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चिंता एक ऐसी भावना या अनुभव है, जिसे कभी न कभी, हर कोई महसूस करता है। चिंता के अटैक (या पैनिक अटैक) आना काफी खतरनाक हो सकता है, लेकिन थोड़ी सी हिदायत बरतकर और कुछ ध्यान देकर, आप इसके लक्षणों से राहत पा सकते हैं, चिंता को काफी हद तक कम कर सकते हैं, और साथ ही फ्यूचर में भी इन अटैक्स को आने से रोक सकते हैं। ये विकिहाउ आपको इन सबको करने में मदद करेगा।

विधि 1
विधि 1 का 4:

किसी पल में अपने आपको शांत करना (Calming Yourself in the Moment)

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  1. "ग्राउंडिंग (Grounding)" एक ऐसी विधि है, जिसमें आप अटैक के दौरान खुद को शांत करते हैं: पहले ऐसी पाँच चीजों की लिस्ट तैयार करें, जिन्हें आप देख सकते हैं, फिर चार चीज़ें, जिन्हें आप छू सकते हैं, तीन चीज़ें, जिन्हें सुन सकते हैं, दो ऐसी चीज़ें जिन्हें आप सूँघ सकते हैं और एक ऐसी चीज़ जिसे आप चख (टेस्ट कर) सकते हैं।
  2. अगर आपको पैनिक अटैक आ रहा है, तो ऐसे में आपके ओवरएक्साइटेड (hyperventilate, या अस्वाभाविक ढ़ंग से साँस ले रहे होंगे), होने की संभावना है। फिर चाहे आप न भी हों, फिर भी गहरी साँस लेने से स्ट्रेस को कम करने में मदद मिलेगी और साथ ही ये आपके दिमाग को ऑक्सीज़न भेजेगा, जिससे आपको ध्यान देने में मदद मिलेगी। [१] जब भी आपको ऐसा लगे, कि आपको अटैक आ रहा है, रुकें और आपकी साँसों को हल्का कर लें।
    • शुरुआत में आपकी साँसों को होल्ड करके देखें। इससे आपके मन में आपकी साँसों के अटकने या साँस न ले सकने की भावना को कम करने में मदद मिलेगी। [२]
    • अपनी साँसों को होल्ड करने के बाद, आपके डायाफ्राम (diaphragm) से धीमी-धीमी साँस लेना शुरू करें। आपके एक हांथ को आपकी छाती पर रखें और दूसरे को आपके पेट पर रखें। साँस लेते और छोड़ते वक़्त आपको आपका पेट फूलता और कम होता हुआ महसूस होगा, वहीं आपका दूसरा हांथ, जो ऊपर है, वो जैसे का तैसा रहना चाहिए। ऐसा करते वक़्त आप आपके कमरे में अकेले रहें और आपके द्वारा सुने जाने वाले साउंड के बारे में सोचने की कोशिश करें। [३]
    • 4 सेकंड तक आपकी नाक से साँस खींचें। आपकी साँस को 2-3 सेकंड तक होल्ड करके रखें। 5-6 सेकंड तक आपके मुँह के जरिये धीरे-धीरे साँस बाहर निकालें।
    • इस तरह से तब तक धीरे-धीरे साँस लेना जारी रखें, जब तक कि आपको आपकी मसल्स के रिलैक्सेशन में और आपके विचारों में अंतर न महसूस हो जाए।
  3. पैनिक अटैक के दौरान, आपके विचार उलझे हुए से महसूस होंगे। आपको एक ही वक़्त में न जाने कितनी भावनाएं महसूस होंगी, जो कि आपके अंदर चेतनाओं की “बाढ़” ला देगा। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि आपके शरीर ने आपकी हार्ट रेट और साँसों को बहुत ऊपर करके, आपके मसल्स को तनाव में डालकर और आपके ब्लड के प्रवाह को रोककर, आपके सहानुभूति तंत्रिका-तंत्र (सिंपथेटिक नर्वस सिस्टम) को “लड़ो या भागो” मोड पर एक्टिवेट कर दिया होगा। [४] इसके बजाय थोड़ा रुककर और आपकी सारी संवेदनाओं पर ध्यान देने में कुछ वक़्त बिताएँ। इस तरह से ये प्रोसेस सारी इन्फॉर्मेशन को अलग-अलग भागों में बाँटकर, आपके दिमाग में मौजूद “ऑटोमेटिक प्रतिक्रिया” या तनाव पर प्रतिक्रिया करने की आदत को एक अलग ढ़ंग से बदलने में मदद करेगा। [५]
