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अगर आपको यूरिन टेस्ट के लिए पेशाब की जरूरत हो और इसके लिए आपको पब्लिक प्लेस में पेशाब करने में शर्मिंदगी या डर फील (जिसे shy bladder syndrome या paruresis भी कहा जाता है) होता है या अचानक किसी जगह पर बाथरूम का इस्तेमाल करने में मुश्किल होती हो तो आपको खुद को पेशाब करने के लिए तैयार करना पड़ेगा | कुछ ऐसे फूड्स होते हैं जिन्हें खाने से पेशाब करने में मदद मिल सकती है और और अगर आपको शाय ब्लैडर सिंड्रोम हो तो साइकोलॉजिकल ट्रीटमेंट काफी मददगार साबित हो सकता है | लेकिन, कुछ परिस्थितियों में, जब आपको ब्लैडर में दर्द अनुभव होता है तो डॉक्टर को दिखने की जरूरत पड़ सकती है |

विधि 1
विधि 1 का 4:

मूत्रत्याग को ट्रिगर करें

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  1. बैठ जाएँ और पेट की मसल्स पर प्रेशर डालने के लिए आगे झुकें जैसे आप मलत्याग के समय करते हैं | इससे तनावयुक्त मसल्स आपके ब्लैडर पर भी प्रेशर डालेंगी |
  2. आगे झुकते हुए अपने हाथों को पेट के निचले हिस्से पर लायें और धीरे से प्रेस करें | डायरेक्टली ब्लैडर पर प्रेशर न डालें अन्यथा यूरिन का किडनी में बेकफ्लो हो जायेगा |
  3. अपनी अँगुलियों से नाभि के नीचे बार-बार ब्लैडर को थपथपाएं | तीस सेकंड तक प्रति सेकंड बढाते हुए थोडा तेज़ी से थपथपाएं | [१] अगर जरूरत पड़े तो स्मूथली आसपास को कोई बेस्ट स्पॉट खोजें और एकसमान धार आने की शरुआत होने तक थपथपाते रहें |
  4. जांघ के अंदरूनी हिस्से पर थपथपाने या प्युबिक हेयर खींचने से ब्लैडर को कण्ट्रोल करने वाली नर्व ट्रिगर हो सकती हैं | या फिर यूरिथ्रा पर गुदगुदाएँ |
विधि 2
विधि 2 का 4:

फ़ूड और लिक्विड का इस्तेमाल करें

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  1. अगर आपको यूरिन टेस्ट के लिए डॉक्टर के पास जाने पर पेशाब करने की जरूरत पड़े तो पहले से ही बहुत सारा पानी पीना, यूरिनेशन को प्रेरित करने का सबसे तेज और सुरक्षित तरीका होता है |
    • अतिरिक्त पानी से स्वास्थ्य को कोई नुकसान नहीं होता | अगर शरीर में बहुत ज्यादा पानी पहुँचता है तो किडनी नेचुरली ही यूरिन के द्वारा इसे बाहर निकाल देती हैं | अगर आपको पता है कि आपको डॉक्टर की क्लिनिक पर यूरिन सैंपल देना पड़ेगा तो जाने से पहले एक या दो गिलास पानी पीकर जाएँ |
    • लेकिन, अगर आपको कन्जेस्टिव हार्ट फेलियर या दूसरी ऐसी कोई कंडीशन है जिसके कारण इडिमा या सूजन आ जाती है तो आपको तरल की सीमित मात्रा ही लेनी चाहिए | अगर आपको लम्बे समय से रीनल फेलियर या किडनी फेल रहने की समस्या है और आप डायलिसिस पर हैं तो भी तरल सीमित मात्रा में ही लेना चाहिए |
    • अगर आपको पब्लिक एरिया में मूत्रत्याग करने में विशेषरूप से डर नहीं लगता तो ज्यादा पानी पीने की कोई जरूरत नहीं रहती | डॉक्टर के क्लिनिक जाने से पहले ही 250 मिलीलीटर पानी पीकर जाने से मूत्रत्याग आसानी से और जल्दी हो जायेगा | [२]
  2. कुछ फलों में मूत्रल (डाइयुरेटिक) गुण पाए जाते हैं | डाइयुरेटिक एक ऐसा पदार्थ है जो किडनी में यूरिन के फार्मेशन को प्रेरित करता है जिससे व्यक्ति को बार-बार मूत्रत्याग के लिए जाना पड़ता है | [३] कई तरह के फल नेचुरल डाइयुरेटिक की तरह काम करते हैं।
    • आमतौर पर साइट्रस फ्रूट्स जैसे नीम्बू विशेषरूप से मूत्रत्याग को बढ़ा सकता है | इनमे समय के साथ ब्लड प्रेशर को कम करने का गुण भी पाया जाता है और ये यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन का इलाज़ कर सके हैं | [४]
    • वाटरमेलन (तरबूज) को यह नाम उसमे पाए जाने वाली पानी की उच्च मात्रा के कारण ही दिया गया | तरबूज खाने से तरल बनाने में मदद मिल सकती है और इससे मूत्रत्याग आसान बन सकता है |
    • फ्रूट डेरिवेटिव्स जैसे एप्पल साइडर विन्गेर और क्रैनबेरी जूस भी बेहतरीन डाइयूरेटिक होते हैं | आप डॉक्टर की क्लिनिक में जाने से तुरंत पहले क्रैनबेरी जूस पी सकते हैं एप्पल साइडर विनेगर भी कई सलाद ड्रेसिंग में सामग्री के रूप में पाया जाता है | [५]
  3. कुछ ख़ास हर्ब्स का इस्तेमाल करें:विशेष हर्ब्स मूत्रत्याग को प्रमोट करती हैं और अगर मूत्रत्याग को प्रेरित करने की जरूरत पड़े तो ये नेचुरल डाइयुरेटिक की तरह इस्तेमाल की जा सकती हैं |
    • अजवायन में पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट भी मूत्रत्याग को प्रोमोट करते हैं | [६]
    • धनिया न केवल मूत्रत्याग को प्रेरित कर सकत है बल्कि इससे ब्लड प्रेशर भी कम हो सकता है और डाइजेस्टिव सिस्टम दुरुस्त रह सकता है | [७]
    • लहसुन से कई सारे स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं जैसे इम्यून सिस्टम को बूस्ट करना और इसे एक हेल्दी, नेचुरल डाइयुरेटिक की तरह इस्तेमाल भी किया जा सकता है | [८]
    • अदरक से अतिरिक्त संचित तरल से छुटकारा पाने में मदद मिलती है और इसे मूत्रत्याग बढाने के लिए फूड्स में मसाले के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है | [९]
  4. फल और सब्जियों में न केवल नेचुरल डाइयुरेटिक पाए जाते हैं बल्कि कुछ सब्जियां मूत्रत्याग को भी प्रमोट करती हैं |
    • खीरा और सेलेरी में बहुत सारा पानी पाया जाता है जिससे काफी मात्रा में मूत्रत्याग हो सकता है |
    • नाश्ते के रूप में गाजर का इस्तेमाल एक साधारण से फ़ूड के रूप में किया जा सकता है और इससे भी बार-बार काफी मूत्रत्याग हो सकता है | यूरिन टेस्ट के लिए जाने से पहले एक गाजर या एक कप छोटी गाजर खाने से ज्यादा मूत्रत्याग करने में मदद मिल सकती है |
    • खीरे के तरह ही पत्तागोभी में भी पानी की प्रचुर मात्रा पायी जाती है जो मूत्रत्याग को प्रमोट करती है |
  5. चाय और कॉफ़ी पीने से बार-बार यूरिन आता है और यूरिन टेस्ट के लिए जाने से पहले एक कप ग्रीन टी या ब्लैक कॉफ़ी पीने से मूत्रत्याग करने में काफी आसानी हो सकती है | लेकिन कैफीन बहुत ज्यादा लेने से बचना चाहिए, विशेषरूप से डॉक्टर के पास जाने से पहले | कैफीन के कारण अस्थायी रूप से ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है और डॉक्टर के क्लिनिक में जाने से पहले आपको एकदम सटीक रीडिंग लाने की कोशिश करनी होगी | [१०]
  6. कब्ज़ दूर करें : कठोर और मुश्किल से निकलने वाला मल (स्टूल) ब्लैडर और यूरिथ्रा पर दबाव डाल सकता है जिससे मूत्रत्याग करना मुश्किल हो जाता है | [११] अपनी डाइट में ज्यादा से ज्यादा फाइबर शामिल करें, एक्सरसाइज करें और फिर भी कब्ज़ की शिकायत रहे तो डॉक्टर को दिखाएँ |
    • मल त्याग की इच्छा को रोकने से बचें अन्यथा कब्ज़ और बढ़ जायेगा |
विधि 3
विधि 3 का 4:

पब्लिक प्लेस पर बाथरूम जाने में लगने वाले डर (shy bladder) से निजात पायें

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  1. कई लोगों को पब्लिक प्लेसेस पर मूत्रत्याग करने में परेशानी होती है | अगर आपके साथ भी यही केस है तो खुद को कुछ रिलैक्सेशन तकनीक में उलझाए रखें जिससे पब्लिक टॉयलेट का इस्तेमाल करते समय भी आप पर्याप्त रूप से शांत रहेंगे |
    • अगर आप मूत्रत्याग की क्रिया से अपना ध्यान हटाने के तरीके खोज लेते हैं तो सामान्य रूप से नेचुरली मूत्रत्याग कर सकते हैं | प्रोग्रेसिव मसल्स रिलैक्सेशन के द्वारा खुद को शांत रखें |
    • एक समय में कई अलग-अलग मसल्स ग्रुप्स को रिलैक्स करें | शुरुआत गर्दन और कंधे की मसल्स के साथ करें और फिर नीचे आते हुए भुजा, धड़ और कूल्हों की मसल्स का रिलैक्सेशन करें | पैर और पिंडलियों की मसल्स रिलैक्स होने तक यह काम जारी रखें | अलग-अलग मसल्स ग्रुप्स पर फोकस करें और इस तथ्य को ध्यान में न रखें कि आप पब्लिक टॉयलेट में हैं | इससे आपकी मसल्स रिलैक्स होंगी, आप बाथरूम का इस्तेमाल कर पाएंगे और मूत्रत्याग की क्रिया पर ध्यान भी नहीं जायेगा |
  2. रिलैक्सेशन तकनीक के समान ही ऐसे तरीके खोजें जिससे आप मूत्रत्याग की क्रिया से ध्यान हटा सकें जिससे इस प्रोसेस को आसानी से कर सकें | पब्लिक टॉयलेट के इस्तेमाल के समय कोई डिस्ट्रेक्स खोजें |
    • अगर आपके पास स्मार्ट फ़ोन है तो कोई न्यूज़ आर्टिकल पढने या हेडफ़ोन लगाकर कोई गाना सुनने से भी ध्यान हटाया जा सकता है |
    • आप खुद अपनी सोच से भी अपना ध्यान हटा सकते हैं | मूत्त्याग करते समय कोई इमेज, गाना, लाइन या साउंड के बारे में कल्पना करें | उदाहरण के लिए, आप कोई ऐसी लोकेशन की कल्पना कर सकते हैं जिसमे आपको काफी शांति मिलती है जैसे आपका बचपन का बेडरूम | आप किसी ऐसे गाने के लिरिक्स भी गा सकते हैं जो आपको आते हों | मुख्य बात यह है कि बाथरूम का इस्तेमाल करते समय किसी न किसी तरह से अपना ध्यान हटाये रखें |
  3. सांस रोकने से आपके सिस्टम में कार्बनडाइऑक्साइड का लेवल बढ़ जाता है जिससे ओवरऑल स्ट्रेस लेवल कम करने में मदद मिल सकती है |
    • अपने सांसों को लगभग 75% बाहर छोड़ें और फिर बांकी सांस को रोकें | साँसों को लगभग 45 सेकंड तक रोकने की कोशिश करें | [१२]
    • इस प्रोसेस को रिपीट करें और फिर देखें | कुछ लोगों को लगता है कि इससे सच में ओवरऑल एंग्जायटी बढ़ जाती है इसलिए पब्लिक टॉयलेट का इस्तेमाल करने से पहले ही इस तरह की ब्रीथिंग एक्सरसाइज को आज़माना बेहतर होता है |
  4. अगर आपको पब्लिक प्लेसेस के बाथरूम में मूत्रत्याग करने के बारे में सोचकर बार-बार या बहुत ज्यादा एंग्जायटी होती है और इससे आपको कार्यस्थल पर या किसी सोशल सिचुएशन में परेशानी होती है तो इस इशू से निपटने के लिए साइकियाट्रिक ट्रीटमेंट लें |
    • इस परेशानी को बिहेवियर थेरपी, दवाएं और सम्मोहन चिकित्सा (hypnotherapy) के जरिये सफलतापूर्वक ठीक किया जा सकता है | आपके साइकियाट्रिस्ट आपकी मौजूदा मानसिक और मेडिकल हिस्ट्री के आधार पर आपके लिए उचित ट्रीटमेंट ऑप्शन बता सकते हैं | [१३]
    • आप अपने इंश्योरेंस प्रोवाइडर के जरिये किसी साइकेट्रिस्ट को खोज सकते हैं या फिर अपने एरिया में स्थित फ्री या कम फीस वाली क्लिनिक खोज सकते हैं | अगर आप कॉलेज स्टूडेंट हैं तो आप आप अपने कॉलेज या यूनिवर्सिटी की तरफ से दिखा सकते हैं |
विधि 4
विधि 4 का 4:

मेडिकल हेल्प लें

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  1. अगर आपको मूत्रत्याग की असामान्य परेशानी है तो अपने फिजिशियन को दिखाएँ जिससे पता चल सके कि आपके परेशानी के पीछे कोई मेडिकल कारण तो नहीं है |
    • डॉक्टर कुछ मेडिकल फिजिकल एग्जामिनेशन करेंगे | अगर आप पुरुष हैं तो डॉक्टर प्रोस्टेट एग्जामिनेशन भी करेंगे | [१४]
    • अगर डॉक्टर को लगता है कि यूरिन टेस्ट जरुरी है तो वो एक कैथेटर से यूरिन रिलीज़ कर सकते हैं | यह एक ऐसी ट्यूब होती है जो यूरिथ्रा तक जाती है और यूरिन को बैग में ड्रेन कर देती है | [१५]
    • इन्फेक्शन के चिन्ह देखने के लिए ब्लड टेस्ट की जरूरत पड़ सकती है | [१६]
    • इलाज़ हमेशा परेशानी के कारण पर निर्भर करता है लेकिन यूरिनरी प्रॉब्लम ठीक करने के लिए कई तरह की दवाओं का इस्तेमाल किया जा सकता है | [१७]
  2. मूत्रत्याग करने की असमर्थता कई बार मेडिकल इमरजेंसी बन जाती है जिसमे तुरंत देखभाल की जरूरत पड़ती है | अगर आपको नीचे दी गयी परेशानियों में से कोई भी परेशानी हो तो तुरंत इमरजेंसी रूम जाएँ:
    • ब्लैडर या पेट में तेज दर्द होना सीवियर ब्लैडर ओब्स्ट्रक्शन का संकेत हो सकता है | तुरंत डॉक्टर को दिखाएँ क्योंकि आपकी यूरिन ड्रेन करने के लिए इमरजेंसी कैथेटर की जरूरत पड़ सकती है | [१८]
    • अचानक और पीड़ादायी यूरिन रिटेंशन काफी गंभीर हो सकता है | इमरजेंसी ट्रीटमेंट न कराने पर ब्लैडर और किडनी में डैमेज हो सकता है इसलिए जल्दी से जल्दी इमरजेंसी रूम जाना जरुरी होता है | [१९]
  3. यूरिनरी प्रॉब्लम ठीक करने के लिए कई तरह की दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है | अपने डॉक्टर से कोई दवा लिखवायें |
    • अल्फा रिसेप्टर ब्लॉकर दवा आमतौर पर यूरिनरी प्रॉब्लम के इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं में सबसे अच्छी होती है | ये ब्लैडर की मसल्स को रिलैक्स कर देती है और यूरिन के फ्लो में आने वाली रुकवाट को कम कर देती हैं | इनका इस्तेमाल आमतौर पर लम्बे समय से चली आ रही यूरिन रिटेंशन की परेशानी में किया जाता है जो विशेषरूप से पुरुषों में प्रोस्टेट ग्लैंड का साइज़ बढ़ जाने के कारण होती है | [२०]
    • इन ड्रग्स में मूत्र असंयमता (urine incontinence) के लिए 5-अल्फा-रिडक्टेज इन्हिबिटर और एंटीमुस्कारिनिक दवाएं पायी जाती हैं |
    • 5-alpha reductase inhibitors प्रोस्टेट ग्लैंड के साइज़ को सिकोड़ देते हैं इसलिए इस तरह की दवाएं केवल पुरुषों को दी जाती हैं | इन्हें आमतौर पर कुछ सप्ताह या महीनों तक दिया जा सकता है जो प्रोस्टेट ग्लैंड के सफलतापूर्वक संकुचन में लगने वाले समय पर निर्भर करता है [२१]
  4. आपके मूत्रत्याग की समस्या के कारण को डॉक्टर से डायग्नोज़ कराएं: अगर आपको ब्लैडर खाली करने में परेशानी होती है तो इसमें कोई मेडिकल कंडीशन हो सकती है जिसके कारण ऐसा होता है | डॉक्टर यूरिन सैंपल के अलावा भी कुछ टेस्ट कराएँगे जिससे पता चल सके कि इन्फेक्शन है या नहीं और मूत्त्याग ठीक से हो पा रहा है या नहीं |
    • जिन पुरुषों को मूत्रत्याग काफी परेशानी होती है, वे मूत्र असंयमता से पीड़ित हो सकते हैं | यह आमतौर प्रोस्टेट ग्लैंड का साइज़ बढ़ने के कारण होता है जो फिजिकल एग्जामिनेशन के समय पता चलता है | मूत्र असंयमता के रिस्क फैक्टर्स में उम्र बढ़ना भी शामिल है | आपकी उम्र जितनी ज्यादा होगी, आपको टॉयलेट जाने की समस्या उतनी ही बढती जाएँगी |
    • प्रोस्टेट डिजीज विशेषरूप से उन लोगों में लिए परेशानी का कारण है जिनमें प्रोस्टेट सर्जरी या रेडिएशन की हिस्ट्री है |
    • यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन की हिस्ट्री से ही मूत्रत्याग की परेशानी बढ़ सकती है | आपको इन्फेक्शन के कारण स्कार हो सकते हैं जिनमे यूरिनरी स्ट्रिक्चर और फिस्टुला बनने की परेशानी भी हो सकती है |
    • इसके अलावा, मूत्र त्याग की परेशानी झेलने वाले लोगों में फिजिकल लिमिटेशन की रिस्क भी होती है |
    • न्यूरोलॉजिकल डिजीज से भी यूरिनरी रिटेंशन और मूत्रत्याग की परेशानी होती है | इसमें CNS, स्पाइनल कार्ड, स्ट्रोक या संज्ञान बिगड़ने (impaired cognition) जैसे कारण भी हो सकते हैं |
    • अन्य कंडीशन में शामिल हैं- डायबिटीज, स्लीप एपनिया और कब्ज़ जो मूत्र असंयमता की परेशानी को बढ़ा देते हैं |

