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ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन वाली कारें नए और अनुभवी दोनों प्रकार के ड्राइवरों में बहुत लोकप्रिय हैं, क्योंकि वे मैनुअल ट्रांसमिशन वाली कारों से चलाने में सरल होती हैं और लंबी ट्रिप्स में अधिक आरामदेह भी हो सकती हैं। ये सरल स्टेप्स आपको ऑटोमेटिक ट्रांसमिशन ऑपरेट करना सीखने में गाइड कर सकते हैं, मगर याद रखिए: किसी भी प्रकार की मोटर गाड़ी चलाने से पहले सुनिश्चित करिए कि आपके पास वैलिड ड्राइवर्स लाइसेन्स हो और सभी स्थानीय ट्राफिक नियमों के बारे में जानते हैं।

विधि 1
विधि 1 का 3:

ड्राइव करने की तैयारी

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  1. चाभी या क्लिकर से अपनी कार का ताला खोलिए और ड्राइवर वाली साइड में बैठिए।
  2. कार को अपनी जरूरतों के हिसाब से एडजस्ट कर लीजिये: अपनी सीट को अपनी ज़रूरत के हिसाब से किसी भी दिशा में ऐसे एडजस्ट कर लीजिये ताकि आप आराम से कंट्रोल्स तक पहुँच सकें और खिड़कियों से बाहर देख सकें। मिरर्स को ऐसे घुमा लीजिये ताकि आप गाड़ी के पीछे और किनारों पर क्लियरली (clearly) देख सकें। ड्राइविंग शुरू करने से पहले कार के ब्लाईंड स्पॉट्स पहचान लीजिये, ताकि आप मुड़ने और लेन बदलने से पहले उनको चेक कर सकें।
  3. शुरू करने से पहले यह आवश्यक है कि आप एक्सेलेरेटर और ब्रेक पेडल, स्टीयरिंग व्हील, गियर सेलेक्टर लीवर, लाइट कंट्रोल, डिफ़्रोस्टर, और विंडशील्ड वाइपर को जान लें।
    • आपके पैर जहां पर होंगे उस जगह के ठीक सामने ब्रेक और एक्सेलेरेटर पेडल स्थित होंगे। ब्रेक पेडल बाएँ पर होगा और एक्सेलेरेटर दाईं ओर होगा।
    • स्टीयरिंग व्हील ड्राइवर के कंसोल के केंद्र में बड़ा व्हील होगा। गाड़ी के पहिये दाईं और बाईं ओर घुमाने के लिए इसे घुमाइए।
    • स्टीयरिंग कॉलम पर (आम तौर पर बाईं ओर) एक छोटा लीवर होता है जो रेस्ट की स्थिति में बीच में रहता है और उसकी ऊपर और नीचे दो लॉकिंग स्थितियाँ होती हैं। यह मुड़ने का सिग्नल होता है। अक्सर स्टीयरिंग व्हील के बाईं ओर कंसोल पर माउंट किया हुआ या स्टीयरिंग कॉलम पर स्थित किसी नौब (knob) पर वह कंट्रोल होता है जिससे हेडलाइट्स ऑन तथा ऑफ की जाती है।
    • गियर सेलेक्टर लीवर आम तौर पर इन दो जगहों में से एक पर होता है: या तो यह स्टीयरिंग कॉलम के दाईं ओर माउंटेड होता है या ड्राइवर और पैसेंजर सीट के बीच में होता है। इस पर एक डिस्प्ले होगा जहां गियर इंडीकेटर दिखेंगे, और उन पर आम तौर पर "P", "D", "N", और "R" तथा कुछ नंबर्स मार्क किए गए होंगे। जब गियर्स को स्टीयरिंग कॉलम पर शिफ्ट किया जाता है, तब डिस्प्ले आम तौर पर स्पीडोमीटर के नीचे, इन्स्ट्रुमेंट पैनल पर लोकेटेड होता है।
  4. सुनिश्चित करिए कि आप, और जो भी सवारियाँ गाड़ी में हों, पूरे समय अपनी सीट बेल्ट्स बाँधे रहें।
विधि 2
विधि 2 का 3:

