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आपकी बैटरी अनेक कारणों से इतनी कमज़ोर हो सकती है कि उससे आपकी कार स्टार्ट न हो सके, और ये कारण हो सकते हैं ठंड के कारण चार्ज कम हो जाना, बैटरी पुरानी होना, रात भर लाइट्स जलती छूट जाना आदि। कारण चाहे जो भी हो, आप कमज़ोर बैटरी को काम लायक बनाने के लिए, जम्पर केबल्स से, कमज़ोर बैटरी को, एक चालू बैटरी से जोड़ सकते हैं। केबल्स (cables) को क्लैंप (clamp) करना शुरू करने से पहले बस यह ध्यान रखिएगा कि दोनों बैटरीज़ एक ही साइज़ की हों। कमज़ोर बैटरी को उससे इतना पर्याप्त चार्ज मिल जायेगा कि कार फिर से स्टार्ट होने लगेगी।
चरण
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कारों को ऐसे पार्क करिए कि बैटरीज़ एक दूसरे के निकट रहें: लाइव बैटरी वाली कार को, जो कि डोनर (donor) कार होगी, कमज़ोर बैटरी वाली कार की ओर लाइये। आम तौर पर बैटरी कार के हुड (hood) के नीचे होती हैं, इसलिए आप कारों को एक दूसरे के बग़ल में खड़ी कर सकते हैं या एक दूसरे के आमने सामने। हालांकि यह ध्यान रहे कि उनको एक दूसरे से छूना नहीं चाहिए! [१] X रिसर्च सोर्स
अगर आप बैटरी को लोकेट (locate) न कर सकें, तब ओनर्स मैनुअल देखिये। उसमें यह बताया गया होगा कि बैटरी कहाँ है और उस तक कैसे पहुंचा जा सकता है।
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दोनों कारों में पार्किंग ब्रेक्स लगा दीजिये: पार्किंग ब्रेक्स से यह सुनिश्चित होता है कि जब आप बैटरी को जम्प (jump) करते हैं तब दोनों कारें अपनी जगह स्थिर रहें। अगर आपकी कार में गियर स्टिक हो तब उसका इस्तेमाल करिए। ब्रेक लगाने के लिए स्टिक को “P” या “Park” पर शिफ्ट करिए। कार “N,” या “Neutral,” पर सेट करने से भी वो रोल (roll) करने से बच जाएगी। अगर आपकी कार में मैनुअल ट्रांसमीशन हो, तब उसे न्यूट्रल पर सेट करिए, और एमर्जेंसी ब्रेक लगा दीजिये। [२] X रिसर्च सोर्स
- एमर्जेंसी ब्रेक, गियर स्टिक के या गैस पेडल (gas pedal) के निकट हो सकता है।
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कारों को बंद कर दीजिये और चाभी निकाल लीजिये: सुनिश्चित करिए कि डोनर कार बिलकुल बंद हो। आपको सुनाई पड़ना चाहिए कि इंजन बंद हो गया है, और आप रेडियो चला कर भी देख सकते हैं कि कहीं कोई पावर चालू तो नहीं है। इसके साथ ही कमज़ोर बैटरी वाली कार में से भी चाभी निकाल लीजिये ताकि जब जम्पर केबल्स लगे हों, तब वो चल न पड़े। [३] X रिसर्च सोर्स
- ऐसा करने से दोनों इंजन पावर सर्ज (power surge) होने से बच जाते हैं और बिजली का झटका लगने का खतरा कम हो जाता है।
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बैटरीज़ को यह देखने के लिए चेक करिए कि उन दोनों का वोल्टेज समान हो: वोल्टेज किसी ऐसी जगह छपा होगा, जो स्पष्ट दिखाई पड़ती हो, और यह आम तौर पर बैटरी के टॉप पर लगा एक सफ़ेद या पीला स्टिकर होता है। उसमें ऐसा “12V” जैसा कुछ लिखा होगा। लाइव बैटरी को कमज़ोर बैटरी से मैच करना चाहिए वरना उससे ख़तरनाक करेंट जा सकता है जो कि कार के सिस्टम्स (systems) को जला देगा। [४] X रिसर्च सोर्स
