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क्रोटन (जिनको रशफॉयल और जोसफ्स कोट भी कहते हैं) उष्णकटिबंधीय या ट्रॉपिकल (tropical) पौधे हैं जिनकी सुंदर, चमकदार, कई रंगों की पत्तियां होती हैं। गरम और नम या ह्यूमिड (humid) क्षेत्रों में उनको घर के बाहर उगाया जा सकता है। नहीं तो उनको घर के अंदर रखे जाने वाले पौधों या मौसमी पौधों के रूप में उगाना सबसे अच्छा है। क्रोटन (croton) के पौधों को उगाना मुश्किल हो सकता है क्योंकि उन्हें धूप, पानी, टेम्प्रेचर, और ह्यूमिडिटी की सही मात्रा की ज़रूरत होती है। इसके अलावा, उनको एक जगह से दूसरी जगह मूव करना पसंद नहीं है। अगर आप चाहते हैं कि ये पौधे अच्छी तरह से पनपें तो इनके लिए एक सूटेबल जगह चुनें और इनको मूव न करें।

भाग 1
भाग 1 का 3:

सही जगह चुनें (Choosing the Right Location)

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  1. एक ऐसा पॉट चुनें जिसमें से पानी ठीक से बाहर निकलता हो: क्रोटन के पौधों को ढेर सारा पानी अच्छा लगता है। लेकिन वे तर या गीली मिट्टी में ठीक से नहीं उगते हैं। इसलिए आप एक ऐसा कंटेनर चुनें जिसके नीचे के हिस्से में छेद हों और पानी ठीक से बाहर निकल सके। कंटेनर लेते समय ध्यान रखें कि वह पौधे की जड़ों के गुच्छे से लगभग 1/3 बड़ा हो।
    • अगर आप 10 और 11 नंबर की हार्डीनेस ज़ोन (hardiness zone) में रहते हैं, जैसे कि दिल्ली तो आपको कंटेनर लेने की ज़रूरत नहीं हैं। आप चाहें तो पौधे को सीधे गार्डन में बो सकते हैं।
    • अपनी हार्डीनेस ज़ोन पता करने के लिए आप https://www.farmersknowbest.com/2020/07/india.html या https://www.mashrita.com/usda-hardiness-zones-context-india-major-cities वेबसाइट्स पर जाकर चेक कर सकते हैं।
  2. एक ऐसी जगह चुनें जहाँ पर 6 से 8 घंटे तक बढ़िया धूप आती हो: क्रोटन के पौधों को अपनी रंगीन पत्तियों को बनाये रखने के लिए खूब सारी धूप की ज़रूरत होती है। लेकिन अगर उनको दिन भर बहुत ज्यादा तेज़ धूप में रखा जाये तो वे जल सकते हैं। उनको एक ऐसी खिड़की पर रखना सबसे अच्छा है जिसका मुंह पूरब (east) या पश्चिम (west) की ओर हो और जहाँ पर रोज 6 से 8 घंटे तक सीधी धूप आती हो। [१]
    • जिन क्रोटन के पौधों को बहुत ज्यादा सीधी धूप मिलती है उनकी पत्तियां झुलस सकती हैं।
  3. क्रोटन के पौधे हवा के तेज़ झोकों को, खासतौर से ठंडी हवा के झोकों को सहन नहीं कर सकते हैं। एक ऐसी जगह चुनें जो दरवाजों, खिड़कियों, हवा के आने-जाने की सुराखों या वेंट्स, छत के पंखों, और अन्य हवा के तेज़ झोकों वाली जगहों से दूर रखें। [२]
  4. पौधे को जब अपने पसंद की जगह मिल जाये तो आप उसे मूव न करें। क्रोटन किसी भी तरह के शॉक को, जैसी कि मूव करना सहन नहीं कर पाते हैं। मूव करने के बाद अगर पौधे की काफी पत्तियां गिर जाएँ तो आश्चर्यचकित न हों। [३]
  5. 10 और 11 नंबर की हार्डीनेस ज़ोन्स, जैसे कि दिल्ली में क्रोटन के पौधों को घर के बाहर बो सकते हैं। [४] घर के बाहर बोने के लिए एक ऐसी जगह चुनें जहाँ पर खूब सारी अप्रत्यक्ष धूप आती हो, जैसे कि एक पेड़ के नीचे जहाँ उसे आंशिक छाया मिल सकती है। पौधे को वसंत के बीच में या अंतिम चरण में मूव करें ताकि पौधे को बहुत कम शॉक लगे।
    • क्रोटन की 4 °C (40 °F) से कम के टेम्प्रेचर वाले ठंडे क्षेत्रों में पनपने की कम चांस है। [५] अगर आपके क्षेत्र में सर्दियों में टेम्प्रेचर इससे कम हो जाता है तो आप क्रोटन को दोबारा एक कंटेनर में बो सकते हैं और सर्दियों के लिए घर के अंदर रख सकते हैं या उसे एक वार्षिक पौधे के समान सर्दियों में मरने दे सकते हैं।
    • अगर आप क्रोटन को मौसम के अनुसार अंदर और बाहर मूव करें तो इस बात के लिए तैयार रहें कि उसकी पत्तियां गिरेंगी।
    • पोषक तत्वों से भरी हुई उपजाऊ मिट्टी जिसमें से पानी अच्छी तरह से बहता है, क्रोटन के लिए सबसे अच्छी होती है। मिट्टी को इस तरह का बनाने के लिए आप पौधे को बोने से पहले उसमें पुराना खाद डालें।
भाग 2
भाग 2 का 3:

स्वस्थ क्रोटन उगायें (Growing a Healthy Croton)

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  1. मिट्टी को नम रखने के लिए उसमें नियमित रूप से गुनगुना पानी डालें: जब ऊपर की 1/2” (13 mm) तक की मिट्टी सूख जाये तो आप गुनगुना पानी डालें ताकि जड़ों को शॉक न लगे। अपनी उंगली को मिट्टी में डालें और अगर उसका ऊपर का हिस्सा सूखा लगे तो उस में पानी डालें। उसमें पानी डालते जाएँ जब तक फालतू पानी पॉट के नीचे के छेदों में से बाहर निकलने लगे। [६]
    • इन ट्रॉपिकल पौधों को ढेर सारा पानी पसंद होता है। लेकिन मिट्टी को तर या गीला रखने के बजाय नम और हल्का सा गीला रखना ज़रूरी है।
    • पतझड़ के अंतिम चरण और सर्दियों में निष्क्रिय अवस्था के दौरान कम पानी डालें और मिट्टी को 1” (2.5 cm) की गहराई तक सूख जाने दें। [७]
  2. क्रोटन मूल रूप से ट्रॉपिकल क्षेत्र के पौधे हैं। ये 16 °C (60 °F) से कम के टेम्प्रेचर पर पनप नहीं सकते हैं। इनके लिए दिन में 21 और 27 °C (70 और 80 °F) के बीच का टेम्प्रेचर और रात को 18 °C (65 °F) का टेम्प्रेचर आदर्श है। [८]
    • क्रोटन के पौधों को घर के बाहर उगाया जा सकता है लेकिन ये केवल उन जगहों पर संभव है जहाँ का क्लाइमेट गरम होता है और ज्यादा नमी या ह्यूमिडिटी (humidity) होती है। अगर आप एक ठंडे और सूखे क्लाइमेट वाले क्षेत्र में रहते हैं तो क्रोटन को घर के अंदर उगायें जहाँ पर आप वातावरण को नियंत्रित कर सकते हैं।
  3. क्रोटन के पौधों के लिए 40 और 80 प्रतिशत की रेंज में ह्यूमिडिटी होनी चाहिए। लगभग 70 प्रतिशत ह्यूमिडिटी उनके लिए सबसे अच्छी होती है। [९] इसके लिए आप हर 1 से 2 दिन में पत्तियों पर थोड़ा सा पानी स्प्रे करें या पौधे को बाथरूम में उगायें जहाँ पर आप अक्सर शावर यूज़ करते हैं या नहाते हैं। [१०]
    • पौधे के चारोंओर ह्यूमिडिटी उत्पन्न करने के लिए आप उसके पॉट को एक ट्रे पर रख सकते हैं जिसमें पानी से ढके हुए कंकड़ भरे हों। आवश्यकता के अनुसार और पानी डालते रहें ताकि कंकड़ गीले रहें। [११]
    • आप एक हाइग्रोमीटर (hygrometer) की मदद से क्रोटन के चारोंओर की ह्यूमिडिटी को नाप सकते हैं। आपको ये डिवाइस किसी होम, गार्डन, या डिपार्टमेंट स्टोर में मिल जाएगी।
