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एमौर्टाइजेशन का मतलब है, कर्ज़ (debt या ऋण) को एक समय अवधि के दौरान कम करने के लिए, समान राशि (amount) को, प्रत्येक अवधि (period) में, आम तौर पर मासिक, भुगतान करके, कम करना। एमौर्टाइजेशन के भुगतान की राशि में, दोनों प्रिन्सिपल (principal) और कर्ज़ पर ब्याज (interest) को अदा करना शामिल है। प्रिन्सिपल, कर्ज़ का अभी भी बाकी बचा भाग है। जैसे ज्यादा से ज्यादा प्रिन्सिपल का भुगतान कर दिया जाता है, प्रिन्सिपल पर कम ब्याज देना होता है। समय के अंतराल पर, हर मासिक भुगतान में, ब्याज का हिस्सा कम होता जाता है, और प्रिन्सिपल का भुगतान बढ़ता है। साधारण जनता का एमौर्टाइजेशन से सामना तब होता है जब वह या तो मौर्ट्गेज (mortgage) या कार लोन लेता है, लेकिन (एकाउंटिंग में) यह इंटेञ्जिब्ल (intangible) एसेट (asset) की, समय के साथ, घटती वैल्यू को भी रिफ़र कर सकता है।

भाग 1
भाग 1 का 2:

पहले महीने की इंटरेस्ट और प्रिन्सिपल कैलकुलेट करना

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  1. कर्ज़ के एमौर्टाइजेशन को कैलकुलेट करने के लिए, जरूरी जानकारी इकठ्ठा करें: आपको जरूरत होगी प्रिन्सिपल राशि (principal amount) और ब्याज की दर (interest rate) की। एमौर्टाइजेशन कैलकुलेट करने के लिए, आपको कर्ज़ की शर्तें (टर्म्स), और हर अवधि में भुगतान की राशि, की भी जरूरत होगी। इस केस में, आप मासिक एमौर्टाइजेशन कैलकुलेट करेंगे। [१]
    • प्रिन्सिपल राशि (principal amount) वर्तमान लोन की बाकी राशि है (रुपये 100,000)।
    • आपकी ब्याज दर (6%) लोन की वार्षिक दर है। एमौर्टाइजेशन कैलकुलेट करने के लिए, आप वार्षिक ब्याज दर को मासिक दर में, कन्वर्ट करेंगे।
    • लोन की अवधि 360 महीने (30 साल) है। चूंकि इस उदाहरण में, एमौर्टाइजेशन एक मासिक कैलकुलेशन है, अवधि महीनों में, ना की वर्षों में, बताया गया है।
    • आपका मासिक भुगतान रुपए 599.55 है। भुगतान की रुपए में राशि स्थिर (constant) रहती है। हालांकि, भुगतान का हिस्सा, जो प्रिन्सिपल है या ब्याज है, वह बदलता रहेगा। आप भुगतान शुरू करने के समय, ज़्यादातर ब्याज देंगे, और फिर आपके भुगतान, बैलेन्स को जाएंगे।
  2. इस कैलकुलेशन में कुछ बदलने वाले हिस्से (moving parts) हैं, और सबसे बेहतर एक स्प्रैडशीट में पूरे होंगे, जिसमे उपयुक्त जानकारी, कॉलम हेडिंग्स, जैसे: Principal, Interest Payment, Principal Payment, और Ending Principal, पहले से ही लोड कर दिये गए हैं।
    • इन हेडिंग्स के नीचे की कुल रोस (rows) की संख्या 360 होगी, प्रत्येक मासिक भुगतान को एकाउंट करने के लिए।
    • एक स्प्रैडशीट कैलकुलेशन्स को काफी जल्दी करने देती हैं, क्योंकि अगर सही किया जाए, तो आपको एक दिये हुए एक्वेशन (equation) को केवल एक बार (या दो बार, जैसे जब आप पिछले महीने के कैलकुलेशन का इस्तेमाल, बाकी के कैलकुलेशन्स को जारी रखने के लिए (fuel) कर रहे हों)।
    • लोन की पूरी अवधि के दौरान एमौर्टाइजेशन कम्प्यूट करने के लिए, एक बार सही एंटर करने पर, बस अपने एक्वेशन (एक्वेशंस) को बाकी सेल्स (cells) में ड्रैग करें।
    • इससे भी बेहतर है की कॉलम का एक अलग सेट रखें और मुख्य लोन वेरिएबल्स (जैसे, मासिक भुगतान, ब्याज दर) को इसमे इनपुट करें, क्योंकि इससे आप यह तुरंत देख पाएंगे की, लोन के जीवन कल में, एक बदलाव का बाकी पर क्या असर पड़ता है।
    • आप ऑनलाइन एमौर्टाइजेशन कैलकुलेटर भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
  3. मासिक भुगतान के ब्याज के हिस्से को, पहले महीने के लिए, कैलकुलेट करें: इस कैलूलेशन में कई स्टेप्स की जरूरत होती है। आपको ब्याज दर को मासिक रेट में कन्वर्ट करना पड़ेगा। मासिक रेट का प्रयोग महीने के ब्याज को कैलकुलेट करने के लिए किया जाता है। [२]
    • लोन जो एमौर्टाइज़ होते हैं, जैसे आपकी होम मोर्टगेज या कार लोन, उनमे मासिक भुगतान की आवश्यकता होती है। इस कारण से, आपको हर मासिक भुगतान के ब्याज और प्रिन्सिपल के हिस्सों का कैलकुलेशन, मासिक आधार पर करना होता है।
    • ब्याज दर को मासिक रेट में कन्वर्ट करें। यह एमाउण्ट है: (6% को 12 से भाग दें = 0.005 मासिक रेट)।
    • प्रिन्सिपल एमाउण्ट को मासिक ब्याज रेट से गुणा करें: (रुपए 100,000 प्रिन्सिपल गुणे 0.005 = रुपए 500 मासिक ब्याज)।
    • आप I=P*r*t एक्वेशन का उपयोग कर सकते हैं, जिसमे I=Interest (ब्याज), P=principal (प्रिन्सिपल), r=rate (रेट), और t=time (समय) है।
  4. भुगतान के प्रिन्सिपल हिस्से को प्रथम महीने के लिए कम्प्यूट करें: प्रिन्सिपल पेमेंट राशि को कम्प्यूट करने के लिए, भुगतान की राशि में से, महीने के ब्याज को घटाएँ।
    • प्रिन्सिपल पेमेंट को कैलकुलेट करने के लिए, भुगतान राशि में से महीने का ब्याज घटाएँ: (रुपए 599.55 भुगतान – रुपए 500 ब्याज = रुपए 99.55 प्रिन्सिपल पेमेंट)।
    • जैसे ज्यादा प्रिन्सिपल का भुगतान किया जाएगा, प्रिन्सिपल पर देय ब्याज हर महीने घटती जाएगी। हर मासिक भुगतान का एक बड़ा हिस्सा, प्रिन्सिपल के पेमेंट की तरफ जाएगा।
  5. महीने के आखिर में, नए प्रिन्सिपल एमाउण्ट को महीने दो के एमौर्टाइजेशन को कैलकुलेट करने के लिए उपयोग करें: हर बार जब आप एमौर्टाइजेशन कैलकुलेट करते हैं, आप उसके पहले वाले महीने में भुगतान किए गए प्रिन्सिपल एमाउण्ट को घटाते हैं। [३]
    • महीने दो के लिए, प्रिन्सिपल एमाउण्ट को कैलकुलेट करें: (रुपए 100,000 प्रिन्सिपल – रुपए 99.55 प्रिन्सिपल भुगतान = रुपए 99,900.45)।
    • महीने दो के लिए ब्याज कम्प्यूट करें: (रुपए 99,900.45 प्रिन्सिपल X 0.005 = रुपए 499.50)।
  6. महीने दो के लिए प्रिन्सिपल रिपेमेंट (repayment) पता करें: जैसे की अपने महीने एक में किया था, कुल लोन भुगतान में से आपकी महीने की ब्याज को घटा दिया जाता है। बाकी बचा एमाउण्ट उस महीने के लिए प्रिन्सिपल का रिपेमेंट है। [४]
    • महीने दो में प्रिन्सिपल भुगतान को कैलकुलेट करें: (रुपए 599.55 – रुपए 499.50 = रुपए 100.05)।
    • महीने दो में प्रिन्सिपल का भुगतान (रुपए 100.05) महीने एक में किए गए भुगतान (रुपए 99.55) से ज्यादा है। चूंकि कुल प्रिन्सिपल बैलेन्स हर महीने घटता जाता है, आप बैलेन्स में कम ब्याज देते हैं। महीने एक में, ब्याज था रुपए 500। महीने दो में, ब्याज था केवल रुपए 499.50।
    • जैसे जैसे वांछित ब्याज भुगतान कम होता जाता है, प्रिन्सिपल के रूप में जाने वाला भुगतान का हिस्सा बढ़ता जाता है।
भाग 2
भाग 2 का 2:

लोन की पूरी अवधि के लिए एमौर्टाइजेशन कम्प्यूट करना

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  1. आप देखेंगे की लोन की प्रिन्सिपल राशि हर महीने घटती जाती है। चूंकि प्रिन्सिपल राशि कम होती जाती है, इसलिए कम प्रिन्सिपल राशि पर कम्प्यूट होने वाला ब्याज भी कम होता जाता है। कुछ समय में, हर महीने, हर मासिक भुगतान का एक बड़ा हिस्सा प्रिन्सिपल के प्रति जाता है। [५]
    • महीना तीन के ब्याज के कैलकुलेशन के लिए नया प्रिन्सिपल बैलेन्स कैलकुलेट करें: (रुपए 99,900.45 – रुपए 100.05 = रुपए 99,800.40)।
    • महीना तीन के लिए ब्याज कम्प्यूट करें: (रुपए 99,800.40 X 0.005 मासिक ब्याज = रुपए 499)।
    • महीना तीन में प्रिन्सिपल पेमेंट को कैलकुलेट करें:: (रुपए 599.55 मासिक भुगतान – रुपए 499 महीने तीन में ब्याज = रुपए 100.55)।
  2. लोन की अवधि के आखिर में, एमौर्टाइजेशन के असर पर विचार करें: आप देखेंगे की समय के साथ, हर महीने ली जाने वाली ब्याज की राशि, कम होती जाती है। हर भुगतान में प्रिन्सिपल पेमेंट का हिस्सा बढ़ता जाता है। [६]
    • ब्याज का पेमेंट करीब करीब शून्य हो जाता है। लोन अवधि के आखिरी महीने में, ब्याज का पेमेंट केवल रुपए 2.98 है।
    • टर्म के आखिरी पीरियड तक, पेमेंट में प्रिन्सिपल राशि के भुगतान का हिस्सा (रुपए 596.37), पूरी पेमेंट एमाउण्ट के निकट है।
    • टर्म के आखिर में, प्रिन्सिपल एमाउण्ट जो देना है, वह रुपए 0 होता है।
  3. एमौर्टाइजेशन के कान्सैप्ट का प्रयोग अपनी फ़ाइनेंस के बारे में स्मार्ट चॉइस (choice) करने के लिए करें: चूंकि मौर्ट्गेज लोन, और बहुत से कार लोन, एमौर्टाइजेशन का प्रयोग करते हैं, इसलिए आपको इस कान्सैप्ट को समझना चाहिए। आप एमौर्टाइजेशन के बारे में अपनी जानकारी का इस्तेमाल, अपने व्यक्तिगत ऋण (debt) को मैनेज करने के लिए कर सकते हैं। [७]
    • जब भी संभव हो, अपने लोन के प्रिन्सिपल एमाउण्ट को जल्दी कम करने के लिए, अतिरिक्त पेमेंट करें। जितनी जल्दी आप ब्याज को कम कर सकेंगे, उतना कम कुल ब्याज, आप लोन की अवधि के दौरान, देंगे।
    • बाकी ऋण के ब्याज दर के बारे में विचार करें: आपके अतिरिक्त पेमेंट का सबसे ज्यादा असर, अधिक ब्याज रेट वाले लोन पर पड़ेगा। आप सबसे ज्यादा ब्याज रेट वाले ऋण का प्रिन्सिपल एमाउण्ट कम करना चाहेंगे।
    • आप इंटरनेट पर, लोन एमौर्टाइजेशन कैलकुलेटर्स पा सकते हैं। कैलकुलेटर का प्रयोग करके यह कम्प्यूट करें की आप अतिरिक्त पेमेंट करके कितना ब्याज बचा सकते हैं। उदाहरण के लिए, कहें की आपका अतिरिक्त पेमेंट, आपके प्रिन्सिपल को रुपए 10,000 से घटा कर रुपए 9,900 कर देता है।
    • रुपए 10,000 की राशि का प्रयोग करके, अपने लोन की बाकी अवधि के लिए, अपने एमौर्टाइजेशन को कैलकुलेट करें। प्रिन्सिपल को रुपए 10,000 से घटा कर रुपए 9,900 करें और दोबारा कैलकुलेशन करें। लोन की पूरी अवधि के दौरान दिये गए कुल ब्याज की राशि पर ध्यान दें। आप रुपए 100 के प्रिन्सिपल के पेमेंट के आधार पर, एक अंतर देखेंगे।

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