- एक-समान वोल्टेज वाली बैटरीज़ का साइज़ एक-समान होगा। तब भी संभावित नुकसान से बचने के लिए लेबल पर वोल्टेज देख ही लीजिएगा।
- अगर आपको बैटरी के बारे में पक्का पता न हो, तब यदि संभव हो तो जोखिम मत ही उठाइएगा। दूसरी डोनर बैटरी का इंतज़ाम करिए या रीचार्जेबल बैटरी पैक का इस्तेमाल करिए।
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प्रत्येक कार में पॉज़िटिव तथा निगेटिव बैटरी टर्मिनल लोकेट कर लीजिये: आम तौर पर जो केबल्स पॉज़िटिव टर्मिनल की ओर जा रहे होंगे, वे लाल होते हैं। निगेटिव टर्मिनल के केबल्स काले होते हैं। अगर आपको पक्का पता न हो, पॉज़िटिव और निगेटिव टर्मिनल्स को चिन्हित करने के लिए “+” तथा “-” निशान भी होंगे। लाल केबल्स “+” टर्मिनल को जाएँगे और काले केबल्स “-” टर्मिनल को। [५] X रिसर्च सोर्स
- टर्मिनल्स को पहले देखिये कि उनमें कोरोज़न (corrosion) तो नहीं हुआ है। वो सफ़ेद, हरे और नीले पावडर की तरह दिखाई पड़ता है। किसी रैग या तार के ब्रश से पोंछ कर उसको साफ कर दीजिये।
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तारों को ज़मीन पर फैला कर जम्पर केबल क्लैंप्स को अलग-अलग कर लीजिये: तारों को दोनों कारों के बीच ज़मीन पर फैला दीजिये। क्लैंप्स को ऐसे अलग कर दीजिये ताकि वे एक दूसरे से छू न जाएँ। ग़लती से भी अगर वे एक दूसरे से छू जाएँगे, तब आपकी कार के इलेक्ट्रिकल सिस्टम में शॉर्ट सर्किट हो सकता है। [६] X रिसर्च सोर्स
- आम तौर पर जम्पर केबल्स की लीड्स अलग-अलग लंबाई की बनाई जाती हैं ताकि वे एक दूसरे छू न जाएँ। अगर वे एक ही लंबाई की हों, तब यह सुनिश्चित कर लीजिये कि उनमें कोई परिवर्तन या नुकसान न किया गया हो।
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लाल क्लैंप को कमज़ोर बैटरी के पॉज़िटिव टर्मिनल से जोड़िए: जब आप क्लैंप को कार के पास लाएँ, तब बाकी जम्पर केबल को ज़मीन पर ही पड़ा रहने दीजिये। क्लैंप लगाने से पहले बैटरी पर “+” तथा “-” लेबल्स को दोबारा चेक कर लीजिये। खोलने के लिए क्लैंप को स्क्वीज़ (squeeze) करिए, फिर उसको धातु के टर्मिनल में सुरक्षित रूप से फ़िट कर दीजिये। [७] X रिसर्च सोर्स
- कुछ वेहिकल्स में कनेक्शन करने से पहले आपको पॉज़िटिव टर्मिनल पर से प्लास्टिक कवर हटाना पड़ सकता है। आप उसको हाथ से काउंटरक्लॉकवाइज़ घुमा कर हटा सकते हैं।
- एक बार में एक करके, क्लैंप कनेक्ट करिए। ऐसी ग़लतियाँ करने से बचने के लिए, जिनसे आपकी वेहिकल में नुकसान हो सकता हो, यह सब धीरे-धीरे करिए।
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दूसरे लाल क्लैंप को डोनर बैटरी के पॉज़िटिव टर्मिनल से लगाइये: क्लैंप को दूसरी कार तक ले जाइए ताकि आप उसे सही टर्मिनल पर लगा सकें। यह सुनिश्चित कर लीजिएगा कि वो ठीक से लगा हो और बाद में जब इंजन चलने लगे तब वो फिसल न जाये। [८] X रिसर्च सोर्स
- लाल क्लैंप लगाते समय याद रखिएगा कि लाल को लाल से और पॉज़िटिव टर्मिनल को पॉज़िटिव टर्मिनल से मैच कराएं।
