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अपने कस्टमर से डाटा इकट्ठे करने से आपके ब्रांड के प्रति उनकी प्रतिक्रिया का अंदाजा मिल सकता है जिससे आपको यह समझने में मदद मिल सकती है कि अपने बिज़नस को बाजर में सफलतापूर्वक किस तरह से स्थापित करना चाहिए | शुरुआत करने के लिए बेसिक बायोलॉजिकल डाटा इकट्ठा करना बेहतर होता है | या फिर, अपने बिज़नस के प्रति कस्टमर के व्यवहार और कस्टमर की संतुष्टि के बारे में जानकारी इकट्ठा करने पर काम किया जा सकता है | जब इनफार्मेशन को स्टोर करने की बात हो, तो सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल सबसे अच्छा और सरल होता है | पारदर्शित रहें और इसे सुरक्षित रखने के लिए प्रोटोकॉल बनायें |

विधि 1
विधि 1 का 4:

बायोग्राफ़िक डाटा इकट्ठा करें

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  1. वो डाटा इकट्ठा करें जिन्हें कस्टमर पहले से हैंडल कर रहे हों: डाटा इकट्ठा करने का एक सबसे सरल तरीका यह है कि इसे वहां से इकट्ठा करें जहाँ से कस्टमर ऑनलाइन आर्डर लेते हैं | ऑनलाइन आर्डर से आपको नाम, पता, ईमेल और फ़ोन नंबर मिल जायेंगे | [१]
    • यह प्रोसेस तभी अच्छी तरह से काम करती है, जब आप सिर्फ ऑनलाइन या ऑनलाइन और व्यक्तिगत रूप से सामान बेच रहे हों | यह आपके कस्टमर के लिए काफी आसान बन जायेगा क्योंकि उनमे से ज्यादातर कस्टमर पहले से ही प्रोडक्ट रिसीव करने की जानकारी देने के आदी होते हैं |
  2. अपने कस्टमर से कनेक्ट होने के लिए व्यक्तिगत जानकारी लें: मेल-लिस्ट के लिए ऐसा फॉर्म बनाने के साथ शुरुआत करें जिसे आप किसी स्पेशल चीज़ के नोटिफाई कस्टमर और होने वाली बिक्री के लिये इस्तेमाल कर पाएंगे | जब कस्टमर स्टोर पर आयें तो उनसे ये फॉर्म भरवाएं | कई कस्टमर्स स्पेशल डील पाने के लिए इस तरह के मेल-आउट को साइन-अप करने के लिए तैयार होते हैं | आप इसमें से नाम, ईमेल एड्रेस, एड्रेस और फ़ोन नंबर इकट्ठे कर सकते हैं | [२]
    • अगर प्रोडक्ट्स या सर्विस देने के लिए आपको व्यक्तिगत स्टोर हो तो इस तरह के कलेक्शन बेहतरीन काम करते हैं |
    • अपने फ्रंट लाइन स्टाफ से लोगों को इन फॉर्म्स को भरने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए कहें | या फिर, आपका फ्रंट लाइन स्टाफ कस्टमर से डायरेक्ट इनफार्मेशन पूछकर कंप्यूटर में भर सकता है |
  3. सुविधा की दृष्टी से फ़ोन पर जानकारी देने का आग्रह करें: जब कस्टमर कंप्लेंट या सवाल पूछने के लिए कॉल करें तो आप उनसे बेसिक जानकारी पूछ सकते हैं | अपनी कंपनी के बारे में उनकी सोच जानने के लिए उन्हें एक शॉर्ट सर्वे देने का भी यही बेस्ट समय होता है | [३]
    • आप चाहे कोई भी बिज़नस करते हों, इस तरह से इकट्ठे किये गये डाटा बढ़िया काम करते हैं | आप ऑनलाइन बिज़नस करते हों या व्यक्तिगत बिज़नस करते हों, इनसे प्रोडक्ट या सर्विसेज के बारे में जानकारी इकट्ठी कर सकते हैं |
    • उदाहरण के लिए, आप कह सकते हैं, "क्या मैं आपका नाम, ईमेल और एड्रेस जान सकता हूँ जिससे मैं आपका अकाउंट चेक कर पाउँगा?" भले ही उनका अभी अकाउंट न बना हो, फिर भी आप उनसे इनफार्मेशन ले सकते हैं जिससे आप फिर से उन्हें कांटेक्ट कर सकें | आप कह सकते हैं, "चूँकि आपका कोई अकाउंट नहीं हैं तो क्या मैं आपका अकाउंट बना दूँ जिससे भविष्य में इस इशू के बारे में हम आपसे सम्पर्क कर सकें |?"
