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मसूढ़ों में सूजन होने के बहुत से कारण हो सकते हैं। किसी व्यक्ति के मसूढ़ों में सूजन, मसूढ़ों की बीमरी, भोजन या पेय पदार्थों से इरिटेशन, अपर्याप्त पोषण और मुंह से सम्बंधित अन्य समस्याओं के कारण हो सकता है। मसूढ़ों की सूजन ठीक करने के लिये नीचे बहुत से उपाय दिये गये हैं परंतु याद रखें कि मसूढ़ों में सूजन होने के असली कारण को जानने के लिये डेंटिस्ट से मिलना पड़ता है।

विधि 1
विधि 1 का 2:

मसूढ़ों की सूजन से आराम पाना

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  1. मसूढ़ों में सूजन कई कारणों से हो सकता है लेकिन अधिकांशतः ये मसूढ़ों की बीमरी के संकेत हो सकते हैं। इसलिये ये महत्वपूर्ण है कि आप सूजन के कारण को पहचानें ताकि आप उसका सही इलाज़ कर सकें चाहे घर पर स्वयं देख-भाल करके या डेंटिस्ट से मिलकर। कुछ आम कारण नीचे दिये गये हैं:
    • गलत तरीके से ब्रशिंग या फ्लॉसिंग करने से। बहुत से मामलों में मुंह के अंदर स्वच्छता की खराब स्थिति के कारण दांतों के बीच और मसूढ़ों की रेखा पर प्लेक (plaque) जम जाते हैं जिसके कारण मसूढ़ों में सूजन हो जाती है। इससे छुटकारा पाने के लिये ब्रश से दांतों की अच्छे ढंग से सफाई करें और नियमित रूप से फ्लॉसिंग करें ताकि अतिरिक्त प्लेक निकल जाये। इसके अलावा कुछ लोग फ्लॉसिंग बहुत ही खराब ढंग से करते हैं जिसके कारण भी मसूढ़ों में सूजन हो सकती है
    • जिंजिवाइटिस (Gingivitis) और पीरिओडेंटाइटिस (periodontitis)। यदि मुंह के अंदर स्वच्छता अच्छे ढंग से न बनाये रखी जाये तो मसूढ़ों में जिंजिवाइटिस और पीरिओडेंटाइटिस नामक बीमारियाँ हो सकती हैं। जिंजिवाइटिस ज्यादा गम्भीर नहीं होता है इसलिये यदि जल्दी पकड़ में आ जाये तो उसे रिवर्स भी किया जा सकता है। जबकि दूसरी ओर पीरिओडेंटाइटिस ज्यादा गम्भीर होता है और पूरा दांत नष्ट कर सकता है। यदि आपको आशंका है कि आपको इन दोनो में से कोई एक बीमारी हो गई है तो अपने डेंटिस्ट से मिलें।
    • मुंह के अल्सर्स। मसूढ़ों पर बनने वाले माउथ अल्सर्स (Mouth ulcers) के कारण भी दर्द और सूजन हो सकता है। आम तौर पर आप मुंह के अल्सर्स, जिन्हें कैंकर सोर्स (canker sores ) भी कहते हैं, को उनकी शकल से आसानी से पहचान सकते हैं क्योंकि उनमें सफेद केंद्र और लाल किनारे होते हैं। एक ही बार में मल्टिपुल माउथ अल्सर्स दिखाई पड़ सकते हैं परंतु वे आमतौर पर इलाज किये जाने योग्य होते हैं और छुआ-छूत से फैलते भी नहीं हैं।
    • कीमोथेरेपी कीमोथेरेपी के बहुत से दुर्भाग्यपूर्ण साइड-इफेक्ट्स में से एक दर्द भरे, सूजे हुए खून भरे मसूढ़े होते हैं। कीमोथेरेपी से मसूढ़ों पर दर्दनाक अल्सर्स और सोर्स (sores) उत्पन्न हो सकते हैं। यद्यपि इन लक्षणों से आराम तो पाया जा सकता है परंतु ये तब तक रहेंगे जब तक कीमोथेरेपी चलती रहेगी
