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टोन्सिल स्टोंस, जिन्हें टोंस्लोलिथ्स (tonsilloliths) भी कहा जाता है, ये छोटे-छोटे, ऑफ-व्हाइट डिपॉजिट्स (जमाव) होते हैं, जिन्हें आप अपने टॉन्सिल के क्रेटर्स (गड्ढ़ों) में देख सकते हैं। [१] ये अक्सर उस वक़्त हुआ करते हैं, जब खाने का जरा-सा टुकड़ा इन गड्ढ़ों में फँस जाता है; फिर उनमें बैक्टीरिया भरना शुरू हो जाता है, धीरे-धीरे जाकर तब तक पचाते रहते हैं, जब तक कि उनमें से जानलेवा और गंदी बदबू आना न शुरू हो जाए। गहरे टॉन्सिल क्रेटर्स वाले लोगों के लिए टॉन्सिल स्टोन्स होना कोई अलग बात नहीं है। हालांकि, ये कफिंग और खाने के दौरान रेगुलरली निकलते रहते हैं, और मेडिकल या होम इंटरवेंशन की भी जरूरत होती है, इन जमावों को हटाने और उन्हें फिर से वापस आने से रोकने के कई सारे तरीके मौजूद हैं।

विधि 1
विधि 1 का 4:

कॉटन स्वेब (Cotton Swab) से स्टोन्स को निकालना

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  1. कॉटन स्वेब और दूसरे जरूरी कम्पोनेंट्स को एक-साथ ले आएँ:
    • कॉटन स्वेब्स
    • टूथब्रश
    • एक आईना
    • फ्लैशलाइट, फ्लैशलाइट एप या एक ऐसा लैम्प जिससे आप फोकस कर सकें।
    • बहता हुआ पानी (टैप वॉटर)
  2. अपना मुँह खोलें और अपने मुँह के अंदर लाइट मारें। इसे एक आईने के सामने करें, ताकि आप टॉन्सिल स्टोन्स को लोकेट कर सकें।
  3. अपनी जीभ को बाहर निकालकर, अपने थ्रोट मसल्स को बंद करें या फ़्लेक्स करें। "आह (Ahh)" बोलें, और अपने गले के पीछे मौजूद मसल्स को टाइट कर दें। ऐसा करते वक़्त ठीक उसी तरह से अपनी सांसें रोककर रखें, जैसे कि आप पानी से कुल्ला कर रहे हैं। ऐसा करने से आपके टॉन्सिल्स सामने की तरफ आ जाते हैं, ताकि आप उन्हें और भी बेहतर तरीके से देख सकें।
  4. पानी चालू करें और कॉटन स्वेब को उसमें गीला करें। ऐसा करने से वो सॉफ्ट हो जाएगी और आपके गले के लिए जरा कम इरिटेटिंग भी बन जागी। उसे नीचे मत रखें, नहीं तो आपको किसी तरह के संक्रमण के होने का खतरा बन सकता है। जहां तक हो सके, अपने कॉटन स्वेब को किसी भी ऐसी जगह के कांटैक्ट में मत आने दें, जहां पर जर्म्स मौजूद हों, इसमें आपके हाँथ भी शामिल हैं। जब आप स्टोन्स को निकाल रहे हों, तब आपके स्वेब से किसी भी जगह पर टच किए बिना, उन्हें सिंक में निकाल दें या फिर उन्हें एक क्लीन पेपर या टॉवल से साफ कर दें।
    • अगर आप से गलती से आपकी स्वेब सिंक या काउंटर बगैरह से टच हो जाती है, तो उसे बदलकर एक दूसरी नई स्वेब का यूज करें।
  5. अपनी कॉटन स्वेब से बहुत आराम से स्टोन्स को धक्का दें: स्टोन को तब तक प्रैस या पोक करते रहें, जब तक कि आप उन्हें बंद नहीं कर लेते। इसे कॉटन स्वेब के साथ ही अपने मुँह से बाहर ले आएँ।
    • ऐसा करते वक़्त बहुत ही जेंटल रहें, क्योंकि जरा सी भी गलती से खून भी निकल सकता है। हालांकि जरा सी ब्लीडिंग होना एकदम नॉर्मल है, लेकिन आप से जितना हो सके, कोशिश यही करें, कि कम से कम ब्लीडिंग हो। [२] कट्स और वाउंड्स (घाव) भी, आपके मुँह में टॉन्सिल पैदा करने वाले बैक्टीरिया से इन्फेक्ट हो सकते हैं।
    • अगर ब्लीडिंग होती है, तो उसे धो लें और इसके बंद होते ही अपने दांतों और जीभ को ब्रश कर लें।
  6. पानी से रिंज करें और फिर अगले स्टोन के लिए भी इसे रिपीट करें। खासतौर पर तब तो जरूर रिंज करें, जब आपका सलाइवा (लार) चिपचिपा-सा फील होता है, जो कभी-कभी थ्रोट को पोक करने की वजह से हो सकता है। जब स्टिकी सलाइवा बनना शुरू हो जाए, तब उसे पतला करने के लिए पानी पी लें।
  7. आपके द्वारा नजर आ रहे सारे स्टोन्स को निकाल लेने के बाद, अपने अंगूठे को अपने जॉ (जबड़े) के नीचे, अपनी गर्दन में रखें और आपकी (साफ) इंडेक्क्स फिंगर को अपने टॉन्सिल के ठीक साइड में रखें और फिर बची हुई किसी भी स्टोन ओपनिंग को स्क़्वीज (जैसे कि टूथपेस्ट को दबाना) करने की कोशिश करें। अगर कोई भी स्टोन्स नहीं दिख रहे हैं, तो ऐसा मत मान लें, कि वो नहीं हैं। कुछ क्रेटर्स (गड्ढ़े) काफी गहरे होते हैं और कभी-कभी उन सबको ढ़ूंढ़ पाना बहुत मुश्किल होता है। [३]
  8. अगर आपका कोई ऐसा स्टोन है, जो कॉटन स्वेब से नहीं निकल पा रहा है, तो फिर वो शायद बहुत गहरा हो सकता है। उसे फोर्स न करें, क्योंकि ऐसा करने से ब्लीडिंग होना शुरू हो सकती है। इसे ढ़ीला करने के लिए, अपने टूथब्रश के पीछे के हिस्से का यूज करें, फिर इसके बाद इसे स्वेब या टूथब्रश से निकाल दें। [४]
    • अगर स्टोन्स अभी भी बाहर नहीं आ रहे हैं, तो आप कुछ दिनों तक एक माउथ वॉश से गार्गल (कुल्ला) कर सकते हैं और फिर वापस कोशिश कर सकते हैं।
    • अगर इससे भी काम नहीं होता है, तो आपको शायद एक ओरल इरिगेटर (oral irrigator) यूज करके देखना चाहिए। अगर इससे भी कुछ नहीं होता, तो आप इसकी स्ट्रीम (धार) को जरा सा बढ़ा भी सकते हैं।
    • इस बात का ध्यान रखें, कि कुछ लोगों के गेग रिफ़्लेक्स (gag reflex) काफी स्ट्रॉंग होते हैं और वो पोक करने को नहीं झेलेंगे।
विधि 2
विधि 2 का 4:

ओरल इरिगेटर (Oral Irrigator) यूज करना

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  1. ओरल इरिगेटर्स, जैसे कि वॉटर-पिक्स, टॉन्सिल को उसकी केविटी से बाहर धकेलने के लिए यूज किए जा सकते हैं। [५]
    • इसे खरीदने से पहले, इसे अपने टॉन्सिल्स के ऊपर अच्छी तरह से टेस्ट कर लें—अगर ये बहुत ज्यादा ज़ोर से स्प्रे करता है, और आपको किसी भी तरीके से दर्द देता है, तो फिर इसे अपने स्टोन्स को निकालने के लिए मत यूज करें।
  2. इरिगेटर को मुँह के अंदर, लेकिन स्टोन से टच नहीं होते हुए रखें और लोवेस्ट सेटिंग पर ओरल इरिगेटर का स्विच ऑन कर दें। अब सीधा और स्थिर रखते हुए, तब तक नजर आने वाले टॉन्सिल स्टोन के ऊपर पानी की धार छोड़ें, जब तक कि ये बंद नहीं हो जाता।
  3. एक कॉटन स्वेब या टूथब्रश के साथ अपने स्टोन्स को मदद दें: अगर इरिगेटर स्टोन्स को लूज तो कर दे रहा है, लेकिन उन्हें निकाल नहीं पा रहा है, एक कॉटन स्वेब या अपने टूथब्रश के पिछले हिस्से का यूज करते हुए, एक पिक से उसे मोड लें।
    • नजर आने वाले हर एक टॉन्सिल स्टोन के लिए इस स्टेप को रिपीट करें। ध्यान से, स्टोन्स को पानी से प्रैशर देकर बाहर निकालते वक़्त नरमी से पेश आना मत भूलें।
विधि 3
विधि 3 का 4:

स्टोन्स को हटाने और रोकने के लिए गार्गल (कुल्ला) करना

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  1. जैसे कि, टॉन्सिल स्टोन्स अक्सर ही, टॉन्सिल क्रेटर्स में अटके हुए खाने की वजह से हुआ करते हैं, इसी वजह से खाना खाने के बाद एक माउथवॉश से गार्गल करना बेहद जरूरी हो जाता है। न सिर्फ माउथवॉश आपके दांतों की हैल्थ को इंप्रूव करता है, ये बचे हुए खाने के छोटे-छोटे टुकड़ों को, टॉन्सिल-बनाने वाले बैक्टीरिया का खाना बनने से पहले, बाहर भी निकाल देता है।
    • अल्कोहल-फ्री माउथवॉश यूज करने की पुष्टि कर लें।
  2. एक ग्लास पानी में, एक चम्मच नमक मिलाएँ, इसे पूरा घुलने तक चलाते रहें। अपने सिर को पीछे की तरफ झुकाए रखते हुए, साल्ट वॉटर से गार्गल कर लें। साल्ट वॉटर क्रेटर्स से अटके हुए खाने के टुकड़ों को निकाल सकता है और साथ ही टोंस्लोलिथ्स की वजह से होने वाले किसी भी डिस्कंफ़र्ट, जो कभी-कभी टॉन्सिल्स के साथ भी आता है, से भी आराम दिलाता है।
  3. ऑक्सीजनेटिंग माउथवॉश में क्लोरीन डाइऑक्साइड और नेचुरल जिन कम्पाउंड्स होते हैं। ऑक्सीज़न खुद भी बैक्टीरिया की ग्रोथ को कम कर देता है, जो कि ऑक्सीजनेटिंग माउथवॉश को टॉन्सिल स्टोन्स को ट्रीट करने और रोकने के लिए मददगार बनाता है। [६]
    • ऑक्सीजनेटिंग माउथवॉश काफी स्ट्रॉंग होते हैं और इसी वजह से इनके ओवरयूज होने को अवॉइड करने के लिए, इन्हें हफ्ते में सिर्फ एक या दो बार ही यूज किया जाना चाहिए। अपने नेचुरल माउथवॉश की जगह पर ऑक्सीजनेटिंग माउथवॉश का यूज करें।
विधि 4
विधि 4 का 4:

मेडिकल इंटरवेंशन (Medical Intervention)

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  1. अपने डॉक्टर से टॉन्सिल्लेक्टोमी (tonsillectomy) लेने के बारे में पूछें: टॉन्सिल्लेक्टोमी एक काफी सिंपल और इफेक्टिव प्रोसीजर है। इसमें आमतौर पर बहुत कम रिस्क रहता है और साथ ही थ्रोट पेन और हल्की सी ब्लीडिंग जैसे बेहद कॉमन कंसर्न्स के साथ, इसका रिकवरी पीरियड भी अक्सर छोटा होता है। [७]
    • अगर आपके डॉक्टर आपकी मेडिकल हिस्ट्री, एज या किसी दूसरे फ़ैक्टर्स को लेकर चिंता में हैं, तो वो शायद आपको किसी दूसरे तरीके को चुनने की सलाह देंगे।
    • एक बात ध्यान रखें, कि टॉन्सिल्लेक्टोमी को केवल उन्हीं लोगों को रिकमेंड किया जाता है, जिन्हें बार-बार आने वाले या बहुर जिद्दी या कोम्प्लिकेटेड टॉन्सिल स्टोन्स हुए हैं।
    • आप चाहें तो अपने डॉक्टर से टॉन्सिल स्टोन्स को हटाने के बारे में भी पूछ सकते हैं। आपके डॉक्टर एक स्पेशल इरिगेशन इक्विपमेंट्स के साथ उन्हें निकाल देंगे।
  2. लगातार बने रहने वाले या सीरियस टॉन्सिल स्टोन्स के लिए एक एंटीबायोटिक्स कोर्स लेने के बारे में सोचें: पेनिसिलिन (penicillin) या erythromycin जैसी अलग-अलग तरह की एंटीबायोटिक्स को टॉन्सिल स्टोन्स को ट्रीट करने के लिए यूज किया जा सकता है, लेकिन ये छिपे हुए टॉन्सिल स्टोन्स की छिपी हुई वजहों को पलटने में असफल रहते हैं, जिसकी वजह से खाना टॉन्सिल्स में फँस जाता है। इसमें पलटाव भी हो सकता है और एंटीबायोटिक्स के साइड-इफ़ेक्ट्स भी हो सकते हैं। ज़्यादातर एंटीबायोटिक्स माउथ और गट (gut) में मौजूद प्रॉब्लम पैदा करने वाले बैक्टीरिया के खिलाफ लड़ने वाले मददगार बैक्टीरिया को मार डालते हैं। [८]
  3. डीप टॉन्सिल पॉकेट्स से बने हुए टिश्यू को लेजर से निकाला जा सकता है। लेजर रीसरफेसिंग (resurfacing) टॉन्सिल्स के सर्फ़ेस को स्मूद कर देती है, ताकि उनमें कोई भी पॉकेट्स और क्रेटर्स न रहे। हालांकि, ये प्रोसीजर बिना किसी रिस्क के नहीं होती है। [९]

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