"ड्राइव" में गाड़ी चलाना

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  1. अपना दायाँ पैर ब्रेक पेडल पर रखिए और उसे नीचे दबाइए, तब चाभी घुसाइए और गाड़ी स्टार्ट करने के लिए उसे क्लॉकवाइज़ घुमाइए।
  2. अपना पैर ब्रेक पेडल पर रखिए और गियर लीवर को "ड्राइव" पर शिफ्ट करिए। गियर पर डिस्प्ले पैनल में "D" लिखा होता है, जो चुने जाने पर हाइलाइट होता है।
    • स्टीयरिंग व्हील पर माउंट किए हुये शिफ्ट लीवर्स होने पर, गियर चुनने के लिए उसे ऊपर या नीचे खिसकाने से पहले, लीवर को अपनी ओर खींचिए। फिर उसे अपने ट्रैक पर खिसका कर पोज़ीशन में लाया जा सकता है।
    • फ़्लोर पर माउंट किए हुये शिफ़्ट लीवर्स के लिए आम तौर पर, लीवर को अनलॉक करने के लिए किनारे पर एक बटन होता है। इसे अपने ट्रैक पर पोजीशन में लाने के लिए खिसकाया जा सकता है।
  3. यह या तो सामने वाली दोनों सीटों के बीच में एक लीवर होता है या पैर वाले क्षेत्र में एक बिलकुल बाईं ओर एक पेडल होता है। नीचे वाली पार्किंग ब्रेक के ऊपर एक रिलीज़ लीवर हो सकता है या टॉपसाइड मॉडेल में दबाने के लिए एक बटन जिसे डिसइंगेज करने के लिए दबाना पड़ता है।
  4. यह देखने के लिए कि आसपास में कोई चीज़ या व्यक्ति चल फिर तो नहीं रहा है, कार के चारों ओर, जिनमें उसके ब्लाईंड स्पॉट भी शामिल हैं, देखिये। जिस ओर आप बढ़ रहे हैं उस दिशा का तो तो विशेष ध्यान रखिए।
  5. ब्रेक पेडल पर से दबाव हटाइये और कार धीरे धीरे आगे बढ्ने लगेगी। अपने पाँव ब्रेक से हटा लीजिये, उसी पाँव से आराम से गैस पेडल को दबाइये, और कार तेज़ी से आगे बढ्ने लगेगी। सड़क की सामान्य ड्राइविंग में स्पीड के अनुसार गियर बदलने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।
  6. "ड्राइव" में कार को बाएँ मोड़ने के लिए उसे बाईं ओर घुमाइए और दायें मोड़ने के लिए उसे दाईं ओर घुमाइए।
  7. अपना दायाँ पाँव एक्सेलेरेटर पेडल से हटा कर ब्रेक पर ले जाइए, धीरे धीरे दबाव बढ़ाइए ताकि झटके से न रुकें। जब आप फिर आगे बढ़ना चाहें तब अपना पाँव वापस एक्सेलेरेटर पर ले जाइए।
  8. जब आप मंज़िल पर पहुँच जाएँ तब ब्रेक पेडल पर धीरे धीरे दबाव बढ़ा कर गाड़ी को पूरी तरह रोक दीजिये और शिफ्ट लीवर को वापस "P" पोजीशन पर खिसका दीजिये। चाभी को काउंटर क्लॉकवाइज़ घूमा कर इंजन को बंद कर दीजिये। कार से बाहर निकलने से पहले हेडलाइट्स बंद करना और पार्किंग ब्रेक लगाना मत भूलिएगा।
विधि 3
विधि 3 का 3:

ऑल्टरनेटिव गियर लगाना

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  1. अगर आपको रिवर्स में जाने की ज़रूरत हो, "रिवर्स" में जाने या उससे निकलने से पहले सुनिश्चित करिए कि आपकी गाड़ी पूरी तरह रुकी हुई हो। गियर शिफ्ट को "R" मार्क की ओर स्लाइड करिए और अपने पीछे/आसपास देखिये कि कोई अवरोध तो नहीं है। अपना पाँव ब्रेक पर से हटाइए और उसे एक्सेलेरेटर पर रखिए।
    • रिवर्स में मोड़ते समय आपकी कार उसी ओर घूमेगी जिधर आप व्हील घुमाएंगे। चूंकि आप बस पीछे को जा रहे हैं, इस लिए कार का पिछला सिरा सामने वाले सिरे की जगह पर, उसी ओर घूमेगा।
  2. "न्यूट्रल" गियर का इस्तेमाल नियमित रूप से ड्राइव करते समय नहीं करना होता है बल्कि सिर्फ तब करना होता है जब आपको अपनी कार की स्पीड पर नियंत्रण की कोई ज़रूरत नहीं होती है। इसका उदाहरण है, जब थोड़े समय के लिए पार्क किए हुये आइडल करना हो या जब धक्का दिया जा रहा हो या टो किया जा रहा हो।
  3. "1," "2," और "3" लिखे हुये गियर, लोअर गियर कहलाते हैं। ये तब एक तरह के इन-इंजन ब्रेकों का काम करते हैं, जब आपको वास्तविक ब्रेकों को बचाने की ज़रूरत होती है। पहाड़ की तीखी ढलान से नीचे आते समय इस तकनीक का अच्छा इस्तेमाल होता है। पहला गियर, हालांकि, केवल तभी इस्तेमाल किया जाता है जबकि आपको बहुत ही धीमे जाना हो। इन गियरों और ड्राइव के बीच में अदला बदली करते समय रुकने की आवश्यकता नहीं है।

सलाह

  • मिरर्स को अक्सर देखिये।
  • जब आप कोई भी मोटर गाड़ी चला रहे हों तब डिफ़ेंसिवली ड्राइव करिए और अपने आसपास ध्यान दीजिये।
  • ब्रेक पेडल के लिए एक, और एक्सेलेरेटर के लिए दूसरे पाँव का इस्तेमाल मत करिए। अपने दायें पाँव का इस्तेमाल दोनों पेडल्स के लिए करिए और बायाँ पाँव फ्लोर पर ही रहने दीजिये।
  • ब्रेक और एक्सेलेरेटर दोनों पर आराम से और धीरे धीरे दबाव दीजिये।
  • सदैव ट्राफिक सिग्नलों पर ध्यान दीजिये।
  • अगर आप ईंधन का सबसे अच्छा इस्तेमाल करना चाहते हैं, तब एक्सेलेरेटर को लगातार दबाये रहना अनुचित है। इससे टोर्क दबाव निचले स्तर पर बना रहता है।

चेतावनी

  • नज़रें सड़क पर ही रखिए; ड्राइव करते समय टेक्स्ट मत करिए।
  • सभी स्थानीय ट्राफिक नियमों का पालन करिए और सदैव वैध ड्राइविंग लाइसेन्स के साथ ही ड्राइव करिए।
  • कभी भी शराब पी कर गाड़ी नहीं चलाइए।
  • अगर गाड़ी अकेली छोड़ें तो उसे लॉक कर दीजिये।
  • P पर स्विच करने से पहले पूरी तरह रुक जाइए अन्यथा ट्रांसमिशन को गंभीर नुकसान हो सकता है।
  • जब 'R' से 'D' या उल्टे कर रहे हों, तब कार अवश्य ही खड़ी होनी चाहिए अन्यथा ट्रांसमिशन को गंभीर नुकसान हो सकता है।

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