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कुछ लोगों के लिए, प्रेग्नेंट होने से बचना मुश्किल होता है। वहीं कुछ लोगों के लिए, एक बच्चा कन्सीव कर पाना या गर्भधारण करना बहुत मुश्किल और निराशाजनक हो सकता है। किसी भी हेल्दी कपल को प्रेग्नेंट होने में सालभर तक का समय लग सकता है और कई कपल्स के लिए इसमें और भी ज्यादा समय तक लग जाता है। अच्छी बात ये है कि ऐसे कुछ तरीके मौजूद हैं, जिन्हें अपनाकर आप आपकी फर्टिलिटी या प्रजनन क्षमता को बढ़ा सकते हैं और आपके प्रेग्नेंट होने के चांस को बढ़ा सकते हैं।

विधि 1
विधि 1 का 4:

अपने शरीर को प्रेग्नेंसी के लिए तैयार करना

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  1. फिर चाहे आपको फर्टिलिटी से जुड़ी कोई परेशानी का सामना न भी करना पड़ा हो, फिर भी एक बेसिक फिजिकल टेस्ट करा लेना एक अच्छा आइडिया होता है। कुछ पहले से मौजूद हैल्थ परेशानियों की वजह से भी प्रेग्नेंसी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं या काफी ज्यादा बिगड़ सकती है। आपके डॉक्टर शायद एक पेल्विक एक्जाम (pelvic exam) करेंगे और कुछ ब्लड टेस्ट कराने की सलाह देंगे। ऐसे डिस्ऑर्डर, जिन्हें आपको प्रेग्नेंसी के पहले पता लगाने की जरूरत है, वो ये हैं:
    • पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम (PCOS), जो आपके ओव्यूलेशन में रुकावट पैदा कर सकता है।
    • एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis), जो आमतौर पर प्रजनन क्षमता को बाधित कर सकता है।
    • डायबिटीज़: अगर आप गर्भधारण करने से पहले डायबिटीज़ को पकड़ लेते हैं और मैनेज कर लेते हैं, तो आप इस बीमारी से जुड़े हुए जन्म दोषों से बचने में सक्षम होंगे
    • थायरॉयड की बीमारी: डायबिटीज़ की तरह ही, थायरॉयड भी आपकी प्रेग्नेंसी पर कोई बुरा असर नहीं डालती है, बशर्ते ये पहले डाइग्नोज हो जाए और अच्छी तरह से मैनेज कर लिया जाए। [१]
  2. प्रेग्नेंट होने के पहले अपने टार्गेट वजन को हासिल कर लें: स्टडीज़ से पता चला है कि क्लीनिकली ऑबेस या ओवरवेट महिलाओं के लिए गर्भधारण करने में बहुत मुश्किलें जाती हैं और उन्हें प्रेग्नेंसी के दौरान भी शायद और ज्यादा परेशानियाँ हो सकती हैं। हालांकि, अंडरवेट होना भी आपके गर्भधारण करने की काबिलियत को प्रभावित कर सकता है। अपने डॉक्टर से पूछें कि आपके लिए कितना वजन हेल्दी होगा और फिर प्रेग्नेंट होने की कोशिश करने के पहले, अपना वजन बढ़ा लें या कम कर लें। [२]
    • ऐसी महिलाएं, जो क्लीनिकली अंडरवेट (18.5 के अंदर के BMI के साथ) हैं, शायद उनका मेन्स्ट्रुएशन (पीरियड्स आना) पूरी तरह से बंद हो सकता है, जो आपके लिए गर्भधारण करना और भी मुश्किल बना देता है।
  3. प्रेग्नेंट होने की कोशिश करने के पहले, ये आपके सिस्टम में एम्ब्रीओ या भ्रूण बनाने के लिए जरूरी सारे न्यूट्रीएंट्स को बना देगा। उदाहरण के लिए, गर्भधारण करने की कोशिश करने से पहले फॉलिक एसिड (folic acid) लेना स्पाइना बिफिडा (spina bifida) और दूसरे न्यूरल ट्यूब डिफ़ेक्ट्स के रिस्क को कम करने में मदद कर सकता है। एक प्रीनेटल विटामिन चुनें या फिर अपने डॉक्टर से प्रिस्क्राइब करने का कहें। [३]
  4. एक हेल्दी डाइट आपकी फर्टिलिटी को बूस्ट कर सकती है और आपके गर्भधारण करने के चांस को बेहतर बना देता है। एक ऐसी डाइट खाएं, जिसमें लीन प्रोटीन, होल ग्रेन, फल और सब्जियाँ शामिल हों। कुछ अच्छी चॉइस में, ये शामिल हैं: [५]
    • लीन प्रोटीन: स्किनलेस चिकन ब्रेस्ट, टोफू और बीन्स
    • होल ग्रेन: ब्राउन राइस, होल व्हीट पास्ता, होल व्हीट ब्रेड और ओटमील
    • फल: एप्पल, ऑरेंज, अंगूर, ब्लूबेरी, स्ट्रॉबेरी और मेलन
    • वेजिटेबल्स: ब्रोकली, पेपर्स, टमाटर, पालक, गाजर, गोभी और केल (kale)
  5. अपने पार्टनर को ऐसे फूड्स खाने को प्रेरित करें, जो स्पर्म हैल्थ बढ़ाते हों: पुरुषों को ऐसे मल्टी-विटामिन लेना चाहिए, जिनमें विटामिन E और विटामिन C शामिल हों, फ्रूट्स और वेजिटेबल्स से भरपूर डाइट लें और एक्सट्रा अल्कोहल, कैफीन, फेट और शुगर का सेवन करने से बचें। [६]
    • पुरुषों को ये भी सुनिश्चित करना चाहिए, कि वो भरपूर सेलेनियम (प्रति दिन 55 mcg) तक ले रहे हैं, क्योंकि सेलेनियम की वजह से, खासतौर पर पुरुषों में फर्टिलिटी बढ़ने की उम्मीद रहती है। [७]
  6. स्मोकिंग करना बंद कर दें : न केवल प्रेग्नेंट होने पर मूड हल्का करना एक बुरा आइडिया होता है, बल्कि ये आपके गर्भधारण करने की उम्मीद को भी प्रभावित कर सकता है। [८] प्रेग्नेंट होने के दौरान किसी लत से छुटकारा पाने की कोशिश करना और भी ज्यादा स्ट्रेसफुल हो सकता है, इसलिए इस तरह की चीजों को पहले ही छोड़ने की कोशिश करके, खुद को इस स्ट्रेस से बचा लें।
    • एक बात का ख्याल रखें कि सेकंड-हैंड स्मोक भी आपके कंसीव करने की उम्मीद को प्रभावित कर सकता है। जहां तक हो सके खुद को सेकंडहैंड स्मोक के सामने रखने के समय में कमी लाएँ।

