आर्टिकल डाउनलोड करें आर्टिकल डाउनलोड करें

हो सकता है कि आपके पास कहानी के लिए कोई शानदार आइडिया हो, मगर तब भी उसका प्लॉट तैयार करना कठिन हो सकता है। मगर अच्छी बात यह है, कि ज़रूरी नहीं है कि प्लॉट तैयार परेशान करने वाला काम हो ही! अपनी कहानी के आइडिया को प्लान करने से शुरुआत करिए, जैसे कि अपनी प्रिमाइज़, कैरेक्टर्स, और सेटिंग। उसके बात कहानी सुनाने की तकनीकों का इस्तेमाल करते हुये अपनी कहानी का आर्क (arc) बनाइये। अंत में, आप आसानी से अपने प्लॉट के निर्माण के लिए, अपनी कहानी के प्लॉट की आउटलाइन पूरी कर सकते हैं।

विधि 1
विधि 1 का 3:

अपनी कहानी को प्लान करना

आर्टिकल डाउनलोड करें
  1. प्लॉट आइडियाज़ को बनाने और उसको कैरेक्टर देने के लिए ब्रेनस्टॉर्म करिए: इससे पहले कि आप अपने आइडियाज़ को पूरी कहानी का रूप दे सकें, आपको उन्हें लिख लेना चाहिए। कोशिश करिए कि आपके दिमाग़ में जो भी आता है, आप उसकी फ़्रीराइटिंग कर सकें। अगर उसका कोई मतलब नहीं भी निकलता है, तब भी चिंता मत करिए। बस कोशिश करिए कि कहानी के लिए जितने संभव हों, उतने आइडियाज़ आप सामने निकाल कर ला सकें।
    • आपके मन में जो भी आता हो, उसके आधार पर, अपनी कहानी के आइडिया, कैरेक्टर्स, सेटिंग या सीन आइडियाज़ के बारे में ब्रेनस्टॉर्म करिए।
    • अपने आइडियाज़ को विज़ुयल मैनर में विकसित करने को आप शायद एक माइंड मैप बनाएँ।
  2. आपकी प्रिमाइज़ कहानी का बेसिक आइडिया होता है। आप चाहें तो केवल एक वाक्य से शुरुआत करें, मगर उसको तब तक डेवलप करते रहिए जब तक कि आपके पास एक संक्षिप्त ब्लर्ब तैयार न हो जाए।
    • आप ऐसा कुछ लिख कर शुरू कर सकते हैं: दो घनिष्ठ मित्र एक कार में थे जिसका एक्सीडेंट हो गया, मगर कार में से केवल एक लड़की को रिकवर किया गया है।
    • ब्लर्ब का एक उदाहरण यह है: जब कैट और उसकी सबसे प्यारी दोस्त मारिया को जब साल की सबसे शानदार पार्टी में इन्वाइट किया गया, तब वे बहुत उत्तेजित हुईं। मगर, घर वापस लौटते समय कैट की कार गीली सड़क पर फिसल जाती है, और एक पेड़ से टकरा जाती है। जब अस्पताल में उसको होश आता है, तब कैट को पता चलता है कि मारिया कार में नहीं मिली। अब, सभी को लगता है कि मारिया किसी के साथ भाग गई, मगर कैट को पता है कि दुर्घटना की रात को उसकी दोस्त उसके साथ थी।
  3. अपने मुख्य और सपोर्टिंग कैरेक्टर्स की कैरेक्टर शीट तैयार कर लीजिये: अपने कैरेक्टर्स का विवरण, उनकी पर्सनल डिटेल्स, ट्रेट्स, और पसंद तथा नापसंद लिख डालिए। अपने मुख्य कैरेक्टर्स के लिए एक बैकस्टोरी बना लीजिये। कहानी की शुरुआत में अपने कैरेक्टर को डिस्क्राइब करिए और यह भी बताइये कि कहानी के दौरान वे किस तरह से बदल जाएँगे।
