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इस विकिहाउ में आपको सिखाया गया है कि किस तरह से आप एक फ़ेक (fake) वायरस के ज़रिये अपने कंप्यूटर के एंटीवायरस प्रोग्राम को टेस्ट कर सकते हैं, तथा साथ ही यह भी सीख सकते हैं कि किस प्रकार बुरी ब्राउज़िंग तथा सिक्यूरिटी आदतों का इस्तेमाल, कंप्यूटर इन्फेक्शन्स को कम करने के लिए कर सकते हैं। यह ध्यान रखिएगा कि कंप्यूटर में वायरस का सचमुच आ जाना, बहुत ही ख़तरनाक होता है, और उसके कारण आपका कंप्यूटर काम करना बंद कर सकता है, आपकी निजी जानकारी गुम हो सकती है, और यहाँ तक कि अनेक कानूनी समस्याएँ भी पैदा हो सकती हैं।

विधि 1
विधि 1 का 2:

टेस्ट वायरस का इस्तेमाल करना

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  1. यह सुनिश्चित कर लीजिये कि आपका एंटीवायरस प्रोग्राम एक्टिव है: आपके टेस्ट वायरस को डिटेक्ट कर लिया जाये, इसलिए आप चाहेंगे कि आपके कंप्यूटर में कोई न कोई एंटीवायरस प्रोग्राम चल रहा हो। यह याद रखिएगा कि टेस्ट वायरस, वास्तव में कोई वायरस नहीं है, इसलिए वह आपके कंप्यूटर को कोई नुकसान नहीं पहुंचाएगा।
    • विंडोज़ पर आपके पास डिफ़ौल्ट के रूप में विंडोज़ डिफ़ेंडर नाम का एक ऐसा प्रोग्राम होगा ही।
    • मैक पर आपको Malwarebytes या AVG जैसा कोई थर्ड-पार्टी एंटीवायरस प्रोग्राम इस्तेमाल करना होगा।
  2. अपने कंप्यूटर ब्राउज़र में https://www.eicar.org/ पर जाइए। EICAR एक यूरोपियन आईटी सिक्यूरिटी फ़र्म है, जो कि दूसरी चीज़ों के अतिरिक्त आईटी विभागों को अपने नेटवर्क्स के सिक्यूरिटी उपायों को टेस्ट करने में मदद करती है।
  3. टैब पर क्लिक करिए: यह पेज के टॉप के निकट एक गाढ़े-नीले रंग का बैनर होता है। ऐसा करने से EICAR डिस्क्लेमर खुल जाता है।
    • अगर आपके मन में इस बारे में कोई सवाल हैं कि इस टेस्ट वायरस को किस तरह इस्तेमाल किया जाना चाहिए, तब आगे बढ़ने से पहले, आपको यह डिस्क्लेमर तथा इस्तेमाल करने का एक्स्प्लेनेशन पढ़ लेना चाहिए।
  4. पर क्लिक करिए: यह बैंगनी बटन पेज के ऊपरी-बाएँ कोने पर होता है। इस पर क्लिक करने से यह आपको उस पेज पर ले जाता है जहां आप EICAR टेस्ट फ़ाइल डाउनलोड कर सकते हैं।
  5. यह पेज के बॉटम के निकट होता है।
  6. लिंक पर क्लिक करिए: आप "Download area using the standard protocol http" सेक्शन या "Download area using the secure, SSL enabled protocol https" में eicar.com लिंक पर क्लिक कर सकते हैं। फ़ाइल डाउनलोड होने की कोशिश करेगी।
  7. डाउनलोड होना शुरू होने में कई सेकंड लग सकते हैं। अगर फ़ाइल सफलता पूर्वक आपके कंप्यूटर की "Downloads" लोकेशन तक पहुँच जाएगी, तब अधिक संभावना यही है कि आपको एक पॉप-अप चेतावनी मिलेगी कि एक मैलीशियस (malicious) फ़ाइल डिटेक्ट हुई है।
    • अगर आप विंडोज़ कंप्यूटर पर हैं तथा विंडोज़ डिफ़ेंडर एनेबल किया गया है, तब फ़ाइल को डाउनलोड होने की अनुमति नहीं मिलेगी। आप फ़ाइल को डाउनलोड करने के लिए उसकी जल्दी-जल्दी, कई बार कोशिश करके इसको सर्कमवेंट कर सकते हैं। इसके लिए आपको Windows Defender पॉप-अप नोटिफ़िकेशन पर क्लिक करना होगा, "Current threats" सेक्शन में फ़ाइल के नाम पर, "Allow on device" बॉक्स पर चेक करके, तथा Start actions पर, और प्रॉम्प्ट किए जाने पर Allow पर क्लिक करना होगा।
  8. अगर फ़ाइल को अभी तक आपके एंटीवायरस प्रोग्राम द्वारा नहीं पकड़ा गया है, तब खतरों से निबटने के लिए अपने एंटीवायरस प्रोग्राम से मैनुअली स्कैन करिए। इससे आम तौर पर फ़ाइलों को पकड़ लिया जाएगा, क्वारेंटाइन कर दिया जाएगा, और आपके कंप्यूटर से निकाल दिया जाएगा।
    • अगर आपका एंटीवायरस स्कैन अभी भी फ़ाइलों को नहीं पकड़ पाता है, तब आपको कोई दूसरा एंटीवायरस प्रोग्राम खरीदने के बारे में सोचना चाहिए।
विधि 2
विधि 2 का 2:

किसी कारण से इनफ़ेक्ट होना

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  1. कंप्यूटर को बैकअप करिए : चूंकि वायरसेज़ के कारण कंप्यूटर बहुत ही जल्द बेकार हो जाता है, इसलिए सलाह यही दी जाती है कि अपने कंप्यूटर की फ़ाइल्स को एक्स्टर्नल हार्ड ड्राइव पर बैकअप कर लिया जाये।
  2. सुनिश्चित करिए कि आपका कंप्यूटर एक सुरक्षित एनवायरनमेंट में हो: वायरस तो फैलने के लिए ही डिज़ाइन किये जाते हैं, इसलिए अगर वाइरस को किसी ऐसे कंप्यूटर पर टेस्ट किया जाता जो कि पूरी तरह से इंटरनेट से आइसोलेटेड नहीं होता है, तब यह ग़ैरज़िम्मेदारी का काम होगा। सुनिश्चित करिए कि आपका टेस्ट-एनवायरनमेंट कंटेंड हो, ताकि जिस वायरस को आप टेस्ट कर रहे हैं, वह उन कंप्यूटर्स में नहीं फैले, जिनको आप इनफ़ेक्ट नहीं होने देना चाहते हैं। [१]
    • आप यह भी सुनिश्चित करना चाहेंगे कि आपके कंप्यूटर पर कोई ऐसी सेंसिटिव जानकारी (जैसे कि क्रेडिट कार्ड नंबर्स, सोशल सिक्यूरिटी आइडेंटिफ़िकेशन, भुगतान के रिकॉर्ड आदि) न हो जिसे कि वायरस के कारण हार्ड ड्राइव पर न कॉपी किया जा सके।
    • सुनिश्चित करिए कि वह कंप्यूटर या वे कंप्यूटर्स जिन पर आप टेस्ट कर रहे हैं, वे उस समय, जब आप इन्फ़ेक्टेड फ़ाइलों को खोल रहे हों, तब इंटरनेट से कनेक्टेड न हों।
    • और अधिक सिक्यूरिटी के लिए, किसी ऐसे फ़िज़िकल कंप्यूटर में, जो इंटरनेट से कनेक्टेड न हो, वर्चुअल मशीन में वायरस को टेस्ट करिए।
  3. अपने कंप्यूटर को इनफ़ेक्ट करने से आप अपने डेटा तथा निजी जानकारी को ख़तरे में डाल सकते हैं, और अगर आपका कंप्यूटर इंटरनेट से या नेटवर्क द्वारा दूसरे कंप्यूटर्स से कनेक्टेड है तब आप दूसरों को भी इनफ़ेक्ट करने का ख़तरा उठा रहे हैं।
    • जानबूझ कर किसी दूसरे के कंप्यूटर को वायरस से इनफ़ेक्ट करना अधिकांश देशों में ग़ैरकानूनी होता है।
    • अगर आप अपने एंटीवायरस सॉफ्टवेयर को टेस्ट करने की कोशिश कर रहे हैं, तब हमारी सलाह यही है कि आप पिछली विधि में दी हुई टेस्ट फ़ाइल का इस्तेमाल करें।
  4. अपने कंप्यूटर को इंटरनेट से डायरेक्टली कनेक्ट करिए: अधिकांश राउटर्स में हार्डवेयर फ़ायरवॉल्स होती हैं जो आपके कंप्यूटर को प्रोटेक्ट करने में मदद कर सकती हैं। अधिकतम वलनरेबिलिटी के लिए, आपको अपने मॉडेम को ईथरनेट केबल द्वारा , डायरेक्टली कंप्यूटर से कनेक्ट करना चाहिए, जो राउटर की सिक्यूरिटी को बाईपास कर देगा।
