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पसलियों का टूटना या फ्रैक्चर्ड (fractured) होना आमतौर पर सीने या धड़ पर सीधी चोट लगने के कारण होता है - जैसे कि कार एक्सीडेंट में, गिरने के कारण या कॉन्टेक्ट स्पोर्ट (contact sport) के दौरान जोर से चोट लगने के कारण। [१] मगर कुछ बीमारियों में जैसे ऑस्टियोपोरोसिस (osteoporosis) और हड्डियों के कैंसर (bone cancer) में पसलियाँ तथा अन्य हड्डियाँ इतनी कमजोर हो जाती हैं कि जोर से खाँसने और घर के अन्य काम करने के कारण भी वे टूट जाती हैं। यदि आप स्वस्थ हैं तो टूटी हुई पसलियाँ अंत में 1-2 महीने में खुद ही ठीक हो जाती हैं। यह जानकारी होना कि इसका इलाज कैसे किया जा सकता है आपको काफी राहत दे सकता है। कुछ मामलों में टूटी हुई पसलियाँ फेफड़ों तथा अन्य इंटरनल ओर्गन्स (internal organs) को क्षति पहुँचा सकती हैं जिसके लिए इमरजेंसी मेडिकल ट्रीटमेंट की आवश्यकता होती है। (Treat Broken Ribs)

विधि 1
विधि 1 का 2:

अपनी पसली की चोट को कन्फर्म (confirm) करें

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  1. यदि आपको अपनी छाती या धड़ पर किसी चोट का अनुभव हुआ है जिसके कारण आपको गहरी सांस लेने के दौरान दर्द होता है, तो आपकी एक या दो पसलियाँ टूटी हो सकती हैं। कई बार पसली टूटने पर "क्रैक (crack)" की आवाज आती है लेकिन ऐसा हमेशा नहीं होता। मुख्यतः यह तब होता है जब पसली के कार्टिलेजिनस एंड पोइन्ट (cartilaginous end-point), ब्रैस्ट बोन (breast bone ) या स्टरनम (sternum) से जुड़े होते हैं। पसली की ऐसी चोट लगने पर डॉक्टर से मिलना इसलिए जरूरी हो जाता है क्योंकि यदि पसली नुकीले टुकड़ों में टूटी (जैसे कि हेयर लाइन क्रैक के अलावा), तो फेफड़ों, लिवर (liver), या स्प्लीन (spleen) में चोट लगने का काफी खतरा हो सकता है। [२] आपका डॉक्टर इसका पता लगाएगा कि आपकी पसली किस तरह से टूटी है और उसके अनुसार आपको परामर्श देगा।
    • आपकी पसली की चोट को बेहतर समझने के लिए आपका डॉक्टर इन साधनों का प्रयोग कर सकता है जैसे - छाती का एक्स-रे (x-ray), बोन स्केन्स (bone scan), एम. आर. आई. (MRI), और डायग्नोस्टिक अल्ट्रासाउंड (diagnostic ultrasound)।
    • चेस्ट x-ray, CT स्कैन, MRI और डायग्नोस्टिक अल्ट्रासॉउन्ड्स वो तरीके हैं जिन्हे डॉक्टर आपकी रिब इंज्युरी को अच्छे से समझने के लिए यूज़ कर सकते हैं।
    • यदि आपको तेज दर्द है तो आपका डॉक्टर आपको तेज पेनकिलर्स (strong painkillers) या एंटी-इन्फ्लामेट्रीज (anti-inflammatories) के लिए दवा का पर्चा देगा या यदि दर्द सहनीय है, तो बिना डॉक्टरी सलाह के सामान्यतौर पर मिलने वाली विभिन्न प्रकार की दवाओं के प्रयोग का परामर्श दिया जाता है।
    • एक संभावित जानलेवा कॉमप्लीकेशन (fatal complication) जो कि बुरी तरह टूटी पसली से संबंधित हैं उसे पंक्चर्ड (punctured) या कोलेप्स्ड लंग (collapsed lung) या न्युमोंथोरेक्स (pneumothorax) कहते हैं जिससे निमोनिया (pneumonia) हो सकता है।
  2. अपने डॉक्टर से कोर्टिजोन इंजेक्शन (corticosteroid injection) के बारे में बात करें: यदि टूटी हुई पसली स्थिर है लेकिन यह धीरे-धीरे परेशानी बढ़ने का कारण बन रही है तो आपका डॉक्टर आपको स्टीरॉइडल इंजेक्शन (steroidal injection) की सलाह दे सकता है मुख्यतः यदि आपकी टूटी हुई कार्टिलेज (cartilage) भी शामिल है। एक कोर्टिकोस्टीरॉइड इंजेक्शन (corticosteroid injection) चोट के पास दर्द या सूजन में तुरंत राहत देता है, साँस लेना आसान बनता है तथा शरीर के ऊपरी हिस्से की गतिशीलता (mobility) को बढ़ाता है। [३]
    • कोर्टिकोस्टीरॉइड इंजेक्शन की संभावित परेशानियों में शामिल है - संक्रमण, खून का बहना, लोकल मसल/ टेंडन एट्रोफी (tendon atrophy), नर्व डैमेज (nerve damage ), तथा इम्युनिटी का कमजोर हो जाना।
    • अन्य प्रकार का इंजेक्शन जो आपका डॉक्टर आपको दे सकता है वह इंटरकॉस्टल नर्व ब्लॉक (intercostal nerve block) है। यह दवाई नसों के आसपास की जगह सुन्न कर देती है और दर्द के अहसास को 6 घंटे के लिए रोक देती है। [४]
    • अधिकतर लोगों को टूटी पसली की अवस्था में सर्जरी की आवश्यकता नहीं होती। वे घर पर ही दकियानूसी (conservative) तरीकों से अपने आप ही भली प्रकार ठीक हो जाते हैं।
विधि 2
विधि 2 का 2:

अपनी पसलियों का घर पर ही इलाज करें

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  1. अपनी पसलियों को केवल डॉक्टर की देख-रेख में ही लपेटें: पहले, डॉक्टर नियमित रूप से कम्प्रेशन रैप (compression wrap) का प्रयोग पट्टी की मदद के लिए तथा टूटी पसली के आस-पास के स्थान को स्थिर करने के लिए करते थे, लेकिन अब इसका प्रयोग नहीं किया जाता क्योंकि इसके कारण फेफड़ों के संक्रमण (lung infection) या निमोनिया (pneumonia) का खतरा बढ़ जाता है। [५] एक कम्प्रेशन रैप थोड़े समय (कुछ दिनों) के लिए स्थिरता और दर्द या सूजन में राहत देने के लिए ठीक है लेकिन इस रैपिंग से साँस लेने में जो परेशानी होती है वह आपकी अवस्था के लिए ठीक नहीं है। यदि यह लम्बे समय (कुछ हफ्तों या और ज्यादा) के लिए प्रयोग किया जाता है।
  2. एक आइस पैक, फ्रोजन जैल पैक (frozen gel pack), या फ्रीजर में से मटर का बैग लेकर अपनी पसली की चोट पर पहले 2 दिनों तक 20 मिनट के लिए हर घंटे लगाएँ, फिर इसे घटाते हुए 10-20 मिनट तक दिन में 3 बार लगाएँ या दर्द तथा सूजन में राहत पाने के लिए जैसी जरूरत हो वैसा करें। [६] बर्फ के कारण खून की नसे सिकुड़ जाती है जिससे जलन कम होती है और यह नसों के आसपास की जगह को सुन्न करने में भी मदद करती है। कोल्ड थेरेपी (cold therapy) सभी प्रकार की पसलियों के टूटने में और मासपेशियों की चोट के लिए उपयुक्त होती है।
    • आइस पैक को चोट के स्थान पर लगाने से पहले पतले कपड़े में लपेटें जिससे बर्फ से जलने या फ्रॉस्ट बाईट (frostbite) का खतरा कम हो जाता है।
    • साँस के साथ तेज दर्द होने के अलावा आपको फ्रैक्चर की जगह पर हल्की संवेदनशीलता (छूने पर दर्द) और सूजन होने की संभावना है और यह सम्भव है कि उस त्वचा के चारों ओर कुछ जख्म हो जाएँ, जिसका अर्थ यह है कि कुछ आंतरिक खून की नसे क्षतिग्रस्त हो गई है। [७]
  3. बिना डॉक्टरी सलाह के सामान्यतौर पर मिलने वाली नॉन-स्टीरॉइडल एंटी-इनफ्लामेटरीज (non-steroidal anti-inflammatories or NSAIDs) इनमें शामिल हैं - आइबूप्रोफेन (ibuprofen) जैसे कि एडविल (Advil), नैप्रोक्सिन (naproxen ) जैसे कि एलीव (Aleve) या एस्पिरिन (aspirin) ये थोड़े समय के लिए ही उपचार हैं जो कि टूटी पसलियों के कारण होने वाले दर्द या जलन को कम करने में मदद करता है। [८] एनसेड्स (NSAIDs) हीलींग (healing) को न तो प्रोत्साहित करते हैं और न ही निश्चित तौर पर जल्दी ठीक करते हैं लेकिन वे आपको आराम पहुँचाते है और आपको रोजमर्रा के काम करने की क्षमता प्रदान करते हैं या कुछ ही हफ्तों में आप काम पर लौट सकते हैं यदि आपका काम मुख्यतः रूक गया है। यह ध्यान रखें कि एनसेड्स इंटरनल ऑर्गन्स (internal organs) जैसे पेट या गुर्दे पर बुरा प्रभाव डाल सकते हैं, तो उन्हें 2 हफ्तों से ज्यादा रोजाना न लें। उचित मात्रा के लिए पैकेट पर दिए गए निर्देशों का पालन करें।
    • अठारह वर्ष से कम उम्र के बच्चों को एस्पिरिन का प्रयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे रेज सिंड्रोम (Reye’s syndrome) हो सकता है।
    • विकल्प के तौर पर आप आमतौर पर उपयोग की जाने वाली पैन किलर्स (pain killers) जैसे कि एसिटामिनोफेन (acetaminophen) या टेलेनॉल (Tylenol) ले सकते हैं लेकिन वे सूजन को कम नहीं करते और लिवर पर बुरा असर डालते हैं।
