूडेंट्स आपसे शिकायत करते हैं तो उनकी यह बात मानने की बजाय आप उनसे यह बोल सकते हैं कि “मुझे पता है डांस केंसिल हो गया है पर इस बहाने हम सब साथ में एकत्र हुये हैं और हम सब मिलकर उस रात को कुछ मौज-मस्ती कर सकते हैं |”
  2. आप स्कूल में किसी स्टूडेंट से, टीचर से या स्कूल फेकल्टी के अन्य सदस्यों से बात करते समय उनका आदर करें | जब आपके इस अच्छे व्यवहार को स्कूल के अन्य बच्चे देखेंगे तो वे भी उसे अपनाएँगे, इसलिए आप उनके लिए एक अच्छे उदाहरण बनें | यदि आप स्कूल के हैड या मॉनिटर होकर किसी का सम्मान नहीं करेंगे तो बाकी बच्चे भी आपको देखकर समझेंगे कि यही व्यवहार सही है और वे भी किसी का सम्मान करना नहीं सीखेंगे |
  3. क्लास में शामिल रहें और होमवर्क करें | यदि आपको किसी विषय को समझने में परेशानी है तो अपने टीचर को बताएं या ट्यूटर की मदद लें | पढ़ाई के लिए किए गए आपके इन प्रयासों को बाकी के बच्चे भी देखेंगे |
  4. ईमानदार बनें : किसी भी स्टूडेंट्स या टीचर्स से झूठ नहीं बोलें और न ही कोई बहाने बनाएँ | यदि आप अपना होमवर्क करना भूल जाते हैं तब भी सच बोलें | स्टूडेंट्स को अपनी ईमानदारी का परिचय दें फिर भले ही आप होमवर्क न करने के परिणामों से डर रहे हों, पर यह झूठ बोलने से तो अच्छा ही होगा |
विधि 2
विधि 2 का 3:

नियमों को मानें

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  1. यदि आपके स्कूल में यूनिफॉर्म चलती है तो प्रतिदिन साफ-सुथरी और आयरन की हुई ड्रेस पहनकर स्कूल जाने का ध्यान रखें | यदि आपके स्कूल में यूनिफॉर्म नहीं है तो भी आप साफ और सलीकेदार ड्रेस पहनकर स्कूल जाएँ | अपने स्कूल के ड्रेस कोड को ध्यान से पढ़ें ताकि आप गलती से नियमों को न तोड़ सकें |
  2. स्कूल से बेमतलब की छुट्टी न मारें और यदि आप बीमार हैं तब भी कोशिश करें कि बहुत लंबी छुट्टी न लेना पड़े | क्योंकि बहुत दिनों तक स्कूल न आने से इसका असर आपकी पोजीशन पर तो होगा ही और इससे आप अपने मॉनिटर के कर्तव्यों को निभाने में भी रुकावट आएगी |
  3. यदि आप बार-बार क्लास में देर से पहुंचेंगे तो बाकी बच्चों का ध्यान भी इस बात पर जाएगा इसलिए समय पर क़लक़ में पहुँचें और बच्चों के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत करें | यदि आप किसी वास्तविक कारण से क्लास में देर से पहुँचे तो ध्यान रखें कि एक नोट (note) लिखकर ले जाएँ और अपने टीचर को दे दें |
  4. आपको जहां और जिस काम के लिए होना चाहिए उसे छोड़कर स्कूल के हॉल, गार्डन या इधर-उधर न घूमते रहें | अपने स्कूल के हैड स्टूडेंट होने के नाते आपको अपनी सही जगह पर उपलब्ध होना चाहिए ताकि यदि किसी स्टूडेंट या फ़ैकल्टी को आपसे काम हो तो आप उन्हें आसानी से मिल जाएँ | यदि आप बोर्डिंग स्कूल में हैं तो फिर आपको वहाँ के डोरमेटरी में होना चाहिए ताकि जब भी बाकी स्टूडेंट्स को आपकी जरूरत हो तो वे आपके पास पहुँच सकें |
विधि 3
विधि 3 का 3:

स्टूडेंट्स के लिए उपलब्ध रहें

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  1. स्कूल में जब भी आप हॉल से या कॉरीडोर से गुजरें तो चलते-फिरते हुये वहाँ के स्टूडेंट्स को देखकर मुस्कुराना सीखें (Smile) और उनको हेलो कहें और उनसे बातचीत करते समय ज्यादा से ज्यादा मिलनसार होने का प्रयास करें | इसके अलावा ऐसी चीजों या बातों को करने से बचें जिससे सबको लगे कि आप बहुत व्यस्त रहते हैं या उन्हें अनदेखा करते हैं, जैसे कि हमेशा अपने मोबाइल में या किताबों में ही व्यस्त न बनें रहें |
  2. प्रभावशाली ढ़ंग से बात करें (Communicate Effectively) : स्टूडेंट्स से बातचीत करें ताकि आपको उनके कामों का और उनकी सोच का अंदाजा लग सके और आप यह समझ पाएँ कि कैसे उनके भले के लिए आप उनकी मदद कर सकते हैं | यदि किसी स्टूडेंट को कोई परेशानी है तो उस बारे में फ़ैकल्टी से बात करें | एक मॉनिटर या स्कूल के हैड स्टूडेंट होने के नाते आपका काम, वहाँ की फ़ैकल्टी और स्टूडेंट्स के बीच एक सेतु बनना है ताकि आप यह सुनिश्चित करें कि आप उन दोनों पक्षों से बातचीत करें और उनकी बातें एक दूसरे तक पहुंचायें |
  3. यदि आपके स्कूल के स्टूडेंट्स को पढ़ाई में या फिर दोस्त बनाने में परेशानी हो रही है तो उनका सहयोग करें और समस्या को सुलझाने में उनकी मदद करें | अपने दोस्तों के साथ मिलकर परेशान बच्चों की समस्या का मज़ाक न उड़ायें और न ही उनके बारे में कोई उल्टी-सीधी बात करें | यदि कोई स्टूडेंट आपको अपनी समस्या बताता है तो जब तक बात बहुत गंभीर न हो, उसका रहस्य किसी भी बच्चे या फ़ैकल्टी के सदस्य के सामने न खोलें |
  4. आप किसी भी स्टूडेंट के साथ भेदभाव न करें | अपने पसंदीदा स्टूडेंट के साथ अच्छा व्यवहार और जिन्हें आप पसंद नहीं करते उन्हें हमेशा परेशान न करें | स्कूल में अपने व्यक्तिगत विचारों को अलग को अलग रखें ताकि आप सब से एक समान व्यवहार कर पाएँ | अपने दोस्तों को भी बता दें कि आप उन्हें कोई विशेष सुविधायें नहीं देने वाले और अपने दोस्तों के बुरे बर्ताव की खबर फ़ैकल्टी को देने से डरें नहीं | [1]

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