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अपने घुटनों को मजबूत और हेल्दी रखना बहुत जरुरी होता है जिससे उम्र बढ़ने पर उनकी गतिशीलता खराब न हो पाए | हम कई बार अपने घुटनों की हेल्थ को अनदेखा कर देते हैं और उनकी परेशानियों पर तब तक ध्यान नहीं देते, जब तक रोजमर्रा की एक्टिविटी जैसे बॉक्स उठाना या सीढ़ियों पर चड़ना पीड़ादायक न बन जाए | अपने घुटनों को स्ट्रेंग्थ देने के लिए नीचे दिए गये उपाय आज़माएँ और ज्यादा से ज्यादा लम्बे समय तक एक्टिव बने रहें |
चरण
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घुटनों की बेसिक एनाटोमी को समझें: घुटनें शरीर में सबसे बड़े जॉइंट होते हैं और ये जांघ की हड्डी (फीमर) के निचले सिरे, शिन बॉन (टिबिया-tibia) के ऊपरी सिरे और घुटने की कटोरी (kneecap-पटेला)से मिलकर बनते हैं | ये हड्डियाँ मेनिस्कस (meniscus) समेत लिगामेंट्स और कार्टिलेज से कनेक्ट रहती हैं जो फीमर और टिबिया के मिलने वाली जगह पर कुशन की तरह सहारा देते हैं |
- कुछ ख़ास तरह की एक्टिविटी में मोशन की रेंज को नापने के लिए डिग्री का इस्तेमाल किया जाता है | आपको चलने के लिए 65 डिग्री रेंज, जमीन से कोई चीज उठाने के लिए 70 डिग्री रेंज, सीढियां चड़ने के लिए 85 डिग्री और बैठने और आराम से खड़े होने के लिए 95 डिग्री रेंज की जरूरत होती है | [१] X रिसर्च सोर्स
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घुटने की कॉमन इंजरी के प्रति सचेत रहें: शरीर में सबसे भारी कामों के लिए इस्तेमाल किये जाने वाले जॉइंट होने के कारण घुटने में चोट लगना बहुत कॉमन होता है | आपको जितनी ज्यादा जानकारी होगी, चोट लगने की परिस्थितियों से बचने के लिए बेहतर रूप से तैयार हो पाएंगे | [२] X रिसर्च सोर्स
- इलियोटिबियल (iliotibial) बैंड या IT बैंड सघन टिश्यू वाला ऐसा एरिया होता है जो पेल्विस के बाहरी हिस्से से होता हुआ घुटने के बाहरी हिस्से तक जाता है | IT बैंड फिजिकल एक्टिविटी के दौरान घुटने को स्थिर रखने में मदद करता है | जब इसका अधिक इस्तेमाल किया जाता है तो इसमें सूजन और दर्द हो सकता है जिससे इलियोटिबियल बैंड सिंड्रोम (ITB) हो जाता है | रनर, हाईकर्स और दूसरी एक्टिविटी करने वाले लोगों को अधिकतर इस तरह की चोट लगती रहती हैं |
- एंटीरियर क्रुसिएट लिगामेंट (ACL) आमतौर पर रनिंग, जंपिंग और जम्प से नीचे आने के दौरान मुड़ जाते हैं | इसी तरह दूसरे लिगामेंट्स भी मुड़ सकते हैं |
- मेनिस्कस (Meniscus), जो घुटनों को आघात से बचाने के लिए एक शॉक अब्सोर्बर की तरह काम करता है, वो भी ट्विस्टिंग, घूमने (pivoting) या गति धीमी करने के कारण मुड़ सकते हैं |
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जानें की किस तरह पैर के दूसरे हिस्से घुटनों प प्रभाव डालते हैं: घुटने पैरों की दूसरी मसल्स से सहारा लेते हैं विशेषरूप से क्वेड्रीसेप्स (quadriceps), हैमस्ट्रिंग्स (hamstrings) और ग्लूटियस (glutes) से | घुटनों की मजबूती के लिए और उन्हें इंजुरी से बचाए रखने के लिए इन मसल्स को स्ट्रोंग रखना बहुत जरुरी होता है |