    • अगर कस्टमर नया है तो आप ऐसे भी पूछ सकते हैं, "आपने हमारे बिज़नस के बारे में कहाँ से सुना?"
  4. ज्यादातर लोगों को अपनी जानकारी देने को प्रोत्साहित करने के लिए प्री-आर्डर फॉर्म का इस्तेमाल करें: अगर आपके पास कोई ऐसा आइटम है जिसे कस्टमर खुद आने से पहले ही आर्डर कर कसते हैं तो उनसे प्री-आर्डर फॉर्म भरवाएं | इस फॉर्म से बेसिक इनफार्मेशन इकट्ठी करें जिसमे एड्रेस, ईमेल एड्रेस और फ़ोन नंबर शामिल हों | [४]
    • इस तरह के फॉर्म ऑनलाइन और व्यक्तिगत रूप से अच्छा काम करते हैं | लेकिन ये मुख्य रूप से प्रोडक्ट के लिए काम करते हैं, सर्विस के लिए नहीं |
  5. अगर आप किसी प्रोडक्ट के साथ वारंटी ऑफर करते हैं तो कस्टमर को वारंटी का इस्तेमाल करने के लिए बायोग्राफिकल इनफार्मेशन के साथ इनफार्मेशन कार्ड भी भरना पड़ेगा | जब वे कार्ड भर दें तो आप उस इनफार्मेशन का इस्तेमाल कर सकते हैं | [५]
  6. रिवॉर्ड प्रोग्राम आपके कस्टमर को वापस बुलाने के लिए इंसेंटिव देता है और वे उसका मजा लेते हैं क्योंकि वो उन्हें फ्री में मिलता है | इसके साथ ही, आप कस्टमर से इनफार्मेशन लेने के लिए प्रोग्राम की कुछ जरूरते सेट कर सकते हैं | [६]
    • कॉमन रिवॉर्ड प्रोग्राम में पंच-कार्ड प्रोग्राम शामिल होता है जिसमे बहुत सारे पंचेस करने के बाद कस्टमर को फ्री आइटम्स मिलते हैं | इसके अलावा पॉइंट सिस्टम भी रख सकते हैं जिसमे एक ख़ास रकम खर्च करने के बाद कस्टमर को आपके स्टोर में खर्च करने के लिए कुछ कैश भी मिलता है |
  7. अगर आप एक ही बार में बहुत ज्यादा जानकारी मांगेंगे तो कस्टमर को परेशान कर देंगे | हर बार कस्टमर से बातचीत करते समय कम से कम समय में अपनी बात रखने की कोशिश करें | [७]
    • उदाहरण के लिए, आप सिर्फ उनका फ़ोन नंबर या ईमेल और उनका नाम पूछकर शुरुआत कर सकते हैं |
  8. जब कस्टमर को आप पर भरोसा हो जाए तो दूसरी जनसांख्यिकी पर आयें: केवल अपने कस्टमर का भरोसा जीतने के बाद ही, दूसरे प्रकार के बायोग्राफिकल डाटा इकट्ठे करें | घरेलू आयसीमा, और घर में बच्चों की संख्या जैसी जानकारी इकट्ठी करें | उस व्यक्ति के एजुकेशन बैकग्राउंड और कैरियर के बारे में पूछें | [८]
    • ये इनफार्मेशन आपके कस्टमर के बारे में बहुत कुछ बता देती हैं जिससे आप उनकी जरूरतों का अंदाजा लगा सकते हैं |
    • ऐसा सर्वे डेवलप करें जिसे आप अपने स्टोर में कस्टमर को दे सके या जिसे समय-समय पर अपने कस्टमर को मेल या ईमेल के जरिये भेज सकें | इस बात का ध्यान रखें कि इस तरह के सर्वे अज्ञात रहे |
    • इनकम या आमदनी जैसे आइटम्स की रेंज का इस्तेमाल करें क्योंकि इससे कस्टमर आपको जानकारी देने में ज्यादा सहज अनुभव करता है |
