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लूफा उष्णकटिबंधीय (tropical) प्रदेश के लौकी या ककड़ी के समान फलों में पाये जाने वाले रेशेदार पदार्थों से बनता है | सूखी त्वचा को एक्सफोलिएट करके इसे चिकना और नर्म बनाने के लिए लूफा की स्पंज जैसी बनावट परफेक्ट होती है | लूफा गीले होने पर नर्म हो जाते हैं और जैसे ही सूख जाते हैं वो दोबारा सख्त हो जाते हैं | आप इस बात को याद रखें कि आपको अपने लूफा को नियमित रूप से बदलना है क्योंकि सामान्यतया कुछ हफ़्तों तक उपयोग में लाये जाने के बाद लूफा में काफी जीवाणु जमा हो जाते हैं |

विधि 1
विधि 1 का 2:

लूफा का प्रयोग करना

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  1. सामान्यतया लूफा का रंग पीली, सूखी घास के समान होता है और इसमें जड़ी-बूटी की सी हल्की-हल्की सुगंध होती है | लूफा कई तरह के शेप और साइजों में उपलब्ध हैं, और अक्सर ये या तो सिलिंडर या स्लाइस की हुई डिस्क के रूप में बेचे जाते हैं | वैसे तो सूखी अवस्था में लूफा की बनावट सख्त होती है, लेकिन आप जैसे ही इसपर गर्म पानी डालते हैं, यह नर्म और लचीला बन जाता है |
    • ज्यादातर स्टोर और दवाई की दुकानें जहाँ पर बॉडी केयर उत्पाद बेचे जाते हैं, वहाँ पर आपको लूफा भी आसानी से मिल जाएगा |
    • लूफा प्लास्टिक पफों से अलग हैं | हालाँकि दोनों चीजें एक ही उद्देश्य के लिए प्रयोग में लायी जाती हैं, लेकिन लूफा वनस्पति से प्राप्त पदार्थ से बनते हैं, इसलिए वे त्वचा के लिए बेहतर समझे जाते हैं |
  2. स्नान करते समय या शावर लेते समय लूफा को नम कर लें: पानी जितना ज्यादा गर्म होगा लूफा उतनी ही तेजी से नर्म हो जाएगा | अगर आप ये चाहते हैं कि लूफा की सख्ती और स्क्रब करने की क्षमता कुछ हद तक बनी रहे तो आप लूफा का उपयोग करना शुरू करने से पहले इसे बस हल्का गीला करें |
  3. लोग बॉडी वाश का भी प्रयोग करते हैं जो आसानी से लूफा की सतह पर फ़ैल कर इसमें समा जाता है लेकिन अगर आप लूफा की सतह पर साबुन रगड़ें तो वो भी उतना ही अच्छा काम करेगा | आपको बस जरा सा साबुन चाहिए क्योंकि थोड़ा सा साबुन भी काफी अच्छा काम करता है |
  4. अपनी गर्दन से लेकर सीने तक की त्वचा पर लूफा का प्रयोग करके शुरुआत करें और सौम्य तरीके से लेकिन मजबूती और स्थिरता के साथ सर्कुलर मोशन में लूफा को अपनी त्वचा पर रगड़ें | ऐसा करते हुए अपने टखनों तक लूफा को पहुँचायें | अपनी बाँहों को स्क्रब करना ना भूलें |
    • इसके अलावा आप लूफा का प्रयोग अपनी एड़ियों और पैरों के तलवों पर भी कर सकते हैं | अगर शावर लेते समय आपके फिसलने की संभावना हो तो सावधानी के साथ लूफा का प्रयोग करें |
    • त्वचा पर ऊपर-नीचे स्क्रब करने की बजाय सर्कुलर मोशन करना लूफा के प्रयोग का ज्यादा सौम्य तरीका है और इससे मृत कोशिकाएं भी आसानी से निकलती हैं |
  5. ऐसा करने से त्वचा के छिद्र बंद हो जायेंगे और आपको ताजगी का एहसास होगा | अगर आप शावर लेते समय या नहाते समय सोकर अपनेआप को शांत करना चाहते हों तो ठंडे की बजाय गर्म पानी का प्रयोग करें |
विधि 2
विधि 2 का 2:

लूफा की देखभाल करना

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  1. हर बार उपयोग करने के बाद लूफा को अच्छी तरह धो दें: इसके लिए साफ़, गर्म पानी का प्रयोग करें और ये ध्यान दें कि साबुन पूरी तरह से निकल गया हो | अगर साबुन लगा हुआ ही रह जाता है तो लूफा से बदबू आ सकती है |
  2. जब-जब लूफा का उपयोग करें इसे अच्छी तरह सुखा भी लें: इसे अच्छी हवादार जगह पर रखें ताकि ये पूरी तरह से सूख जाए | ज्यादातर बाथरूम नम रहते हैं, इसलिए लूफा को दूसरे रूम में सुखाना बेहतर है | ऐसा करने से लूफा के अंदर बैक्टीरिया की वृद्धि नहीं होगी | [१]
    • इसे वेंट (vent) या पंखे के पास रखने से भी यह जल्दी सूखने में मदद कर सकता है।
    • बाथरूम में अक्सर नमी रहती है, इसलिए आप लूफा को किसी दूसरे कमरे में सुखा सकते हैं।
  3. इसके लिए आप लूफा को अपने तौलियों के साथ एक हॉट वाश दे दें, डिशवाशर में इसे भी धो दें, या इसे गर्म पानी में कुछ मिनटों के लिए बॉईल कर दें ताकि इसमें कुछ बैक्टीरिया हों तो वो नष्ट हो जाएँ | आप चाहे जो भी तरीका अपनाएँ लेकिन लूफा को आपके स्वास्थ्य के लिए लाभकारी अवस्था में रखने के लिए इसे सप्ताह में एक बार अच्छी तरह साफ़ जरूर करें |
    • हाल ही में त्वचा विशेषज्ञों ने ये भी पता लगाया है कि जितना पहले समझा जाता था, वास्तव में लूफा उससे कहीं ज्यादा बैक्टीरिया को आश्रय देते हैं | इसलिए लूफा को समय-समय पर सैनिटाइज करना बहुत जरूरी है | [२]
    • यही बात प्लास्टिक बाथ पफों पर भी लागू होती है | हालाँकि वो प्राकृतिक पदार्थों से नहीं बने होते हैं, लेकिन फिर भी वो बैक्टीरिया को आश्रय तो देते ही हैं |
  4. तीन सप्ताह के समय में बार-बार उपयोग में लाये जाने के कारण और उबालने या वॉशर में साफ़ किये जाने के कारण लूफा ख़राब हो जाते हैं और कई बार इनके टुकड़े भी अलग होने लगते हैं | अगर आप अपने लूफा को सैनिटाइज नहीं करते हैं तो ये वैसे भी तीन हफ्तों के बाद उपयोग में लाये जाने के लिए सुरक्षित नहीं रह जाते हैं | इसलिए हर 3 सप्ताह में लूफा को बदल जरूर दें और नया लूफा ले लें | [३]
    • बहुत सारे लोग अब वाशक्लॉथ का प्रयोग करने लगे हैं क्योंकि इन्हें प्रयोग में लाना और वॉशर में धोना ज्यादा आसान है, और ये लूफा से ज्यादा समय तक टिकते भी हैं |
    • अगर आप लूफा का ही प्रयोग करना चाहते हैं तो अपनेआप को स्वस्थ रखने के लिए हर बार उपयोग में लाने के बाद लूफा को अच्छी तरह सुखा के रखने और समय-समय पर उन्हें बदल देने की आदत जरूर बनायें |

सलाह

  • एक्सफोलिएट करने के बाद त्वचा को मॉइस्चराइज जरूर करें |
  • अगर आप अपने चेहरे पर भी लूफा का प्रयोग करना चाहते हों तो इसके लिए अलग लूफा रखें तो बेहतर है |

चेतावनी

  • जब लूफा का प्रयोग करके त्वचा को एक्सफोलिएट करें तो सौम्य और दृढ तरीके से इसका प्रयोग करें | अगर आप बहुत सौम्य तरीके से इसका प्रयोग करते हैं तो डेड स्किन नहीं निकल सकेगी और अगर बहुत रूखे ढंग से इसका प्रयोग करते हैं तो आपकी त्वचा पर निशान पड़ सकते हैं |
  • लूफा को धोना और सुखाना बहुत ही ज्यादा जरूरी है | इसलिए उन चरणों को स्किप ना करें |

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