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एनालिटिकल निबंध लिखना चुनौतीपूर्ण काम लग सकता है, विशेषकर तब, जबकि आपने पहले कभी न लिखा हो। मगर चिंता मत करिए! गहरी सांस लीजिये, एक कैफ़िनेटेड (caffeinated) पेय खरीदिए और एक बढ़िया सा एनालिटिकल निबंध लिखने के लिए इन चरणों का पालन करिए।

विधि 1
विधि 1 का 3:

निबंध लिखने से पहले

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  1. किसी भी एनालिटिकल निबंध को लिखने का अर्थ है कि आप जिसका भी एनालिसिस करने जा रहे हैं, उसके बारे में कोई तर्क , या दावा प्रस्तुत करेंगे। अधिकतर तो यह होगा कि आपको किसी लिखी हुई चीज़ की या किसी फ़िल्म की एनालिसिस करनी होगी, मगर हो सकता है कि आपसे किसी मामले या विषय की एनालिसिस करने को कहा जाए। ऐसा करने के लिए, आपको विषय को खंडों में तोड़ना होगा और फिर या तो टेक्स्ट/फ़िल्म से या अपनी रिसर्च से ऐसे सबूत देने होंगे जिनसे आपके दावे का समर्थन हो सके। [१]
    • जैसे कि, "स्टैनली क्यूबिक की द शाइनिंग में मूल अमरीकनों की भूमि को कॉलोनाइज़ (colonise) करने के अमरीकन इतिहास पर टिप्पणी करने के लिए, बार बार मूल अमरीकन संस्कृति और कला के मोटिफ़ (motif) का इस्तेमाल किया गया है" एक एनालिटिकल थीसिस (analytical thesis) है। इसमें एक विशेष टेक्स्ट का एनालिसिस किया गया है और थीसिस स्टेटमेंट (thesis statement) के रूप में एक तर्क प्रस्तुत किया गया है।
  2. अगर आप यह क्लास के लिए लिख रहे होंगे, तब तो आम तौर पर शिक्षक आपको लिखने के लिए कोई एक (या अनेक) विषय देंगे। प्रॉम्प्ट (prompt) को ध्यान से पढ़िये। प्रॉम्प्ट में आपसे क्या करने को कहा गया है? वैसे, कभी कभार आपको स्वयं भी अपने विषय चुनने हो सकते हैं।
    • अगर आप किसी फ़िक्शन के बारे में एनालिटिकल निबंध लिख रहे होंगे, तब आपको अपने तर्कों को किसी खास चरित्र या चरित्रों पर केन्द्रित कर सकते हैं, कि वे जो भी कर रहे हैं, वह वैसा ही क्यों कर रहे हैं। या, आप इसकी विवेचना कर सकते हैं कि कोई ख़ास लाइन (line) या पैराग्राफ़ किन कारणों से पूरी बात के लिए केंद्रीय है। जैसे कि: ब्यूवुल्फ़ महाकाव्य में बदले के सिद्धान्त को एक्सप्लोर (explore) करिए।
    • अगर आप किसी ऐतिहासिक घटना के बारे में लिख रहे हों, तब उन कारणों पर फ़ोकस (focus) करने का प्रयास करिए जिनका उसके होने में योगदान रहा हो।
    • अगर आप किसी वैज्ञानिक रिसर्च या खोज के बारे में लिख रहे हों, तब अपने परिणामों को एनालाइज़ करने के लिए वैज्ञानिक विधि का इस्तेमाल करिए।
  3. हो सकता है, कि विषय चुन लेने के बाद भी आपको तुरंत न पता चले कि आपका थीसिस स्टेटमेंट क्या है। कोई बात नहीं! थोड़ी सी ब्रेनस्टॉर्मिंग करने से आप जान सकते हैं कि आप अपने विषय के बारे में क्या सोचते हैं। जितने दृष्टिकोणों से भी आप उसके बारे में सोच सकते है, उतने से सोच कर देखिये। [२]