    • आपके साथ जो कुछ भी हो रहा है, उसे बिना “सही” या “गलत” के तराजू में तौले, उसके बारे में ईजाद करने की कोशिश करें। उदाहरण के लिए, आप कुछ ऐसा नोटिस कर सकते हैं: “मेरा हार्ट कितनी तेज़ी से धड़क रहा है। मेरे हांथों में पसीना आ रहा है। मुझे ऐसा लग रहा है, कि मैं उल्टी करने वाला हूँ।”
    • फिर, खुद को ये बात याद दिलाएँ, कि ये सारे लक्षण चिंता के प्रतीक हैं। खुद से ये बात न कहें, कि आपको इन लक्षणों पर “काबू” पाना है -- इससे आपका पैनिक और भी घातक हो सकता है। [६] अपने आप से कहें, कि ये सारे ही अस्थायी लक्षण हैं और बहुत जल्दी ही जाने वाले हैं।
    • आप जहाँ हैं, वहीं पर आपकी संवेदनाओं की लिस्ट तैयार करते रहें। इससे, समय के साथ-साथ आपके दिमाग को ये बात महसूस करने में मदद मिलेगी, कि ये परिस्थिति असल में उतनी भी खतरनाक नहीं है। परिस्थिति से भागने के कारण आपके दिमाग में उस परिस्थिति और पैनिक के बीच में एक और गहरा नाता जुड़ता जाएगा। [७]
  4. कोग्निटिव डाइवर्जन (cognitive diversions) इस्तेमाल करके देखें: आप अगर पैनिक अटैक के बीच में हैं, तो ऐसे में एक अलग तरह के मानसिक विचलन के जरिये आपके मन को उस डर से अलग करने की कोशिश करें। उदाहरण के लिए, 100 से 3 के अंतर पर उल्टी गिनती शुरू कर दें, कार्यकाल के अनुसार प्रेसिडेंट्स की लिस्ट तैयार करने लगें, या फिर आपके फेवरिट सॉन्ग या कविता के बोल की व्याख्या करना शुरू कर दें। उस वक़्त तो अपने आपको इनमें से किसी एक ट्रिक (या इनमें से कुछ) का इस्तेमाल करने के लिए फोर्स करें, जब तक कि आप कुछ शांत न हो जाएँ।
    • ध्यान रखें, कि आपको अपना मन उस पैनिक की असली वजह से हटाने के लिए उसकी असली वजह को पूरी तरह से नहीं छोड़ देना है। आप जिस जगह पर हैं, वहीं से आपके पैनिक अटैक का सामना करें। नहीं तो आप खुद को उस जगह से या उस परिस्थिति को डर की नजर से देखना शुरू करना सिखा लेंगे, जिसकी वजह से आगे चलकर आपको और भी अटैक आ सकते हैं। [८]
  5. ये आपके शरीर के हर एक मसल ग्रुप को तनाव देने और रिलैक्स करने की एक प्रोसेस है। इससे आपको दो फायदे मिलते हैं, एक तो आपका ध्यान डर के अलावा किसी दूसरी बात पर चला जाता है, साथ ही आपके मसल्स भी रिलैक्स हो जाते हैं। पहले आपके चेहरे की मसल्स के साथ शुरुआत करें, फिर नीचे की ओर जाते हुए तब तक इसे करें, जब तक आपके शरीर के सारे मसल्स रिलैक्स नहीं हो जाते। [९]
    • मसल ग्रुप को 5-10 सेकंड के लिए तनाव में रखें, और फिर प्रैशर को रिलीज करें। आप इसे किसी एक मसल ग्रुप के लिए भी कई बार कर सकते हैं, लेकिन इसे एक बार करना भी काफी रहेगा।
    • आपके द्वारा तनाव देने और रिलैक्स कर सकने वाले मेजर मसल ग्रुप में, आपका जबड़ा, आपका मुँह (व्यग्र/रिलैक्स), बाँहें, हांथ, पेट, आपके कूल्हे, जाँघ, पिडलियाँ, और पैर शामिल हैं।
