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अगर आप प्रोफेशनल टैटू नहीं बनवा सकते या आपके घर के पास कोई टैटू पार्लर नहीं है तो आप घर पर खुद टैटू बना सकते हैं | हालाँकि यह खतरनाक हो सकता है और अगर इससे आपको बुरी तरह से चोट लगी तो आपको हमेशा अफ़सोस होता रहेगा | आप जो काम कर रहे हैं, उस पर ध्यान दें और खुद पर आजमाने से पहले सभी सुरक्षात्मक चेतावनियों और जरुरी सैनीटाइज़ेशन फॉलो करें |

विधि 1
विधि 1 का 3:

टैटू बनाने की तैयारी करें

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  1. किसी भी होम टैटू किट के सबसे जरुरी कॉम्पोनेन्ट हैं- नीडल्स और इंक | केवल उन्हीं टैटू नीडल का इस्तेमाल करें जिनका अभी तक इस्तेमाल न किया हो | टैटू इंक केवल एक ही प्रकार की इंक है जिसका आप इस्तेमाल कर सकते हैं लेकिन ये हमेशा आसानी से नहीं मिलती | इंडिया इंक का इस्तेमाल आमतौर पर कैलीग्राफी में किया जाता है लेकिन केवल यही ऐसी इंक नहीं है जो टैटू इंक नहीं है फिर भी इसका इस्तेमाल टैटू बनाने में किया जा सकता है | पेन या मार्केट इंक का इस्तेमाल न करें | [१]
    • होम टैटू किट्स सबसे सुरक्षित, सस्ती ऑप्शन हैं और इनमे सप्लाइज और इंस्ट्रक्शन दोनों होते हैं |
    • कोई प्रतिष्ठित ब्रांड वाली टैटू इंक खोजें जिसमे कोई भी टॉक्सिक इंग्रेडिएंट्स न हों |
    • सिलाई करने वाली नील्ड्स, स्ट्रैट पिंस या सेफ्टी पिंस का इस्तेमाल न करें | ये स्टेराइल नहीं होतीं, भले ही ये नई हों | खुद को टैटू बनाए के लिए इस तरह की चीज़ों का इस्तेमाल बहुत ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है | यहाँ तक कि ये आपको हॉस्पिटल तक पहुंचा सकते हैं | इनमे इंक अच्छी तरह से होल्ड नहीं हो पाती और आमतौर पर ये सही टाइप की नील्ड्स नहीं होतीं | अगर आप खुद पर टैटू बनाने वाले हैं तो आपको यथासंभव प्रोफेशन होना पड़ेगा। [२]
    • पुरानी नीडल्स का इस्तेमाल न करें | नीडल्स किसी के साथ शेयर न करें | अन्यथा आपको इन्फेक्शन होने की रिस्क हो सकती है | साथ ही, काम ख़त्म होने के बाद नील्ड्स को सुरक्षित तरीके से डिस्पोज़ करें |
  2. स्किन में नीडल डालने से पहले आपको कुछ और जरुरी चीज़ों की जरूरत होगी | कुछ कॉटन के धागे, एक कप पानी और रबिंग अल्कोहल अपने पास रखें | [३]
    • प्रभावी टैटू आईडिया ड्रा करने के लिए अपने आस-पास नॉन-परमानेंट, नॉन-टॉक्सिक मार्कर रखें | [४]
    • अपने पास इंक कैप्स, एक उठला बाउल या प्याला रखना अच्छा होता है जिसमे आप इंडिया इंक डाल सकें | इंक कैप्स काफी सस्ते होते हैं और इंक बर्बाद होने से बचा सकते हैं | रबिंग अल्कोहल या हाइड्रोजन पेरोक्साइड से स्टरलाइज करें जिनमे 91 से 99% अल्कोहल हो |
    • इस्तेमाल की जाने वाली सभी चीज़ें साफ़ होना बहुत जरुरी हैं | आपको जो भी बाउल या प्याले का इस्तेमाल करने वाले हों, उसे गर्म साबुन के पानी और पेरोक्साइड/रबिंग अल्कोहल से धो लें और फिर एक प्लास्टिक व्रैप से कवर कर दें | अतिरिक्त सुरक्षा के लिए कोई भी चीज़ हैंडल करने से पहले अच्छी तरह से स्टरलाइज ग्लव्स पहनें | इस पूरी प्रोसेस में कई बार ग्लव्स (अगर इस्तेमाल किये हो तो) और हाथ धो लें |
  3. आप खुद को जिस जगह पर टैटू बनाना चाहते हैं, उस एरिया को साबुन और गर्म पानी से साफ़ करें | उस जगह के लगभग एक इंच बाल शेव कर दें |
    • शेव करने के बाद, स्किन को रबिंग अल्कोहल से स्टरलाइज करें | एक कॉटन बॉल को इसमें डुबायें और ध्यान दें कि आगे की प्रोसेस को जारी रखने से पहले यह वाष्पीकृत (उड़) हो जाए |
  4. जिस जगह पर आप टैटू बनाना चाहते हैं, वहां अपनी मनचाही डिजाईन ट्रेस या ड्रा करें | अगर आप चाहें तो य काम किसी और व्यक्ति से करा सकते हैं लेकिन आप जिस तरह की डिजाईन चाहते हैं, उसे बनाने में समय लग सकता है | इसी इमेज पर आपको टैटू बनाना शुरू करना होगा | इसे एकदम सटीक बनाने के लिए आप स्टैंसिल पेपर और स्टैंसिल जेल का इस्तेमाल भी कर सकते है |
    • चूँकि आप खुद पर टैटू बनाने वाले हैं इसलिए कोई आसान जगह चुनें | कुछ घंटों तक आपको धकेलते रहना पड़ेगा | छाती या कंधे जैसे कठिन और मुश्किल पहुँच वाली जगह खुद पर चिपकाने और कुरेदने के लिए सही नहीं होतीं |
    • चिपकाने 'और' कुरेदने के लिए बनाये जाने वाले सिंपल और छोटे टैटू बेहतर होते हैं | अगर आप कॉम्प्लेक्स टैटू बनाना चाहते हैं तो पार्लर पर बनवाना ही बेहतर होगा |
विधि 2
विधि 2 का 3:

टैटू बनाना शुरू करें

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  1. इस्तेमाल से पहले नीडल को आंच पर गर्म करके स्टरलाइज करें | नीडल को पकड़कर कैंडल या लाइटर की आंच पर तक तक गर्म करें जब तक यह चमकने न लगे | ध्यान से चिमटे से नीडल के दूसरे सिरे को पकड़ें अन्यथा आपकी अंगुलियाँ जल जाएँगी | [५]
    • नीडल को स्टरलाइज करने के बाद, इसे कॉटन के धागे में लपेट दें | टिप से लगभग 1/8 इंच (0.3 सेंटीमीटर) के हिस्से से शुरुआत करें और धागे को आगे-पीछे ले जाते हुए लगभग ¼ इंच (0.6 सेंटीमीटर) तक धागे का एक ओवल शेप बनने तक नीडल पर लपेटें | इससे नीडल को प्याले में डुबाने पर कुछ इंक अवशोषित हो जाएगी | [६]
  2. नीडल को इंडिया इंक में डुबायें और फिर स्किन में अंदर धकेलें और एक छोटी डॉट बनाकर छोड़ दें | कई लेयर्स तक धकेलने के बाद थोडा ब्लड आ सकता है लेकिन यह बहुत ज्यादा नहीं होगा | अगर ब्लड रिसने लगे/ बहुत ज्यादा बहने लगे तो तुरंत रुकें और स्टरलाइज करें | एक साफ़ पेपर टॉवल को टैटू पर ब्लीडिंग बंद होने तक रखे रहें, इसके लिए कपडे का इस्तेमाल न करें |
  3. टैटू की डेसिंग में ड्रा की गयी लाइन के अंदर बने रहें और छोटे-छोटे पंक्चर से इसे भरें | ब्लड या अतिरिक्त इंक को पोंछने के लिए कॉटन स्वाब या कपडे का इस्तेमाल करें | [७]
    • स्किन में नीडल धकेलने पर थोड़ी सूजन आ सकती है जिसके कारण टैटू पर स्पॉट दिखाई दे सकते हैं | अगर आप पूरे टैटू में स्मूद लाइन्स पाना चाहते हैं तो सूजन चली जाने के बाद आपको टच अप करना होगा | टैटू पूरी तरह से हील होने तक टचअप के लिए इंतज़ार करें जिसमे एक से दो महीने का समय लग सकता है |
  4. जब टैटू बन जाए तो उस एरिया को साबुन के पानी से पोंछ लें | इंक कैप में बची हुई इंडिया इंक और नीडल फेंक दें | अब ये स्टेराइल नहीं रहते | अगर आप भविष्य में टच अप करने की योजना बनायें तो नयी नीडल और नये इंक कैप का इस्तेमाल करें |
    • फ्रेश टैटू को अल्कोहल से साफ़ करने से बचें बल्कि इसे साबुन और पानी से साफ़ करें |
  1. कपडे या बैंडेड का इस्तेमाल न करें क्योंकि ये कुछ इंक अवशोषित कर लेते हैं और इसे जल्दी धुंधला कर देते हैं | हीलिंग के पहले सप्ताह में किसी भी ऑइंटमेंट या लोशन का इस्तेमाल न करें क्योंकि ये टैटू को अवरुद्ध कर सकते हैं और इन्फेक्शन का जोखिम बढ़ सकता है | [८]
    • इस व्रैप को एक से तीन घंटे के लिए लगा रहने दें लेकिन छह घंटे से ज्यादा लम्बे समय तक न रखें | [९]
  2. पहले वाले व्रैप को हटा दें और उस एरिया को धीरे-धीरे गर्म पानी और बिना खुशबू वाली साबुन से धो लें | कुरेदें नहीं, और केवल साफ़ हाथों से ही धोएं | [१०]
    • टैटू को पानी में भिगोयें नहीं और गर्म बहते हुए पानी के नीचे न लायें | इससे अच्छा फील नहीं होता और इंक स्किन से बाहर निकल आती हैं | [११]