    सलाह : स्मोकिंग छोड़ना आपके पार्टनर के लिए भी फायदेमंद होता है! ऐसे लोग, जो रेगुलरली स्मोक करते हैं, उनके स्पर्म काउंट, नॉन-स्मोकर्स के स्पर्म काउंट से बहुत कम होते हैं और स्मोकिंग की वजह से नपुंसकता (impotence) भी हो सकती है।

  7. अपने कंसीव करने के चांस को बढ़ाने के लिए ड्रिंक करना बंद करें: दिन में सिर्फ 1 ड्रिंक लेना भी आपकी फर्टिलिटी को कम कर सकता है। आपके कंसीव करने के चांस के अच्छे होने की पुष्टि करने के लिए, अल्कोहल पियें ही नहीं। अगर आप कंसीव करने की कोशिश करते समय, एक लिमिट में एक ड्रिंक लेते हैं, तो इतना ध्यान रखें कि आप एक ड्रिंक से ज्यादा नहीं ले रहे हैं। दो ड्रिंक्स से ज्यादा लेने की वजह से महिलाओं की फर्टिलिटी कम हो जाती है। [९]
    • क्योंकि अल्कोहल की वजह से स्पर्म काउंट कम हो सकता है और ये आपके स्पर्म की क्वालिटी को भी प्रभावित कर सकती है, इसलिए आपके पार्टनर को भी उनके अल्कोहल के सेवन को सीमित करने के लिए प्रेरित करें।
  8. अपने कैफीन को प्रति दिन 200 mg से ज्यादा नहीं लेने तक लिमिट करें: इसमें चॉकलेट जैसे फूड्स और कॉफी, चाय और कोला जैसे ड्रिंक्स शामिल हैं। ऐसी महिलाएँ, जो डेली 3 कप से ज्यादा कैफीन वाले ड्रिंक्स लेती हैं, उनके प्रेग्नेंट होने की संभावना, 2 या कम कप लेने वाली महिलाओं से कम होती है। [१०]
    • 1 कप (240 ml) कॉफी में करीब 100 mg तक कैफीन होती है, इसलिए डेली 2 कप (580 ml) से ज्यादा कॉफी नहीं लेना चाहिए।
    • चाय और कोला में कम कैफीन होती है, लेकिन अगर आप बहुत ज्यादा ड्रिंक करते हैं, तो ये भी कैफीन की मात्रा में एड होता है। अपनी डेली लिमिट से ज्यादा नहीं जाने के लिए, खुद को डेली 2 कैफीनेटेड ड्रिंक्स से ज्यादा नहीं लेने पर लिमिट करें।
  9. जैसे ही आपका शरीर तैयार हो जाए, फिर अपनी बर्थ कंट्रोल का इस्तेमाल करना बंद कर दें। अगर आप हॉर्मोनल बर्थ कंट्रोल ले रहे हैं, तो आपके लिए एक बार फिर से नॉर्मल की तरह ओव्यूलेट करने में और आपके प्रेग्नेंट होने के काबिल बनने में 2 से 3 महीने का समय लग सकता है। [११] हालांकि, अगर आप बर्थ कंट्रोल को केवल किसी बेरियर मेथड के जैसे यूज करते हैं, तो फिर आप तुरंत प्रेग्नेंट हो सकती हैं।
    • अगर आपने एक इंट्रा-यूटेराइन डिवाइस (IUD) यूज की है, तो फिर आपको फिर से प्रेग्नेंट होने के लिए, इसे निकलवाने के लिए अपने गायनेकोलॉजिस्ट के पास जाना होगा।
  10. अगर जरूरत पड़े, तो किसी रिप्रॉडक्टिव मेडिसिन प्रोफेशनल या सेक्स थेरेपिस्ट के पास जाएँ: अगर ये करना आप में किसी के लिए भी मुश्किल हो रहा है या आपके पार्टनर को सेक्स में इन्टरेस्ट नहीं आ रहा है, तो फिर आपको कंसीव करने में मुश्किल हो सकती है। एक क्वालिफाइड मेडिसिन प्रोफेशनल या सेक्स थेरेपिस्ट एक कपल के तौर पर इन परेशानियों से उबरने में आपकी मदद कर सकते हैं।
    • कोशिश करें कि आप इस इंफर्टिलिटी को अपने रिश्ते में कोई तनाव मत डालने दें। कंसीव करने का प्रैशर, साथ ही इन्वेसिव और इमोशनली स्ट्रेसफुल फर्टिलिटी ट्रीटमेंट्स, असल में सेक्सुअल डायफंक्शन के जिम्मेदार होते हैं और आपके लिए प्रेग्नेंट होना और भी मुश्किल बना देते हैं। [१२]
विधि 2
विधि 2 का 4:

गर्भधारण करने की कोशिश करना

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  1. सबसे ज्यादा फर्टाइल दिनों के पहले, दौरान और बाद में सेक्स करें: जब आपको मालूम हो कि आप फर्टाइल हैं, रेगुलरली सेक्स करें! अगर आप आपकी सबसे फर्टाइल टाइमफ्रेम के दौरान, इसके पहले और बाद में डेली सेक्स करते हैं, तो आपके प्रेग्नेंट होने की संभावना ज्यादा बढ़ जाएगी। हालांकि, अगर आप इतने बार सेक्स नहीं कर सकते हैं, तो फिर अपने इस सबसे ज्यादा फर्टाइल टाइमफ्रेम के हर 2 से 3 दिनों पहले, दौरान और बाद में सेक्स करें। [१३]
    • अगर आपको लुब्रिकेंट यूज करने की जरूरत है, तो ध्यान रखें कि ये वॉटर-बेस्ड है और इसे खासतौर से गर्भधारण करने के लिए बनाया गया हो।

    सलाह : एक रिलैक्सिंग मूड सेट करें, अपने पार्टनर से कुछ बहुत ज्यादा की डिमांड मत करें और इस समय को बच्चे की उम्मीद करने की चिंता में बिताने की बजाय, केवल एक-दूसरे को एंजॉय करने के ऊपर फोकस करने की कोशिश करें।

