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होंठ फटना या कटना बहुत पीड़ादायक अनुभव होता है | अगर इसका सही इलाज़ न किया जाए तो इससे गंभीर इन्फेक्शन भी हो सकते हैं विशेषरूप से अगर घाव में गंदगी और अन्य फॉरेन पार्टिकल्स भर जाएँ और घाव को साफ़ न किया जाए | यह आर्टिकल इन दोनों ही चीज़ों को एक्सप्लेन (Explain) करेगा कि कैसे कम समय में घाव से ब्लीडिंग को रोका जाए और कैसे घाव को ठीक करके बाद में होने वाले स्कार या इन्फेशन की रिस्क से बचा जाए |

विधि 1
विधि 1 का 3:

घाव साफ़ करें

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  1. किसी भी घाव का इलाज़ करने से पहले ध्यान रखें कि आपके हाथ साफ़ हों जिससे आपके हाथों की स्किन में लगी हुई चीज़ों से घाव में इन्फेक्शन होने की रिस्क को रोका जा सके | अगर आपके पास उपलब्ध हो तो हाथ धोने के लिए गर्म पानी और एंटी-बैक्टीरियल साबुन का उपयोग करें | हाथ धोने के बाद एंटीबैक्टीरियल हैण्ड सेनीटाइजर का उपयोग भी काफी असरदार साबित हो सकता हैं | [१]
    • अगर आपके पास उपलब्ध हों तो विनाइल ग्लोव्स का उपयोग करें | लेटेक्स ग्लोव्स भी अच्छे होते हैं लेकिन ध्यान रखें कि जिस व्यक्ति के होंठों का इलाज़ कर रहे हैं उसे लेटेक्स से एलर्जी न हो | अपने हाथ और घाव के बीच एक साफ़ और विसंक्रमित मटेरियल का बैरियर बनाना बहुत जरुरी होता है | [२]
  2. बेहतर होगा कि आप घाव के पास बैठकर सांस लेने या खांसने/छींकने से बचें | [३]
  3. जिस व्यक्ति के होंठ से खून आ रहा हो, उसे बिठा दें और उसकी ठोड़ी को उसकी छाती की और नीचे झुकाएं | ब्लड को मुंह के द्वारा आगे की ओर ड्रेन करने से उस घायल व्यक्ति को अपना खुद का ब्लड निगलने से बचाया जा सकता है अन्यथा इसके कारण उल्टी हो सकती है और गला चोक होने का खतरा हो सकता है | [४]
  4. मुख्य चोट के अलावा उससे जुडी हुई अन्य इंजुरीज को चेक करें: अधिकतर जब किसी व्यक्ति के मुंह में चोट लगती है तो प्रारंभिक चोट के कारण उससे सम्बंधित अन्य चोट भी होती हैं | अगर ऐसी कोई भी चोट दिखाई दे तो तुरंत मेडिकल हेल्प लें | इनमे शामिल हैं: [५]
    • दांत टूटना या हिलना
    • चेहरे या जबड़े का फ्रैक्चर होना
    • निगलने या सांस लेने में परेशानी होना
  5. घायल व्यक्ति से सुनिश्चित करें कि उसने समय समय पर वैक्सीन ली हैं या नहीं: अगर ऐसी दुर्घटना हो जिसमे मेटल, गन्दी वस्तु या गन्दी सतह से चोट लगने पर घाव बना हो तो ऐसी स्थिति में घायल व्यक्ति को टिटनेस इन्फेक्शन होने की सम्भावना बनी रहती है | [६]
    • नवजात और छोटे बच्चों में टिटनेस शॉट्स दो महीने की उम्र तक (डी.प.टी. वैक्सीन के रूप में), चार महीने में, और छह महीने में और फिर से 15 महीने से लेकर 18 महीने की उम्र तक लग जाने चाहिए और साथ ही 4 से 6 वर्ष की उम्र में इनका बूस्टर लगना चाहिए | [७]
    • अगर घायल व्यक्ति का घाव गन्दा हो तो सुनिश्चित करें कि उसे पिछले 5 सालों में टिटनेस बूस्टर शॉट लगा है या नहीं | अगर नहीं लगा है तो उसे एक शॉट लगवाना चाहिए | [८]
    • किशोरों और युवाओं को 11 से 18 वर्ष की उम्र के बीच कभी भी बूस्टर शॉट दिया जा सकता है | [९]
    • प्रत्येक वयस्क को हर 10 साल में एक बार टिटनेस बूस्टर शॉट्स लेने चाहिए | [१०]
  6. बाहर निकाली जाने योग्य चीज़ों को मुंह से हटा दें: घायल व्यक्ति से कट के आस-पास स्थित किसी भी प्रकार की ज्वेलरी जिसमे जीभ और होंठों पर पहनी जाने वाली रिंग्स भी शामिल हैं, निकालने के लिए कहें | साथ ही चोट लगने के समय पर मुंह मे रखे फूड्स या गम को निकालने के लिए कहें | [११]
  7. इन्फेक्शन से बचने और स्कारिंग की रिस्क से बचने के लिए यह स्टेप बहुत जरुरी होती है | [१२]
    • अगर घाव में कोई चीज़ फंसी हो जैसे धूल के कण या बुलबुले हों तो उन्हें हटाने के लिए घायल व्यक्ति के घाव को बहते हुए नल के नीचे सभी पार्टिकल्स के निकल जाने तक रखें | [१३]
    • अगर यह प्रभावित व्यक्ति को असुविधाजनक लगता है तो एक गिलास में पानी भरकर उसे घाव के ऊपर डाल दें | घाव में लगी हुई गंदगी पूरी तरह से साफ़ होने तक गिलास को बार-बार भरकर घाव पर डालते रहें |
    • एक कॉटन स्वाब को हाइड्रोजन पेरोक्साइड में डुबाकर घाव को गहराई से साफ़ करें | ध्यान रखें कि घायल व्यक्ति दुर्घटनावश थोड़े से हाइड्रोजन पेरोक्साइड को भी निगले नहीं | [१४]
विधि 2
विधि 2 का 3:

ब्लीडिंग बंद करें

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  1. बेहतर होगा कि जिस व्यक्ति के होंठ से खून आ रहा हो वो खुद ही अपने लिप्स पर प्रेशर लगाये लेकिन अगर आप उनकी मदद करना चाहते हैं तो पहले रबर ग्लव्स पहनें | [१५]
    • एक साफ़ टॉवल या गौज पीस या बैंडेज का उपयोग करें और पूरे 15 मिनट तक कट पर हलके दबाव के साथ लगाये रखें | अगर टॉवल,गौज या बैंडेज खून से पूरी तरह से भीग जाए तो पहली लेयर को हटाये बिना ही अतिरिक्त गौज या बैंडेज लगायें | [१६]
  2. 45 मिनट के बाद कट से स्पॉट ब्लड दिखाई दे सकता है लेकिन अगर पहले 15 मिनट के बाद भी तेज ब्लीडिंग हो रही हो तो तुरंत मेडिकल हेल्प लेनी चाहिए | [१७]
    • मसूड़े, जीभ और होंठ सहित पूरे मुंह में कई सारी ब्लड वेसल्स और हेवी ब्लड सप्लाई होती हैं इसलिए मुंह में कट लगने से शरीर के अन्य हिस्सों की तुलना में बहुत ज्यादा ब्लीडिंग होती है | [१८]
    • अंदर की ओर दांत, जबड़े या मसूड़ों (gums) की ओर प्रेशर लगायें |
    • अगर घायल व्यक्ति के लिए यह असुविधाजनक हो तो उस व्यक्ति के दांत और होंठ के बीच एक साफ़ कपडा या गौज (gauze) रखें और अब दबाव डालें | [१९]
  3. जरूरत पड़ने पर मेडिकल प्रोफेशनल से सम्पर्क करें: अगर कट पर लगातार दबाव लगाने पर भी 15 मिनट के बाद तक ब्लीडिंग बंद न हो और घायल व्यक्ति को सांस लेने या निगलने में परेशानी हो रही हो, उसके दांत गिर गये हों या अपने स्थान से निकले हुए दिखाई दे रहे हों, अगर आप सारी गंदगी और धूल को साफ़ न कर पा रहे हों या आपको लगता है कि उसके चेहरे पर और भी कई जगह चोट लगी हो सकती है तो आपको डॉक्टर को दिखाना चाहिए क्योंकि ऐसी स्थिति में टाँके लगाने या अन्य प्रोफेशनल ट्रीटमेंट देने की जरूरत होती है | जितना जल्दी हो सके मेडिकल हेल्प लें अन्यथा लम्बे समय तक घाव को खुला छोड़ने से इन्फेक्शन और ब्लीडिंग की सम्भावना बढ़ जाती है |अगर आपको किसी भी प्रकार का संदेह हो तो तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करें |
    • अगर कट होंठ के चारों ओर हो तो तुरंत मेडिकल हेल्प लें | [२०] अगर कट होंठ के लाल हिस्से में और साथ ही लिप्स की ऊपर और नीचे की नार्मल कलर वाली स्किन (वरमिलियन बॉर्डर के पास) हो तो घायल व्यक्ति को टांकें लगवाने के लिए डॉक्टर से सम्पर्क करना चाहिए | टाँके लगवाने से इन्फेक्शन की रिस्क कम हो जाएगी और बेस्ट कॉस्मेटिक तरीके से घाव भरने में मदद मिलेगी |
    • अगर कट बहुत गहरा और गैप वाला हो (इसका मतलब है कि आप कट के दोनों साइड अपनी अंगुलियाँ डाल सकते हों और थोड़े से प्रयास से भी कट खुल जाए, इतना गैप हो) तब डॉक्टर्स टांकें लगाने की सिफारिश करते हैं | [२१]
    • डॉक्टर भी टाँके लगाने की सिफारिश करते हैं, अगर घाव में स्किन का कोई फ्लैप (flap) दिखाई दे जिसे आसानी से सिला जा सकता हो | [२२]
    • बहुत गहरे घाव में टांके (stitches) लगाने पड़ सकते हैं इसलिए ऐसी स्थिति में अधिकतम 8 घंटे से ज्यादा इंतज़ार न करें और सुरक्षित ट्रीटमेंट उपलब्ध कराएं | [२३]
विधि 3
विधि 3 का 3:

घाव की हीलिंग करें

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  1. मुंह के अंदर होने वाले छोटे कट्स आमतौर पर तीन से चार दिनों में हील हो जाते हैं लेकिन सीरियस इंजुरी या गहरे कट्स भरने में काफी समय लगता है विशेषरूप से अगर कट होंठ के ऐसे हिस्से पर हों जहाँ से खाने और पीने के दौरान काफी मूवमेंट्स किये जाते है | [२४]
    • अगर घायल व्यक्ति डॉक्टर को दिखा चूका हो तो उसे डॉक्टर के निर्देशों के अनुसार घाव की देखभाल करनी चाहिए और डॉक्टर के परामर्श के अनुसार ही दवाइयां जैसे एंटीबायोटिक्स लेनी चाहिए |
  2. एक आइस पैक या कुछ आइस क्यूब्स को एक साफ़ कपडे में लपेटकर सेंक करने से दर्द और सूजन को कम करने में मदद मिल सकती है | [२५]
  3. नेचुरल विकल्प या टोपिकल एंटीसेप्टिक प्रोडक्ट लगाने पर विचार करें: इन्हिशियल ब्लीडिंग के शुरू होने के बाद, घाव का इलाज शुरू कर देना चाहिये जिससे सफाई से हीलिंग हो सके | हालाँकि मेडिकल वर्ल्ड में एंटीसेप्टिक क्रीम के उपयोग के बारे में काफी असहमतियां (डिसएग्रीमेंट्स) हैं | [२७] परन्तु, कुछ रिसर्च सलाह देती हैं कि अगर इन क्रीम्स को सही रूप से उचित मात्रा में उपयोग किया जाए तो ये हीलिंग में असरदार साबित हो सकती हैं |
    • अगर आप टोपिकल एंटीसेप्टिक क्रीम का उपयोग करना चाहते हैं तो इन्हें आप आमतौर पर बाज़ार में किसी भी फार्मेसी या ग्रोसरी स्टोर से खरीद सकते हैं | अगर इनके बारे में कोई शक हो तो अपने घाव के लिए उचित प्रोडक्ट के बारे में डॉक्टर या फार्मासिस्ट से पूछें | ध्यान रखें कि निर्देशों के अनुसार जो भी प्रोडक्ट चुनें उसकी बहुत अधिक मात्रा लगाने और बार-बार लगाने से बचें |
    • विकल्प के तौर पर, आप शहद या दानेदार चीनी को घाव पर लगा सकते हैं | चीनी घाव से पानी बाहर निकाल देती है और बैक्टीरिया की वृद्धि के लिए आवश्यक नमी युक्त माध्यम को ख़त्म करके बैक्टीरिया को पनपने से रोकती है | शहद में भी एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं | [२८] स्टडीज़ बताती हैं कि ड्रेसिंग से पहले घाव पर शहद या चीनी लगाने से दर्द को कम किया जा सकता है और इन्फेक्शन रोका जा सकता है | [२९]
  4. [३०] अगर घायल व्यक्ति अपने मुंह को बहुत ज्यादा उबासी लेकर, बहुत मुंह खोलकर हंसने से या फ़ूड के बड़े निवाले खाने के द्वारा ज्यादा चौड़ा करता है तो इसके कारण अनावश्यक परेशानी हो सकती है और घाव फिर से खुल सकता है | ऐसी स्थिति में आगे चलकर वो व्यक्ति एक बार फिर से इन्फेक्शन के खतरों की गिरफ्त में आ सकता है और हीलिंग प्रोसेस की शुरुआत फिर से प्रारंभ करनी पड़ती है |
  5. [३१] घायल व्यक्ति जितना कम चबायेगा, घाव के फिर से खुलने के चांस उतने ही कम होंगे | उसे जितना हो सके अपनी शरीर और टिश्यू को हाइड्रेटेड रखने के लिए ज्यादा से ज्यादा तरल लेना चाहिए क्योंकि इससे भी घाव की रिओपनिंग (reopening) को रोकने में मदद मिल सकती है |
    • घाव पर नमक या साइट्रस एसिड न लगने दें अन्यथा इसके कारण जलन युक्त दर्द की परेशानी हो सकती है | [३२]
    • कठोर, क्रंची (कुरकुरे) या नुकीले फूड्स जैसे आलू और टॉरटिला (tortilla) चिप्स न खाएं |
    • खाने के बाद घाव के ऊपर गर्म पानी डालें जिससे बचे हुए फ़ूड पार्टिकल्स अच्छी तरह से साफ़ हो जाएँ | [३३]
    • अगर घायल व्यक्ति को कट के कारण खाने या पीने में परेशानी हो रही हो तो डॉक्टर से सम्पर्क करें |
  6. इन्फेक्शन के चिन्ह दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएँ: भले ही आप इन्फेक्शन और इंजरी से बचने के सारे प्रयास कर चुके हों लेकिन फिर भी कभी-कभी स्थितियां आपके अनुसार नहीं होतीं | अगर आपको निम्नलिखित में से कोई भी लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करें: [३४]
    • 100.4 डिग्री फेरेनहाइट या उससे अधिक बुखार होना
    • असामान्य रूप से शरीर का तापमान कम होना
    • रेडनेस, सूजन, गर्मी या दर्द बढ़ जाना या घाव में पस होना
    • मूत्रत्याग या यूरिनेशन Decreased urination
    • तीव्र नाड़ी या पल्स चलना
    • तेज़-तेज़ सांस चलना
    • मितली और उल्टी होना
    • डायरिया या दस्त
    • मुंह खोलने में परेशानी होना
    • कटे हुए भाग के आस-पास रेडनेस, छूने पर दर्द या होना सूजन

