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कई बार किसी बड़े टेस्ट के लिए आपके पास सिर्फ एक दिन का ही समय बचता है | हो सकता है कि आप समय को टालते रहे हों या समय ही खत्म हो गया हो | अनुशासन और फोकस के साथ, आप केवल एक दिन की तैयारी में भी एग्जाम में सफलता हासिल कर सकते हैं | हालाँकि एडवांस में कम से कम एक सप्ताह पहले से ही टेस्ट की तैयारी कर लेना सबसे बेहतर होता है लेकिन समय बहुत जल्दी निकल जाता है | यहाँ कुछ तरीके बताये जा रहे हैं जो केवल एक दिन पढ़ाई करके भी टेस्ट में सबसे बेहतर परफॉरमेंस देने की गारंटी देते हैं |

विधि 1
विधि 1 का 3:

बेहतर स्टडी एनवायरनमेंट बनायें

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  1. डिस्ट्रेक्शंस से दूर किसी जगह पर पढ़ें जैसे आपके या आपके दोस्त के बेड पर | नये फिजिकल स्पेस में जाने से आपका ध्यान केवल आपके काम पर ही रहेगा |
    • ध्यान दें कि कोई ऐसी जगह ही चुनें जहाँ से आपको कुछ समय तक कोई हटाये नहीं | एक शांत कमरा, लाइब्रेरी, कॉफ़ी शॉप या आपकी स्टडी डेस्क सबसे बेहतरीन जगह हैं |
  2. स्टडी के लिए चुनी गयी जगह पर जाने से पहले पढ़ाई से सम्बंधित सभी चीज़ों की एक लिस्ट बना लें जिससे कोई भी चीज़ भूलें नहीं | इसमें टेक्स्टबुक, नोट्स, कंप्यूटर, स्नैक्स, पोस्ट-इट्स, हाईलाइटर और जरूरत की दूसरी चीज़ें शामिल होती हैं |
    • ध्यान रखें कि ऐसी कोई चीज़ न लायें जो आपका ध्यान भंग करें |
  3. जब तक स्टडी के लिए फोन की जरूरत न हो, पढ़ते समय फोन बंद करके ही रखें | इससे आप बिना रुके लम्बे समय तक स्टडी पर फोकस कर पाएंगे और डिस्ट्रेक्ट होने के चांसेस कम हो जायेंगे |
  4. इतने कम समय में घर पर अकेले पढना ही सबसे बेहतर होता है | लेकिन, नोट्स की तुलना करने और एकसाथ कॉन्सेप्ट्स के बारे में बात करने के लिए छोटे-छोटे ग्रुप में पढना भी मददगार साबित हो सकता है | [१] अगर आपने तय किया है कि स्टडी ग्रुप में पढने से आपको फायदा होगा तो ध्यान रखें कि ऐसे क्लासमेट चुनें जो कम से कम आपके समान स्मार्ट हों जिससे आप पढ़ाई में कमज़ोर न हों पायें |
    • दोस्तों के साथ पढ़ते समय सावधान रहें | अच्छे दोस्तों के साथ पढने पर बहुत आसानी से डिस्ट्रेक्शन हो जाता है | इसलिए ध्यान रखें कि आपके स्टडी ग्रुप में कुछ मेम्बर ऐसे भी हों जिन्हें आप केवल क्लास में ही मिले हों | [२]
विधि 2
विधि 2 का 3:

प्रभावशाली स्टडी तकनीकों को आजमायें

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  1. अगर आपके पास अपने नोट्स न हों तो किसी भरोसेमंद दोस्त से नोट्स की कॉपी लेना न भूलें | अपने नोट्स को फिर से पढना बहुत जरुरी होता है लेकिन सिर्फ इतना ही काफी नहीं है | पढ़ते जाएँ और मुख्य शब्दों और कॉन्सेप्ट्स को हाईलाइट करें या जरुरी सेक्शन को अलग दिखाने के लिए पोस्ट-इट्स का इस्तेमाल करें |
    • प्रत्येक चैप्टर और बड़ी कॉन्सेप्ट के लिए अपने नोट्स की समरी (उपसंहार) लिखें | [३] पेपर के एक अलग टुकड़े पर इन्हें सबसे सरल शब्दों में लिखें | ये समरी आपको स्टडी वाले दिन गाइड करने में मदद कर सकती हैं |
    • नोट्स को रिव्यु करते समय उन्हें क्रम से अलग पढ़ें | इससे आपको एक सीरीज के पार्ट की बजाय अपने आप ही हर तरह छोटी-छोटी की इनफार्मेशन समझ आ जाएगी |
  2. नोट्स को रिव्यु करते समय जोर से पढ़ें | अगर इनफार्मेशन को सिर्फ पढने की बजाय इसे जोर से पढने पर आपका दिमाग सुने और आप इसका उच्चारण करे तो याद रखना ज्यादा सरल हो जायेगा |
    • एक काल्पनिक स्टूडेंट को चैप्टर या कॉन्सेप्ट पढ़ाने की कोशिश करें | [४] इससे आप पर विषय को पूरी तरह से स्पष्ट करने के लिए जोर पड़ेगा | अगर आप इसे किसी और को समझाने की कोशिश करेंगे तो स्पष्ट हो जायेगा कि आप स्टडी मटेरियल को पूरी तरह से समझ पाय हैं या नहीं | आप ऐसा किसी स्टडी ग्रुप या पार्टनर के साथ भी कर सकते हैं |
  3. जब आप आखिरी समय पर बहुत सारी इनफार्मेशन को याद रखने की तैयारी करते हैं तो कुछ याददाश्त बढाने वाली तकनीकों का इस्तेमाल करना बेहतर होगा |
    • इनफार्मेशन को बार-बार लिखकर याद करने से वो इनफार्मेशन दिमाग में बैठ जाती है | इस विधि से काम करते समय कम से कम तीन बार इन आईडिया या फैक्ट की कॉपी करना न भूलें |
    • मेमोरी डिवाइस (mnemonic devices) का इस्तेमाल करें | म्नेमोनीक डिवाइसेस ऐसी तकनीक होती हैं जो दिमाग में जानकारी को बनाये रखने में मदद करती हैं | कवितायेँ, संक्षिप्त रूप वाले शब्द और गाने बनायें जिन्हें आप मटेरियल से जोड़ सकें और उन्हें याद रखने में मदद मिल सके |
  4. नोटकार्ड या क्यू कार्ड के सेट पर टर्म्स और उनकी पूरी परिभाषा लिखें | इससे आप पूरे दिन खुद अपना टेस्ट ले सकते हैं | ये टेस्ट वाले दिन भी फायदेमंद हो सकते हैं क्योंकि आप इन्हें बस में या लंच की लाइन में भी रिव्यु कर सकते हैं | [५]
  5. विशेषरूप से अपनी टेक्स्ट बुक या पाठ्यपुस्तक का इस्तेमाल करें: अपनी टेक्स्ट बुक को फिर से पढने पर विशेषरूप से एक दिन की स्टडी में सारी जानकारी को याद रखने में मदद नहीं मिलेगी | इसलिए रिव्यु करते समय चैप्टर की समरीज और गहरे अक्षरों में लिखे हुए मुख्य शब्दों को पढ़ें और चैप्टर की प्रस्तावना और उपसंहार पर ध्यान दें क्योंकि इनमे आमतौर पर कुछ विशेष संक्षिप्त जानकारी होती हैं |
