रिश्तों को बनाये रखना हो या फिर एजुकेशन और वर्क की बात हो सबमें इफेक्टिव कम्युनिकेशन या सही तरह से संपर्क करना बहुत ज़रूरी है। अच्छी कम्युनिकेशन स्किल्स का विकास करने के लिए यहाँ पर कुछ स्टेप्स व सलाह दी गई हैं।
चरण
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वास्तव में कम्युनिकेशन क्या है, यह समझें: कम्युनिकेशन में भिन्न तरीकों से (लिखकर, बोलकर, इशारों से) एक सेन्डर सिग्नल्स या मेसेजिस एक रिसीवर तक पहुँचाता है। इसके माध्यम से हम संबंध बनाते व बदलते हैं।
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आप जो सोंचते हैं उसे कहने की हिम्मत रखें: आत्मविश्वास के साथ बातचीत में योगदान करें। प्रतिदिन अपनी भावनाओं और विचारों को समझने के लिए कुछ समय लें ताकि आप अपने आइडियाज़ सही तरह से दूसरों को कन्वेय कर सकें। यह सोंच कर चुप न रहें कि आपकी बात ज़्यादा माने नहीं रखती है क्योंकि एक ही बात भिन्न लोगों के लिए महत्त्वपूर्ण या महत्त्वहीन हो सकती है।
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अभ्यास (Practice): कम्युनिकेशन स्किल्स कहीं पर भी प्रैक्टिस कर सकते हैं। किसी भी सामाजिक या प्रोफेशनल वातावरण में ये विकसित हो सकती हैं। एडवांस्ड कम्युनिकेशन स्किल्स रोज़ाना के सरल संपर्कों से शुरू होती हैं। नयी स्किल्स को सभ्य बनाने में समय ज़रूर लगता है पर हर कम्युनिकेशन आपको नए मौके देता है व भविष्य की पार्टनरशिप्स के लिए रास्ते खोलता है।
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आँखों से कॉन्टैक्ट करें: बातचीत करते समय दूसरे व्यक्ति की आँखों में देखने से इंटरैक्शन ज़्यादा सफल होता है। आई कॉन्टैक्ट करने से लगता है कि आप इंटरेस्टिड हैं। इससे दूसरे व्यक्ति को भी इंटरेस्ट लेने के लिए प्रोत्साहन मिलता है।
- ऐसा करने के लिए सुनने वाले की एक आँख में देखें फिर दूसरी में। इस प्रकार आँखों को आगे पीछे देखने से आपकी आँखें चमकती हुई नज़र आयेंगी। नहीं तो सुनने वाले के फेस पर एक लेटर "T " की कल्पना करें। जिसमें ऊपर की लाइन आइब्रोस का हिस्सा हो और वर्टीकल लाइन नाक पर हो। अपनी आँखों से उस "T " ज़ोन को स्कैन करते रहें।
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जेस्चर्स इस्तेमाल करें: अपने फेस पर एक्सप्रेशन्स रखें और हाथों से जेस्चर्स करें। अपनी बॉडी के द्वारा बात करें। व्यक्तियों या छोटे ग्रुप्स के लिए छोटे जेस्चर्स करें। जिस ग्रुप से आप बात कर रहे हैं उसकी साइज़ के हिसाब से अपने जेस्चर्स बड़े या छोटे करें।
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मिक्स्ड मेसेजिस न दें: आपके शब्द ,जेस्चर्स, फेस के एक्सप्रेशन्स व टोन मैच करने चाहिए। किसी को मुस्करा कर डाँटने से आपकी मेसेज बेकार हो जायेगी। ध्यान रखें नकारात्मक मेसिज देने लिए आपके शब्द, फेशियल एक्सप्रेशन्स व टोन गुस्से की होनी चाहिए।
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जागरूक रहें कि आपकी बॉडी क्या कन्वेय कर रही है: बॉडी लैंग्वेज शब्दों से अधिक प्रभावशाली हो सकती है। रिलैक्स्ड ढंग से बाँहों को बगल में रखकर खड़ा व्यक्ति ज़्यादा मिलनसार लगता है और उससे बात कर सकते हैं।
- हंच करे हुए कंधे व क्रॉस्ड आर्म्स बातचीत में अरुचि दिखाते हैं। लगता है कि उसकी कम्यूनिकेट करने की इच्छा नहीं है। कई बार बात शुरू होने से पहले ही रुक जाती है क्योंकि बॉडी लैंग्वेज दिखाती है कि आप बात नहीं करना चाहते हैं।
- सही पोस्चर व खड़े होने के तरीके से मुश्किल बातचीत भी स्मूथली फ्लो कर सकती है।
