किडनी स्टोन्स (पथरी) की वजह से हल्का से लेकर सीरियस दर्द तक हो सकता है, अच्छी बात ये है, कि इनकी वजह से शायद ही कभी किसी तरह का परमानेंट डैमेज या कोंप्लीकेशन हुआ करता है। हालांकि ये काफी अनकम्फ़र्टेबल होती है, ज़्यादातर किडनी स्टोन्स इतने छोटे होते हैं, कि ये बिना किसी मेडिकल ट्रीटमेंट के भी बाहर निकल जाते हैं। खूब सारा पानी पिएँ, दवाइयों से दर्द को मैनेज करें और अगर आपके डॉक्टर एड्वाइस देते हैं, तो अपने यूरिनरी ट्रेक्ट को रिलैक्स करने के लिए कुछ दवाइयाँ भी लें। फ्यूचर में भी किडनी स्टोन्स होने के रिस्क को कम करने के लिए, अपने साल्ट इनटेक को लिमिट कर दें, एक लो-फेट डाइट खाएं और डॉक्टर के द्वारा रिकमेंड किए हुए डाइटरी चेंजेस के साथ बने रहें। [१] X विश्वसनीय स्त्रोत Mayo Clinic स्त्रोत (source) पर जायें
चरण
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अगर आपको अपनी किडनी में स्टोन्स होने का शक है, तो अपने डॉक्टर के पास चले जाएँ: किडनी स्टोन्स के लक्षणों में साइड, बैक, ग्रोइन या लोअर एब्ड़ोमेन में ज़ोर का दर्द होना और साथ ही यूरिन करते वक़्त भी दर्द होना, क्लाउडी यूरिन और यूरिन कर पाने की अक्षमता शामिल है। एकदम परफेक्ट डाइग्नोसिस पाने और एक प्रोपर ट्रीटमेंट प्लान पाने के लिए अपने डॉक्टर के पास चले जाएँ। [२] X विश्वसनीय स्त्रोत MedlinePlus स्त्रोत (source) पर जायें
- डॉक्टर्स ब्लड और यूरिन टेस्ट्स, अल्ट्रासाउंड और एक्स-रे के जरिए किडनी स्टोन्स को डाइग्नोज करते हैं। टेस्ट्स और इमेजिंग स्केन्स उन्हें ये जानने में मदद करेंगे, कि आपको किस तरह का स्टोन है, वो कितने बड़े हैं और क्या ये इतने छोटे हैं, कि ये खुद-ब-खुद भी बाहर निकल सकते हैं।
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रोजाना कम से कम 6 to 8 c (1.4 to 1.9 L) तक पानी पिया करें: पानी आपकी किडनी को फ्लश करता है और ये स्टोन्स को पास होने में मदद करता है। अपने फ्लुइड इनटेक को मॉनिटर करने के लिए अपनी यूरिन को चेक करें। अगर आपकी यूरिन पेल यलो है, तो आप भरपूर पानी पी रहे हैं। अगर ये डार्क है, तो आप डिहाइड्रेटेड हैं। [३] X विश्वसनीय स्त्रोत MedlinePlus स्त्रोत (source) पर जायें
- हाइड्रेटेड बने रहना आपको आगे भी किसी किडनी स्टोन को होने से रोके रखेगा, इसलिए रोजाना खूब सारा पानी पीना बहुत जरूरी होता है।
- पानी तो बेस्ट है ही, लेकिन अगर आप चाहें तो एक बदलाव के लिए जिंजर एल (ginger ale) और कुछ तरह के 100% फ्रूट जूस भी पी सकते हैं। ग्रेपफ्रूट जूस और क्रेनबेरी जूस, जो कि किडनी स्टोन्स के रिस्क को और ज्यादा बढ़ा देते हैं, को पीना अवॉइड करने की पूरी कोशिश करें। [४] X रिसर्च सोर्स
- कैफीन अवॉइड करें या इसके कंजंप्शन (इनटेक) को कम कर दें, जैसे कि ये भी डिहाइड्रेशन पैदा कर सकते हैं। दिन में 1 c (240 mL) से ज्यादा कैफ़िनेटेड कॉफी, टी या कोला न लें। [५] X रिसर्च सोर्स