विधि 2
विधि 2 का 4:

कस्टमर के बिहेवियर को ट्रैक करें

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  1. कस्टमर की ट्रांसेक्शन हिस्ट्री से आपको बहुत ही फायदेमंद जानकारी मिल सकती हैं | प्रत्येक ट्रांसेक्शन का रिकॉर्ड रखें और इसे प्रत्येक कस्टमर के अकाउंट में नीचे स्टोर करते जाएँ और भविष्य में इस्तेमाल के लिए इसे अपने सिस्टम में सेव करके रखें | [९]
    • इस इनफार्मेशन को ट्रैक करने के लिए सॉफ्टवियर का इस्तेमाल भी कर सकते हैं |
    • इस इनफार्मेशन से पता चलता है कि कस्टमर को क्या खरीदना पसंद है और वे उस आइटम को कितनी बार खरीदते हैं | इसके साथ ही, भविष्य में उनकी पसंद के बारे में एक शिक्षित अनुमान भी लगा सकते हैं |
    • इस तरह की ट्रैकिंग ऑनलाइन करना बहुत आसान होता है | व्यक्तिगत रूप से स्टोर पर, ऐसे सॉफ्टवियर का इस्तेमाल करें जो कस्टमर के क्रेडिट या डेबिट कार्ड से खरीदी करने पर उस कस्टमर की पहचान कर सके | इसके अलावा, उस व्यक्ति की पहचान के लिए हर बार उसके जाने से पहले उसका फ़ोन नंबर पूछें |
  2. कस्टमर जिस वेबसाइट से लिंक करते हैं और आपकी साईट पर प्रत्येक पेज पर जितनी देर तक बने रहते हैं, उससे आप जानकारी इकट्ठी कर सकते हैं | सोशल मीडिया पर इनफार्मेशन शेयर करने के लिए ध्यान दें कि वे आपकी साईट का कौन सा पेज उन्हें प्रोत्साहित करता है और कौन से पेज को देखकर वे साईट छोड़ देते हैं | [१०]
    • ट्रैकिंग के लिए freshsales, Interactive Brokers Custom Activity Monitor, या Campaign Monitor जैसे सॉफ्टवियर का इस्तेमाल करें | ये प्रोग्राम आपको बता सकते हैं कि कस्टमर में कौन से पेजेज लोड किये हैं, कौन सा आखिरी पेज उन्होंने देखा है और आपकी साईट तक वे किस जरिये से पहुँचते हैं |
    • ये सभी जानकारी एक बेहतर वेबसाइट डिजाईन करने में आपकी मदद कर सकती हैं | इस जानकारी के इस्तेमाल से अपनी वेबसाइट तक पहुँचने के लिए एक ख़ास रास्ता अपनाने के लिए कस्टमर को प्रोत्साहित करें | उदाहरण के लिए, किसी ख़ास प्रोडक्ट पर लैंडिंग करें |
    • निश्चित ही, इस तरह की ट्रैकिंग केवल ऑनलाइन ही काम आती है |
  3. कस्टमर की पसंद और जरूरत का अंदाजा लगाने के लिए, फेवरेट, सेव या रेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल करें: उपभोगकर्ताओं के लिए save या फेवरेट आइटम्स का इस्तेमाल करने के जरिये बनाये | इस तरह से, आप देख सकते हैं कि भले ही वे अभी कोई चीज़ नहीं खरीद रहे हैं लेकिन उनकी रूचि किस चीज़ में हैं | [११]
