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टेस्टीकल्स (testicles) में दर्द और सूजन कई कारणों से हो सकते हैं जिनमे वायरल या बैक्टीरियल इन्फेक्शन से लेकर ट्रॉमा भी शामिल हैं | कारण महत्वपूर्ण होता है क्योंकि कारण के आधार पर ट्रीटमेंट अलग-अलग हो सकता है | टेस्टीकल का दर्द आमतौर पर किसी न किसी ट्रॉमा के कारण टेस्टीकुलर टोर्जन (testicular torsion) के रूप में, वायरल इन्फेक्शन से मम्प्स ऑर्काइटिस (mumps orchitis) के रूप में या बैक्टीरियल इन्फेक्शन से एपिडिडायमो-ऑर्काइटिस (epididymo-orchitis) के रूप में होता है | चूँकि टेस्टीकुलर कैंसर दर्दरहित होता है इसलिए इनके कैंसर होने की सम्भावना नहीं होती | [१] यहाँ कुछ ऐसी चीज़ें बताई जा रही हैं जिनसे टेस्टीकल्स में दर्द होने पर उसका इलाज कर सकते हैं |

विधि 1
विधि 1 का 3:

तुरंत आराम खोजें

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  1. बाज़ार में मिलने वाली दवाएं जैसे आइबूप्रोफेन (ibuprofen), पेरासिटामोल (paracetamol), या एस्पिरिन (aspirin) का इस्तेमाल दर्द और सूजन में राहत पाने के लिए किया जाता है | ये सभी दवाएं सूजन पैदा करने वाले प्रोस्टाग्लैंडीन नामक केमिकल के प्रोडक्शन को रोक देती हैं | इनमे से प्रत्येक दवा के सिफारिश योग्य डोज़ निम्नलिखित होते हैं:
    • आइबूप्रोफेन (या इसी तरह की जेनेरिक दवा), दिन में तीन बार तक खाने के साथ या खाने के बाद 200 से 400 मिलीग्राम तक ली जा सकती है |
    • एस्पिरिन को एक दिन में तीन बार तक 300 मिलीग्राम के डोज़ में लिया जा सकता है |
    • पेरासिटामोल को दिन में तीन बार तक 500 मिलीग्राम के डोज़ में लिया जा सकता है |
    • इन मेडिकेशन को मिक्स न करें | इनके ओवरडोज़ से सीरियस साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं | [२]
  2. मेडिकल हेल्प मिलने तक पीठ के बल लेटें और जिस भी प्रकार से टेस्टीकल्स को कम्फ़र्टेबल फील हो, उन्हें सहारा दें जिससे फिजिकल स्ट्रेस और डिसकम्फर्ट में राहत मिल सके |
    • आप जोक स्ट्रेप (jock strap) का इस्तेमाल करके अपने स्क्रोटल (scrotal) सपोर्ट को बढ़ा भी सकते हैं | इससे दोनों पैरों के बीच घर्षण होने वाली जगह, स्क्रोटम की पीड़ादायक मूवमेंट और इर्रीटेट करने वाले बाहरी संपर्कों से प्रोटेक्शन मिल जाता है और दर्द में राहत मिल जाती है | [३]
  3. अचानक सूजन और दर्द शुरू होने वाले केस में दर्द और सूजन से राहत पाने के लिए टेस्टीकल्स पर आइस पैक या फ्रोजेन वेजिटेबल के बैग से सिकाई करें |
    • आइस पैक से सेंक की महत्ता उस समय और भी बढ़ जाती है, जब सूजन किसी गंभीर कारण से हो क्योंकि इससे बिना ब्लड सप्लाई के भी टेस्टीकल्स को बचाने के लिए समय और बढ़ाया जा सकता है | [४]
    • फ्रोजेन आइस या वेजिटेबल के बैग को एक कपडे में लपेटकर ही सेंक करें जिससे फ्रॉस्टबाईट से बचा जा सके |
  4. दर्द और सूजन बढाने वाली एक्टिविटीज से दूर रहकर टेस्टीकल्स को नेचुरली हील होने दें | भारी वज़न उठाने, दौड़ने और दूसरी मेहनत वाली एक्सरसाइज से बचें |
विधि 2
विधि 2 का 3:

लक्षणों पर नज़र रखें

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  1. बैक्टीरियल और वायरल दोनों तरह के इन्फेक्शन में कुछ कॉमन रिस्क फैक्टर्स होते हैं जिनके कारण टेस्टीकुलर पैन होता है | ये रिस्क फैक्टर्स हैं: [६]
    • सेक्सुअल एक्टिविटी करने पर
    • मेहनत वाली फिजिकल एक्टिविटी जैसे बार-बार साइकिल या मोटरसाइकिल चलाना |
    • लम्बे समय तक बैठे रहना जैसे, लगातार ट्रेवल करने या ट्रक ड्राईव करने पर
    • प्रोस्टेट या यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन की हिस्ट्री होने पर
    • बिनाइन एनलार्जड प्रोस्टेट या प्रोस्टेट सर्जरी होने पर, खासतौर पर ज्यादा उम्र के पुरुषों में
    • पोस्टीरियर यूरेथ्रल मियेटस (posterior urethral meatus) जो प्रीप्युबीससेंट लड़कों (10 से 13 साल के लडके जिनमे सेकेंडरी सेक्सुअल करैक्टर डेवलप नहीं होते) में होते हैं |
  2. ट्रॉमा या चोट के कारण होने वाले टेस्टीकुलर पैन को टेस्टीकुलर टोर्जन (testicular torsion) कहा जाता है जिसमे टेस्टीकल्स और एपीडीडीमिटिस (epididymitis-अधिवृष्ण) के दर्द शामिल होते हैं और यह एक ऐसी ट्यूब होती है जो टेस्टीकल्स के अंदर की ओर रहती है | इसका पता लगाने के लिए, सावधानीपूर्वक फिजिकल एग्जामिनेशन करना पड़ता है | अगर आपको कोई भी टेस्टीकुलर ट्रॉमा हुआ हो, विशेषरूप से टेस्टीकल्स के ट्विस्ट होने के कारण टेस्टीकुलर टोर्जन हुआ हो तो इसे चेक करें क्योंकि यह टेस्टीकल्स को नुकसान पहुंचाने वाली परेशानी है |
    • डॉक्टर आपके क्रेमेस्टेरिक रिफ्लेक्स (cremasteric reflex-जांघ पर ग्रोइन एरिया के पास की स्किन को स्क्रेच करने से क्रेमस्टर मसल्स का संकुचित होना) जो ट्रॉमा के केस में नहीं मिलता | इसके लिए आंतरिक जांघ पर रिफ्लेक्स हैमर को चलाया जाता है जिसके कारण हेल्दी टेस्टीकल्स होने पर स्क्रोटल सैक के अंदर टेस्टीकल ऊपर जायेंगे | [७]
    • टेस्टीकुलर टोर्जन होने पर आमतौर पर अचानक दर्द होने लगता है |
  3. इन्फेक्शन का पता लगाने में उम्र काफी महत्वपूर्ण फैक्टर होती है | इन्फेक्शन के कारण होने वाले टेस्टीकल्स के दर्द में टेस्टीकल्स और एपीडीडीमिस के बैक्टीरियल इन्फेक्शन भी शामिल होते हैं | यह बैक्टीरिया के कारण होते हैं जो गुदा से चलकर उस एरिया तक पहुँच जाते हैं और आमतौर पर 14 वर्ष की किशोर की तुलना में 35 वर्ष से अधिक आयु के पुरुषों में देखे जाते हैं | 15 से 35 वर्ष के युवा पुरुषों में, टेस्टीकल्स में इन्फेक्शन होने के कॉमन कारण क्लेमायडीया (chlamydia) और गोनोरिया (gonorrhea) जैसी सेक्सुअल ट्रांसमिटेड डिजीज होती हैं | [८] एग्जामिनेशन के दौरान इस एरिया को छूने पर दर्द होगा | डॉक्टर चेक करके देख सकते हैं कि क्या टेस्टीकल्स ऊंचे उठने पर दर्द में आराम होगा जिसे प्रेहन्स साइन (prehn’s sign) कहते हैं | [९]
