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एक फूड डायरी रखना आपके लिए हर रोज के लिए जरूरी चीजों के बारे में एक आइडिया देने में मदद करती है। ये अपनी डाइट को कंट्रोल में रखने का एक अच्छा तरीका होता है और इससे आपको आपके द्वारा खाई जाने वाली चीजों के बारे में और उन चीजों की वजह से आपकी हैल्थ और लाइफ़स्टाइल के ऊपर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में एक अंदाजा मिल जाता है। उदाहरण के लिए, अगर आपको डाइजेशन खराब है या फिर और दूसरी मेडिकल परेशानी है, तो एक फूड डायरी रखना आपको उन इंग्रेडिएंट्स का पता लगाने में मदद कर सकती है, जिसकी वजह से आपको परेशानी हो रही है। इन सबके अलावा, एक फूड डायरी आपके वजन को मैनेज या कम करने में मदद कर सकती है या फिर ज्यादा हेल्दी खाने में आपकी मदद कर सकता है। आपकी डाइट के बारे में कुछ नोट्स लिखकर स्टार्ट करें और आप खुद भी ये देखकर सरप्राइज़ हो जाएंगे कि आपने उससे क्या-क्या सीख लिया।

विधि 1
विधि 1 का 3:

आपके खाने और पीने की चीजों का ट्रेक रखना

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  1. एक नोटबुक में आपकी डायरी तैयार करना या फिर आपके फोन पर एक फूड जर्नल एप डाउनलोड करके आपके द्वारा खाए और पिए जाने वाली चीजों का बड़ी आसानी से ट्रेक रखा जा सकता है। आपको डेट, टाइम, जगह, आपने जो खाया, जिस मात्रा में खाया और कुछ एक्सट्रा नोट्स का ट्रेक रखने की जरूरत भी होगी। [१]
    • अगर आपको चीजों को अपने हाथ से लिखने की आदत है, तो एक खाली नोटबुक का इस्तेमाल करें या फिर एक ऐसी डेली डायरी खरीद लें जिसके हर एक पेज पर दिन में आपके द्वारा खाई हुई चीजों का रिकॉर्ड रखने की भरपूर जगह हो। आप चाहें तो ऑनलाइन भी ऐसे सैंपल फूड डायरी पेज की सर्च कर सकते हैं जिन्हें आप प्रिंट कर सकें और नोटबुक में इस्तेमाल या कॉपी कर सकें।
    • अगर आप चाहें तो एक एप या ऑनलाइन ट्रेकलिंग डिवाइस भी इस्तेमाल कर सकते हैं। क्योंकि फूड जर्नलिंग काफी पॉपुलर हो गई है, इसलिए ऐसे कुछ अच्छे एप्स मौजूद हैं, जिनमें से आप चुन सकते हैं।
  2. सबसे सही फूड जर्नल के सबसे ज्यादा मददगार होने की संभावना भी रहेगी। आपके मुंह के अंदर जाने वाली हर एक चीज को लिखने या उसका नोट लेने की कोशिश करें। सभी आहार, ड्रिंक्स, स्नेक्स और यहाँ तक खाने के एक-एक बाइट्स को शामिल करें। [२]
    • बहुत ध्यान से आगे बढ़ें और मुश्किल फूड्स को इंग्रेडिएंट के अनुसार ब्रेक कर लें। उदाहरण के लिए, "टर्की सैंडविच" लिखने की बजाय, ब्रेड की संख्या, टर्की और मसालों को अलग-अलग एंट्री में लिखें। केसरोल और स्मूदी जैसे दूसरे मिक्स्ड फूड्स को भी इसी तरह से हैंडल करें। ये आपको खाने में मौजूद चीजों या कैलोरी की कुल मात्रा का याद रखने में मदद करेगा।
    • ऑफिस के दौरान मिलने वाली कुकीज़ जैसे स्नेक्स या ऐसी ही दूसरी चीजों को भी रिकॉर्ड करना न भूलें। [३]