    • तम्बाकू सिगरेट पीने तथा अन्य प्रकार के तम्बाकू उत्पाद के सेवन से आम तौर पर मसूढ़ों में दर्द और सूजन हो जाता है। वास्तव में तम्बाकू उत्पाद का सेवन करने वालों को मसूढ़ों की बीमारी होने की सम्भावना उन लोगों की तुलना में बहुत ज्यादा होती है जो तम्बाकू उत्पाद का सेवन नहीं करते हैं। परिणामस्वरूप, मसूढ़ों के सूजन से आराम पाने के लिये पहला कदम धूम्र-पान त्यागना होता है।
    • हार्मोन्स मसूढ़ों में सूजन होने का एक कारण हार्मोन्स की वृद्धि भी हो सकता है क्योंकि यह मसूढ़ों में पहुंचने वाले रक्त प्रवाह को बढ़ा देता है। इनमें वे हार्मोन्स शामिल हैं जो प्युबर्टी, मासिक धर्म, प्रेगनेंसी और मेनोपॉज के दौरान उत्पन्न होते हैं। कुछ बर्थ कन्ट्रोल पिल्स भी इन हार्मोन्स को उत्पन्न कर सकते हैं। [१]
  2. ऊपरी चबाने वाली सतह तथा दांत के सामने और पीछे वाले हिस्से पर मुलायमियत से ब्रश रगड़ें – नीचे वाले दांतों पर नीचे से ऊपर की ओर ऊपर वाले दांतों पर ऊपर से नीचे की ओर और साथ में गोलाई में रगड़ें लेकिन “अगल-बगल की दिशा में न रगड़ें”: जैसा कि ऊपर बताया जा चुका है, दांतों पर जमने वाले प्लेक मसूढ़ों में सूजन होने का कारण हो सकते हैं। सबसे अच्छा तो ये होगा कि “प्लेक हटाइये और मसूढ़ों की बीमारी से बचिये, क्योंकि आप बड़ी आसानीपूर्वक मुलायमियत से परंतु अच्छे ढंग से दांतों को ब्रश करके और फ्लॉसिंग करके इस समस्या का हल कर सकते हैं”। आपको दिन में कम से कम दो बार, सुबह और शाम ब्रश करना चाहिये और सम्भव हो तो खाने के बाद भी।
    • मुलायम नॉयलान‌-ब्रिसिल वाले टूथब्रश का प्रयोग करें। यह आपके दांतों को बिना कोई इरिटेशन पैदा किये अच्छे ढंग से साफ कर देगा। मध्यम या कड़े ब्रिसिल वाले टूथब्रश न प्रयोग करें अन्यथा इसके कारण मसूढ़े और सूज सकते हैं और यहाँ तक कि दांतों के इनामेल खुरचे जा सकते हैं या नष्ट भी हो सकते हैं।
    • जोर से ब्रश रगड़ने का मतलब अच्छे ढंग से ब्रश करना “नहीं” होता है। मसूढ़े नरम टिशूज के बने होते हैं इसलिये जोर से ब्रश रगड़ने से फायदे के बजाय नुकसान होगा। ब्रश को अगल-बगल जोर से रगड़ने से परहेज करें क्योंकि वो दांतों के बीच धारी की दिशा में नहीं होता है।
    • किसी मसूढ़े की सुरक्षा करने वाले टूथपेस्ट को चुनें जो जिंजिवाइटिस से बचाव के लिये बनाया गया हो। अधिकांश बड़े ब्रान्ड्स, जिंजिवाइटिस से लड़ने वाला टूथपेस्ट बनाते हैं।
  3. जिन जगहों पर टूथब्रश नहीं पहुंच सकता है उसकी सफाई के लिये प्रतिदिन दांतों के बीच फ्लॉस करके प्लेक को निकालें लेकिन ज्यादा फ्लॉसिंग न करें क्योंकि ये मसूढ़ों को और इरिटेट कर सकता है।
