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डायरी, अपने इमोशन्स को व्यक्त करने का, अपने सपनों और विचारों को रिकॉर्ड करने का और अपनी डेली लाइफ के ऊपर एक प्राइवेट, सेफ स्पेस में रिफ़्लेक्ट करने का एक बेहद खूबसूरत जरिया होती है। हालांकि डायरी लिखने का कोई एक अकेला, निश्चित तरीका नहीं होता है, लेकिन ऐसी बेसिक ट्रिक्स जरूर हैं, जिन्हें यूज करके आप अपनी राइटिंग से ज्यादा से ज्यादा पा सकते हैं। अगर आपको समझ नहीं आ रहा है, कि क्या लिखा जाए, तो फिर इन्स्पिरेशनल कोट्स लिखना, नई एंट्रीज की शुरुआत करने में मदद दे सकता है। (Diary kaise Likhe)

विधि 1
विधि 1 का 3:

टॉपिक्स तलाशना

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  1. उस दिन में हुई सारी चीजों के बारे में सोचें और उन सारी हाइलाइट्स या फीलिंग्स को रिकॉर्ड कर लें, जो आपको जरा सी भी हटके नजर आ रही हों। फिर चाहे आपका दिन काफी नॉर्मल सही क्यों न गुजरा हो, लेकिन जब आप अपने दिन के बारे में हर एक छोटी से छोटी डिटेल्स लिखेंगे, तब आप भी अपने अंदर से आने वाली गहरी भावनाओं और विचारों को देखकर सरप्राइज़ हो जाएंगे।
    • अपने दिनभर के इवेंट्स के बारे में लिखने के लिए एकदम फ्री फील करें।
    • उदाहरण के लिए, आप कॉलेज में हुए अपने इंग्लिश एक्जाम के बारे में लिख सकते हैं। क्या आप अपने एक्जाम के बारे में अच्छा फील कर रहे हैं? क्या आपको ऐसा लगता है, कि काश आपने जरा ज्यादा पढ़ लिया होता? क्या आप मिलने वाले ग्रेड्स को लेकर नर्वस फील कर रहे हैं?
  2. अपने भविष्य के लक्ष्यों के बारे में और उन्हें हासिल करने के तरीकों के बारे नें सोचें: फिर, लिस्ट में मौजूद हर एक आइटम को देखें और फिर उस लक्ष्य को पाने के लिए अपने प्लान के बारे में डिटेल से लिखें। हर एक लक्ष्य को पूरा करने के लिए छोटी-छोटी टास्क तैयार करें, जिन्हें आप खुद को अपने लक्ष्यों के बोझ तले दबा हुआ सा फील करने से बचने के लिए, जिनके ऊपर आप काम करेंगे। [१]
    • उदाहरण के लिए, आप एलजेब्रा के लिए पढ़ाई करना या फिर कार्डियो सेशन के लिए जिम हिट करना, जैसे शॉर्ट-टर्म गोल (लक्ष्यों) के बारे में लिख सकते हैं।
    • किसी कॉलेज को चुनना और उसके लिए अप्लाई करना या फिर कार खरीदने के लिए पैसे इकट्ठे करना, जैसे शॉर्ट-टर्म गोल्स हो सकते हैं।
  3. अपनी मौजूदा फीलिंग्स या मूड के बारे में भी जरा सा लिखें: अपनी फीलिंग्स के लिए कोई भी कांटेक्स्ट प्रोवाइड करने की चिंता न करें, बस वो जो भी हैं, उन्हें डिस्क्राइब करने पर ही फोकस करें। फिर बाद में आप डिटेल्ड डायरी एंट्रीज तैयार करने के लिए अपने इन्हीं विचारों और फीलिंग्स का यूज कर सकते हैं। एक बार में किसी एक विचार या इमोशन के ऊपर ही काम करें और फिर इसे जितना एक्सप्लोर करना चाहें, करें।
    • उदाहरण के लिए, अगर आप उदास महसूस कर रहे हैं, तो फिर आप अपनी डायरी में, आपकी इन्हीं फीलिंग्स के बारे में और इन फीलिंग्स में हाँथ निभाने वाले इवेंट्स के बारे में लिख सकते हैं।
  4. इन्स्पिरेशनल कोट्स (inspirational quotes) और वो आपके लिए क्या मायने रखते हैं, लिखें: इन्स्पिरेशनल कोट्स किसी भी एक फेमस इंसान, आपकी फेवरिट बुक या मूवी, या फिर अपने फ़ैमिली मेम्बर के किसी फ्रेंड से भी मिल सकते हैं। ऐसा कोई भी कोट, जो आपको इंस्पायरिंग लगता है, एक अच्छी शुरुआत हो सकता है। कोट को अपनी डायरी में और ये किस जगह से मिला है, नोट कर दें। फिर, अपने खुद के शब्दों में, आपके लिए इसके मायने को एक्सप्लेन कर दें। [२]
    • उदाहरण के लिए, आप इस तरह के एक कोट को लिख सकते हैं, "जिंदगी गुजारने के दो ही तरीके हैं, एक तुझे नहीं आता, एक मुझे नहीं आता," जिसे ओशो ने बोला है। अब आपकी लाइफ में इसके जो भी मायने हैं, और किसी खास लक्ष्य को पूरा करने की शुरुआत करने के लिए आपको किन चीजों की जरूरत है, उसके बारे में एक डायरी एंट्री लिख लें।
  5. अपने फेवरिट सब्जेक्ट्स या हॉबीज को गहराई से एक्सप्लोर करें: आपके पसंदीदा टॉपिक्स की या आपकी फेवरिट हॉबीज की एक लिस्ट बनाएँ। आपको शायद मूवीज, स्पोर्ट्स, फूड्स या फ़ैशन भी पसंद हो सकता है। ये सब्जेक्ट्स आपकी पसंद की कोई भी चीज़ हो सकते हैं, बस इन्हें इन्स्पिरेशनल होना चाहिए। फिर, इस लिस्ट में से किसी एक आइटम को चुनें और फिर इसी के बारे में डायरी एंट्री तैयार करें। [३]
    • उदाहरण के लिए, अगर आपको स्पोर्ट्स पसंद हैं, तो फिर किसी खास स्पोर्ट के प्रति अपने प्यार, अपनी फेवरिट थीम्स और अगर आप किसी भी स्पोर्ट को खेलना शुरू करना चाहते हैं तो उस लक्ष्य को लिखें।
    • अगर आपको पेंटिंग करना पसंद है, तो फिर आप आपके फेवरिट पेंटर्स, आपको पसंद आने वाली कुछ खास स्टाइल्स, आपके द्वारा बनाई हुई किसी पेंटिंग और फ्यूचर पेंटिंग्स के बारे में मौजूद आइडियाज को लिख लें।
विधि 2
विधि 2 का 3:

पर्सनल एंट्रीज तैयार करना

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  1. हो सकता है, शायद आप रोजाना अपनी डायरी में नहीं लिख सकते हों, इसलिए अपनी एंट्रीज के लिए डेट डालने से आपको ये पता लगाने में मदद मिल सकती है, कि चीजें कब हुईं। जैसे कि आप काफी वक़्त से बातों को आपकी डायरी में लिखते आ रहे होंगे, डेट्स आपको ऑर्गनाइज्ड बनाए रखने में फ्यूचर में जब आप वापस एंट्रीज को देखेंगे, तब आपको कांटेक्स्ट प्रोवाइड करने में मदद करेगा। [४]
    • अगर आपको ठीक लगे, तो आप डेट के साथ-साथ टाइम, हफ्ते का दिन और अपनी लोकेशन को भी लिख सकते हैं।
  2. अपने मन में आने वाले हर एक टॉपिक के साथ एंट्री की शुरुआत करें: ज़्यादातर लोग उस वक़्त अपनी डायरी की तलाश करते हैं, जब उन्हें किसी चीज़ को पेपर पर लिखने या किसी चीज़ के बारे में सोचने की जरूरत हो। ये कुछ भी हो सकता है—कुछ भी, जो उस दिन आपके साथ गुजरा हो, आपको आया कोई सपना, फ्यूचर प्लान्स, एक इवेंट, एक आइडिया या फिर आपको फील होने वाली कोई स्ट्रॉंग फीलिंग या मूड। [५]
    • एक बार जब आप लिखना शुरू करें, फिर आप अपनी पसंद के किसी भी सब्जेक्ट के बारे में डिटेल में लिखने के लिए एकदम फ्री हैं! लेकिन लिखना शुरू करने से पहले, मन में मौजूद लिखने लायक कोई बात, राइटिंग प्रोसेस को एक अच्छी शुरुआत दे सकती है।
  3. अगर आप चाहें, तो "डियर डायरी (Dear Diary)" के साथ शुरुआत करें: ये पूरी तरह से आपकी अपनी चॉइस है, इसलिए वही करें, जो आपके लिए बेस्ट और सही फील हो। सबसे पहले, "डायरी" की तरह एड्रेस करने से, अपने खुद के साथ बात करने या लिखने के बजाय ऐसा फील होगा, जैसे कि आप अपने किसी फ्रेंड से बात कर रहे हैं। ये आपके लिए उस वक़्त और भी मददगार साबित होगा, जब आपने अभी-अभी जर्नलिंग करना शुरू किया हो। [६]
  4. "I (मैं)" स्टेटमेंट्स का यूज करते हुए फर्स्ट पर्सन में लिखें: डायरीज को एक बेहद पर्सनल आइटम्स माना जाता है, और अगर आप फर्स्ट पर्सन में बात करेंगे, तो ये और भी अच्छी तरह से काम करती हैं। अपनी डायरी में, आप हर एक चीज़ को अपने बारे में बनाने के लिए एकदम फ्री हैं! बहुत से लोग इस पहलू को बेहद सहज मानते हैं, खासकर कि तब जब बात उनके पर्सनल विचारों, इमोशन्स और रिएक्शन्स को एक्सप्लोर करने की हो। [७]
    • उदाहरण के लिए, आप कुछ ऐसा लिख सकते हैं, कि "मैं इस वीक में होने वाले वॉलीबॉल ट्राईआउट को लेकर बहुत परेशान हूँ। मैंने बहुत प्रैक्टिस की है और मैं एकदम रेडी भी फील कर रहा/रही हूँ, लेकिन मैं इतना नर्वस हूँ, कि मैं कुछ खा नहीं पा रहा हूँ।"
  5. बहुत से लोग डायरी डायरी राइटिंग को इस वजह से बहुत सहज पाते हैं, क्योंकि वे पेज की रुकावटों को जाने दे सकते हैं और जो हैं, वही बनकर रह सकते हैं। अपने इमोशन्स, पॉज़िटिव और नेगेटिव, दोनों को ही, वो जैसी भी हैं, उसी तरह से अपनी डायरी में रिकॉर्ड करने को लेकर बिल्कुल न हिचकिचाएँ। याद रखें, कि आपने जो भी कुछ लिखा है, उसे कोई भी नहीं देखने वाला है, इसलिए आप किसी भी चीज़ के बारे में एकदम ईमानदारी के साथ लिख सकते हैं। ये सिर्फ और सिर्फ आपके लिए ही है।
