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हमारे साथ में घटे बेहद खूबसूरत पल और बेहद शर्मनाक पल, इन दोनों को ही अपने मन से निकाल पाना आपके लिए बहुत मुश्किल हो सकता है। इस तरह के विचार बहुत कॉमन हैं, लेकिन अगर ये आपको डिसट्रेक्ट करने लग गए हैं, तो फिर यहाँ पर ऐसे कुछ स्टेप्स हैं, जिन्हें लेकर आप अपने आपको ऐसे अनचाहे विचारों से मुक्त कर सकते हैं। अपना सारा ध्यान इस आर्टिकल पर लगाते हुए शुरुआत करें।
चरण
विधि 1
विधि 1 का 3:
विचारों को आने से रोकने के लिए काम करना (Engaging in Thought Stopping)
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अपने विचारों को लिख लें: आपके विचार आपको आपकी डेली एक्टिविटीज़ से डिसट्रेक्ट कर रहे हैं और आपके अंदर चिंता, उदासी या बेचैनी जैसी पैदा करते हैं, तो आपको सबसे पहले, उन्हें पेपर्स पर उतार लेना चाहिए। सबसे ज्यादा स्ट्रेस वाली बातों से लेकर, सबसे कम स्ट्रेस वाली बातों के क्रम में आपको दुखी करने वाली बातों को लिख लें।
- उदाहरण के लिए, अगर आप अक्सर ऐसा सोचते रहते हैं, कि आपकी जॉब खो जाएगी, तो आपकी लिस्ट को कुछ इस तरह से नजर आना चाहिए: 1. मैं अपने बिल्स कैसे भरूँगा या फिर कैसे अपने बच्चों की देखभाल करूंगा? 2. अगर मुझे नई जॉब नहीं मिली, तो फिर क्या होगा? 3. अगर मुझे मेरी सारी चीजों के साथ, कंपनी से बाहर निकाल दिया जाए, तो मुझे बहुत बुरा लगेगा?
- आपको आपकी इस प्रैक्टिस को पहले, सबसे कम स्ट्रेस वाले विचारों के साथ शुरू करना है।
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विचार को इमेजिन करें: एक प्राइवेट जगह पर बैठें या लेट जाएँ। अपनी आँखें बंद कर लें। अब उस परिस्थिति की कल्पना करें, जिसमें आप इस स्ट्रेसफुल विचार में हैं।
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उस विचार को रोक दें: एक टाइमर, वाच या दूसरी अलार्म को तीन मिनट्स के लिए सेट कर दें। फिर अपने अनचाहे विचारों पर फोकस करें। जब टाइमर या अलार्म पूरी हो जाए, तब ज़ोर से चिल्लाएँ, "रुक जाओ (Stop)!" ये आपके मन के लिए, उस विचार को खाली करने का संकेत है। सोच-समझकर किसी जगह (जैसे कि, बीच बगैरह) के बारे में सोचें और अपने मन को 30 सेकंड के लिए उसी इमेज या विचार के ऊपर रोके रखें। उस वक़्त के बीच में अगर आपके उदासी भरे विचार फिर से आते हैं, तो फिर एक बार फिर से ज़ोर से चिल्लाएँ, "रुक जाओ!" मेडिटेशन या योगा करना भी आपको शांत रहने में और आपके मन को साफ करने में मदद कर सकता है।
- अगर आप चाहें तो "रुक जाओ" बोलते वक़्त खड़े भी हो सकते हैं या फिर अपनी उँगलियों को झटक सकते हैं या फिर अपने हाँथों से ताली मार सकते हैं। ये एक्शन आपकी "रुक जाओ" कमांड को ज़ोर देते हैं और आगे भी आपके विचारों में रुकावट डालते हैं।
- टाइमर यूज करने के बजाय, आप अपने आप को एक-, दो-, और तीन-मिनट के इंटरवल पर "रुक जाओ!" चिल्लाते हुए टेप रिकॉर्ड कर सकते हैं और विचार रोकने की एक्सर्साइज़ करते वक़्त इस रिकॉर्डिंग का यूज कर सकते हैं। जब आप आपकी रिकॉर्ड की हुई "रुक जाओ," बोली हुई आवाज को सुनें, तब अपने मन को 30 सेकंड्स के लिए खाली करें।