विधि 2
विधि 2 का 4:

आपकी चिंता को मैनेज करना (Managing Your Anxiety)

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  1. हालाँकि आपको महसूस होने वाली चिंता को कम करना है, लेकिन इसे पूरी तरह से नज़रअंदाज़ नहीं कर देना है। किसी भी भावना को नज़रअंदाज़ करना या उन्हें दबाकर रखना, उन्हें और भी ज्यादा शक्तिशाली और ज्यादा डर-पैदा करने वाला बना देता है। इस बात को स्वीकारें कि आप डरे हुए हैं और आपके द्वारा इस तरह से अनुभव करने में कुछ “सही” या “गलत” नहीं हैं। [१०]
  2. ये वो प्रोसेस है, जिसमें आप आपके अंदर चिंता-विकसित करने वाली भावना को रोकते हैं और उन्हें किसी ऐसे विचार से रिप्लेस कर देते हैं, जिससे आपको खुशी या शांति का अहसास हो। इससे आप एक ही बात कि रट लगाए रहने से बच जाते हैं, जो कि एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें आपके टूटे हुए-विचार एक ऐसे साइकल में अटक जाते हैं, जहाँ से आप किसी बात के बारे में सोचना बंद ही नहीं कर पते हैं। [११]
    • जैसे कि, शायद आपके मन में आपके आने वाले हवाई सफर के बारे में चिंता चल रही है और आप खुद को ऐसा सोचने से नहीं रोक पा रहे हैं, कि आपके साथ क्या होने वाला है, हो सकता है कि आप क्रैश हो जाएँ। पहले खुद से या तो ज़ोर से चिल्लाकर या फिर आपके मन के अंदर ही “रुको” कहकर, खुद के ऊपर ध्यान लगाएँ।
    • फिर, इसकी जगह किसी एक पॉज़िटिव या शांतिदायक बात को दे दें। उदाहरण के लिए, आप इन विचारों की जगह, आपके बेस्टफ्रेंड्स के साथ बिताए जाने वाली छुट्टियों और आपको आगे कितना मजा आने वाला है, जैसे विचारों को रख दें।
    • इस टेकनिक के सही ढ़ंग से काम कर सकने के लिए, इसे बहुत बार दोहरने की जरूरत पड़ेगी, तो ज़रा धैर्य रखें और आपके साथ संवेदना बरतें।
    • पैनिक अटैक के दौरान ये टेकनिक काम नहीं करेगी, क्योंकि पैनिक अटैक के दौरान आपको कोई भी स्पष्ट विचार या उससे संबंधित कोई विचार नहीं मिल पाएगा। लेकिन ये आपको चिंता की सामान्य भावना को मैनेज करने में जरूर मदद करेगी।
  3. गाइडेड इमेजरी के जरिये आपको शांत रहने में और चिंता की भावना को कम करने में मदद मिलेगी। [१२]
    • किसी ऐसी जगह के बारे में सोचें, जहाँ आपको शांति और आराम महसूस हो; ये आपका घर, एक फेवरिट वेकेशन स्पॉट या फिर आपको प्यार करने वाले के साथ रहना, हो सकता है।
    • आप जब इस प्लेस के बारे में सोचें, तब उस जगह या जगह के नजारे से जुड़ी हुई कुछ संवेदनात्मक डिटेल्स को जोड़ते जाएँ, ताकि आप आपका सारा ध्यान बस उसी को महसूस करने में लगा दें। आपकी आँखें खोलकर या बंद करके ऐसा करने की कोशिश करें, हालाँकि बंद आँखें इस प्रोसेस को और भी ज्यादा आसान बना देती हैं। आप आपके इस सेफ प्लेस में क्या देख सकते हैं, सूँघ सकते हैं, सुन सकते हैं और चख सकते हैं, के बारे में विचार करें।
    • जब भी आपको चिंता की भावना आती हुई महसूस हो, आपके इस सेफ प्लेस के बारे में सोचना शुरू कर दें। आपके द्वारा तैयार किए हुए स्पॉट में खुद को शांत और रिलैक्स महसूस करने की कोशिश करें। आप जब ज्यादा रिलैक्स महसूस करने लगें, फिर आप आपकी कल्पना से बाहर आ सकते हैं।
