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आपने नयी पियर्सिंग (छेदन) करवायी है और आपको पता नहीं चल पा रहा है कि वह हील हो रही है या संक्रमित हो रही है | तो यहाँ जानें कि अपनी पियर्सिंग में हो रहे संक्रमण को आप कैसे पहचानें, ताकि उसका सही उपचार कर के उसे जल्दी स्वस्थ और सुंदर कर पाएँ | इसके लिए आप पियर्सिंग में हो रहे दर्द, सूजन, लालिमा, गर्मी और मवाद पड़ने या अन्य गंभीर लक्षणों पर ध्यान दें; और यदि भविष्य में कभी-भी संक्रमण हो तो यह सुनिश्चित करें कि आप उससे बचने के लिए हमेशा सही टेक्नीक को फॉलो करेंगे |

विधि 1
विधि 1 का 3:

संक्रमण के संकेतों को पहचानें

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  1. नयी पियर्सिंग का रंग गुलाबी-सा होना सामान्य बात है; क्योंकि आपने अपनी बॉडी के किसी हिस्से में छेद करवाया है | पर यदि पियर्सिंग के चारों ओर लालिमा बहुत ज्यादा बढ़ने लगे तो यह संक्रमण भी हो सकता है | [१] अपनी पियर्सिंग पर ध्यान दें या उसकी फोटो खींचकर देखें कि उसकी लालिमा बढ़ रही है या एक-दो दिन बाद उसकी स्थिति खराब होती जा रही है |
  2. पियर्सिंग करवाने के लगभग 48 घंटे तक उसके आस-पास सूजन रहेगी क्योंकि तब आपकी बॉडी उस घाव को एडजस्ट करने का अनुभव कर रही होती है | दो दिन बाद सूजन सामान्य होने लगती है | यदि पियर्सिंग की सूजन ज्यादा बढ़ रही हो या कुछ समय सामान्य सूजन रहने के बाद वह बहुत ज्यादा बढ़ने लगे और दर्द के साथ लालिमा भी बहुत बढ़ने लगे तो यह संक्रमण होने के संकेत हैं | [२]
    • सूजन होने से आपकी बॉडी के उस अंग को नुकसान हो सकता है, जैसे यदि टंग पियर्सिंग पर ज्यादा सूजन आ जाए तो उसे हिलाना बहुत मुश्किल होगा | इसलिए यदि आपकी पियर्सिंग वाली जगह पर बहुत अधिक दर्द और सूजन है, जिसके कारण वह अंग हिल नहीं पा रहा है तो उसमें संक्रमण हो सकता है |
  3. आपकी बॉडी में दर्द होना यह दर्शाता है कि उनमें कुछ गलत हो रहा है | पियर्सिंग के बाद होने वाला दर्द दो दिन के आस-पास तक ठीक हो जाना चाहिए और इसी समय में सूजन भी कम हो जाना चाहिए | आपकी पियर्सिंग के दर्द में सुइयां-सी चुभना, दबने से दर्द होना, जलन के साथ दर्द होना या हल्का दर्द होना सामान्य होता है | पर यदि दर्द बहुत दिनों तक बना रहे तो फिर यह संक्रमण होने के संकेत हैं | [३]