- क्वेड्रीसेप्स (quadriceps), हैमस्ट्रिंग्स (hamstrings) और हिप्स और ग्लूटियस (glutes) जैसी मसल्स घुटने के लिए स्टेबलाइजर की तरह काम करती हैं | अपनी स्टेबिलिटी को सुधारने के लिए आपको इन मसल्स की एक्सरसाइज और स्ट्रेच करनी चाहिए | [३] X रिसर्च सोर्स
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IT बैंड को स्ट्रेच करें: किसी भी तरह की कठोर एक्सरसाइज शुरू करने से पहले कुछ देर तक IT बैंड की स्ट्रेचिंग और वार्मिंग करना भी घुटनों को मजबूती देने का बहुत अच्छा तरीका है | [४] X रिसर्च सोर्स
- अपने बाएं पैर को दाहिने पैर के ऊपर क्रॉस करते हुए और हाथों को सिर के ऊपर स्ट्रेच करते हुए खड़े हो जाएँ | अपने घुटनों को मोड़े बिना जितना हो सके ऊपरी शरीर को बायीं ओर झुकाएं | ऐसा ही दाहिने पैर को बाएं पैर के ऊपर क्रॉस करके भी रिपीट करें और ऊपरी शरीर को दाहिनी ओर झुकाएं |
- अपने पैरों को सामने स्ट्रेच करते हुए जमीन पर बैठ जाएँ | एक पैर को दूसरे के ऊपर क्रॉस करें और घुटनों को जितना ज्यादा से ज्यादा छाती की ओर खींच सकते हैं, खींचें और कुछ देर तक इसी जगह पर बनाये रखें | दूसरे पैर से भी इसे रिपीट करें |
- IT बैंड को ढीला करने का मौका देने के लिए कोई भी जटिल एक्सरसाइज करने से पहले ब्रिस्क वॉक करें |
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सर्जरी के बाद पुनर्वास (rehabilitative) एक्सरसाइज करें: अगर आपके घुटने की सर्जरी हुई है या घुटने का रिप्लेसमेंट हुआ है तो आपको घुटने के मोशन की रेंज को बढाने के लिए कुछ ख़ास एक्सरसाइज और स्ट्रेचिंग करनी पड़ेंगी | सर्जरी के बाद इन्हें शुरू करने के लिए डॉक्टर की निर्देशों का पालन करें | कुछ साधारण एक्टिविटी आप शुरू कर सकते हैं, जैसे:
- सीटेड नी फ्लेक्सन (seated knee flexion): एक मजबूत कुर्सी पर बैठ जाएँ और एक पैर को जितना दूर हो सके कुर्सी के अंदर पीछे ही ओर ले जाएँ | आपकी जांघें कुर्सी पर मजबूती से रखी रहनी चाहिए | पैर को आगे की ओर लाने से पहले पांच सेकंड तक रुकें | ऐसे ही दूसरे पैर से रिपीट करें |
- सीटेड नी किक (seated knee kick): अपने पैरों को मोड़कर एक मजबूत कुर्सी पर बैठ जाएँ | एक पैर को पूरा सीधा होने तक धीरे-धीरे आगे बढाते जाएँ | पैर को नीचे लाने से पहले पांच सेकंड तक रुकें | इसे दूसरे पैर पर भी रिपीट करें |
- स्ट्रैट लेग रेज (straight leg raise): एक पैर को मोड़कर लेट जाएँ और दूसरे पैर को जमीन पर सीधा रखें | सीधे पैर को वापस नीचे लाने से पहले धीरे-धीरे ऊपर उठायें | प्रत्येक साइड दस बार रिपीट करें | [५] X रिसर्च सोर्स
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अपनी क्वेड्रीसेप्स (quadriceps) पर वर्कआउट करें: क्वेड्रीसेप्स (quadriceps), जाँघों के सामने वाली मसल्स होती हैं | स्ट्रोंग क्वेड्रीसेप्स (quadriceps) मसल्स आपके पैर में गतिशीलता और स्ट्रेंग्थ को बढाने में मदद करेंगी |