    • आप वेब डेवलपर से इसे अपनी वेबसाइट में शामिल कर सकते हैं और इसके बाद अपने लिए ट्रैकिंग सिस्टम से डाटा को कनेक्ट करें | इस जानकारी का इस्तेमाल किसी ख़ास कस्टमर ग्रुप तक अपने प्रोडक्ट बेचने के साथ ही ज्यादातर पॉपुलर आइटम्स की तरह ही प्रोडक्ट्स को स्टॉक करने के लिए भी करें |
    • यह सिस्टम केवल ऑनलाइन ही काम करता है | लेकिन, आप अपने स्टोर पर कस्टमर के द्वारा पसंद की जाने वाली सर्विस या प्रोडक्ट्स से अंदाजा लगाकर बेस्ट सेलर्स ट्रैक कर सकते हैं |
  4. इण्टरकॉम जैसे सॉफ्टवियर से पता लगाया जा सकता है कि सोशल मीडिया पर आपका बेस्ट कस्टमर कौन है | इसके अलावा, इससे यह भी पता लगाया जा सकता है कि कौन से कस्टमर्स सबसे ज्यादा फॉलो करते हैं और सबसे ज्यादा प्रभावित हैं | [१२]
    • इस जानकारी से नए प्रोडक्ट पेश करने पर वहां तक अपने बेस्ट कस्टमर्स के पहुंचने का अंदाजा लगाया जा सकता है | जितने कस्टमर्स आपके प्रोडक्ट को पसंद करते हैं और जितने ज्यादा फॉलोवर बनते हैं, आपका ब्रांड मार्केट में उतना ही ज्यादा फैलता है |
  5. कस्टमर्स की एक्टिविटी लेवल का अंदाजा लगाने के लिए उनकी आखिरी लॉग इन डेट देखें: इसके अतिरिक्त, कस्टमर्स की आखिरी खरीदी वाली तारीख को भी ट्रैक करें | इस तरह से आपको पता चल सकता है की आपके कौन से कस्टमर्स एक्टिव हैं और कौन से निष्क्रिय | [१३]
    • अगर आपके पास कोई ऐसा सॉर्टवियर है जो बता सके कि किन निश्चित दिनों तक कस्टमर ने लॉग इन नहीं किया है तो आप इस जानकारी का इस्तेमाल उन कस्टमर्स तक पहुँचने में कर सकते हैं जो खतरे में हैं या जिन्हें आप खो सकते हैं |
    • उदाहरण के लिए, आप उन कस्टमर्स को डिस्काउंट ऑफर कर सकते हैं जिन्होंने 30 दिन से कोई चीज़ नहीं खरीदी हो | डिस्काउंट के द्वारा कस्टमर को खरीदी के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है |
विधि 3
विधि 3 का 4:

संतुष्टिदायक ( Satisfaction) सर्वे करें

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  1. एक सरल संतुष्टिदायक सर्वे करके नेट प्रमोशन स्कोर को ट्रैक करते रहें: एक से दो सवालों वाले सर्वे से, आप अपने प्रोडक्ट या कम्पनी के प्रति कस्टमर की सोच के बारे में बहुत सारी जानकारी हासिल कर सकते हैं | इसके लिए आपको अपने कस्टमर से सिर्फ इतना ही पूछना होगा कि क्या वे आपका प्रोडक्ट दूसरे लोगों को खरीदने की सलाह भी देना चाहेंगे | [१४]
    • पूछें, "क्या आप हमारा प्रोडक्ट या कंपनी का सामान खरीदने की सलाह अपने दोस्तों, परिवार के सदस्यों और सहकर्मियों को देना पसंद करेंगे?"इस सवाल के लिए उन्हें एक से दस तक के स्केल को चुनने दें जिसमे 10वां "निश्चित रूप से सलाह देंगे" होगा |
    • खुले सवाल "क्यों?" को पूछते हुए उन्हें फॉलो करते रहें | underneath.
