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निश्चित तौर पर बात करें, तो क्रिस्टल और ग्लास में अंतर् एक प्रोफेशनल ही कर सकता है। लेकिन, फिर भी ग्लास और क्रिस्टल की वस्तूओं में कुछ ख़ास अंतर होते हैं जो कोई भी देख सकता है। अपनी वस्तु को उठा कर उसका अध्ययन करें। क्रिस्टल की वस्तु उसी आकार की ग्लास की वस्तु से भारी होती है। आप आसानी से उसके आर पार देख सकते हैं और हो सकता है आपको एक इंद्रधनुष भी दिखाई दे। इसके अलावा, क्रिस्टल, जब किसी और वस्तु से टकराता है तो, एक संगीतमय ध्वनि करता है।

विधि 1
विधि 1 का 2:

देख कर वस्तु का निरीक्षण करना

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  1. ग्लास के देखे क्रिस्टल को ज़्यादा समय तक और कम तापमान पर पकाया जाता है। इस वजह से, क्रिस्टल के अंदर का लेड आसानी से पतली, और पेचीदा डिज़ाइन में परिवर्तित किया जा सकता है। एक ग्लास वस्तु को क्रिस्टल की वस्तु के पास रख कर दोनों की चौढ़ाई का आंकलन करें।
    • उदाहरण के तौर पर, क्रिस्टल के वाइन ग्लास में, कम लिप और पतली रिम की खोज करें। [१]
  2. कोई भी पेय लें और वस्तु में डालें या वस्तु को उठा कर उसके आर पार देखें। अक्सर सामान्य ग्लास क्रिस्टल के मुक़ाबले धुंधला होता है। ज़्यादा लेड वाला क्रिस्टल अपने अंदर और बगल में मौजूद किसी भी चीज़ को साफ़ दर्शाता है। [२]
    • उदाहरण के तौर पर, एक सामान्य पीने वाला ग्लास अपने अंदर मौजूद पेय को धुंधला दिखाई देगा। इसके विपरीत, क्रिस्टल के ग्लास, पेय को साफ़ दर्शाता है।
  3. जब आप ग्लास को लाइट के सामने कर के देखते हैं, कुछ नहीं होता है। लेकिन फाइन क्रिस्टल, जिसमें लेड काउंट ज़्यादा होता है, चमकने लगता है। बाकि क्रिस्टल प्रिज़्म की तरह काम करते हैं, जिससे जब आप उनके अंदर देखते हैं आपको इंद्रधनुष दिखता है। [३]
विधि 2
विधि 2 का 2:

छूकर और आवाज़ से जांचना

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  1. क्योंकि क्रिस्टल अक्सर लेड से बनता है, वो ग्लास से ज़्यादा भारी होता है। वस्तु को उठाएं और आपको पता चलेगा की वो ठोस और वज़नदार है। उसी आकार की ग्लास की वस्तु उठाएं। अक्सर, वो आपको हलकी महसूस होगी। [४]
    • लेड मुक्त क्रिस्टल हल्का और ज़्यादा समय तक चलने वाला होता है लेकिन लाइट के सामने करने से यह भी चमकने लगता है। [५]
  2. बनाने की प्रक्रिया के कारण, क्रिस्टल में एक गोलाकार, सपाट एहसास होता है। उसके कोई भी खूबसूरत हिस्से को छू कर देखें। इसके अलावा वस्तु की सतह पर अपना हाथ फिराएं। ग्लास छूने से ब्रिटल लगता है, जबकि क्रिस्टल ज़्यादा नाज़ुक होता है। ग्लास में मौजूद कट भी ज़्यादा पैना महसूस होता है। [६]
  3. अपनी ऊँगली से वस्तु पर मारें या फिर उसे किसी ठोस चीज़ के साथ टकराएं। अगर वो क्रिस्टल है तो, उसमें से ध्वनि आएगी, और अगर ग्लास तो थपकी जैसी आवाज़ होगी। [७]
    • अगर हो सके तो अपनी ऊँगली गीली करें और उसे वस्तु की रिम के आसपास फिराएं। क्रिस्टल से संगीतमय ध्वनि निकलेगी, जबकि ग्लास से ऐसी कोई आवाज़ नहीं आएगी।

सलाह

  • पारम्परिक क्रिस्टल में कम से कम 24 % लेड होता है। कुछ हिस्सों में, कम लेड वाली वस्तुओं को भी क्रिस्टल कहा जा सकता है। लेड मुक्त क्रिस्टल भी मिलता है और इसे जिंक ऑक्साइड, बेरियम ऑक्साइड, या पोटैशियम ऑक्साइड से बनाया जाता है।
  • ग्लास स्टेम वेयर पारदर्शी नहीं होता है इसलिए डिशवाशर में साफ़ किया जा सकता है, लेकिन क्रिस्टल नहीं।

चेतावनी

  • बच्चों और गर्भवती स्त्रियों को लेड क्रिस्टल की वस्तुओं से कुछ पीना नहीं चाहिए।
  • क्रिस्टल में खाये भोजन या पेय पीने से उसमें मौजूद लेड आपके शरीर में जा सकता है और इसलिए इन्हें क्रिस्टल की वस्तुओं में नहीं रखना चाहिए।

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