सलाह

  • हमेशा मूत्रत्याग में परेशानी होने पर अपने डॉक्टर या यूरोलोजिस्ट की सलाह का पालन करें |
  • अगर आपको मूत्रत्याग में बार-बार परेशानी होती है तो एक ब्लैडर डायरी बनायें जिसमे परेशानी को ट्रैक कर सकें | प्रत्येक दिन, उसमे लिखें की आप कितनी बार बाथरूम पाए थे और हर दिन कितना यूरिन पास होता है | इसके अलावा अगर पूरे दिन में यूरिन लीक होता है तो उसके बारे में भी लिखें |
  • हालाँकि तरल लेने से यूरिन प्रोडक्शन बढ़ जाता है इसलिए प्रति घंटे एक लीटर से ज्यादा पानी पीना जरुरी होता है लेकिन इसके कारण वॉटर इनटोक्सीकेशन हो सकता है जिससे इसके कारण मौत भी हो सकती है |

चेतावनी

  • अगर आपको मूत्रत्याग करने में पूरी तरह से असमर्थता अनुभव हो रही हो (जिसे यूरिनरी रिटेंशन भी कहा जाता है) तो आपको इमरजेंसी मेडिकल हेल्प लेनी चाहिए | इमरजेंसी मेडिकल हेल्प में तुरंत ब्लैडर खाली करने के लिए यूरिथ्रा में कैथेटर डालना पड़ता है और उस परेशानी का कारण जानने और उचित इलाज़ के लिए आपको कुछ मेडिकल टेस्ट भी करवाने पड़ेंगे |

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