    • आप खुद से कुछ सवाल भी कर सकते हैं। क्या ये सच है और वर्तमान खतरा है? असल में, आप यहाँ “ऐसा हो, तो कैसा होगा” वाले स्टेटमेंट्स इस्तेमाल करेंगे और किसी ऐसी बात को लेकर परेशान होंगे, जो आज तक न हुई हो। इस बात को महसूस करें, कि आपको डर लग रहा है, लेकिन आप किसी खतरे में नहीं हैं। किसी परिस्थिति से खतरे को अलग कर देने से आपको ज़रा रिलैक्स होने में मदद मिलेगी।
  4. अगर आपको बहुत ज्यादा पैनिक अटैक आते हैं या चिंता महसूस होती है, तो एक डायरी तैयार रखें, जिसमें आप आपकी भावनाओं के बारे में सबकुछ लिख सकें। आपको क्या फील होता है, किस बात से डर लगता है, उस डर के प्रति आपके क्या विचार और मत हैं और आपका ये अनुभव कितना प्रबल है, इन सबको लिखें। इन्हें लिख लेने से आपको आपके विचारों पर ध्यान लगाने में मदद मिलेगी और आपके द्वारा लिखी हुई बातों को पढ़ने या बीती बातों को महसूस करने की वजह से आपको चिंता को ज्यादा बेहतर तरीके हैंडल करने में मदद मिलेगी। [१३]
    • शुरू-शुरू में आपको ऐसा लगेगा, कि आपके पास में बोलने के लिए कुछ भी नहीं है। उस परिस्थिति के बारे में जाँच करते रहें, जिसकी वजह से आपको चिंता महसूस हुई। जैसे-जैसे आप खुद को थामना और उस परिस्थिति के बारे में सोचना सीख लेंगे, फिर आप आपके उन विचारों और फीलिंग्स को पकड़ने में भी कुशल हो जाएंगे, जिनकी वजह से आपको चिंता हुई थीं।
    • आप जब डायरी में लिख रहे हों, तब अपने प्रति करुणा बनाए रखें। आपके विचारों को और अपने आप को जज न करें। याद रखें: जरूरी नहीं है कि आप आपकी भावनाओं और फीलिंग्स पको काबू में नहीं रख सकते, और इनमें से कोई भी भावना “सही” या “गलत” नहीं होती। आप सिर्फ आपकी प्रतिक्रियाओं को काबू में कर सकते हैं।
  5. आपकी फिजिकल हैल्थ का ध्यान रखने की वजह से आपकी मेंटल हैल्थ भी सही रहेगी। कुछ हैल्दी एक्सरसाइज़ और अच्छी डाइट की आदत से आपकी “चिंताएँ” नहीं खत्म होंगी, लेकिन ये आपको इन्हें मैनेज करने में जरूर मदद करेंगे।
    • एक चोटी सी एक्सर्साइज़ करें: आपकी बॉडी को एक्टिव रखने से, खासकर ऐरोबिक एक्सर्साइज़ के जरिये, एंडोर्फिंस (endorphins) रिलीज होता है, जो आपके अंदर शांति और खुशी की भावना को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होते हैं। [१४]
    • उत्तेजकों से दूर रहें। कुछ उत्तेजक, जैसे कैफीन और निकोटिन आपको चिड़चिड़ा और परेशान बना सकते हैं, और साथ ही ये आपकी मौजूदा चिंता को और भी बदतर बना देते हैं। [१५] कुछ लोग गलती से ऐसी गलत धारणा बना लेते हैं, कि स्मोकिंग करने से उनके नर्व्स शांत हो जाते हैं, लेकिन ये बात सच नहीं है। निकोटिन पर आश्रित रहने के कारण, अगर आपको इसकी पूरी मात्रा नहीं मिल पाती, तो ये आपके अंदर स्ट्रेस और चिंता की भावना बढ़ा देती है, और स्मोकिंग तो आपकी सेहत के लिए घातक रूप से हानिकारक है।