  4. कुछ हल्के व्यायाम बहुत-सी मसकुलोस्केलेटल (musculoskeletal) चोटों के लिए एक अच्छा उपाय है क्योंकि रक्त प्रवाह और स्वस्थ होने के लिए हिलना जरूरी है। मगर, पहले कुछ हफ्तों के लिए कार्डिओ (cardio) से संबंधित व्यायाम न करें क्योंकि इससे आपकी धड़कन और साँस की गति बढ़ जाएगी जिससे आपकी टूटी पसलियों में जलन और सूजन हो सकती है। इसके अलावा, जब आपकी पसली ठीक हो रही है तो अपने धड़ को कम मोड़ें और साइड में भी ज्यादा न झुकें। [९] सैर करना, गाड़ी चलाना और कम्प्यूटर पर काम करना ठीक है लेकिन ज्यादा जोरदार कार्यों से बचें जैसे घर के काम, जॉगिंग, वज़न उठाना और खेलकूद, जब तक कि गहरी साँस लेने पर आपको बिल्कुल दर्द न हो या बहुत मामूली-सा हो।
    • यदि जरूरी हो तो एक या दो हफ्तों के लिए काम से छुट्टी ले लें मुख्यतः यदि आपके काम में बहुत ज्यादा शारीरिक श्रम की आवश्यकता होती है या बहुत ज्यादा हिलना-डुलना पड़ता है।
    • जब तक आप पूर्ण रूप से स्वस्थ हों, तब तक अपने परिवार और दोस्तों से अपने घर और यार्ड में मदद के लिए कहें।
    • आपकी पसली टूटने के बाद यदि आपको खाँसी या छींक आती है तो अपनी छाती पर एक तकिया लगा लें जिससे झटका न लगे और दर्द भी कम हो।
  5. टूटी पसलियाँ मुख्यतः रात को सोते समय नींद के दौरान परेशान करती हैं विशेष रूप से यदि आप पेट के बल सोते हो या साइड ले कर या लगातार करवट बदलते हो। सबसे अच्छी सोने की अवस्था पीठ के बल सोना है क्योंकि इससे टूटी पसलियों पर कम दबाव रहता है। वास्तव में, पहली कुछ रातों में जब तक कि सूजन या दर्द कम न हो, तब तक आरामदायक रेकलाइनिंग कुर्सी (reclining chair) पर सोएँ, इससे सोने में मदद मिलेगी। [१०] आप अपने सिर या कमर के नीचे तकिया लगाकर खुद को बेड पर ऊँचा कर सकते हैं।
    • यदि आप ज्यादा रातों तक सीधा सोते हैं तो अपनी निचली कमर को नजरअंदाज न करें। एक तकिया अपने घुटनों के नीचे लगाएँ ताकि आपकी रीड की हड्डी पर दबाव न पड़े और निचली कमर के दर्द में राहत मिले।
    • रात के समय साइड में करवट लेने से बचने के लिए अपने दोनों तरफ सहारे के लिए तकिये लगाएँ।
  6. टूटी पसलियों को पूरी तरह स्वस्थ होने के लिए जरूरी पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है, इसलिए संतुलित आहार लें जो कि मिनरल्स (minerals) और विटामिन से भरपूर हो। [११] ताजा आहार पर विचार करें जैसे कि साबुत अनाज (whole grains), लीन मीट्स (leans meats), दूध से बने पदार्थ और बहुत-सा शुद्ध पानी। अपने आहार को अतिरिक्त पोषक तत्वों से भरपूर करें जिससे टूटी पसलियाँ जल्दी से ठीक हो जाएँ, इसलिए इसमें कुछ कैल्शियम (calcium), मैग्नीशियम (magnesium), फॉस्फोरस (phosphorus), विटामिन डी (vitamin D) और विटामिन के (vitamin K) को शामिल करने पर विचार करें।
    • रिच मिनरल साधन इस प्रकार हैं चीज़ (cheese), दही, तोफू (tofu), बीन्स, ब्रोकोली (broccoli), नट्स और सीड्स, सार्डिनेस (sardines), सालमन (salmon)।
    • दूसरी ओर, ऐसी चीज़ों के उपभोग से बचें जो हड्डियों को स्वस्थ होने से रोकती हैं जैसे शराब, सोडा-पॉप (soda pop), फ़ास्ट फ़ूड (fast food) और रिफाइंड शुगर (refined sugars)। धूम्रपान भी टूटी हड्डियों तथा अन्य मसकुलोस्केलेटल (musculoskeletal) चोटों के स्वस्थ होने कि गति को धीमा करता है।