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इफेक्टिव सुनने की स्किल्स विकसित करें: केवल अच्छी तरह से बोलना ही नहीं दूसरे की बात सही तरह से सुननी भी चाहिए। फिर उसी पर बात आगे बढ़ानी चाहिए। जब दूसरा व्यक्ति बोल रहा हो उसकी बात ध्यान से सुनें। इस जल्दी में न रहें कि उसकी बात खतम हो ताकि आप अपने विचार या यादें ब्लर्ट आउट कर सकें।
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अपने शब्दों को इनन्सिएट करें: मुँह के अंदर बोलने की जगह क्लीयरली बोलें। यदि अक्सर लोग आपसे बात दोहराने के लिए कहते हैं आप ठीक तरह से बोलने की कोशिश करें।
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शब्दों का सही उच्चारण करें: आपकी वोकैब्युलरी के आधार पर लोग आपकी क्षमता का अनुमान लगायेंगे। जिन शब्दों के उच्चारण के बारे में संदेह हो उन्हें इस्तेमाल न करें। प्रतिदिन नये शब्द पढ़कर अपनी वोकैब्युलरी बढ़ायें।
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सही शब्द इस्तेमाल करें: यदि किसी शब्द का सही अर्थ नहीं जानते हैं उसे न इस्तेमाल करें। एक डिक्शनरी लेकर प्रतिदिन एक नया शब्द सीखने की आदत डालें। फिर उसे दिन में बातचीत के दौरान इस्तेमाल करें।
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बोलते समय स्लो जायें: आप बहुत जल्दी बोलेंगे तो लोगों को लगेगा कि आप घबराये हुए हैं और आपको अपने ऊपर भरोसा नहीं है। किन्तु इतना धीमे भी न बोलें कि लोगों को आपकी सहायता करने के लिए आपके वाक्य पूरे करने पड़े।
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अपनी वॉयस को डेवेलप करें: ऊँची और व्हाइनी वॉयस रोब वाली नहीं मानी जाती है। वास्तव में ऊँची और सॉफ्ट वॉयस की वजह से हो सकता है आपके को-वर्कर्स आपको कमज़ोर समझें या आपकी बात सीरियसली न लें। अपनी वॉयस की पिच नीची करने के लिए एक्सरसाइज़ करें। एक ऑक्टेव नीचे करके अपने पसन्द के गाने गायें। ऐसे अभ्यास करने से कुछ समय बाद आपकी वॉयस की पिच नीची होने लगेगी।
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अपनी वॉयस को ऐनिमेट करें: एक ही टोन में बोलने की जगह उसमें बदलाव करें। रेडियो के डीजे'स के समान अपनी आवाज़ में उतार चढ़ाव लायें।
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उचित वॉल्यूम इस्तेमाल करें: सेटिंग के अनुसार वॉल्यूम रखें। अकेले पास में किसी से धीरे धीरे बात करें। बड़े ग्रुप या दूर पर किसी से बात करते समय जोर से बोलें।
सलाह
- धारा प्रवाह (fluently) बोलने की कोशिश करें। यह पक्का कर लें कि लोगों को आपकी बात सुनाई दे रही है।
- एक अच्छा बोलने वाला एक अच्छा सुनने वाला होता है।
- दूसरे व्यक्ति के बीच में या ऊपर से न बोलें -- यह बातचीत के फ्लो को तोड़ देता है। ठीक समय पर बोलना महत्त्वपूर्ण है।
- अपनी बातचीत की सेटिंग के हिसाब से वॉल्यूम इस्तेमाल करें।
- अपने श्रोता से फीडबैक लेकर सुनिश्चित करें कि आपकी बात ठीक से समझ में आगयी है।
- आत्मविश्वास के साथ बोलें, दूसरे लोग क्या सोंचेंगे इसके कोई माने नहीं हैं।
- यह निश्चित कर लें कि आप ठीक व्याकरण इस्तेमाल कर रहे हैं।
- श्रोताओं के सामने अपनी बहुत ज़्यादा प्रशंसा न करें।
- ये न सोंचे कि आप हमेशा सही बोलते हैं।
- अच्छी कम्युनिकेशन स्किल्स के लिए सबसे पहले आत्मविश्वास बढ़ायें और लोगों के सामने हकलायें नहीं। ज़्यादा लोगों से मुलाकात करें। इससे आपको आईडिया लगेगा कि भिन्न प्रकार के लोगों के साथ कैसे बात करनी चाहिए।
- अभ्यास करने से कम्युनिकेशन बेहतर होगा।
- बॉडी लैंग्वेज सुधारने के लिए, आप जो कहने जा रहे हैं उसका अभ्यास एक आइने के सामने खड़े होकर करें।