  2. ये इस बात की पुष्टि कर देगा कि आप आपके साइकिल के लिए जरूरी डेटा को ज्यादा से ज्यादा कलेक्ट कर रहे हैं और अगर जरूरत पड़े, तो ये आपके अगले साइकिल तक के, सबसे ज्यादा फर्टाइल दिनों की पहचान करने में मदद कर सकता है। मिस हुए पीरियड्स और आपके पीरियड्स के आने की उम्मीद के बाद का हाइ टेम्परेचर भी ये इशारा कर सकता है कि आप प्रेग्नेंट हैं। [१४]
    • अगर आपके ओवुलेशन के बाद के लगातार 14 दिनों तक आपका टेम्परेचर हाइ बना रहता है, तो उम्मीद है कि आपने गर्भधारण कर लिया है।
  3. कुछ महिलाओं को इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग महसूस होती है, जो आमतौर पर मामूली धब्बे के रूप में बदल जाता है क्योंकि जाइगोट (zygote) गर्भाशय की दीवार से जुड़ जाता है। ये आमतौर पर गर्भधारण के बाद के 6 से 12 दिनों तक होता है। ऐसा होना परफेक्टली नॉर्मल होता है और इसके बारे में चिंता करने की कोई जरूरत नहीं, लेकिन अगर आपको कोई चिंता है, तो अपने डॉक्टर को कांटैक्ट करने से मत घबराएँ। [१५]
    • आपको शायद इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग के साथ ब्रेस्ट क्रेम्पिंग, सिरदर्द, मितली, मूड स्विंग्स, ब्रेस्ट टेंडरनेस और पीठ में दर्द भी महसूस हो सकता है।
  4. पीरियड्स मिस हो जाने के बाद एक होम प्रेग्नेंसी टेस्ट करें: जैसे ही आपका ओवुलेट्री पीरियड निकल जाए, तो फिर समझ जाएँ कि इंतज़ार करने का गेम शुरू हो गया है। आपके अगले एक्सपेक्टेड पीरियड तक इंतज़ार करें — अगर ये नजर नहीं आ रहा है, तो एक प्रेग्नेंसी टेस्ट लें। होम प्रेग्नेंसी टेस्ट के सटीक होने का रेट 97% होता है, लेकिन अगर आप बहुत जल्दी चेक कर लेते हैं, तो इससे आपको गलत रिजल्ट भी मिल सकते हैं। अगर आपको नेगेटिव रिजल्ट मिलते हैं और फिर भी आपको प्रेग्नेंट होने के लक्षण नजर आ रहे हैं, तो एक हफ्ते में एक बार फिर से टेस्ट करें। [१६]
    • एक बात का ख्याल रखें कि कई कपल्स तुरंत प्रेग्नेंट नहीं हो जाते हैं। हर महीने कंसीव करने वाले 100 कपल्स में से केवल 15 से 20 कपल्स को ही सक्सेस मिलती है। हालांकि, गर्भधारण करने की कोशिश करने वाले 95% कपल्स 2 साल के अंदर प्रेग्नेंट हो जाते हैं!
विधि 3
विधि 3 का 4:

अपने सबसे ज्यादा फर्टाइल दिनों (Most Fertile Days) की पहचान करना

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  1. एक एप या कैलेंडर का यूज करके आपके साइकिल का चार्ट रखें: अपने मेन्स्ट्रुअल साइकिल के बारे में जानकारी रखना, अपने सबसे ज्यादा फर्टाइल दिनों का पता लगाने का सबसे अच्छा तरीका होता है। OvaGraph या Fertility Friend जैसे किसी एप को डाउनलोड कर लें या फिर अपनी फर्टिलिटी इन्फोर्मेशन को चार्ट करने के लिए कैलेंडर यूज करें। आपको आपके कैलेंडर पर इन इन्फोर्मेशन को नोट करना होगा: [१७]
    • आपके पीरियड का पहला दिन। ये आपके साइकिल की शुरुआत होगी, इसलिए आपको उसे आपके कैलेंडर पर “1” की तरह नोट करना होगा। आपके साइकिल के आखिर तक काउंट करते हुए बाकी के दिनों को नंबर कर दें, जो कि आपके अगले पीरियड के पहले का दिन होगा।
    • आपका डेली बेसल टेम्परेचर।
    • आपके सर्वाइकल म्यूकस में बदलाव।
    • पॉज़िटिव ओवुलेशन प्रिडिक्शन टेस्ट।
    • वो दिन, जब आपने सेक्स किया।
    • आपके साइकिल का आखिरी दिन।
  2. जब आप ओवुलेट कर रही होती हैं, तब आपके शरीर का टेम्परेचर थोड़ा सा बढ़ेगा, इसलिए थोड़ा सा बढ़ा हुआ टेम्परेचर, आपके फर्टाइल होने का एक अच्छा संकेत हो सकता है। अपने बेड के साइड में थर्मामीटर रखें और सुबह उठने के बाद सबसे पहला काम, अपना टेम्परेचर लें। आपके फर्टाइल होने के बारे में सही जानकारी पाने के लिए कोशिश करें कि अपने टेम्परेचर को हर रोज लगभग एक ही समय पर लें। आपके टेम्परेचर को हर रोज लिखते जाएँ। अगर आप 0.5 और 1 डिग्री फारेनहाइट के बीच में बढ़त देखते हैं, जो कि एक दिन से ज्यादा तक बनी रहती है, तो आप शायद ओवुलेट कर रही हैं! [१८]
    • फर्टिलिटी आपके बेसल टेम्परेचर के बढ़ने के 2 से 3 दिनों के पहले सबसे ज्यादा रहती है, इसलिए अगर आपको आपके टेम्परेचर के बढ़ने में कोई भी महीने से महीने वाला पैटर्न नजर आता है, तो आप आपके कंसीव करने के सबसे सही टाइम के बारे में अंदाजा कर सकती हैं।