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प्रैक्टिस करें: अब जब तक कि आपकी कमांड पर आपके विचार बंद होना न शुरू हो जाएँ, तब तक इस एक्सर्साइज़ को रिपीट करें। फिर सएक्सर्साइज़ को दोबारा ट्राई करें और फिर ज़ोर से रुक जाओ बोलने के बजाय, नॉर्मल आवाज में रुक जाओ बोलें। एक बार जब आपकी नॉर्मल आवाज से आपके विचार रुकने शुरू हो जाएँ, फिर एकदम धीमे से "रुक जाओ" बोलकर देखें। वक़्त बीतने के बाद, बस अपने मन के अंदर ही "रुक जाओ" सुनने की कल्पना करें। इस पॉइंट से, अब आपके मन में जब कभी भी और जहां भी ऐसे विचार आएंगे, आप उसे रोक पाएंगे। एक बार जब आप कंट्रोल के इस लेवल पर पहुँच जाएँ, फिर अपनी लिस्ट में से अगले विचार को चुनें और फिर विचार को रोकना जारी रखें।
- ये मेथड अनचाहे विचारों को फौरन नहीं रोक देगी। ये सिर्फ आपके विचारों के ऊपर "एक ब्रेक" लगा देती है और फिर धीरे-धीरे आपके ऊपर उनकी पकड़ को कम कर देती है।
- इस प्रैक्टिस में, आपको ये भी स्वीकार करना है, कि आपके ये विचार में असल में मौजूद हैं और आपको उनसे निपटना भी है। विचार काफी डिसट्रेक्टिंग, डिस्ट्रेसिंग हो सकते हैं और जब कोई इंसान इनके बारे में आउट ऑफ कंट्रोल हो जाता है, तब ये उसके लिए और भी बदतर बन जाते हैं। लेकिन इस सच्चाई को स्वीकारना, कि वो सच में मौजूद हैं और इनके ऊपर कम रिएक्टिव होना, असल में उनसे छुटकारा पाने में मदद कर सकता है।
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एक्टिव हो जाएँ: ऐसे स्पोर्ट्स में खुद को शामिल करना, जिनमें आपका आपके शरीर पर ध्यान देना और/या आँखों के कोर्डिनेशन पर फोकस करना होता है, ये अपने मन को साफ करने का एक अच्छा तरीका होता है। इसके साथ ही, एक्सर्साइज़ करने से ब्रेन के फील-गुड न्यूरोट्रांसमीटर्स, एंडोर्फ़िन्स (endorphins) के निकलने के लाभ भी होता है, जो आपके मूड को बेहतर कर देगा।
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दिमागी तौर से मुश्किल कोई कम करें: किसी सूडोकू (Sudoku) या क्रॉसवर्ड पजल को पूरा करके, या किसी मुश्किल मैथ प्रॉब्लम को सॉल्व करके या फिर किसी प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए मुश्किल इन्सट्रक्शन्स को फॉलो करके, खुद को मेंटली चेलेंज करें। इस तरह की एक्टिविटीज़ में लगने वाला मेंटल फोकस, आपको इतना थका देगा, कि आपके पास में आपके ऐसे अनचाहे विचारों के ऊपर ध्यान देने के लिए वक़्त या एनर्जी ही नहीं रह जाएगी।
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हंसें: हंसी आपके मन को चिंताओं से दूर ले जा सकती है। जब हम हँसते हैं, तब हमारा मन--हमारे शरीर को एक तरह के जेस्चर और साउंड की सीरीज बनाने के लिए इन्सट्रक्शन देते हुए, इंगेज रहता है। हंसने से स्ट्रेस कम करने में मदद मिलती है, इसलिए अगर आपके मन में बार-बार आने वाले विचार चिंता पैदा कर रहे हैं, तो फिर हँसना आपके लिए बहुत मददगार साबित हो सकता है। आपके चेहरे पर हँसी लाने वाले फ्रेंड्स के साथ मिलें, कोई फनी मूवी देखें या फिर लाफ़्टर योगा क्लास ट्राई करें। आप चाहें तो "लाफ़्टर थेरेपी" में स्पेशलिस्ट थेरेपिस्ट को भी पा सकते हैं, जो लोगों को ऐसी बातों पर भी खुलकर हँसना सिखाते हैं, जो असल में उतनी भी ज्यादा मजेदार नहीं और साथ ही ह्यूमर से मुश्किल परिस्थितियों का सामना करना सिखाते हैं।