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जरूरत के हिसाब से या डॉक्टर की एड्वाइस से पेन रिलीवर्स लें: जैसे कि ज़्यादातर किडनी स्टोन्स बिना किसी मेडिकल ट्रीटमेंट के निकल जाते हैं, लेकिन उन्हें पास करना फिर भी बहुत दर्द भरा हो सकता है। दर्द को मैनेज करने के लिए, आइबुप्रुफेन (ibuprofen) या एस्पिरिन (aspirin) जैसे ओवर-द-काउंटर मिलने वाले पेन रिलीवर ले लें। लेबल चेक कर लें और दिए हुए डाइरेक्शन के हिसाब से ही दवाई का यूज करें। [६] X विश्वसनीय स्त्रोत Harvard Medical School स्त्रोत (source) पर जायें
- अगर ओवर-द-काउंटर पेन रिलीवर्स से कोई फर्क नहीं पड़ रहा है, तो फिर अपने डॉक्टर से प्रिस्क्रिप्शन मेडिकेशन देने को कहें। अगर जरूरत होगी, तो वो आपको एक प्रिस्क्रिप्शन-स्ट्रेंथ पेन रिलीवर (आइबुप्रुफेन जैसी) देंगे या कुछ मामलों में, वो नार्कोटिक (narcotic) पेन रिलीवर प्रिस्कक्राइब करेंगे। [७] X विश्वसनीय स्त्रोत MedlinePlus स्त्रोत (source) पर जायें
- किसी भी प्रिस्क्रिप्शन मेडिकेशन को अपने डॉक्टर के दिए हुए इन्सट्रक्शन्स के मुताबिक लेने की पुष्टि कर लें।
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अपने डॉक्टर से पूछें, अगर वो आपको अल्फा-ब्लॉकर (alpha-blocker) रिकमेंड कर सकें: अल्फा-ब्लॉकर यूरिनरी ट्रेक्ट की मसल्स को आराम देता है और किडनी स्टोन को पास होना आसान बना देता है। ये प्रिस्क्रिप्शन पर ही मिलते हैं और नॉर्मली इन्हें, रोजाना एक ही वक़्त पर, खाने के आधे घंटे बाद लिया जाना होता है। [८] X विश्वसनीय स्त्रोत MedlinePlus स्त्रोत (source) पर जायें
- इसके साइड इफ़ेक्ट्स में सिर चकराना, चक्कर आना, वीकनेस, डायरिया और बेहोशी शामिल हैं। बेड पर से धीरे उतरना या धीरे से खड़े होना, चक्कर आने और बेहोशी से बचा सकता है। आपको लगातार बने रहने वाले या गंभीर लक्षणों के बारे में अपने डॉक्टर को बताएं। [९] X विश्वसनीय स्त्रोत MedlinePlus स्त्रोत (source) पर जायें
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अगर आपके डॉक्टर कहें, तो स्टोन को कलेक्ट करने की कोशिश करें: स्टोन को पकड़ने के लिए, आपके डॉक्टर आपको एक कप में यूरिन करने का और फिर सेंपल को स्ट्रेन करने (छान देने) का कहेंगे। स्टोन को कलेक्ट करना उस वक़्त और भी जरूरी हो जाता है, जब आपको यूरिनरी ब्लॉकेज डाइग्नोज हुआ हो या फिर अगर किडनी स्टोन की वजह या उसका टाइप न मालूम हो। [१०] X विश्वसनीय स्त्रोत MedlinePlus स्त्रोत (source) पर जायें
- किडनी स्टोन्स का लॉन्ग-टर्म मैनेजमेंट उसके टाइप और उसकी वजह पर डिपेंड करता है। एक इफेक्टिव ट्रीटमेंट प्लान पाने के लिए, आपके डॉक्टर को कलेक्ट किए हुए सेंपल को टैस्ट करना करना होगा।