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एक काले क्लैंप को डोनर बैटरी के निगेटिव टर्मिनल से कनेक्ट करिए: काले क्लैंप को लीजिये और उसे लाइव बैटरी तक लाइये। काला क्लैंप बैटरी के “-” टर्मिनल पर फ़िट हो जाता है। जब तक वो “+” टर्मिनल या लाल क्लैंप को नहीं छूएगा, तब तक सब ठीक रहेगा।
- अगर आप क्लैंप को ग़लत तरीके से लगा देंगे तब कार चालू करने से पहले रुक जाइए। एक बार में एक करके, क्लैंप्स को ध्यान से निकालिए, और यह ध्यान रखिएगा कि वे एक दूसरे से छूएँ नहीं।
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दूसरी काली लीड को कार की बिना पेंट की हुई सतह से क्लैंप कर दीजिये: काला क्लैंप बैटरी के टर्मिनल से कनेक्ट नहीं किया जाएगा। उसकी जगह, कोई अन्य जगह चुन लीजिये जैसे कि इंजन ब्लॉक में कोई साफ़ बोल्ट। आप हुड के नीचे कार की बॉडी के किसी बिना पेंट किए हुये भाग में भी क्लैंप लगा सकते हैं। [९] X रिसर्च सोर्स
- जब तक कोई अन्य विकल्प ही न हो, तब तक प्रयास करिए कि क्लैंप को कमज़ोर बैटरी से न लगाएँ। इससे चिंगारियाँ बनती हैं और कार के ऑन (on) किए जाने पर हाइड्रोजेन के धुएँ में आग लग सकती है।
- धातु की सतह ढूँढने के लिए बहुत नीचे तक जाने की ज़रूरत नहीं है। वहाँ पर ईंधन के पाइप होते हैं और बेहतर होगा कि क्लैंप को उनसे दूर ही रखा जाये।
- यह सुनिश्चित करिएगा कि जम्पर केबल, इंजन कम्पार्टमेंट में झूलता न रहे, चूंकि वो वहाँ पर चलने वाले हिस्सों में उलझ सकता है।
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डोनर वेहिकल को स्टार्ट करिए और थोड़े समय तक आइडल करिए: इंजन स्टार्ट करने के लिए इग्नीशन चाभी का इस्तेमाल करिए। जब कमज़ोर बैटरी में से करेंट बहेगा तब लाइट्स, रेडियो जैसे इलेक्ट्रिकल सिस्टम चालू हो जाएँगे। आप दूसरी कार स्टार्ट करने की कोशिश करें, उससे पहले पावर बनने के लिए कम से कम 30 सेकंड का समय दीजिये। [१०] X रिसर्च सोर्स
- कमज़ोर बैटरी की उम्र और स्थिति के आधार पर, उसे चार्ज होने के लिए अधिक समय भी लग सकता है।
- अगर आप चाहते हैं कि कमज़ोर बैटरी को और अधिक पावर दी जाये, तब गैस पेडल को इतना दबाइए कि आरपीएम लगभग 3,000 तक पहुँच जाये।
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कमज़ोर बैटरी वाली कार के इंजन को चालू करिए: कार को सक्रिय करने के लिए चाभी को इग्नीशन में घुमाइए। इलेक्ट्रिकल सिस्टम्स को तुरंत सक्रिय हो जाना चाहिए। अगर लाइट्स, रेडियो, या अन्य इलेक्ट्रिकल कम्पोनेंट्स चालू नहीं होते हैं तब शायद आपको बैटरी को थोड़ा और समय देना होगा। कार को बंद करिए, सुनिश्चित करिए कि केबल्स ठीक से लगे हैं, और फिर पावर सप्लाई बढ़ाने के लिए काम करने वाली कार की रेव्विंग (revving) का प्रयास करिए। [११] X रिसर्च सोर्स
- अगर कई प्रयास करने के बाद भी कार स्टार्ट नहीं होती है, तब शायद कोई और ही समस्या हो। हो सकता है कि उसका कोई फ़्यूज़ उड़ गया हो।
- अगर कार की लाइट्स तो जल जाती हैं, मगर इंजन स्टार्ट नहीं होता है, तब इसका मतलब यह है कि बैटरी ठीक है। हो सकता है कि जब आप स्टार्ट करने की कोशिश करें, तब आपको क्लिक की आवाज़ सुनाई पड़े। इसका मतलब यह है कि स्टार्टर में गड़बड़ी है।