    • सबसे बड़ी बात, यह पहचान करना है कि कहानी में आपका कैरेक्टर क्या चाहता है। [1]
    • कैरेक्टर शीट्स कितनी बड़ी या छोटी होगी, यह आप पर निर्भर करता है। किसी शॉर्ट स्टोरी के लिए, अगर आप चाहें तो अपने सपोर्टिंग कैरेक्टर्स के लिए एक संक्षिप्त आउटलाइन ही बना सकते हैं।
    • यहाँ पर आपको कैरेक्टर शीट्स के टेम्पलेट्स मिल सकते हैं: https://onestopforwriters.com/templates_worksheets .
  4. आपके कॉन्फ़्लिक्ट को कहानी में जल्दी ही सामने आ जाना चाहिए, ताकि आपके पाठक पढ़ने के साथ-साथ, उसके तनाव को महसूस करते रह सकें। आप इस कॉन्फ़्लिक्ट को पूरी कहानी में डेवलप करते रहेंगे, और क्लाइमेक्स पर पहुँच कर यह कॉन्फ़्लिक्ट अपने शीर्ष पर पहुँच जाएगा। कहानी के अंत में आपके कॉन्फ़्लिक्ट को रिज़ोल्व हो जाना चाहिए।
    • आंतरिक कॉन्फ़्लिक्ट कैरेक्टर के अंदर खुद से चलता है। उदाहरण के लिए, कैरेक्टर को पता होता है कि जो वो कर रहा है वह ग़लत है और वो उसको रोकने के लिए संघर्ष करता रहता है।
    • बाहरी कॉन्फ़्लिक्ट, कैरेक्टर के बाहर होते हैं। इनके तीन मुख्य प्रकार होते हैं:
      • व्यक्ति बनाम व्यक्ति: मुख्य कैरेक्टर का मुक़ाबला एक एंटागोनिस्ट से होता है। उदाहरण के लिए, कोई लड़की किसी बुली (bully) का सामना करती है।
      • व्यक्ति बनाम प्रकृति: मुख्य कैरेक्टर्स का सामना प्राकृतिक एलीमेंट्स से होता है। जैसे कि, एक भयंकर तूफान के दौरान कैंपर्स को सरवाइव करना ही है।
      • व्यक्ति बनाम समाज: मुख्य कैरेक्टर समाज के इशूज़ या सामाजिक नियमों का सामना करता है। जैसे कि, किसी कानून को बदलने में सहायता करने के लिए कोई लड़की सिविल डिसोबीडीएन्स (disobedience) को अपनाती है।
  5. अपनी सेटिंग तैयार करिए: आपकी सेटिंग का अर्थ है कि आपकी कहानी कब और कहाँ सम्पन्न होती है। आपके प्लॉट के लिए सेटिंग बहुत महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि आपकी कहानी कैसी लगेगी और कैसे विकसित होगी, यह उसको प्रभावित करेगी। जैसे कि, अगर कोई कहानी 1920 की होगी तो उसका समाज, साइंस और टेक्नॉलॉजी, 2018 की कहानी से बहुत फ़र्क होगा। [2]
    • अगर आप अपनी कहानी किसी ऐसे समय और स्थान पर सेट कर रहे हों जिसके बारे में आपको अधिक पता नहीं हो, तब उसके बारे में और अधिक जानकारी पाने के लिए, थोड़ी रिसर्च कर लीजिये। इससे, जब आप अपनी कहानी का थीम लिख रहे होंगे, तब आपको उसमें मदद मिलेगी।
    • अगर आप अपनी सेटिंग के फ़ोटो देखेंगे तब आपको उनसे बहुत मदद मिलेगी, ये फ़ोटो आपके अपने भी हो सकते हैं, और ऑनलाइन भी हो सकते हैं।
विधि 2
विधि 2 का 3:

अपनी कहानी के आर्क को बनाना

आर्टिकल डाउनलोड करें
  1. आपके सीन्स जैसे-जैसे दिमाग़ में आते जाएँ, वैसे-वैसे आप उनको लिखते जाइए: इसकी चिंता मत करिए कि उनका कोई अर्थ निकल रहा है या नहीं, या अभी वे सही क्रम में लगे हैं या नहीं। बस अपने सभी आइडियाज़ को लिख डालिए। हो सकता है कि पहले आप सभी एक्साइटिंग सीन्स लिखना चाहें, उसके बाद बाकी सीन्स जैसे-जैसे आपके दिमाग़ में आयें, आप उनको लिख कर शामिल करते जाएँ। [3]
    • अपने आप से किसी ख़ास क्रम में काम करने के लिए ज़बरदस्ती मत करिए। आप जितना अधिक लिखते जाएँगे, उतना आसान आपके लिए गैप को भरना होता जाएगा।
  2. एक ऐसा ओपनिंग सीन बनाइये जिससे आपके पाठक हुक (hook) हो जाएँ: इस सीन में आपके कैरेक्टर और सेटिंग का परिचय दिया जाना चाहिए। अपने कैरेक्टर को रोज़मर्रा की ऐसी परिस्थिति में दिखाइए जिससे आपके पाठक रिलेट कर सकें। कैरेक्टर के किसी सम्बद्ध इशू से होने वाले मुक़ाबले को दिखा कर अपनी कहानी के कॉन्फ़्लिक्ट का संकेत दीजिये। [4]
    • अगर आप किसी पारंपरिक प्लॉट आउटलाइन को फॉलो कर रहे होंगे, तब यह सीन आपके एक्सपोज़ीशन का काम करेगा। जैसे कि, ऊपर दी गई कैट और मारिया की कहानी में, आप कैट और मारिया के कार से पार्टी में जाने से शुरुआत कर सकते हैं। कार पेवमेंट पर फिसल सकती है, जिसके कारण कार पर नियंत्रण के लिए कैट संघर्ष कर रही है।
  3. यही वो सीन है, जो आपके प्लॉट को शुरू करेगा। इसे कहानी में शुरू में ही होना चाहिए, जैसे कि अगर शॉर्ट स्टोरी है तो उसके पहले सीन में और अगर उपन्यास है तो उसको पहले कुछ चैप्टर्स में ही इसको जगह मिलनी चाहिए। यह सुनिश्चित कर लीजिये कि आपकी इनसाइट करने वाली घटना कॉन्फ़्लिक्ट को सेटअप कर देती है। [5]
    • किसी बहुत ही छोटी कहानी में, आपका हुक और इनसाइट करने वाली घटना एक ही सीन में हो सकती है।
    • जैसे कि, कैट और मारिया की कहानी में इन्साइटिंग घटना होगी, कार का पेड़ से टकरा जाना।
  4. तनाव को इंटेन्सिफ़ाई करने के लिए, बढ़ते हुये एक्शन को बिल्ड-अप करिए: बढ़ते हुये एक्शन की शुरुआत, इनसाइट करने वाली घटना के बाद से होगी और वो आपके पाठक को क्लाइमेक्स तक ले जाएगी। जैसे-जैसे आपकी कहानी आगे बढ़ेगी, इसमें धीरे-धीरे तनाव को बढ़ाते जाना चाहिए। छोटी कहानियों में यह 1 सीन में हो सकता है, मगर लंबे काम में ढेरों बढ़ता हुआ एक्शन हो सकता है। [6]
    • लंबी कहानी में, बढ़ते हुये एक्शन के बीच में तनाव में रिलीफ़ के कुछ पल डाल देना एक अच्छा विचार हो सकता है, क्योंकि इससे आपके पाठक को टेंशन से ब्रेक मिल जाता है।