    • यदि आप गलती से नयी पियर्सिंग को छू लेते हैं, तो आपको थोड़ा दर्द होना सामान्य है | यदि दर्द ज्यादा हो और बिल्कुल भी कम नहीं हो रहा तो फिर ध्यान दें, कहीं ये संक्रमण न हो |
  4. लालिमा, सूजन और दर्द के साथ गरमी भी आ जाती है | इसलिए यदि आपकी पियर्सिंग में संक्रमण हो रहा है तो उसमें आपको थोड़ा गरम-गरम-सा महसूस होगा या उसे छूने पर वहाँ गरम लगेगा | [४] यदि आप पियर्सिंग की गर्मी को छूकर जाँचना चाहते हैं तो पहले अपने हाथ अच्छे से धो लें |
  5. नयी पियर्सिंग में थोड़ा-पतला-सा लिक्विड निकलना बिल्कुल सामान्य बात है और कभी-कभी यह आपकी ज्वेलरी में भी चिपक सकता है | यह लासिका द्रव होता है और इससे आपकी पियर्सिंग का घाव भरने में मदद मिलती है | लेकिन यदि गाढ़ा, सफ़ेद या पीला द्रव बहने लगता है तो यह पस होता है और इसमें थोड़ी दुर्गंध भी आती है | [५]
    • यदि आपको भी ऐसा गाढ़ा, पीला द्रव निकलता दिखे तो यह संक्रमण का संकेत हो सकता है | पस निकलने पर अपने डॉक्टर से से परामर्श लें |
  6. आपको पियर्सिंग करवाने वाले दिन या एक दो दिन तक थोड़ा सही नहीं लगेगा पर इसका अर्थ यह है कि आपको संक्रमण नहीं है | यदि आपको आने वाले कई दिनों तक ठीक न लगे तो शायद यह संक्रमण न हो सकता है | ज्यादा दिन बीतने के बाद आपकी पियर्सिंग में संक्रमण होने के बहुत कम चांस होते हैं अधिकतर तो इतने समय में वह हील हो चुकी होती है |
    • हालांकि पियर्सिंग करवाने के बाद यदि ज्यादा समय निकल चुका हो और उस जगह पर आपको किसी प्रकार का घाव या थोड़ा भी कटा या छिला-सा लगे तो उसमें बेक्टीरिया फैल सकते हैं |
  7. यदि आपकी पियर्सिंग ऐसी जगह है जहां संक्रमण होने का खतरा ज्यादा है, तो आपको उसका पता जल्दी लग जाएगा | अपने प्रोफेशनल पियर्सर से पूछें कि किस जगह की पियर्सिंग में जल्दी संक्रमण हो सकता है |
    • नेवल पियर्सिंग की सफाई करें: इस जगह पर गर्मी और नमी होने के कारण संक्रमण होने का खतरा ज्यादा होता है, इसलिए नेवल पियर्सिंग की अच्छे से सफाई करना चाहिए |
    • टंग पियर्सिंग में भी संक्रमण होने के ज्यादा चांस होते हैं क्योंकि बेक्टीरिया आपके मुंह के अंदर ही होते हैं | जीभ में संक्रमण होने के कारण आपके ब्रेन में भी संक्रमण फैलने जैसी गंभीर समस्या हो सकती है | [६]
विधि 2
विधि 2 का 3:

संक्रमण से बचने का प्रयास करें

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  1. नयी पियर्सिंग करवाने पर आपके पियर्सर बताते हैं कि उसे किस खास तरह से साफ करना है और सफाई के लिए किस तरह के क्लीनिंग प्रोडक्ट्स का उपयोग करना है | अलग-अलग जगह की पियर्सिंग की सफाई भी अलग तरह से करना होती है, इसलिए प्रोडक्ट्स पर दिये निर्देशों का पालन करें | सामान्यतः उसके लिए कुछ साधारण गाइडलाइंस हैं, जिनका अनुसरण करें:
    • अपनी स्किन की पियर्सिंग को गरम पानी और बिना सुगंध वाली एंटीबेक्टीरियल साबुन से या नमक वाले गरम पानी से साफ करें |
    • नयी पियर्सिंग की सफाई में रबिंग अल्कोहल या हाइड्रोजन पराक्साइड का उपयोग न करें | यह तत्व बहुत ज्यादा कठोर होते हैं और आपकी स्किन को नुकसान पहुंचा सकते हैं |
    • एंटीबायोटिक क्रीम या ओइनमेंट का उपयोग न करें | इससे पियर्सिंग में धूल और गंदगी चिपक जाती है और उसमें ऑक्सीज़न नहीं पहुँच पाती |
    • आपके पियर्सर के बताए अनुसार ही उसकी सफाई करें – न उससे कम न ज्यादा | पियर्सिंग की कम सफाई करने से धूल, गंदगी और मृत त्वचा जम सकती है | ज्यादा सफाई करने से स्किन में जलन और ड्राइनेस आ जाती है | दोनों प्रकार से ही पियर्सिंग के लिए यह हानिकारक होती है |
    • पियर्सर द्वारा बताए सल्यूशन को लगाकर उसकी सफाई करते समय ज्वेलरी को धीरे-से थोड़ा घुमायें, ताकि सल्यूशन उसके ऊपर भी लग जाए | पर ऐसा सभी तरह की पियर्सिंग के साथ नहीं कर सकते, इसलिए इस बारे में अपने पियर्सर से पूछ लें |
  2. पियर्सिंग की सफाई करने के साथ ही उसकी सही तरीके से देखभाल करने से आप अनचाहे दर्द और संक्रमण से बच सकते हैं | पियर्सिंग की सुरक्षा के लिए दिये गए सामान्य नियमों का पालन करें:
    • नयी पियर्सिंग के बल पर न सोएँ | क्योंकि आपकी ज्वेलरी सोते समय कंबल, चादर या तकिये से उलझकर उस जगह के दर्द को बढ़ा सकती है और वहाँ धूल भी जम सकती है | यदि आपने नेवल पियर्सिंग करवाई है तो आप सीधे सोएँ; यदि आपने चेहरे के किसी भाग की पियर्सिंग करवाई है तो एक गोल छेद वाला तकिया लें और उसके छेद को अपनी गर्दन में फिट कर के पियर्सिंग को बचाते हुये सावधानी से सोएँ |
    • जब भी आप पियर्सिंग को छुयें तो उसके पहले अपने हाथ अच्छे से धो लें | [७]
    • जब तक पियर्सिंग का घाव भर कर ठीक न हो जाए ज्वेलरी को उतारें नहीं | [८] ऐसा करने से पियर्सिंग बंद हो जाएगी, और यदि वहाँ संक्रमण हो तो यह आपकी त्वचा में भी रह जाएगा |
    • आपकी नयी पियर्सिंग कि सफाई करते समय कपड़े को सीधा ही उसपर न रगड़ें, और ज्वेलरी को सफाई करते समय ही घुमायें | [९]
    • जब तक पियर्सिंग हील न हो जाए आप पूल्स, नदी, तालाब या हॉट ट्यूब या अन्य पानी वाले स्रोत में जाने से बचें | [१०]
