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उम्र बढ़ने, धूप के सामने ज्यादा आने और मुहांसों की वजह से होने वाले डार्क स्पॉट्स या काले धब्बे या फिर हाइपरपिग्मेंटेशन, आपकी हैल्थ के लिए शायद हानिकारक नहीं होते हैं, लेकिन ये निश्चित रूप से बहुत परेशान करने वाले जरूर हो सकते हैं। अगर आप भी आपके चेहरे या हाथों पर ऐसे धब्बे देख रहे हैं, तो ऐसे केवल आप ही नहीं हैं, जो इनसे छुटकारा पाने की तलाश में हैं। घरेलू चीजें, ओवर-द-काउंटर ट्रीटमेंट्स और प्रोफेशनल ट्रीटमेंट्स, ये सभी इन डार्क स्पॉट्स को कम करने में मदद कर सकते हैं। एक बात का ध्यान रखें कि आप जिस भी ट्रीटमेंट का इस्तेमाल कर रहे हैं, उसे काम करने में कुछ महीने तक का समय लग सकता है, इसलिए धैर्य रखें।

विधि 1
विधि 1 का 4:

घरेलू चीजों का इस्तेमाल करना (Trying Home Remedies)

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  1. नींबू के रस के नेचुरल ब्लीचिंग गुणों के लिए, उसे उस एरिया पर लगाएँ: नींबू के रस में नेचुरल ब्लीचिंग गुण होते हैं। साथ ही, इसमें विटामिन C भी होता है, जो पिग्मेंट या निशानों को कम करने में मदद करता है। [१] भले ही ये शायद किसी अच्छे ओवर-द-काउंटर फॉर्मूला की तरह काम न करे, लेकिन ये डार्क एरिया को हल्का करने में मदद जरूर कर सकता है। ताजे निकाले नींबू के रस को आपके डार्क स्पॉट्स पर रगड़ें और रस को धोने के पहले 10 मिनट के लिए वहीं पर रहने दें। इस ट्रीटमेंट को एक हफ्ते में 3 बार रिपीट करें। हालांकि, स्किन पर नींबू का रस लगाने के बाद बाहर धूप में मत निकलें, क्योंकि इसकी वजह से शायद उल्टा असर भी पड़ सकता है। [२]

    नींबू का रस त्वचा को रूखा कर देता है और उसे धूप के लिए ज्यादा ही सेंसिटिव बना देता है, इसलिए जरूरी है कि इस ट्रीटमेंट के बाद आप मॉइस्चराइज़र और सन्स्क्रीन का इस्तेमाल भी करें। [३]