- जांघों को मोड़ने से उन लोगों को काफी लाभ मिलता है जिन्हें लम्बे समय से घुटनों की समस्या बनी हुई थीं या जिनके घुटनों की सर्जरी हुई है | पैरों को सीधा रखते हुए लेट जाएँ | जाँघों के सामने वाली मसल्स को मोड़ें और ढीला छोड़ने से पहले पांच सेकंड तक रुकें | ध्यान दें कि यह एक्सरसाइज आपको दोनों पैरों पर करनी है | [६] X रिसर्च सोर्स
- क्वेड्रीसेप्स (quadriceps) पर काम करने के लिए लंजेज (lunges) करें | अपने हाथों को कूल्हों पर रखते हुए सीधे खड़े हो जाएँ | अपने बाएं पैर से एक बड़ा कदम आगे बढायें और शरीर को बाएं पैर के सही एंगल पर मुड़ने तक जमीन की ओर झुकाते जाएँ | पीछे वाले घुटने को लगभग जमीन छूने तक नीचे लायें | इस एक्सरसाइज को कई बार दोहराएँ और दूसरे पैर से भी करें |
- स्टेशनरी बाइक या एलिप्टिकल मशीन जैसी कम इम्पैक्ट वाली एक्सरसाइज से कम से कम या न के बराबर इम्पैक्ट के द्वारा क्वेड्रीसेप्स (quadriceps) मसल्स पर काम किया जा सकता है | ये रनिंग की बजाय, आर्थराइटिस या पहले घुटने की सर्जरी करा चुके लोगों के लिए बहुत ही सुरक्षित एक्टिविटी होती हैं | [७] X रिसर्च सोर्स
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हैमस्ट्रिंग मसल्स को मजबूत बनायें: हैमस्ट्रिंग्स मसल्स जांघ के पिछले हिस्से में होती हैं | दिन के एक बार और सप्ताह में दो या उससे ज्यादा बार हैमस्ट्रिंग स्ट्रेचेस करने से घुटनों के दर्द में आराम मिलता है और उनकी गतिशीलता में सुधार आता है |
- अपने पैरों की अँगुलियों को छुएं | सीधे खड़े हो जाएँ और अपनी स्पाइन या रीड की हड्डी को सीधा रखते हुए और पेट को संकुचित करते हुए आगे की ओर झुकें | इसके बाद सीधे खड़े हो जाएँ | अगर आपको अपने टखने या पैर की अँगुलियों को छूने में परेशानी हो तो अपने सामने एक कुर्सी रख लें और आगे की ओर झुककर उस कुर्सी की सीट को छूने की कोशिश करें | [८] X रिसर्च सोर्स
- एड़ियों को ऊपर उठाने से काफी मदद मिल सकती है | शुरुआत के लिए या तो पैरों को समानांतर या फिर ऊपर की ओर करके रखें | अपनी एड़ी को पीछे उठाते हुए नितम्बों को छूने की कोशिश करें |
- डंकी किक (donkey kick) आजमायें: एक कुर्सी के पीछे खड़े हो जाएँ और कुर्सी के पीछे हाथ रखें | घुटने को मोड़ते हुए अपने पीछे की ओर एक पैर उठायें | अब पैर को वापस जमीन पर रखें | ऐसा दोनों पैरों से रिपीट करें |
- अपने घुटने मोड़कर लेट जाएँ और ब्रिज बनायें | अपने हिप्स को धीरे-धीरे जमीन से थोड़ी ऊपर उठाते हुए ग्लूटियस (glutes) मसल्स को दबाएँ | खुद को वापस नीचे लाने से पहले थोड़ी देर तक ठहरें | यह एक्सरसाइज न केवल हैम स्ट्रिंग मसल्स पर काम करेगी बल्कि इससे हिप्स और ग्लूटियस का वर्कआउट भी हो जायेगा | [९] X रिसर्च सोर्स