    सलाह : ध्यान रखें कि आप एक बेसल बॉडी थर्मामीटर ही खरीद रहे हैं। रेगुलर थर्मामीटर मत खरीदें, क्योंकि ये आपके टेम्परेचर में आए सटीक बदलाव को नहीं पकड़ पाएगा।

  3. जब आपका वेजाइनल डिस्चार्ज एग व्हाइट की तरह क्लियर और स्ट्रेची होता है, तब आपके फर्टाइल होने की संभावना सबसे ज्यादा रहती है। जिस दिन आपको आपके डिस्चार्ज में ये कंसिस्टेन्सी नजर आए, उस दिन से 3 से 5 दिनों तक डेली सेक्स करें। जैसे ही आपका डिस्चार्ज क्लाउडी और रूखा बन जाए, तब आपके कंसीव करने की उम्मीद कम हो जाती है। [१९]
    • आप जब बाथरूम जाएँ, तब वाइप करके आपके सर्वाइकल म्यूकस की कंसिस्टेन्सी का पता लगा सकती हैं या फिर आप आपकी साफ फिंगर वेजाइना में डालकर भी चेक कर सकती हैं।
  4. आपकी लोकल मेडिकल स्टोर से एक ओवुलेशन प्रिडिक्टर किट खरीद लें या फिर ऑनलाइन खरीद लें। स्ट्रिप के एंड पर यूरिन करें या फिर स्ट्रिप के सिरे को आपकी यूरिन से भरे कप में डुबोएँ और फिर रिजल्ट्स पढ़ने के पहले कुछ मिनट्स का इंतज़ार करें। बेसिक टेस्ट के साथ, अगर स्ट्रिप पर दो लाइन एक ही कलर की हुई या, अगर दूसरी लाइन, कंट्रोल लाइन से डार्क हुई, तो इस टेस्ट का रिजल्ट पॉज़िटिव रहेगा। अगर आपको डिजिटल टेस्ट मिला है, तो स्क्रीन आपको बता देगी कि आप ओवुलेट कर रही हैं या नहीं। [२०]
    • इन टेस्ट की कीमत काफी होती है, इसलिए इन्हें केवल उन्हीं दिनों के लिए बचाकर रखें, जब आपको आपके ओवुलेट करने का शक हो। ओवुलेशन प्रिडिक्टर किट को अगर इकट्ठा खरीदा जाए, तो ये अक्सर थोड़ी सस्ती पड़ती हैं।
    • सबसे ज्यादा फर्टाइल दिनों का पता लगाने के लिए ओवुलेशन प्रिडिक्टर किट्स का यूज करने की जरूरत नहीं होती है, लेकिन ये मददगार हो सकती हैं, खासतौर पर जब आप श्योर नहीं हैं और आपके ओवुलेट करने का पता लगाना चाहती हैं। [२१]
विधि 4
विधि 4 का 4:

इंफर्टिलिटी के लिए मदद की तलाश करना

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  1. आपको आपकी उम्र, कोशिश करने के समय और हैल्थ के हिसाब से कब हेल्प की तलाश करना है, इसके लिए एक टाइमलाइन सेट कर लें: जब आप गर्भधारण करने की कोशिश करते हैं, उस समय आपके लिए धैर्य रख पाना मुश्किल होता है, लेकिन उसे थोड़ा समय देने की कोशिश करें। अपने डॉक्टर के पास जाने के लिए एक डैडलाइन सेट करके रखना, आपकी चिंता को कम करने में आपकी मदद कर सकता है और साथ ही प्रेग्नेंट होने के अगले भाग के लिए भी तैयार कर सकता है। यहाँ पर बताया गया है कि आपको कब हेल्प की तलाश करना चाहिए:
    • 30 की उम्र से कम के, रेगुलर (हफ्ते में दो बार) इंटरकोर्स करने वाले हेल्दी कपल्स को 12 महीने (साथ ही बर्थ कंट्रोल लेना बंद करने के बाद का एडजस्ट होने वाला टाइम) के अंदर कंसीव कर लेना चाहिए।
    • अगर आपकी उम्र 30 से ज्यादा है, तो 6 महीने तक कोशिश करने के बाद, अपने डॉक्टर को दिखा लें। 30 की उम्र की महिलाएँ, जो कि पेरी-मीनोपॉजल होती हैं, उन्हें उनकी बढ़ती उम्र में फर्टिलिटी को अस्वीकार करने की स्वाभाविक आदत के चलते प्रेग्नेंट होने में मुश्किल होती है। ज़्यादातर मामलों में, प्रेग्नेंसी तो सक्सेसफुली हो जाती है, लेकिन इसमें शायद ज्यादा समय लग सकता है और ज्यादा टार्गेटेड इंटरकोर्स और लाइफ़स्टाइल चेंज की जरूरत होती है।
    • कुछ खास तरह के मामलों में तुरंत एक फर्टिलिटी स्पेशलिस्ट को दिखाएँ। अगर आपको एन्डोमेट्रीओसिस (endometriosis), पेल्विक इन्फ़्लैमेट्री डिसीज, कैंसर ट्रीटमेंट, एन्डोमेट्रीओसिस, मिसकैरिज या गर्भपात की कोई हिस्ट्री है या आपकी उम्र 35 के ऊपर है, तो फिर कंसीव करने का फैसला करने के तुरंत बाद, रिप्रॉडक्टिव स्पेशलिस्ट से एक अपोइंटमेंट फिक्स कर लें। [२२]
  2. बीमारी से लेकर बहुत ज्यादा एक्सरसाइज का स्ट्रेस तक और दवाइयाँ भी आपकी फर्टिलिटी को कम कर सकती हैं। कुछ खास तरह की दवाइयाँ गर्भधारण को रोक सकती हैं या मुश्किल बना सकती हैं। अपने हैल्थ प्रैक्टिसनर को आपकी दवाओं, सप्लिमेंट्स और किसी भी खास तरह की ड्रिंक्स या ऐसे फूड्स जिसे आप खा रहे हैं, की एक लिस्ट दें, ताकि वो आपकी फर्टिलिटी के बीच में बाधा डालने वाली असली बात का पता लगा सके। [२३]
    • सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इन्फेक्शन की जांच कराएँ। कुछ इन्फेक्शन्स आपके कंसीव कर पाने की काबिलियत में रुकावट पैदा कर सकते हैं, जबकि कुछ दूसरे का अगर इलाज न किया जाए, तो उनकी वजह से परमानेंट इंफर्टिलिटी भी हो सकती है।
    • कुछ मामलों में, कुछ महिलाओं को ऐसा एक रिमूवल टिशू बेरियर हो सकता है, जो स्पर्म को एग तक पहुँचने में रुकावट डाल रहा हो या फिर पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम जैसी ऐसी कोई फिजिकल कंडीशन हो सकती है जो शायद मेन्स्ट्रुअल साइकिल को प्रभावित कर सकती है।