    • बेलेंस्ड डाइट लें। अभी तक ऐसा कोई “जादुई खाना” नहीं मिला है, जो आपकी चिंता की भावना को रोक या कम कर सके। हालाँकि, प्रोसेस्ड फूड और हाई-शुगर फूड का सेवन न करने और भरपूर मात्रा में लीन प्रोटीन, साबुत अनाज जैसे कॉम्प्लेक्स कार्बोहायड्रेट्स और ताजे फल और सब्जियाँ खाने से से मदद जरूर मिल सकती है। [१६]
  6. एक जगह खाली बैठना और आपकी चिंता के बारे में लगातार सोचते रहना, आपकी स्थिति को और बदतर बना सकता है और साथ ही ये आपके पैनिक को काबू में करना और बदतर बना सकता है। कोई एक टास्क करते हुए आपके मन और शरीर को भटकाने की कोशिश करें; साफ-सफाई करें, ड्राइंग करें, किसी फ्रेंड से बात करें, और हर वो काम करें, जो आपको बिजी रख सके।जहाँ तक हो सके तो ऐसा कोई काम करें, जिसे आप एक हॉबी की तरह एंजॉय करते हों। [१७]
    • गरम पानी से नहाएँ या शावर लें। स्टडीज़ के मुताबिक, लोगों के द्वारा गरम पानी से नहाने और फिजिकल गर्माहट के काफी आरामदायक और रिलैक्सिंग परिणाम सामने आए हैं। [१८] नहाने के पानी नींबू के रस की कुछ बूंदें, जैसमिन या लैवेंडर ऑइल मिलाकर देखें। इन सारे एशेंसियल ऑइल के शांतिदायक प्रभाव देखे गए हैं। [१९]
  7. ऐसे कुछ गानों की एक प्लेलिस्ट तैयार कर लें, जिनको सुनकर आपको आराम मिलता है या जिनसे आपको खुशी मिलती है। फिर आगे जब भी आपको चिंता महसूस हो, उस वक़्त आप खुद को रिलैक्स करने के लिए इन गानों को सुन सकते हैं। अगर हो सके तो आपका पूरा ध्यान सिर्फ म्यूजिक पर ही लगाए रखने के लिए नोइज़-कैंसलेशन हैडफोन्स इस्तेमाल करें। आप जब इसे सुनें, तो इसमें प्ले होने वाले अलग-अलग पार्ट्स, साउंड, और गाए जाने वाले बोल की ओर ध्यान दें। ये आपके मन को डर के बारे में सोचने से दूर करने में मदद करेगा। [२०]
    • हो सके तो, एक स्लो बीट्स (1 मिनट में लगभग 60 बीट्स) वाले और रिलेक्सिंग बोल वाले (या बिना बोल वाले) गाने सुनें। [२१] तेज़ बीट और गुस्से से भरे बोल वाले गाने आपके स्ट्रेस को और ज्यादा बढ़ा सकते हैं। [२२]
  8. आप अगर चिंता में बहुत बुरी तरह से जकड़े हुए हैं और उससे बाहर नहीं निकल पा रहे हैं, तो ऐसे में आपके फ्रेंड या फैमिली मेंबर को मदद के लिए बुला लें। उन्हें आपको आपकी पैनिक भावनाओं से भटकाने में मदद करने दें और साथ ही उनकी मदद से आपके डर को समझने की कोशिश करें, ताकि आप तनाव की भावना से उबर सकें। आपको अगर बहुत ज्यादा जल्दी पैनिक अटैक आते हैं, तो किसी एक दोस्त को इसके इलाज के विभिन्न साधनों के बारे में प्रशिक्षित करें ताकि अच्छी तरह से जान सकें कि जरूरत पड़ने पर उन्हें आपको कैसे मदद करना है।
विधि 3
विधि 3 का 4:

प्रोफेशनल मदद की तलाश करें (Seeking Professional Help)

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  1. अगर आपको कुछ समय से बहुत ज्यादा गहरे और घातक पैनिक अटैक आ रहे हैं, तो ऐसे में थेरेपी और सलाह के लिए आपके लोकल मेंटल हैल्थ प्रोफेशनल से मिलकर आएँ। आपको पैनिक डिसऑर्डर या और भी जनरलाइज्ड चिंता संबंधी डिसऑर्डर हो सकता है, इन दोनों का ही इलाज़ एक प्रशिक्षित प्रोफेशनल के द्वारा किया जा सकता है।