    • देखिये कि वे कौन सी कल्पनाएँ, रूपक, मुहावरे या विचार हैं, जिनको बार-बार दोहराया गया है। जिन चीजों को दोहराया जाता है वे अक्सर महत्वपूर्ण होती हैं। देखिये कि क्या आपको समझ में आता है कि वे क्यों इतनी महत्वपूर्ण हैं। उनको हर बार एक ही तरह से दोहराया जाता है, या अलग अलग तरीके से?
    • टेक्स्ट कैसे काम कर रहा है? मान लीजिये कि आप कोई आलंकारिक एनालिसिस लिख रहे हैं, तब शायद आप देख सकते हैं कि लेखक ने किस प्रकार से अपने तर्क के समर्थन के लिए तार्किक अपीलों का प्रयोग किया है और आप इस निष्कर्ष पर पहुँच सकते हैं कि क्या वह तर्क प्रभावी है। अगर आप किसी मौलिक काम की एनालिसिस कर रहे हों, तब फ़िल्म में कल्पना, विज़ुअल्स (visuals) वगैरह पर ध्यान दीजिये। अगर आप किसी रिसर्च की एनालिसिस कर रहे हों, तब शायद आप उसकी विधि और परिणामों पर विचार करते हुये यह एनालाइज़ करना चाहेंगे कि क्या प्रयोग का डिज़ाइन बढ़िया है।
    • कुछ लोगों को माइंड मैप से भी मदद मिल सकती है। अपने केंद्रीय विषय को बीच में रख कर शुरुआत करिए, और छोटे-छोटे विचारों को उसके चारों ओर बुलबुलों के रूप में रख दीजिये। फिर उन बुलबुलों को एक दूसरे से जोड़ कर देखिये कि क्या कोई पैटर्न बनता है और यह भी, कि चीज़ें किस प्रकार से एक दूसरे से सम्बद्ध होती हैं।
    • बढ़िया ब्रेनस्टॉर्मिंग हर चीज़ में संभव है। दरअसल, यह शुरुआत का एक अच्छा तरीका है! किसी भी विचार को तुरंत मत नकार दीजिये। जब आप अपने विषय की समीक्षा कर रहे हों, तब जो भी विचार या चीज़ सामने आए, उसे लिख डालिए।
  4. एक थीसिस स्टेटमेंट बनाइये: थीसिस स्टेटमेंट एक या दो वाक्यों में बनाया गया आपका वह दावा होता है, जो आप अपने पेपर में प्रस्तुत कर रहे होंगे। इसमें पाठकों को बताया जाता है कि आपका निबंध किस बारे में है।
    मत करिए: अस्पष्ट या ज़ाहिर थीसिस लेखन जैसे " ब्यूवुल्फ़ में बदला केंद्रीय थीम (theme) है।"
    करिए: विशिष्ट तर्क प्रस्तुत करिए जैसे कि " ब्यूवुल्फ़ ग्रेंडेल की माँ के प्रति ड्रैगन के सम्मानजनक प्रतिशोध के विपरीत, ऐंग्लो-सैक्सन काल में बदले की विभिन्न शैलियों को बताया गया है।"
    • यह एक एनालिटिकल थीसिस है क्योंकि इसमें एक लेख की जांच की गई है और एक विशिष्ट दावा किया गया है।
    • दावा "विवादास्पद" है, अर्थात स्टेटमेंट ऐसा कोई निर्विवाद सच जिस पर कोई संदेह ही न कर सके। एनालिटिकल निबंध में पक्ष लिया जाता है और उसके लिए तर्क दिया जाता है।
    • यह ध्यान रखिए कि आपकी थीसिस इतनी ही होनी चाहिए जो कि आपके असाइनमेंट (assignment) के स्कोप (scope) में आ जाये। " ब्यूवुल्फ़ में प्रतिशोध तो इतना विस्तृत है कि वह पीएचडी का डिसर्टेशन (dissertation) हो सकता है। छात्र के लेख के लिए तो यह बहुत बड़ा है। इस पर बहस करना कि किसी एक चरित्र का प्रतिशोध किसी दूसरे से अधिक सम्मानजनक है, उससे कहीं छोटे छात्र निबंध में समा सकता है। [३]