    • सभी ड्रिंक्स को रिकॉर्ड कर लें। पानी के सेवन का भी ट्रेक रखना न भूलें। आपके द्वारा पिए जाने वाली पानी की मात्रा का ट्रेक रखना, आपको इस बात का अंदाजा दिलाने में मदद करेगा कि आपको हाइड्रेट रहने के लिए और पानी पीना चाहिए या नहीं।
  3. अगर आप आपके द्वारा खाई जाने वाली कैलोरी की मात्रा को लेकर चिंता में हैं, तो फिर आपके द्वारा ली जाने वाली कैलोरी की मात्रा भी आपकी डायरी में शामिल करने के लायक एक जरूरी डेटा होती है। आपको इस मात्रा के सही होने की पुष्टि करने में मदद के लिए एक फूड स्केल या मेजरिंग कप भी खरीदना पड़ सकता है।
    • इसके पहले की आप आपके द्वारा ली जाने वाली मात्रा में कोई भी बदलाव करें, आप खुद को नॉर्मली जितना खाना परोसते हैं, उसे मापकर शुरुआत करें। अगर पोर्शन बहुत ज्यादा या बहुत छोटे हैं, तो जरूरत के अनुसार एडजस्टमेंट कर लें।
    • अपने खाने को मेजर करते रहें या ऐसे कप, बाउल या दूसरे कंटेनर इस्तेमाल करते रहें जिन्हें खासतौर से मेजरमेंट के लिए बनाया गया हो। ये आपकी डायरी को सटीक बनाने में मदद करेगा। अंदाजा लगाते रहना या केवल "नजर रखने" बस से कुछ नहीं होता और इसकी वजह से आपके टोटल फूड और कैलोरी के सेवन के ऊपर गलत असर पड़ेगा।
    • इसके साथ ही आप जब बाहर रैस्टौरेंट में खाने जाएँ या फिर ऐसा कुछ खाने के लिए खरीद रहे हैं, जिसको मेजर करना मुश्किल हो, तब आपको मात्रा का आंकलन करने की जरूरत पड़ सकती है। अगर आप एक चैन रैस्टौरेंट में खा रहे हैं, तो फिर एक बार ऑनलाइन चेक करके देख लें, अगर आप उनके सर्विंग साइज में मौजूद मात्रा की इन्फोर्मेशन निकाल सकें। साथ ही, ऐसी घरेलू चीजों की तलाश करने की कोशिश करें, जो कॉमन सर्विंग साइज के साथ में कंपेयर हो सकें। उदाहरण के लिए, कार्ड्स की एक डेक या गड्डी 80-100 ग्राम या आधा कप या एक अंडा 30 ml या 1/4 कप होगा।
    • कैलोरी ट्रेक करें। अगर आप वजन बढ़ाने या कम करने की कोशिश कर रहे हैं, तो हर दिन आपके टोटल कैलोरी के सेवन को ट्रेक करना मददगार रहेगा। कुछ फूड जर्नल एप्स आपके लिए कैलोरी और दूसरे न्यूट्रीएंट्स की इन्फोर्मेशन प्रोवाइड करते हैं। अगर आप एक नोटबुक या फूड जर्नल की पेपर कॉपी इस्तेमाल कर रहे हैं, तो आपको आपके खाने में मौजूद कैलोरी की जानकारी पाने के लिए ऑनलाइन रिसर्च करना चाहिए। ऑनलाइन मौजूद कुछ वेबसाइट्स Choosemyplate.gov एक अच्छा स्त्रोत है।
    • पहले आपके द्वारा एक दिन में आमतौर पर किए जाने वाले कैलोरी के सेवन को ट्रेक करें और फिर जरूरत के अनुसार कोई भी बदलाव करें।
    • डेली करीब 500 कैलोरी कम करना या एड करने से रिजल्ट में आपको करीब आधा से एक किलो वजन की बढ़त या कमी मिलेगी। [४]