    • कोग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी (Cognitive-Behavioral Therapy/CBT) चिंता संबंधी डिसऑर्डर का एक बेहद कॉमन और प्रभावी इलाज़ है। इस तरह की थेरेपी आपको सोचने और परिस्थितियों पर प्रतिक्रिया करने के बेकार तरीकों को पहचानने और बदलने के लिए शिक्षण देने पर केंद्रित होती है। इससे आपके अंदर किस वक़्त पर आपके विचार, जरूरत के अनुसार मेल नहीं खा रहे हैं, और किसी भी स्थिति में सोचने और प्रतिक्रिया देने के मददगार तरीकों की समझ आ जाएगी। [२३]
    • कुछ मामलों में, अगर आपके पैनिक को कंट्रोल कर सकने के बाकी तरीके सही ढ़ंग से काम नहीं करते हैं, तो ऐसे में आपके फिजीशियन या सायकेट्रिस्ट आपको चिंता पर काबू करने वाली दवाइयाँ भी लिखकर दे सकते हैं। [२४]
  2. कुछ कम्यूनिटी में एक लाइसेंस्ड मेंटल हैल्थ प्रोफेशनल को ढूँढ पाना काफी कठिन होता है, खासतौर पर तब जब आपकी सैलरी कम हो या फिर आपके पास में एक प्रतिबंधित इनश्योरेंस प्लान हो। जैसे कि हर एक मेडिकल डॉक्टर आपको सायकोथेरेपी नहीं दे सकते -- ये तो एक सायकेट्रिस्ट का ही काम है -- ये आपके अंदर मौजूद किसी बीमारी, जैसे कि चिंता या डिप्रेशन को पहचानकर, और आपके लिए मेडिसिन की सलाह भी दे सकते हैं।
    • फैमिली डॉक्टर भी आपके एरिया में मौजूद मेंटल हैल्थ प्रोवाइडर का पता दे सकते हैं।
  3. कम्यूनिटी क्लीनिक्स या अन्य रिसोर्सेस की तलाश करें: अगर आपको लगता है, कि आपके पास में थेरेपी कराने की गुंजाइश नहीं है, तो फिर काम-खर्च के विकल्पों को पाने की लिए आपकी कम्यूनिटी में ही तलाश करें। ऐसे बहुत सारे टाइप के विकल्प हैं, जो आपको मिल सकते हैं। [२५]
    • किसी संघ के द्वारा फंड के जरिये तैयार किए हुए सेंटर में आपको मेंटल हैल्थ ट्रीटमेंट मिल सकता है। आप आपके एरिया के अनुसार ऑनलाइन भी इस तरह के सेंटर्स की तलाश कर सकते हैं।
    • थेरेपिस्ट से स्लाइडिंग स्केल (sliding scales) के बारे में पूछें। कुछ थेरेपिस्ट और क्लीनिक्स “स्लाइडिंग फी स्केल (sliding fee scale)” की सुविधा दिया करते हैं, इसका मतलब कि आपकी फीस आपकी सैलरी के ऊपर निर्भर करेगी।
    • बहुत सारे कॉलेज और यूनिवर्सिटी भी मेंटल हैल्थ सर्विस की सुविधा दिया करते हैं। कभी-कभी ये सब स्टूडेंट्स के लिए रिजर्व हुआ करते हैं, लेकिन कुछ बड़ी यूनिवर्सिटी, कम्यूनिटी क्लीनिक की सुविधा दिया करती हैं, जिनमें ट्रेनिंग पा रहे स्टूडेंट्स, प्रोफेशनल लोगों की निगरानी में आपको सर्विस प्रदान करते हैं। इस तरह के क्लीनिक्स काफी सस्ते हुआ करते हैं।
विधि 4
विधि 4 का 4:

पैनिक अटैक को पहचानना (Identifying a Panic Attack)

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  1. पैनिक अटैक किसी को भी हो सकता है, लेकिन इसकी उन लोगों को होने की ज्यादा संभावना होती है, जिन्हें पैनिक डिसऑर्डर हो, एक चिंता संबंधी डिसऑर्डर हो, जिसमें उसे काफी तीव्र चिंता या डर महसूस हो। ये सिर्फ किसी खतरनाक या डरावनी परिस्थिति से ही नहीं, बल्कि किसी भी परिस्थिति के कारण उभर सकते हैं। पैनिक अटैक के फिजिकल लक्षणों में ये लक्षण शामिल हैं: [२६]