    • जैसे कि, कैट और मारिया की कहानी में बढ़ते हये एक्शन में आप दिखा सकते हैं कि कैट अस्पताल में है, कैट पुलिस से बात कर रही है, कैट को ड्राइव करने से रोक दिया जा रहा है, मारिया को ढूँढने के लिए कैट दोस्तों से संपर्क कर रही है, मारिया का रेफ़रेन्स ढूँढने के लिए कैट सोशल मीडिया में ढूंढ रही है, मारिया के संकेत पाने के लिए कैट अपनी कार और उसके सामानों में चीज़ों को ढूंढ रही है।
  5. आपका क्लाइमेक्स आपकी कहानी का वह शीर्ष है, जहां आपके मुख्य कैरेक्टर का अपने कॉन्फ़्लिक्ट से सामना होता है। यह कहानी का भावनात्मक शीर्ष होगा, चूंकि टेंशन जितनी ऊंचाई तक जा सकता है, उतनी ऊंचाई तक पहुँच चुका है। [7]
    • जैसे कि, कैट और मारिया की कहानी का क्लाइमेक्स तब हो सकता है जबकि कैट को कार की सीट के नीचे मारिया का सेलफ़ोन मिल जाता है, जिससे उसे यकीन हो जाता है कि पूरे समय वो सही थी। हो सकता है कि मारिया को ढूँढने के लिए कैट अपने पिता की कार चुरा कर एक्सीडेंट वाली जगह पर ड्राइव करके जाये। पुलिस के आने पर कैट अपनी दोस्त को ढूँढने के लिए जंगल में चली जाये। जब वह पकड़ी जाने वाली हो, ठीक उसी समय वो अपनी दोस्त को झाड़ियों में सिकुड़ कर पड़ी हुई देखती है।
  6. आपका गिरने का एक्शन, क्लाइमेक्स का परिणाम सामने लाता है। इसको संक्षिप्त होना चाहिए, और इसे आपके पाठक को सुलझाव की ओर लीड करना चाहिए। इसी से आपका कहानी का प्लॉट भी एक बंधन में बंध जाता है। [8]
    • कैट और मारिया की कहानी में, गिरने के एक्शन कैट का मारिया के लिए सहायता लेने जाना, मारिया का अस्पताल में रिकवर करना, और कैट पर विश्वास नहीं करने के लिए सभी लोगों द्वारा उससे माफी मांगना भी शामिल हो सकता है।
  7. अपनी कहानी को समाप्त करने के लिए एक संतोषजनक रिज़ोल्यूशन बनाइये: आपकी कहानी का समापन ऐसा होना चाहिए जिससे पाठक को महसूस हो कि कहानी में कोई लूज़ एंड नहीं छूटा है। कहानी सुखांत हो, यह आवश्यक नहीं है, क्योंकि बहुत सारी कहानियाँ दुखांत भी होती हैं। मगर, पाठक को यह जान कर संतोष होना चाहिए, कि उसे कहानी से कुछ मिला है। [9]
    • कैट और मारिया की कहानी, मारिया की रिकवरी के उपलक्ष्य में आयोजित एक छोटी सी गैदरिंग से समाप्त हो सकती है।
  8. अगर आवश्यक हो, तो सीन्स के बीच में खाली जगहों को भरिए: जब आप एक बार अपने कहानी के बेसिक आर्क को तैयार कर लें, तब हो सकता है कि आप यह एहसास करें कि आपके कुछ सीन्स ऐसे भी हों जो एक दूसरे से भली भांति कनेक्ट नहीं हो रहे हैं। मगर ऐसा होना कोई परेशानी की बात नहीं है! इस पॉइंट पर, प्लॉट के इन गैप्स को भरने के लिए कनेक्शन्स बना लीजिये। [10]
    • अगर आपको यकीन न हो कि इस पॉइंट पर किस तरह ए से बी तक पहुंचा जाये, तब एक नोट बना लीजिये और वापस उस स्पॉट पर जाइए। फिर, आगे बढ़ जाइए। आप उस गैप पर बाद में वापस आ सकते हैं।
विधि 3
विधि 3 का 3:

प्लॉट की आउटलाइन तैयार करना

आर्टिकल डाउनलोड करें
  1. तय करिए कि आप कितनी विस्तृत आउटलाइन बनाना चाहते हैं: हो सकता है कि आप प्रत्येक सीन के लिए एक लाइन की समरी बनाना चाहें, या आप लिख कर बताना चाहें कि हर सीन में क्या-क्या हुआ। आप क्या चाहते हैं, यह पूरी तरह आप पर ही है! अच्छी प्लॉट आउटलाइन बनाने के लिए ये दोनों ही नीतियाँ प्रभावी हो सकती हैं। [11]
    • याद रखिएगा, कि आप अपनी प्लॉट आउटलाइन में बाद में भी कुछ न कुछ शामिल कर सकते हैं, इसलिए ऐसा मत समझिएगा कि आपको अभी ही सब कुछ लिखने की ज़रूरत है।
  2. जानकारी को ऑर्गनाइज़ करने के लिए एक अल्फ़ान्यूमरिक आउटलाइन बनाइये: जानकारी की लेयर्स को तैयार करने के लिए अल्फ़ान्यूमरिक आउटलाइन्स एक बढ़िया चीज़ होती हैं, जिस कारण ये प्लॉट आउटलाइन बनाने के लिए परफेक्ट होती हैं। बेसिक आउटलाइन में 1 या 2 लेयर्स हो सकती हैं, परंतु अगर आप अधिक विकसित आउटलाइन चाहते हों तब आप इसमें और लेयर्स भी शामिल कर सकते हैं। किसी भी आउटलाइन के लिए यह बेसिक नंबरिंग सिस्टम होता है: [12]
    • मुख्य पॉइंट्स के लिए रोमन न्यूमरल्स (I, II, III, IV, V)। जैसे कि, यह 1-वाक्य में दी गई सीन की समरी हो सकती है।
    • सब-पॉइंट्स के लिए कैपिटल अक्षर (A, B, C)। जैसे कि, हर सीन में होने वाले प्रत्येक एक्शन के लिए आप सब-पॉइंट दे सकते हैं।
    • सपोर्टिंग विवरण के लिए अरबिक न्यूमरल्स (1, 2, 3)। जैसे कि, यहाँ पर वह महत्वपूर्ण जानकारी हो सकती है, जो आपको साइड कैरेक्टर्स के बारे में शामिल करनी होती है।
    • माइनर डिटेल्स के लिए लोवर केस वाले अक्षर (a, b, c)। जैसे कि, आप यहाँ पर वे कैरेक्टराइज़ेशन डिटेल्स शामिल कर सकते हैं, जिनको आपने अपने सीन में शामिल करने का प्लान बनाया है।
  3. क्योंकि आप अपनी कहानी का आर्क पहले ही लिख चुके हैं, यह काम आसान होगा। आपकी कहानी में आपके सीन जैसे-जैसे होते हैं, उनको उसी क्रम के अनुसार लिख कर एक लिस्ट बना लीजिये। [13]
    • जब आप अपनी आउटलाइन पूरी कर लें उसके बाद हर सीन को उचित नंबर दे दीजिये।
  4. प्रत्येक सीन को एक्सप्लेन करने के लिए 1-लाइन की समरी लिख दीजिये: यह आपकी प्लॉट आउटलाइन के मुख्य पॉइंट्स हो जाएँगे। प्रत्येक सीन को अपनी कहानी में शामिल करिए। [14]
    • अगर आपको अपनी कहानी में कोई गैप मिले तब उसे भरने की कोशिश करिए। अगर आपको समझ में नहीं आ रहा हो कि उसको किस तरह से रिज़ोल्व किया जाये, तब एक मुख्य पॉइंट शामिल करिए जिसमें यह बताया गया हो कि प्लॉट के इन पॉइंट्स को कनेक्ट करने के लिए क्या होना चाहिए।
  5. अगर आप चाहें तो अपने सीन्स में कुछ मसाला भर दीजिये: अगर आप नहीं चाहते हों, तब आपको डिटेल्स अपनी आउटलाइन में शामिल करने की ज़रूरत नहीं है। मगर, आपकी लिखने की शैली के आधार पर, इससे, बाद में कहानी लिखना काफ़ी आसान हो सकता है। ये कुछ तरीके हैं जिनसे आप अपने सीन्स में मसाला भर सकते हैं: [15]
    • उन सभी कैरेक्टर्स की लिस्ट बनाइये जो उस सीन में हों।
    • उस सीन में जितना भी एक्शन हो उस सब को लिख डालिए।
    • कैरेक्टराइज़ेशन, पूर्वाभास, टेंशन के निर्माण आदि के लिए आवश्यक सभी डिटेल्स को नोट करिए।