  4. ये आपकी खानपान की आदतों का पता करने का एक जरूरी हिस्सा होता है। अगर आप आपकी डाइट या लाइफ़स्टाइल में बदलाव करने की कोशिश कर रहे हैं, इस जानकारी से आपको इस बात के ऊपर एक समझ मिल जाएगी कि आप क्यों एक खास समय पर एक खास चीज खाते हैं।
    • "दोपहर का नाश्ता" या "शाम का नाश्ता" लिखने की बजाय एकदम सही समय लिखने की कोशिश करें।
    • अगर आप ज्यादा स्पेसिफिक होना चाहते हैं, तो आप आपके घर की उस जगह को भी रिकॉर्ड कर सकते हैं, जहां से आपने खाया। क्या आप टीवी के सामने थे? आपके होम डेस्क पर थे? कभी-कभी कोई खास जगह या एक्टिविटी आपको खाने की इच्छा जगा सकती है। उदाहरण के लिए, हो सकता है कि आप टीवी देखते समय, बोरियत की वजह से खाया करते हैं।
  5. रिकॉर्ड करें कि हर बार खाने के बाद आपको कैसा महसूस होता है: फिर भले आप वजन कम करने के लिए फूड डायरी रख रहे हैं या फिर आप आपकी किसी संभावित फूड एलर्जी का पता लगाने की कोशिश में हैं, आपका मूड मायने रखता है। आपका खाना या आहार आपको कैसा महसूस कराता है, उसका भी नोट बना लें। [५]
    • खाने के बाद में आपको महसूस होता है, इसका पता लगाने के लिए, आपको खाने के बाद 10-20 मिनट का इंतज़ार करें। आपके शरीर को संतुष्टि महसूस करने के लिए करीब 20 मिनट तक का समय लगता है। [६] फूड से आपको कितनी अच्छी तरह से संतुष्ट किया,के नोट्स रिकॉर्ड करें।
    • खाना खाने से पहले आपको कैसा महसूस होता है, इस पर भी नोट्स रिकॉर्ड करने की कोशिश करें। ये आपको इमोशनल होकर खाने के जैसे किसी भी मुद्दे के ऊपर समझ दे सकता है। उदाहरण के लिए, आप शायद ऐसा देख सकते हैं कि आप स्ट्रेस में हैं और बड़े पोर्शन में या ज्यादा फेट वाले फूड्स खा रहे हैं।
    • खाने से पहले या बाद में आपके भूख के लेवल का भी एक नोट रखें। अगर आपको खाने के पहले भूख लग रही है, तो आप शायद खुद को थोड़ा ज्यादा पोर्शन खाते हुए नोटिस कर सकते हैं। [७]
    • खाने के बाद में किसी भी तरह से फिजिकल लक्षण या साइड इफ़ेक्ट्स भी शामिल करना न भूलें। उदाहरण के लिए, हो सकता है कि डेयरी बेस्ड फूड्स खाने के बाद में आपको मितली जैसा महसूस होता है और खाने के बाद में पेट खराब महसूस होता है।
विधि 2
विधि 2 का 3:

डेटा का आंकलन करना (Analyzing the Data)

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  1. आपके द्वारा एक हफ्ते तक आपके द्वारा खाने और पीने वाली चीजों का ट्रेक रखने के बाद, आप शायद एक तरह के पैटर्न को बनते हुए देखेंगे। कुछ पैटर्न शायद स्पष्ट रहेंगे, जैसे कि हर रोज ब्रेकफ़ास्ट करना, जबकि कुछ दूसरे थोड़ी ज्यादा जानकारी देने वाले रहेंगे। आपकी डायरी चेक करें और इन सवालों के बारे में सोचें:
    • क्या ये सभी पैटर्न आपके खाने से आपके मूड के ऊपर पड़ने वाले प्रभाव से जुड़े हैं?
    • किस तरह के खाने के बाद में आपको और भी भूख का अहसास होता है और किस तरह का खाना संतुष्टि देता है?
    • किन परिस्थितियों में आप ज्यादा खा लेते हैं?