- अगर जरूरत होगी, तो आपके डॉक्टर आपको जरूरी इक्विपमेंट प्रोवाइड करेंगे और सेंपल को कलेक्ट करने और उसे स्ट्रेन करने के तरीके के बारे में भी बताएँगे।
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किडनी स्टोन को पास होने के लिए कुछ हफ्ते तक का वक़्त दें: एक छोटे से किडनी स्टोन को पास होने में कुछ दिनों से लेकर महीनों तक का वक़्त भी लग सकता है। इस वक़्त के दौरान, डॉक्टर के इन्सट्रक्शन्स के मुताबिक दवाइयाँ लेना जारी रखें। हमेशा हाइड्रेटेड रहें, दर्द को मैनेज करने की पूरी कोशिश करें और डॉक्टर के द्वारा सजेस्ट किए हुए डाइट प्लान को फॉलो करें। [११] X विश्वसनीय स्त्रोत Harvard Medical School स्त्रोत (source) पर जायें
- छोटे से किडनी स्टोन के पास होने का इंतज़ार करना बहुत फ्रस्ट्रेटिंग हो सकता है, लेकिन आपको पूरी तरह से धैर्य बनाए रखने की कोशिश करना है। वैसे तो, ये खुद-ब-खुद ही पास हो जाते हैं, लेकिन कभी-कभी किडनी स्टोन्स को भी मेडिकल हेल्प की जरूरत पड़ती है। स्टोन के पास होने का इंतज़ार करते वक़्त, अगर आपको लक्षण और भी बदतर होते हुए नजर आने लगें, जैसे कि सीरियस पेन होने लगे, यूरिन करने में परेशानी बढ़ जाए या यूरिन में ब्लड आने लगे, तो डॉक्टर के पास चले जाएँ।
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अगर आपको सीरियस सिम्प्टंस नजर आएँ, तो फौरन डॉक्टर के पास चले जाएँ: सीरियस सिम्प्टंस में, यूरिन में ब्लड आना, फीवर या ठंड लगना, स्किन कलर बदलना, आपके बैक (पीठ) या साइड्स में सीरियस पेन होना या यूरिन करते वक़्त बर्निंग सेन्सेशन होना शामिल हैं। अगर आप छोटे से स्टोन के पास होने का इंतज़ार कर रहे हैं, तो इनमें से किसी भी लक्षण के नजर आने पर फौरन अपने डॉक्टर को कॉल करें। [१२] X विश्वसनीय स्त्रोत MedlinePlus स्त्रोत (source) पर जायें
- अगर आप डॉक्टर के पास नहीं गए हैं या आपको किडनी स्टोन की शिकायत भी नहीं है, तो भी अगर आपको ऐसे सिम्प्टंस नजर आते हैं, तो मेडिकल हेल्प की तलाश कर लें।
- किडनी स्टोन्स की तलाश करने के लिए डॉक्टर्स अल्ट्रासाउंड या एक्स-रे करते हैं। अगर वो स्टोन को इतना बड़ा पाते हैं, कि वो खुद से नहीं निकल पाएगा, तो फिर वो स्टोन के साइज़ और उसकी लोकेशन के हिसाब से एक ट्रीटमेंट मेथड रिकमेंड करेंगे।
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स्टोन को बढ़ने और बनने से रोकने के लिए दवाइयाँ लें: आपके डॉक्टर, स्टोन्स बनाने वाले सब्सटेन्स को तोड़ने और हटाने के लिए आपको दवाइयाँ प्रिस्क्राइब कर सकते हैं। जैसे कि, कैल्शियम स्टोन्स, जो कि सबसे ज्यादा कॉमन हैं, को मैनेज करने के लिए पोटेशियम साइट्रेट (potassium citrate) का यूज किया जाता है। यूरिक एसिड स्टोन्स के लिए, एलोप्यूरिनॉल (allopurinol) ड्रग बॉडी में यूरिक एसिड के लेवल को कम करने में मदद करता है। [१३] X विश्वसनीय स्त्रोत MedlinePlus स्त्रोत (source) पर जायें