  2. स्किन ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए 5 से 10 मिनट के लिए एप्पल साइडर विनेगर का इस्तेमाल करें: ये एक ऐसी रेमेडी है, जिसकी सफलता के बारे में कई लोग बात करते हैं और ये स्किन ग्रोथ को बढ़ावा दे सकता है, जिसका मतलब कि उस जगह पर नई, हल्की स्किन ग्रोथ को बढ़ावा मिलता है। इसे कॉटन बॉल की मदद से आपकी त्वचा पर डार्क स्पॉट्स पर लगा लें और फिर 5 से 10 मिनट के बाद उसे अच्छे से धोकर निकाल दें। [४]
    • आप इस ट्रीटमेंट को हफ्ते में 2 से 3 बार यूज कर सकते हैं।
  3. एक नेचुरल विटामिन C लाइटनर के लिए थोड़ी सी हॉर्सरैडिश (horseradish) का यूज करके देखें: हॉर्सरैडिश में नेचुरली हाइ विटामिन C होता है, जो आपकी त्वचा को हल्का करने में मदद करता है। इसे एप्पल साइडर विनेगर की बराबर मात्रा के साथ मिक्स कर लें और फिर उसे आपके डार्क स्पॉट्स पर लगा लें। धोने से पहले उसे 5 से 10 मिनट के लिए लगा रहने दें। [५]
    • ऐसा हफ्ते में 2 से 3 बार करें।
  4. एक डिपिग्मेंटेशन मास्क बनाने के लिए पपीते के साथ में नींबू का रस और शहद मिलाएँ: पपीते में अल्फा हाइड्रोक्सी एसिड्स (alpha hydroxy acids) होते हैं, जिन्हें कुछ एक्ने क्लींजर्स में एक्सफोलिएट करने के लिए यूज किया जाता है। इसलिए, ये डार्क स्पॉट्स के ऊपर मदद कर सकते हैं। बस एक पपीता काटें, उसके छिलके और बीजों को निकाल दें। उसके पीसेस को एक ब्लेन्डर में रखें और उसमें इतना पानी मिला दें, ताकि वो अच्छे से ब्लेन्ड हो सके। फिर उसमें 1 चम्मच (15 ml) शहद और इतना ही नींबू का रस मिलाएँ। आपके डार्क स्पॉट्स को इस मिक्स्चर से ढँक दें और फिर उसे 30 मिनट के लिए लगा रहने दें। [६]
    • आप चाहें तो कच्चे या पके पपीते का यूज कर सकते हैं।
    • टाइम होने के बाद इसे अच्छे से धो लें और मॉइस्चराइज़र लगा लें। आप इस ट्रीटमेंट को हफ्ते में 2 से 3 बार ट्राय कर सकते हैं।
    • ये मास्क कुछ दिनों तक फ्रिज में अच्छा रह सकता है।
  5. प्याज के रस के एसिड से स्किन को एक्सफोलिएट करने के लिए, उसे स्किन पर लगाएँ: आप प्याज के रस की बॉटल को ऑनलाइन खरीद सकते हैं या फिर आप एक प्याज को ब्लेन्ड करके और उसके रस को छलनी या कपड़े से छानकर निकाल सकते हैं। फिर, उसे आपकी स्किन के डार्क एरिया पर लगाएँ, धोने से पहले 10 मिनट के लिए लगाए रखें। [७]
    • इस ट्रीटमेंट को हफ्ते में 2 से 3 बार ट्राय करें।
  6. अपनी स्किन को केमिकल्स के बिना एक्सफोलिएट करने के लिए पावर क्लींजिंग ब्रश का इस्तेमाल करें: ये ब्रश डीप क्लीन करते हैं और डैड स्किन की ऊपर की परत को निकाल देते हैं, जो डार्क स्पॉट्स में आपकी मदद कर सकता है। इसके अलावा, ये स्किन को आपके द्वारा डार्क स्पॉट्स के लिए अप्लाई किए जाने वाली किसी भी रेमेडी के लिए अच्छा और साफ बनाता है। इस ब्रश को हफ्ते में 3 बार फेशियल क्लींजर के साथ में यूज करें, उससे एरिया पर 2 से 3 मिनट के तब तक रगड़ें, जब तक कि वो साफ न हो जाए। [८]
    • आप इन ब्रश को ऑनलाइन या फिर ज़्यादातर ब्यूटी और बिग बॉक्स स्टोर्स से खरीद सकते हैं।
    • ब्रश को इस्तेमाल करने के बाद, हर बार उसे गरम, साबुन वाले पानी से धोना न भूलें।
विधि 2
विधि 2 का 4:

ओवर-द-काउंटर प्रॉडक्ट्स इस्तेमाल करना (Using Over-the-Counter Products)

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  1. नेचुरली स्पॉट ट्रीट करने के लिए विटामिन C वाले सीरम का यूज करें: विटामिन C बहुत ज्यादा दाग वाली त्वचा को हल्का करने में मदद करता है, लेकिन ये उसके आसपास की स्किन पर कोई असर नहीं डालता है। आपको केवल आपकी त्वचा को साफ करना है, फिर उस एरिया पर विटामिन C सीरम की 5-6 बूंदों का यूज करना है। आप इसे मॉर्निंग में सन्स्क्रीन लगाने के पहले लगा सकते हैं। [९]

    कुछ लाइटनिंग प्रॉडक्ट्स केवल विटामिन C होते हैं, जबकि दूसरों में कई तरह के दूसरे इंग्रेडिएंट्स शामिल होते हैं।