    • उदाहरण के लिए, आप ऐसा कुछ लिख सकते हैं, "मुझे सुनील की नई कार को देखकर जलन महसूस होती है। मैं उसके लिए खुश हूँ, लेकिन उसके पेरेंट्स ने उसे एकदम ब्रांड न्यू कार खरीदकर दी है, ये तो एकदम नाइंसाफी हुई न। मैं हर रोज कॉलेज के बाद काम कर रहा/रही हूँ, वो भी सिर्फ इसलिए ताकि मैं एक यूज्ड कार खरीद सकूँ।"
    • अगर आपके मन में अपनी डायरी के किसी के हाँथ लग जाने और उसे पढ़ लेने के बारे में डर है, तो फिर ऐसी कुछ चीज़ें हैं, जिन्हें करके आप ऐसा होने से रोक सकते हैं। लॉक्स और पासवर्ड-प्रोटेक्टेड डिजिटल फिजिकल डायरीज, प्राइवेसी को कंट्रोल में रखने के लिए मौजूद दो बहुत पॉपुलर ऑप्शन हैं।
    • ज़्यादातर लोगों को उनके बारे में ईमानदारी के साथ डायरी लिखने की वजह से, अपने और अपने रिश्तों के बारे में स्प्रिच्युअल विचार बन जाते हैं। लिखते वक़्त अपने बारे में और भी ज्यादा सीखने के लिए एकदम तैयार रहें। [८]
  6. ग्रामर और स्पेलिंग को लेकर बहुत ज्यादा परेशान न हों: आपकी डायरी आपके लिए, बिना किसी बाहरी जजमेंट के अपने बारे में कुछ भी लिखने की एक सेफ स्पेस है। बिना किसी दबाव के और एकदम स्वतंत्र रूप से लिखें। जब आप अपने विचारों और फीलिंग्स को पेज पर उतारते वक़्त, जरूरी नहीं है कि आप एकदम ग्रामेटिकली करेक्ट ही हों, प्रोपर स्पेलिंग यूज करें और परफेक्ट फ्रेज यूज करें। अपने दिन, अपने मौजूदा मूड और ऐसी कोई भी फीलिंग, जिसे लेकर आपको स्ट्रगल हो रहा है, उनके बारे में सोचते वक़्त आपके मन में आने वाली सबसे पहली चीज़ को लिख डालें। [९]
    • कुछ लोगों के लिए, हर एक एंट्री को लिखने से पहले, बस कुछ मिनट लेने से भी काफी मदद मिलती है।
  7. पलों को सँजोए रखने के लिए काफी सारी डिटेल्स का यूज करें: डायरीज अक्सर किसी भी याद और फीलिंग को उसी तरह से सँजोने में मदद करती हैं, जैसे कि वो बस अभी हो ही रही हैं। आप भी किसी भी इवेंट के होने के फौरन बाद, जब उसकी यादें आपके मन में एकदम ताज़ा-ताज़ा बनी हों, उसे अच्छी तरह से रिकॉर्ड कर सकेंगे। चूंकि यादें अक्सर टाइम गुजरने के बाद, अविश्वासनीय सी लग सकती हैं, इसीलिए किसी भी बात के होने के फौरन बाद, वो जिस तरह से हुए हैं, उन्हें उसी तरह से रिकॉर्ड करना, उन्हें सँजोए रखने में मददगार साबित होता है। [१०]
    • डिटेल्ड राइटिंग करना हर किसी के वश की बात नहीं होती, इसलिए ऐसा बिलकुल भी न फील करें, कि आपको एकदम लंबे-लंबे, भारी शब्दों वाले सेंटेन्स लिखने की जरूरत है। अगर आपको बस छोटे-छोटे शब्दों में या यहाँ तक कि बुलेट पॉइंट्स में भी अपनी फीलिंग को एक्स्प्रेस करना आसान लगता है, तो फिर उसे करने में भी न हिचकिचाएँ।
विधि 3
विधि 3 का 3:

रूटीन में आना

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  1. अपनी डायरी लिखने के लिए रोजाना एक खास टाइम चुनकर रख लें: काफी सारे लोगों को अपनी डायरी लिखने के लिए वक़्त निकालने में मुश्किल जाती है। वहीं कुछ तो सीधे लिखना ही भूल जाते हैं। इसी वजह से रोजाना डायरी लिखने के लिए एक खास वक़्त को चुनना जरूरी हो जाता है, ताकि आप में ऐसा करने की आदत ही बन जाए। आखिर में, ये आपका एक और दूसरा नेचर बन जाएगा, लेकिन तब तक के लिए अपने फोन पर इसके लिए एक रिमाइन्डर सेट कर लेना आपके लिए काफी मददगार साबित हो सकता है! [११]
    • उदाहरण के लिए, आप हर रोज रात को सोने से ठीक पहले अपनी डायरी लिखने का चुन सकते हैं।
    • अपने लिए किसी अनरियलिस्टिक (अवास्तविक) शेड्यूल मत तय कर लें। अगर आपके लिए हर रोज लिख पाना नामुमकिन लग रहा है, तो फिर हफ्ते में सिर्फ 3 एंट्री लिखने के बारे में सोचें।
  2. ऐसा नहीं है, कि आपको अपनी डायरी लिखने के लिए रोजाना एक बहुत ज्यादा वक़्त को ही निकालकर रखना है! जब आप शुरुआत कर रहे हों, तब सिर्फ एक 10-15 मिनट्स का सेशन भी ठीक रहता है। अपनी सबसे ज्यादा तात्कालिक फीलिंग्स और विचारों को लिख लें। फिर हफ्ते में जब कभी आपके पास में टाइम रहे, तब आप बाद में भी इन्हें अच्छी तरह से लिख सकते हैं! [१२]
    • उदाहरण के लिए, जब भी आपके पास में वक़्त की कमी हो, तब आप आपकी डायरी में बस जरा से बुलेट पॉइंट्स लिख सकते हैं।
    • अपने लिए एक खतरनाक शेड्यूल तय करना, आप पर भारी पड़ सकता है। आपको अपनी भावनाओं को बाहर निकालने के लिए डायरी लिखना है, न कि खुद को परेशान करने के लिए, इसलिए अपने साथ जरा नरमी से पेश आएँ।
    • जब आपके पास में दूसरे जरूरी कम न हो या आपके पास में वक़्त की कमी न हो, तभी लिखने का चुनें।
  3. अगर आप राइटिंग में ड्रॉईंग भी करने का सोच रहे हैं, तो कुछ कल्पनाओं का यूज करें: कुछ लोग राइटिंग के बजाय, ड्राइंग करना, अपने विचारों को व्यक्त करने का सबसे अच्छा तरीका होता है। अगर ड्राइंग या स्केचिंग करने पर आप खुद को अपने शेड्यूल के साथ ज्यादा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ पाते हैं, तो फिर इस अप्रोच का यूज करने में जरा भी न घबराएँ!
    • इसके साथ ही जल्दी से की हुई ड्राइंग आपको किसी ऐसी चीज़ को करने में मदद कर सकती है, जिसे आप याद तो रखना चाहते हैं, लेकिन आपके पास में उसे लिखने के लिए समय नहीं है।

सलाह

  • डायरी लिखने को एक सहज एक्सपीरियंस होना चाहिए, न कि कोई परेशानी वाला काम। राइटिंग करते वक़्त खुद को इसे एंजॉय करने दें!
  • अपनी डायरी को कुछ और दिखाने के लिए, इसके कवर पर "एलजेब्रा नोट्स" या "स्कूल नोटबुक" लिख लें।

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