  5. फ़ायरवॉल सर्विस, एक बिल्ट-इन थ्रेट डिटरेंट (threat deterrent) का काम करता है, इसलिए उसको डिसेबल करने से वह अनाधिकृत प्रोग्राम को आपके कंप्यूटर तक पहुँच जाने देगा।
    • कुछ मामलों में, कंप्यूटर की फ़ायरवॉल को डिसबल करने से अनाधिकृत यूज़र्स की भी आपके नेटवर्क तक पहुँच हो जाएगी।
  6. अपने एंटीवायरस को डिसेबल या अनइन्स्टाल कर दीजिये: अधिकांश एंटीवायरस प्रोग्राम्स अधिकतर वायरसेज़ को पकड़ने का प्रशंसनीय काम करते हैं, इसलिए अपने कंप्यूटर को इनफ़ेक्ट करने की कोशिश करने से पहले, आप चाहेंगे कि अपने एंटीवायरस सॉफ्टवेयर को पूरी तरह डिसेबल कर दें या उसे हटा ही दें।
  7. ऐसी अनेक ऑनलाइन कम्युनिटीज़ हैं जो इंटरनेट सिक्यूरिटी को टेस्ट करने के लिए डेडिकेटेड हैं, और कम्यूनिटी डिस्कशन्स में आप शायद जाने पहचाने वायरसेज़ के लिंक्स को पा सकते हैं। सबसे लोकप्रिय इंटरनेट सिक्यूरिटी (NetSec) कम्युनिटीज़ में से NetSec subreddit एक है। आपको स्पेसिफ़िक वायरसेज़ के संबंध में डिस्कशन्स मिल सकते हैं तथा साइट्स के लिए लिंक्स भी यहीं पर मिल सकते हैं। [२]
  8. उन फ़ाइल्स को डाउनलोड करिए जिनमें जाने पहचाने वायरस हों: वायरसेज़ के फैलने के सबसे लोकप्रिय तरीकों में से एक है, पाइरेटेड मीडिया या सॉफ्टवेयर के ज़रिये फैलना। लोकप्रिय प्रोग्राम्स के लिए "क्रैक्स" या "सीरियल्स" का पता लगाइए जिनके लिए किसी फ़ाइल को रन करना होता है। इन फ़ाइल्स में अक्सर वे वायरस होते हैं जो आपके क्रैक प्रोग्राम को रन करने पर एक्ज़ीक्यूट हो जाते हैं।
    • टॉरेंट, ऐसी फ़ाइल्स को शेयर करने का एक बहुत ही लोकप्रिय तरीका है। जब आप टॉरेंट साइट्स को ब्राउज़ कर रहे हों, तब ऐसे टॉरेंट्स पर ध्यान दीजिएगा जिनकी रेटिंग्स बहुत नीची हों और जिनके कमेंट्स में दूसरे यूज़र्स ने वायरस की चेतावनी दी हो। आप इन्हीं को चाहते होंगे।
    • P2P शेयरिंग प्रोग्राम्स, वायरस फैलाने का एक दूसरा लोकप्रिय तरीका है। Kazaa तथा Gnutella कुछ दूसरे ऐसे प्रोग्राम हैं जो कि इस काम के लिए लोकप्रिय ऑप्शन्स माने जाते हैं।
    • अनेक वेबसाइट्स, जिन्हें "warez" साइट्स के नाम से जाना जाता है, वर्चुयली किसी भी प्रोग्राम के लिए, "मुफ़्त" डाउनलोड्स ऑफर करती हैं। ये लगभग हमेशा ही वायरसेज़ तथा ऐडवेयर से इन्फेक्टेड होती हैं, और वह प्रोग्राम भी शायद ही कभी काम करता है।
