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क्या आप किसी ऐसे इंसान को जानते हैं, जो कभी सच बोलता ही नहीं है? कुछ लोग अपने आप को अच्छा दिखाने के लिए या अपने मनचाही चीज को पाने के लिए झूठ बोला करते हैं और दूसरे इसलिए बोलते हैं, क्योंकि वो जो भी बोलते हैं, उसी पर भरोसा करते हैं। किसी भी तरह से, झूठे लोगों का सामना करना, उनके या उनके गलत बर्ताव के साथ में निपटने का एक सबसे अच्छा तरीका होता है। ये बात याद रखना बहुत जरूरी होता है, कि आपके पास में किसी को बदलने की ताकत नहीं होती - आखिर में, अगर आप कुछ कर सकते हैं, तो वो ये कि खुद ही सच्चाई बता दें। किसी झूठे इंसान के साथ में निपटने के बारे में सीखने के लिए आगे पढ़ते जाएँ।

विधि 1
विधि 1 का 3:

परेशानी को समझना (Assessing the Problem)

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  1. पता लगाएँ, कि कोई इंसान झूठ बोल रहा है: अगर आपको मालूम होगा कि किस चीज की तलाश करना है, तो फिर आपके लिए इस बात का पता लगाना ज्यादा मुश्किल नहीं होगा, कि कोई आप से झूठ बोल रहा है। इस बात को जानना, कि कब कोई इंसान आपके साथ में छल करने की कोशिश कर रहा है, मुद्दे की गंभीरता की पहचान करने के लिए आपको कुछ संकेत दे सकता है। कोई इंसान नॉर्मल, बिना स्ट्रेस वाली परिस्थिति में में कैसा दिखता और कैसा बर्ताव करता है, ये जान लें और जब भी आपको उनके झूठ बोल रहे होने का शक हो, तब उनके व्यवहार के साथ में इनकी तुलना कर के देखें। कुछ ही वक़्त के बाद, आप उस इंसान की बॉडी लेंग्वेज को इतनी अच्छी तरह से पढ़ना सीख जाएंगे, कि आप खुद ही उनके झूठ को या वो कब झूठ बोल रहे हैं, इसे पकड़ सकेंगे। [१]
    • ध्यान से देखें, जब भी आप उस इंसान से उसकी बर्थ डेट या होमटाउन के बारे में पूछते हैं, तब वो किस तरह से एक्ट करता है। अब जब आप और भी मुश्किल सवाल पूछें, जैसे कि उसका कोई बॉयफ्रेंड या गर्लफ्रेंड है या उसने अपने ऑफिस के काम में कोई हेरा-फेरा की है, तब उसे उस इंसान के बर्ताव के साथ में कंपेयर करें। अगर वो इंसान सच कह रहा होगा, तब और भी मुश्किल सवालों का जवाब देते वक़्त उसमें स्ट्रेस के लक्षण नजर नहीं आने चाहिए।
    • आपके द्वारा सुनी हुई बात, किसी इंसान के आपकी नजरों में देखकर न बोलने को उसके झूठ बोलने का संकेत समझना भूल जाएँ; असल में, काफी सारे झूठे लोग भी इस बात को जानते हैं, इसलिए वो जान-बूझकर नजरें मिलाकर झूठ बोला करते हैं।
    • लोग जब झूठ बोलते हैं, तब वो अनजाने में ही स्ट्रेस के कुछ दूसरे फिजिकल साइन दिखा देते हैं। इस तरह के साइन या संकेतों के ऊपर नजर रखें:
      • एक ऐसी झूठी मुस्कान जिसमें केवल मुंह का इस्तेमाल हो रहा हो, आँखों का नहीं।
      • नॉर्मल से जरा ज्यादा ऊँची आवाज।
      • फैली हुई पुतलियाँ (Dilated pupils)
      • बहुत कम बार पलकें झपकना (और झूठ पूरा हो जाने के बाद, पलकें झपकने की रेट तेज हो जाना)।
      • बेचैनी के साथ पैरों की हरकत करना, जैसे कि उँगलियों से थपथपाना या पैरों को एक-दूसरे के सामने लाना।
      • चेहरे को छूना, जैसे लगातार अपने चेहरे, आँखों या नाक को ढँकना।
  2. कई लोग ऐसे कुछ सब्जेक्ट्स के बारे में झूठ बोला करते हैं, जिन से उन्हें बहुत अनकम्फ़र्टेबल महसूस होता हो - आमतौर पर उनके पिछले किसी बुरे बर्ताव या ऐसा कुछ, जो उन्हें बहुत शर्म का अहसास कराता हो। अगर वो इंसान किसी खास विषय के बारे में सवाल किए जाने पर अक्सर ही झूठ बोला करता है, तो फिर आपको खुद को पीछे खींच लेना चाहिए और उस खास मुद्दे के बारे में और ज्यादा बातें करना बंद कर देना चाहिए। हालांकि, अगर उस इंसान के झूठ बोलने के पीछे की कोई भी वजह या मुद्दा नजर नहीं आता है, बिना किसी पैटर्न के वो झूठ बोलता है, तो समझ जाइए कि आपके सामने एक मुश्किल इंसान खड़ा है। [२]