- साइड इफ़ेक्ट्स अलग-अलग हो सकते हैं और इनमें पेट खराब होना, डायरिया, मितली और उनींदापन (drowsiness) शामिल हैं। अगर ये साइड इफ़ेक्ट्स लगातार बने रहते हैं या गंभीर हैं, तो अपने डॉक्टर को बता दें। [१४] X विश्वसनीय स्त्रोत MedlinePlus स्त्रोत (source) पर जायें
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अगर जरूरत हो, तो अपने डॉक्टर से छिपी हुई किसी वजह को ट्रीट करने के बारे में बात करें: डाइजेस्टिव डिसऑर्डर, गठिया (gout), किडनी की बीमारियाँ और कुछ दवाइयाँ भी किडनी स्टोन्स के पीछे की वजह हुआ करती हैं। आपके फ्यूचर स्टोन्स के रिस्क को कम करने के लिए, अपने डॉक्टर से डाइट में बदलाव करके या दवाइयाँ बदलने का बोल कर, इन छिपी हुई कंडीशंस का इलाज करने का कहें। [१५] X विश्वसनीय स्त्रोत National Institute of Diabetes and Digestive and Kidney Diseases स्त्रोत (source) पर जायें
- स्ट्रूवाइट (struvite) स्टोन्स, जो कि इन्फेक्शन्स की वजह से हुआ करते हैं, इनके लिए आपके डॉक्टर आपको एक एंटीबायोटिक प्रिस्क्राइब कर सकते हैं। किसी भी दवाई को दिए गए डाइरेक्शन के मुताबिक ही लिया करें और बिना डॉक्टर की सलाह के अपनी दवाइयाँ लेना कभी बंद न करें।
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शॉक वेव (shock wave) थेरेपी की मदद से बड़े स्टोन्स को ब्रेक करें: लिथोट्रिप्सी (Lithotripsy) या शॉक वेव थेरेपी, ज़्यादातर ऐसे किडनी स्टोन्स को ट्रीट करने के लिए यूज की जाती है, जो किडनी में या अपर यूरिनरी ट्रेक्ट में मौजूद हों। इस मशीन से हाइ-प्रैशर साउंड वेव्स बॉडी पर से गुजरते हैं, जो बड़े स्टोन्स को छोटे-छोटे पीस में ब्रेक कर देती है। फिर जब आप बाथरूम जाते हैं, तब ये पीस पास हो जाते हैं। [१६] X विश्वसनीय स्त्रोत MedlinePlus स्त्रोत (source) पर जायें
- इस प्रोसीजर को दौरान आपको रिलैक्स होने में मदद के लिए या सो जाने के लिए दवाइयाँ दी जाती हैं। इसे पूरे होने में लगभग 1 घंटे का वक़्त लगता है और रिकवर होने के लिए आप और 2 घंटे लेंगे। ज़्यादातर लोग प्रोसीजर होने वाले दिन ही अपने घर वापस चले जाते हैं।
- अपनी नॉर्मल एक्टिविटीज़ को वापस शुरू करने से पहले, 1 से 2 दिन तक आराम करें। स्टोन पीस को पास होने में लगभग 4 से 8 हफ्तों तक का वक़्त भी लग सकता है। इस दौरान आपको शायद आपकी पीठ या साइड में दर्द महसूस होगा, मितली का मन होगा या यूरिन में जरा सा ब्लड भी नजर आएगा। [१७] X विश्वसनीय स्त्रोत MedlinePlus स्त्रोत (source) पर जायें