    • अगर आपको निर्देशित न किया गया हो, तब ऐसी "तिमुंही" थीसिस मत ही लिखिए जिसमें तीन पक्ष दिये गए हों जिन पर बाद में चर्चा की जाये। सामान्यतः इन थीसिस स्टेटमेंटों में आपकी एनालिसिस सीमित हो जाती है और आपका तर्क सूत्रों जैसा लगने लगता है। अगर आप मामूली तरह से भी बता देंगे कि आपका तर्क क्या होगा, तब भी कोई ग़लत बात नहीं होगी।
  5. यह आपके असाइनमेंट पर निर्भर करेगा कि आप केवल प्राइमरी स्त्रोत देखेंगे (अर्थात वह टेक्स्ट या टेक्स्ट्स जिनकी आप एनालिसिस कर रहे हैं) या प्राइमरी और सेकंडरी दोनों ही स्त्रोत देखेंगे, जैसे कि अन्य पुस्तकें या पत्रिकाओं में छपे लेख वगैरह। असाइनमेंट से आपको पता चल जाना चाहिए कि आपको कैसे स्त्रोतों की ज़रूरत होगी। अच्छे सबूत आपके दावे का समर्थन करते हैं और आपके तर्क को और भी अधिक विश्वसनीय बनाते हैं। यह नोट करते हुये समर्थन के सबूतों की सूची बनाइये, कि आपको वे कहाँ मिले, और किस प्रकार वे आपके दावे का समर्थन करते हैं। [४]
    • समर्थक सबूत का उदाहरण : इस दावे का समर्थन करने के लिए कि ड्रैगन का प्रतिशोध, ग्रेंडेल की माँ से अधिक सम्मानजनक था, काव्य के उन पदों को देखिये जहां पर दानव के आक्रमण होने तक की घटनाओं का, आक्रमण का और उन आक्रमणों की प्रतिक्रिया का वर्णन हुआ है।
      मत करिए: अपनी थीसिस में फिट होने के लिए सबूतों की उपेक्षा या उनको तोड़ना-मरोड़ना।
      करिए: जैसे-जैसे आप विषय के बारे में और जानते जाएँ, अपनी थीसिस को और भी सूक्ष्मता से केन्द्रित करते जाइए।
  6. रूपरेखा बना लेने से आपको निबंध का ढांचा बनाने में आसानी हो जाएगी और फिर उसे लिखना भी आसान हो जाएगा। यह बेशक जान लीजिये कि आपका निबंध कितना लंबा होना चाहिए। हालांकि कुछ शिक्षकों के लिए "5 पैराग्राफ़ का निबंध" ठीक होता है ( परिचय, 3 बॉडी पैराग्राफ़, निष्कर्ष), जबकि कुछ शिक्षक चाहते हैं की निबंध लंबा हो जिसमें विषयों की और भी अधिक गहराई से जांच की गई हो। अपनी रूपरेखा उसी हिसाब से बनाइये।
    • अगर आपको अभी तक यकीन न हो कि आपके सबूत एक साथ कैसे सही बैठेंगे, तब भी चिंता मत करिए! रूपरेखा बना लेने से आप समझ सकेंगे कि आपके तर्क को किस प्रकार आगे बढ़ना चाहिए।
    • आप एक ऐसी अनौपचारिक रूपरेखा भी बना सकते हैं जहां आपके विचार बड़े-बड़े समूहों में रखे जा सकें। उससे आपको पता चल सकता है कि किस बारे में कहाँ बात की जाये।
    • आपका निबंध उतना ही लंबा होगा जितना आपके विषय पर पूरी तरह से चर्चा करने के लिए पर्याप्त हो। छात्र सामान्यतः एक भूल यह करते हैं कि बड़ा विषय चुन लेते हैं और फिर उस पर केवल 3 पैराग्राफ़ों में चर्चा समाप्त कर देते हैं। इससे निबंध उथले या जल्दी में लिखे गए लगते हैं। प्रत्येक विवरण की चर्चा करने में हिचकिचाइएगा नहीं।
विधि 2
विधि 2 का 3:

निबंध लिखना

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  1. आपके परिचय में विषय की पृष्ठभूमि की जानकारी दी जानी चाहिए। आपके परिचय को दिलचस्प होना चाहिए मगर कट्टर नहीं। प्रॉम्प्ट को ही संक्षेप में मत दोहरा दीजिये – बल्कि अच्छा तो यह होगा कि बस अपना तर्क सीधे शब्दों में बता दीजिये। नाटकीय परिचय देने से बचिए (निबंध की शुरुआत किसी प्रश्न या उद्गार से नहीं करना ही बढ़िया होगा)। अपने निबंध में आम तौर पर, प्रथम पुरुष (मैं) या द्वितीय पुरुष (तुम) का प्रयोग मत ही करिए। आम तौर पर पहले पैराग्राफ़ के अंतिम वाक्य में अपनी थीसिस बता दीजिये।
    • परिचय का उदाहरण : ऐंग्लो-सैक्सन संस्कृति में प्रतिशोध एक माना हुआ अधिकार होता है। महाकाव्य ब्यूवुल्फ़ से स्पष्ट होता है कि प्रतिशोध ऐंग्लो-सैक्सन काल का एक अनिवार्य भाग था। हालांकि, सभी प्रतिकार एक ही तरीके से नहीं बनते हैं। कवि ने इन प्रतिशोधों का जो चित्रण किया है उससे यह लगता है कि ड्रैगन अपने प्रतिशोध में, ग्रेंडेल की माँ से अधिक सम्मानीय था।
    • इस परिचय से, पाठकों को, आपके तर्क को समझने लायक जानकारी मिल जाती है, और उसके बाद कविता में सामान्य विषय (प्रतिशोध) की जटिलता संबंधी बात पता चलती है। इस प्रकार का तर्क बहुत दिलचस्प हो सकता है क्योंकि इससे यह लगता है कि पाठक को टेक्स्ट यूं ही स्वीकारने के स्थान पर उसके विषय में बहुत गंभीरता से सोचने की ज़रूरत है।
      मत करिए: ऐसे वाक्यों को शामिल जिनकी शुरुआत में कहा जाता हो "आधुनिक समाज में" या "उस युग में।"
      करिए: संक्षेप में उस टेक्स्ट का शीर्षक, लेखक तथा प्रकाशन की तिथि बताइये, जिसे आप एनालाइज़ करने वाले हैं।
  2. प्रत्येक बॉडी पैराग्राफ़ में होना चाहिए 1) विषय वाक्य, 2) टेक्स्ट के किसी भाग की एनालिसिस और 3) टेक्स्ट में से ऐसे सबूत जिनसे आपकी एनालिसिस तथा थीसिस स्टेटमेंट को समर्थन मिलता हो। विषय वाक्य से पाठक को पता चलता है कि बॉडी पैराग्राफ़ किस बारे में होगा। आप अपना तर्क टेक्स्ट की एनालिसिस में देंगे। वह सबूत जो आप अपने तर्क के समर्थन में देंगे। याद रखिएगा कि हर दावा जो आप करें उससे आपके थीसिस को समर्थन मिलना चाहिए। [५]
    • विषय वाक्य का उदाहरण : दोनों आक्रमणों के बीच के अंतर को समझने की कुंजी है - अति-प्रतिशोध।
    • एनालिसिस का उदाहरण : ग्रेंडेल की माँ को केवल, मध्ययुगीन सिद्धान्त के अनुसार ‘आँख के बदले आँख’ वाला बदला नहीं चाहिए। बल्कि, वह जीवन के बदले जीवन तो चाहती ही है, साथ में वह हरोथगर के राज्य को तबाह भी कर देना चाहती है।
    • सबूत का उदाहरण : उचित बदला लेने के लिए, आइशर को सीधे मार देने की जगह, वह उस सरदार को “जल्दी से [छीनलेती है],” और “उसे अपने पंजों में जकड़े हुये,” वह फेन के लिए चल देती है (1294)। ऐसा वह इसलिए करती है ताकि ब्यूवुल्फ़ ह्योरोत से दूर होजाए और वह उसे भी मार सके।
    • "सीईई" सूत्र से याद रखने में मदद मिल सकती है: दावा–सबूत-स्पष्टीकरण (Claim-Evidence-Explanation)। जब भी आप कोई दावा करें तब यह ध्यान रखिए कि आप उस दावे के समर्थन में सबूत दें और स्पष्ट करें कि किस प्रकार वह सबूत आपके दावे से सम्बद्ध है।
