आर्टिकल डाउनलोड करें आर्टिकल डाउनलोड करें

ख़ुद को जान लेना, ख़ुशी और शांति पाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। अपने वास्तविक सेल्फ़ को जानने के लिए, अपनी उन खूबियों को पहचानिए, जो आपको यूनीक बनाती हैं। दैनिक रिफ़लेक्शन तथा मेडिटेशन, अपनी पहचान के बारे में गहरी समझ विकसित कर पाने में आपकी सहायता कर सकते हैं। समय बीतने के साथ-साथ, आप अपनी खोजों के आधार पर, ख़ुद से एक सार्थक रिलेशनशिप बना सकते हैं।

विधि 1
विधि 1 का 3:

सेल्फ़-अवेयरनेस की प्रैक्टिस करना

आर्टिकल डाउनलोड करें
  1. ख़ुद को जानने का मतलब है अपनी पहचान, पर्सनैलिटी, तथा अपने अस्तित्व के विभिन्न भागों को पहचान पाना। इस सबका लक्ष्य अपनी आलोचना करना नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य है कि आप अपनी पर्सनैलिटी के सभी पक्षों को स्वीकार कर सकें। इससे, अपने बारे में, नई चीज़ों को सीखने की संभावना के लिए तैयारी हो जाती है।
    • जब आप अपने को इवैल्यूएट करें, तब उन चीज़ों पर ध्यान दीजिये जिनके कारण आप अनकम्फ़र्टेबल महसूस करते हैं। ये इमोशनल सिगनल्स आपको बता सकते हैं, कि क्या आप किसी विषय को अवॉइड करने की कोशिश कर रहे हैं। क्या आप उस कैरेक्टरिस्टिक के बारे में असुरक्षित हैं? अगर ऐसा है, तब उससे उबरने के लिए आप क्या कर सकते हैं?
    • जैसे कि, अगर आपको आईना देखना पसंद नहीं है, तब ख़ुद से पूछिये, कि इसका क्या कारण है? क्या आप आपने लुक्स को ले कर असुरक्षित महसूस करते हैं? क्या आप अपनी उम्र को ले कर चिंतित हैं? आपको सोचना चाहिए, कि क्या यह कोई ऐसा डर है जिस पर आप विजय पा सकते हैं।
  2. इस जानकारी से आपको यह समझने में मदद मिलेगी कि वो क्या चीज़ है जिससे आपको ख़ुशी मिलती है और वो क्या चीज़ है जिसके कारण आप तनाव में आ जाते हैं। इस जानकारी का इस्तेमाल, आप अपना अधिकांश समय उन एक्टिविटीज़ को करने में, और उन लक्ष्यों को पाने में गुज़ार सकते हैं जो आपके लिए प्रोडक्टिव हों। आप स्वयं से, ये कुछ सवाल पूछ सकते हैं: [१]
    • आपको क्या करना पसंद है?
    • जीवन में आपके सपने क्या हैं?
    • आप अपनी क्या लीगेसी छोड़ना चाहते हैं?
    • आपकी, अपने बारे में सबसे बड़ी आलोचना क्या है?
    • आपकी, कुछ ग़लतियाँ कौन-कौन सी हैं?
    • दूसरे आपको कैसे परसीव (perceive) करते हैं? आप क्या चाहेंगे, कि वे आपको किस तरह परसीव करें?
    • आपका रोल मॉडेल कौन है?
  3. आपके मन की आवाज़ वह एक्स्प्रेस करती है, जो आप महसूस करते हैं, और जो आपका विश्वास है। जब कोई चीज़ आपको फ़्रस्ट्रेट करती है, या आपको ख़ुशी देती है, तब मन की आवाज़ रिस्पोंड करती है। अपनी मन की आवाज़ को सुनने के लिए ट्यून करने की कोशिश करिए। वो क्या कह रही है? वो आपके आसपास की दुनिया को किस तरह परसीव करती है? [२]
    • आईने के सामने जाइए: या तो बोल-बोल कर या मन ही मन, अपने बारे में बताना शुरू करिए। ये सभी डेस्क्रिप्शन्स पॉज़िटिव हैं या निगेटिव? ये आपके लुक्स पर फ़ोकस किए हुये होते हैं या आपके कामों पर? आप अपनी सफलताओं की बातें करते हैं या अपनी असफलताओं की?
    • जब आप निगेटिवली सोचना शुरू करें, तब ठहरिए और अपने आप से पूछिये कि आप इस तरह से क्यों रिएक्ट कर रहे हैं। अपने आपको शर्मिंदा करना या अपनी आलोचना करना, इस बात का संकेत होता है, कि आप अनचाहे विचारों के विरुद्ध डिफ़ेंड कर रहे हैं।