  2. काउंट करें कि आप डेली कितनी बार स्नेक्स लेते हैं: काफी सारे लोग उनके द्वारा दिनभर के दौरान लिए जाने वाले स्नेक्स की मात्रा को लेकर सरप्राइज़ हो जाते हैं। एक मुट्ठी बादाम खा लिए, तो कभी एक या दो कुकी खा ली और टीवी देखते समय रात में एक पैकेट चिप्स खा लिया, ये सभी आखिर में मायने रखते हैं। इस डायरी की मदद से पता लगाएँ कि आपकी खाने की आदतें हेल्दी हैं या फिर आपको उस पर थोड़ी मेहनत करने की जरूरत है।
    • क्या आप हमेशा हेल्दी स्नेक्स चुना करते हैं या फिर जो भी सामने होता है, उसी को ले लेते हैं? अगर आप जो भी मिले उसी से काम चलाने की आदत रखते हैं और आपके पास में हर बार स्नेक की जरूरत होने पर अपने लिए कुछ फ्रेश फूड तैयार करने का टाइम नहीं रहता, तो फिर आगे की सोचकर चलें और भूख लगने पर स्नेक मशीन तक जाने की बजाय, आपके साथ में आपका खुद का स्नेक लेकर जाने की कोशिश करें।
    • क्या आपके स्नेक्स से आप संतुष्ट रहते हैं या फिर क्या उनकी वजह से आपको और ज्यादा भूख महसूस होती है? आपके नोट्स को देखकर पता लगाएँ कि स्नेक्स खाने के बाद में आपको कैसा महसूस होता है, ताकि आप समझ सकें कि आपके स्नेक्स में बदलाव करने की जरूरत है या नहीं।
  3. आपके वीकडे और वीकेंड के दिनों के बीच में कंपेयर करें: ज़्यादातर लोगों के लिए, ऑफिस और कॉलेज का उनके खानपान की आदतों के ऊपर बहुत बड़ा असर रहता है। हो सकता है कि आप हर वर्कडे पर आपके लिए खाना पकाने का टाइम न निकाल पाएँ, लेकिन छुट्टी वाले दिनों में अपने किचन में ज्यादा टाइम स्पेंड करें। देखें अगर ऐसे किसी पैटर्न को देख पाएँ, जो आपकी खानपान की आदतों के पीछे की वजह है। [८]
    • क्या आप किसी खास दिन पर ज्यादा खाया करते हैं? अगर आप देखते हैं कि आप लेट होने की वजह से हफ्ते में चार बार बाहर से खाना लेते हैं, तो ये ऐसा दर्शाता है कि आपको आपके हफ्ते भर के आहार को हेल्दी खाने के साथ में बैलेंस करने के लिए, वीकेंड्स पार अपने घर में ही खाना पकाना चाहिए।
    • आपके आहार का प्लान करने में मदद के लिए इस जानकारी का इस्तेमाल करें। अगर आपको मालूम है कि आप किसी रात को खाना नहीं पका सकेंगे, तो फिर फ्रिज के अंदर पहले से ही कुछ हेल्दी चीज तैयार रखने का प्लान करें।
  4. खाने के साथ में आपके इमोशनल कनैक्शन के बारे में नोट्स लिखें: सोचकर देखें कि किस तरह की ज़िंदगी की परिस्थितियों की वजह से ज्यादा दिए हुए दिनों या हफ्ते के दौरान आपके खानपान पर असर पड़ा। हो सकता है कि स्ट्रेसफुल टाइम, अकेलेपन में या फिर बोरियत के दौरान आप खुद के खाने की चॉइस में एक पैटर्न देखें। हो सकता है कि शायद रात में आपको नींद न आ रही हो, इसलिए आप बीच रात में कुछ खाने के लिए उठ जाते हैं या फिर एक स्ट्रेसफुल वर्कआउट के बाद कुछ खाकर खुद को आराम देना चाहते हों। बात जब आपकी डाइट प्लान करने की हो, तब अपने बारे में ये बात जानना मददगार हो सकता है। [९]
