आर्टिकल डाउनलोड करें आर्टिकल डाउनलोड करें

एक क्रोधित व्यक्ति को शांत करने के लिए काफी धैर्य की आवश्यकता होती है। जब कोई काफी उत्तेजना में हो, “शांत हो जाओ” इन शब्दों से मामला और ज्यादा बिगड़ सकता है। उनकी बातें अच्छे से सुनना और कुछ ध्यान भटकाने वाली बातें करना, दोनों काम आ सकती है। हालांकि, जब किसी का गुस्सा फूटने वाला हो या अप्रत्याशित हो, वहां से हट जाने में ही अकलमंदी है। अगर क्रोधित व्यक्ति आपका माफीनामा कबूल नहीं करता, तो इन मौकों पर सबसे अच्छा है उनको थोड़ा वक्त देना और वहां से चले जाना।

भाग 1
भाग 1 का 4:

शांति बनाए रखे

आर्टिकल डाउनलोड करें
  1. यदि किसी का गुस्सा फूटने वाला हो, तो आप भी गुस्सा ना करें, इससे मामला और बिगड़ सकता है। अपने आप को शांत रखने में ध्यान दें, नहीं तो परिस्थिति बहुत जल्द ही एक झगड़े का सूरत ले लेगा। इसका मतलब यह नहीं कि आप भावहीन बन जाए, मगर कोशिश करें कि आपके भावनाएं गुस्से में तब्दील ना हो जाए।
    • अपने आपको शांत बनाए रखने का एक तरीका है,वह है अपने अहम/ अहंकार (Ego) को दूर रखना। [१] यह स्वाभाविक है कि आप एक क्रोधित व्यक्ति को, अपने आप के और अपने इज्जत के बचाव के लिए जवाब दें, मगर ये याद रखना जरूरी है कि जब तक की व्यक्ति शांत नहीं होता उसे समझाना व्यर्थ है। [२]
  2. जब कोई बहुत ज्यादा गुस्से में हो, और वह बड़ी मुश्किल से एक स्वर में बात कर पा रहा हो, उस व्यक्ति के नकारात्मक ऊर्जा को सोखना और अनजाने मे रक्षात्मक होना स्वाभाविक है। जब आप ऐसे व्यक्ति से वार्तालाप कर रहे हैं जो गुस्से में हैं, महसूस कीजिए कि यह गुस्सा आपको लेकर नहीं है। [३] [४] उस इंसान के भावनाओं को खुद से अलग करें जिससे कि आप उस इंसान के लिए वहां पर रह सके बिना उसके प्रति कोई आक्रोश लिए।
  3. लोग गुस्सा होने पर अक्सर पुरानी बातों को या हालातों को लेकर चर्चा करते हैं, खासकर जब वह आपको उनके गुस्से के अंदर घसीटना चाहते हो। [५] कृपया उनको वर्तमान परिस्थिति मैं बनाए रखें और इस समस्या को सुलझाने की कोशिश करते हुए उनका मुकाबला करें। अतीत में हुई घटनाओं की वजह से खुद के अंदर गुस्से की भावना ना आने दे।
    • अगर वार्तालाप अतीत की घटनाओं की ओर जाती हुई दिखाई दे, ऐसा कुछ कहने की कोशिश करें जैसे, “हम इसके बारे में बाद में बात कर सकते हैं। मुझे लगता है, अभी हमें उस विषय पर ध्यान देना होगा जो तुम्हें परेशान कर रहा है और उसका कोई समाधान ढूंढना होगा। चलो एक-एक करके कोशिश करते हैं।”
  4. अगर कोई चीख रहा हो, आप निश्चित करें कि वह अपनी भड़ास निकाल ले, मगर सबसे अच्छी बात जो आप कर सकते हैं वह है खामोश रहना या कुछ ना कहना। अगर आप बात करें भी तो एक धीमे आवाज में करें। अगर आप खामोश बने रहें, तो अपने चेहरे के भाव को सामान्य बनाए रखें और एक सामान्य शारीरिक हावभाव को अपनाएं। अगर आप व्यक्ति के चिल्लाने के “चारे (Bait)” का कोई प्रतिक्रिया ना दें, तो आप और ज्यादा नियंत्रण में होंगे। [६]
    • किसी को अपने गुस्से की भड़ास निकालने देना और मौखिक शोषण (verbal abuse) का शिकार बनना, इन दोनों में भिन्नता है। अगर व्यक्ति आप को गली दे, अनचाहे नाम से पुकारे, या आप पर कोई असंबंधित गुस्सा दिखाएं, आप ऐसे वाक्य कहना चाहेंगे जैसे, “मुझे पता है कि तुम गुस्से में हो और मैं तुम्हारे साथ यहां रहना चाहता हूं। मगर प्लीज़ अपना गुस्सा मुझ पर मत आजमाओ।”
भाग 2
भाग 2 का 4:

किसी के गुस्से को फीका करना

आर्टिकल डाउनलोड करें
  1. अगर आपने कुछ ऐसा किया है जिससे किसी व्यक्ति को क्रोध आया हो, शायद उनको एक असली माफीनामें की आवश्यकता है। माफी मांगना कमजोरी का लक्षण नहीं है। यह दिखलाता है कि आप दूसरे व्यक्ति के भावनाओं का कितना ख्याल करते हैं। [७] परिस्थितियों पर नजर डालें और देखें कि आपने कहीं कुछ गलत तो नहीं किया, और आपने कुछ ऐसा किया हो, तो सॉरी कह दीजिए। जो भी हुआ हो उसके बाद दोबारा अच्छा महसूस करने के लिए शायद किसी व्यक्ति को बस इतना ही सुनने की आवश्यकता होती है।
    • हालांकि, अगर आपको लगे की आपने कुछ गलत नहीं किया, तो फिर किसी व्यक्ति को सिर्फ शांत करने के लिए माफी मांगने की जरूरत नहीं है।
    • माफी मांगने का एक कारगर तरीका हो सकता है, “मुझे बहुत दुख है कि हवाई (Hawaii) में रिटायरमेंट के बाद जाने के लिए तुमने जो पैसे संजोए थे उनको मैंने खर्च किया। पता नहीं उस वक्त मैं क्या सोच रहा था, और मैं समझ सकता हूं कि तुम मुझ पर क्यों गुस्सा हो। चलो एक साथ इसका एक समाधान ढूंढते हैं।”
  2. कोई अगर बहुत ज्यादा गुस्से में है तो वह अपने भावनाओं द्वारा नियंत्रित होता है और वह अपने दिमाग का तर्कसंगत इस्तेमाल नहीं कर पाता। उनसे तर्कसंगत बातें करना और उनको “शांत रहने” या “तर्कशील होने” का सुझाव देना, आग में घी डालने जैसा ही है और इसे वह खुद को अमान्य महसूस करते हैं। [८]
  3. जब लोग भावुक महसूस कर रहे हो वह चाहते हैं कि कोई उन्हें समझे। सही में उस व्यक्ति के बातों को सुनिए। उनके आंखों में झांकिए, स्वीकृति में सिर को हिलाइए, और अधिक जानने के लिए प्रश्न कीजिए। वार्तालाप के इस प्रक्रिया से और उनकी भावनाओं को सुनने से व्यक्ति को शांत करने में सहायता मिलती है।
    • बिल्कुल, कभी-कभी क्रोधित व्यक्ति को प्रश्न पूछे जाना पसंद नहीं होता, और उनका गुस्सा इतना ज्यादा हो सकता है कि उन्हें किसी पर विश्वास नहीं रहता कि कोई उन्हें सही में समझ सकता है। अगर व्यक्ति का मूड दिल खोल कर बातें करने की ना हो, तो उन्हें ज़ोर न करें।
  4. समय-समय पर हर कोई क्रोधित होता है। कभी-कभी गुस्सा अन्य भावनाओं को ढक देता है, जैसे दुख, शर्मिंदगी, या उदासी की भावना। चाहे इंसान के गुस्से का कोई भी कारण हो, उन्हें सुने और उनको मान्यता देते हुए प्रतिक्रिया दें (जरूरी नहीं कि आप उनसे सहमत हो)। आपको इंसान के बारे में राय बनाने से बचना चाहिए, क्योंकि राय बनाने से वह आपके शब्दों और शारीरिक भाषा से उभर के सामने आएगा, जो समर्थन के अभाव का लक्षण है।
    • किसी के भावनाओं को मान्यता देने का एक उदाहरण इस प्रकार है “यह बहुत ही मुश्किल रहा होगा” या “मैं समझ सकता हूं कि तुम क्यों इतने झुंझलाए हुए हो।”
    • कथन जो उतने सहायक नहीं है, जैसे “तुम्हें इसे जाने देना चाहिए” या “मैंने इसी चीज को महसूस किया है और इससे उबर चुका हूं।”
  5. [९] दूसरों के दृष्टिकोण, दूसरे व्यक्ति के दुर्दशा को देख खुद पीड़ा अनुभव करना और दूसरों के भावनाओं को समझने में सक्षम होना, यह सब सहानुभूति के प्रकार हैं। [१०] किसी क्रोधित व्यक्ति के प्रति सहानुभूति दिखाने का प्रारूप कुछ इस प्रकार हो सकता है कि आप उनके बातों को सुने, और जाने कि वह क्या कह रहे हैं। [११]
    • किसी क्रोधित व्यक्ति को समवेदना जताने के लिए, कोशिश करें कि उनके गुस्से के स्रोत को घुमा फिरा कर, अलग ढंग से उन्हें पेश करें। आप उन्हें कह सकते हैं, “तो, तुम कह रहे हो कि तुम्हें गुस्सा इसलिए आता है क्योंकि तुम को घर की सारी जिम्मेदारियां अकेले उठानी पड़ती है।”
    • आपको शायद कहना पड़े, “मैं समझता हूं तुम क्या महसूस कर रहे हो,” मगर आपको पता होगा कि इससे व्यक्ति और भी गुस्सा हो सकते हैं। वह ऐसा सोच सकते हैं कि कोई नहीं समझता कि वह कैसा महसूस कर रहा हैं।
  6. यह नुस्खा काम करेगा कि नहीं यह जानने के लिए आपको परिस्थिति को पढ़ना पड़ेगा और क्रोधित व्यक्ति को अच्छे से समझना होगा, क्योंकि इससे शरीर में रसायनिक तब्दीलियां होती है। [१२] एक चुटकुला सुनाएं या रुक कर उस परिस्थिति में किसी चीज की और इशारा करें, जिससे आप दोनों की हंसी से माहौल ठंडा हो सके और संभवत उस इंसान को उसके गुस्से से निकाला जा सके।
  7. कुछ लोग बातूनी होते हैं, और कुछ लोग अकेले ही अपने भावनाओं को संभालते हैं। अगर बातें करने से इंसान को और ज्यादा गुस्सा आ रहा है, तो उनको थोड़ा समय और जगह दीजिए। [१३] ज्यादातर लोग शांत होने के लिए 20 मिनट का समय लेते हैं, मगर किसी किसी को इससे ज्यादा भी लग सकता है। [१४]
    • अगर आपको लगता है कि किसी को कुछ समय अकेले में रहना है, तो कहने की कोशिश करें, “मैं समझता हूं कि तुम गुस्से में हो, मगर मुझे नहीं लगता है कि मैं किसी तरीके से तुम्हें मदद कर पा रहा हूं, और मुझे लगता है तुम्हें कुछ देर अकेले रहना चाहिए। मैं तुम्हें यही मिलूंगा जब भी/ जहां भी तुम बात करने के लिए तैयार हो जाओगे।”
भाग 3
भाग 3 का 4:

एक समाधान की ओर चलना

आर्टिकल डाउनलोड करें
  1. देखिए अगर आप उस इंसान को अच्छा महसूस कराने के लिए कुछ कर सकते हैं, अगर गुस्से का स्रोत समाधान योग्य समस्या से जुड़ा हुआ है, तो शायद आप मदद कर सकते हैं। अगर व्यक्ति कारणों को सुनने योग्य शांत स्थिति मे है, तो समाधान की पेशकश करें, और स्थिति को सुधारा जा सके इसके लिए एक योजना तैयार करें। [१५]
    • कुछ मामलों में, एक क्रोधित व्यक्ति को इस तरीके से भी समझाना संभव नहीं होता। परिस्थिति का मूल्यांकन करें और निश्चित करें कि आप तब तक प्रतीक्षा करना चाहेंगे जब तक वह व्यक्ति सकारात्मक तर्कों को सुनने योग्य शांत न हुआ हो।
  2. गुस्से के भावना को समझने के लिए वर्तमान पर ध्यान देना जरूरी है, मगर एक समाधान प्राप्त करने के लिए आपको चाहिए कि आप उस इंसान का ध्यान भविष्य पर केंद्रित करवाएं। [१६] इससे इंसान को युक्तिपूर्वक सोचने और वर्तमान या अतीत में क्रोध को जारी रखने के बजाय समाधान से निकले परिणामों पर ध्यान केंद्रित करने से सहायता मिलेगी।
  3. व्यक्ति को यह स्वीकार करने के लिए मदद करें कि शायद कोई समाधान ना हो। जरूरी नहीं कि कोई भी समस्या या परिस्थिति जो किसी को क्रोधित करें, उसका कोई समाधान हो। अगर यही बात है तो, इस बात पर ज्यादा ज़ोर देना जरूरी है कि इंसान को उसके भावनाओं को नियंत्रित करना होगा और आगे बढ़ना होगा। [१७]
भाग 4
भाग 4 का 4:

कब पीछे हटना हो यह जाने

आर्टिकल डाउनलोड करें
  1. अगर आप शांत नहीं रह पा रहे हैं तो वहां से हट जाएं, अगर वह व्यक्ति आपको उकसा रहा है या गुस्सा दिला रहा है, हो सके तो आपको वहां से हट जाना चाहिए। आप खुद क्रोधित हो गए तो परिस्थिति और ज्यादा बिगड़ जाएगी, तो गुस्सा आने पर वहां से हट जाने से कोई झगड़ा या लड़ाई टाला जा सकता है। [१८]
  2. गुस्सा और दुर्व्यवहार एक समान चीज नहीं है। गुस्सा एक सामान्य मानवीय भावना है जिससे निपटना चाहिए। दुर्व्यवहार एक दूसरे से बातचीत करने का एक अस्वास्थ्यकर और बहुत ही खतरनाक तरीका है। नीचे दिए गए निम्नलिखित बातें हैं जो दुर्व्यवहार को प्रदर्शित करती हैं, न की गुस्से को: [१९]
    • शारीरिक धमकी देना (कहीं ना कहीं इससे ही हिंसा की शुरुआत होती है)
    • आपको दोषी महसूस कराना
    • नाम से पुकारना या गाली देना
    • योन नियंत्रण या जबरदस्ती करना
  3. अगर परिस्थिति हिंसक हो जाए तो सुरक्षित जगह चले जाएं: अगर आप ऐसे व्यक्ति से डील कर रहे हैं जिसको क्रोध नियंत्रण (Anger management) की समस्या है, तो आपको अपनी सुरक्षा के बारे में सोचना चाहिए, जल्दी वहां से चले जाना ही सही होगा। घरेलू हिंसा एक चलते रहने वाला चक्र है, और अगर हिंसा एक बार हुई है तो दोबारा भी होगी। यह आपके लिए महत्वपूर्ण है कि आप खुद को और अपने परिवार को शारीरिक और भावनात्मक रूप से सुरक्षित रखें। [२०] इस प्रकार के मामलों के लिए भारत के अलग-अलग राज्यों द्वारा कुछ खास हेल्पलाइन नंबर दिये जाते हैं। जिन्हे आप ऑनलाइन सर्च कर पा सकते हैं। या फिर राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (National Human Rights Commission India) से भी संपर्क कर सकते हैं। उनका टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर: 14433 है। यहां पर कुछ संकेत दिए गए हैं जिससे आपको पता चलेगा कि परिस्थिति हिंसक हैं:
    • उस इंसान को गुस्सा दिलाने में आपको डर लगेगा
    • वह इंसान आपकी बेइज्जती करेगा, समालोचना करेगा और आपको नीचा दिखाएगा
    • उस इंसान का तेवर अप्रत्याशित और हिंसक है
    • वह इंसान खुद के हिंसक व्यवहार के लिए आपको दोषी ठहराता/ ठहराती है
    • वह इंसान आपको चोट पहुंचाने की धमकी दे

संबंधित लेखों

एक कंडोम का प्रयोग करें
सेक्स की इच्छाओं पर काबू पाएँ (Control Sexual Urges)
कैसे पता करें कि गर्भ में पल रहा बच्चा लड़की है या लड़का?
जल्दी सिक्स पैक एब्स प्राप्त करें
कड़े मल को सॉफ्ट बनाएं
सेक्स की अवधी बढ़ाएं (Kaise Sex ka Samay Badhaye)
अपने मन पर काबू पायें (Control Your Mind)
अल्ट्रासाउंड पिक्चर पढ़ें (Read an Ultrasound Picture)
किसी को अपनी आँखों से हिप्नोटाईज (सम्मोहित) करें (Hypnotize Kaise Kare, Kaise Kisi ko Apne Bas Me Kare)
काम वासना पर विजय पायें
वीर्य की मात्रा बढ़ाएँ (Sperm, Shukranu ki sankhya badhayen)
सेक्स के बारे में सोचना बंद करें (Stop Thinking About Sex)
उत्तेजित लिंग (इरेक्शन) को शांत करें
महिला कंडोम का इस्तेमाल करें

विकीहाउ के बारे में

सभी लेखकों को यह पृष्ठ बनाने के लिए धन्यवाद दें जो ४,९६७ बार पढ़ा गया है।

यह लेख ने कैसे आपकी मदद की?