  2. डार्क एरिया पर टार्गेट करने के लिए खास तरह के इंग्रेडिएंट्स वाले एक स्पॉट ट्रीटमेंट को चुनें: केवल डार्क एरिया को ट्रीट करना आपको आपकी त्वचा के उन हिस्सों को ट्रीट करने देगा, जिन्हें आप हल्का करना चाहते हैं। साथ ही, क्योंकि आप इसे किसी बड़े एरिया पर नहीं इस्तेमाल कर रहे होने, इसलिए ये आपके बजट के लिए भी आसान रहेगा। आमतौर पर, आप उस प्रभावित हिस्से पर या तो मॉर्निंग में या नाइट में उसकी जरा सी मात्रा लगाते हैं। [१०]
    • एज़ेलिक एसिड (azelaic acid), 2% हाइड्रोक्विनोन (hydroquinone), कॉजिक एसिड (kojic acid), ग्लाइकोलिक एसिड (glycolic acid), रेटिनोइड (retinoid) और विटामिन C इंग्रेडिएंट्स की तलाश करें। आमतौर पर, इन्हें "spot treatment" सीरम की तरह लेबल किया गया होता है।
    • इन सीरम को ऑनलाइन खरीदते समय सावधान रहें। सुनिश्चित करें कि आप एक ऐसे स्पॉट ट्रीटमेंट या मेडिकेशन को खरीद रहे हैं, जिसे अच्छी मेडिकेशन प्रैक्टिस वाले देश में तैयार किया गया है, जैसे कि U.S. या U.K. मेडिकेशंस, बिना रेगुलेशन या नियमों के तैयार की जाने वाली मेडिकेशंस में शायद स्टेरोइड्स या मर्करी जैसे नुकसानदेह इंग्रेडिएंट्स हो सकते हैं।
  3. अपने सभी स्पॉट्स को एक साथ हल्का करने के लिए, एक ऐसा सीरम चुनें, जो सभी एरिया को ईवन या एक सा करता हो: भले ही स्पॉट ट्रीटमेंट अच्छे होते हैं, लेकिन एक ऐसा सीरम जो सभी एरिया पर काम करता है, आपकी लाइफ को थोड़ा ज्यादा आसान बना सकता है। ये केवल आपके डार्क एरिया को बस हल्का न करके, आपके स्किन को ओवरऑल थोड़ा और ईवन बना सकता है। आप आमतौर पर इस तरह के सीरम को दिन में एक या दो बार लगा सकते हैं। [११]

    तलाश करने लायक मेन इंग्रेडिएंट्स में टेट्रापेप्टाइड-30 (tetrapeptide-30), फिनाइलेथाइल रेसोरेसिनॉल (phenylethyl resorcinol), ट्रानेक्सैमिक एसिड (tranexamic acid) और नियासिनमाइड (niacinamide) के नाम शामिल हैं। इन्हें आमतौर पर "brightening serums" के नाम से लेबल किया जाता है।

  4. पोर्स को अनक्लोग करने और स्पॉट्स को लाइट करने के लिए पिंपल या ब्लेमिश पैच लगाएँ: ब्लेमिश पैच को खासतौर पर डार्क स्पॉट्स के लिए तैयार किया जाता है। आप इन्हें सीधे उस जगह पर लगा सकते हैं और ये डिस्कलरेशन को हल्का करने में मदद करता है। पिंपल पैचेस भी मदद कर सकते हैं, क्योंकि ये पोर्स को अनक्लोग करते हैं और एरिया को एक्सफोलिएट करते हैं। आप इन्हें ऑनलाइन या ज़्यादातर ब्यूटी स्टोर्स पर पा सकते हैं। [१२]
विधि 3
विधि 3 का 4:

डर्मेटॉलॉजिस्ट के पास जाना (Seeing a Dermatologist)