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लोअर यूरिनरी ट्रेक्ट में मौजूद बड़े स्टोन्स के लिए, क्रिस्टोस्कोपी (cystoscopy) कराएँ: लोअर यूरिनरी ट्रेक्ट में, ब्लेडर और यूरेथ्रा (urethra) या वो ट्यूब जहां से यूरिन बॉडी को छोड़ देती है, शामिल होते हैं। इन एरिया में मौजूद किसी भी बड़े स्टोन को पाने और उसे हटाने के लिए एक पतली डिवाइस का यूज किया जाता है। [१८] X रिसर्च सोर्स
- किडनी और ब्लेडर को कनेक्ट करने वाली ट्यूब में मौजूद स्टोन्स को हटाने के लिए, आपके डॉक्टर शायद आपको यूरेटेरोस्कोपी (ureteroscopy) नाम की, इसी तरह की प्रोसीजर भी रिकमेंड कर सकते हैं। अगर कोई स्टोन इतना बड़ा है, जिसे निकाला नहीं जा सकता, तो एक लेजर इसे इतने छोटे पीस में तोड़ने में कामयाब हो सकती है, जिन्हें आप बाथरूम जाकर पास कर सकें।
- क्रिस्टोस्कोपीज और यूरेटेरोस्कोपीज को अक्सर जनरल एनेस्थीसिया के साथ परफ़ोर्म किया जाता है, जिसका मतलब आप प्रोसीजर के दौरान नींद में होते हैं। ज़्यादातर लोग प्रोसीजर होने वाले दिन ही अपने घर वापस चले जाते हैं।
- प्रोसीजर होने के बाद के पहले 24 घंटों में, आपको यूरिन करते वक़्त बर्निंग सेन्सेशन महसूस हो सकता है और अपनी यूरिन में जरा सा ब्लड भी नजर आ सकता है। अगर ये सिम्प्टंस एक दिन से ज्यादा बने रहें, तो अपने डॉक्टर को इसके बारे में जानकारी दें। [१९] X विश्वसनीय स्त्रोत National Institute of Diabetes and Digestive and Kidney Diseases स्त्रोत (source) पर जायें
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अगर कोई भी मेथड असरदार न हो, तो अपने डॉक्टर से सर्जरी करने के बारे में बात करें: किडनी स्टोन्स के लिए, बहुत कभी ही सर्जरी की जरूरत पड़ती है, लेकिन अगर और कोई ऑप्शन ही न हो या वो असरदार न हो, तो इसे करना जरूरी भी होता है। पीठ में एक चीरा लगाकर एक ट्यूब को सीधा किडनी में डाल दिया जाता है। फिर स्टोन्स को लेजर के जरिए हटाया या ब्रेक किया जाता है। [२०] X विश्वसनीय स्त्रोत National Institute of Diabetes and Digestive and Kidney Diseases स्त्रोत (source) पर जायें
- कुछ लोग नेफ्रोलिथोटोमी (nephrolithotomy), जो कि सर्जिकल प्रोसीजर का टेक्निकल नाम है, के बाद भी कम से कम 2 से 3 दिन हॉस्पिटल में बिताते हैं। आपके डॉक्टर आपको ड्रेसिंग बदलने, चीरा लगी हुई जगह की देखभाल करने और प्रोसीजर होने के बाद आराम करने के बारे में इन्सट्रक्शन देंगे। [२१] X विश्वसनीय स्त्रोत MedlinePlus स्त्रोत (source) पर जायें
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खास तरह के स्टोन्स को बनने से रोकने के तरीकों बारे में अपने डॉक्टर से बात करें: आपके डॉक्टर आपको हुए स्टोन्स के टाइप के हिसाब से, आपको कुछ डाइटऋ चेंजेस रिकमेंड करेंगे। सोडियम को लिमिट करना, लो-फेट डाइट खाना और हाइड्रेटेड बने रहना, जैसे एडजस्टमेंट तो हर टाइप के लिए अप्लाई होते हैं, लेकिन कुछ खास तरह के फूड्स, खास तरह के किडनी स्टोन्स के ऊपर काम करते हैं। [२२] X विश्वसनीय स्त्रोत MedlinePlus स्त्रोत (source) पर जायें