    • ये पॉज़िटिव और निगेटिव विचार, यह डिफ़ाइन करते हैं कि आप अपने आपको किस तरह से देखते हैं। अगर यह व्यक्तिगत इमेज उस इमेज से नहीं मैच करती है, जो आप बनना चाहते हैं, तब शायद आप एक व्यक्ति के रूप में अपने को सुधारने के लिए कुछ कदम उठाना चाहेंगे या कुछ नए ट्रेट्स (traits) सीखना चाहेंगे।
  4. जर्नल में लिखने से, आप अपने मोटिवेशन्स, इमोशन्स, तथा विश्वासों को पहचान सकते हैं, जिससे कि आप अपने जीवन में सोच-विचार कर एडजस्टमेंट्स कर सकेंगे। प्रतिदिन कुछ मिनट लगा कर, लिख डालिए कि दिन भर में आपने क्या किया, क्या महसूस किया, और क्या सोच-विचार किया। अगर आपका कोई निगेटिव अनुभव है, तब लिखिए कि उसने क्यों आपको प्रभावित किया। अगर आपसे कोई ग़लती हुई हो, तब सोचिए कि आप उससे बेहतर क्या कर सकते थे। [३]
    • अपने लेखन में पैटर्न ढूंढिए। कुछ समय के बाद आप पाएंगे कि आप कुछ जरूरतों और इच्छाओं को दोहरा रहे हैं।
    • आपके दिमाग़ में जो भी आए, आप उसे लिख सकते हैं। फ़्री लेखन से आपको अपने सबकौंशस (subconscious) विचारों का ताला खोलने में मदद मिलेगी, जिससे आप समझ सकेंगे कि आपको किस चीज़ से परेशानी हो रही है।
    • उसके स्थान पर, आप अपने लेखन को गाइड करने के लिए प्रॉम्प्ट्स का उपयोग भी कर सकते हैं। ऐसे प्रॉम्प्ट्स चुनिये जो आपसे अपनी पर्सनैलिटी या आदतों के कुछ विशेष भागों को डेस्क्राइब करने के लिए कहें।
  5. माइंडफ़ुलनेस एक ऐसा काम है जिसमें आप अपने वर्तमान पल का अनुभव करते हैं, ताकि आपको अपने विचारों तथा एक्शन्स को समझने में सहायता मिल सके। माइंडफ़ुलनेस में अक्सर दैनिक मेडिटेशन शामिल होता है, मगर इसमें दूसरी प्रैक्टिसेज़ भी जुड़ी होती हैं। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है, कि यह अपने बारे में और आप जिस विश्व का अनुभव कर रहे हैं, उसके बारे में, ध्यान की एक अवस्था है। [४]
    • एक पल ठहरिए और अपनी पांचों इंद्रियों से चेक इन करिए। आप क्या छू रहे हैं, चख रहे हैं, सुन रहे हैं, देख रहे हैं, या सूंघ रहे हैं?
    • अपने कंप्यूटर या टीवी के सामने खाना अवॉइड करिए। केवल खाने के लिए ब्रेक लीजिये। खाने के प्रत्येक कौर के स्वाद, टेक्सचर, तापमान, तथा सेन्सेशन का आनंद लीजिये।
    • प्रतिदिन कुछ मिनट निकाल कर, ठहरिए और अपने आसपास की दुनिया को देखिये। अपने चारों ओर, जितने हो सकें उतने सेंसेशन्स को नोटिस करने की कोशिश करिए। आप क्या सुनते, महसूस करते, चखते, और सूंघते हैं?
    • जब आपका इमोशनल रिएक्शन हो, तब अपने आपसे सवाल करिए? आपको ऐसा क्यों महसूस हो रहा है? ऐसा क्यों हुआ?
  6. आप कैसे दिखते हैं इस बारे में एड्जेक्टिव्स की एक लिस्ट बना लीजिये। जब आप यह कर चुकें, तब इस लिस्ट को रिव्यू करिए। ये ऐट्रिब्यूट्स निगेटिव हैं या पॉज़िटिव? अगर आपको पता चलता है कि आपकी बॉडी इमेज निगेटिव है, तब कुछ ऐसे तरीके ढूंढिए जिनसे आप अपनी बॉडी को पसंद कर सकें। अपनी बॉडी के बारे में कॉन्फ़िडेंस आपके जीवन के अन्य पक्षों के संबंध में कॉन्फ़िडेंस में ट्रांसफ़र हो सकता है। [५]
    • अपने निगेटिव परसेपशन्स को पॉज़िटिव में बदलने की कोशिश करिए। जैसे कि, अगर आपके शरीर पर कोई मोल (mole) है जिसे ले कर आप असुरक्षित महसूस करते हैं, तब उसे ब्यूटी मार्क का नाम देने की कोशिश करिए। याद रखिए कि अनेक मशहूर अभिनेत्रियों के ब्यूटी मार्क थे।
    • उन चीज़ों के बारे में सोचिए, जिनके कारण, यदि आप सचमुच में खुश नहीं हों, तब जिनको आप रीज़नेबली बदल सकते हैं। अगर आप एक्ने के संबंध में असुरक्षित हों, तब शायद आप डर्मेटोलॉजिस्ट के पास जा सकती हैं या मेकअप इस्तेमाल करना सीख सकती हैं।
विधि 2
विधि 2 का 3:

अपनी पर्सनैलिटी को एक्सप्लोर करना

आर्टिकल डाउनलोड करें
  1. प्रत्येक व्यक्ति, अपने निजी रिलेशनशिप्स, काम की जिम्मेदारियों, और सामाजिक इंटरेक्शन्स के कारण अपने जीवन में अनेक रोल्स प्ले करता है। जब आप एक बार अपने रोल्स की लिस्ट बना लें, तब आप लिख डालिए कि उनमें से प्रत्येक का आपके जीवन में अर्थ है। रोल्स के कुछ उदाहरण हो सकते हैं: [६]
    • पेरेंट
    • मित्र
    • टीम लीडर
    • इमोशनल सपोर्ट
    • मेंटोर/मेंटी
    • कंफ़ाइडेंट
    • निर्माता
    • समस्या सुलझाने वाला
  2. वाइटल्स, वैल्यूज, इंटरेस्ट, टेम्पेरामेंट, एक्टिविटीज़, लाइफ़ गोल्स, तथा स्ट्रेन्थ्स का एक एक्रोनिम है। किसी नोटबुक में या वर्डप्रोसेसर में, अपने लिए इनमें से प्रत्येक कैटेगरी को डिफ़ाइन करने का प्रयास करिए। [७]
    • वैल्यूज: आपके लिए क्या महत्वपूर्ण है? आप स्वयं में और दूसरों में किन कैरेक्टरिस्टिक्स को महत्व देते हैं? किसी चीज़ को पूरा करने के लिए आपको कौन सी चीज़ मोटीवेट करती है?
    • इंटरेस्ट्स: आप किस तरह की चीज़ों के बारे में उत्सुक होते हैं? आप अपने खाली समय में क्या करना पसंद करते हैं? आपको क्या फैसीनेट करता है?
    • टेम्पेरामेंट: अपनी पर्सनैलिटी को दस शब्दों में बताइये।
    • एक्टिविटीज़: आप अपना दिन कैसे बिताते हैं? आपके दिन के सबसे अधिक और सबसे कम एंजॉयेबल हिस्से कौन से हैं? क्या आपके कोई दैनिक रिचुअल्स हैं?
    • लाइफ़ गोल्स: आपके जीवन की सबसे महत्वपूर्ण घटनाएँ क्या रही हैं? क्यों? आप अपने आपको पाँच सालों में कहाँ देखते हैं? और दस सालों में?
    • स्ट्रेन्थ्स: आपकी क्षमताएँ, स्किल्स, तथा टेलेंट्स क्या हैं? आप सचमुच में किस चीज़ में अच्छे हैं?
  3. कोई ऑनलाइन पर्सनैलिटी असेस्मेंट टेस्ट ले कर देखिये: हालांकि पर्सनैलिटी असेस्मेंट टेस्ट्स बहुत वैज्ञानिक नहीं होते हैं, मगर उनमें ऐसे प्रश्न पूछे जाते हैं, जिनके कारण आपको अपने कैरेक्टर के विभिन्न पक्षों के बारे में सोचने का अवसर मिलता है। ऐसे बहुत सारे विख्यात टेस्ट हैं, जो आप ऑनलाइन ले सकते हैं। इनमें ये हो सकते हैं: [८]
    • Meyers-Brigg Type Indicator
    • Minnesota Multiphasic Personality Inventory (MMPI)
    • Predictive Index Behavioral Assessment
    • Big 5 Personality Assessment
  4. हालांकि, आपको स्वयं को इस आधार डिफ़ाइन नहीं करना चाहिए, कि दूसरे क्या कहते हैं, मगर दूसरों से उनकी राय पूछने से आपको अपने बारे में वे चीज़ें समझने में मदद होती है, जिनके बारे में संभवतः आपने सोचा भी नहीं होगा।
    • अपने प्रियजनों से यह पूछने से शुरुआत करिए कि वे आपकी पर्सनैलिटी या कैरेक्टरिस्टिक्स को किस तरह डिफ़ाइन करेंगे।
    • अगर आप कम्फ़र्टेबल हों, तब अपने बॉस, मेंटोर, या परिचितों से पूछिये कि वे आपकी पर्सनैलिटी को किस तरह देखते हैं।
    • अगर आप उनके ऑब्ज़र्वेशन से सहमत नहीं भी होंगे, तब भी, कोई बात नहीं है! ये कमेंट्स आपको डिफ़ाइन नहीं करते हैं, और हो सकता है कि दूसरे लोगों से आपको और अधिक एक्सेप्टेन्स (acceptance) मिले।
  5. जब आप अपनी पर्सनैलिटी तथा कैरेक्टरिस्टिक्स को माप चुकें, तब यह देखने के लिए कि क्या आप अपने आप से संतुष्ट हैं, आपको जो कुछ भी पता चला है, उसको रिव्यू करिए। क्या, आप जो होना चाहते हैं, उससे ये ट्रेट्स और वैल्यूज, अलाइन कर रहे हैं? अगर इसका उत्तर हाँ है, तब देखिये कि और किन तरीकों से आप इन कैरेक्टर ट्रेट्स को और अधिक बढ़ावा दे सकते हैं। मगर, अगर जवाब नहीं है, तब अपने हिसाब से ऐसे लक्ष्य तय करिए जिनसे आपमें सुधार हो सके। [९]
    • अपनी स्ट्रेन्थ्स का इस्तेमाल अपने लिए ख़ुशी खोजने में सहायता देने के लिए करिए। जैसे कि, अगर आपको एहसास होता है कि आप क्रिएटिव हैं, और आपको अपने हाथों से काम करने में मज़ा आता है, तब शायद आप चाहेंगे कि आप आर्ट क्लासेज़ में शामिल हों या कोई नया क्राफ़्ट शुरू करें।
    • अगर आप किसी चीज़ में सुधार लाना चाहते हैं, तब अपने बारे में आपको जो ज्ञान मिला है, उसका इस्तेमाल करके, अपने लिए एक पर्सनलाइज्ड प्लान बना लीजिये। जैसे कि, अगर आपको यह एहसास हुआ है कि आप इंट्रोवर्टेड हैं मगर आप चाहते हैं कि अधिक सोशल हो जाएँ, तब शायद आप छोटे-छोटे ग्रुप्स में सोशल होना सीखना शुरू कर सकते हैं। अपने लिए दिये जाने वाले समय का, दूसरों के साथ बिताए जाने वाले समय के साथ संतुलन बना कर, आप अपने लिए एक ऐसा व्यस्त सोशल जीवन बना सकते हैं, जो आपके लिए ठीक होगा।
विधि 3
विधि 3 का 3:

अपनी जरूरतों को पूरा करना

आर्टिकल डाउनलोड करें
  1. अगर आप तनाव और काम के बोझ से दबे जा रहे होंगे, तब अपने बारे में सोचने का समय निकाल पाना कठिन होता है। इमोशनली तथा फिजिकली, दोनों ही तरीकों से अपनी देखभाल करना बहुत महत्वपूर्ण होता है। सेल्फ़-केयर प्रैक्टिस से आप देखेंगे कि आप जो भी हैं, उसी में आपको बहुत शांति मिलेगी। [१०]
    • प्रतिदिन एकसरसाइज़ करने की आदत डाल लीजिये। आप 20 मिनट की कार्डियो कर सकते हैं, या तेज़ी से पैदल चल सकते हैं। #*रात में कम से कम 7-9 घंटे की नींद लीजिये।
    • भोजन में बिना प्रोसेस किए हुये फल, सब्जियों और पूर्ण अनाज को ले कर स्वस्थ आहार लीजिये
    • प्रतिदिन रिलैक्स करने का समय निकालिए। आप मेडिटेट कर सकते हैं या कोई भी ऐसी एक्टिविटी कर सकते हैं जिससे आप अनवाइंड हो सकें, जैसे कि बुनाई, पहेलियाँ बुझाना, या किताब पढ़ना।
  2. अपने आप को केवल अपने कैरियर या काम में आगे बढ्ने से डिफ़ाइन मत करिए। हालांकि अपने काम पर गर्व करना अच्छा है, मगर अपने काम के अलावा भी अपने लिए स्पेस बनाने की कोशिश करिए। काम को घर लाना अवॉइड करिए। प्रतिदिन कुछ समय ऐसा निकालिए जिसमें कि आप अपने लक्ष्यों, हॉबीज़, तथा इंटरेस्ट्स पर फ़ोकस कर सकें। [११]
    • काम महत्वपूर्ण है, मगर आपकी वेल-बीइंग भी आपकी प्राथमिकताओं में होनी चाहिए।
    • काम पर अपनी सीमाएं तय कर लीजिये, ताकि काम आपकी दूसरी रिलेशनशिप्स के साथ इंटरफ़ियर न करे। जैसे कि, काम के घंटों के अलावा, उन ईमेल्स का जवाब मत दीजिये, जो कि अरजेंट नहीं हैं।
  3. अपनी सीमाओं को समझने से, आप अपनी रिलेशनशिप्स में अधिक ख़ुश रह सकेंगे। यह पहचानने की कोशिश करिए कि किस तरह के इंटरेक्शन्स आपको अनकम्फ़र्टेबल, तनावग्रस्त और नाख़ुश बनाते हैं। इनका इस्तेमाल अपने लिए पर्सनल सीमाएं तय करने के लिए करिए। [१२]
    • अपने आप से पूछिये कि किस तरह की परिस्थितियाँ आपको अनकम्फ़र्टेबल बना देती हैं। जैसे कि, क्या आपको भीड़भाड़ पसंद नहीं आती है? क्या कुछ विशेष प्रकार के जोक्स आपको परेशान कर देते हैं?
    • विचार करिए कि क्या आपके जीवन में ऐसा कोई है, जो आपसे कुछ अधिक ही की अपेक्षा करता हो या आपसे ऐसी चीज़ें करवाता है जो आप नहीं करना चाहते हैं।