    • अगर कोई इंसान हर बार, उससे उसके पिता की अनुपस्थिति के बारे में या फिर उसके स्कूल का काम पूरा नहीं करने की वजह के बारे में या किसी खास इंसान के साथ ही उसके बात नहीं करने की वजह के बारे में पूछा जाने पर झूठ बोलता है, तो हो सकता है कि उन सवालों के जवाब से आपका कोई लेना-देना न हो। अगर आप किसी के साथ में कमिटेड रिलेशनशिप में न हों, तब तक आप किसी की भी ज़िंदगी के बारे में ज्यादा जानकारी पाने का हक नहीं रखते हैं।
    • अगर, वहीं दूसरी ओर, अगर कोई इंसान बस बेवजह ही झूठ बोला करता है, फिर चाहे उससे किसी गैर-जरूरी विषय के बारे में ही सवाल क्यों न किया गया हो, तो इसका मतलब कि वो एक पक्का झूठा (compulsive liar) इंसान है। क्योंकि उसका झूठ किसी भी तरह के पैटर्न को फॉलो नहीं करता है, इसी वजह से उस इंसान के सच को छिपाने की वजह से साथ में संवेदना व्यक्त कर पाना काफी मुश्किल होता है।
  3. पहचानें, कि कहीं उस इंसान का झूठ नुकसानदेह तो नहीं: किसी की भी तरफ से झूठ सुनना, किसी को भी पसंद नहीं होता, लेकिन कुछ झूठ दूसरों के मुक़ाबले बहुत नुकसानदेह हुआ करते हैं। इससे पहले कि आप इसमें दखल देना शुरू करें, एक बार ये जानने की कोशिश कर लें, कि ये झूठ किस तरह से उस झूठे इंसान को और उसके साथ ही उसमें शामिल दूसरे लोगों को प्रभावित करते हैं। [३]
    • क्या वो इंसान खुद को बहुत ज्यादा बोलने से रोकने की काफी कोशिश कर रहा/रही है? तो शायद इसमें ज्यादा कुछ बड़ी बात नहीं है।
    • क्या वो इंसान दूसरे लोगों को अपने हिसाब से काबू में करने के लिए झूठ बोल रहा है? क्या दूसरे लोग, उनके साथ में झूठ बोले जाने की बात को महसूस किए बिना, उस इंसान के कहने के मुताबिक ही अपने फैसले लिया करते हैं? तो ये एक ऐसी प्रॉब्लम है, जिसके ऊपर काम किया जाना बेहद जरूरी है।
    • क्या वो इंसान चोरी, धोखाधड़ी या किसी को आहत करने जैसे किसी बुरे व्यवहार से दूर भागने के लिए झूठ बोल रहा है? इस बर्ताव के काफी बुरे प्रभाव पड़ते हैं।
  4. कुछ लोगों को सच बोलने की बजाय झूठ बोलने में बहुत खुशी मिलती है। ये एक लत की तरह हो सकता है, हर बार झूठ बोलने के बाद, खुद को बहुत बड़ा महारथी समझने जैसा महसूस होता है। कुछ बेशर्म झूठे लोग, जो काफी लंबे समय से झूठ बोलते आ रहे हैं, वो जरूरत के बिना भी, झूठ बोलने को अपनी ज़िंदगी का एक हिस्सा समझना शुरू कर देते हैं। ऐसे लगातार झूठ बोलने वाले लोगों को पकड़ पाना मुश्किल होता है, क्योंकि ऐसे लोग झूठ को भी किसी दूसरी लत की तरह ही मानते हैं। [४]
  5. किसी इंसान के मनोविकार के चलते झूठ बोलने की आदत (pathological liar) को पहचानने की कोशिश करें: पैथोलॉजिकल झूठे लोग इतनी शिद्दत के साथ में झूठ बोलते हैं, कि उन्हें ये समझ भी नहीं आता कि वो अक्सर स्पष्ट रूप से पहचाने जा रहे होते हैं। वो अक्सर उनके द्वारा बोले हुए झूठ पर भरोसा करते हैं और ऐसे लोग अपना चेहरे पर ऐसे भाव पेश करके आपको कोई एकदम बेतुकी कहानी सुना देंगे, कि आप खुद भी उसे सच मानने के अलावा और कुछ नहीं कर सकेंगे। पैथोलॉजिकल झूठे लोगों में एक साइकोलॉजिकल डिसऑर्डर होता है। बदकिस्मती से, क्योंकि उन्हें ऐसा लगता है कि वो एकदम सच बोल रहे हैं, इसलिए आप उनसे झूठ के आगे कोई बात नहीं कर सकते। फिर भी, उनका सामना करना, उन्हें खुद के लिए मदद तलाशने की जरूरत का अंदाजा दिलाने के लिए ठीक रहता है। [५]
विधि 2
विधि 2 का 3:

झूठे लोगों का सामना करना (Confronting the Liar)

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  1. झूठ बोलने के हर उस पल के बारे में, आपकी तरफ से उसके झूठ बोलने की बात को सपोर्ट करने वाली डिटेल्स को लिख कर रख लें, जब आपने उसके झूठ को पकड़ा हो। सीधे जाकर आपके पास मौजूद डिटेल्स के साथ उसके सामने जाकर, उसके झूठ बोल रहे होने की बात कहने की बजाय, थोड़ा रिसर्च कर लें, ताकि आपके पास में उस इंसान के झूठ बोल रहे होने के सबूत मौजूद रहें। आपको उस इंसान को ये अहसास दिला पाना है, कि आपको पता है कि वो आप से निश्चित रूप से झूठ बोल रहा है।
    • अगर आप ईमेल्स या पेपरवर्क जैसे कुछ ऐसे ठोस सबूत इकट्ठे कर सकें, जो उस इंसान के द्वारा बोली जाने वाली बातों को सिरे से खारिज कर सकें, तो ये आपके उसका सामना करने को और भी आसान बना देगा।
    • अगर आप उस इंसान के झूठ के सबूत के तौर पर दूसरे लोगों का भी सहारा लेने वाले हैं, तो फिर एक से ज्यादा लोगों की गवाही लेकर चलें।
  2. किसी इंसान से उसके बुरे बर्ताव के बारे में लोगों के सामने बात करना ठीक नहीं होता और इससे उस इंसान के सुधरने या बदलने की उम्मीद भी नहीं होती है। इसलिए इस मामले को अकेले में डिस्कस करना ही ठीक रहता है, ताकि शर्म या नीचा महसूस करने की भावना उस मुद्दे को किसी बड़ी परेशानी की तरफ न ले जाए। बड़े आराम से उस इंसान से कहें कि आपको मालूम है उसने आप से झूठ बोला है। आप जिस भी झूठ के बारे में बात करना चाहते हैं, उसके बारे में खासतौर से बात करें।
    • उस इंसान को झूठा मत कहें। फिर से, शुरुआत में बहुत आराम से बात करना जरूरी होता है। ज़्यादातर मामलों में, वो इंसान अपना झूठ पकड़े जाने के बाद इतना ज्यादा शर्मिंदा हो जाएगा कि वो पूरी तरह से झूठ बोलना ही छोड़ देगा/देगी।
  3. उस झूठे इंसान को उसके झूठ को एक्सप्लेन करने का मौका दें: वो इंसान और भी झूठ बोल रहा है, इसे जानने के लिए बड़ी सावधानी के साथ उसकी बॉडी लेंग्वेज को देखें। उस इंसान के बहाने या वजह को सुनें। अगर वो अपने झूठ को स्वीकार कर लेता है और माफी मांगता है, तो फिर आपको इस बात को और आगे तक नहीं लेकर जाना है। उस मामले के बारे में अच्छी तरह से बात करें और फिर उम्मीद है कि ऐसा फिर नहीं होगा, कहकर अपनी चर्चा को खत्म करें।
  4. झूठ बोला गया है, इस बात के लिए अपनी तरफ से सबूत दिखाएँ: अगर वो इंसान डिफ़ेंसिव या आक्रामक हो जाता है, बहाने बनाता है या इस दौरान भी झूठ बोलना जारी रखता है, तो फिर सबूतों को पेश करने का वक़्त आ चुका है। अब उस इंसान को वो पेपर्स, ईमेल्स या दूसरे सबूत दिखाएँ, जो आपने इकट्ठे किए हैं और जो उसके द्वारा आपके साथ में झूठ बोले जाने की बात को साबित कर सकें। यहाँ पर आपने उस झूठे इंसान का पूरा कच्चा चिट्ठा खोल दिया है, और इसके बाद शायद वो चुप ही रहेगा या फिर हो सकता है कि माफी मांगना शुरू कर दे।