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इसके बारे में बात करें: किसी भी विचार के बारे में दूसरों के साथ बातें करना, या उसे दूसरों के साथ शेयर करना, उस विचार से छुटकारा पाने का एक तरीका होता है। किसी एक ऐसे फ्रेंड या फैमिली मेम्बर के पास जाएँ, जो एक अच्छा लिसनर है और फिर उन्हें अपने मन की सारी बातें बता दें। अगर आपको ऐसा लगता है, कि आपके मन में चलने वाली उथल-पुथल का सामना करने के लिए, सिर्फ एक फ्रेंड या फैमिली मेम्बर ही काफी नहीं है, तो फिर ऐसे किसी प्रोफेशनल थेरेपिस्ट या काउंसलर के पास जाएँ, जो आपके साथ मिलकर इसके ऊपर काम कर सके।
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स्वीकार करने की कोशिश करें: अगर आपने किसी इंसान के या किसी चीज़ के बारे में नहीं सोचने की कोशिश की है, तो आपको मालूम होगा, कि ऐसा करना असल में मुमकिन नहीं है--ये अगर इतना ही आसान होता, तो फिर आप हमारे इस आर्टिकल को नहीं पढ़ रहे होते। असल में, रिसर्च से मालूम हुआ है, कि अपने अनचाहे विचारों को पूरी तरह से नकारने से ज्यादा, उन्हें स्वीकार करना बेहतर होता है। एक स्टडी में, शामिल हुए ऐसे लोग जिन्होंने स्वीकार करने की कोशिश की, वो जरा कम ओब्सेसिव (किसी चीज़ को दिमाग में बैठाने वाले) रहे, उनका डिप्रेशन लेवल भी कम था और वो विचारों को अपने अंदर दबाए रखने की कोशिश करने वाले लोगों के मुक़ाबले कम चिंतित भी रहे। [१] X विश्वसनीय स्त्रोत Science Direct स्त्रोत (source) पर जायें
- अपने विचारों को स्वीकार करने का मतलब ये नहीं, कि आपको उन्हें पसंद ही करना है या फिर अपने विचारों के साथ सहमत हो जाना है। आपको उन्हें सिर्फ मौजूदा वास्तविकता के हिस्से के रूप में स्वीकार करना होगा। उनका वजूद भी रहने दें और उन्हें बदलने या काबू करने की कोई कोशिश मत करें। ऐसा करते हुए, आप उनकी शक्ति को खत्म कर देंगे और फिर वो कम आना भी शुरू हो जाएंगे।
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फोकस्ड डिसट्रेक्शन यूज करें: हो सकता है, कि आपने खुद को अपने मन में चल रहे विचारों को दूर करने के लिए, पहले ही खुद को डिसट्रेक्ट करने की कोशिश कर चुकी हो, लेकिन क्या आपने फोकस्ड डिसट्रेक्शन यूज किया है? स्टडीज़ के मुताबिक, अनचाहे विचारों से अपने मन को अलग करने के लिए, बार-बार एक से दूसरी चीजों पर जाकर डिसट्रेक्ट करने के बजाय, खुद को केवल एक ही चीज़ के ऊपर ध्यान रखकर डिसट्रेक्ट करना ज्यादा बेहतर रहता है। बिना किसी लक्ष्य के मन का भटकना, उदासी से जुड़ा हुआ होता है, इसलिए ध्यान देने के लिए किसी एक खास काम, म्यूजिक या बुक को चुनें और फिर अपना सारा ध्यान उसी के ऊपर लगा दें।