  3. आपको पता होना चाहिए कि कब उद्धरण दें या पैराफ़्रेज़ (paraphrase) करें: उद्धरण देने का अर्थ होता है कि आप किसी टेक्स्ट को जैसे का तैसा ले लें, उसे उद्धरण चिन्हों के बीच रखें, और उसे अपने निबंध में डाल दें। उद्धरण देना तब अच्छा होता है जब आप बिलकुल सटीक शब्दों का उपयोग अपने दावे के समर्थन के लिए करें। सुनिश्चित करिए कि आप उद्धरण के सही प्रकार का इस्तेमाल करें, जो इस पर निर्भर करेगा कि किस शैली का इस्तेमाल किया जा रहा है एमएलए, एपीए, या शिकागो। वहीं दूसरी ओर, पैराफ़्रेज़िंग का अर्थ होता है, आपके द्वारा टेक्स्ट का संक्षिप्तीकरण। पैराफ़्रेज़िंग, का इस्तेमाल पृष्ठभूमि देने या थोड़ी जगह में बहुत सारा विवरण देने के लिए किया जाता है। यह तब अच्छा होता है जब आपके पास बहुत सारी जानकारी हो, या कुछ बताने के लिए आपको टेक्स्ट के बड़े हिस्से को उद्धृत करने की ज़रूरत हो। [६]
    मत करिए: मोटे नियम के अनुसार एक पैराग्राफ़ में दो पैसेजों (passages) से अधिक उद्धरण मत दीजिये।
    करिए: सभी नाज़ुक या विवादास्पद दावों को उद्धरणों अथवा पैराफ़्रेज़िंग से समर्थन प्रदान करिए।
    • उद्धरण का उदाहरण : उचित बदला लेने के लिए, आइशर को सीधे मार देने की जगह, वह उस सरदार को “जल्दी से [छीन लेती है],” और “उसे अपने पंजों में जकड़े हुये,” वह फेन के लिए चल देती है (1294)।
    • पैराफ़्रेज़ किए हुये वाक्य का उदाहरण : मादा ग्रेंडेल ह्योरोत में घुसती है, वहाँ से अंदर सोते हुये एक व्यक्ति को उठाती है, और फेन को भाग जाती है। (1294).
  4. निष्कर्ष वह स्थान है जहां आप अपने पाठक को यह याद दिलाते हैं कि किस प्रकार आपने अपने तर्क का समर्थन किया है। कुछ शिक्षक चाहते हैं कि आप अपने निष्कर्ष में व्यापक संबंध भी स्थापित करें। इसका अर्थ है कि वे चाहते हैं कि आप ‘व्यापक वैश्विक संबंध स्थापित करें’। इसका अर्थ यह बताना भी हो सकता है कि आपका तर्क किस प्रकार टेक्स्ट के बारे में अन्य दावों को प्रभावित करता है, या किस प्रकार आपका दावा आपके द्वारा एनालाइज़ किए टेक्स्ट के किसी पाठक के विचार बदल सकता है।
    मत करिए: अपने निष्कर्ष में बिलकुल नए तर्क को शामिल करना।
    करिए: उसके परिणाम और वृहत्तर संदर्भों की चर्चा करके अपने थीसिस स्टेटमेंट से थोड़ा आगे बढ़िए।
    • निष्कर्ष का उदाहरण : प्रारम्भिक मध्यकाल में ‘आँख के बदले आँख’ का सिद्धान्त बहुत प्रचलित था। परंतु, ग्रेंडेल की माँ के और ड्रैगन के आक्रमणों की तुलना करके, मध्यकालीन विश्व के न्यायसंगत प्रतिशोध और अन्यायपूर्ण प्रतिशोध के अंतर को स्पष्ट किया गया है। जबकि ड्रैगन केवल वैसा ही व्यवहार करता है जैसा कि वह करना जानता है, ग्रेंडेल की माँ दुष्ट इरादे से आक्रमण करती है।
    • ‘व्यापक वैश्विक संबंध’ निष्कर्ष का उदाहरण: प्रारम्भिक मध्यकाल में ‘आँख के बदले आँख’ का सिद्धान्त बहुत प्रचलित था। परंतु, ग्रेंडेल की माँ के और ड्रैगन के आक्रमणों की तुलना करके, मध्यकालीन विश्व के न्यायसंगत प्रतिशोध और अन्यायपूर्ण प्रतिशोध के अंतर को स्पष्ट किया गया है। जबकि ड्रैगन केवल वैसा ही व्यवहार करता है जैसा कि वह करना जानता है, ग्रेंडेल की माँ दुष्ट इरादे से आक्रमण करती है। जैसा कि हमने दूसरे चरित्रों के अध्ययन से देखा, ये चित्रण उस पूर्व मध्यकालीन समझ से जुड़े हैं कि महिलाओं में दुष्टता की क्षमता अधिक होती है।
विधि 3
विधि 3 का 3:

अपने निबंध को फ़ाइनलाइज़ (Finalizing) करना

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  1. अपने निबंध को पढ़ कर उसमें से स्पेलिंग और व्याकरण की ग़लतियों को निकाल दीजिये: प्रूफ़रीड किए और पॉलिश (polish) किए हुये निबंध की तुलना में अनेक ग़लतियों वाले निबंध को ख़राब अंक मिलते हैं। स्पेलचेक चलाइये, मिश्र वाक्यों पर ध्यान दीजिये, और विरामचिन्हों वगैरह की ग़लतियों के लिए जांच कर लीजिये।
    • अपने निबंध को ठीक से फॉर्मैट करना भी सुनिश्चित कर लीजिये। जैसे कि 12-पॉइंट स्टैण्डर्ड फॉन्ट (जैसे एरियल या टाइम्स न्यू रोमन) तथा 1" मार्जिन का इस्तेमाल आम तौर पर किया जाता है।
  2. बोल कर पढ़ने से आप अपने निबंध में वे जगहें देख सकते हैं जो अटपटी लगेंगी। इससे आप उन मिश्र वाक्यों को भी ढूंढ सकेंगे जिनको आप पहले नहीं देख पाये थे।
  3. सुनिश्चित करिए कि सभी चरित्रों, टाइटलों, जगहों वगैरह की स्पेलिंग ठीक हैं: अगर आपने अपने निबंध में मुख्य चरित्र का नाम ग़लत स्पेल किया होगा तो शिक्षक आपके अंक काट ही लेंगे। यह सुनिश्चित करने के लिए कि स्पेलिंग ठीक हैं, टेक्स्ट या लेख में से देख कर जांच कर लीजिये।
    • अगर आप किसी फिल्म को एनालाइज़ कर रहे हों तब, पहले सभी चरित्रों को ऑनलाइन देख लीजिये। सही स्पेलिंग सुनिश्चित करने केलिए दो या तीन स्त्रोतों में देखिये।
  4. क्या आपने अपनी बात ठीक से कह पाई है? क्या आपके निबंध की संरचना समझ में आने लायक है? क्या आपके निबंध में यह स्पष्ट किया गया है कि यह विषय महत्वपूर्ण क्यों है?
  5. क्या उनके अनुसार इसमें कुछ जोड़ना या इसमें से कुछ घटाना चाहिए? क्या वे उस मुद्दे को समझ पा रहे हैं जिसे आप कहना चाहते हैं?

सलाह

  • स्वयं से पूछिये "मैं क्या साबित करने का प्रयास कर रहा हूँ?" उत्तर आपकी थीसिस में होना चाहिए। अगर नहीं है, तब वापस जा कर उसे ठीक करिए।
  • अगर आप कोई औपचारिक एनालिसिस या समीक्षा लिख रहे हैं, तब बोलचाल की भाषा का इस्तेमाल मत करिए। हालांकि अनौपचारिक भाषा से निबंध में थोड़ा रस आ जाता है, आप यह जोखिम नहीं उठाना चाहेंगे कि खिचड़ी भाषा के प्रभाव से आपका तर्क कमजोर पद जाये।
  • अस्पष्ट होने से बचिए। अस्पष्टता से ग़लत अर्थ निकलने की संभावना बढ़ जाती है और एक सुसंगत, एनालिटिकल निबंध में ग़लतफ़हमी की संभावना छोड़ने से आपके तर्क की प्रभावशीलता कम हो जाती है।

विकीहाउ के बारे में

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