    • छाती में दर्द होना। ये अक्सर ही आपके शरीर में किसी एक जगह पर होता है, न कि हार्ट अटैक की तरह शरीर के पूरे बाँये तरफ। [२७]
    • चक्कर आना या बेहोशी।
    • दम घुटना।
    • मितली या उल्टी आना। दिल के दौरे के मुक़ाबले, पैनिक अटैक में कम उल्टी हो सकती है।
    • नंबनेस या अजीब सी भावना महसूस होना।
    • तेज धडकन।
    • साँसों की कमी।
    • पसीना आना, चिपचिपी स्किन या गर्मी लगना।
    • कांपना या थरथराना।
  2. फिजिकल लक्षणों के साथ ही, पैनिक अटैक अक्सर ही अन्य भावनाओं के साथ आते हैं। इनमें ये शामिल हैं: [२८]
    • बहुत ज्यादा डर लगना
    • मृत्यु का भय
    • काबू खोने का डर
    • विनाश की भावना
    • अलगाव की भावना
    • असमानता की भावना
  3. पैनिक अटैक और हार्ट अटैक के बीच में अंतर की पहचान करें: पैनिक अटैक और हार्ट अटैक के लक्षण अक्सर ही कुछ मायनों में मेल खाते हैं। [२९] अगर आपको इस बारे में ज़रा भी शक है, कि आपको पैनिक अटैक आया है या फिर हार्ट अटैक, तो फौरन ही किसी इमरजेंसी मेडिकल हैल्प के लिए कॉल करें। हार्ट अटैक के लक्षणों में, ये शामिल हैं: [३०]
    • छाती का दर्द। हार्ट अटैक में, अक्सर ही ये दबाव, एकदम भरा हुआ सा या एकदम जैसे आपको दबा दिया जा रहा है, ऐसा महसूस होता है। ये अक्सर कुछ मिनटों से ज्यादा देर तक रहता है।
    • शरीर के ऊपरी भाग में दर्द होना। हार्ट अटैक में आपकी बाँहों, गर्दन, जबड़े या पेट के भाग में दर्द हो सकता है।
    • साँसों में कमी। ये छाती में दर्द होने के पहले महसूस होता है।
    • चिंता। आपको अचानक से डर या विनाश की भावना महसूस होने लगेगी।
    • चक्कर आना या बेहोशी
    • पसीना आना।
    • मितली या उल्टी आना। हार्ट अटैक में पैनिक अटैक के मुक़ाबले ज्यादा उल्टी आने की संभावना होती है। [३१]
  4. चिंता और पैनिक अटैक के बीच में अंतर की पहचान करें: एक समय पर हर किसी के मन में तनाव, और यहाँ तक कि चिंता की भावना आती ही है। हालाँकि, कुछ लोगों के लिए ये चिंता की भावना किसी परिस्थिति के कारण जन्म देती है, जैसे कि, कोई बहुत बड़ा टेस्ट देना या फिर कोई बहुत जरूरी निर्णय लेना। जब ये परिस्थिति निपट जाती है, तब ये चिंता भी छूमंतर हो जाती है। चिंता संबंधी डिसऑर्डर वाले लोगों के अंदर अन्य लोगों की तुलना में बहुत जल्दी-जल्दी चिंता की भावना जन्म लेती है। [३२] [३३]
    • पैनिक अटैक अक्सर ही 10 मिनट के अंदर इसके उच्चतम सीमा पर पहुंचता है, हालाँकि कुछ लक्षण और ज्यादा वक़्त तक रह जाते हैं। [३४] कुछ सामान्य तनाव या चिंता के लक्षण जरा ज्यादा वक़्त तक रहते हैं, लेकिन ये बहुत ज्यादा उत्तेजित नहीं होते हैं।
    • पैनिक अटैक के लिए किसी खास वजह की जरूरत नहीं होती है। ये कभी भी, किसी भी वजह से आ सकता है।

सलाह

  • कैमोमाइल (Chamomile), कुछ लोगों को शांत और रिलैक्स महसूस करने में मदद कर सकती है। हालाँकि, कुछ लोगों को इससे एलर्जी भी रहती है और ये आपकी मेडिसिन के संपर्क में भी आ सकती है, तो इसलिए कैमोमाइल का इस्तेमाल करने से पहले अपने डॉक्टर से इस बारे में सलाह ले लेना बेहतर विचार रहेगा। [३५]