  5. ये सुनने में बहुत बुरा लगता है और सामने मौजूद इंसान शायद तब और भी ज्यादा बुरा महसूस करेगा, जब आप उसे कहेंगे कि अब मुझे उसकी कही हुई किसी भी बात पर भरोसा नहीं रह गया। बताएं कि आप इसके लिए कुछ नहीं कर सकते हैं, लेकिन आपको इतना यकीन है कि वो इंसान फिर से झूठ ही बोलेगा और जब तक कि वो इंसान आगे जाकर सच के रास्ते पर चलता नहीं नजर आएगा, तब तक आपका भरोसा टूटा ही रहेगा।
    • ज़्यादातर लोग इस बात से बहुत ज्यादा शर्मिंदा हो जाएंगे और उम्मीद है कि इसके बाद वो आप से हमेशा सिर्फ सच ही बोलने का वादा भी कर देंगे।
    • कंपल्सिव लायर्स (Compulsive liars) शायद इस बात को स्वीकार कर सकते हैं कि उन्हें एडिक्शन है और वो अपनी इस बुरी आदत को खत्म करने के लिए मदद की मांग भी कर सकते हैं। आपको उन्हें, उनके सच बोलना शुरू करने के पहले कई बार उनका सामना करना पड़ेगा; कुछ लोगों के लिए, ये एक कभी खत्म न होने वाला संघर्ष होगा।
    • पैथोलॉजिकल लायर्स (Pathological liars) और सोशियोपैथ सामना करने से भी नहीं सुधरने वाले हैं। उनके लिए, झूठ बोलना उनकी पर्सनेलिटी का अहम हिस्सा होता है।
    एक्सपर्ट टिप

    Maya Diamond, MA

    डेटिंग और रिलेशनशिप कोच
    माया डायमंड, बर्कले, केलिफ़ोर्निआ में एक डेटिंग और रिलेशनशिप कोच है। उसके पास ऐसे सिंगल्स जो तनाव भरे डेटिंग पैटर्न में फँस गए हैं और इंटरनल सिक्योरिटी चाहते हैं, अपने पास्ट से बाहर निकलना चाहते हैं और एक हेल्दी, लविंग और लम्बे समय तक टिक सके ऐसी पार्टनरशिप चाहते हैं, उनकी मदद करने का 7 साल का अनुभव है । उन्होंने 2009 में कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ इंटीग्रल स्टडीज से सोमैटिक साइकोलॉजी में मास्टर्स की डिग्री प्राप्त की।
    Maya Diamond, MA
    डेटिंग और रिलेशनशिप कोच

    अगर आप किसी झूठ बोलने वाले इंसान के साथ में रिश्ते में हैं, तो काउंसलिन्ग लेने के बारे में सोचें। डेटिंग और रिलेशनशिप एक्सपर्ट माया डायमंड कहती हैं: "अगर आप अपने पार्टनर को झूठ बोलते हुए पकड़ते हैं, तो आपको जो भी लगा उसे बता दें, फिर आप उसके बारे में कैसा महसूस करते हैं, इसके बारे में शेयर करें और फिर आगे जाकर आप इस तरह की परिस्थिति को किस तरह से संभालना चाहते हैं, इसके लिए रिक्वेस्ट करें। अगर ये कोई बहुत बड़ा झूठ है, तो ऐसे में शायद इस धोखे या अपमान से निपटने और रिश्ते में मिली उस चोट से खुद को राहत देने के लिए आपको कुछ बार थेरेपी लेना पड़ेगी।"