    • इन्फेक्शन का इलाज़ करने से दर्द में आराम मिलेगा और इन्फेक्शन और बढ़ने और सेप्सिस होने की संभावना को रोका जा सकता है |
    • इन्फेक्शन के कारण दर्द होने पर भी क्रेमेस्टेरिक रिफ्लेक्स दिखाई देंगे |
  4. ऑर्काइटिस वायरल इन्फेक्शन के कारण होता है जिसके कारण अचानक टेस्टीकल्स में दर्द और सूजन होने लगती है | इसमें टेस्टीकल्स में एक्यूट पैन और सूजन होती है | ऑर्काइटिस आमतौर पर मम्प्स (mumps-गलसुआ) ऑर्काइटिस के कारण होते हैं जो एक वायरल इन्फेक्शन है और लगभग 11 माह के बच्चे को आरंभिक बचपन में दी जाने वालिल MMR वैक्सीन के न देने के कारण देखा जाता है | लगभग 20 से 30 % मम्प्स से पीड़ित बच्चों को मम्प्स ऑर्काइटिस हो जाता है | [१०] आमतौर पर इसकी शुरुआत पैरोटिटिस (parotitis) होने के एक सप्ताह बाद होती है जिसमे जबड़े के नीचे स्थित पैरोटिड ग्लैंड में सूजन हो जाती है |
    • वायरल मम्प्स ऑर्काइटिस के लिए कोई इलाज़ नहीं है और इसके कारण इनफर्टिलिटी हो सकती है | इसमें केवल दर्दनिवारक दवाओं का इस्तेमाल और आइस पैक जैसी सपोर्टिव केयर ही की जा सकती हैं |
  5. STIs में टेस्टीकल्स में दर्द होगा जिसके साथ पेशाब करने के दौरान जलन भी महसूस होगी | इसमें लक्षण धीरे-धीरे शुरू होते हैं और इन्हें पूरी तरह से प्रकट होने में लगभग एक सप्ताह भी लग सकता है | इसमें टेस्टीकुलर पैन के साथ मितली, उल्टियाँ और पेट में दर्द भी हो सकता है | इसमें आपके क्रेमेस्टेरिक रिफ्लेक्स नॉर्मल होंगे |
    • अल्ट्रासाउंड कराने पर ही बढ़ी हुई वैस्कुलरीटी, इन्फेक्शन के पॉकेट्स या एब्सेस फार्मेशन दिखाई देगी |
    • आपको दूसरे लक्षण भी हो सकते हैं जैसे यूरिन में ब्लड या डिस्चार्ज आना | [११]
  6. बैक्टीरियल इन्फेक्शन के कारण होने वाला दर्द काफी जल्दी, एक दिन के अंदर ही डेवलप हो जाता है | इसमें एपीडीडीमिस (epididymis) और टेस्टीकल्स बहुत जल्दी सूज जायेंगे और आकार में बड़े, रेड और टेंडर (छूने पर दर्द होना) हो जायेंगे | इसके कारण दर्द भी बहुत ज्यादा होता है |
    • आपको यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन या यूरिथ्रल इन्फेक्शन जैसे दूसरे इन्फेक्शन भी हो सकते हैं |
  7. इन्फेक्शन का पता लगाने में लैब टेस्ट काफी मदद करते हैं | डॉक्टर E coli जैसे बैक्टीरिया का पता लगाने के लिए आपकी यूरिन का टेस्ट करा सकते हैं | अगर आप सेक्सुअली एक्टिव युवा पुरुष हैं तो डॉक्टर आपका यूरिन मल्टीप्लेक्स पोलीमरेज चैन रिएक्शन (M-PCR) टेस्ट भी करायेंगे जिससे पता चल पायेगा कि आपको क्लेमायडीया या गोनोरिया इन्फेक्शन है या नहीं | [१२]
    • अल्ट्रासाउंड ज्यादा जटिल समस्याओं को चेक करने के लिए रूटीनली सभी स्क्रोटल पैन और सूजन में कराया जाता है |
विधि 3
विधि 3 का 3:

लगतार होने वाले दर्द का इलाज करें

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  1. किसी भी उम्र के पुरुष को इन्फेक्शन हो सकता है जिसके कारण टेस्टीकल्स में दर्द हो सकता है, फिर वो चाहे E-coli से हो या दूसरे बैक्टीरिया से | बूढ़े पुरुषों में इन इन्फेक्शन को डेवलप करने में बिनाइन एनलार्ज्ड प्रोस्टेट (BPH) बहुत बड़ी भूमिका निभाता है क्योंकि बैक्टीरिया उस जगह पर जमा हो जाते हैं जहाँ बड़ा हुआ प्रोस्टेट ब्लैडर से पूरी यूरिन सही तरीके से ड्रेन नहीं होने देता | चूँकि E-coli और दूसरे गेस्ट्रोइंटेसटाइनल बैक्टीरिया (gastroinstestinal bacteria) वापस आ सकते हैं और इन्फेक्शन डेवलप कर सकते हैं |
    • इसके लिए मेडिकल ट्रीटमेंट में bactrim DS या quinolone एंटीबायोटिक्स दी जाती हैं | अगर प्रोस्टेट इसका कारण नहीं है तो इसका इलाज़ 10 दिनों का होता है अन्यथा इलाज लम्बा चलता है |
    • आमतौर पर, प्रेहन्स संकेत से लक्षणों में आराम मिल जाता है | आइस पैक का इस्तेमाल भी लाभकारी है |
    • शुरूआती कुछ दिनों तक स्ट्रोंग नारकोटिक पैन मेडिकेशन जैसे tylenol, motrin से दर्द में आराम पा सकते हैं | [१३]
  2. सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इन्फेक्शन का इलाज़ करें: SITs का इलाज़ एंटीबायोटिक्स होती हैं | डॉक्टर आपको zithromax या doxycycline के साथ rocephin दे सकते हैं | इनसे 24 से 48 घंटे में ही आराम मिलना शुरू हो जायेगा | एंटीबायोटिक का काम शुरू होने तक आप आइस पैक से सेंक करके टेस्टीकुलर एलिवेशन में आराम दे सकता है | शुरूआती कुछ दिनों तक आप बाज़ार में मिलने वाली दर्दनिवारक दवाओं का इस्तेमाल भी कर सकते हैं | [१४]
  3. टेस्टीकुलर ट्रॉमा टेस्टीकल मुड़ने के कारण उनमे पर्याप्त ब्लड न पहुँचने के कारण होता है | ऐसा कई तरह के कारणों से हो सकता है जैसे, बाइसिकल से गिर जाना और ग्रोइन एरिया पर चोट लगना | एक्सट्रीम टेस्टीकुलर ट्रॉमा के कारण स्पर्मेंटिक कॉर्ड (शुक्राणुनलिका) मुड़ सकती है जिसके लिए सर्जरी करवानी पड़ सकती है | इस कंडीशन से हर साल 18 वर्ष की आयु वाले हर 100,000 में से 3.8% पुरुष प्रभावित होते हैं |
    • जल्दी से जल्दी टेस्टीकल्स एलिवेशन और क्रेमेस्टेरिक रिफ्लेक्स की अनुपस्थिति की पहचान कर लेने से सर्जरी से बचा जा सकता है | इससे ऑर्काइक्टोमी (orchiectomy) से बचने में मदद मिल सकती है जिसमे सर्जरी के द्वारा टेस्टीकल्स को निकाल दिया जाता है |
    • बल्कि ट्रॉमा गंभीर न होने पर भी सूजन, छूने पर दर्द, हाई फीवर और बार-बार यूरिन जाने की समस्या हो सकती है |
    • इंजरी से सर्जरी तक पहुँचने में लगभग चार से आठ घंटे लगते हैं | इससे स्पर्मेटिक कॉर्ड में बहुत ज्यादा डैमेज को रोका जा सकता हाई, उसे मुड़ने पर जल्दी से सुलझाया जा सकता है जिससे टेस्टीकल्स के रिमूवल की नौबत नहीं आ पाती | इतने जल्दी केयर करने के बावजूद भी ऑर्काइक्टोमी की औसत दर 42% है | डायग्नोसिस में देरी होने के कारण ऑर्काइक्टोमी की नौबत आ सकती है और संभवतः इनफर्टिलिटी भी हो सकती है | [१५]

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  1. Trojian, Thomas, Timothy Lishnak, and Diana Heiman. American Family Physician. 2009, April 1; 79(7): 583-587
  2. http://www.mayoclinic.org/diseases-conditions/sexually-transmitted-diseases-stds/in-depth/std-symptoms/art-20047081
  3. http://journals.plos.org/plosone/article?id=10.1371/journal.pone.0098862
  4. http://www.webmd.com/men/inflammation-testicle-orchitis?page=2#2
  5. http://www.mayoclinic.org/diseases-conditions/sexually-transmitted-diseases-stds/in-depth/std-symptoms/art-20047081
  6. Sharp, Victoria, Kathleen Kieran, and Angela M Arlen, Testicular Torsion: Diagnosis, Evaluation and Management American Family Physician, Dec 15, 2013. (88)12, 835-840

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