    • चैप्टर के अंत में या टेक्स्टबुक में पीछे दिए गये सवालों पर ध्यान दें | आपको कौन सी चीजे पढने पर ध्यान देना है, इसकी परख के लिए जितना हो सके, खुद को टेस्ट करते रहना जरुरी होता है |
  6. सारे मटेरियल को रिव्यु करने के लिए एक स्टडी गाइड बनाना बहुत ही असरदार उपाय है | एक क्विक रिफ्रेशर के लिए टेस्ट वाले दिन इस पर नजर डालना भी काफी फायदेमंद साबित हो सकता है | आपको जिन मटेरियल को कवर करना है, उनकी एक लिस्ट बनाएं जैसे मुख्य टर्म्स, तारीखें और कॉन्सेप्ट्स | इसके बाद, वापस जाएँ और नोट्स के इस्तेमाल से प्रत्येक एरिया को टाइप करके या हाथ से लिखकर फिल करें | इन आइडियाज को अपने शब्दों में लिखें और यकीन मानिये इस तरह से लिखने से सच में ये आपके दिमाग में बैठ जायेंगे |
    • कोई दोस्त या क्लासमेट भी खुद अपनी स्टडी गाइड बना सकते हैं जिन्हें समय की कमी होने पर आप उनसे उधार ले सकते हैं | लेकिन, खुद अपनी स्टडी गाइड बनाने से आप खुद अपने शब्दों में इनफार्मेशन भरेंगे और मटेरियल की कॉपी निकालेंगे जिससे ये नोट्स दिमाग में सेट हो जायेंगे |
  7. समय की कमी रहने पर भी आपको ध्यान रखना होगा कि आप टेस्ट की तैयारी सही तरीके से उसके फॉर्मेट के आधार पर करें | टेस्ट के फॉर्मेट के बारे में जानने के लिए सिलेबस को देखें या क्लास नोट्स पर नजर डालें | अगर आपको कुछ समझ न आ रहा हो तो अपने क्लासमेट से सम्पर्क करें जिससे आप सही चीज़ें पढ़ें |
    • बहुविकल्प (multiple choice) वाले टेस्ट के लिए, आमतौर पर छोटी-छोटी डिटेल्स और फैक्ट्स के अलावा, शब्दावली और परिभाषा वाले सवाल पूछे जायेंगे | इनमे सीक्वेंस और स्टेप्स वाले सवाल भी हो सकते हैं | मल्टीपल चॉइस वाले टेस्ट्स में चीज़ों के बीच समानता और अंतर के बारे में पूछे जाने वाले सवाल आते हैं | हालाँकि सीमित समय में हर छोटी-छोटी डिटेल याद रखना मुश्किल हो सकता है इसलिए पूरे सब्जेक्ट को कवर करने की बजाय विशेष एरियाज पर फोकस करें | [६]
    • निबंध या लघु उत्तर वाले टेस्ट्स के लिए, आपकी विस्तृत विषय और आइडियाज की अच्छी समझ को परखा जायेगा | टेक्स्टबुक और सिलेबस के आधार पर कुछ सैंपल वाले सवालों की तैयारी करें | खुद को 15 मिनट का समय दें और प्रत्येक सवाल के लिए डिटेल्ड आउटलाइन लिखें जिससे आप इसे एक पूरे निबन्ध में बदल सकें | कुछ मुख्य टर्म्स और उदाहरणों को याद रखें जिनका इस्तेमाल आप वास्तविक टेस्ट के दौरान अपने निबन्ध में सपोर्ट के रूप में कर सकें |
विधि 3
विधि 3 का 3:

स्टडी प्लान बनायें

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  1. ध्यान दें कि आपको टेस्ट में आने वाली चीज़ों के बारे में स्पष्ट रूप से जानकारी हो | इसमें डेट रेंज, स्पेसिफिक साइंटिफिक थ्योरी या गणित के सवाल शामिल हो सकते हैं | विशेषरूप से पढ़ाई के लिए बहुत ही कम समय रह जाने पर, ये चीज़ें आपकी सफलता के लिए जरुरी हो जाती है |
  2. [७] दिन के घंटों को बाँटें और तय करें आप किन चीज़ों पर कितना फोकस करेंगे | ध्यान रखें कि आप खुद को सोने के लिए पर्याप्त समय भी दें |
  3. आपकी जानकारी के जरूरी सभी चीज़ों की एक लिस्ट बनायें: सिलेबस को रिव्यु करें या टीचर के द्वारा दिए गये नोट्स से पढ़ें | पता करें कि सही रूप से कौन सी चीज़ें कवर हो गयी हैं और रिव्यु किये जाने वाले जरुरी मटेरियल की लिस्ट आप खुद बनायें |
  4. खुद को बार-बार ब्रेक देना न भूलें जिससे आपका मन पढ़ाई से थक न पाए | 45 मिनट तक काम करें और फिर 15 मिनट का ब्रेक लें | ब्रेक के दौरान अपने मेमेल चेक करें, फोन का इस्तेमाल करें या उठें और बाहर टहलकर आयें |
    • खुद के लिए ब्रेक शिड्यूल बनाने का एक अच्छा तरीका है-50/10 मेथड का इस्तेमाल | 50 मिनट तक बिना किसी डिस्ट्रक्शन के मन लगाकर स्टडी करें | खुद इसकी जिम्मेदारी लें | अगर आप रुक जाएँ या डिस्ट्रेक्ट हों तो फिर से 50 मिनट तक पढ़ें | जब आप बिना डिस्ट्रेक्ट हुए 50 मिनट तक पूरी तरह से पढ़ चुके हों तो 10 मिनट का ब्रेक लें | इससे आप पढ़ते समय ज्यादा प्रोडक्टिव बने रहेंगे |
  5. बड़ी थ्योरीटिकल या केटेगरी वाली कॉन्सेप्ट्स की लिस्ट बनायें और उन्हें अच्छी तरह से समझें | आखिरी मिनट में पढ़ते समय, यह बहुत जरुरी होता है आप सबसे पहले बड़ी कॉन्सेप्ट्स को समझ लें | [८] हालाँकि टेस्ट में आपसे छोटी-छोटी डिटेल्स पूछी जा सकती हैं इसलिए खुद को छोटे फैक्ट्स से रूबरू कराने के लिए बड़ी थ्योरीज की जानकरी देना बहुत जरुरी होता है |
    • इन बड़ी-बड़ी ग्रुपिंग के अनुसार टर्म्स और फैक्ट्स को व्यवस्थित करें | इस तकनीक को "chunking" कहा जाता है | इन अलग-अलग कॉन्सेप्ट्स को उस समय याद रखना काफी आसान हो जाता है जब आप इन्हें किसी ज्यादा बड़े हिस्से के रूप में याद करते हैं |
  6. आमतौर पर, टीचर साल या सेमस्टर की शुरुआत में ही आपको सिलेबस दे देते हैं जिसमे कोर्स में कवर होने वाले सारे मटेरियल की डिटेल होते हैं | इसलिए एक बार फिर से सिलेबस चेक करें जिससे स्टडी की कोई भी चीज़ न छूट पाए |
    • आप पानी स्टडी को गाइड करने के लिए सिलेबस का इस्तेमाल भी कर सकते हैं | अगर आपको पढ़ाने के लिए आपके प्रोफेसर स्टडी मटेरियल को इसी तरीके से व्यवस्थित करें तो इससे बेहतर और क्या हो सकता है | अपने कोर्स के मटेरियल पर विस्तृत रूप से नजर डालने के लिए और ज्यादा से ज्यादा जानकारी को बेहतर रूप से व्यवस्थित करने के लिए सिलेबस का इस्तेमाल करें |
    एक्सपर्ट टिप

    Nathan Fox, JD

    LSAT टीचर, LSATdemon के फाउंडर
    नाथन फॉक्स एक LSAT टीचर, Thinking LSAT Podcast के सह-होस्ट, और LSATdemon के सह-संस्थापक हैं। नाथन छह LSAT किताबों, जिनमे शामिल हैं The Fox LSAT Logical reasoning Encyclopedia, के लेखक हैं। उन्होने फ़रवरी 2007 में LSAT में 179 अंक प्राप्त किए, और वह Hastings College of Law, University of California के JD धारक हैं।
    Nathan Fox, JD
    LSAT टीचर, LSATdemon के फाउंडर