    • बहुत से लोग फ्लॉसिंग नहीं करते हैं लेकिन जो करते हैं सम्भवतया वे भी ज्यादा जोर से फ्लॉसिंग करके मसूढ़ों की सूजन को और अधिक बढ़ा देते हैं। फ्लॉस को दांतों के बीच रगड़ें मत वर्ना मसूढ़ों के कमजोर टिशूज को नुकसान पहुंच सकता है। इसके बजाय फ्लॉस को दांतों के बीच उनके वक्रता की दिशा में सावधानी से सरकायें। [१]
  4. मसूढ़ों के सूजन को कम करने के लिये नमकीन पानी से गार्गिल करना सबसे पुराना तरीका है परंतु अभी भी यह सबसे प्रभावी तरीकों में से एक है। नमक एक ऐन्टी-बैक्टीरियल एजेन्ट की तरह कार्य करता है और मुंह से दूषित पदार्थों को निकाल कर सूजे हुए मसूढ़ों को आराम पहुंचाता है।
    • गार्गिल और स्विश (swish): एक छोटा चम्मच साधारण नमक लेकर उसे एक कप गुनगुने पानी में घोलकर आप स्वयं अपने लिये नमकीन पानी बनायें। अब इसे मुंह में हर तरफ से दांतों के बीच फिरायें (Swish) ताकि यह मसूढ़ों तक पहुंच जाये। नमकीन पानी ज्यादा न निगलें
    • पानी और ताज़े लेमन जूस के मिश्रण को मुंह में 30 मिनट तक उपरोक्त तरीके से फिराने से भी समान परिणाम मिलता है। यह नमकीन पानी जितना प्रभावी तो नहीं हो सकता है परंतु शायद स्वाद में बेहतर लगे।
    • नमकीन पानी से गार्गिल करने से गले की खराश में भी आराम मिलता है और घाव की सफाई भी की जा सकती है।
  5. गर्म और ठण्डे गद्दियों का प्रयोग करके मसूढ़ों के दर्द और सूजन से आसानी से तुरंत राहत मिल सकता है। दर्द से आराम दिलाने में गर्म गद्दियाँ सबसे अच्छी होती हैं जबकि ठण्डी गद्दियाँ सूजन को प्रभावी ढंग से कम करने में सबसे अच्छी होती हैं। गद्दियों को सीधे मसूढ़ों पर रखने के बजाय चेहरे पर रखें इससे यह कम अजीब लगेगा और अचानक हुए तापमान के परिवर्तन के कारण मसूढ़ों को और अधिक इरिटेट होने से बचायेगा।
    • गर्म गद्दी बनाना: मुंह पोछने वाले एक साफ कपड़े को गुनगुने (गर्म नहीं) पानी में भिगोयें और उसे निचोड़ कर अतिरिक्त नमी को निकाल दें और उसके बाद कपड़े को चेहरे पर तब तक लगाये रखें जब तक दर्द कम होना शुरू न हो जाये।
    • ठण्डी गद्दी बनाना: किसी छोटे और साफ कपड़े या पेपर टॉवेल में दो आइस क्यूब्स लपेट लें। विकल्प के तौर पर आप एक बैग, जिसमें सब्जियों को जमाया गया हो (जैसे जमे हुए मटर), या विशेष ठण्डा पैक, जिसे फ्रीज़र में रखा गया हो, का प्रयोग कर सकते हैं। गद्दी को चेहरे पर तब तक लगाये रखें जब तक सूजन कम नहीं हो जाती और वो हिस्सा थोड़ा सुन्न नहीं हो जाता।