  • अगर आपको रात में काफी देर से पैनिक अटैक आता है, तो कमरे में ही चारों तेजी से चलें और गहराई के साथ साँसों को अंदर खीचें और छोड़ें।
  • हर रोज एक्सर्साइज़ करें, कुछ ऐसी रिलैक्सेशन टेकनिक सीख लें, जो आपके तनाव को कम कर सके और ज़रा ज्यादा देर तक नींद लिया करें। चिंताग्रस्त लोगों के लिए नींद एक ऐसी जरूरी चीज़ होती है, जिसे उन्हें कभी भी नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए।
  • फिर चाहे ये बात कुछ लोगों के लिए काफी स्पष्ट हो सकती है, लेकिन एक बात हमेशा याद रखें, कि आपका परिवार हमेशा आपको प्यार देने, आपकी परवाह करने और आपको सपोर्ट करने के लिए आपके साथ रहेगा। उनके साथ में अपनी परेशानियों के बारे में बात करने से कभी न कतराएँ, फिर चाहे ये बात कितनी भी अजीब क्यों न हो।
  • अगर आपको पैनिक अटैक आया हुआ है, तो इसके बीच में सोने की कोशिश न करें, क्योंकि इतना ज्यादा तनाव आपके लिए सोना और भी ज्यादा मुश्किल बना सकता है। आप अगर सोने से पहले रिलैक्स होने की कोशिश कर रहे हैं (गहरी साँस लेकर या शांत होने की दूसरी किसी टेकनिक से), खुद को रिलैक्स करना और अच्छी नींद लेना, ये दोनों ही टेकनिक, धीरे-धीरे काफी हद तक आपको शांत होने में मदद करेंगी।
  • कुछ चीजों (आपके फेवरिट सॉन्ग, मूवीज आदि) की लिस्ट बनाने की कोशिश करें या सिर्फ गिनती करें या फिर अल्फाबेट्स को ही गुनगुनाएँ। ये आपके मन को चिंता से दूर ले जाने में मदद करेगा और साथ ही आपका ध्यान दूसरी ओर लगाएगा।
  • अरोमाथेरेपी, पैनिक अटैक के बीच में भी काफी मददगार हो सकती है। आप जब भी स्ट्रेस महसूस करें, तब व्हाइट नोइज़ भी आपको शांत रहने में मदद कर सकती है।
  • आप अगर माइंडफुलनेस या जपने वाली माला का इतेमाल करते हैं, तो ये पैनिक अटैक के दौरान काफी मददगार साबित हो सकती हैं, जैसे कि आप खुद को शांत करने और अपने विचारों को और किसी तरफ मोड़ने के लिए इनका इस्तेमाल कर सकते हैं।

चेतावनी

  • अगर आपको बार-बार और बहुत जल्दी-जल्दी अटैक्स आया करते हैं, तो ऐसे में जल्दी से जल्दी प्रोफेशनल हेल्प की तलाश करना उचित रहेगा। इलाज में देरी करने से आपकी समस्या और बड़ा रूप ले लेगी।
  • अगर आपको आपके अटैक के पैनिक अटैक होने या हार्ट अटैक होने के बीच का अंतर नहीं समझ आ रहा है, तो ऐसे में इमरजेंसी में मेडिकल हेल्प लेने के बारे में विचार करना सही रहेगा।

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  1. http://mentalhealthsf.org/six-simple-habits-that-defeat-anxiety/
  2. https://counselling.anu.edu.au/brochure/10-best-ever-anxiety-management-techniques
  3. http://prtl.uhcl.edu/portal/page/portal/COS/Self_Help_and_Handouts/Visualization
  4. https://www.psychologytoday.com/blog/shyness-is-nice/201404/how-keep-thought-diary-combat-anxiety
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