  4. अपने लिए ऐसे लक्ष्य तय करिए जिनसे आपको ख़ुशी मिले: लक्ष्य तय करने से आप अपने जीवन में जो कुछ भी पाना चाहते हैं, उसके मिलने में मदद मिलती है। अपने जीवन में कुछ ऐसे लक्ष्य तय करने की कोशिश करिए, जो आपको अपने जीवन के सपनों को सच करने में मदद कर सकें। ऐसे लक्ष्यों को अपना निशाना बनाइये जिनसे आपको ख़ुशी मिले, ऐसे लक्ष्य नहीं, जो कि पैसा या प्रेस्टीज जैसी बाह्य इच्छाओं द्वारा मोटिवेट होते हों।
    • उदाहरण के लिए, आप प्रतिदिन 500 शब्द लिखने का लक्ष्य बना सकते हैं। आपको ऐसा इसलिए करना चाहिए, क्योंकि आपको लिखना पसंद है, न कि इसलिए कि आप प्रसिद्ध लेखक बनना चाहते हैं।
    • अगर आप चाहें तो आपके लक्ष्य छोटे और पर्सनल हो सकते हैं। जैसे कि, आप अपने लिए यह लक्ष्य बना सकते हैं कि हॉलिडेज़ आने तक आप अपनी कुकी डेकोरेट करने की स्किल्स को सुधार सकते हैं।
    • अगर आप कोई बड़ा लक्ष्य तय करते हैं, तब छोटे-छोटे ऐसे लक्ष्य भी तय करिए जो कि उस बड़े लक्ष्य के रास्ते में हों, जिनसे आपको उस बड़े लक्ष्य तक पहुँचने में मदद मिल सके। जैसे कि, अगर आप यूरोप की यात्रा बैकपैक ले कर करना चाहते हैं, तब पैसे बचाने, टिकट खरीदने, ट्रिप प्लान करने जैसे छोटे-छोटे लक्ष्य बनाइये।
  5. अपनी इच्छाओं और जरूरतों को समय-समय पर रिवाइज़ करते रहिए: थोड़े-थोड़े समय पर अपने जीवन के बारे में विचार करते रहिए। क्या आपकी इच्छाओं में कोई परिवर्तन हुआ है? क्या आपके जीवन में कुछ नया हुआ है, जिसने आपकी प्राथमिलताओं को बदल दिया हो? अपने आपको जानना एक लगातार चलती रहने वाली प्रक्रिया है। एक पुराने दोस्त की तरह, अपने आप को चेक करते रहिए।
    • समय-समय पर अपने जर्नल को पढ़ते रहिए। इससे आपको यह पता चल सकेगा कि आपकी आदतें और प्राथमिकताएँ किस तरह से बदल गई हैं।
    • नए काम या किसी स्थान परिवर्तन जैसे जीवन के बड़े परिवर्तनों के बाद, शायद आप अपने रूटीन्स, प्रैक्टिसेज़, तथा इच्छाओं को यह देखने के लिए फिर से इवैल्यूएट करना चाह सकते हैं, कि उनमें किस प्रकार से परिवर्तन हुआ है।
    • अगर आपकी कुछ ऐसी आदतें और टेंडेंसीज़ हैं, जो अब आपकी ज़रूरतों और लक्ष्यों को सर्व नहीं करती हैं, तब शायद आप यही चाहेंगे कि उनको छोड़ दिया जाये। उनके जगह पर, अधिक प्रोडक्टिव एक्टिविटीज़ को लाइये जिनसे आपको अपने लक्ष्यों तक पहुँचने में मदद मिल सके।