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हिप्स और ग्लूटियस की एक्सरसाइज करें: हिप्स की फ्लेक्सर मसल्स और ग्लूटियस दोनों ही मसल्स पैर की मूवमेंट और मोबिलिटी कराती हैं | इन्हें स्ट्रोंग रखने से घुटनों पर बहुत ज्यादा प्रेशर नहीं पड़ता | इसके साथ ही, हिप्स और ग्लूटियस के लिए की जाने वाली कई एक्सरसाइज से हैमस्ट्रिंग मसल्स की एक्सरसाइज भी हो जाती है |
- सीपी या कौड़ी (calmshell) की पोजीशन आजमायें: घुटने मोड़कर करवट से लेट जाएँ | ऊपर वाले पैर के घुटने को ऊपर उठायें लेकिन पैर को जमीन से टच रखें | पैर नीचे लाने से पहले थोड़ी देर इसी पोजीशन में बने रहें | एक पैर से दस से बार तक रिपीट करें और इसके बाद दूसरे पैर से इसे दोहरायें | [१०] X रिसर्च सोर्स
- घुटनों की समस्या से जूझ रहे लोगों के लिए शॉर्ट रेंज वाले स्क्वेट्स (squats) बेहतर होते हैं | सीधे खड़े हो जाएँ और घुटने मोड़ते हुए और पीठ सीधी रखते हुए जमीन पर उठक-बैठक करें | इसे और भी ज्यादा सरल रूप से करने के लिए कुर्सी के सामने खड़े होकर, बैठकर और फिर से खड़े होकर भी कर सकते हैं |
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पूरी बॉडी की मसल्स को टोन करने वाली रिक्रिएशनल एक्टिविटी करें: अगर आपके पैरों की मसल्स स्ट्रोंग नहीं हैं तो घुटने भी स्ट्रोंग नहीं होंगे |
- पैरों की मसल्स को टोन करने के लिए योग एक कम इम्पैक्ट वाली एक्टिविटी है |
- पैरों और घुटनों की स्ट्रेंग्थ और फ्लेक्सिबिलिटी को बनाने के लिए स्विमिंग भी बेहतरीन उपाय है क्योंकि इससे घुटनों पर कोई बुरा असर नहीं पड़ता |
- ज्यादा जोर वाली एक्टिविटी के रूप में वॉकिंग और बाइकिंग करके भी घुटनों के शेप को मेन्टेन रखा जा सकता है |
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जंपिंग करते समय सावधानी रखें: जंपिंग एक्सरसाइज जैसे जम्प रोप, पैरों की मसल्स बनाने में तो मदद करती है लेकिन अगर आप इसे गलत ढंग से करते हैं तो घुटनों को नुकसान भी पहुँच सकता है | अगर आप जम्प करने का निर्णय लेते हैं तो इसे सही तरीके से करना सीख लें | स्ट्रैट घुटनों पर कूदकर वापस वज़न डालने से जॉइंट पर बहुत प्रेशर पड़ता है और इससे घुटनों को चोट पहुंचती है | घुटनों की मजबूती के लिए, घुटने मोड़कर और अपनी शिन (shin) को वर्टीकल रखकर आधी स्क्वेट पोजीशन में लैंड करें | अगर आप अपनी शिन को वर्टीकल रखते हुए लैंड नहीं कर पाते तो आपको एलाइनमेंट इशू हो सकते हैं | इस केस में कूदने या जम्प करने से बचें |
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अपनी डाइट में एंटी-इंफ्लेमेटरी फूड्स शामिल करें: जोड़ों में सूजन आने पर वे काफी कमज़ोर और पीड़ादायक बन जाते हैं इसलिए ऐसे फूड्स खाएं जो एंटी-इंफ्लेमेटरी फूड्स के तौर पर जाने जाते हैं जिससे घुटने भी स्ट्रोंग बने रहें | [११] X रिसर्च सोर्स
- फिश, फ्लेक्ससीड्स, ऑलिव ऑइल, अवोकेडो और साबुत फल और सब्जियों को एंटी-इंफ्लेमेटरी फूड्स के रूप में जाना जाता है |
