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चाहे आप अपने खोये बिल्ली के बच्चे को खोजने, गिटार क्लासेज का विज्ञापन करने या इस शुक्रवार को होने वाले बैंड-कार्यक्रम को बढ़ावा देने की कोशिश में हों, प्रचार करने में फ्लायर एक सस्ता और कारगर माध्यम हो सकता है। आपके फ्लायर से कोई काम बने, इसके लिए आपको पहले लोगों को सूचित करना होगा। फिर, आप चाहेंगे कि वे उस बारें में कुछ करें। प्रस्तुत लेख आपकी दोनों मंशाओं को पूरी करेगा !

विधि 1
विधि 1 का 5:

अपने उपकरणों का चुनाव

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  1. निर्णय कर लें कि आप अपना फ्लायर बनाना कैसे चाहते है - डिजिटली या खुद अपने हाथों से: आप फोटोशॉप या माइक्रोसॉफ्ट पब्लिशर जैसे डिजिटल-माध्यमों द्वारा फ्लायर बना सकते हैं। वैकल्पिक तौर पर, आप स्वयं कलम (पेन), पेंसिल, मार्कर आदि की सहायता से एक फ्लायर बना सकते हैं और फिर उसे किसी फोटोकॉपी की दुकान पर प्रतिलिपि या फोटोकॉपी करवा सकते हैं।
  2. यह लेखनी, चित्र और यहाँ तक कि मुद्रण (प्रिंट) में प्रयुक्त कागज में भी हो सकता है। रंग आँखों को आकर्षित करते हैं एवं ध्यान खींचते हैं। अपने फ्लायर्स में रंगों के इस्तेमाल की बजाय रंगीन काग़ज पर श्वेत-श्याम (ग्रे-स्केल) में मुद्रण (प्रिंटिंग) करना भी एक लागत-प्रभावी विकल्प हो सकता है।
    • रंग योजना अत्यंत प्रभावी साबित हो सकता है। [१] मौलिक रंग सामंजस्यता हेतु वर्ण-चक्र (कलर व्हील) का इस्तेमाल करें। उदहारण के लिए आप सहधर्मी (एनालॉगस) रंगों (वर्ण-चक्र में निकटवर्ती रंगों) का इस्तेमाल कर सकते हैं, जैसे नीले और हरे के विभिन्न रंग। या फिर, किसी पूरक (कॉम्प्लेमेंटरी) रंगों जैसे लाल एवं हरे रंग का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। [२]
    • फ्लायर में प्रयुक्त चित्र से उद्धृत या मिलते रंगों का प्रयोग और बेहतर साबित होता है। उदाहरण हेतु, अगर चित्र में सूर्योदय दर्शित हो तो आप नारंगी एवं पीले रंग का प्रयोग कर सकते हैं। पीले अक्षरों को उभारने के लिए, उन्हें काले रंग से सीमांकित (आउटलाइन) किया जा सकता है।
  3. फ्लायर की माप उसकी उपयोगिता और उस नियत परिमाप (साइज़) में आपकी फ्लायर उत्पादन क्षमता पर निर्भर करती है। प्रिंटर साइज़ (8.5 x 11 इंच) वाले कागज़ पर डिजिटल फ्लायर्स प्रिंट करना सबसे आसान है। सो, आपका फ्लायर उस परिमाप का भी हो सकता है अन्यथा आप उसे आधे या चौथाई हिस्सों में रखना चाहेंगे यदि आपका फ्लायर उतना बड़ा (हैण्डाउट जितना बड़ा) नहीं है। यद्यपि आपके फ्लायर्स किसी भी परिमाप के हो सकते हैं और अगर आप बड़े परिमाप में मुद्रण करने वाले मुद्रक (प्रिंटर) के पास जाते हैं तो आप अपेक्षाकृत बड़े परिमाप के फ्लायर्स भी आसानी से बना सकते हैं।
  4. निर्णय कर लें कि अपने फ्लायर को कहाँ और कैसे वितरित करना है: क्या आप इसे बुलेटिन बोर्ड पर या बाहर किसी टेलीफोन पोल पर लटकाने की योजना बना रहे हैं? हो सकता है कि आप इसे किसी भीड़-भाड़ वाले कार्यक्रम में या शहरी इलाके में बाँटने की सोच रहे हों। हो सकता है कि आप इसे डाक द्वारा भी भेज रहे हों। यदि इसे घरों के बाहरी हिस्सों में लटकाना है तो अपेक्षाकृत मोटे काग़ज पर जलरोधक (वाटरप्रूफ) स्याही से मुद्रण (प्रिंट) कराना उचित समझें।
विधि 2
विधि 2 का 5:

शीर्षक लिखना

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  1. इसे बड़ा, स्पष्ट एवं सहज बनायें। सामान्यतः, शीर्षक कुछ शब्दों से ज्यादा नहीं होना चाहिए, पन्ने के बीचों-बीच एक ही पंक्ति में समाना चाहिए। शीर्षक लम्बे हो सकते हैं पर, यदि संक्षिप्त हो तो इससे किसी का ध्यान आकृष्ट करने की संभावना ज्यादा होती है।
  2. शीर्षक के अक्षर फ्लायर पर मौजूद किसी अन्य अक्षर से बड़ा होना चाहिए। इतना बड़ा कि ज्यादातर लोग लगभग 10 फीट (3 मीटर) कि दूरी से भी इसे तुरंत पढ़ सकें। आप सामान्य तौर पर चाहेंगे कि शीर्षक पन्ने की पूरी चौड़ाई में स्पष्ट रूप से लिखा हो। यदि यह इस प्रकार उपयुक्त न लगे तो उसे मध्यक्रम (सेंटर एलाइनमेंट) में करने का विचार करें।
  3. किसी समाचार-पत्र के मुखपृष्ठ पर छपे शीर्षक को देखें, उस उद्योग ने इसकी महत्ता / उपयोगिता के बारे में बहुत पहले ही समझ लिया था। चूँकि यहाँ आपका मूल उद्देश्य सुपाठ्यता है, अतः इस फॉन्ट को अत्यधिक सजावटी न बनायें। अपने सन्देश को आकर्षक बनाने हेतु आप फ्लायर के अन्य हिस्सों में विशिष्टता डाल सकते हैं।
  4. आप अपने फ्लायर द्वारा लोगों का ध्यान खींचने और कुछ ही क्षणों में अपना सन्देश पहुँचाने की कोशिश में हैं। इसलिए जटिल सन्देशों और विषयवस्तुओं से कोई उपयुक्त प्रभाव नहीं पड़ेगा। फ्लायर के मुख्य भाग में ज्यादा विवरण डालें।
    • लोगों को आपके फ्लायर की विषयवस्तु के बारे में ज्यादा सोचना ना पड़े – यह बिल्कुल सहजतापूर्वक आपके सन्देश को बताये। आकर्षक व मजेदार सन्देश देने के बारे में सोचें।
    • किस शीर्षक को पढ़कर आप अवाक् रह गए? अन्य लोगों की तरह “पपी और आइसक्रीम” ने आपका भी ध्यान आकृष्ट किया होगा। ऐसा इसलिए नहीं है कि सबलोग पपी और आइसक्रीम पसंद करते हैं बल्कि इसके “चमकदार लाल” रंग में होने के कारण सबका ध्यान सहजता से इसकी ओर खिंचा चला जाता है। (जबकि, स्पष्ट रूप से बहुत-से लोग पपी और आइसक्रीम पसंद करते हैं, एवं अनपेक्षित और हास्यपूर्ण विषयवस्तु उसे और प्रभावी बना देते हैं।)
विधि 3
विधि 3 का 5:

आकर्षक अनुलेख (कॉपी) लिखना

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  1. यह लगभग दो या तीन पंक्तियों में होना चाहिए। जब शीर्षक संक्षिप्त और छोटा है तो उप-शीर्षक आपके विशिष्ट सन्देश की बिन्दुओं को बताते हुए शीर्षक को विस्तार प्रदान करता है। उदहारण के लिए अखबारों के उप-शीर्षक या प्रेस-विज्ञप्ति (प्रेस-रिलीज़) पढ़ें।
  2. जहाँ शीर्षक लोगों का ध्यान आकृष्ट करते हुए उनकी जिज्ञासा को जगाता है वहीँ इसके परिणाम-स्वरुप उन्हें फ्लायर के मुख्य भाग द्वारा अन्तर्निहित सन्देश की प्राप्ति होती है। कौन, क्या, कब, कहाँ और क्यों जैसे प्रासंगिक सवालों के जवाब इसमें शामिल करें। आमतौर लोग आपके सलाह या कॉल-टू-एक्शन (Call-to-Action) के बारे में ऐसे सवाल अक्सर पूछते हैं। स्वयं को अपने दर्शक की जगह रखकर सोचें कि आप क्या जानना चाहेंगे?
    • सटीक एवं स्पष्ट रहें। अपने विवरण लेख को संक्षिप्त परन्तु समुचित तौर से विस्तारपूर्वक लिखें।
  3. अपने सन्देश को प्रशस्ति-पत्रों (टेस्टीमोनियल्स) के साथ स्पष्ट करें: प्रशस्ति-पत्रों या अनुमोदनों (इंडोर्समेन्ट्स) को शामिल करने हेतु आपके फ्लायर का मुख्य भाग भी एक बेहतर जगह है। [३] एक अच्छा प्रशस्ति-पत्र ना केवल आपके प्रयासों के बारे में अधिक विस्तृत जानकारी बल्कि इसे तृतीय-पक्षकार द्वारा वैधता भी प्रदान कराता है। यदि कोई पाठक आपके विषयवस्तु को आपके या किसी समर्थक (एंडोर्सर) के दृष्टिकोण से पढ़ सकते हैं तो वे इस बात की ज्यादा संभावना होगी कि वह आपके सुझाव या कॉल-टू-एक्शन (Call-to-Action) पर अमल करें।
  4. मुख्य शब्दों को प्रभावी बनाने हेतु कैपिटलाइजेशन (Capitalization), थोड़े बड़े या बोल्ड फॉन्ट, इटालिक और अन्य दृश्य-संबंधी तत्वों का इस्तेमाल करें। मगर, इन सभी विकल्पों का इस्तेमाल एक साथ ना करें, बल्कि एक या दो विशेष प्रभावों को चुनें। ज्यादा रचनात्मक संरूपण (फॉर्मेटिंग) करने से यह बेहद बचकाना और बेढंगा लग सकता है।
    • ऐसे शब्दों और वाक्यांशों का इस्तेमाल करें जिनसे आपके प्रस्ताव (ऑफर) ज्यादा लुभावने लग सके जैसेकि “मुफ्त”, “नया”, “उपहार”, “कूपन”, आदि। ये लुभावने होने के साथ – साथ आकर्षक भी हैं और इनसे दर्शक आपके सुझावों या कॉल-टू-एक्शन (Call-to-Action) पर अमल करने हेतु प्रोत्साहित होते हैं। यदि ये शब्द सचमुच आपके विज्ञापन के साथ अधिकृत हों तभी इन का जिक्र करें क्योंकि आप अपने दर्शकों को बहकाना नहीं चाहेंगे।
    • ”आप” शब्द का इस्तेमाल करें। इस प्रकार, आप पाठकों से सीधे आग्रह कर रहे होंगे। [४]
  5. अपने सन्देश को व्यवस्थित करने हेतु बिन्दुओं को डालें। लेख के चारों ओर बॉक्स या बिन्दुएँ व्यवस्थापन के साथ-साथ दृश्य-आकर्षण (विजुअल अपील) भी प्रदान करती हैं। [५] ये प्रभाव आपके लेख को ज्यादा पेशेवर बनाते हैं जोकि आपके समग्र दृष्टि और एहसास के लिए बहुत महत्वपूर्ण हो सकता है।
  6. जरूरी नहीं कि आपके फ्लायर के मुख्य भाग के लेख में प्रयुक्त फॉन्ट शीर्षक जैसे ही हों। यदि आपको अपने फ्लायर को श्रेष्ठ बनाना है तो औरों से अलग फोन्ट्स का प्रयोग करने में ही बुद्धिमानी है। आपके शब्द संसाधक (वर्ड प्रोसेसर) में पहले से ही ढेर सारे फोन्ट्स भरे होंगे, पर यदि आपकी सोच के अनुरूप फोन्ट न हों तो नया फोन्ट डाउनलोड कर लें। बहुत वेबसाइटें मुफ्त में अनोखे व निराले फोन्ट्स मुहैया कराती हैं।
  7. अपने फ्लायर के निचले हिस्से में ही अपना पता डालें ताकि सबसे महत्वपूर्ण जानकारी ऊपर रहे। उसमें अपने प्रथम नाम डालें और आप जिस तरीके के पते को वरीयता देते हैं जैसे कि आम तौर पर अपनी दूरभाष संख्या और/ या ई-मेल एड्रेस, उन्हें लिख दें।
    • आप परंपरागत फाड़ने वाले तरीके का इस्तेमाल कर सकते हैं। फ्लायर के लेख को अपेक्षाकृत छोटे फोन्ट में संघनित रूप (कंडेंस्ड वर्ज़न) में बनायें, 90 डिग्री तक घुमाएँ और इसे फ्लायर के निचले हिस्से में लिखकर बार-बार दुहराते रहें। हरेक के बीच में एक आंशिक कटाई (पार्शियल कट) करें ताकि लोग आसानी से आपके संपर्क-सूत्र को फाड़कर निकाल सके।
    • कोई भी निजी जानकारी बिलकुल ना दें। उदहारण के लिए, इसमें आप अपने कुलनाम या घर का पता इस्तेमाल में ना लाएँ।
विधि 4
विधि 4 का 5:

चित्रों का इस्तेमाल

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  1. अक्सर किसी तस्वीर की महत्ता किसी शब्द से कम नहीं होती। मानव मस्तिष्क अक्सर शब्दों से पहले तस्वीरों वरीयता देते हुए ध्यान करता है। अब आप पाठकों का ध्यान पा चुके हैं, तो इसका फायदा उठाएँ। पाठकों को कुछ देखने दें – लोग ठोस, दृश्य सन्देश आदि को शब्दों से ज्यादा याद रखते हैं। इसलिए चित्र एक प्रभावकारी तत्व होता है, चाहे वो लोगो (Logo) हो, खोये हुए कुत्ते की तस्वीर हो या फिर कोई रेखाचित्र हो।
  2. जरुरी नहीं कि आप पूर्णतया नया चित्र बनायें। आप अपने पास मौजूद चित्रों में से कोई एक या सार्वजनिक क्षेत्र में ऑनलाइन मिले चित्र का इस्तेमाल करें। कुछ कंप्यूटर प्रोग्राम्स और सुइट्स जैसे माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस विभिन्न स्टॉक चित्र भी मुहैया कराते हैं।
  3. कंट्रास्ट बढ़ाने हेतु इमेज-एडिटिंग एप्लीकेशन का उपयोग करें: इससे चित्र, काग़ज पर छपने के बाद एक नियत दूरी से देखने पर भी सुस्पष्ट दिखाई देगा। अगर आपके पास इमेज एडिटर नहीं है तो गूगल प्रदत्त फ्री एप्प पिकासा (Picasa) ( http://picasa.google.com/ ), को इंस्टॉल कर के अपना काम चला सकते हैं।
    • संभव हो तो केवल एक ही चित्र का इस्तेमाल करें। यदि जरूरी हो तो आप दो चित्र साथ-साथ लगा सकते हैं। परन्तु, इसकी संख्या ज्यादा होने पर फ्लायर अव्यवस्थित हो जायेगा और इसका आकर्षण कम पड़ जायेगा।
  4. अगर आपने पाठक को सम्मोहित कर लिया है तो वो विवरण हेतु फ्लायर के नजदीक आ रहा है। एक अच्छा अनुशीर्षक (Caption) उसे चित्र के सन्देश को स्वीकार करने को बाध्य कर सकता है। यह आपके फ्लायर के दमदार लेख (कॉपी) में विस्तृत वर्णन की बढ़ोत्तरी में मदद भी कर सकता है।
  5. अपने चित्र के चारों तरफ बॉर्डर या दिखावटी फ्रेम डाल दें: चित्र (पिक्चर) के चारों ओर फ्रेमिंग करने से यह इधर उधर भागने या फैलने के बजाय एक जगह बंध जाएगा। इसके चारों ओर एक बॉर्डर या हल्की छाया देने के बारे में सोचें। महत्व देने हेतु, शायद आप अपने चित्र को इंगित करते हुए तीर या तारों का भी इस्तेमाल करेंगे।
विधि 5
विधि 5 का 5:

प्रतिलिपिकरण एवं वितरण

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  1. सुनिश्चित कर लें कि आपका फ्लायर काम में आने लायक है: फ्लायर की ढेर सारी प्रतियाँ निकालने से पहले इसे प्रायोगिक तौर पर किसी दरवाजे पर चस्पा कर खुद पुनर्निरीक्षण कर लें। 10 फीट (3 मीटर) की दूरी पर खड़े होकर एक बार देख लें। क्या मुख्य बिन्दुएँ स्पष्ट रूप से दिखाई दे रही हैं? यहाँ फ्लायर के नमूने को देखने पर, आप देख सकते हैं कि यह खोये हुए कुत्ते के बारे में है।
    • पूरे फ्लायर को अच्छी तरह से प्रूफरीड कर सभी जानकारियों की सटीकता और वर्तनी व व्याकरण-संबंधी शुद्धता के बारे में सुनिश्चित हो लें। [६]
    • अपने किसी दोस्त अथवा पारिवारिक सदस्य जिसने आपका फ्लायर नहीं देखा हो, उन्हें एकबारगी देखने को कहें; ये समीक्षा हेतु एक बेहतर उपाय है। देखें कि, उन्हें निहित सन्देश सही प्रकार मिलता है या नहीं।
  2. अब, जबकि आपने अपना फ्लायर पूरा कर अच्छी तरह से जाँच भी लिया है तो अपनी जरूरतानुसार इसकी प्रतियाँ मुद्रित करा लें।
    • अगर आपके प्रिंटर के लिए ढेर सारी प्रतियाँ संभालना मुश्किल हो रहा हो या बारिश होने वाली हो (बारिश में ज्यादातर घरेलू प्रिंटर्स से छपे पन्ने की स्याही रिसने लगती है), तो स्थानीय फोटोकॉपी या स्टेशनरी की दुकान से करवा लें।
    • श्याम-श्वेत (ब्लैक-एंड-वाइट) प्रतियाँ रंगीन से सस्ती होती हैं, परन्तु इनका प्रभाव रंगीन प्रतियों जैसा नहीं होता है। अगर आपने श्याम-श्वेत (ब्लैक-एंड-वाइट) मुद्रण करने का निश्चय किया है; तो शीर्षक और अन्य रंगीन शब्दों को मुद्रित करने के बदले उन जगहों को खाली छोड़ दें, फिर एक रंगीन मार्कर से उन शब्दों को स्वयं अपने हाथों से लिखें। हालाँकि हाइलाइटर से भी काम बन जाएगा।
  3. अब आप सोच रहे होंगे कि कहाँ चिपकाना चाहिए? या फिर आपके काम या मतलब के लोग कहाँ रहते हैं?
    • अगर आपकी बिल्ली पड़ोस में गुम हुई है, तो अपने फ्लायर को टेलीफोन पोल, बस स्टॉप, स्थानीय सुविधा स्टोर, कॉफ़ी शॉप, धोबीखाने (लॉन्ड्री), स्विमिंग पूल और अन्य आस-पास की भीड़-भाड़ वाली जगहों पर चिपकाएँ।
    • अगर आपका पर्स शहर में गुम हुआ है तो पिछली जगह जहाँ आपने अपना पर्स देखा था, उसी के आस-पास फ्लायर चिपकाएँ। ध्यान दें कि शहरी इलाकों में कुछ पाबंदियाँ लगी होती हैं कि आप क्या और कहाँ चिपका सकते हैं। चूँकि आपको ढूँढना आसान है सो नियमों की अवहेलना मत करें। कॉफ़ी शॉप, सार्वजानिक सूचना पट्ट (Bulletin Board) और किसी पोल पर चिपका दें जो पहले से ही अन्य फ्लायर्स से भरा-पड़ा हो। यही बेहतर तरीका है!
    • अगर आप अपने क्लब के लिए किसी महाविद्यालय (कॉलेज) या अन्य विद्यालय (स्कूल) जाने की कोशिश में हैं तो वहाँ आमतौर पर विज्ञापन चिपकाने हेतु ख़ास जगह और नियम होते हैं। ऐसी जगहें अक्सर गलियारे, शौचालय जाने के रास्ते, सामूहिक-कक्ष जैसी होती हैं और नियम बताते हैं कि किन-किन जगहों पर ऐसी चीजें चिपकाई जा सकती हैं।

सलाह

  • अधिक मिश्रित (कॉम्प्लेक्स) फ्लायर्स बनाने के लिए, “फ्री फ्लायर टेम्पलेट” (“free flyer template”) इन्टरनेट पर तलाशें, और एक डिजाईन चुन लें।
  • चमकीले रंगों वाले काग़ज का इस्तेमाल आपके फ्लायर को विशिष्टता तो दे सकता है परन्तु, कभी-कभी यह आपके चित्रों व लेखों को कम नमूदार बना देता है। संतुलन बनाने हेतु परीक्षण अवश्य कर लें।
  • अपने फ्लायर का डिजिटल वर्जन ऑनलाइन और ई-मेल द्वारा वितरित करने का विचार करें।
  • याद रखें कि आप पोर्ट्रेट (Portrait) या लैंडस्केप (Landscape) खाके (लेआउट) में से किसी एक का इस्तेमाल कर सकते हैं।

चीजें जिनकी आपको आवश्यकता होगी

  • काग़ज (पेपर)
  • मुद्रक (प्रिंटर)
  • कैंची (सीजर)
  • चिपकाने में प्रयुक्त टेप

विकीहाउ के बारे में

सभी लेखकों को यह पृष्ठ बनाने के लिए धन्यवाद दें जो ४,४४५ बार पढ़ा गया है।

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