  6. अगर जरूरत हो, तो साइकोलॉजिकल ट्रीटमेंट रिकमेंड करें: उस इंसान को बताएं कि बहुत ज्यादा या लगातार झूठ बोलना एक ऐसी समस्या है, जिसे थेरेपी के जरिए ट्रीट किया जा सकता है। इसके पहले कि उस इंसान का हर किसी पर से भरोसा ही उठ जाए, उसके लिए बाहरी मदद की तलाश करने का सुझाव दे दें। आखिरकार, झूठे लोग आमतौर पर सामने आ ही जाते हैं - और इसके परिणामस्वरूप, वो उनका जॉब खो बैठते हैं, रिश्ते को बर्बाद कर लेते हैं और एक सच्ची ज़िंदगी को जीने के मौके को ही खत्म कर बैठते हैं।
विधि 3
विधि 3 का 3:

दुष्परिणामों से निपटना (Dealing with the Aftermath)

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  1. इस बात को समझें कि किसी झूठे इंसान को झूठ बोलना बंद करने में कुछ वक़्त लग सकता है: ऐसे लोग जिन्हें झूठ बोलने की आदत है,वो एकदम फौरन इस आदत से बाहर नहीं निकल सकते हैं। अगर आप आगे जाकर भी कभी उस इंसान को झूठ बोलता हुए पाएँ, तो इसे लेकर हैरान होने की जरूरत नहीं है। उस झूठे इंसान के साथ में आपके रिश्ते के हिसाब से, सबूत इकट्ठे करके, इसे होने से रोककर, झूठे इंसान का सामना करके और उसे बताकर कि आपका भरोसा टूट गया है, शायद आप उसकी मदद करना जारी रख सकते हैं या नहीं भी रख सकते हैं। [६]
  2. इस बात को समझ लें, कि आपके पास में किसी इंसान के बर्ताव को बदलने की ताकत नहीं है: आखिरकार, आप किसी इंसान के मन में चलने वाली बातों को तो नहीं पहचान सकते हैं। अगर वो इंसान झूठ बोलना बंद करना चाहता है, उसे ही खुद के साथ इस दिशा में काम करने का वादा करना होगा और फिर उस पर अड़िग रहना होगा। अगर वो इंसान रुकना ही नहीं चाहता, तो फिर उसके लिए आप कुछ भी नहीं कर सकते हैं।
  3. झूठ बोलने वाले इंसान से, आप को चोट पहुँचने से बचाए रखें: किसी झूठे इंसान के साथ में निपटना भावनात्मक रूप से बहुत ज्यादा थकाने वाला काम हो सकता है। जब भी आपको लगे कि आपका भरोसा फिर से बन चुका है, हो सकता है कि आप उस इंसान को फिर से झूठ बोलता हुआ पाएँ और शायद खुद को वापस शुरू से शुरुआत करने के लिए मजबूर पाएँ। आपके लिए उस इंसान से दूर जाना और ऐसे लोगों के साथ में कुछ वक़्त बिताना भी जरूरी होता है, जिन पर आप भरोसा कर सकते हैं। इसके साथ ही, किसी झूठे इंसान के साथ में बहुत करीब रहने की वजह से आपके मन में उठने वाली मिली-जुली भावनाओं का सामना करने में मदद पाने के लिए आपको भी काउंसलिन्ग की तलाश करने के बारे में सोचना चाहिए।
    • उस इंसान के झूठ में उलझे मत रह जाएँ। आपकी हमेशा ही सच के ऊपर मजबूत पकड़ होने की पुष्टि कर लें। अच्छे झूठे इंसान भी भरोसा करने के लायक होते हैं और मनगढ़ंत कहानियों की बजाय, सच्चाई बताने के लायक होना भी जरूरी होता है।
    • अगर बात हाथों से निकालना शुरू हो जाए, तो उस इंसान को खुद से दूर कर लें। खुद को उसके साथ में बहुत ज्यादा ही शामिल मत कर लें। एक खास वक़्त के बाद, आपको उसके साथ अपने रिश्तों को कम करना होगा और साथ ही इस टॉक्सिक या जहरीले रिश्ते को भी खुद से दूर जाने देना होगा। अपनी तरफ से सब-कुछ ट्राय करके देखने के बाद, रिश्ते को खत्म करें और उससे उबरना शुरू कर दें।