  6. यह महत्वपूर्ण है कि जब तक आपके मसूढ़ों में सूजन और दर्द रहे तब तक ऐसी चीजें न लें जो सूजन को और खराब कर दे जैसे तम्बाकू उत्पाद और शराब। इसके अतिरिक्त यदि आप अपने मुंह को संक्रमण-मुक्त रखने के लिये किसी तेज माउथ वाश का प्रयोग करते हैं तो उसे भी कुछ समय के लिये त्याग दें अन्यथा वह आपके मसूढ़ों के सूजन को और अधिक बढ़ा देगा।
  7. खूब पानी पीने से आपके मुंह में उपस्थित खाने का बचा हुआ भाग और बैक्टीरिया बहकर निकल जाते हैं और इस प्रकार प्लेक के बढ़ने पर रोक लग जाती है। इसके अतिरिक्त पानी पीने से लार का बनना बढ़ जाता है जो बैक्टीरिया को मारने में प्राकृतिक रूप से सहायता करता है। [२]
  8. हलके मालिश से मसूढ़ों में पहुंचने वाला रक्त प्रवाह बढ़ जाता है जिससे सूजन और दर्द में कमी आती है। लगभग एक मिनत तक मसूढ़ों की हलकी और गोलाई में मालिश करें। मालिश करने से पहले याद करके अपने हाथों को धो लें और सुनिश्चित करें कि आपके नाखून कटे हुए और साफ हों। यह बैक्टीरिया को फैलने से रोकने में सहयता प्रदान करेगा।
  9. सूजे हुए मसूढ़ों के लिये लौंग का तेल एक प्राकृतिक उपचार है जो सूजन और दर्द को कम करने में काफी प्रभवकारी सिद्ध हो चुका है। एक क्यू-टिप (q-tip ) से थोड़ा लौंग का तेल सीधे सूजे हुए मसूढ़ों पर दिन में तीन बार लगायें। विकल्प के तौर पर आप लौंग के तेल की कुछ बूंदे एक कप पानी में डालकर अपने मुंह में हर ओर फिरा सकते हैं। लौंग का तेल अधिकतर ड्रग स्टोर्स और हेल्थ फूड स्टोर्स में पाया जा सकता है। [३]
विधि 2
विधि 2 का 2:

मसूढ़ों के सूजन की रोक-थाम

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  1. अपने दांतों को प्रतिदिन कम से कम 2 से 3 बार मुलायमियत के साथ अच्छे से ब्रश करें: दांतों को ब्रश करने से मुंह से प्लेक निकल जाते हैं जिससे मसूढ़ों की बीमारियों तथा दांतों के क्षय से लड़ने में सहायता मिलती है। वास्तव में दांतों की अच्छे ढंग से स्वच्छता बनाये रखने से मुंह की लगभग सभी स्वास्थ्य समस्याओं की रोक-थाम की जा सकती है। आपको अपने दांतों को कम से कम एक बार सुबह और एक बार शाम और सम्भव हो तो खाने के बाद ब्रश करना चाहिये।
    • यदि आपको ब्रश करने के सही तरीके के बारे में संदेह में हैं तो अगली बार जब आप डेंटिस्ट से मिलें तो इसके बारे में पूछें जो प्रसन्नतापूर्वक आपको अनुगृहीत करेगा / करेगी।
  2. मुंह की सामान्य स्वच्छता बनाये रखने के लिये प्रतिदिन फ्लॉस करना एक आवश्यक हिस्स बनायें परंतु अकसर इसकी उपेक्षा की जाती है: जहाँ पर टूथब्रश नहीं पहुंच सकता है आपके उन दांतों के दरारों में बने हुए प्लेक और बैक्टीरिया फ्लॉसिंग से निकल जाते है।
    • फ्लॉसिंग के नरम टिशूज को इरिटेशन से बचाने के लिये मुलायमियत से फ्लॉस करना याद रखें और प्रत्येक जोड़ी दांत के लिये एक नये फ्लॉस का प्रयोग करें ताकि बैक्टीरिया मुंह के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में फैलने से रोका जा सके।