  3. फर्टिलिटी के बारे में गहराई से जांच कराने के बारे में सोचें: अगर आपको और आपके पार्टनर को किसी एक फिजीशियन के द्वारा जनरल हैल्थ होने का बताया गया है, तो फिर स्पर्म टेस्टिंग और आपकी फर्टिलिटी की मेडिकल मॉनिटरिंग के बारे में सोचें। [२४]
    • पुरुषों को इजेक्यूलेशन के दौरान निकलने वाले स्पर्म के नंबर और क्वालिटी की जांच कराने के लिए सीमन एनालिसिस (semen analysis) कराना चाहिए। पुरुषों के फर्टिलिटी टेस्ट में, हॉरमोन लेवल चेक करने के लिए ब्लड टेस्ट और अल्ट्रासाउंड, जो इजेक्यूलेशन प्रोसेस या स्पर्म डक ओब्स्ट्रक्शन को मॉनिटर करे, शामिल हैं।
    • महिलाओं के लिए फर्टिलिटी टेस्ट में अक्सर थायरॉयड, पिट्यूटरी (pituitary) और ओवुलेशन के दौरान या फिर मेन्स्ट्रुएशन के दौरान किसी भी समय दूसरे हॉरमोन लेवल की जाँच के लिए हार्मोन टेस्ट शामिल होते हैं। हिस्टेरोसाल्पिंगोग्राफी (Hysterosalpingography), लैप्रोस्कोपी (laparoscopy) और पैल्विक अल्ट्रासाउंड ऐसी अधिक शामिल प्रक्रियाएं हैं जिनका उपयोग गर्भाशय, एंडोमेट्रियल लाइनिंग और फ़ेलोपिन ट्यूब्स में निशान, ब्लॉकेज या डिसीज के मूल्यांकन के लिए किया जा सकता है। इन्हेरिटेड इंफर्टिलिटी प्रॉब्लम्स के लिए ओवेरियन रिजर्व टेस्टिंग और जेनेटिक टेस्ट भी परफ़ोर्म किए जा सकते हैं।
  4. एक रिप्रॉडक्टिव एंडोक्रिनोलॉजिस्ट या फर्टिलिटी क्लीनिक जाएँ: आपके रेगुलर ऑब्स्टिट्रिशन गायनेकोलॉजिस्ट (OB-GYN) शायद आपको एक एंडोक्रिनोलॉजिस्ट के पास या क्लीनिक रेफर कर सकते हैं, ताकि वो इस बात की पुष्टि कर सकें कि आपको सभी तरह के टेस्ट और ट्रीटमेंट का एक्सेस प्राप्त है, प्रेग्नेंसी हासिल करने के लिए शायद आपको जिनकी जरूरत पड़ सकती है। एक रिप्रॉडक्टिव एंडोक्रिनोलॉजिस्ट ऐसी कंडीशन को डाइग्नोज और ट्रीट करने के लिए ऐसे टेस्ट कर सकते हैं, जो शायद आपके प्रेग्नेंट होने की काबिलियत पर प्रभाव डाल सकती हैं। आपके एरिया में एक रिप्रॉडक्टिव एंडोक्रिनोलॉजिस्ट की तलाश करें और एक अपोइंटमेंट फिक्स कर लें।
    • अपोइंटमेंट के पहले सवालों की एक लिस्ट तैयार कर लें। इस बात की पुष्टि करने के लिए कि आपने कुछ मिस नहीं कर दिया है, अपने पार्टनर के साथ उनके पास जाएँ। आपके मन में ट्रीटमेंट की कीमत, प्रभाव और सक्सेस के लिए जो भी चिंताएँ हैं, उन सभी चिंताओं को भी कवर कर लें।
    • आपकी पहली विजिट में, शारीरिक आंकलन कराने या इलाज कराने की उम्मीद मत रख लें। बस उनसे अपने सवाल पूछें और आपके लिए मौजूद ऑप्शन के बारे में पूछें।
    • किसी एक ही विजिट के बाद, किसी खास ट्रीटमेंट सेंटर के ऊपर निर्भर न हो जाएँ; कई अलग-अलग सेंटर विज्त करें और जब तक आपको आपके लिए बेस्ट क्लीनिक नहीं मिल जाता, तब तक अपने ऑप्शन ओपन रखें।
  5. इंट्रायूरेटराइन इन्सेमिनेशन (IUI) के बारे में पूछें: इसमें आपके पार्टनर या डोनर के सीमन के सैंपल को लिया जाता है, सीमाइनल फ्लुइड (seminal fluid) को हटाने के लिए स्पर्म को “धोना” और एक पतले कैथेटर (catheter) का यूज करके, स्पर्म को सीधे आपके यूटेरस में डालना शामिल होता है। इस प्रोसेस को अक्सर महिला में ओवुलेशन हॉरमोन के उठने के 1 दिन के बाद परफ़ोर्म किया जाता है और इसे डॉक्टर के ऑफिस में बिना किसी दर्द या सर्जिकल इंटरवेंशन के परफ़ोर्म किया जाता है। IUI को दूसरी थेरेपी के ट्राय करने से 6 महीने पहले यूज किया जा सकता है। ऐसी स्थितियाँ, जिनमें IUI मददगार साबित हो सकती हैं, उनमें ये शामिल हैं: [२५]
    • एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis)
    • बेवजह इंफर्टिलिटी
    • सीमन की एलर्जी
    • मेल फेक्टर इंफर्टिलिटी (Male factor infertility)
  6. प्रेग्नेंट होने के लिए इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन (IVF) यूज करने के बारे में सोचें: IVF को असिस्टेड रिप्रॉडक्टिव टेक्नॉलॉजी के जरिए प्रेग्नेंसी हासिल करने के लिए सबसे असरदार और कॉमन मेथड माना जाता है। [२६]
    • IVF में आपके शरीर (या आपके डोनर के शरीर) से मेच्योर एग निकाला जाता है और उसे एक लैब में आपके पार्टनर (या डोनर) के स्पर्म के साथ में फर्टिलाइज किया जाता है, इम्प्लांटेशन को बढ़ावा देने के लिए फर्टिलाइज किए एग को आपके यूटेरस में इन्सर्ट किया जाता है।
    • हर एक साइकिल 2 या ज्यादा हफ्तों तक लंबा हो सकता है, लेकिन ज़्यादातर इंश्योरेंस कंपनी केवल कुछ ही IVF साइकिल के लिए पे करती हैं।
    • एंडोमेट्रियोसिस की समस्या वाली महिलाएं, ऐसी महिलाएं जिन्होंने पहले कभी बच्चे को जन्म नहीं दिया है और ऐसी महिलाएं जो फ़्रोजन एम्ब्रोएस (embryos) का यूज करती हैं, उनमें IVF के सक्सेसफुल होने की उम्मीद कम होती है। 40 से ज्यादा उम्र की महिलाओं के सक्सेस रेट के 5% से कम होने की वजह से उन्हें अक्सर डोनर एग यूज करने की सलाह दी जाती है। [२७]
  7. मेडिकेशंस और दूसरे फर्टिलिटी ट्रीटमेंट्स के बारे में पूछें: कुछ मामलों में, फर्टिलिटी की दवाएँ फर्टिलिटी हॉर्मोन्स को बढ़ाने और नेचुरल तरीके से कंसीव करने के लिए काफी होती हैं। वहीं दूसरों में, गैमीट इंट्रा-फैलोपियन ट्रांसफर (GIFT) या सरोगेसी रिकमेंड की जाती है। [२८]
    • क्लोमिड (Clomiphene) एक कॉमन फर्टिलिटी मेडिसिन है जिसे अक्सर IUI के जैसे दूसरे ट्रीटमेंट्स के साथ कम्बाइन किया जाता है। ये दवा आपकी ओवरी को एग रिलीज करने के लिए स्टिमुलेट करती है, जिससे आपके प्रेग्नेंट होने की उम्मीद बढ़ जाएगी।
  8. इंफर्टिलिटी ट्रीटमेंट लेने के दौरान सपोर्ट की तलाश करें: इंफर्टिलिटी की वजह से आपकी मेंटल हैल्थ पर काफी बुरा असर पड़ सकता है। आपको शायद चिंता, डिप्रेशन और सबसे अलग सा महसूस हो सकता है, लेकिन याद रखें कि आप अकेले नहीं हैं! अपना ख्याल रखें और जब आप इस प्रोसेस से गुजरें, तब सपोर्ट की तलाश करें। सपोर्ट करने वाले फ्रेंड्स और फैमिली मेंबर्स तक पहुँचें और ऑनलाइन सपोर्ट ग्रुप की तलाश करें। आप चाहें तो ट्रीटमेंट लेते समय आपकी फीलिंग्स डिस्कस करने के लिए एक थेरेपिस्ट की तलाश कर सकते हैं। [२९]
    • इंफर्टिलिटी की वजह से आपके रिश्तों पर भी असर पड़ता है। अपने पार्टनर के साथ में फन करने के और अपने कनैक्शन को बनाकर रखने के लिए टाइम जरूर निकालें।