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पर्याप्त विटामिन E लें: विटामिन E के बारे में कहा जाता है कि इसमें छिपे हुए एंजाइम होते हैं जो जॉइंट्स के कार्टिलेज में जाकर टूटते हैं | पालक, ब्रोकॉली, मूंगफली, आम और क़िवी विटामिन E के बेहतरीन सोर्स है | [१२] X रिसर्च सोर्स
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ज्यादा से ज्यादा कैल्शियम खाएं: घुटनों की स्ट्रेंथ के लिए हड्डियाँ स्वस्थ रहना बहुत जरुरी होती हैं इसलिए ऑस्टियोपोरोसिस से बचने के लिए कैल्शियम लेते रहें | गाय का दूध, योगर्ट, सोया, चीज़ और बकरी का दूध कैल्शियम के बेहतरीन सोर्स हैं | हरी पत्तेदार सब्जियों से भी काफी लाभ मिलता है |
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दर्द देने वाली एक्टिविटी करना बंद करें: अगर कुछ ख़ास एक्टिविटी करने पर घुटनों में दर्द होने लगे तो संभव है कि आपके घुटनों को लगातार मजबूती न मिल पाए | घुटनों को थोडा आराम देने के लिए कम इम्पैक्ट वाली एक्सरसाइज करें | कुछ महीनों बाद पैरों की मसल्स की स्ट्रेंग्थ और फ्लेक्सिबिलिटी पर फोकस करने से आप बिना किसी दर्द के अपनी पसंदीदा एक्टिविटी कर पाएंगे |
चेतावनी
- कठोर पक्की सतह पर बार-बार दौड़ने से समय के साथ-साथ घुटने खराब होते जाते हैं | हमेशा सही प्रकार के रनिंग शूज पहनें और जरूरत से ज्यादा रनिंग न करें |
- अगर कोई भी एक्टिविटी करने में दर्द फील हो तो उसे तुरन्त रोक दें |
- अपने पैर को इस तरह न मोड़ें जिससे घुटने अचानक साइड में घूम जाएँ | ऐसा करने से आपको घुटनों को एकसाथ थामे रहने वाले लिगामेंट्स में परमानेंटली स्ट्रेच या चोट लग सकती है (मसल्स की तरह लिगामेंट्स में खिंचाव नहीं हो पाता)|
- अपनी क्वेड्रीसेप्स (quadriceps) पर काम करने पहले, मसल्स को ढीला करने के लिए आपको क्वैड्स टेंडॉन्स (क्वेड्रीसेप्स से जुड़े टेंडॉन्स) को स्ट्रेच करना चाहिए |
रेफरेन्स
- ↑ https://www.peerwell.co/blog/2017/01/13/range-of-motion-after-joint-replacement-surgery/
- ↑ http://orthoinfo.aaos.org/topic.cfm?topic=a00325
- ↑ http://robertsontrainingsystems.com/blog/knee-stability-after-knee-surgery/
- ↑ http://www.runnersworld.com/health/build-better-knee
- ↑ https://www.pennmedicine.org/~/media/documents%20and%20audio/patient%20guides%20and%20instructions/musculoskeletal/knee_replacement_home_exercise_program.ashx?la=en
- ↑ https://www.allinahealth.org/Health-Conditions-and-Treatments/Health-library/Patient-education/Total-knee-Replacement/Strengthening-exercises-before-surgery/
- ↑ http://www.prevention.com/fitness/best-exercises-if-you-had-a-knee-replacement/slide/1
- ↑ http://www.arthritis-health.com/treatment/exercise/knee-stretches
- ↑ https://www.pennmedicine.org/~/media/documents%20and%20audio/patient%20guides%20and%20instructions/musculoskeletal/knee_replacement_home_exercise_program.ashx?la=en