सलाह

  • यदि आपकी पसली का फ्रैक्चर गम्भीर है तो कोलेप्स्ड लंग (collapsed lung) या फेफड़ों के संक्रमण से बचने के लिए कुछ घण्टों में 10-15 मिनटों के लिए धीरे-धीरे गहरे साँस वाले व्यायाम करें। [१२]
  • खिचाव तथा भारी वज़न उठाने से बचें जब तक कि आप पूरी तरह से स्वस्थ न हो जाएँ, नहीं तो आप खुद को फिर से चोट पहुँचा लेंगे और इससे स्वस्थ होने में और ज्यादा समय लगेगा।
  • हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए भरपूर मात्रा में कैल्शियम लेना महत्वपूर्ण है। बचाव के तौर पर कम से कम 1200 mg रोजाना खाने और सप्लीमेंटस के माध्यम से लें। [१३] टूटी हड्डियों के लिए आपको रोजाना अधिक कैल्शियम की जरूरत होती है।

Warning

  • यदि आपको गम्भीर छाती में दर्द, बुखार, ठंड लगना, साँस लेने में तकलीफ, एक्सपेंसिव ब्रूजिंग (expansive bruising) या खाँसी के साथ खून आता है, तो अपने डॉक्टर से तुरंत मिलें। [१४]

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