    • देखें, अगर आपका उदास होना, आपके जरूरत से ज्यादा खाने के पीछे की एक वजह है। अगर ऐसा है, तो फिर आप जब स्ट्रेस में हों, तब और किसी ज्यादा रिलैक्सिंग एक्टिविटी में शामिल होने की कोशिश करें।
    • वहीं दूसरी तरफ, अगर कोई खास तरह का खाना आपके नेगेटिव इमोशन्स के लिए जिम्मेदार है, तो फिर आपको उन्हें छोड़कर देखना होगा कि क्या होता है। उदाहरण के लिए, बहुत ज्यादा कॉफी पीने के बाद आपको शायद बहुत चिंता और चिड़चिड़ा महसूस हो सकता है।
  5. किसी भी तरह के खाने के प्रति असहनशीलता का पता लगाएँ: फूड्स आपके शरीर के ऊपर किस तरह से प्रभाव डालता है, के पैटर्न के लिए तलाश करें। हो सकता है कि आपके नोट्स हमेशा डेयरी-रिच फूड्स खाने के बाद में आपको मितली, पेट की खराबी और ब्लोटिंग महसूस होना दर्शाते हैं, तो शायद आपको लेक्टोज़ इंटोलेरेन्स हो सकती है।
    • देखें, किस तरह के फूड्स की वजह से आपको ब्लोटिंग, गैस बनना, सिरदर्द, मितली या फिर बस बहुत ज्यादा भरा हुआ महसूस कराते हैं। इन नोट्स को डॉक्टर के साथ या रजिस्टर्ड डाइटीशियन के साथ में शेयर करें।
    • सीलिएक डिसीज (Celiac disease), इरिटेबल बोवेल सिंड्रोम (irritable bowel syndrome) और दूसरी बीमारी भी आपकी डाइट में से कुछ खास तरह के इंग्रेडिएंट्स को हटाकर मददगार साबित हो सकते हैं। अगर आपको ऐसे लक्षण दिखते हैं, जिनकी वजह से आपको लगता है कि आपकी परेशानी और भी बदतर होते जा रही है, आपकी फूड डायरी को आपके डॉक्टर के पास लेकर जाएँ, ताकि आपके डॉक्टर ऐसी किसी संभावित परेशानी का पता लगा सकें, जिसमें डाइट बदलकर शायद मदद मिल सके।
विधि 3
विधि 3 का 3:

कुछ दूसरी मददगार डिटेल्स का पता लगाना

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  1. अगर आप आपकी फूड डायरी को आपकी कैलोरी को ट्रेक करने और शेप में आने के एक तरीके की तरह यूज कर रहे हैं, तो फिर आपकी फिजिकल एक्टिविटी के बारे में भी जानकारी रखना आपके लिए मददगार रहेगा।
    • आपकी एक्टिविटी के टाइप को और उसके ऊपर लगने वाले टाइम को रिकॉर्ड करें। अगर आप कर सकें, तो फिर उसमें एड करें कि आपने किसी खास तरह की एक्सरसाइज के चलते कितनी कैलोरी को बर्न किया।
    • देखें अगर आपकी एक्सरसाइज का लेवल आपके भूख के लेवल और आप जो खाते हैं, उसके ऊपर असर डालता है। नोट करें कि क्या आपने कुल मिलाकर भूख में वृद्धि देखी है या यदि आप कसरत के तुरंत बाद भूख में वृद्धि का अनुभव करते हैं।
  2. अगर आप कुछ खास तरह के न्यूट्रीएंट्स की पूरी मात्रा लेने की पुष्टि करने के लिए फूड डायरी रख रहे हैं, तो फिर आपको हर एक चीज की न्यूट्रीशन इन्फोर्मेशन को भी रिकॉर्ड करना होगा। ऑनलाइन किसी भी तरह के फूड की जानकारी पाना आसान है और कई तरह के फूड जर्नल एप्स ऑटोमेटिकली आपके लिए ये प्रोवाइड कर सकते हैं। ट्रेक करने के लायक न्यूट्रीएंट्स के उदाहरण में, ये शामिल है:
    • फाइबर