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काले क्लैंप्स से शुरू करके, जम्पर केबल्स को विपरीत क्रम में निकालिए: पहले जैसे लगाए थे, ठीक उसके विपरीत क्रम में काम करके केबल्स निकालिए। निगेटिव ग्राउंडिंग केबल जिसे किसी धातु के हिस्से में लगाया था, से शुरुआत करिए। काला क्लैंप निकालिए, उसके बाद डोनर बैटरी से लाल क्लैंप निकालिए। सबसे अंत में नई चार्ज हुई बैटरी से लाल क्लैंप निकाल कर काम समाप्त करिए। [१२] X रिसर्च सोर्स
- कार को चालू हालत में छोड़ दीजिये जिससे कि उसे चार्ज करने का समय मिल जाये वरना आपको उसे फिर से जम्प करना पड़ेगा।
- केबल्स का इस्तेमाल सावधानी से करिए। ध्यान रखिएगा कि जब तक वे बैटरी से निकल न जाएँ, तब तक क्लैंप्स एक दूसरे से न छूएँ।
सलाह
- कुछ वेहिकल्स में पूरी बैटरी के ऊपर प्लास्टिक कवर होता है जिसे आपको केबल्स लगाने से पहले हटाना होता है। आप इसे उखाड़ कर या स्क्रू खोल कर हटा सकते हैं।
- जिस कार को हाल ही में जम्प किया गया हो, बैटरी चार्ज करने के लिए उसे 15 मिनट की ड्राइव के लिए ले जाइए।
- कुछ कारों में बैटरियाँ सीट के नीचे या कार के ट्रंक में होती हैं। इन कारों में भी हुड के नीचे एक जम्प पोर्ट हो सकता है जिस पर एक लाल कवर होगा और उस पर “+” का निशान होगा। कवर हटाने के बाद लाल जम्पर केबल को उस पर क्लैंप कर दीजिये।
- छोटे केबल अच्छा काम करते हैं, क्योंकि विद्युत करेंट को कम दूरी तय करनी पड़ती है। लंबे केबल्स से कमज़ोर करेंट आ सकता है और चार्ज करने का समय बढ़ सकता है।
- चलती हुई कार की जगह पर जम्प स्टार्ट के लिए रीचार्जेबल बैटरी पैक ले लीजिये। अपने बैटरी पैक को उसके यूएसबी पोर्ट से चार्ज करके रखिए और फिर उसमें उसी तरह जम्पर केबल्स हुक कर दीजिये जैसे कि आप सामान्यतः तब करते जबकि आपके पास कमज़ोर बैटरी होती।
चेतावनी
- फ़्रोज़ेन (frozen) बैटरी को जम्प स्टार्ट करने से बचिए। उसमें विस्फोट हो सकता है। अगर आप बैटरी खोल सकें, तब यह देखिये कि क्या उसके अंदर का लिक्विड भी जम गया है। इसके अलावा, अगर बैटरी के किनारे बाहर की ओर बल्ज (bulge) कर रहे हों, तब संभव है कि बैटरी फ़्रोज़ेन हो।
- कार बैटरियों से विस्फोटक हाइड्रोजेन गैस निकलती है, इसलिए उनके पास धूम्रपान करने से बचिए। साथ ही यह भी ध्यान रखिएगा कि काला ग्राउंडिंग (grounding) केबल काम न करने वाली (मृत) बैटरी के निगेटिव टर्मिनल से न जुड़ा हो।
रेफरेन्स
- ↑ https://www.goodhousekeeping.com/institute/a22833/how-to-use-jumper-cables/
- ↑ http://www.readersdigest.ca/cars/maintenance/how-jump-start-your-car-safely/
- ↑ https://www.goodhousekeeping.com/institute/a22833/how-to-use-jumper-cables/
- ↑ https://www.popularmechanics.com/cars/how-to/a108/1272526/
- ↑ https://www.popularmechanics.com/cars/a24902/how-to-jumpstart-a-car/
- ↑ https://www.cnet.com/how-to/how-to-jump-start-a-car/
- ↑ https://www.telegraph.co.uk/cars/advice/how-to-jump-start-your-car/
- ↑ http://www.chicagotribune.com/classified/automotive/sc-tips-battery-jump-0211-20160205-story.html
- ↑ https://www.telegraph.co.uk/cars/advice/how-to-jump-start-your-car/