संबंधित लेखों

हाथ की रेखायें पढें
दाहिनी हथेली में खुजली का क्या मतलब है
हाथ की रेखाएँ पढ़ें
न्यूमेरोलोजी में अपने नाम का नंबर जानें (Name Number in Numerology, Kaise Jaane)
क्या होते हैं एंजेल नंबर? अंकज्योतिष में 1111 नंबर का दिलचस्प अर्थ
कैसे जानें की आप पर किसी ने जादू-टोना किया है
जानें अंकज्योतिष में 555 नंबर का क्या मतलब है
बुरी आत्मा या पिशाच से छुटकारा पाएँ (Pretatma, Pishach, Buri Aatma Se Chutkara Payen)
जानें अंकज्योतिष के अनुसार क्या हैं एंजेल नंबर 1212 के दिलचस्प अर्थ?
किसी मृत व्यक्ति से बात करें
हाथ पढ़ने की कला सीखें (Read Palms, Hast Rekha Vigyan, Palmistry Knowledge)
पामिस्ट्री का इस्तेमाल कर किसी की आयु की गणना करें
गहराई से ध्यान लगायें
अपने आत्मिक चक्रों को खोलें

विकीहाउ के बारे में

सभी लेखकों को यह पृष्ठ बनाने के लिए धन्यवाद दें जो १,९४९ बार पढ़ा गया है।

यह लेख ने कैसे आपकी मदद की?