    • एक से छह वोट (नेगेटिव प्रमोशन) देने वाले लोगों की संख्या की तुलना में उन लोगों की संख्या के परसेंटेज का हिसाब लगायें जिन्होंने 9 या 10 वोट (पॉजिटिव प्रमोशन) दिए थे | जिन लोगों ने आपके सिस्टम को 7 या 8 वोट दिए थे, वे अपेक्षाकृत न्यूट्रल या उदासीन रहे इसलिए उन्हें न गिनें |
    • अपने कुल प्रमोशन को जानने के लिए पॉजिटिव प्रमोशन स्कोर में से नेगेटिव प्रमोशन स्कोर को घटा दें | समय के साथ अपने नेट या कुल प्रमोशन में होने वाली बढ़ोत्तरी या कमी को ट्रैक करते रहें जिससे आपको अंदाजा लग सके कि आपका काम कैसा चल रहा है |
  2. मार्केटिंग को बढाने के लिए कस्टमर से पूछें की उन्होंने आपको कैसे खोजा: कस्टमर से आपके बिज़नस को खोजने से सम्बंधित सरल से सवाल पूछने से आपको यह अंदाजा लगाना आसान हो जायेगा कि आपके मार्केटिंग टैक्टिस किस तरह से काम कर रहे हैं | इसके अलावा, अगर कस्टमर अपने जानने वालो को भी आपके बिज़नस का लाभ उठाने की सलाह देता है है तो आपको उनकी इनफार्मेशन भी मिल जाएगी | [१५]
    • इस सर्वे को सरल तरीके से स्टोर में या ऑनलाइन सवालों के जरिये पूरा करें | इसके अलावा, आप अपने एम्प्लोयी से कह सकते हैं कि वे कस्टमर से पूछकर ये जानकारी हासिल करें और इसे कंप्यूटर में रिकॉर्ड करते जाएँ |
  3. कस्टमर्स को बेहतर सर्व करने के लिए कस्टमर से आपको चुनने के बारे में जानकरी मांगें: छोटे से एक या दो सवाल बनायें जिनसे आप कस्टमर से अपने बिज़नस को चुनने के कारण जान सकें | बल्कि, रैंक वाले सर्वे के सवालों से आप कस्टमर के विजिट करने के सबसे जरुरी उन कारणों का पता लगा सकते हैं जिससे आप अपने बिज़नस में उन गुणों को विकसित कर सकें | [१६]
    • उदाहरण के लिए, इस सवाल से शुरुआत करें, "आज आपने हमसे ही क्यों ख़रीदा?"
    • नीचे दिए गये सालों की एक लिस्ट बनायें:
      • सुविधा
      • कम कीमत
      • बेस्ट क्वालिटी
      • बेस्ट सिलेक्शन
    • कस्टमर से 1 से 4 रैंक में से कोई एक चुनने के लिए कहें जिनमे 1 सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होती है |
विधि 4
विधि 4 का 4:

डाटा स्टोर करें

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  1. डाटा स्टोर करने के लिए कस्टमर रिलेशनशिप मैनेजमेंट (CRM) सॉफ्टवियर का इस्तेमाल करें: इस सॉफ्टवियर से कस्टमर के सभी डाटा एक ही जगह पर इकट्ठे किये जा सकते हैं | बल्कि इस सॉफ्टवियर से आप कस्टमर के साथ हुए इंटरेक्शन भी ट्रैक कर सकते हैं | आमतौर पर, इसके इस्तेमाल के लिए आपको मासिक शुल्क अदा करना पड़ता है | [१७]
    • CRM सॉफ्टवियर आपको प्रत्येक कस्टमर के बारे में ट्रांजेस्कशंस, सर्वे, सोशल मीडिया इनफार्मेशन और किसी तरह के बायोलॉजिकल डाटा एक ही जगह पर इकट्ठे करने की जगह देता है |
    • यह सॉफ्टवियर न केवल अलग-अलग कस्टमर्स की जरूरतों का अंदाजा लगाने में मदद करता है बल्कि आपके कस्टमर बेस के आधार पर ट्रेंड्स पहचानने के भी मदद करता है |