    अगर मौका मिले तो अपने एग्जाम को रिशिड्यूल करने पर विचार करें । LSAT जैसे टेस्ट के लिए एक रात की पढ़ाई काफी नहीं होती । अगर आप टेस्ट को हल्के में लेते हैं या केवल एक या दो सप्ताह पहले से ही तैयारी करते हैं तो आप उतना हाई स्कोर नहीं पा पाएंगे जितना आप हासिल कर सकते हैं । आपको इस तरह के टेस्ट्स के लिए सच में लगभग तीन महीने की स्टडी की जरूरत होती है लेकिन अगर आपके पास तैयारी के लिए पर्याप्त समय नहीं है तो आपको इसे रिशिड्यूल करना होगा ।

सलाह

  • ध्यान रखें कि आपके पास हेल्दी स्नैक्स और खूब सारा पानी हो [९] खाने से ब्रेन के फंक्शन बेहतर रखने में मदद मिलती है और इससे पड़ी गयी इनफार्मेशन को याद रखने में मदद मिलती है |
  • पर्याप्त नींद लें | पढने के लिए सिर्फ एक दिन बचने पर संभव है कि आप उतना न सो पायें जितना आपको सोना चाहिए | लेकिन, बेहतर रेस्ट करने पर ही आपका ब्रेन अच्छी तरह से काम कर पायेगा [१०] | अगर आप पूरी रात नहीं जागेंगे तो ही टेस्ट वाले दिन बेहतर फोकस कर पाएंगे |
  • संभवतह एक दिन से ज्यादा स्टडी करने पर आपकी टेस्ट परफॉरमेंस में ज्यादा सुधार आ पायेगा | अगर हो सके तो अगली बार एग्जाम से एक सप्ताह पहले से पढ़ाई करने का प्लान बनाने की कोशिश करें |
  • शांत रहें | स्ट्रेस से फोकस करने और प्रोडक्टटिव रहने में ज्यादा परेशानी होगी |
  • सब्जेक्ट के आधार पर समय का विभाजन करें (उदाहरण के लिए सरल क्लास के लिए बीस मिनट का समय पर्याप्त है) | प्रत्येक सब्जेक्ट के लिए खुद को इतना समय दें |
  • पढ़ते समय एकाग्रचित्त रहें | मानव चेतना चक्र आधे घंटे से 45 मिनट तक बेहतर काम करता है |
  • एक चैप्टर पढ़ें और फिर केवल 15 मिनट या उससे भी कम समय के लिए ब्रेक लें |
  • पूरी किताब को हाईलाइट न करें बल्कि मुख्य शब्दों का करें |
  • अगले दिन जल्दी जागें और हाईलाइट किये गये मुख्य शब्दों को पढ़ें | अगर आपने इन्हें जल्दी ही पढ़ लिया हो तो फिर से सो जाएँ |
  • पढने से पहले या थकान अनुभव होने पर मैडिटेशन करें | मैडिटेशन से दिमाग रिलैक्स हो जाते है और आप पढ़ाई पर अच्छी तरह से फोकस कर पाते हैं |

चेतावनी

  • पूरी रात जागकर पढ़ाई न करें | नींद की कमी से एग्जाम देते समय आपको थकान होगी और आपका फोकस कम हो जायेगा और गलतियाँ होने की संभावना बढ़ जाएगी |
  • जब आप टेस्ट के लिए रटते हैं तो आप एक ही समय में बहुत सारी जानकरी अपने दिमाग में डालने की कोशिश कर रहे होते हैं और आप उम्मीद करते हैं कि सही समय (टेस्ट देते समय) आने पर ये सारी जानकारी दिमाग से बाहर ला सकते हैं | लेकिन रटने के सेशन से आपने जो भी याद किया था, वो धीरे-धीरे भूल जाओगे और बाद में दुखी होगे (जैसे छहमाही या फाइनल एग्जाम आने पर) | इसलिए पूरे सेमेस्टर के दौरान हर दिन थोडा-थोडा पढना बेहतर होता है | इस तरह से आप सच में उसे सीख पाएंगे |
  • अपने दोस्तों से आखिरी मिनट में डिस्कस करें अन्यथा आप खुद को कन्फ्यूज़ कर लेंगे | उनसे केवल वही सवाल पूछें जो आप न जानते हों |

विकीहाउ के बारे में

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