  9. अनेक विज्ञापन – विशेषकर ऐसे, जिनमें कुछ बढ़ाने के लिए या सर्विस देने का दावा किया जाता है – ऐसी शेडी साइट्स की ओर रीडायरेक्ट कर देते हैं जिनमें वायरस रहते हैं।
  10. अपने ईमेल का Spam या Junk फ़ोल्डर खोलिए, फिर किसी अनजान सेंडर से भेजे गए ईमेल को खोलिए और उसमें डाउनलोड बटन या किसी लिंक को ढूंढ लीजिये।
    • कभी-कभी तो केवल स्पाम ईमेल को खोलना ही वायरस को पकड़ लेने के लिए काफ़ी होता है।
    • कुछ स्पाम ईमेल्स के लिए, वायरस फाइल को डाउनलोड होने के लिए प्रॉम्प्ट करने को, आपको ईमेल में दिये हुये किसी लिंक पर क्लिक करना होता है।
  11. पारंपरिक रूप से स्क्रीनसेवर्स सबसे अधिक इन्फेक्टेड फ़ाइल्स होती हैं, विशेषकर तब जब वह किसे अविश्वसनीय स्त्रोत (जैसे कि टॉरेंटिंग वेबसाइट्स) से डाउनलोड की गई हों।
    • यह तरीका टिपिकली केवल विंडोज़ कंप्यूटर पर काम करेगा, चूंकि स्क्रीनसेवर (.scr) फ़ाइल्स आमतौर पर विंडोज़ कंप्यूटर पर ही एक्ज़ीक्यूटेबल होती हैं।
  12. जब आपका टेस्ट पूरा हो जाये, तब वायरस से छुटकारा पा लीजिये: एक्स्ट्रीम मामलों में हो सकता है कि आपको अपने कंप्यूटर की हार्ड ड्राइव को इरेज़ करना पड़े और और वायरस के नामोनिशान को मिटाने के लिए ऑपरेटिंग सिस्टम को फिर से इन्स्टाल करना पड़े।

सलाह

  • विंडोज़ इस्तेमाल करने वालों के लिए बिल्ट-इन विंडोज़ डिफ़ेंडर सबसे बढ़िया एंटीवायरस प्रोग्राम होता है।

चेतावनी

  • ऐसी वेबसाइट्स पर जाने से, जहां ग़ैरकानूनी कंटेन्ट होता है, आपको पुलिस तथा अन्य एजेंसीज़ से परेशानी पैदा हो सकती है।
  • जानबूझ कर किसी ऐसे कंप्यूटर को इनफ़ेक्ट करना, जो आपका नहीं है, अधिकांश जगहों पर ग़ैरकानूनी होता है। यहाँ तक कि अपने कंप्यूटर भी वायरस डाउनलोड करने से भी, अनजाने में, नेटवर्क, ईमेल, या यूएसबी ड्राइव के ज़रिये, दूसरे कम्प्यूटर्स को इनफ़ेक्ट हो जाने का जोखिम होता है।
  • वायरस डाउनलोड करके आप अपनी जानकारी और प्राइवेसी को ख़तरे में डाल रहे हैं। सभी एंटीवायरस प्रोग्राम हर प्रकार के वायरस को नहीं हटा सकते हैं। ये वायरस आपकी डिवाइस को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

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