    • यदि आपको डेंटल फ्लॉस अजीब लगते हैं तो किसी ड्रग स्टोर से डेंटल पिक्स का एक पैकेट खरीदें जो लकड़ी या प्लास्टिक की छोटी तीलियाँ होती हैं जिन्हें फ्लॉसिंग जैसा प्रभाव पाने के लिये दांतों के बीच में घुसाया जा सकता है।
  3. सुनिश्चित करें कि आपका डाइट बदलता रहे और उसमें भरपूर मात्रा में विटामिन सी, कैल्सियम और फोलिक एसिड उपस्थित हो: कुपोषण के कारण भी मसूढ़ों में सूजन (अन्य बीमरियों सहित) हो सकता है। इसलिये यह विशेषकर आपके लिये महत्वपूर्ण हो जाता है कि आपको आहार के द्वारा पर्याप्त विटामिन सी, कैल्सियम और फोलिक एसिड मिले। इसका कारण यह है कि विटामिन सी और फोलिक एसिड मसूढ़ों को स्वस्थ रखने और जिंजिवाइटिस से बचाने में सक्रिय भूमिका निभाते हैं जब कि यह बात तो पहले से ही प्रमाणित है कि ऐसे लोग जिनमें कैल्शियम की कमी होती है उनमें मसूढ़ों की बीमारी होने की सम्भावना दूसरों से ज्यादा होती है। प्रतिदिन एक मल्टी-विटमिन लें और ताज़े फल और सब्जियाँ खायें। [२]
    • सबसे अधिक विटामिन-सी पपीता, शिमला मिर्च, स्ट्रॉबेरी, ब्रकोली, अनन्नास, कीवी, संतरा, खरबूजा और गोभी में पाया जाता है।
    • डेयरी उत्पाद जैसे कि दूध, चीज़ और दही साथ में सार्डीन्स, टोफू, सॉलमन मछलियाँ, अनाज और कोलार्ड ग्रीन्स (collard greens) कैल्सियम के सबसे अच्छे श्रोत हैं।
    • गहरे हरे पत्तीदार सब्जियाँ, ब्रकोली, ऐस्पेरेगस, मटर, बीन्स, दालें, अजवाइन, और साइट्रस फलों में फोलिक एसिड अधिक मात्रा में पाया जाता है।
  4. अम्ल होने के कारण ये आपके दांतों को खुरच सकते हैं और नष्ट भी कर सकते हैं।
  5. थकान से आपके चेहरे और मसूढ़ों में सूजन आ सकती है इसलिये, हर रात कम से कम 7 से 8 घण्टे की नींद लेने का प्रयस करें। आपको यथासम्भव तनाव से बचना चाहिये क्योंकि तनाव के कारण शरीर में कोर्टिसॉल (cortisol) नामक एक रसायन उत्पन्न होता है जिसका सम्बंध मसूढ़ों और शरीर के अन्य हिस्सों में होने वाले सूजन से होता है। [१]
    • नियमित व्यायाम से आप तनाव को कम कर सकते हैं। व्यायाम से ऐसे हार्मोन्स उत्पन्न होते हैं जो निश्चित तौर पर आपको अच्छे मूड मे ला देते हैं। साथ ही व्यायाम करने से आप थकते भी हैं जिससे आपको रात में अच्छी नींद आती है। यह एक विन-विन (win-win) स्थिति होती है।
    • व्यक्तिगत समय निकाल कर प्रतिदिन टहलने, पुस्तक पढ़ने या स्नान करने से भी आप अपना तनाव कम कर सकते हैं। सोने से पहले अधिक उत्तेजित होने से भी बचें इसलिये बिस्तर पर जाने से एक घण्टा पहले टेलीविजन और कम्प्युटर बंद कर दें।