  2. इस पालिसी में लिख होता है कि आप किस तरह से डाटा कलेक्ट करें और इसके साथ ही, इसके इस्तेमाल्की योजना किस तरह से बनायें और यदि आपके पास प्लान है तो उसे कैसे शेयर करें | भारत में आपको उस डॉक्यूमेंट को कानूनी रूप से तैयार करना होगा और आपको यह पॉलिसी आसानी से अपनी वेबसाइट पर मिल जाएगी | [१८]
    • लॉयर इन डाक्यूमेंट्स को तैयार करने में आपकी मदद कर सकते हैं लेकिन यह पूरी तरह से जरुरी नहीं हैं |
    • ज्यादा पारदर्शिता रखने के लिए कस्टमर्स को डाटा कलेक्ट करने की चॉइस दें |
    • अधिकतर कस्टमर्स इस तथ्य को शांतिपूर्वक स्वीकार कर लेते हैं कि कंपनी उनके बारे में डाटा कलेक्ट करेगी | लेकिन, जरुरी नहीं कि वे इसे पसंद करें | पारदर्शिता रखते हुए कस्टमर तय कर सकते हैं कि उन्हें आपकी पॉलिसीस के स्वीकार्य हैं या नहीं; हालाँकि कई कस्टमर्स ऐसे भी मिलेंगे जो इनफार्मेशन की सराहना करेंगे | [१९]
  3. एन्क्रिप्शन के इस्तेमाल से अपने डाटा को प्रोटेक्ट करें: अपने कस्टमर्स का डाटा सुरक्षित रखना बहुत जरुरी होता है | अगर दुर्घटनावश या किसी कारण से डाटा लीक हो जाता है तो कस्टमर्स की राय बन जाती है कि आप भरोसेमंद नहीं हैं और वे आपको छोड़ देते हैं | इसीलिए, जानकारी को प्राइवेट बनाये रखने के लिए आपको कुछ ठोस कदम उठाने होंगे | [२०]
    • ऐसे ऑपरेटिंग सिस्टम चलायें जिनमे डाटा आटोमेटिकली एन्क्रिप्ट होते जाएँ | जैसे कि Windows 8 Pro, Windows 8 Enterprise, या PCs के लिए Windows 10 Pro | Macs के लिए macOS X Lion, macOS X Mountain Lion, या macOS High Sierra का इस्तेमाल भी कर सकते हैं |
    • अपने सिस्टम में एंटीवायरस सॉफ्टवियर इंस्टाल करें और अपनी कंपनी के नेटवर्क को सुरक्षित रखने के लिए फ़ायरवॉल (firewall) का इस्तेमाल करें |
    • अगर आप नहीं जानते कि अपने कस्टमर के डाटा को किस तरह से सुरक्षित रखा जा सकता है तो कोई टेक्नोलॉजी एक्सपर्ट हायर करें जो आपके सिस्टम का आंकलन कर सके और जरूरत होने पर उसे सुधार सके |
  4. नियमित रूप से बायोग्राफिकल और सेटीस्फेक्शन डाटा अपडेट करते रहें: अपने कस्टमर की ईमेल, एड्रेस, फ़ोन, नंबर और दूसरी पर्सनल जानकारी में बदलाव करने पर ध्यान दें | डाटाबेस को अपडेट करें जिससे उसमे ये बदलाव दिखाई दें और आपका डाटाबेस ठीक बना रहे | [२१]
    • इस प्रोसेस में मदद के लिए आप सॉफ्टवियर का इस्तेमाल कर सकते हैं | हालाँकि आप नयी खरीदारी के लिए उनके एड्रेस में बदलाव करने जैसी चीज़ों से भी मैन्युअली भी कस्टमर के अकाउंट को एडजस्ट कर सकते हैं |
    • इसके अलावा, अगर कस्टमर का एड्रेस हाल ही में बदला हो तो आप उनसे पूछ सकते हैं कि वे आपके स्टोर में कब आये | इसके बाद, आप इसे अपने सिस्टम में अपडेट कर सकते हैं |

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