सलाह

  • भरोसे के साथ में धोखाधड़ी किए जाने के ऊपर करने ये किस तरह से आपके रिश्ते को प्रभावित कर रहा है, इसी के बारे में बात करने के ऊपर ज्यादा ध्यान दें।
  • झगड़ा करना शुरू मत कर दें, क्योंकि ये चीजों को और भी बदतर बना सकता है।
  • इस तरह से लोगों से दूर ही रहें।
  • सोचकर देखें, आखिर क्यों उन्होने झूठ बोला होगा। हो सकता है कि वो ध्यान पाना चाहते हैं, हमेशा चीजों को सिरे से खारिज करने का बहाना नहीं करते या फिर हो सकता है कि उन्हें ऐसी कोई परेशानी हो, जिसका सामना करने से वो बहुत घबराते हों।
  • सच के अलावा और कुछ मत बोलें। झूठे लोगों को सच सुनना जरा भी पसंद नहीं होता, ऐसा इसलिए क्योंकि ये उन्हें उनकी असलियत का अहसास कराता है और ये उन्हें परिस्थिति को काबू में करने के लिए मजबूर करता है।
  • झूठ बोल रहे इंसान को बात करते वक़्त बहुत सावधानी के साथ सुनें। उनमें बातों को नजरअंदाज करने की और बीच-बीच में कई बार अपनी कहानी सुनाने की आदत होती है और अगर आप उसे पहली बार में अच्छी तरह से सुन लेते हैं, तो आपको उसमें कुछ न कुछ अलग बात जरूर नजर आ सकेगी।
  • उस झूठे इंसान के द्वारा बताई जाने वाली बातों के आधार पर अपनी ज़िंदगी के फैसले मत करें।
  • आपको नुकसान पहुंचाने के मकसद से झूठ बोलने वाला इंसान इस हद तक झूठ बोल सकता है, कि सारे लोगों को आपके खिलाफ कर सके। यह जरूरी है कि आप एक झूठा खुलासा करें और लोगों को बताएं, कि वो क्या बोल रहे हैं। गंभीर रूप से झूठ बोलने वाले लोगों को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि उनके बोले हुए झूठ से किसी को नुकसान भी पहुँच रहा है।
  • उस इंसान के झूठ बोलने के पीछे के कारण को समझने की कोशिश करें और फिर उसी तरह से कदम उठाएँ। अगर ऐसा कुछ है, जो आप कर सकते हैं, तो उनकी मदद करें या फिर अगर वो इंसान गलत है, तो उसे छोड़ दें।
  • किसी झूठे इंसान को सबके सामने लेकर आते वक़्त सावधानी बरतें, खासतौर से जब उनकी आदत में आक्रामक होना शामिल हो। कभी-कभी ऐसे लोग सच को सुनकर अग्रेसिव हो जाते हैं या फिर वो आपके शब्दों को ही इस तरह से फेरबदल कर देंगे और शायद आप ही के ऊपर सारा इल्जाम लगा देंगे और आप ही को झूठ बोलता दिखाने की कोशिश कर देंगे।

चेतावनी

  • गुस्सा और तीखे शब्द केवल और भी ज्यादा ठेस पहुंचाते हैं और दूसरे इंसान के झूठ बोलने का और आपके कठोर शब्द, आप ही के बारे में गलत तरीके से साबित करते हैं। उसके द्वारा आप को एक मतलबी इंसान बनाने की कोशिश के बीच में मत फँसें, क्योंकि इसकी वजह से उन झूठे लोगों के सामने बहुत बड़े दुष्परिणाम (चाहे हुए परिणाम) सामने आ सकते हैं, जो दूसरों को नीचा और खुद से कम दिखाते हैं।

विकीहाउ के बारे में

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