  6. जैसा कि ऊपर बताया गया है, तम्बाकू मसूढ़ों को बहुत अधिक इरिटेट कर सकता है और ऐसे लोग जो धूम्रपान करते हैं या अन्य तम्बाकू उत्पाद का सेवन करते हैं उन्हें मसूढ़ों की बीमारी होने का अत्यधिक खतरा होता है। यदि सम्भव हो तो धूम्रपान बिलकुल त्याग दें और नहीं तो कम से कम अपने द्वारा लिये जाने वाले तम्बाकू की मात्रा घटा दें।
  7. दांतों की सफाई और जाँच के लिये अपने डेंटिस्ट से मिलें: मसूढ़ों का सूजन अकसर दांतों के ज्यादा गम्भीर समस्याओं के कारण होता है जैसे कि प्लेक, कीटाणु और दांतों के क्षय के कारण होने वाला पीरिओडेंटाइटिस, इसलिये यदि आपके मसूढ़ों में लगातार सूजन रहे तो आपको अपने डेंटिस्ट से मिलना चाहिये। आपका डेंटिस्ट ही आपको ठीक से बता पायेगा कि आपके मुंह में क्या हो रहा है और उसके लिये क्या उचित इलाज़ है। यदि आपके दांत और मसूढ़े पूर्ण रूप से स्वस्थ भी हों तब भी ये बेहतर होगा कि आप अपने डेंटिस्ट से साल में कम से कम दो बार मिलें। [४]

सलाह

  • ब्रश करते समय सुनिश्चित करें कि आप बहुत जोर से ब्रशिंग नहीं कर रहे हैं और न ही अपने मसूढ़ों को इरिटेट कर रहे हैं। मुलायम ब्रिसिल वाले टूथब्रश का प्रयोग करें और धीमी गति से गोलाई में ब्रश करें ताकि आपके मसूढ़े खुश रहें।
  • हर तीन महीने में अपना टूथब्रश बदल दें क्योंकि पुराने टूथब्रश में बैक्टीरिया भरे हो सकते हैं।
  • क्या हाल ही में आपकी फ्लॉसिंग की आदत बदली है? यदि आप एक अंतराल के बाद दुबारा फ्लॉसिंग शुरू कर रहे हैं तो सम्भव है कि आपके मसूढ़े अभी भी पीड़ादायक हों, उनमें से थोड़ा खून निकल रहा हो या पहले सप्ताह में वे सूजे रहें। आप फ्लॉसिंग करना जारी रखें इससे धीरे-धीरे आपके मसूढ़े दुबारा व्यवस्थित हो जायेंगे।

चेतावनी

  • यद्यपि आप घर पर भी दर्द से आराम पाने के रास्ते पा सकते हैं परंतु यदि मसूढ़ों का सूजन बना रहता है तो आपके लिये डेंटिस्ट से मिलना जरूरी हो जायेगा। मुंह के अंदर की कोई भी बीमारी यदि आपके मसूढ़ों के सूजन का कारण हो सकता है कि तो वह आपके दांतों और मसूढ़ों को गम्भीर नुकसान पहुंचा सकता है।
  • बहुत ज्यादा गर्म या ठण्डे खाद्य एवम पेय पदार्थों से सजग रहें। बहुत से लोगों को अपने मसूढ़े तापमान के प्रति काफी संवेदनशील लगते हैं, विशेषकर जब उनकी उम्र बढ़ने लगती है। इसलिये ये सबसे अच्छा होगा कि ऐसे लोग अत्यंत ठण्डे, बर्फीले पेय, या अत्यधिक गर्म चाय, काफी और सूप से परहेज करें। इसका यह मतलब बिलकुल नहीं है कि ऐसी चीजें लेना ही बंद कर दें बल्कि हो सकता है कि ऐसे मामलों में आप उनको लेने से पहले उनके थोड़े ठण्डे या गर्म होने का इंतजार करना पसंद करें।

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