- उदाहरण के लिए, अगर आपको यूरिक एसिड स्टोन्स हैं, तो आपको हेरिंग (herring), सार्डिन (sardines), एंकोवीज़ (anchovies) ऑर्गन मीट्स (जैसे कि लीवर), मशरूम्स, एस्परैगस और स्पाइनेक (पालक) को अवॉइड करना होगा।
- अगर आपको कैल्शियम स्टोन्स हैं, तो आपको कैल्शियम और विटामिन डी सप्लिमेंट्स को अवॉइड करना होगा, अपने कैल्शियम-रिच फूड्स को डेली सिर्फ 2 से 3 सर्विंग्स तक ही लिमिट करना होगा और ऐसे ऐन्टैसिड्स (antacids) को अवॉइड करना होगा, जिनमें कैल्शियम मौजूद हो।
- ध्यान रखें, जिन लोगों को किडनी स्टोन्स होते हैं, फ्यूचर में भी उन्हें किडनी स्टोन्स होने का रिस्क ज्यादा रहता है। ऐसे लोग, जिन्हें कभी किडनी स्टोन्स हुए थे, उनमें से लगभग 50% लोगों को 5 से 10 सालों के अंतर पर फिर से किडनी स्टोन्स हुए। हालांकि, इसकी रोकथाम के लिए उठाए गए कदम, इसके दोबारा होने के रिस्क को कम कर सकते हैं। [२३] X विश्वसनीय स्त्रोत PubMed Central स्त्रोत (source) पर जायें
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रोजाना 1500 mg साल्ट से भी कम साल्ट लेने की कोशिश करें: हालांकि किसी भी एडल्ट के लिए सोडियम का 2300 mg मैक्सिमम रिकमंडेड अमाउंट होता है, आपके डॉक्टर शायद आपको रोजाना 1500 mg पर बने रहने की सलाह देंगे। अपने खाने में एक्स्ट्रा साल्ट एड करना अवॉइड करें और खाना पकाते वक़्त भी साल्ट के अमाउंट को लिमिट करने की पूरी कोशिश करें। [२४] X विश्वसनीय स्त्रोत National Institute of Diabetes and Digestive and Kidney Diseases स्त्रोत (source) पर जायें
- साल्ट के साथ पकाने की बजाय, अपने मील्स को फ्रेश और ड्राई हर्ब्स, साइट्रस जूस और जेस्ट (zest) से फ्लेवर दें।
- रैस्टौरेंट जाने के बजाय, अपना खाना खुद ही पकाने की कोशिश करें। जब आप बाहर खाते हैं, तब आप खाने में आपके साल्ट के अमाउंट को कंट्रोल नहीं कर पाते हैं।
- डेली (deli) और प्रोसेस्ड मीट्स, साथ ही ऐसे मीट्स, जिन्हें प्री-मेरिनेटेड किया गया है, को भी अवॉइड करें। इसके साथ ही, चिप्स जैसे नमकीन स्नेक्स को भी न लें।
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अपनी डाइट में नींबू (लेमन) एड कर लें, खासकर कि तब, जब आपको कैल्शियम स्टोन्स हों: पानी में एक नींबू निचोड़ लें या फिर डेली लो-शुगर लेमनेड की एक ग्लास लिया करें। नींबू कैल्शियम स्टोन्स को ब्रेक करने में मदद कर सकता है और ये उन्हें बनने से रोक सकता है। [२५] X विश्वसनीय स्त्रोत Harvard Medical School स्त्रोत (source) पर जायें
- इसके साथ ही नींबू यूरिक एसिड स्टोन्स के रिस्क को भी कम करने में मदद करता है।
- ऐसे किसी भी लेमन प्रोडक्ट या लेमनेड को न पियें, जिसमें बहुत ज्यादा शुगर मौजूद है। [२६] X रिसर्च सोर्स