सलाह

  • हाइड्रेटेड रहने के लिए खूब सारा पानी पियें |
  • अपने लिप्स या होंठों पर जीभ न फेरें! हालाँकि आपको ऐसा लग सकता है की ऐसा करने से आप होंठों को नम बनाये रखेंगे लेकिन वास्तव में ऐसा करने से होंठ ड्राई हो जाते हैं और इनके और अधिक डैमेज होने की सम्भावना बन जाती है |

चेतावनी

  • केवल उस समय छोड़कर जब आप कट की देखभाल कर रहे हों, होंठ के कटे हुए हिस्से को टच न करें अन्यथा इससे दर्द होगा और बैक्टीरिया और गंदगी के द्वारा इन्फेक्शन होने का खतरा भी हो सकता है |
  • अगर कुत्ते या बिल्ली के काटने के कारण कट या घाव हुआ है तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएँ क्योंकि इस तरह के कट में बहुत जल्दी इन्फेक्शन होने की सम्भावना होती है |
  • अगर उचित सावधानियां न रखी जाए तो रक्तजनित पैथोजन्स (bloodborne pathogens) आसानी से पनप सकते हैं | किसी भी व्यक्ति के घाव का इलाज़ करने से पहले और बाद में हमेशा हाथ धोएं और रबर के ग्लोव्स पहनें |
  • अगर कट बहुत बदतर हो जाये तो तुरंत मेडिकल हेल्प लें |

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  1. http://www.cdc.gov/features/tetanus/
  2. http://www.emedicinehealth.com/mouth_wounds_how_to_stop_bleeding-health/article_em.htm
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  18. http://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/20051094
  19. http://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3609166/
  20. http://www.ncbi.nlm.nih.gov/pubmed/17708384
  21. http://www.uofmmedicalcenter.org/healthlibrary/Article/116249EN
  22. http://www.seattlechildrens.org/medical-conditions/symptom-index/mouth-injury/
  23. http://www.seattlechildrens.org/medical-conditions/symptom-index/mouth-injury/
  24. http://www.seattlechildrens.org/medical-conditions/symptom-index/mouth-injury/
  25. http://www.uofmmedicalcenter.org/healthlibrary/Article/116249EN

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