  4. सक्रिय उगने के समय में पौधे को हर महीने फर्टिलाइज़ करें: क्रोटन के पौधों को अपनी रंगीन पत्तियों को उगाने के लिए ढेर सारे पोषक तत्वों की ज़रूरत होती है। वसंत, गर्मियों, और पतझड़ के शुरू के दिनों में जब पौधे सक्रिय रूप से उगते हैं, हर महीने पौधे को पानी देने से पहले पानी में लिक्विड या पाउडर फर्टिलाइज़र डालकर उनको पोषक तत्व प्रदान करें।
    • जिस फर्टिलाइज़र में नाइट्रोजन (nitrogen) और पोटैशियम (potassium) ज्यादा होता है वह क्रोटन के लिए सबसे अच्छा होता है, जैसे कि एक 8-2-10 मिक्स। ये केमिकल्स पौधे को मजबूत स्टेम्स और पत्तियां उगाने में मदद करते हैं। यहाँ पर दिए गए नंबर फर्टिलाइज़र में मौजूद नाइट्रोजन, फॉस्फोरस (phosphorus), और पोटैशियम की मात्रा का संकेत देते हैं।
    • पतझड़ के अंतिम चरण और सर्दियों के महीनों में निष्क्रिय अवस्था के दौरान पौधे को फर्टिलाइज़ न करें। [१२]
  5. जब पौधा अपने पॉट से ज्यादा बड़ा हो जाये तो उसे वसंत में दूसरे पॉट में बोयें: एक ऐसा पॉट चुनें जो पहले पॉट से 1” से 2” (2.5 cm से 5.1 cm) बड़ा हो। उसमें पानी के बाहर निकलने के लिए बहुत सारे छेद होने चाहिए। पॉट को गमले में डाली जाने वाली उपजाऊ मिट्टी या पॉटिंग सॉइल (potting soil) से आधा भरें। क्रोटन को सावधानी से पहले पॉट में से निकालें और धीरे से नए पॉट में रखें। फिर थोड़ी और पॉटिंग सॉइल डालकर जड़ों को ढकें और मिट्टी को अपनी जगह पर बैठाने के लिए पानी डालें।
    • क्रोटन को दूसरे पॉट में बोने से उसकी पत्तियां गिर सकती हैं। लेकिन आप उसे वसंत के बीच में या अंतिम चरण में दूसरे पॉट में बो सकते हैं ताकि उसे सबसे कम शॉक लगे। [१३]
    • पॉटिंग सॉइल की जगह आप पीट मॉस और पुराने खाद को बराबर मात्रा में मिलाकर भी यूज़ कर सकते हैं। [१४]
  6. दोबारा उसी साइज़ के पॉट में बो कर उसे बढ़ने से रोकें: क्रोटन की कुछ प्रजातियां 6 ft (1.8 m) लम्बी हो सकती हैं। आप उन्हें एक ही साइज़ के कंटेनर में बो कर उनकी साइज़ को नियंत्रित कर सकते हैं। जब आप चाहें कि पौधा और लम्बा न हो, वसंत में उसे पहले पॉट की साइज़ के पॉट में दोबारा बोयें।
    • पौधे को दूसरे पॉट में बोने के बजाय आप उसे स्वस्थ रखने के लिए ज़मीन पर उपजाऊ मिट्टी का एक ताज़ा लेयर डाल सकते हैं। हर वसंत में ऊपर से 3” (7.6 cm) तक की मिट्टी को हटायें और उसकी जगह पर ताज़ी पॉटिंग सॉइल डालें। [१५]
भाग 3
भाग 3 का 3:

सामान्य समस्याओं को दूर करें (Troubleshooting Common Problems)

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  1. अगर पत्तियों की टिप्स भूरी हो जाएँ तो पौधे को ज्यादा पानी दें: अक्सर क्रोटन के पौधों को कम पानी दिया जाता है जिसके कारण उनकी पत्तियां गिरने लगती हैं। आप गिरी हुई पत्तियों को चेक करें। अगर उनकी टिप्स भूरी हो गयी हैं और वे सूखी हैं तो पौधे को और पानी दें। समस्या को दूर करने के लिए पत्तियों पर पहले से ज्यादा बार थोड़ा सा पानी स्प्रे करें। [१६]
  2. ऐसे क्रोटन के पौधों को नम मिट्टी पसंद है लेकिन कभी-कभी आप उनको ज़रूरत से ज्यादा पानी दे सकते हैं। अगर पत्तियां मुरझा रही हों तो आप समझ सकते हैं कि पौधे को ज्यादा पानी मिल रहा है। उसको कम पानी दें। जब मिट्टी का ऊपर का हिस्सा 1/2” (13 mm) तक सूख जाये तभी पानी डालें। क्रोटन को कभी भी तर मिट्टी में न छोड़ें। [१७]
    • हमेशा एक ऐसा पॉट चुनें जिसमें छेद हों और पानी ठीक से बाहर निकल सके ताकि पौधे को ज़रूरत से ज्यादा पानी न मिले।
  3. यदि पत्तियों के किनारे भूरे रंग के हो जाएँ तो पौधे को मूव करें: अगर पौधे की पत्तियां गिर रही हों लेकिन ये ज़रूरत से ज्यादा पानी देने की वजह से न हुआ हो तो पत्तियों को चेक करके देखें कि कहीं उनके किनारे भूरे तो नहीं हो रहे हैं। अगर ऐसा है तो वे ठंडे टेम्प्रेचर या ठंडी हवा के झोकों के संपर्क में आ रही हो सकती हैं। पौधे को एक गरम जगह पर मूव करें या पंखों, वेंट्स, और अन्य हवा के झोकों के स्रोतों से दूर रखें। [१८]
  4. अगर रंग फीका होने लगे तो पौधे को ज्यादा धूप प्रदान करें: क्रोटन पौधे की खूबसूरत पत्तियां उसकी खासियत होती हैं। ब्राइट रंगों की पत्तियां उत्पन्न करने के लिए उसे ढेर सारी धूप की ज़रूरत होती है। यदि उनका रंग हल्का हो जाये या नयी पत्तियां कम हरी हों तो पौधे को एक ज्यादा धूप वाली जगह पर मूव करें। [१९]
    • क्रोटन के पौधों को स्वस्थ रहने और अपने रंग को बनाये रखने के लिए रोज 6 से 8 घंटे तक ब्राइट अप्रत्यक्ष धूप मिलनी चाहिए।
  5. अगर पत्तियों में ग्रे रंग के धब्बे बन जाएँ तो पौधे को ज्यादा छाया प्रदान करें: यदि पौधे को बहुत ज्यादा गरम, सीधी धूप मिलती है तो उसकी पत्तियों पर ग्रे धब्बे बन जाते हैं। आप उसे एक ऐसी खिड़की पर मूव करें जहाँ कम सीधी धूप आती हो या एक कपड़ा लगाकर उसे छाया प्रदान करें ताकि वह कड़ी UV किरणों (UV rays) से सुरक्षित रहे। [२०]
  6. लाल मकड़ियों (spider mites) को नष्ट करने के लिए पत्तियों को साबुन के पानी से धोएं: पौधे पर अगर लाल मकड़ियों का संक्रमण होगा तो उसकी पत्तियों पर पीले या भूरे धब्बे होंगे, उनका रंग फीका या हल्का होगा, और उनके ऊपर सफेद जाले होंगे। आप एक छोटे कटोरे में गुनगुना पानी भरें और उसमें एक छोटा चम्मच (5 ml) लिक्विड साबुन या हाथ धोने का साबुन डालें। एक साफ कपड़े को उसमें डुबोएं और उससे पत्तियों के ऊपर और नीचे के हिस्से को धीरे से पोंछें। पौधे को लगभग 10 मिनट के लिए यूँ ही रहने दें। फिर पत्तियों को एक हल्के से गीले कपड़े से पोंछें। [२१]
    • आवश्यकता के अनुसार हर दो-चार दिन बाद दोहराएं जब तक कीट हट जाएँ।
    • इसकी जगह आप संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए हफ्ते में एक बार पौधों पर पानी की तेज़ धारा डाल सकते हैं।

सलाह

  • ऐसे सब प्रकार के क्रोटन के पौधों की देखभाल करने का समान तरीका है लेकिन आप एक खास किस्म के पौधे के लिए विशेष जानकारी प्राप्त करें तो अच्छा है। उदाहरण के तौर पर, अगर आपके पास लोकप्रिय पेट्रा (petra) प्रकार का क्रोटन है तो आप पेट्रा क्रोटन की देखभाल करने के लिए खास इंस्ट्रक्शन्स प्राप्त कर सकते हैं।

चेतावनी

  • मरी हुई पत्तियों और डालियों को हटाने के अलावा, अक्सर क्रोटन्स की छंटाई करने की ज़रूरत नहीं होती है। छंटाई करते समय ग्लव्स पहनें ताकि आपके हाथ सुरक्षित रहें और उनमें पौधे के रस के कारण जलन न हो।
  • अगर पौधा सुडौल न हो और ज्यादा लम्बा या पतला हो जाये तो एक साल उसकी एक-तिहाई डालियों को काटें। अगले साल जब नयी वृद्धि या ग्रोथ शुरू हो तो फिर से एक-तिहाई डालियों को हटायें जब तक उसकी वांछित ग्रोथ होने की आदत पड़ जाये।
  • क्रोटन पौधों की कुछ प्रजातियां, खासतौर से उनका रस मनुष्यों और पालतू जानवरों के लिए विषैला हो सकता है। बच्चों और पेट्स (pets) को इन पौधों से दूर रखें।

विकीहाउ के बारे में

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