सलाह

  • जब आपको यह तय करना हो कि अब वो क्या करेगा, तब स्वयं को कैरेक्टर की जगह पर रखिए।
  • याद रहे कि आपके कैरेक्टर के मोटिवेशन से प्लॉट बनाता है। अपनी कहानी में किसी भी बड़ी घटना को रखने का प्लान बनाने से पहले, अपने कैरेक्टर के क्रिएशन पर पर्याप्त इंफैसिस दीजिये।
  • अगर आप कोई ऐसी कहानी लिख रहे हैं जिसमें खलनायक की ज़रूरत होती हो, तब उसको भी कोई मोटिवेशन दीजिये। जब आप इस बारे में सोच लेंगे, तब प्लॉट बनाना आसान हो जाएगा।
  • आपके मन में जितने भी इंटरेस्टिंग आइडियाज़ आते जाएँ, उनकी लिस्ट बनाते जाइए। हो सकता है कि उनमें से कुछ आपके प्लॉट में फ़िट हो जाएँ। अगर नहीं होते हैं, तब उनको बाद में किसी कहानी में शामिल कर लीजिये।
  • जब आप एक बार कैरेक्टर्स के मोटिवेशन्स तय कर लें, तब उन्हीं पर टिके रहिए। किसी कैरेक्टर को प्लॉट-पॉइंट में ज़बरदस्ती घुसाने से वे फ़ेक लगने लग जाते हैं। अपने कैरेक्टर पर विश्वास करिए, और उनके बैकग्राउंड का इस्तेमाल अपने कॉन्फ़्लिक्ट को रिज़ोल्व करने के लिए करिए – इस तरह से कहानी का फ़्लो बेहतर हो जाएगा!
  • जब आप अपने सीन्स को बना रहे हों, तब अपने आप को पेस करने का ध्यान रखिएगा। आपको एक्शन, ड्रामा और बिल्ड-अप में संतुलन बना कर रखना होगा।
  • कहानी में भावनाओं का बैलेंस बनाए रखिए। अगर आप कोई ट्रेजेडी लिख रहे हों, तब उसमें थोड़ा ह्यूमर शामिल करिए। किसी लाइट हार्टेड कॉमेडी में थोड़ा ड्रामा डालिए। अगर आप रोमांस लिख रहे हों, तब उसमें थोड़ा टेंशन शामिल करिए।

चेतावनी

  • हड़बड़ी मत करिए। हो सकता है कि पूरा होने में कुछ समय लगे, मगर समय लगने से आपकी कहानी बेहतर हो सकती है।

विकीहाउ के बारे में

सभी लेखकों को यह पृष्ठ बनाने के लिए धन्यवाद दें जो २,५७९ बार पढ़ा गया है।

यह लेख ने कैसे आपकी मदद की?