    इंफर्टिलिटी टेस्टिंग या ट्रीटमेंट की शुरुआत कर रहे हैं? अपने डॉक्टर से पूछें कि आप किस तरह से फर्टिलिटी को नेचुरली बढ़ा सकते हैं, आपके पार्टनर में अच्छे स्पर्म काउंट को बढ़ा सकते हैं और आपके ट्रीटमेंट में मदद के लिए रिलैक्सेशन का यूज कर सकते हैं।

सलाह

  • पुरुष अपने स्पर्म काउंट में कमी किए बिना ब्रीफ़्स (briefs) पहन सकते हैं। हालांकि, हॉट बाथ, व्हर्लपूल्स, टाइट एथलेटिक कपड़े, बहुत ज्यादा साइकिलिंग और पेल्विक एरिया पर लैपटाप का बहुत ज्यादा इस्तेमाल, पुरुष के स्पर्म काउंट को कम कर सकता है। [३०]
  • किसी भी पार्टनर की ऑबेसिटी या मोटापा या तो आपके गर्भधारण के चांस को कम कर सकता है। हेल्दी वेट हासिल करके, आप थोड़ा आसानी से कंसीव कर पाएंगे और एक हेल्दी प्रेग्नेंसी से गुजरेंगी। [३१]

चेतावनी

  • प्रेग्नेंट होने के लिए बहुत ज्यादा कोशिश करना, खासतौर पर एक शेड्यूल को स्ट्रिक्टली फॉलो करना स्ट्रेस पैदा कर सकता है और आपके और आपके पार्टनर के बीच की फिजिकल और इमोशनल इंटीमेसी को कम कर सकता है।
  • पेरेंट बनने का सोचना, एक बहुत बड़ा फैसला होता है, जिसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। ध्यान रखें कि आप और आपका पार्टनर बच्चे के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।
  • बर्थ कंट्रोल की किसी भी बेरियर मेथड का यूज करना बंद करने के पहले सुनिश्चित कर लें कि आप और आपका पार्टनर, दोनों ही बीमारी और इन्फेक्शन से फ्री हैं।
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  22. http://www.sciencedaily.com/releases/2007/12/071211233947.htm

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