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मोडरेट अमाउंट में लीन प्रोटीन खाएं: आप एक लिमिट में ऐसे एनिमल प्रोडक्ट्स खा सकते हैं, जो लो-फेट हों, जैसे कि व्हाइट मीट पॉल्ट्री और एग्ज। किसी भी टाइप के किडनी स्टोन्स के रिस्क को कम करने के लिए, रेड मीट्स के फेटी कट्स अवॉइड करें और बीन्स, दाल और नट्स जैसे प्लांट-बेस्ड सोर्सेज से ज्यादा से ज्यादा प्रोटीन लेने की कोशिश करें। [२७] X विश्वसनीय स्त्रोत MedlinePlus स्त्रोत (source) पर जायें
- अगर आपको यूरिक स्टोन्स हुआ करते हैं, तो फिर एक मील में 3 oz (85 g) से ज्यादा मीट न खाएं। यूरिक एसिड स्टोन्स को मैनेज करने के लिए, ध्यान रखें, कि आपके डॉक्टर आपको एनिमल प्रोटीन को पूरी तरह से कट करने की सलाह भी दे सकते हैं, जिसमें एग्ज और पॉल्ट्री भी शामिल हैं। [२८] X विश्वसनीय स्त्रोत National Institute of Diabetes and Digestive and Kidney Diseases स्त्रोत (source) पर जायें
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अपनी डाइट में कैल्शियम-रिच फूड्स को शामिल करें, लेकिन सप्लिमेंट्स न लें: ऐसे कुछ लोग, जिन्हें कैल्शियम स्टोन्स होता है, उन्हें लगता है, कि उन्हें कैल्शियम को लेना पूरी तरह से बंद कर देना चाहिए। आप आपके बोन्स को हैल्दी रखने के लिए अभी भी कैल्शियम ले सकते हैं, तो रोजाना मिल्क, चीज़ या योगर्ट की 2 से 3 सर्विंग्स लें। [२९] X रिसर्च सोर्स
- विटामिन डी या विटामिन सी सप्लिमेंट्स न लें और ऐसे ऐन्टैसिड्स से भी दूरी रखें, जिनमें कैल्शियम मौजूद हैं।
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रेगुलरली एक्सर्साइज़ करें लेकिन हाइड्रेटेड बने रहने के लिए एक्स्ट्रा पानी भी पियें: रोजाना 30 मिनट की एक्सर्साइज़ करने की कोशिश करें। रेगुलर फिजिकल एक्टिविटी आपकी पूरी हैल्थ के लिए जरूरी होती है। तेज वाल्क करना और बाइक राइड करना, ये दोनों ही एक्सर्साइज़ के अच्छे फॉर्म होते हैं, खासकर अगर आपको एक्टिव रहने की आदत नहीं है, तब। [३०] X रिसर्च सोर्स
- वैसे तो एक्सर्साइज़ जरूरी होती है, अपने पसीने की ओर भी ध्यान दें। आपको जितना ज्यादा पसीना आएगा, आपको उतना ही ज्यादा पानी पीना होगा। डिहाइड्रेशन को अवॉइड करने के लिए, इंटेन्स एक्सर्साइज़, गरम मौसम या जब भी आपको बहुत ज्यादा पसीना आए, तब हर 20 मिनट के अंदर लगभग 1 c (240 mL) पानी पीने का नियम बना लें।
सलाह
- फ्यूचर में, किडनी स्टोन्स को होने से रोकने के लिए कदम उठाना काफी जरूरी होता है। हालांकि, इस बात को भी ध्यान में रखें, कि ऐसे आधे से ज्यादा लोग, जिन्हें लाइफ में कभी किडनी स्टोन्स हुआ था, उन्हें लाइफ में फिर से किडनी स्टोन्स होता ही है। [३१] X विश्वसनीय स्त्रोत Mayo Clinic स्त्रोत (source) पर जायें
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