  3. यदि पाँच लोग पियर्सिंग करवाते हैं तो उनमें से एक को तो संक्रमण होता ही है, क्योंकि जो प्रसिद्ध पियर्सर नहीं होते वे इस काम को साफ-सफाई से नहीं करते और पियर्सिंग के बाद की देखभाल भी ठीक तरीके से नहीं करते हैं | [११] इसलिए आप जब भी पियर्सिंग करवाएँ किसी शिक्षित और नामी प्रोफेशनल पियर्सर के साफ स्टुडियो में करवाएँ | पियर्सिंग करवाने के पहले अपने पियर्सर से नम्रतापूर्वक पूछ लें कि वे कहाँ और कैसे अपने इक्विपमेंट (equipment) को स्टेरीलाइज्ड करते हैं– उनके पास एक आटोक्लेव (वाष्प शोधक) होना चाहिए और पूरा सरफेस ब्लीच और कीटाणुनाशक से साफ किया होना चाहिए |
    • पियर्सर को अपना काम करने के लिए हमेशा एक नई और स्टेरीलाइज्ड सुई का उपयोग करना चाहिए, न कि पुरानी और उपयोग हो चुकी सुई का | उन्हें पियर्सिंग करते समय हमेशा नए और डिस्पोज़ेबल ग्लव्ज पहनना चाहिए | [१२]
    • पियर्सिंग करने वाली गन (gun) से पियर्सिंग करवाना कभी-भी सही नहीं होता है | यदि पियर्सर गन से पियर्सिंग करता है तो आप वहाँ से बाहर निकल जाएँ | एक प्रोफेशनल के पास जाकर पियर्सिंग करवाएँ और यह सुनिश्चित कर लें कि उसके पास स्टेरीलाइज्ड सामान हैं |
    • अपने राज्य में लागू होने वाले पियर्सिंग के नियमों के बारे में पता करें और देखें कि आपके पियर्सर के पास आवश्यक ट्रेनिंग के सर्टिफिकेट्स और जरूरी लाइसेंस हैं |
    • स्वयं पियर्सिंग न करें या अपने किसी भी साथी से, जिसे इस काम की जानकारी न हो उससे पियर्सिंग न करवाएँ |
  4. हाइपोएलर्जेनिक (hypoallergenic) ज्वेलरी से पियर्सिंग करवाएँ: ज्वेलरी से होने वाला रीएक्शन, पियर्सिंग के संक्रमण से अलग होता है, पर जो भी हो संक्रमण के कारण आपको दर्द और कठिनाई होती है और इससे पियर्सिंग का संक्रमण और भी ज्यादा बढ़ सकता है | बहुत ज्यादा एलर्जी होने पर आपको अपनी ज्वेलरी उतारना पड़ेगी | इसलिए पियर्सिंग के घाव को जल्दी भरने के लिए हमेशा हाइपोएलर्जेनिक ज्वेलरी से ही पियर्सिंग करवाना सही होता है |
  5. पता करें कि पियर्सिंग को हील होने में कितना समय लगेगा: आप अपनी बॉडी में कई जगहों पर पियर्सिंग करवा सकते हैं, जहां पर अलग-अलग जगह के ऊतकों का खून का संचार भी अलग-अलग होता है, और उसको हील होने में भी अलग-अलग समय लगता है | जानें कि एक निश्चित जगह की पियर्सिंग को ठीक होने में कितना समय लगता है और इसकी खास तरह से देखभाल कैसे की जाती है (नीचे दी लिस्ट में यदि किसी जगह की पियर्सिंग का नाम नहीं है, तो अपने प्रोफेशनल से परामर्श लें): [१४]
    • इयर कार्टिलेज, नथुने, गाल, निप्पल, नाभि और डर्मल/एंकर्स/सरफेस पियर्सिंग: 6-12 महीने |
    • इयरलोब, आइब्रो, सेप्टम, होंठ, लेब्रेट, ब्यूटीमार्क और जननांग: 6-8 सप्ताह |
    • क्लाइटोरल हुड: 4-6 सप्ताह
    • जीभ: 4 सप्ताह
विधि 3
विधि 3 का 3:

संक्रमण का उपचार करें

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  1. यदि आपको संक्रमण कम है तो छिदवाने (Piercings) के बाद संक्रमित हुई जगह की देखभाल करें : एक साफ कप में एक चम्मच (5 मिली) सादा नमक, समुद्री नमक या सेंधा नमक और एक कप (250 मिली) गरम पानी घोलें | इसके लिए आप हर बार एक नया डिस्पोज़ेबल कप उपयोग करें | एक साफ कपड़े को नमक के घोल में भिगाकर पियर्सिंग की सिकाई करें | इसे 15 मिनिट तक, प्रतिदिन दो से तीन बार करें | [१५]
    • यदि आपको 2 से 3 दिन में आराम नहीं लग रहा है या संक्रमण होने के संकेत दिखें तो तुरंत अपने डॉक्टर को दिखाएँ |
    • यह सुनिश्चित करें कि नमक का घोल आपकी पियर्सिंग के दोनों तरफ अच्छे से लग गया है | गरम पानी और सौम्य एंटीबेक्टीरियल साबुन से रोज अपनी पियर्सिंग की सफाई करते रहें |
    • यदि छेद में संक्रमण होता दिख रहा हो तो थोड़ा-सा एंटीबायोटिक ओइनमेंट लगा लेना भी ठीक रहेगा |
  2. किसी प्रकार की समस्या होने पर पियर्सर को फोन करें: यदि पियर्सिंग में लालिमा बढ़ना या सूजन होने जैसे जरा भी संक्रमण होने के संकेत दिखें और यह आसानी से जा नहीं रहा तो घबराएँ नहीं, अपने पियर्सर से फोन पर बात करें और उसकी सही देखभाल के विषय में पूछें | यदि आपको पियर्सिंग में से कुछ बहाव होता दिखे तो आप पियर्सर के पास जाएँ- उन्होने अनेकों पियर्सिंग की हैं और अपने अनुभव के अनुसार वे आपकी पियर्सिंग की अच्छे से जांच कर के आपको बता पाएंगे कि डिस्चार्ज सामान्य है या नहीं |
    • यदि आपने प्रोफेशनल पियर्सर से पियर्सिंग कारवाई है तभी आप उनसे अपनी समस्या के बारे में पूछें | यदि नहीं तो फिर डॉक्टर से परामर्श लें |
  3. यदि आपको बुखार आए, ठंड लगे या पेट गड़बड़ हो, तो डॉक्टर के पास जाएँ: पियर्सिंग में होने वाला संक्रमण उसके आस-पास की जगह में ही होता है | लेकिन यदि संक्रमण ज्यादा फैल जाए या आपके खून में पहुँच जाए तो यह बहुत खतरनाक हो सकता है, बल्कि इससे आपकी जान पर भी खतरा आ सकता है | यदि आपके सामने भी बहुत ज्यादा संक्रमण फैलने की समस्या आए तो इससे होने वाले बुखार को कम करें (how to get rid of a fever), मितली का उपचार करें या चक्कर आयें तो उसका इलाज करें | [१६]
    • यदि आपको पियर्सिंग के आस-पास से ज्यादा दूर तक लालिमा, सूजन और दर्द फैलता हुआ दिखे तो अपने डॉक्टर के पास जाएँ | यह आपकी बॉडी में संक्रमण के और ज्यादा फैलने का संकेत हो सकता है |
    • आपके डॉक्टर इस गंभीर संक्रमण से बचने के लिए आपको एंटीबायोटिक्स लेने की सलाह देंगे | यदि संक्रमण आपके ब्लड में चला गया है तो फिर आपको हॉस्पिटल में भर्ती होना पड़ेगा और IV एंटीबायोटिक्स लेना पड़े |

सलाह

  • चेहरे या जीभ की पियर्सिंग के संक्रमण पर ज्यादा ध्यान दें; क्योंकि ये आपके मस्तिष्क के ज्यादा पास होते हैं और इनमें संक्रमण फैलना बहुत हानिकारक होगा |
  • पियर्सिंग के आस-पास परतदार पपड़ी जमने का मतलब यह नहीं है कि उसमें संक्रमण हो; कई बार यह पियर्सिंग के घाव भरने के कारण जमती है |
  • यदि आपको पियर्सिंग के संक्रमित होने का संदेह है, तो उसमें साबुन या ओइनमेंट न लगाएँ | इसे साफ करने के लिए आप गरम सेलाइन (1/4 चम्मच नमक और एक कप पानी का घोल) उपयोग करें | आपके पियर्सर या डॉक्टर के बताए अनुसार ही पियर्सिंग में कुछ लगाएँ |
  • यदि आपको ज्यादा संक्रमण होने का संदेह हो तो स्थिति ज्यादा बिगड़ने के पहले ही किसी प्रसिद्ध पियर्सर या डॉक्टर की मदद लें |

चेतावनी

  • यदि आपको मितली, ठंड लगना, चक्कर आना, बुखार या कुछ अस्वस्थ तरह के लक्षण महसूस हों, तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएँ | यदि संक्रमण आपके ब्लड के अंदर चला गया है तो इसके बहुत गंभीर दुष्परिणाम हो सकते हैं |

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