    • प्रोटीन
    • कार्बोहाइड्रेट
    • आयरन
    • विटामिन D
  3. किसी एक लक्ष्य की ओर आपकी प्रोग्रेस को ट्रेक करें: एक फूड डायरी रखना आपको आपकी डाइट से जुड़े लक्ष्यों को पूरा करने के लिए प्रेरित करने वाला टूल हो सकता है। फिर चाहे आप वजन कम करना चाहते हैं या फिर आप बस और ज्यादा फ्रूट्स और वेजिटेबल्स खाने की कोशिश कर रहे हैं, आपकी प्रोग्रेस को ट्रेक करना आपको आगे बढ़ने में मदद करेगा और आपको बताएगा कि कहाँ पर और इम्प्रूवमेंट की जा सकती है। यहाँ पर ऐसे कुछ तरीके दिए हुए हैं, जिनसे आप ट्रेक कर सकते हैं:
    • आपके वजन को रिकॉर्ड करें। हर हफ्ते के आखिर में इसे लिखें, ताकि आप देख सकें कि इसमें कैसे उतार-चढ़ाव आया है।
    • इंपोर्टेंट माइलस्टोन को नोट करें। अगर आप एक महीने के लिए आपकी डाइट से ग्लूटेन को कम करने में सफल हो जाते हैं, तो उसे आपकी डायरी में नोट कर लें।
    • आप कितनी एक्सरसाइज परफ़ोर्म कर सकते हैं, उसे भी रिकॉर्ड करें। उदाहरण के लिए, 5k दौड़ने की ओर आपकी प्रोग्रेस को रिकॉर्ड करें।
  4. क्योंकि आपने पहले ही आपके द्वारा खाई जाने वाली हर एक चीज को लिख लिया है, तो फिर क्यों न उसके ऊपर होने वाले खर्च को भी लिख लिया जाए? ये आपके खाने को हर दिन, हफ्ते और महीने के लिए बजट में रखने का एक अच्छा तरीका होता है। आप शायद ये देखकर सरप्राइज़ रहेंगे कि आप आपके ज़्यादातर पैसों को कहाँ पर खर्च कर रहे हैं।
    • नोट करें कि आप आपके हर एक आहार के ऊपर कितना खर्च करते हैं। आप घर में जो खाना बनाते हैं, साथ ही आप बाहर क्या खाते हैं, को भी नोट करना शामिल करें।
    • आप आपके खाने के ऊपर हर हफ्ते या महीने में कितना खर्च करते हैं, के लिए भी पैटर्न की तलाश करें और देखें कि आप कहाँ पर कुछ कमी कर सकते हैं।
    • इसके साथ ही आप घर से बाहर फूड खरीदने के ऊपर कितना खर्च करते हैं, का रिकॉर्ड रखना भी आपके लिए मददगार हो सकता है। उदाहरण के लिए, आप दोपहर की कॉफी के लिए या फिर आपके कोवर्कर्स के साथ लंच में पैसे खर्च कर सकते हैं। समय के साथ, ये छोटे-छोटे खर्च भी मायने रख सकते हैं।

सलाह

  • अगर आप फूड डायरी को इसलिए रख रहे हैं, क्योंकि आप वजन कम करना चाहते हैं या फिर आपको कोई ईटिंग डिसऑर्डर है, तो फिर कभी-कभी एक "ये खाने के बाद में मुझे कैसा महसूस हुआ" कॉलम भी एड कर सकते हैं। ये आपको आपके खाने की वजह का ट्रेक रखने में भी मदद करेगा।
  • आप चाहें तो iEatWell या MyCaloryCounter की तरह के जैसे एक वेब या एप फूड लॉग भी यूज कर सकते हैं।
  • हालांकि, आपको हर एक दिन के डिटेल्ड रिकॉर्ड को रखने की जरूरत नहीं है, आप जितने अक्सर ट्रेक करेंगे, आपको उतनी ही ज्यादा इन्फोर्मेशन कर पाएंगे। अगर आप हर रोज रिकॉर्ड नहीं करते हैं, तो फिर कम से कम कुछ वीकडे पर और एक वीकेंड के दिनों में ट्रेक जरूर करें।

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