    • टैटू को नोचें नहीं क्योंकि इससे कुछ इंक ब्लड के साथ बाहर आ सकती है, जिसके कारण खराब लाइन्स बनती हैं, बल्कि स्कार भी बन जाते हैं |
  3. सूजन जाने के बाद और स्किन से पपड़ी झड़ने के बाद, कोई बिना खुशबू वाले साधारण लोशन लगायें | अधिकतर प्रोफेशनल लुब्रिडर्म या एक्वाफोर की सिफारिश करते हैं | पतली लेयर लगायें | आपकी स्किन में हवा लगने दें जिससे वो अच्छी तरह से हील हो पायें | [१२]
    • टैटू के साइज़ के आधार पर टैटू को दिन में 3 से 5 बार माँइश्चराइज़ करें | अगर स्किन रुखी दिखाई देने लगे तो थोडा सा लोशन लगायें | [१३]
  4. पहले सप्ताह टैटू को आराम दें | इसमें से पपड़ी झड़ने लगेगी और इसे साफ़ रखने के लिए आपको अतिरिक्त देखभाल करनी होगी | इसके अलावा, इसे धोकर माँइश्चराइज करते रहें और आपको कुछ एक्टिविटी बंद करनी होंगी | [१४]
    • टैटू को डायरेक्ट सनलाइट से बचाएं क्योंकि इसके कारण इंक धुंधली हो सकती है | धूप से तत्तो वाली स्किन बुरी तरह से झुलस भी सकती है |
    • पानी के पूल्स जैसे गर्म टब, पूल्स, झीलें, समुद्र आदि से बचें | इनमे काफी बैक्टीरिया पाए जाते हैं जिनसे इन्फेक्शन हो सकता है | [१५]
    • ऐसी सभी एक्टिविटी से बचें जिनमे बहुत भीड़-भाड़ हो या बहुत ज्यादा पसीना आयें जैसे-वर्क आउट पर जाना | [१६]
    • ढीले कपडे पहनें जिससे आपके टैटू में हवा लगती रहे | टाइट कपड़ों से हवा अंदर नहीं जा पाती |
  5. टैटू के आसपास रेडनेस या बहुत ज्यादा खुजली होने के साथ ही ब्लीडिंग या सूजन आने पर भी नज़र रखें | ये सभी संभावित इन्फेक्शन के संकेत हो सकते हैं | [१७]
    • अपनी सभी चीज़ों को साफ़ रखकर और टैटू की उचित देखभाल करके इन्फेक्शन की रिस्क को कम किया जा सकता है | लेकिन फिर भी, टैटू में इन्फेक्शन होने की संभावना रहती है | अगर आपको लगता है कि टैटू इन्फेक्टेड होने वाला है तो डॉक्टर की सलाह लें | [१८]

चेतावनी

  • प्रोफेशनल टैटू पार्लर में टैटू बनवाना ही सबसे सुरक्षित तरीका होता है | अगर आप खुद टैटू बनाने में होने वाली रिस्क के प्रति सहज महसूस नहीं कर रहे हों तो इसे न आजमायें |
  • घर पर टैटू बनाने पर काफी गंभीर इन्फेक्शन हो सकते हैं बल्कि कई जगहों पर यह गैरकानूनी भी हो सकता है | इसे शुरू करने से पहले रिस्क के बारे में जानकारी ले लें | [१९]
  • केवाल टैटू इंक या इंडिया इंक का ही इस्तेमाल करें | दूसरी इंक टॉक्सिक होती हैं और उनके कारण सीरियस प्रॉब्लम हो सकती हैं |
  • केवल नयी, साफ़ नीडल्स का ही इस्तेमाल करें और इनके इस्तेमाल से पहले इन्हें स्टरलाइज करना न भूलें | इन्हें फिर से इस्तेमाल न करें या किसी के साथ शेयर न करें |
  • नीडल्स शेयर करने से आपको HIV, हेपेटाइटिस, स्टेफायलोकॉकस इन्फेक्शन, MRSA और दूसरी ट्रांसमिटेड डिजीज लगने की रिस्क हो सकती है | [२०]

विकीहाउ के बारे में

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