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  1. डार्क स्पॉट्स को हटाने और रोकने के लिए एक रेटिन-ओ (Retin-A) रिक्वेस्ट करें: ये एक ऐसी क्रीम है, जिसे आप रात में लगाते हैं और ये लाइट डिस्कलरेशन को हटा देता हैं। इसके अलावा, ये आगे भी आपकी स्किन पर स्पॉट्स होने से रोक लेता है। आपके डर्मेटॉलॉजिस्ट बेस्ट रिजल्ट्स के लिए आपको इसका एक प्रिस्क्रिप्शन-स्ट्रेंथ वर्जन प्रिस्क्राइब कर सकते हैं। [१३]
    • इसे रात में लगाएँ, क्योंकि ये स्किन को धूप के लिए ज्यादा सेंसिटिव बना सकती है।
  2. देखें, अगर माइक्रोडर्माब्रेशन (microdermabrasion) से डिस्कलरेशन को हल्का करने में मदद मिले: इसमें आपकी डैड स्किन को एक्सफोलिएट करने के लिए बहुत छोटे पार्टिकल्स का यूज होता है। इसमें कोई भी केमिकल शामिल नहीं होता है, जिसका मतलब ये केमिकल पील्स के जैसे दूसरे ट्रीटमेंट्स के मुक़ाबले स्किन पर कम नुकसानदेह होते हैं। [१४]
    • ये प्रोसेस, चेहरे पर छोटी लाल नसें दिखने और रोसेसिया जैसी स्किन कंडीशन दे सकती है, इसलिए ये ट्रीटमेंट हर किसी के लिए काम नहीं करती। [१५]
    • इस प्रोसीजर के मेन साइड इफ़ेक्ट्स में रेडनेस और स्केबिंग शामिल है, हालांकि जरूरी नहीं कि हर कोई इससे इसी तरह से प्रभावित हो।
  3. छोटे स्पॉट्स के लिए क्रायोथेरेपी (cryotherapy) के बारे में बात करें: ये ट्रीटमेंट एज स्पॉट्स जैसे छोटे डार्क स्पॉट्स के लिए सबसे अच्छी तरह से काम करेगा, क्योंकि इसमें स्किन फ़्रोजन होती है। स्किन को फ्रीज़ करने की प्रोसेस उसे उसके दाग के साथ में खत्म कर देती है, और नई, लाइट स्किन बन जाती है। [१६]
    • इसकी वजह से डिस्कलरेशन और स्कार्स हो सकते हैं।
  4. ज्यादा हैवी डिस्कलरेशन के लीड अपने डर्मेटॉलॉजिस्ट से केमिकल पील्स के बारे में डिस्कस करें: केमिकल पील्स केमिकल्स का यूज करके आपकी स्किन की ऊपरी परत को निकाल लेते हैं। आप केमिकल पील्स को घर पर ही कर सकते हैं, लेकिन ये प्रोफेशनल्स के बराबर फायदेमंद नहीं होते हैं। इसका एक नुकसान ये है कि आपको निश्चित रूप से एक से ज्यादा, शायद 6 या 8 ट्रीटमेंट की जरूरत पड़ेगी। [१७]
    • इसकी वजह से स्किन इरिटेशन हो सकती है और इससे आपके स्किन के कलर के हमेशा के लिए बदलने का रिस्क भी होता है।
    • ध्यान रखें कि आप इस स्किन ट्रीटमेंट के बाद सन्स्क्रीन जरूर लगा रहे हैं, क्योंकि इसकी वजह से आपकी स्किन सेंसिटिव हो जाएगी।
  5. लेजर उस एरिया पर लाइट फोकस करते हैं और ये हाइपरपिग्मेंटेशन, को कम कर सकते हैं। ज़्यादातर डर्मेटॉलॉजिस्ट इस ट्रीटमेंट की सलाह देते हैं, हालांकि वो आपको इसके दूसरे या अलग प्रकार की सलाह दे सकते हैं। जिनमें से एक सबसे अच्छे टाइप का वो है, जिसमें फोकस्ड बीम के जरिए किसी एरिया को ट्रीट करने के लिए रैपिड रेट का इस्तेमाल होता है जैसे कि एरोलेस के द्वारा लाइटपॉड निओलेजर (The Lightpod Neolaser by Aerolase)। [१८]
    • साथ ही, डिस्कस करें कि ट्रीटमेंट लेजर के बाद में कूलिंग ब्लास्ट देगा या नहीं, जो ट्रीटमेंट की वजह से इरिटेशन होने को रोकने में मदद करता है।
    • भले ही इसकी वजह से इरिटेशन हो सकती है, लेकिन ये आमतौर पर दूसरे ट्रीटमेंट्स के मुक़ाबले कम इरिटेटिंग होते हैं। हालांकि, आपको इस ट्रीटमेंट के बाद में सन्स्क्रीन जरूर इस्तेमाल करना चाहिए।
विधि 4
विधि 4 का 4:

स्पॉट्स को होने से रोकना (Preventing Spots)

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  1. हर रोज एक SPF 30 या ज्यादा वाली ब्रॉड स्पेक्ट्रम सन्स्क्रीन लगाएँ: धूप डार्क स्पॉट्स को समय के साथ बदतर बना देगा और इसकी वजह से शायद नए स्पॉट्स भी हो सकते हैं। हर बार जब भी आप बाहर निकलें, आपको आपकी स्किन को धूप से बचाने के लिए सन्स्क्रीन लगाना चाहिए, खासतौर से उस जगह पर, जहां डार्क स्पॉट्स हैं। [१९]
    • इसे आसान बनाने के लिए एक ऐसा मॉइस्चराइज़र चुनें, जिसमें सन्स्क्रीन भी हो, ताकि आप दोनों को ही एक-साथ लगा सकें।
  2. जिट्स या मुहांसों के ऊपर एक हाइड्रोकोर्टिसोन (hydrocortisone) क्रीम ट्राय करें: पिंपल्स बहुत परेशान कर सकते हैं, लेकिन अगर आप उन्हें फोड़ते हैं या फिर कुरेदते हैं, तो ये डार्क स्पॉट्स में बदल सकते हैं, जो कि आगे कई महीनों तक बने रहने वाले हैं, जो कि और भी बदतर होते हैं। इसकी बजाय, जिट्स से राहत पाने के लिए दिन में एक बार उन पर हाइड्रोकोर्टिसोन क्रीम की एक मटर के दाने के बराबर मात्रा को लगाएँ। [२०]
    • एक 1% हाइड्रोकोर्टिसोन क्रीम रेडनेस और इरिटेशन को कम कर सकती है और आप फिर अपने पिंपल्स को तोड़ने या कुरेदने के बारे में सोचेंगे भी नहीं।
  3. इन क्लींजर्स में बीटा हाइड्रोक्सी एसिड्स या अल्फा हाइड्रोक्सी एसिड्स होते हैं, ये आमतौर पर एक्ने को ट्रीट करने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं। हालांकि, ये डैड स्किन को खींचकर पिम्पल्स को भी होने से रोक सकते हैं। साथ में, ये आपके पोर्स को क्लियर रखने में भी मदद करते हैं। [२१]
    • हालांकि, अगर आपकी स्किन ड्राय या सेंसिटिव है, तो फिर आपको इन क्लींजर्स का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए।
  4. अपने डॉक्टर से आपकी दवाइयों के बारे में डिस्कस करें: कुछ दवाइयों की वजह से साइड इफ़ेक्ट्स के तौर पर डार्क स्पॉट्स हो सकते हैं। अगर आपको पिछले कुछ महीनों के अंदर किसी नई दवाई का इस्तेमाल करने के बाद डार्क स्पॉट्स नजर आए हैं, तो आपके डॉक्टर से इनके बारे में पूछकर देखें, शायद ये उसके साइड इफ़ेक्ट्स भी हो सकते हैं। [२२]
    • जब तक आपको आपके डॉक्टर से जानकारी नहीं मिल जाती, तब तक दवाइयाँ लेते रहें।

सलाह

  • अपनी स्किन को धूप की हानिकारक UV किरणों से बचाए रखना, डार्क स्पॉट्स को रोकने का सबसे अच्छा तरीका होता है। धूप में ज्यादा देर के लिए निकलने के पहले हमेशा सनब्लॉक लगाएँ और अपने चेहरे को प्रोटेक्ट करने के लिए हैट्स और सनग्लासेस पहनें।

चेतावनी

  • डार्क स्पॉट्स को खुद से ट्रीट करने के पहले किसी डर्मेटॉलॉजिस्ट से बात कर लें, क्योंकि कुछ स्पॉट्स आपको किसी दूसरी बीमारी या कंडीशन के होने की ओर इशारा कर सकते हैं।

विकीहाउ के बारे में

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