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उन्हें बाहर निकाल दें: साइकोलॉजिकल साइंस (Psychological Science) नाम की जर्नल में पब्लिश हुई एक स्टडी में, रिसर्चर ने पाया, कि जब लोग अपने विचारों को पेपर के ऊपर लिखते हैं और फिर उस पेपर को दूर फेंक देते हैं, तो वो उन विचारों को अपने मन से भी बाहर कर देते हैं। कुछ काउन्सलर आपको शायद एक वरी जार (worry jar) भी रिकमेंड कर सकते हैं, जिसमें आप आपके सारे विचारों को रख सकते हैं। [२] X विश्वसनीय स्त्रोत Association for Psychological Science स्त्रोत (source) पर जायें
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किसी एक सीख की तलाश करें: अगर आपको घर करने वाले विचार आ रहे हैं, तो उस परिस्थिति को एक सीख की तरह मानने की कोशिश करें। खुद से पूछें, कि आपको अपनी गलती में क्या सीख नजर आई और आपने उससे क्या सीखा। इसे सिर्फ एक या और कम सेंटेन्स में समेटने की कोशिश करें और फिर उसे लिख लें।
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उसे वक़्त दें: जब किसी परिस्थिति का या किसी इंसान का लाइफ में ज्यादा प्रभाव होता है, तो उससे निकलने में अक्सर ज्यादा वक़्त लगता है। ये उस वक़्त और ज्यादा सच हो सकता है, जब आपने इसके पहले कभी भी ऐसी किसी परिस्थिति का सामना न किया हो, जिसमें आपके साथ किसी ने धोखा किया हो, किसी की मौत का सामना किया हो या फिर किसी कार एक्सीडेंट में फंसे हों। इसे अपने मन में बार-बार सोचना, इससे निकलने का नेचुरल तरीका होता है। और हर एक इंसान को अपनी नॉर्मल लाइफ में वापस आने के लिए अलग-अलग वक़्त की जरूरत होती है, लेकिन इसका मतलब ये नहीं, कि वो कम समय लेने वाले इंसान से किसी भी मायने में कमजोर है।
सलाह
- ऐसा बिल्कुल भी ना सोचें, कि "मैने ______ इस बारे में सोचना बंद कर दिया है " या "मैं _____ इस बारे में नहीं सोच सकता," क्योंकि ऐसा करना, आपको उस व्यक्ति या उस चीज़ के बारे में और भी ज़्यादा सोचने पर मजबूर कर देगा।
- फ़ौरन ही रिजल्ट्स मिलने की उम्मीद ना करें। इन सारी कोशिशों के बाबजूद भी, उस व्यक्ति की कुछ अनचाही यादें, आप के मन में बार-बार दस्तक देंगी। आगे बढ़ जाने, अपने साथ धैर्य से काम लेने के लक्ष्य के नेचुरल पार्ट के तौर पर इसे स्वीकार कर लें और आखिर में, वक़्त के साथ-साथ, ये इंसान और परिस्थिति धीरे-धीरे आपके मन से गायब होती जाएगी।
- अगर आप इसके बारे में सोचते हैं, तो किसी के साथ में बात शुरू करने की कोशिश करें। इस तरह से आपका ध्यान उस बुरी परिस्थिति पर होने के बजाय, उस इंसान के द्वारा बोली जाने वाली बातों में रहेगा।
- अगर आप उन्हें डेली देखा करते हैं, तो फिर उन्हें अपने मन में एक अलग ही इंसान की तरह इमेजिन करें।
- पानी पियेँ।
- नेटफ्लिक्स (Netflix) देखें। ये लगभग हमेशा ही आपके मन से विचारों को दूर ले जाएगा।
रेफरेन्स
- ↑ http://www.sciencedirect.com/science/article/pii/S0005796704000853
- ↑ http://www.psychologicalscience.org/index.php/news/releases/bothered-by-negative-unwanted-thoughts-just-throw-them-away.html
- http://www.ocdla.com/blog/ocd-thought-suppression-1249
- http://www.webmd.com/mental-health/positive-thinking-stopping-unwanted-thoughts#
- http://www.mayoclinic.org/healthy-living/stress-management/in-depth/exercise-and-stress/art-20044469